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चैता की चैत्वाली

सूची चैता की चैत्वाली

चैता की चैत्वाली गायक अमित सागर द्वारा गाया गया एक गढ़वाली गीत है। यह गीत उत्तराखण्ड के पारम्परिक "चैत्वाली" लोकगीतों पर आधारित है। दिसम्बर २०१७ में किशन महिपाल के "फ्यूंलड़िया" को पीछे छोड़कर यह यू्-ट्यूब पर सबसे ज्यादा सुना जाने वाला गढ़वाली ऑडियो गीत बन गया। .

5 संबंधों: नजीबाबाद, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, उत्तराखण्ड, गढ़वाली भाषा

नजीबाबाद

नजीबाबाद उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में स्थित एक नगर है। नजीबाबाद को मुग़ल सम्राट-अहमदशाह के समकालीन नवाब नज़ीबुद्दौला ने 1750 ई. में बसाया था। नजीबाबाद मालन नदी से कुछ दूर पर गढ़वाल की तराई में स्थित है। नज़ीबुद्दौला एक सफल कूटनीतिज्ञ था और मुग़ल साम्राज्य की तत्कालीन राजनीति में इसका काफ़ी दख़ल था। इसका मक़बरा नजीबाबाद में स्थित है। 1857 के विद्रोह में नज़ीबुद्दौला के उत्तराधिकारी नवाब दुंदू खाँ ने अंग्रेजों के विरुद्ध बग़ावत की थी, जिसके कारण उसकी रियासत ज़ब्त कर ली गई और उसका एक भाग रामपुर रियासत को दे दिया गया। नजीबाबाद जिला बिजनौर की तहसील है। तहसील नजीबाबाद में ग्राम: अल्हैयारपुर, कायरी फूल, खलीलपुर, गुढा, गाजीपुर, गोविन्दपुर, चाण्डत तुर्क, चांडत जट, दहीरपुर, नकीपुर रामराय, नरायनपुर, नरूल्लापुर बादली, नूरुलदहरपुर, बुडगरी, ब्रहमजीतपुर चन्दा, बाकरपुर जयराम, बादशाहपुरमाईदास, भगवानपुर, भागूवाला, मलकपुर, मौ.अलीपुरवीरभानA, रामकायरी, राहतपुर खुर्द, लालपुरशौजीमल, शाहपुर सुक्खा, सबलगढ, सभाचन्दपुर केशो, सराये जलाल, सरायेजलाल (अ0ह0), सलेमपुर, सुगंरपुर, सुल्तानपुर सादात, अकबरपुर आवला, अकबरपुर चौगावां, अकबराबाद, अगुपुरा प्यारा, अनवर पुर चतर, अब्दुल्लापुर, अब्बुल फजलपुर खास, अबुलफजलपुर तबेला, अमान नगर, अमानुल्लापुर, अमीपुर माईदास, अरगूपुरा, अरजानीपुर, अलावलपुर नैनू, अलीपुरा, अशरफपुर, अहमद पुर मजीद, अहमदपुर सादात, असदुल्लापुर, असलमपुर झोझा, आजमपुर गाजी, आजमपुर मौ.अली, आजमपुर यार मौहम्मद, आजमाबाद, आरफपुर खजूरी, आलमपुर, आलमपुर आसूं, आलमपुर गंगा, आसू नंगली औरंगजेबपुर फाजिल औरंगजेबपुर महमूद औरंगपुर नन्दलाल औरंगपुर फत्तेखां औरंगपुर फत्ता औरंगपुर बसन्ता औरंगपुर भिक्कू औरंगपुर हृदय औरंगाबाद औरंजेबपुर गुलाल, औंरगजेबपुर चन्दा, इब्राहीमपुर जमालुद्दीन, इब्राहीमपुर बावन, इब्राहीमपुर राजू Z.A, इब्राहीमपुर वहाऊद्दीन, इब्राहीमपुरराजू अ0, इस्लामपुर बेगा, इस्लामपुर मीरा, इस्लामपुर शाह अली, इस्लामपुर हटटू, इस्लामपुर सादात, इस्लामपुर साहू, इस्सेपुर, उमरपुर, ऊमरी, कुतुबपुर, कुतुबपुर नंगली, कुम्हैड़ा, केशोपुर, कनकपुर, कमालपुर, करमस खेडी, करौली, कल्याणपुर, कल्हैडी A, कल्हैडी BA, कला नंगली, कलापुर बुर्जुग, कवलनैन पुर, कादरपुर तय्यब, कामगारपुर, कामराजपुर, काशीरामपुर, कोटावाली, कौडॢया, खटाई, खतीरका, खुशहालपुर मडका, खसौर, खेडा, खैरपुर जालीका, खैरूल्लापुर B.A., खैरूल्लापुरA, खानपुर, खानपुर शर्फुदीन (अ0ह0), खानपुरशर्फुदीन हुसैन, गजरौला, गढमलपुर, गनौरा, गुजरपुर आसू, गुजरपुरा, गुलाम अलीपुर राजू, गुलामअलीपुरनाथा, गुनियापुर, गाजीपुर, गाजीपुर हिदायत, गोकलपुर सुन्दर, गोपालखेडी, गोपालपुर, गोयला ए., गोयला B.A., गौसपुर एतमाली, गौसपुर राये, गौसपुर बिला एतमाली, गांगूवाला, घघेडी, चतरभोजपुर कुशल, चतरुवाला, चन्दगोयला, चन्दपुरा, चन्दौक, चमरौला, चाहसलूनो, छापर, ज्वाला चन्डी, ज्वाली लाला, जगदीशपुर, जगदीसपुर, जटपुरा, जटपुरा खास, जटपुरा भौंडा, जफरपुर, जफरुल्लापुर, जम्हीरी, जमालपुर खोको, जलालपुर सुल्तान, जलालाबाद, जुल्फकारपुर, जहानपुर, जहांनाबाद, जसपुर, जसवन्तपुर, जादोपुर, जाफरपुर, जाफराबाद, जालपुर, जालबपुर गूदड, जीतपुर खास, जीवनपुर, झक्काकी, टोडरपुर, टोडा, डूंगरपुर, ढाकी साधो, तर्करुबपुर इसराजखेडीA, तकर्रूबपुरइसराजखेडी, तकीपुर हरवंश, तरीकमपुर, तरीकमपुर दरगो, तेली नंगली, तैय्यबपुर गौरवा, ताजपुर, तातारपुर लालू, ताहरपुर इशहाक, थापल, दूधला, दूधली, दुल्हापुर, दयालपुर ज्ञानपुर, दरगोपुर, दरियापुर, दाऊदपुर नन्हेडा, दाऊदपुर हाजी, दानियालपुर, धनसीनी, धनौरा, धनौरी कुवंर, धर्मपुर, धर्मपुर धन्सी, धर्मपुर भगवान, धर्मपुर भोजा, धर्मागढी (गैर आबाद), न्यामतपुर, नजीबपुर सादात, नजीबाबाद, नजीमपुर, नन्दपुर, नूरपुर डहरा, नूरमपुर, नसरुल्लापुर, नसीरपुर मिठारी, नेकपुर, नंगला इस्लाम, नंगला उभ्भन, नंगला पिथौरा, नंगला हरदास, नंगला सेम्भल, नारायणपुर इच्छा बी0 ए0, नारायणपुरइच्छाA, नारायनपुर रतन, नौरंगपुर, नौरोजपुर, नांगल, नीबपुर, पदारथपुर, परतापपुर, पर्वतपुर मखदूमपुर, पुरनपुर गढी-, पुरूषोत्तमपुर, पून्डरी खुर्द, पूरनपुर गढ़ी बी.ए., पूरनपुर नरोत्तम, पृथीपुर, प्रेमपुर, पाडला, पाडली, पीपलसाना, फैजाबाद, फजलपुर खास, फजलपुर पर्वत, फजलपुर भोया, फजलपुर मान, फजलपुर हैबत, फजलपुर हबीब, फजलपुरफतेउल्ला, फतहउल्लापुर, फतहपुर राजाराम, फतेहऊल्लापुर दुर्ग, फरजपुर, बढापुर, बरकातपुर, बरखुरदारपुरगोपाल, बरमपुर, बशीरपुर, बुडगरा, बूङपुर नैन सिह, बूढपुर मुफ्ती, बूलचन्दपुर, बहादरपुर, बहादरपुरशर्फुददीन, बसेड़ा, बसेडी, बेगमपुर भौनावाला, बेगमपुर रुपचन्द, बेगमपुर शादी, बेहड़ा चौहान, बैवलवाला, बाकरपुर, बादशाहपुर खोशी, बंशगोपालपुर, बीतरा, बीरुवाला, भगवानवाला, भटौली, भदौला, भनेड़ा, भरैका, भोगपुर, भोजपुर, मथुरापुर मोर, मदसूदनपुर देवीदास, मन्सूरपुर बेगुनाह, मनुपुरा, मनोहर वाला, मल्हपुर, मलूकवाली, मुकन्दपुर गोपाल, मुकन्दपुर रामू, मुकीमपुर दुनिया, मुकीमपुर पदारथ, मुबारकपुर, मुबारकपुर खोशा, मुबारकपुर मीरा, मुबारकपुर राठे, मुबारकपुर हरदास, मुबारकपुर सहारन, मुबारकपुरहरबल्लभ, मुरशदपुर, मुस्तफापुर, मुस्तफापुर आंसू, मुस्तफापुरनौआबाद, मुस्वीखानपुर, मुस्सेपुर, महेशपुर, मूंगरपुर, महमूदपुर, महमसापुर, महलकी, महारायपुर शेख, महावतपुर गौरवा, महावतपुर दलपत, महावतपुर नाथा A, महावतपुर नाथा BA, महावतपुर बिल्लौच, मेदूवाला, मेमन सादात, मंडावली, मानपुर, मायापुरी, मालीपुर, मोचीपुरा, मोटाढाक, मोथला, मोमिनपुर दासू, मोमिनपुर लालू, मोमिनपुर लाला, मोहिउद्दीनपुर, मौ.

