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चंद्रमौली कुमार प्रसाद

सूची चंद्रमौली कुमार प्रसाद

चंद्रमौली कुमार प्रसाद (चर्चित न्यायमूर्ति सी के प्रसाद, जन्म: 15 जुलाई 1949), भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष हैं। 23 मई, 2018 को केंद्र सरकार ने उन्हें लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए भारतीय प्रेस परिषद का अध्यक्ष मनोनीत किया है। इससे पूर्व वे नवंबर, 2014 में न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू के सेवानिवृत्त होने के बाद पहली बार भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष बने थे। भारत में प्रेस के मानकों को बनाए रखने के साथ उनमें सुधार और इसके स्वतंत्रता के संरक्षण के उद्देश्य से प्रथम प्रेस आयोग की सिफारिश के आधार पर वर्ष 1966 में संसद द्वारा भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी। यह परिषद प्रेस काउंसिल एक्ट, 1978 के तहत कार्य करती है। इस नियुक्ति से पहले, उन्होंने 8 फरवरी 2010 से 14 जुलाई 2014 तक भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 2 संबंधों: भारत का उच्चतम न्यायालय, भारतीय प्रेस परिषद्

  2. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश

भारत का उच्चतम न्यायालय

भारत का उच्चतम न्यायालय या भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है जिसे भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है। भारतीय संघ की अधिकतम और व्यापक न्यायिक अधिकारिता उच्चतम न्यायालय को प्राप्त हैं। भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान के संरक्षक की है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक में वर्णित नियम उच्चतम न्यायालय की संरचना और अधिकार क्षेत्रों की नींव हैं। उच्चतम न्यायालय सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से सम्बन्धित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ और उसके बाद से इसके द्वारा 24,000 से अधिक निर्णय दिए जा चुके हैं। .

देखें चंद्रमौली कुमार प्रसाद और भारत का उच्चतम न्यायालय

भारतीय प्रेस परिषद्

भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India; PCI) एक संविघिक स्वायत्तशासी संगठन है जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने व उसे बनाए रखने, जन अभिरूचि का उच्च मानक सुनिश्चित करने से और नागरिकों के अघिकारों व दायित्वों के प्रति उचित भावना उत्पन्न करने का दायित्व निबाहता है। सर्वप्रथम इसकी स्थापना ४ जुलाई सन् १९६६ को हुई थी। अध्यक्ष परिषद का प्रमुख होता है जिसे राज्यसभा के सभापति, लोकसभा अघ्यक्ष और प्रेस परिषद के सदस्यों में चुना गया एक व्यक्ति मिलकर नामजद करते हैं। परिषद के अघिकांश सदस्य पत्रकार बिरादरी से होते हैं लेकिन इनमें से तीन सदस्य विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, बार कांउसिल ऑफ इंडिया और साहित्य अकादमी से जुड़े होते हैं तथा पांच सदस्य राज्यसभा व लोकसभा से नामजद किए जाते हैं - राज्य सभा से दो और लोकसभा से तीन। प्रेस परिषद, प्रेस से प्राप्त या प्रेस के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर विचार करती है। परिषद को सरकार सहित किसी समाचारपत्र, समाचार एजेंसी, सम्पादक या पत्रकार को चेतावनी दे सकती है या भर्त्सना कर सकती है या निंदा कर सकती है या किसी सम्पादक या पत्रकार के आचरण को गलत ठहरा सकती है। परिषद के निर्णय को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। काफी मात्रा में सरकार से घन प्राप्त करने के बावजूद इस परिषद को काम करने की पूरी स्वतंत्रता है तथा इसके संविघिक दायित्वों के निर्वहन पर सरकार का किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं है। .

देखें चंद्रमौली कुमार प्रसाद और भारतीय प्रेस परिषद्

यह भी देखें

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश