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3 संबंधों: बांग्लादेश, हुसैन मोहम्मद इर्शाद, जातीय पार्टी (इरशाद)।
बांग्लादेश
बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.
देखें जातीय पार्टी (मंजू) और बांग्लादेश
हुसैन मोहम्मद इर्शाद
हुसैन मोहम्मद बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २४ मार्च १९८२ से २७ मार्च १९८२ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.
देखें जातीय पार्टी (मंजू) और हुसैन मोहम्मद इर्शाद
जातीय पार्टी (इरशाद)
जातीय पार्टी (इरशाद) बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है जो लेफ्टिनेंट जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद द्वारा गठित मूल जातीय पार्टी से जातीय पार्टी (नाजिउर) और जातीय पार्टी (मंजू) के रूप में दो टुकड़ों के विलग हो जाने के उपरांत शेष बचा हुआ मूल दल है। ले॰ जनरल इरशाद द्वारा जातीय पार्टी का गठन वर्ष १९८५ में किया गया था जिसे अ़ब जातीय पार्टी (इरशाद) के नाम से जाना जाता है। .