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मिन्या कोन्का

सूची मिन्या कोन्का

मिन्या कोन्का (Minya Konka) या गोंगा पर्वत (Mount Gongga) चीन के सिचुआन प्रान्त का सर्वोच्च पर्वत और विश्व का 41वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह हेंगदुआन पर्वतमाला में स्थित है और विश्व का पूर्वतम 7,000 मीटर से अधिक ऊँचाई का पर्वत है। तिरिच मीर और कोंगुर ताग़ के बाद यह हिमालय व काराकोरम से बाहर विश्व का तीसरा सर्वोच्च पर्वत भी है।Arnold Heim:.

10 संबंधों: चरम उदग्र शिखर, चीन, तिरिच मीर, पर्वत, सिचुआन, हिमालय, हेंगदुआन पहाड़ियाँ, विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची, काराकोरम, कोंगुर ताग़

चरम उदग्र शिखर

विश्व भर के चरम उदग्र शिखरों का मानचित्रचरम उदग्र शिखर (अंग्रेजी: Ultra Prominent Peak), या संक्षिप्त में केवल चरम उन शिखरों का एक वर्गीकरण है जिनकी स्थलाकृतिक उदग्रता (मोटे अर्थों में ऊँचाई) 1,500 मीटर (4,921 फुट) या उससे अधिक है। विश्व में ऐसी लगभग 1,524 चोटियों हैं। उदग्रता के अनुसार विश्व के पहले तीन सबसे प्रसिद्ध चरम उदग्र शिखर हैं, एवरेस्ट पर्वत, अकांकागुआ और मैककिनले पर्वत। मैटरहॉर्न और आइजर जैसी कुछ प्रसिद्ध चोटियों, चरम उदग्र शिखर नहीं हैं क्योंकि वे ऊँचे पहाड़ों से दर्रों के द्वारा जुड़ी हैं और इसलिए इन्हें पर्याप्त स्थलाकृतिक उदग्रता हासिल नहीं है। .

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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तिरिच मीर

तिरिच मीर (Tirich Mir) पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त में चित्राल शहर के पास स्थित एक पर्वत है, जो हिन्दु कुश पर्वत शृंखला का सबसे ऊँचा पहाड़ भी है। ७,७०८ मीटर (२५,२८९ फ़ुट) ऊँचा यह पर्वत हिमालय-काराकोरम श्रेणी के बाहर का सबसे ऊँचा पहाड़ है और दुनिया भर का ३३वाँ सबसे ऊँचा शिखर है (बाक़ी ३२ हिमालय-काराकोरम में स्थित हैं)। चित्राल शहर से तिरिच मीर दिखता ही है लेकिन यह पहाड़ इतना विशाल है कि इसे पाकिस्तान की सरहद के पार अफ़्ग़ानिस्तान के कुछ सीमाई इलाक़ों से भी देखा जा सकता है।, Michael Palin, Basil Pao, Macmillan, 2005, ISBN 978-0-312-34162-6,...

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पर्वत

माउंट एवरेस्ट, दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत (दाहिनी ओर)। बाएँ ओर की चोटी नुप्त्से है। पर्वत या पहाड़ पृथ्वी की भू-सतह पर प्राकृतिक रूप से ऊँचा उठा हुआ हिस्सा होता है, जो ज़्यादातर आकस्मिक तरीके से उभरा होता है और पहाड़ी से बड़ा होता है। पर्वत ज़्यादातर एक लगातार समूह में होते हैं। पर्वत ४ प्रकर के होते है.

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सिचुआन

सिचुआन (四川, Sichuan या सचवान (Szechwan)) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिणी भाग में स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त की राजधानी चेंगदू है। चीन द्वारा तिब्बत पर नियंत्रण पाने से पहले सिचुआन के कुछ इलाक़े तिब्बत का हिस्सा हुआ करते थे और ऐतिहासिक रूप से यह प्रान्त चीन और तिब्बत के बीच खींचातानी का क्षेत्र रहा है। .

