सामग्री की तालिका
11 संबंधों: ऍड्वांस्ड माइक्रो डिवाइसेज़, एप्पल इंक॰, द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी, द्वयाधारी संख्या पद्धति, पिक्सल, यूऍसबी, लिनक्स, सीरियल ऐटा, हाई डेफ़िनेशन मीडिया इंटरफ़ेस, हाई डेफिनेशन टेलीविजन, वीडियो ग्राफिक्स ऐरे।
- विडियो संकेत
- हाई डेफिनेशन टेलीविजन
ऍड्वांस्ड माइक्रो डिवाइसेज़
एड्वांस्ड माइक्रो डिवाइसेज़ इंका. (AMD) एक अमरीकी बहुराष्ट्रीय अर्धचालक उत्पाद कंपनी है। ए.एम.डी. मुख्यालय, सनिवेल, कैलीफोर्निया .
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एप्पल इंक॰
ऐप्पल इंक॰ एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उत्पादों का डिजाइन और विनिर्माण करता है। ऐप्पल मैकिन्टौश, आईपॉड और आईफ़ोन जैसे हार्डवेयर उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। राजस्व के मामले में अैप्पल सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है एवं सैमसंग और नोकिया के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल फोन निर्माता है। कंपनी की स्थापना 1 अप्रैल 1976 को हुई और 3 जनवरी 1977 को इसे ऐप्पल कंप्यूटर इंक॰ के नाम से निगमित किया गया था। कंपनी नाम से "कंप्यूटर" शब्द 9 जनवरी 2007 को हटा दिया गया था, जिस दिन स्टीव जॉब्स ने पहला आईफ़ोन पेश कर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की ओर बढ़ रहे कंपनी के ध्यान को दर्शाया। मई 2013 के रूप में, एप्पल चौदह देशों में 408 रिटेल स्टोर के साथ-साथ ऑनलाइन अैप्पल स्टोर और आईट्यून्स स्टोर भी चलाता है, जो की दुनिया का सबसे बड़ा संगीत बाज़ार है। मार्च 2013 के रूप में अमरीकी $415 बिलियन के अनुमानित मूल्य के साथ ऐप्पल बाजार पूंजीकरण के मामले में दुनिया में सबसे बड़ा सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाला निगम है। 29 सितंबर 2012 के रूप में, विश्व भर में कंपनी के 72,800 स्थायी पूर्णकालिक और 3,300 अस्थायी पूर्णकालिक कर्मचारी थे। 2012 में अैप्पल का वार्षिक राजस्व कुल $156 बिलियन था। .
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द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी
एलसीडी घड़ी द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी के विभिन्न स्तर द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी ('लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले', लघुरूप: LCD) एक प्रकार का डिस्प्ले (प्रादर्शी) है जो टेक्स्ट, छबि, विडियो आदि को एलेक्ट्रानिक विधि से प्रदर्शित करने के काम आता है। यह स्वयं कोई प्रकाश उत्पन्न नहीं करता बल्कि किसी दूसरे स्रोत से असके उपर पड़ने वाले प्रकाश को मॉडुलेट करता है। द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी, द्रव क्रिस्टलों के विभिन्न आकृति वाले मूल अवयवों (एलिमेन्ट्स) से बना होता है। वाह्य विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में ये द्रव क्रिस्टल अपना झुकाव (ओरिएण्टेशन) बदल देते हैं। इन क्रिस्टलों का ओरिएण्टेशन बदलने से इन पर पड़ने वाले प्रकाश के ध्रुवण भी बदलता है। जो उस क्रिस्टल-एलिमेन्ट की दृश्यता/अदृष्यता का निर्धारण करता है। इसी से ही कम्प्यूटर के मॉनिटर, टीवी, उपकरणों के पैनेल, तथा सामान्य जनजीवन में प्रयुक्त उपभोक्ता बस्तुओं (जैसे कैलकुलेटर, कलाई की घड़ियाँ आदि) के डिस्प्ले बनते हैं। हल्का होना, पोर्टेबल होना, कम बिजली से चलना, बड़ी आकृति में भी निर्माण में आसानी आदि इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं। वस्तुत: यह एक "एलेक्ट्रानिक रीति से परिवर्तनीय प्रकाशीय युक्ति" (electronically-modulated optical device) है जो अनेकानेक एलिमेन्ट्स/पिक्सलों (pixels) से बनी होती है जिनमें द्रव क्रिस्टल से भरे होते हैं। .
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द्वयाधारी संख्या पद्धति
द्वयाधारी संख्या पद्धति (दो नम्बर का सिस्टम या binary numeral system; द्वयाधारी .
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पिक्सल
पिक्सलों को मिलाकर छवि बनने की प्रक्रिया का प्रदर्शन पिक्सल किसी कम्प्यूटर स्क्रीन (या इसी तरह के अन्य स्क्रीन पर) बनने वाले चित्र की सबसे छोटी इकाई या 'बिल्डिंग ब्लाक' है। कितना भी जटिल चित्र, छवि या फोटो एक-एक पिक्सलों से ही बना होता है। पिक्सल, अंग्रेजी में पिक्चर एलिमेन्ट का लघु रूप है। .
