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क्रिश्चियन हाइगेन्स

सूची क्रिश्चियन हाइगेन्स

क्रिश्चियन हाइगेन्स (Christiaan Huygens), (Hugenius) (14 अप्रैल 1629 – 8 जुलाई 1695) एक प्रमुख डच गणितज्ञ और प्राकृतिक दार्शनिक थे। उन्हे विशेष रूप से एक खगोलशास्त्री, भौतिक विज्ञानी, अनिश्चिततावादी और समय विज्ञानवेत्ता के रूप में जाना जाता है। आपका जन्म हेग में १४ अप्रैल, सन् १६२९ को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा आपको अपने योग्य पिता से मिली, तदुपरान्त आपने लाइडेन में शिक्षा पाई। .

19 संबंधों: दूरदर्शी, न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त, नीदरलैण्ड, प्रकाश, भौतिक शास्त्र, भौतिक विज्ञानी, रॉयल सोसायटी, लेंस, लोलक, शनि, स्फटिक, हाइगेंस का सिद्धांत, व्यतिकरण (तरंगों का), खगोल शास्त्र, खगोल विज्ञानी, गणितज्ञ, अभिकेन्द्रीय बल, अभ्रक, उपग्रह

दूरदर्शी

न्यूटनीय दूरदर्शी का आरेख दूरदर्शी वह प्रकाशीय उपकरण है जिसका प्रयोग दूर स्थित वस्तुओं को देख्नने के लिये किया जाता है। दूरदर्शी से सामान्यत: लोग प्रकाशीय दूरदर्शी का अर्थ ग्रहण करते हैं, परन्तु दूरदर्शी विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के अन्य भागों मै भी काम करता है जैसे X-रे दूरदर्शी जो कि X-रे के प्रति संवेदनशील होता है, रेडियो दूरदर्शी जो कि अधिक तरंगदैर्घ्य की विद्युत चुंबकीय तरंगे ग्रहण करता है। दूरदर्शी साधारणतया उस प्रकाशीय तंत्र (optical system) को कहते हैं जिससे देखने पर दूर की वस्तुएँ बड़े आकार की और स्पष्ट दिखाई देती हैं, अथवा जिसकी सहायता से दूरवर्ती वस्तुओं के साधारण और वर्णक्रमचित्र (spectrograms) प्राप्त किए जाते हैं। दूरवर्ती वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आजकल रेडियो तरंगों का भी उपयोग किया जाने लगा है। इस प्रकार का यंत्र रेडियो दूरदर्शी (radio telescope) कहलाता है। बोलचाल की भाषा में दूरदर्शी को दूरबीन भी कहते हैं। दूरबीन के आविष्कार ने मनुष्य की सीमित दृष्टि को अत्यधिक विस्तृत बना दिया है। ज्योतिर्विद के लिए दूरदर्शी की उपलब्धि अंधे व्यक्ति को मिली आँखों के सदृश वरदान सिद्ध हुई है। इसकी सहायता से उसने विश्व के उन रहस्यमय ज्योतिष्पिंडों तक का साक्षात्कार किया है जिन्हें हम सर्पिल नीहारिकाएँ (spiral nebulae) कहते हैं। ये नीहारिकाएँ हमसे करोड़ों प्रकाशवर्ष की दूरी पर हैं। आधुनिक ज्योतिर्विज्ञान (astronomy) और ताराभौतिकी (astrophysics) के विकास में दूरदर्शी का महत्वपूर्ण योग है। दूरदर्शी ने एक ओर जहाँ मनुष्य की दृष्टि को विस्तृत बनाया है, वहाँ दूसरी ओर उसने मानव को उन भौतिक तथ्यों और नियमों को समझने में सहायता भी दी है जो भौतिक विश्व के गत्यात्मक संतुलन (dynamic equilibirium) के आधार हैं। .

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न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त

