3 संबंधों: चुम्बकीय अभिवाह, ट्राँसफार्मर, विद्युत्-चुम्बकीय कुंडली।
चुम्बकीय अभिवाह
चुम्बकीय अभिवाह या चुम्बकीय फ्लक्स (Magnetic flux) वह भौतिक राशि है जो किसी तल (जैसे किसी चालक तार की कुण्डली) से होकर गुजरने वाले चुम्बकीय क्षेत्र का सम्पूर्ण परिमाण की माप है। इसे संक्षेप में Φm से निरूपित किया जाता है। इसका SI मात्रक वेबर (weber) है; व्युत्पन्न मात्रक वोल्ट-सेकेण्ड है तथा CGS मात्रक 'मैक्सवेल' है। चुम्बकीय फ्लक्स अत्यन्त महत्वपूर्ण भौतिक राशि है क्योंकि -.
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ट्राँसफार्मर
---- एक छोटे ट्रांसफॉर्मर का स्वरूप ट्रान्सफार्मर या परिणामित्र एक वैद्युत मशीन है जिसमें कोई चलने या घूमने वाला अवयव नहीं होता। विद्युत उपकरणों में सम्भवतः ट्रान्सफार्मर सर्वाधिक व्यापक रूप से प्रयुक्त विद्युत साषित्र (अप्लाएन्स) है। यह किसी एक विद्युत परिपथ (circuit) से अन्य परिपथ में विद्युत प्रेरण द्वारा परस्पर जुडे हुए चालकों के माध्यम से विद्युत उर्जा स्थान्तरित करता है। ट्रांसफार्मर केवल प्रत्यावर्ती धारा या विभवान्तर के साथ कार्य कर सकता है, एकदिश (direct) के साथ नहीं। ट्रांसफॉर्मर एक-फेजी, तीन-फेजी या बहु-फेजी हो सकते है। यह सभी विद्युत मशीनों में सर्वाधिक दक्ष (एफिसिएंट) मशीन है। आधुनिक युग में परिणामित्र वैद्युत् तथा इलेक्ट्रॉनी उद्योगों का अभिन्न अंग बन गया है। किसी ट्रान्सफार्मर में एक, दो या अधिक वाइन्डिंग हो सकती हैं। दो वाइंडिंग वाले ट्रान्सफार्मर के प्राथमिक (प्राइमरी) एवं द्वितियक (सेकेण्डरी) वाइण्डिंग के फेरों (टर्न्स) की संख्या एवं उनके विभवान्तरों में निम्नलिखित सम्बन्ध होता है: \frac .
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विद्युत्-चुम्बकीय कुंडली
इलेक्ट्रॉनिकी में उपयोग आने वाले कुछ प्रेरकत्व मकड़ी के जाल जैसी कुंडली प्लेनर कोर और कुंडली जब किसी विद्युत चालक (जैसे, तार या बस-बार) को वृत्ताकार रूप में, या कुंडलिनी (हेलिक्स) के रूप में, या सर्पिल (स्पाइरल) के रूप में लपेटा जाता है तो इस रचना को विद्युत्-चुम्बकीय कुंडली (electromagnetic coil) कहते हैं। विद्युत इंजीनियरी में इनका अनेकों तरह से उपयोग किया जाता है, जैसे- प्रेरकत्व, विद्युत चुम्बक, ट्रांसफॉर्मर, सेन्सर की कुंडली आदि। .
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