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यूऍसबी
यूएसबी 3.0 का प्रतीक चिन्ह व्यापक क्र्म्संचरण विधि तंत्र (युनिवर्सल सीरिअल बस) यह विभिन्न यंत्रों को कम्प्युटर से जोड़ने की व्यवस्था है। यूएसबी को इंटेल एवं अन्य टेक्नोलॉजी कम्पनियों ने मिलकर बनाया था। .
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लिनक्स
लिनक्स यूनिक्स जैसा एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर अथवा मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है। यह जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध है और इसका कुछ भाग यूनिक्स से प्रेरित है।मूलतः यह मिनिक्स का विकास कर बनाया गया है। यूनिक्स का विकास, 1960 के दशक में ऐ.टी.&टी.
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सीरियल ऐटा
सीरियल ऐटा (या सैटा) (अंग्रेज़ी: SATA) हार्ड ड्राइव को कम्प्यूटर से जोड़ने का एक तरीका होता है। यह पैटा (PATA) का प्रतिस्थापन है। सैटा के आने से पहले पैटा को ऐटा (ATA) या आई॰डी॰ई (ATA) ही कहते थे। सैटा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता जो इसे पैटा से भिन्न करती है वो है इसके केबल। सैटा हार्ड ड्राइव को कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए पतले केबल का उपयोग करता है। पैटा अभी भी सैटा से अधिक उपयोग में लाया जाता है, किन्तु अब नए कम्प्यूटरों में सैटा लगा हुआ मिलता है। २००५ के बाद के कम्प्यूटरों में सैटा इंटरफ़ेस लग कर आ रहा है। पैटा में 'P' का अर्थ है पैरेलल (यानि समानांतर) और इसे कम्प्यूटरों में कई तारों के रूप में देखा जा सकता है जो रिबन केबल में एक ही दिशा की ओर समानांतर जाती हैं और हार्ड ड्राइव से जुड़ती हैं। सफ़ेद केबलें पैर्लल-ऐटा (या आई॰डी॰ई) केबल हैं; नीली वाली सीरियल-ऐटा केबल है। सैटा और पैटा में बहुत सी भिन्नताएं होती हैं। सैद्धांतिक रूप से सैटा पैटा से तीव्र होता है। यद्यपि जिन अतितीव्र गतियों (१५० एमबी/सै, ३०० एमबी/सै) के बारे में कंपनियां दावे करतीं है, उनकी आवश्यकता प्रायः कम ही पड़ती है। अन्य लाभों में हैं नई केबल का सरल रख-रखाव। कुछ ड्राइव को कम्प्यूटर के चलते रहते हुए ही कम्प्यूटर से जोड़ा या अलग किया जा सकता है, यानि कंप्यूटर को शट-डाउन करने की आवश्यकता नहीं होती। इसे हॉट स्वैपिंग (hot swapping) कहा जाता है। अंततः, कुछ ड्राइवें "नेटिव कमांड क्यूइंग" (Native Command Queueing) समर्थित हैं। तुलनात्मक रूप से सैटा केबल (जोड़क के साथ)। आई॰डी॰ई केबल का जोड़। इसका अर्थ है कि ड्राइव किसी कार्य के क्रम को पुनर्व्यवस्थित कर सकती है जिससे की वह कार्य तीव्र गति से हो। इन दोनों के अलग जोड़ और भिन्न मदरबोर्ड प्रकार भी होते हैं। पुराने पैटा वाले मदरबोर्ड में सैटा की ड्राइव नहीं लग सकती है, न ही इसका उलटा संभव है। हां ऐसे मदरबोर्ड मिलते हैं, जो पाटा व साटा दोनों प्रकार की हार्डडिस्क को सपोर्ट करते हैं। विशेष तौर पर डिजायन किया गया पी7पी55डी प्रीमीयम अपनी तरह का ऐसा पहला मदरबोर्ड है जो साटा (एसएटीए) के इंटरफेस के साथ ६ गीगाबाइड प्रति सैकेंड की रफ्तार से डाटा अंतरण कराता है। .