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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हेंगदुआन पहाड़ियाँ

हेंगदुआन पर्वतमाला (अंग्रेज़ी: Hengduan Mountains, चीनी: 横断山脉) दक्षिणपश्चिमी चीन में तिब्बत के पठार के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित एक बड़ा पर्वतीय क्षेत्र है। प्रशासनिक रूप से यह पश्चिमी सिचुआन प्रान्त, पश्चिमोत्तरी युन्नान प्रान्त और तिब्बत स्वशासित प्रदेश के पूर्वी भाग पर विस्तृत है। ऐतिहासिक रूप से यह तिब्बत का पारम्परिक खम प्रदेश है। .

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विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची

पृथ्वी पर कम-से-कम 109 पर्वत हैं जिनकि ऊँचाई समुद्रतल से 7,200 मीटर (23,622 फ़ुट) से अधिक है। इनमें से अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप और तिब्बत की सीमा पर स्थित हैं, और कुछ मध्य एशिया में हैं। इस सूचि में केवल ऐसे ही शिखर सम्मिलित हैं जिन्हें अकेला खड़ा पर्वत माना जा सकता है, यानि एक ही पर्वत के अलग-अलग शिखरों को नहीं गिना गया है। .

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काराकोरम

काराकोरम एक विशाल पर्वत श्रृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान, भारत और चीन के क्रमश: गिलगित-बल्तिस्तान, लद्दाख़ और शिन्जियांग क्षेत्रों तक है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक है और हिमालय पर्वतमाला का एक हिस्सा है। काराकोरम किर्गिज़ भाषा का शब्द है जिस का मतलब है 'काली भुरभुरी मिट्टी'। विश्व के किसी भी स्थान की अपेक्षा, काराकोरम पर्वतमाला में पाँच मील से भी ऊँची सबसे अधिक चोटियों स्थित हैं (60 से ज़्यादा), जिनमें दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची चोटी के2, (8611 मी / 28251 फुट) भी शामिल है। के2 की ऊँचाई विश्व के सर्वोच्च शिखर एवरेस्ट पर्वत (8848 मी / 29029 फुट) से सिर्फ 237 मीटर (778 फीट) कम है। काराकोरम श्रृंखला का विस्तार 500 किमी (311 मील) तक है और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर दुनिया के सबसे अधिक हिमनद इसी इलाके में हैं। ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर सियाचिन ग्लेशियर 70 किमी और बिआफो ग्लेशियर 63 किमी की लंबाई के साथ दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे लंबे हिमनद हैं। काराकोरम, पूर्वोत्तर में तिब्बती पठार के किनारे और उत्तर में पामीर पर्वतों से घिरा है। काराकोरम की दक्षिणी सीमा, पश्चिम से पूर्व, गिलगित, सिंधु और श्योक नदियों से बनती है, जो इसे पश्चिमोत्तर हिमालय श्रृंखला के अंतिम किनारे से अलग कर दक्षिणपश्चिम दिशा में पाकिस्तान के मैदानी इलाकों की ओर बहती हैं। काराकोरम श्रृंखला का सब से ऊंचा पहाड़ के टू .

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कोंगुर ताग़

कोंगुर ताग़ का नज़ारा कोंगुर ताग़ (उइग़ुर:, मंगोल: Хонгор Таг, अंग्रेज़ी: Kongur Tagh) कुनलुन शान पर्वतमाला का सबसे ऊँचा पहाड़ है। वैसे तो यह ७,६४९ मीटर (२५,०९५ फ़ुट) ऊँचा पर्वत अपने समीपी मुज़ताग़ अता पहाड़ (जो कुनलुन शान का दूसरा सबसे ऊँचा पहाड़ है) के बहुत पास है, लेकिन अधिक दुर्गम स्थल में होने से कम जाना जाता है। आधुनिक काल में काराकोरम राजमार्ग के बन जाने से अब कोंगुर ताग़ तक पहुँचना आसान हो गया है। यह चीन के शिनजियांग प्रांत का सबसे ऊँचा पर्वत भी है। पामीर पर्वतों के नज़दीक होने से कोंगुर ताग़ को कभी-कभी उस पर्वतमाला का हिस्सा भी माना जाता है।, Gyurme Dorje, Footprint Travel Guides, 1999, ISBN 978-1-900949-33-0,...

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

गोंगा पर्वत, गोंगा शान

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