कोई भी वस्तु ऊपर से गिरने पर सीधी पृथ्वी की ओर आती है। ऐसा प्रतीत होता है, मानो कोई अलक्ष्य और अज्ञात शक्ति उसे पृथ्वी की ओर खींच रही है। इटली के वैज्ञानिक, गैलिलीयो गैलिलीआई ने सर्वप्रथम इस तथ्य पर प्रकाश डाला था कि कोई भी पिंड जब ऊपर से गिरता है तब वह एक नियत त्वरण से पृथ्वी की ओर आता है। त्वरण का यह मान सभी वस्तुओं के लिए एक सा रहता है। अपने इस निष्कर्ष की पुष्टि उसने प्रयोगों और गणितीय विवेचनों द्वारा की है। न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण का नियम इसके बाद सर आइज़क न्यूटन ने अपनी मौलिक खोजों के आधार पर बताया कि केवल पृथ्वी ही नहीं, अपितु विश्व का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। दो कणों के बीच कार्य करनेवाला आकर्षण बल उन कणों की संहतियों के गुणनफल का (प्रत्यक्ष) समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) तथा उससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) कहा जाता है। न्यूटन द्वारा प्रतिपादित उपर्युक्त नियम को न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम (Law of Gravitation) कहते हैं। कभी-कभी इस नियम को "गुरुत्वाकर्षण का प्रतिलोम वर्ग नियम" (Inverse Square Law) भी कहा जाता है। उपर्युक्त नियम को सूत्र रूप में इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है: मान लिया m1 और संहति वाले m2 दो पिंड परस्पर d दूरी पर स्थित हैं। उनके बीच कार्य करनेवाले बल F का मान होगा:; F .

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नीदरलैण्ड

नीदरलैण्ड नीदरलैंड युरोप महाद्वीप का एक प्रमुख देश है। यह उत्तरी-पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसकी उत्तरी तथा पश्चिमी सीमा पर उत्तरी समुद्र स्थित है, दक्षिण में बेल्जियम एवं पूर्व में जर्मनी है। नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम है। "द हेग" को प्रशासनिक राजधानी का दर्जा दिया जाता है। नीदरलैंड को अक्सर हॉलैंड के नाम संबोधित किया जाता है एवं सामान्यतः नीदरलैंड के निवासियों तथा इसकी भाषा दोनों के लिए डच शब्द का उपयोग किया जाता है। .

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प्रकाश

सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित एक मेघ प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य दृश्य सीमा के भीतर होती है। तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में किसी भी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश का मूल कण फ़ोटान होता है। प्रकाश की तीन प्रमुख विमायें निम्नवत है।.

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भौतिक शास्त्र

भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। .

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भौतिक विज्ञानी

अल्बर्ट आइंस्टीन, जिन्होने सामान्य आपेक्षिकता का सिद्धान्त दिया भौतिक विज्ञानी अथवा भौतिक शास्त्री अथवा भौतिकीविद् वो वैज्ञानिक कहलाते हैं जो अपना शोध कार्य भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में करते हैं। उप-परवमाणविक कणों (कण भौतिकी) से लेकर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड तक सभी परिघटनाओं का अध्ययन करने वाले लोग इस श्रेणी में माने जाते हैं। .

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रॉयल सोसायटी

लन्दन में रायल सोसायटी का भवन रायल सोसायटी (इसका पूरा नाम, "Royal Society of London for the Improvement of Natural Knowledge" है) विज्ञान के विकास को गति देने के लिये स्थापित विद्वानों की संस्था (learned society) है। इसकी स्थापना सन् १६६० में हुई थी और अधिकांश लोग इसे अपने तरह की संसार की सबसे पुरानी संस्था मानते हैं जो अब भी काम कर रही है। .

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लेंस

ताल का चित्र ताल का उपयोग प्रकाश को फोकस करने के लिये किया जा सकता है ताल (लेंस) एक प्रकाशीय युक्ति है जो प्रकाश के अपवर्तन के सिद्धान्त पर काम करता है। ताल गोलीय, बेलनाकार आदि जैसे नियमित, ज्यामिती रूप की दो सतहों से घिरा हुआ पारदर्शक माध्यम, जिससे अपवर्तन के पश्चात् किसी वस्तु का वास्तविक अथवा काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है, ताल कहलाता है। उत्तल (convex) ताल मसूर की आकृति का होता है। ताल की सतह प्राय: गोलीय (spherical) होती है, परंतु आवश्यकतानुसार बेलनाकर, या अगोली ताल भी प्रयुक्त होते हैं। आँख के क्रिस्टलीय ताल ही एकमात्र प्राकृतिक ताल है। हजारों वर्ष पहले भी लोग ताल के विषय में जानते थे और माइसनर (Meissner) के अनुसार प्राचीन काल में भी चश्मे से लाभ उठाया जाता था। चश्में के अलावा प्रकाशविज्ञान में ताल का उपयोग दूरदर्शी, सूक्ष्मदर्शी, प्रकाशस्तंभ, द्विनेत्री (बाइनॉक्युलर) इत्यादि में होता है। .