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पौड़ी

पौढ़ी गढ़वाल भारतीय राज्य उत्तराखंड का एक शहर है। यह पौढ़ी गढ़वाल जिला का मु़यालय है। पौढ़ी गढ़वाल जिला वृत्ताकार रूप में है। जिसमें हरिद्वार, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, रूद्वप्रयाग, चमोली, अल्‍मोड़ा और नैनीताल सम्मिलित है। यहां स्थित हिमालय, नदियां, जंगल और ऊंचे-ऊंचे शिखर यहां की खूबसूरती को अधिक बढ़ाते हैं। पौढ़ी समुद्र तल से लगभग 1814 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बर्फ से ढके हिमालय शिखर पौढ़ी की खूबसूरती को कहीं अधिक बढ़ाते हैं। .

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रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग की एक पेंटिंग रुद्रप्रयाग भारत के उत्तरांचल राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में एक शहर तथा नगर पंचायत है। रुद्रप्रयाग अलकनंदा तथा मंदाकिनी नदियों का संगमस्थल है। यहाँ से अलकनंदा देवप्रयाग में जाकर भागीरथी से मिलती है तथा गंगा नदी का निर्माण करती है। प्रसिद्ध धर्मस्थल केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग से ८६ किलोमीटर दूर है। भगवान शिव के नाम पर रूद्रप्रयाग का नाम रखा गया है। रूद्रप्रयाग अलकनंदा और मंदाकिनी नदी पर स्थित है। रूद्रप्रयाग श्रीनगर (गढ़वाल) से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदाकिनी और अलखनंदा नदियों का संगम अपने आप में एक अनोखी खूबसूरती है। इन्‍हें देखकर ऐसा लगता है मानो दो बहनें आपस में एक दूसरे को गले लगा रहीं हो। ऐसा माना जाता है कि यहां संगीत उस्‍ताद नारद मुनि ने भगवान शिव की उपासना की थी और नारद जी को आर्शीवाद देने के लिए ही भगवान शिव ने रौद्र रूप में अवतार लिया था। यहां स्थित शिव और जगदम्‍बा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्‍थानों में से है। रुद्रप्रयाग नगर पंचायत का गठन वर्ष २००२ में किया गया था, और २००६ में इसे नगरपालिका का दर्जा प्राप्त हुआ। .

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श्रीनगर, उत्तराखण्ड

पौराणिक काल से ही उत्तराखंड राज्य स्थित श्रीनगर का प्राचीन शहर, जो बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है, निरंतर बदलाव के बाद भी अपने अस्तित्व को बचाये रखा है। श्रीपुर या श्रीक्षेत्र उसके बाद नगर के बदलाव सहित श्रीनगर, टिहरी के अस्तित्व में आने से पहले एकमात्र शहर था। वर्ष 1680 में यहां की जनसंख्या 7,000 से अधिक थी तथा यह एक वाणिज्यिक केंद्र जो बाजार के नाम से जाना जाता था, पंवार वंश का दरबार बना। कई बार विनाशकारी बाढ़ का सामना करने के बाद अंग्रेजों के शासनकाल में एक सुनियोजित शहर के रूप में उदित हुआ और अब गढ़वाल का सर्वश्रेष्ठ शिक्षण केंद्र है। विस्थापन एवं स्थापना के कई दौर से गुजरने की कठिनाई के बावजूद इस शहर ने कभी भी अपना उत्साह नहीं खोया और बद्री एवं केदार धामों के रास्ते में तीर्थयात्रियों की विश्राम स्थली एवं शैक्षणिक केंद्र बना रहा है और अब भी वह स्वरूप विद्यमान है। श्रीनगर के स्थानीय आकर्षणों तथा आस-पास के घूमने योग्य स्थान यहां के समृद्ध इतिहास से जुड़े हैं। चूकि यह गढ़वाल के पंवार राजवंश के राजाओं की राजधानी थी, इसलिए श्रीनगर उन दिनों सांस्कृतिक तथा राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र था, जिसे यहां के लोग गौरव से याद करते है। पौराणिक तौर पर यह आदी शंकराचार्य से भी जुड़ा है। इस शहर के अतीत से आज तक में कई नाटकीय परिवर्तन हुए हैं, जहां अब गढ़वाल विश्वविद्यालय के केम्पस तथा कई खोज संस्थान हैं। यहां की महत्ता इस तथ्य में भी है कि आप यहां से बद्रीनाथ तथा केदारनाथ की यात्रा आसानीपूर्वक कर सकते हैं। .

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गढ़वाली भाषा

गढ़वाली भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। .

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