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चम्पा (बहुविकल्पी)

सूची चम्पा (बहुविकल्पी)

चम्पा का प्रयोग निम्नलिखित अर्थों में किया जाता है-.

9 संबंधों: चम्पा, चम्पा बेन, चम्पा, अल्मोडा तहसील, चम्पा, छत्तीसगढ़, चम्पापुरी, चंपक, महाराणा प्रताप, कटहरी चम्पा, अंगदेश

चम्पा

दक्षिण पूर्व एशिया, 1100 ईसवी, '''चम्पा''' हरे रंग में चम्पा दक्षिण पूर्व एशिया (पूर्वी हिन्दचीन (192-1832) में) स्थित एक प्राचीन हिन्दू राज्य था। यहाँ भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार थाऔर इसके राजाओं के संस्कृत नाम थे। चम्पा के लोग और राजा शैव थे। अन्नम प्रांत के मध्य और दक्षिणी भाग में प्राचीन काल में जिस भारतीय राज्य की स्थापना हुई उसका नाम 'चंपा' था। नृजातीय तथा भाषायी दृष्टि से चम्पा के लोग चाम (मलय पॉलीनेशियन) थे। वर्तमान समय में चाम लोग वियतनाम और कम्बोडिया के सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं। इसके ५ प्रमुख विभाग थेः.

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चम्पा बेन

चम्पा बेन (9 अप्रैल 1935 -- 21 जनवरी 2011) भारत की एक समाज सेविका एवं सामाजिक कार्यकर्ता थीं। उन्होने ने बेड़िया समुदाय की महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया। इसके लिए उन्हें 2002-03 में राज्य के इंदिरा गांधी समाज सेवा पुरस्कार सहित अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। .

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चम्पा, अल्मोडा तहसील

चम्पा, अल्मोडा तहसील में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ मण्डल के अल्मोड़ा जिले का एक गाँव है। उत्तराखण्ड के जिले .

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चम्पा, छत्तीसगढ़

चम्पा छत्तीसगढ़ के जंजगीर-चम्पा जिले में स्थित एक नगर है। यह हसदेव नदी के किनारे स्थित है। श्रेणी:छत्तीसगढ़ के नगर.

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चम्पापुरी

चंपा प्राचीन अंग की राजधानी, जो गंगा और चंपा के संगम पर बसी थी। प्राचीन काल में इस नगर के कई नाम थे- चंपानगर, चंपावती, चंपापुरी, चंपा और चंपामालिनी। पहले यह नगर 'मालिनी' के नाम से प्रसिद्ध था किंतु बाद में लेमपाद के प्राचीन राजा चंप के नाम पर इसका नाम चंपा अथवा चंपावती पड़ गया। यहाँ पर चंपक वृक्षों की बहुलता का भी संबंध इसके नामकरण के साथ जोड़ा जाता है। चंपा नगर का समीकरण भागलपुर के समीप आधुनिक चंपानगर और चंपापुर नाम के गाँवों से किया जाता है किंतु संभवत: प्राचीन नगर मुंगेर की पश्चिमी सीमा पर स्थित था। कहा जाता है, इस नगर को महागोविन्द ने बसाया था। उस युग के सांस्कृतिक जीवन में चंपा का महत्वपूर्ण स्थान था। बुद्ध, महावीर और गोशाल कई बार चंपा आए थे। १२वें तीर्थकर वासुपूज्य का जन्म और मोक्ष दोनों ही चंपा में हुआ था। यह जैन धर्म का उल्लेखनीय केंद्र और तीर्थ था। दशवैकालिक सूत्र की रचना यहीं हुई थी। नगर के समीप रानी गग्गरा द्वारा बनवाई गई एक पोक्खरणी थी जो यात्री और साधु संन्यासियों के विश्रामस्थल के रूप में प्रसिद्ध थी और जहाँ का वातावरण दार्शनिक बाद विवादों से मुखरित रहता था। अजातशत्रु के लिय कहा गया है कि उसने चंपा को अपनी राजधानी बनाया। दिव्यावदान के अनुसार विंदुसार ने चंपा की एक ब्राह्मण कन्या से विवाह किया था जिसकी संतान सम्राट् अशोक थे। चंपा समृद्ध नगर और व्यापार का केंद्र भी था। चंपा के व्यापारी समुद्रमार्ग से व्यापार के लिये भी प्रसिद्ध थे। .

