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कौशी समस्या

सूची कौशी समस्या

कौशी समस्या गणित में उन आंशिक अवकल समीकरणों के हल से सम्बंधित है जो कुछ शर्तों का पालन करती हैं जो प्रांत के ऊनविम पृष्‍ठ पर दिए गये हैं। कौशी समस्या एक प्रारंभिक मान समस्या अथवा एक परिसीमा मान समस्या (इसके लिए कौशी परिसीमा प्रतिबंध देखें।) हो सकती है लेकिन यह इनमें से कोई भी नहीं है। इसका नामकरण ऑगस्टिन लुइस कौशी के नाम से किया गया। माना Rn पर एक आंशिक अवकल समीकरण परिभाषित की जाती है और माना n − 1 विमा का एक मसृण प्रसमष्‍टि S ⊂ Rn है (S को कौशी फलक भी कहते हैं)। तब कौशी समस्या द्वारा अवकल समीकरण का हल u ज्ञात किया जाता है जो निम्न समीकरण को सन्तुष्ट करता है: जहाँ f_k, S (जिसे समस्या के लिए एकत्र रूप से कौशी डाटा के नाम से भी जाना जाता है) पर परिभाषित फलन है, n, S पर अभिलंब सदिश सदिश है और κ अवकल समीकरण की कोटि को दर्शाता है। कौशी–कोवलेस्किआ प्रमेय के अनुसार कुछ प्रतिबन्धों के अन्तर्गत कौशी समस्या का हल अद्वितीय होता है, जिनमें से महत्वपूर्ण यह है कि कौशी डाटा और आंशिक अवकल समीकरण के गुणांक वास्तविक विश्लेषी फलन होते हैं। .

6 संबंधों: ऊनविम पृष्ठ, मैथवर्ल्ड, विश्लेषणात्मक फलन, गणित, ओग्युस्तें लुई कौशी, आंशिक अवकल समीकरण

ऊनविम पृष्ठ

ज्यामिति में ऊनविम पृष्ठ, ऊनविम समतल (अधिसमतल) की अवधारणा का व्यापकीकरण है। माना एक आच्छदक बहुमुख M, n-विमिय है तब M का कोई भी n-1 विमिय उपबहुमुख एक ऊनविम समतल है। समान रूप से ऊनविम समतल की न्यूनता एक है। उदाहरण के लिए Rn + 1 में ''n''-विमिय गोले को ऊनविम गोलक (अधिगोलक) कहा जाता है। .

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मैथवर्ल्ड

मैथवर्ल्ड गणितीय समीकरणों और परिभाषाओं को समझाने के लिया बनाया गया वेबसाईट है। गणित के सूत्रों को समझने के संदर्भ में इस वेबसाईट की लोकप्रियता बढ़ रही है। इसकी शुरुआत एरिक वीस्टीन ने की थी जिसे स्टीफ़न वोल्फ़्रम ने इंटरनेट पर पहुँचाया। यह वोलफ़्रम रिसर्च समूह का हिस्सा है। श्रेणी: गणित श्रेणी: गणितीय वेबसाईट.

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विश्लेषणात्मक फलन

गणित में विश्लेषणात्मक फलन वह फलन कहलाता है जिसे अभिसारी बहुघात श्रेणी में बदला जा सके। वास्तविक व समिश्र दोनों तरह के विश्लेषणात्मक फलन पाये जाते हैं जिनके जिनकी श्रेणियाँ कुछ समानता व कुछ भिन्नता के साथ होती हैं। .

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गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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ओग्युस्तें लुई कौशी

ओग्युस्तें लुई कोशी ओग्युस्तें लुई कोशी (Augustin Louis Cauchy / 21 अगस्त 1789 – 23 मई 1857 ई.) फ्रांस के गणितज्ञ थे। वे गणितीय विश्लेषण के अग्रदूत थे। इसके अलावा उन्होने अनन्त श्रेणियों के अभिसार/अपसार, अवकल समीकरण, सारणिक, प्रायिकता एवं गणितीय भौतिकी में भी उल्लेखनीय दोगदान दिया। वे फ्रांस की विज्ञान अकादमी के सदस्य तथा 'इकोल पॉलीटेक्निक' (इंजीनियरी महाविद्यलय) के प्रोफेसर भी थे। कौशी के नाम पर जितने प्रमेयों एवं संकल्पनाओं (concepts) का नामकरण हुआ है, उतना किसी और गणितज्ञ के नाम पर नहीं। उन्होने अपने जीवनकाल में ८०० शोधपत्र तथा पाँच पाठ्यपुस्तकें लिखी। .

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आंशिक अवकल समीकरण

गणित में आंशिक अवकल समीकरण वो अवकल समीकरणें होती हैं जिनमें बहुचर फलन और उनके आंशिक अवकल होते हैं। (यह साधारण अवकल समीकरणों से भिन्न है जिनमें एक ही चर और उसके अवकलों में बंटा हुआ होता है। आंशिक अवकल समीकरणों का उपयोग उन समस्याओं को हल करने में प्रयुक्त किया जाता है जो विभिन्न स्वतंत्र चरों की फलन होती हैं एवं जिन्हें साधारणतया हल कर सकते हैं अथवा हल करने के लिए अभिकलित्र प्रोग्राम बनाया जा सके। आंशिक अवकल समीकरणो का उपयोग विभिन्न दृष्टिगत घटनाओं यथा ध्वनि, ऊष्मा, स्थिरवैद्युतिकी, विद्युत-गतिकी, द्रव का प्रवाह, प्रत्यास्थता या प्रमात्रा यान्त्रिकी को समझने में किया जा सकता है। ये पृथक प्रतीत होने वाली प्रक्रियाओं को आंशिक अवकल समीकरणों के रूप में सूत्रित किया जा सकता है। .

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