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लोलक

"सरल गुरुत्वीय लोलक" शून्य वायु-घर्षण एवं प्रतिरोध मानकर किसी खूंटी से लटके ऐसे भार को लोलक (pendulum) कहते हैं जो स्वतंत्रतापूर्वक आगे-पीछे झूल सकता हो। झूला इसका एक व्यावहारिक उदाहरण है। .

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शनि

कोई विवरण नहीं।

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स्फटिक

एक शैल क्वार्ट्ज क्रिसटल स्फटिक या क्वार्ट्ज (Quartz) एक खनिज है। यह रेत एवं ग्रेनाइट का मुख्य घटक है। पृथ्वी के महाद्वीपीय भू-पर्पटी (क्रस्ट) पर क्वार्ट्ज दूसरा सर्वाधिक पाया जाने वाला खनिज है (पहला, फेल्सपार है)। यह SiO4 के सिलिकन-आक्सीजन चतुष्फलकी से बना होता है जिसमें प्रत्येक आक्सीजन दो चतुष्फलकियों में साझा होता है। इस प्रकार इसका प्रभावी अणुसूत्र SiO2 है। क्वार्टज अनेकों प्रकार के होते हैं। इनमें से कई अर्ध-मूल्यवान (semi-precious) रत्न हैं। विशेषतः यूरोप और मध्यपूर्व में तरह-तरह के क्वार्ट्ज अतिप्राचीन काल से आभूषण बनाने के काम में लिए जाते रहे हैं। क्वार्ट्ज शब्द ('quartz') जर्मन शब्द 'Quarz' से निकला है जिसका अर्थ 'कठोर' होता है। .

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हाइगेंस का सिद्धांत

हाइगेन्स-फ्रेसनेल सिद्धान्त (Huygens–Fresnel principle) तरंग गति के विश्लेषण से सम्बन्धित एक विधि है जो निकट-क्षेत्र विवर्तन तथा दूर-क्षेत्र विवर्तन दोनों के विश्लेषण में सहायता करता है। श्रेणी:तरंग श्रेणी:तरंग यान्त्रिकी.

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व्यतिकरण (तरंगों का)

दो वृत्तीय तरंगों का व्यतिकरण व्यतिकरण (Interference) से किसी भी प्रकार की तरंगों की एक दूसरे पर पारस्परिक प्रक्रिया की अभिव्यक्ति होती है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ विशेष स्थितियों में कंपनों और उनके प्रभावों में वृद्धि, कमी या उदासीनता आ जाती है। व्यतिकरण का विस्तृत अध्ययन विशाल विभेदन शक्ति वाले सभी यंत्रों के मूल में काम करता है। भौतिक प्रकाशिकी में इस धारण का समावेश टॉमस यंग (Thomas Young) ने किया। उनके बाद व्यतिकरण का व्यवहार किसी भी तरह की तरंगों या कंपनों के समवेत या तज्जन्य प्रभावों को व्यक्त करने के लिए किया जाता रहा है। संक्षेप में किसी भी तरह की (जल, प्रकाश, ध्वनि, ताप या विद्युत् से उद्भूत) तरंगगति के कारण लहरों के टकराव से उत्पन्न स्थिति को व्यतिकरण की संज्ञा दी जाती है। जब कभी जल या अन्य किसी द्रव की सतह पर दो भिन्न तरंगसमूह एक साथ मिलें तो व्यतिकरण की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जहाँ एक तरंगसमूह से संबंद्ध लहरों के तरंगश्रृंगों का दूसरी शृंखला से संबद्धलहरों के तंरगश्रृंगों से सम्मिलिन होता है, वहाँ द्रव की सतह का उन्नयन उस स्थान पर लहरों के स्वतंत्र और एकांत अस्तित्व के संभव उन्नयनों के योग के बराबर होता है। जब तरंगों में से एक के तरंगश्रृंग का दूसरे के तरंगगर्त पर समापातन होता है, तब द्रव की सतह पर तरंगों का उद्वेलन कम हो जाता है और प्रतिफलित उन्नयन (या अवनयन) एक तरंग अवयव (component) के उन्नयन और दूसरे के अवनयन के अंतर के बराबर होता है। ध्वनि में उत्पन्न विस्पंद (beats) इसी व्यतिकरण का एक साधारण रूप है, जहाँ दो या दो से अधिक तरंगसमूह, जिनके तरंगदैर्ध्य में मामूली सा अंतर होता है, करीब एक ही दिशा में अग्रसर होते हुए मिलते हैं। .

