सामग्री की तालिका
5 संबंधों: टोएपलित्ज़ आव्यूह, एकैकी फलन, गणित, आव्यूह, क्षेत्र (गणित)।
- मैट्रिक्स
- सारणिक
टोएपलित्ज़ आव्यूह
रैखिक बीजावली में टोएपलित्ज़ आव्यूह (Toeplitz matrix) अथवा नियत-विकर्ण आव्यूह का नामकरण ओटो टोएपलित्ज़ के सम्मान में किया गया एक ऐसा आव्यूह है जिसमें प्रत्येक अवरोही विकर्ण बायें से दाएं नियत रहता है। उदाहरण के लिए निम्न आव्यूह एक टोएपलित्ज़ आव्यूह है: \begin a & b & c & d & e \\ f & a & b & c & d \\ g & f & a & b & c \\ h & g & f & a & b \\ i & h & g & f & a \end.
देखें कौशी आव्यूह और टोएपलित्ज़ आव्यूह
एकैकी फलन
एकैकी फलन (किन्तु यह बाइजेक्टिव नहीं है) एकैकी फलन जो बाइजेक्टिव भी है। अनैकैकी फलन - जो वस्तुतः 'सर्जेक्टिव' है। गणित में ऐसे फलन एकैकी फलन या अंतःक्षेपी कहलाते हैं जो डोमेन के एक से अधिक अवयवों को सहडोमेन के एक ही अवयव से प्रतिचित्रण नहीं करते। दूसरे शब्दों में, सहडोमेन का प्रत्येक अवयव डोमैन के अधिकतम एक अवयव से ही प्रतिचित्रित होता है। यदि कोई फलन एकैकी होने के अलावा यह भी शर्त पूरा करता है कि कोडोमेन के सभी अवयव डोमेन के किसी न किसी अवयव से प्रतिचित्रित हों, तो ऐसे फलन को बाइजेक्टिव फलन कहते हैं। .
देखें कौशी आव्यूह और एकैकी फलन
गणित
पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .
देखें कौशी आव्यूह और गणित
आव्यूह
'''आव्यूह की संरचना''' गणित में आव्यूह एक अदिश राशियों से निर्मित आयताकार रचना है। यह आयताकार रचना लघु कोष्ठक "()", दोहरे दण्ड "|| ||" अथवा दीर्घ कोष्ठक "" के अन्दर बंद होती है। इसमें संख्याओं का एक विशेष प्रकार का विन्यास किया जाता है, अत: इसे आव्यूह, या मैट्रिक्स, की संज्ञा दी गई है। मैट्रिक्स के अवयव संख्याएँ होती हैं किन्तु ये ऐसी कोई भी अमूर्त वस्तु हो सकती है जिनका गुणा किया जा सके एवं जिन्हें जोड़ा जा सके। .
देखें कौशी आव्यूह और आव्यूह
क्षेत्र (गणित)
गणित में क्षेत्र (field) ऐसा समुच्चय होता है जिसमें जोड़, घटाना, गुणा और विभाजन परिभाषित हों और वहीं अर्थ रखें जो वे परिमेय संख्याओं और वास्तविक संख्याओं के लिए रखते हैं। क्षेत्रों का बीजगणित, संख्या सिद्धान्त और गणित की कई शाखाओं में महत्व है। परिमेय संख्याओं का क्षेत्र और वास्तविक संख्याओं का क्षेत्र सबसे अधिक प्रयोग होने वाले क्षेत्र हैं, हालांकि सम्मिश्र संख्याओं का क्षेत्र गणित के अलावा विज्ञान व अभियान्त्रिकी में भी प्रयोग होता है। .
देखें कौशी आव्यूह और क्षेत्र (गणित)
यह भी देखें
मैट्रिक्स
- आव्यूह
- ऐकिक आव्यूह
- कौशी आव्यूह
- गामा आव्यूह
- टोएपलित्ज़ आव्यूह
- ब्रह्मगुप्त मैट्रिक्स
- माया वर्ग
- वर्ग आव्यूह
- व्यूहों की सूची
सारणिक
- कौशी आव्यूह
- क्रैमर-नियम
- सारणिक