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3 संबंधों: डीडी फ्री डिश, प्रसार भारती, ऑल इण्डिया रेडियो।
- जलंधर
डीडी फ्री डिश
डीडी फ्री डिश प्रसार भारती के स्वामित्व में निःशुल्क उपग्रह टेलीविजन सेवा प्रदान करने वाली भारत की पहली उपग्रह सेवा है। डीडी फ्री डिश को पहले डीडी डायरेक्ट+ के नाम से भी जाना जाता था। यह सुविधा भारत के सभी राज्यों में उपलब्ध है और इसने ग्रामीण इलाकों में मनोरंजन की एक बाढ़ सी ला दी है, जिससे लोगों में एक नई जिज्ञासा जगी है। .
देखें डीडी पंजाबी और डीडी फ्री डिश
प्रसार भारती
प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानते हैं) भारत की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है। इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन एवं आकाशवाणी शामिल हैं। प्रसार भारती का गठन २३ नवंबर, १९९७ प्रसारण संबंधी मुद्दों पर सरकारी प्रसारण संस्थाओं को स्वायत्तता देने के मुद्दे पर संसद में काफी बहस के बाद किया गया था। संसद ने इस संबंध में १९९० में एक अधिनियम पारित किया लेकिन इसे अंततः १५ सितंबर १९९७ में लागू किया गया। प्रसार भारती के वर्तमान अध्यक्ष मृणाल पाण्डे एवं सीईओ जवाहर सर्कार हैं। .
देखें डीडी पंजाबी और प्रसार भारती
ऑल इण्डिया रेडियो
ऑल इंडिया रेडियो भारत की सरकारी रेडियो सेवा है। भारत में रेडियो प्रसारण की शुरूआत 1920 के दशक में हुई। पहला कार्यक्रम 1923 में मुंबई के रेडियो क्लब द्वारा प्रसारित किया गया। इसके बाद 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्वामित्व वाले दो ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की स्थापना हुई। सन् 1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटरों को अपने नियंत्रण में ले लिया और भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से उन्हें परिचालित करना आरंभ कर दिया। 1936 में इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो कर दिया और 1957 में आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा। महानिदेशालय, आकाशवाणी प्रसार भारती के तहत कार्य करता है। प्रसार भारतीय मंडल संगठन की नीतियों के निर्धारण और कार्यान्वयन शीर्ष स्तर पर सुनिश्चित करता है और प्रसार भारती अधिनियम, 1990 के संदर्भ में अधिदेश को पूरा करता है। कार्यपालक सदस्य निगम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के रूप में मंडल के नियंत्रण और पर्यवेक्षण हेतु कार्य कारते हैं। सीईओ, सदस्य (वित्त) और सदस्य, (कार्मिक) प्रसार भारती मुख्यालय, द्वितीय तल, पीटीआई भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली-110001 से अपने कार्यों का निष्पादन करते हैं। वित्त, प्रशासन और कार्मिकों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मामले सीईओ के पास भेजे जाते हैं और आवश्यकतानुसार सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) के माध्यम से मंडल को भेजे जाते हैं, ताकि सलाह, प्रस्तावों का कार्यान्वयन और उन पर निर्णय लिए जा सके। प्रसार भारती सचिवालय में कार्यरत विभिन्न विषयों के अधिकारी सीईओ, सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) को कार्रवाई, प्रचालन, योजना और नीति कार्यान्वयन के समेकन में सहायता देते हैं और साथ ही निगम के बजट, लेखा और सामान्य वित्तीय मामलों की देखभाल करते हैं। प्रसार भारती में मुख्य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्व में मुख्यालय के एक एकीकृत सतर्कता व्यवस्था भी है। आकाशवाणी के महानिदेशालय का नेतृत्व महानिदेशक करते हैं। वे सीईओ सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) के सहयोग से आकाशवाणी के दैनिक मामलों का निपटान करते हैं। आकाशवाणी में मोटे तौर पर पांच अलग अलग विंग हैं जो विशिष्ट गतिविधियों के लिए उत्तरदायी हैं जैसे कार्यक्रम, अभियांत्रिकी, प्रशासन, वित्त और समाचार। .
देखें डीडी पंजाबी और ऑल इण्डिया रेडियो
यह भी देखें
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