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ग़ौरी-2

सूची ग़ौरी-2

गौरी-2 या हत्फ-5ए (Ghauri-II या Hatf-Vए) एक पाकिस्तानी सतह से सतह मध्यम दूरी की निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। गौरी-2 मिसाइल खान रिसर्च लैबोरेटरीज द्वारा विकसित की गयी है। यह एक एकल चरण तरल ईंधन मिसाइल प्रणाली है। और गौरी-1 संस्करण से लंबी दूरी तक मार कर सकती है। गौरी-2 का विकास भारत की अग्नि 2 मिसाइल के जबाब में किया गया था। .

10 संबंधों: ट्रांसपोर्टर निर्माता लांचर, पाकिस्तानी मिसाइलों की सूची, शाहीन-1, शाहीन-2, शाहीन-3, जड़त्वीय संचालन प्रणाली, वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली, खान रिसर्च लैबोरेटरीज, ग़ौरी-1, अग्नि-२

ट्रांसपोर्टर निर्माता लांचर

ट्रांसपोर्टर निर्माता लांचर या टैल(transporter erector launcher या TEL) एक एकीकृत मिसाइल वाहन है। ऐसे वाहन दोनों सतह से हवा में मिसाइल और सतह से सतह मिसाइल के लिए मौजूद हैं। इन वाहन के द्वारा मिसाइल को लांच किया जाता है। .

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पाकिस्तानी मिसाइलों की सूची

पाकिस्तान द्वारा विकसित मिसाइलों की एक सूची। .

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शाहीन-1

शाहीन-1 या हत्फ-4 (Shaheen-I या Hatf-4) एक भूमि आधारित सुपरसोनिक और कम-से-माध्यमिक दूरी की सतह से सतह निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। .

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शाहीन-2

शाहीन-2 या हत्फ-6 (Shaheen-2 या Hatf-6) एक भूमि आधारित सुपरसोनिक और कम-से-माध्यमिक दूरी की सतह से सतह निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। .

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शाहीन-3

शाहीन-3 (Shaheen-3) एक भूमि आधारित सुपरसोनिक और कम-से-माध्यमिक दूरी की सतह से सतह निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। शाहीन-3 का पहला परीक्षण 9 मार्च 2015 को किया गया। .

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जड़त्वीय संचालन प्रणाली

फ्रांस के मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल '''S3''' की जड़त्वीय संचालन इकाई संचालन प्रणाली की यथार्थता जड़त्वीय संचालन प्रणाली (Inertial navigation system / आईएनएस) एक प्रणाली है जो जलयान, वायुयान, पनडुब्बी, नियंत्रित मिसाइल, तथा अंतरिक्ष यान आदि के संचालन में सहायक है। यह कंप्यूटर, गति सेंसरों और रोटेशन सेंसर का उपयोग करते हुए, किसी बाहरी संदर्भ के बिना ही, किसी गतिशील वस्तु की स्थिति, अभिविन्यास और वेग की गणना कर लेती है। इस प्रणाली को 'जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली' (inertial guidance system), 'जड़त्वीय उपकरण' आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है। .

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वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली

जी.पी.एस. खंड द्वितीय-एफ़ उपग्रह की कक्षा में स्थिति का चित्रण जी.पी.एस उपग्रह समुदाय का पृथ्वी की कक्षा में घूर्णन करते हुए एक चलित आरेख। देखें, पृथ्वी की सतह पर किसी एक बिन्दु से दिखाई देने वाले उपग्रहों की संख्या कैसे समय के साथ बदलती रहती है। यहां यह ४५°उ. पर है। जीपीएस अथवा वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली (अंग्रेज़ी:ग्लोबल पोज़ीशनिंग सिस्टम), एक वैश्विक नौवहन उपग्रह प्रणाली है जिसका विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने किया है। २७ अप्रैल, १९९५ से इस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था। वर्तमान समय में जी.पी.एस का प्रयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है।। हिन्दुस्तान लाइव। १५ दिसम्बर २००९ इस प्रणाली के प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, सर्विलैंस और ट्रेकिंग करने तथा जियोकैचिंग के लिये भी होते हैं। पहले पहल उपग्रह नौवहन प्रणाली ट्रांजिट का प्रयोग अमेरिकी नौसेना ने १९६० में किया था। आरंभिक चरण में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग सेना के लिए किया जाता था, लेकिन बाद में इसका प्रयोग नागरिक कार्यो में भी होने लगा। जीपीएस रिसीवर अपनी स्थिति का आकलन, पृथ्वी से ऊपर स्थित किये गए जीपीएस उपग्रहों के समूह द्वारा भेजे जाने वाले संकेतों के आधार पर करता है। प्रत्येक उपग्रह लगातार संदेश रूपी संकेत प्रसारित करता रहता है। रिसीवर प्रत्येक संदेश का ट्रांजिट समय भी दर्ज करता है और प्रत्येक उपग्रह से दूरी की गणना करता है। शोध और अध्ययन उपरांत ज्ञात हुआ है कि रिसीवर बेहतर गणना के लिए चार उपग्रहों का प्रयोग करता है। इससे उपयोक्ता की त्रिआयामी स्थिति (अक्षांश, देशांतर रेखा और उन्नतांश) के बारे में पता चल जाता है। एक बार जीपीएस प्रणाली द्वारा स्थिति का ज्ञात होने के बाद, जीपीएस उपकरण द्वारा दूसरी जानकारियां जैसे कि गति, ट्रेक, ट्रिप, दूरी, जगह से दूरी, वहां के सूर्यास्त और सूर्योदय के समय के बारे में भी जानकारी एकत्र कर लेता है। वर्तमान में जीपीएस तीन प्रमुख क्षेत्रों से मिलकर बना हुआ है, स्पेस सेगमेंट, कंट्रोल सेगमेंट और यूजर सेगमेंट। .

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खान रिसर्च लैबोरेटरीज

खान रिसर्च लैबोरेटरीज या कहूटा अनुसंधान प्रयोगशाला(Khan Research Laboratories या Kahuta Research Laboratories) पाकिस्तान सरकार द्वारा संचालित एक प्रयोगशाला है। जिसका मुख्य कार्य पाकिस्तान के लिए रक्षा व परमाणु में शोध करना है। .

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ग़ौरी-1

गौरी-1 या हत्फ-5 (Ghauri-1 या Hatf-5) एक पाकिस्तानी सतह से सतह मध्यम दूरी की निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल है। यह वर्तमान में पाकिस्तान के सेना सामरिक बल कमान में कार्यरत है। यह एक एकल चरण तरल ईंधन मिसाइल प्रणाली है। इसकी मारक क्षमता 1500 किमी है। .

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अग्नि-२

अग्नि द्वितीय (अग्नि-२) भारत की मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक से बनी 21 मीटर लंबी और 1.3 मीटर चौड़ी अग्नि-२ मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है। 3 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है। इसे हैदराबाद की प्रगत (उन्नत) प्रणाली प्रयोगशाला (Advanced Systems Laboratory) ने तैयार किया है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

हत्फ-5ए, गौरी-2

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