क्रेप वस्त्र क्रेप (crape) झिलमिल बनावट को रेशमी कपड़ा जो देखने में एक अजीब ढंग का कड़ा और सलवट पड़ा जान पड़ता है। यह कड़े रेशमी सूत से बुना जाता है। इसकी दो किस्में प्रचलित हैं- नर्म पूर्वी अथवा कैंटन क्रेप और कड़ा क्रेप। कैंटन क्रेप देखने में लहरदार दिखाई पड़ता है। इसके बाने का तार दो सूतों को गोंद के साथ उल्टी दिशा में बटकर कड़ा तैयार किया जाता है। बुनते समय कपड़ा एकदम चिकना होता है। उसमें किसी प्रकार की सलवट नहीं होती। बाद में जब उबालकर गोंद निकाल दिया जाता है, वह एकदम नरम हो जाता है और धागे की ऐंठन ढीली हो जाती है जिससे कपड़े में सलवटें पड़ जाती है जो इस वस्त्र की विशेषता मानी जाती हैं। चीनी और जापानी इस प्रकार का क्रेप तैयार करने में निपुण माने जाते हैं। कड़े क्रेप की कताई और बुनाई सामान्य होती है। उसका क्रेप स्वरूप बुनाई के बाद की प्रक्रिया में निहित है। किंतु इसी क्या प्रक्रिया है यह निर्माता ही जानते हैं और वे उसे गोपनीय रखते हैं। इस प्रकार का क्रेप एक धागे, दो धागे, तीन धागे या चार धागे का बनता है और प्राय: काले रंग में तैयार किया जाता है। इंग्लैंड में यह एसेक्स, नार्विच, यारमथ, मैनचेस्टर और ग्लासगो में बनता है। अब रेशमी क्रेप की नकल पर सूती क्रेप भी बनने लगे हैं। श्रेणी:वस्त्र.
रेशम की बनी परम्परागत बनारसी साड़ी रेशम (Silk) प्राकृतिक प्रोटीन से बना रेशा है। रेशम के कुछ प्रकार के रेशों से वस्त्र बनाए जा सकते हैं। ये प्रोटीन रेशों में मुख्यतः फिब्रोइन (fibroin) होता है। ये रेशे कुछ कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है। सबसे उत्तम रेशम शहतूत के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है। .