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खगोल शास्त्र

चन्द्र संबंधी खगोल शास्त्र: यह बडा क्रेटर है डेडलस। १९६९ में चन्द्रमा की प्रदक्षिणा करते समय अपोलो ११ के चालक-दल (क्रू) ने यह चित्र लिया था। यह क्रेटर पृथ्वी के चन्द्रमा के मध्य के नज़दीक है और इसका व्यास (diameter) लगभग ९३ किलोमीटर या ५८ मील है। खगोल शास्त्र, एक ऐसा शास्त्र है जिसके अंतर्गत पृथ्वी और उसके वायुमण्डल के बाहर होने वाली घटनाओं का अवलोकन, विश्लेषण तथा उसकी व्याख्या (explanation) की जाती है। यह वह अनुशासन है जो आकाश में अवलोकित की जा सकने वाली तथा उनका समावेश करने वाली क्रियाओं के आरंभ, बदलाव और भौतिक तथा रासायनिक गुणों का अध्ययन करता है। बीसवीं शताब्दी के दौरान, व्यावसायिक खगोल शास्त्र को अवलोकिक खगोल शास्त्र तथा काल्पनिक खगोल तथा भौतिक शास्त्र में बाँटने की कोशिश की गई है। बहुत कम ऐसे खगोल शास्त्री है जो दोनो करते है क्योंकि दोनो क्षेत्रों में अलग अलग प्रवीणताओं की आवश्यकता होती है, पर ज़्यादातर व्यावसायिक खगोलशास्त्री अपने आप को दोनो में से एक पक्ष में पाते है। खगोल शास्त्र ज्योतिष शास्त्र से अलग है। ज्योतिष शास्त्र एक छद्म-विज्ञान (Pseudoscience) है जो किसी का भविष्य ग्रहों के चाल से जोड़कर बताने कि कोशिश करता है। हालाँकि दोनों शास्त्रों का आरंभ बिंदु एक है फिर भी वे काफ़ी अलग है। खगोल शास्त्री जहाँ वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग करते हैं जबकि ज्योतिषी केवल अनुमान आधारित गणनाओं का सहारा लेते हैं। .

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खगोल विज्ञानी

खगोल विज्ञानी अथवा खगोल शास्त्री वे वैज्ञानिक अध्ययनकर्ता हैं जी आकाशीय पिण्डों, उनकी गतियों और अंतरिक्ष में मौजूद विविध प्रकार की चीजों की खोज और अध्ययन का कार्य करते हैं। पश्चिमी संस्कृति में गैलीलियो नामक खगोल विज्ञानी को आधुनिक खगोलशास्त्र का पिता माना जाता है। हालाँकि कुछ लोग यह नाम कॉपरनिकस को देते हैं। .

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गणितज्ञ

लियोनार्ड यूलर को हमेशा से एक प्रसिद्ध गणितज्ञ माना गया है एक गणितज्ञ वह व्यक्ति होता है जिसके अध्ययन और अनुसंधान का प्राथमिक क्षेत्र गणित ही रहता है। .

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अभिकेन्द्रीय बल

किसी पिण्ड के तात्क्षणिक वेग के लम्बवत दिशा में गतिपथ के केन्द्र की ओर लगने वाला बल अभिकेन्द्रीय बल (Centripetal force) कहलाता है। अभिकेन्द्र बल के कारण पिण्ड वक्र-पथ पर गति करती है (न कि रैखिक पथ पर)। उदाहरण के लिये वृत्तीय गति का कारण अभिकेन्द्रीय बल ही है। \mathbf .

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अभ्रक

चट्टान में उपस्थित माइका परतदार माइका अभ्रक (अंग्रेजी:Mica) एक बहुपयोगी खनिज है जो आग्नेय एवं कायांतरित चट्टानों में खण्डों के रूप में पाया जाता हैं। इसे बहुत पतली-पतली परतों में चीरा जा सकता है। यह रंगरहित या हलके पीले, हरे या काले रंग का होता है। अभ्रक एक जटिल सिलिकेट यौगिक है। इसमें पोटेशियम, सोडियम और लिथियम जैसे क्षारीय पदार्थ भी मिले रहते हैं। आग्नेय चट्टानों में प्राय: अभ्रक पाया जाता है। वायु तथा धूप आदि से प्रभावित होकर कभी-कभी सिलिकेट खनिज भी अभ्रक में बदल जाता है। .

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उपग्रह

ERS 2) अन्तरिक्ष उड़ान (spaceflight) के संदर्भ में, उपग्रह एक वस्तु है जिसे मानव (USA 193) .

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क्रिश्चियन हुय्गेंस, क्रिस्टियन हुगेन्स

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