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जूल (इकाई)

सूची जूल (इकाई)

जूल (संकेताक्षर: J), अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली के अंतर्गत ऊर्जा या कार्य की एक व्युत्पन्न इकाई है। एक जूल, एक न्यूटन बल को बल की दिशा में, एक मीटर दूरी तक लगाने में, या फिर एक एम्पियर की विद्युत धारा को एक ओम के प्रतिरोध से एक सेकण्ड तक गुजारने में व्यय हुई ऊर्जा या किये गये कार्य के बराबर होता है। इस इकाई को अंग्रेज भौतिक विज्ञानी जेम्स प्रेस्कॉट जूल के नाम पर नामित किया गया है। अन्य एस आई इकाइयों के संदर्भ में: जहां N न्यूटन, m मीटर, kg किलोग्राम, s सेकण्ड, Pa पास्कल और W वाट है। .

17 संबंधों: ऊर्जा, एम्पियर, न्यूटन (इकाई), पास्कल (इकाई), बल, मूल इकाइयाँ, मीटर, सेकेंड, जेम्स प्रेस्कॉट जूल, विद्युत धारा, विद्युत प्रतिरोध, व्युत्पन्न इकाइयाँ, वॉट, कार्य (भौतिकी), किलोग्राम, अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली, अर्ग

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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एम्पियर

विद्युत धारा को गैल्वैनोमीटर के द्वारा मापा जा सकता है। वैसे इसको मापने का सही उपकरण है एम्मीटर एम्पीयर, लघु रूप में amp, (चिन्ह: A) विद्युत धारा, या विद्युत आवेश की मात्रा प्रति सैकण्ड; की इकाई है। एम्पीयर SI मूल इकाई है और इसका नाम विद्युतचुम्बकत्व को खोजने वाले वैज्ञानिक आंद्रे-मैरी एम्पीयर के नाम पर्रखा गया है। .

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न्यूटन (इकाई)

न्यूटन का प्रयोग इन अर्थों में किया जाता है.

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पास्कल (इकाई)

पास्कल दबाव की SI व्युत्पन्न इकाई है। इसके साथ ही स्ट्रेस, यंग्स माड्युलस और तनाव स्ट्रेस की भी यही इकाई है। यह लम्बवत बल प्रति इकाई क्षेत्र बराबर एक न्यूटन प्रति वर्ग मीटर, या जूल प्रति घन मीटर.

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बल

भौतिकि संबंधी बल के लिए देखें बल (भौतिकी) बल, जिसे ताकत भी कहा जाता है, कार्य करने की शक्ति है। परंपरागत रूप से इसे शरीर से जोड़कर देखा जाता रहा है। इसलिए प्रायः यह शारिरिक बल का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन इसके अतिरिक्त मानसिक एवं आध्यात्मिक बल की संकल्पना भी की गई है। .

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मूल इकाइयाँ

अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली ने सात SI सात मूल इकाइयां बतायीं हैं: ये भौतिक इकाइयाँ हैं, जिनको प्रचालित परिभाषाओं द्वारा परिभाषित किया गया है। अन्य सभी भौतिक इकाइयाँ इन मूल इकाइयों द्वारा व्युत्पन्न की जा सकती हैं। इनको व्युत्पन्न इकाइयाँ कहा जायेगा.

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मीटर

मान (मीटर) लम्बाई के नाप/माप की इकाई है। यह अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली में एवं मीट्रिक प्रणाली में भी, लम्बाई के मापन की SI मूल इकाई है। इसका प्रयोग विश्वव्यापी स्तर पर वैज्ञानिक और सामान्य प्रयोगों हेतु होता है। ऐतिहासिक रूप से, मान को फ़्रांसीसी विज्ञान अकादमी ने परिभाषित किया था। यह परिभाषा थी:.

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सेकेंड

सेकेंड (अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली चिन्ह: s), संकेताक्षर में sec., समय की अंतर्राष्ट्रीय मानक इकाई है। अंतर्राष्ट्रीय मानक में समय की अन्य इकाइयाँ सेकेंड की ही व्युत्पन्न हैं। ये इकाइयाँ दस के गुणकों में होती हैं। एक मिलिसेकेंड सेकेंड का एक हज़ारवाँ भाग होता है और 'एक नैनोसेकेंड' सेकेंड का एक अरबवाँ भाग होता है। समय की अधिक प्रयुक्त गैर अंतर्राष्ट्रीय मानक इकाइयाँ जैसे घंटा और मिनट भी सेकेंड पर ही आधारित हैं। मिनट, सेकण्ड.

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जेम्स प्रेस्कॉट जूल

जूल का ऊष्मा-उपकरण जेम्स प्रेस्कॉट जूल (अंग्रेजी: James Prescott Joule, जन्म: 24 दिसम्बर 1818 - मृत्यु: 11 अक्टूबर 1889) सैल्फोर्ड, लंकाशायर में जन्मे एक अंग्रेज भौतिकविज्ञानी और शराब निर्माता थे। .

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विद्युत धारा

आवेशों के प्रवाह की दिशा से धारा की दिशा निर्धारित होती है। विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। इसकी SI इकाई एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे। .

