सामग्री की तालिका
2 संबंधों: रामनगर, उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड।
- उत्तराखण्ड में हिन्दू मन्दिर
- नैनीताल जिला
- भारत में देवी मन्दिर
रामनगर, उत्तराखण्ड
रामनगर, उत्तराखण्ड, भारत के नैनीताल ज़िले में स्थित एक कस्बा और नगर निगम बोर्ड है। यह जिला मुख्यालय नैनीताल से ६५ किमी और देश की राजधानी दिल्ली से लगभग २६० किमी की दूरी पर स्थित है। रामनगर, जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के लिए प्रसिद्ध है। यह कस्बा इस राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेशद्वार है। आसपास के अन्य प्रसिद्ध स्थल हैं गर्जिया देवी मन्दिर और सीता बनी मन्दिर। .
देखें गर्जिया देवी मन्दिर और रामनगर, उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .
देखें गर्जिया देवी मन्दिर और उत्तराखण्ड
यह भी देखें
उत्तराखण्ड में हिन्दू मन्दिर
- उखीमठ
- कसार देवी
- गंगोत्री
- गर्जिया देवी मन्दिर
- गुप्तकाशी
- गोपीनाथ मन्दिर, उत्तराखण्ड
- चैती देवी मन्दिर, काशीपुर
- चोपता तुङ्गनाथ
- छोटा चार धाम
- टपकेश्वर मंदिर
- त्रियुगी-नारायण
- पंच केदार
- पंच प्रयाग
- बागनाथ मंदिर
- बालेश्वर मन्दिर
- भीमाशंकर मंदिर
- रुद्रनाथ मन्दिर
- लाखामंडल
नैनीताल जिला
- कालाढूँगी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड
- गर्जिया देवी मन्दिर
- गौला नदी
- जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान
- नैनीताल जिला
- भीमताल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड
- रामनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड
- लालकुआँ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड
- हल्द्वानी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड
भारत में देवी मन्दिर
- गर्जिया देवी मन्दिर
- चौंसठ योगिनी मंदिर, खजुराहो
- नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
- परहुल देवी मंदिर
गर्जिया देवी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।