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हाई डेफ़िनेशन मीडिया इंटरफ़ेस
हाई डेफिनिशन मल्टीमीडिया इंटरफेस (लघु: एचडीएमआई) जिसका आधुनिकतम वर्ज़न १.३ है, पुराने एचडीएमआई का ही एक नया संस्करण है जिसमें भविष्य की दूरदर्शन और अन्य एचडीएमआई तकनीकी में कई नई सुविधाएं हैं। एचडीएमआई १.३ में बैंड केबल्स में बेहतर तरंगदैर्घ्य, उच्चतर कंट्रास्ट और वर्ण प्लेट्स, हस्तचालित युक्तियों (हैंडहैल्ड डिवाइसेज़) के लिए छोटी कनेक्टर केबल और ऑडियो/वीडियो सिंक्रोनाइजेशन के लिए विशेष तकनीक उपलब्ध है।|हिन्दुस्तान लाईव। १२ मई २०१० एचडीएमआई २००२ में डिजिटल विजुअल इंटरफेस (डी.वी.आई.) के साथ संगत रहकर काम करने वाले कनेक्टर के रूप में निर्मित किया गया था। अपने आरंभ के बाद से एचडीएमआई फॉर्मेट में अनेक अद्यतन हुए हैं और प्रत्येक संस्करण में फीचर और क्षमता में बढोत्तरी हुई है। सन २००६ में इसके संस्करण १.३ का विमोचन हुआ था। इस संस्करण में एचडीएमआई कनेक्टरों के साथ सिंगल लिंक बैंडविड्थ में वृद्दि की गई थी। इसे १६५ मेगाहर्ट्ज़ से बढ़ाकर ३४० मेगाहर्ट्ज़ किया गया था। इस बदलाव का मुख्य कारण सूचना का एचडीएमआई केबलों के माध्यम द्वारा बेहतर गति से भेजना था। इसके साथ ही डीप कलर, उच्च रिज़ॉल्यूशन और उच्चतर वीडियो फ्रेम दर आदि लक्षणों के लाभ भी इसमें सम्मिलित किये गए थे। .
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हाई डेफिनेशन टेलीविजन
होम थियेटर में प्रोजेक्शन फटल, जिसमें एक हाई-डेफ़िनेशन चित्र प्रदर्शित है। हाई डेफिनेशन टेलीविजन या उच्च-विभेदन टेलीविजन (लघुरूप:एच.डी.टी.वी.) एक डिजिटल टेलीविजन प्रसारण प्रणाली होती है। इसका रिज़ॉल्यूशन अन्य परंपरागत टेलीविजन प्रणालियों (जैसे स्टैन्डर्ड डेफ़िनेशन टीवी या मानक-विभेदन टेलीविजन या एस.डी.टी.वी) से कहीं अधिक होता है। एचडीटीवी डिजिटली प्रसारित भी होता है, जबकि आरंभिक प्रयोग एनालॉग प्रसारित हुआ करते थे। आज इसके लिए डिजिटल संकेत ही प्रयोग किये जाते हैं, जिसमें डिजिटल वीडियो संपीड़न के कारण कमतर तरंगदैर्घ्य वांछित होता है। हाई डेफ़िनिशन में कम से कम ७२० लाइनें होती हैं और 7.77.600 पिक्सल या इससे भी अधिक २० लाख पिक्सल, यानी चित्रबिंदु होते हैं। अधिक बिंदुओं का मतलब है और अधिक साफ और बारीक़ तस्वीर.
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वीडियो ग्राफिक्स ऐरे
256px 256px वीडियो ग्राफिक्स अरे (अंग्रेजी: Video Graphics Array या वीजीए हिन्दी अनुवादः दृश्य आलेखी सरणी) विशेष रूप से उन प्रदर्श (डिस्प्ले) हार्डवेयरों की व्याख्या करता है जिन्हें, पहले पहल आईबीएम ने 1987 में पीएस/2 कंप्यूटरों में प्रयोग किया था, लेकिन इसको व्यापक रूप से अपनाये जाने के कारण इसका अर्थ वर्तमान में एक अनुरूप (एनालॉग) कम्प्यूटर प्रदर्शन मानक, 15 पिन डी-सबमिनिएचर वीजीए कनेक्टर या 640×480 विभेदन (रिजोल्यूशन) हो गया है। हालांकि अब यह रिजोल्यूशन निजी कंप्यूटरों में प्रयोग नहीं किया जाता पर, मोबाइल उपकरणों मे यह लोकप्रिय होता जा रहा है। वीडियो ग्राफिक्स ऐरे आईबीएम द्वारा पेश किया गया अंतिम ग्राफिकल मानक है जिसको अधिकतर पीसी क्लोन निर्माता प्रयोग करते हैं और आज (2009 में) यह सबसे कम रिजोल्यूशन का प्रदर्शन मानक है जिसका समर्थन सभी पीसी ग्राफिक्स हार्डवेयर करते हैं। उदाहरण के लिए, माइक्रोसॉफ्ट-विन्डोज़ का स्पलैश स्क्रीन तब प्रकट होता है, जब मशीन वीजीए विधा मे चल रही होती है, यही कारण है कि इस स्क्रीन का रिजोल्यूशन और रंगों की गहराई हमेशा कम होती है। वीजीए का स्थान आधिकारिक रूप से आईबीएम के एक्सजीए (XGA) मानक ने लिया था, लेकिन वास्तविकता में इसका स्थान, क्लोन निर्माताओं द्वारा विकसित उन विभिन्न परिष्कृत वीजीए ने लिया था, जिन्हें सामूहिक के रूप से "सुपर वीजीए" नाम से जाना जाता है। .
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