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विद्युत प्रतिरोध

आदर्श प्रतिरोधक का V-I वैशिष्ट्य। जिन प्रतिरोधकों का V-I वैशिष्ट्य रैखिक नहीं होता, उन्हें अनओमिक प्रतिरोधक (नॉन-ओमिक रेजिस्टर) कहते हैं। किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर तथा उससे प्रवाहित विद्युत धारा के अनुपात को उसका विद्युत प्रतिरोध (electrical resistannce) कहते हैं।इसे ओह्म में मापा जाता है। इसकी प्रतिलोमीय मात्रा है विद्युत चालकता, जिसकी इकाई है साइमन्स। जहां बहुत सारी वस्तुओं में, प्रतिरोध विद्युत धारा या विभवांतर पर निर्भर नहीं होता, यानी उनका प्रतिरोध स्थिर रहता है। right समान धारा घनत्व मानते हुए, किसी वस्तु का विद्युत प्रतिरोध, उसकी भौतिक ज्यामिति (लम्बाई, क्षेत्रफल आदि) और वस्तु जिस पदार्थ से बना है उसकी प्रतिरोधकता का फलन है। जहाँ इसकी खोज जार्ज ओह्म ने सन 1820 ई. में की।, विद्युत प्रतिरोध यांत्रिक घर्षण के कुछ कुछ समतुल्य है। इसकी SI इकाई है ओह्म (चिन्ह Ω).

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व्युत्पन्न इकाइयाँ

SI व्युत्पन्न इकाइयाँ SI मापन प्रणाली का ही हिस्सा हैं। इन्हें मूल इकाइयों से व्युत्पन्न करके बनाया जाता है। .

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वॉट

वॉट (चिह्न: W) शक्ति की SI व्युत्पन्न इकाई है। यह ऊर्जा के परिवर्तन या रूपान्तरण की दर मापती है। एक वॉट - १ जूल (J) ऊर्जा प्रति सैकण्ड के समकक्ष होती है। यांत्रिक ऊर्जा के संबंध में, एक वॉट उस कार्य को करने की दर होती है, जब एक वस्तु को १ मीटर प्रति सैकण्ड की गति से १ न्यूटन के बल के विरुद्ध ले जाया जाये। पोटेन्शियल डिफरेन्स (वोल्ट) और विद्युत धारा (एम्पीयर) की परिभाषा अनुसार, कार्य १ वॉट की दर से किया गया होता है, जब १ एम्पीयर विद्युत धारा, १ वोल्ट पोटेन्शियल डिफरेन्स पर बहती है। .

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कार्य (भौतिकी)

भौतिकी में कार्य (work) होना तब माना जाता है जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाने से वह वस्तु बल की दिशा में कुछ विस्थापित हो। दूसरे शब्दों में, कोई बल लगाने से बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन हो तो कहते हैं कि बल ने कार्य किया। कार्य, भौतिकी की सबसे महत्वपूर्ण राशियों में से एक है। कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। कार्य करने या कराने से वस्तुओं की ऊर्जा में परिवर्तन होता है। किसी वस्तु पर F बल लगाने पर वह वस्तु बल की दिशा में d दूरी विस्थापित हो जाय तो किया गया कार्य होगा। उदाहरण: 10 न्यूटन (F .

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किलोग्राम

एक किलोग्राम (साथ में क्रेडित कार्ड) यह चित्र, अन्तराष्ट्रीय मूलरूप किलोग्राम का एक कम्प्यूटर निर्मित चित्र है। इसके समीप रखा एक इंच का पैमाना है। इस भार को IPK भी कहते हैं। यह प्लैटिनम-इर्रीडियम मिश्रण का बना है और BIPM, सेवर्स, फ़्रांस में रखा है। किलोग्राम (चिन्ह: kg) भार की SI इकाई है। एक किलोग्राम की परिभाषानुसार,.

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अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं। यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था। इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है। तीन राष्ट्रों ने आधिकारिक रूप से इस प्रणाली को अपनी पूर्ण या प्राथमिक मापन प्रणाली स्वीकार्य नहीं किया है। ये राष्ट्र हैं: लाइबेरिया, म्याँमार और संयुक्त राज्य अमरीका। .

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अर्ग

अल्जीरिया के इसाऊवान अर्ग की अंतरिक्ष से खींची गई तस्वीर अर्ग (अंग्रेज़ी: Erg, अरबी) ऐसे चौड़े और चपटे रेगिस्तानी क्षेत्र को कहते हैं जो हवा से उड़ाई जाने वाली रेत से ढका हुआ हो और जहाँ वृक्ष-पौधे बहुत कम हों या बिलकुल ही न हों।, NASA Earth Observatory, Accessed 2006-05-18 भूगोल में अर्ग की कड़ी परिभाषा है कि यह १२५ वर्ग किमी से बड़ा क्षेत्र होना चाहिए जिसमें २०% से अधिक धरती रेत से ढकी हो और हवा से रेत बड़ी मात्रा में उड़ती हो।, Judith Totman Parrish, Columbia University Press, Page 166, 2001, ISBN 978-0-231-10207-0 विश्व के सबसे बड़े रेगिस्तान सहारा मरूस्थल में कई सारे अर्ग हैं, जिनमें से चेच अर्ग (Chech Erg) और अल्जीरिया का इसाऊवान अर्ग (Issaouane Erg) दो जाने-माने अर्ग हैं। पृथ्वी की लगभग ८५% हिलने वाले रेत ३२,००० वर्ग किमी से बड़े क्षेत्रफल की अर्गों में सम्मिलित है।, Andrew Warren, Ronald U. Cooke, University of California Press, Page 322, 1973, ISBN 978-0-520-02280-5 पृथ्वी के अलावा अर्ग हमारे सौर मंडल के और भी ग्रहों-उपग्रहों पर मिले हैं, जिनमें शुक्र, मंगल और शनि का चन्द्रमा टाइटन शामिल हैं। .

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