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कैनेडी स्पेस सेंटर प्रक्षेपण परिसर 39

सूची कैनेडी स्पेस सेंटर प्रक्षेपण परिसर 39

प्रक्षेपण परिसर 39 (Launch Complex 39) कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा में स्थित राकेट प्रक्षेपण स्थल है। इसका प्रयोग सैटर्न V और स्पेस शटल जैसे राकेट लांच करने में हुआ था। इस प्रक्षेपण परिसर से ही मानव को चाँद पे भेजा गया था। तथा भविष्य में इस प्रक्षेपण परिसर का प्रयोग स्पेस लांच सिस्टम को लांच करने में होगा। .

8 संबंधों: नासा, फाल्कन हैवी, स्पेस लांच सिस्टम, कैनेडी स्पेस सेंटर, अटलांटिस अंतरिक्ष यान, अपोलो 10, अपोलो 4, अंतरिक्ष शटल

नासा

नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (हिन्दी अनुवाद:राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबंधन; National Aeronautics and Space Administration) या जिसे संक्षेप में नासा (NASA) कहते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है। फ़रवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य "भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना" है। 14 सितंबर 2011 में नासा ने घोषणा की कि उन्होंने एक नए स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिज़ाइन का चुनाव किया है जिसके चलते संस्था के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में और दूर तक सफर करने में सक्षम होंगे और अमेरिका द्वारा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे। नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था। इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया। तब से आज तक अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण के सारे कार्यक्रम नासा द्वारा संचालित किए गए हैं जिनमे अपोलो चन्द्रमा अभियान, स्कायलैब अंतरिक्ष स्टेशन और बाद में अंतरिक्ष शटल शामिल है। वर्तमान में नासा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को समर्थन दे रही है और ओरायन बहु-उपयोगी कर्मीदल वाहन व व्यापारिक कर्मीदल वाहन के निर्माण व विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। संस्था लॉन्च सेवा कार्यक्रम (एलएसपी) के लिए भी जिम्मेदार है जो लॉन्च कार्यों व नासा के मानवरहित लॉन्चों कि उलटी गिनती पर ध्यान रखता है। .

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फाल्कन हैवी

फाल्कन हैवी (Falcon Heavy) आंशिक रूप से पुन: प्रयोज्य हैवी लिफ्ट लॉन्च वाहन है जिसे स्पेसएक्स द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। यह फाल्कन 9 के आधार पर बनाया गया है। इसकी पृथ्वी की निचली कक्षा मे भार ले जाने की क्षमता 63,800 किलोग्राम (140,700 पाउंड) हैं। फाल्कन हैवी सैटर्न 5, एनेर्ग्य और एन1 (रॉकेट) के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ी क्षमता वाला रॉकेट है और 2018 में संचलित सबसे शक्तिशाली रॉकेट बनाया गया था। स्पेसएक्स ने 6 फरवरी, 2018 को 3:45 बजे ईएसटी (20:45 यूटीसी) पर फाल्कन हेवी का पहला प्रक्षेपण किया। रॉकेट स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क की एक टेस्ला रोडस्टर कार को एक डमी पेलोड के रूप में लेकर गया था।.

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स्पेस लांच सिस्टम

स्पेस लांच सिस्टम (Space Launch System or SLS) एक अमेरिकी विकासाधीन प्रक्षेपण यान है। इसका प्रयोग अंतरिक्ष यात्रियों को चांद तथा मंगल की सतह पर उतारने में किया जायेगा। .

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कैनेडी स्पेस सेंटर

जॉन एफ.

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अटलांटिस अंतरिक्ष यान

अटलांटिस अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक अंतरिक्ष यान है। अक्टूबर 1985 में इसने पहली बार उड़ान भरी। श्रेणी:अंतरिक्ष यान.

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अपोलो 10

श्रेणी:अपोलो कार्यक्रम श्रेणी:अमेरिका के चन्द्र अभियानों की सूची‎.

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अपोलो 4

श्रेणी:अपोलो कार्यक्रम श्रेणी:अमेरिका के चन्द्र अभियानों की सूची‎.

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अंतरिक्ष शटल

अंतरिक्ष शटल संयुक्त राज्य अमरीका में नासा द्वारा मानव सहित या रहित उपग्रह यातायात प्रणाली को कहा जाता है। यह शटल पुन: प्रयोगनीय यान होता है और इसमें कंप्यूटर डाटा एकत्र करने और संचार के तमाम यंत्र लगे होते हैं।|हिन्दुस्तान लाइव|२७ दिसम्बर २००९ इसमें सवार होकर ही वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पहुंचते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के खाने-पीने और यहां तक कि मनोरंजन के साजो-सामान और व्यायाम के उपकरण भी लगे होते हैं। अंतरिक्ष शटल को स्पेस क्राफ्ट भी कहा जाता है, किन्तु ये अंतरिक्ष यान से भिन्न होते हैं। इसे एक रॉकेट के साथ जोड़कर अंतरिक्ष में भेजा जाता है, लेकिन प्रायः यह सामान्य विमानों की तरह धरती पर लौट आता है। इसे अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए कई बार प्रयोग किया जा सकता है, तभी ये पुनःप्रयोगनीय होता है। इसे ले जाने वाले रॉकेट ही अंतरिक्ष यान होते हैं। आरंभिक एयरक्राफ्ट एक बार ही प्रयोग हो पाया करते थे। शटल के ऊपर एक विशेष प्रकार की तापरोधी चादर होती है। यह चादर पृथ्वी की कक्षा में उसे घर्षण से पैदा होने वाली ऊष्मा से बचाती है। इसलिए इस चादर को बचाकर रखा जाता है। यदि यह चादर न हो या किसी कारणवश टूट जाए, तो पूरा यान मिनटों में जलकर खाक हो जाता है। चंद्रमा पर कदम रखने वाले अभियान के अलावा, ग्रहों की जानकारी एकत्र करने के लिए जितने भी स्पेसक्राफ्ट भेजे जाते है, वे रोबोट क्राफ्ट होते है। कंप्यूटर और रोबोट के द्वारा धरती से इनका स्वचालित संचालन होता है। चूंकि इन्हें धरती पर वापस लाना कठिन होता है, इसलिए इनका संचालन स्वचालित रखा जाता है। चंद्रमा के अलावा अभी तक अन्य ग्रहों पर भेजे गये शटल इतने लंबे अंतराल के लिये जाते हैं, कि उनके वापस आने की संभावना बहुत कम या नहीं होती है। इस श्रेणी का शटल वॉयेजर १ एवं वॉयेजर २ रहे हैं। स्पेस शटल डिस्कवरी कई वैज्ञानिकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत करने और अध्ययन के लिए अंतरिक्ष में गया था। .

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