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चंपक

चंपक चंपक (Michelia champaca) अथवा सोनचंपा, मैगनोलिएसिई (Magnoliaceae) कुल का पौधा है। माइचीलिया (चंपक) वर्ग के पौधे दक्षिण-पूर्वी एशिया (भारत, चीन तथा मलाया द्वीपसमूह) में पाए जाते हैं। चंपक का पेड़ आठ से लेकर दस मीटर तक ऊँचा होता है और इसका फूल सुनहले रंग का तथा सुगंधयुक्त होता है। ये पौधे बगीचों में सुगंध के लिये लगाए जाते हैं। चंपे का इत्र इसी के फूलों से बनाया जाता है। असम प्रदेश में चंपक की पत्तियाँ रेशम के कीड़ों को खिलाई जाती हैं और उन कीड़ों से 'चंपा रेशम' निकालते हैं। .

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महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप सिंह (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत १५९७ तदानुसार ९ मई १५४०–१९ जनवरी १५९७) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कईं बार युद्ध में भी हराया। उनका जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ़ में महाराणा उदयसिंह एवं माता राणी जयवंत कँवर के घर हुआ था। १५७६ के हल्दीघाटी युद्ध में २०,००० राजपूतों को साथ लेकर राणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के ८०,००० की सेना का सामना किया। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को झाला मानसिंह ने आपने प्राण दे कर बचाया ओर महाराणा को युद्ध भूमि छोड़ने के लिए बोला। शक्ति सिंह ने आपना अश्व दे कर महाराणा को बचाया। प्रिय अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई। यह युद्ध तो केवल एक दिन चला परन्तु इसमें १७,००० लोग मारे गए। मेवाड़ को जीतने के लिये अकबर ने सभी प्रयास किये। महाराणा की हालत दिन-प्रतिदिन चिंताजनक होती चली गई । २५,००० राजपूतों को १२ साल तक चले उतना अनुदान देकर भामा शाह भी अमर हुआ। .

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कटहरी चम्पा

कटहरी चम्पा एनोनेसिई (Annonaceae) कुल का पौधा है। इसे हरा, अथवा कटहरी, चंपा कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम चंपा आर्टाबोट्रिस ओडोराटिसियम (Artabotrys odoratissimus) है। यह अरटाबोट्रिस वर्ग के पौधे अफ्रीका तथा पूर्वी एशिया के देशों में पाए जाते हैं। भारत में इस वर्ग की १० जातियाँ पाई जाती हैं। इसका पेड़ झाड़ी जैसा, तीन से लेकर पाँच मीटर तक ऊँचा होता है। पत्तियाँ सरल तथा चमकीली हरी होती हैं। फूल अर्धवृत्ताकार डंठल पर लगते हैं। ये डंठल अन्य वृक्षों की डालियों के ऊपर चढ़ने में उपयोगी होते हैं। शुरू में फूल हरे होते हैं, परंतु बाद में इनका रंग हलका पीला हो जाता है। इन फूलों से पर्याप्त सुगंध निकलती है, जो पके कटहल के गंध जैसी होती है। इससे इनका पता पेड़ पर आसानी से लग जाता है। चंपा के पेड़ सजावट एवं सुगंध के लिये बगीचों में प्राय: लगाए जाते हैं। .

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अंगदेश

महाभारत में अंगदेश का वर्नन मिलता है जिसके अनुसार यह भारत के पूर्वी भाग में स्थित था। .

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