सामग्री की तालिका
4 संबंधों: पोपलर, फ़सल, मिश्रित खेती, वृक्ष।
- उष्णकटिबंधीय कृषि
- कृषि और पर्यावरण
- जैविक कृषि
- वन प्रबन्धन
- वन-सम्बन्धी पर्यावरणीय मुद्दे
- संधारणीय कृषि
- संधारणीय वन प्रबन्धन
पोपलर
कनाडा का पोपलर पोपलर (Populus) एक वृक्ष है। इसकी 25–35 जातियाँ हैं। यह उत्तरी गोलार्ध में पाया जाता है। पॉपलर शीघ्र बढ़ने वाला पतझड़ होने वाला वृक्ष है। इसका वृक्ष १५ से ५० मीटर ऊँचा होता है। इसका तना २.५ मीटर तक व्यास वाला हो सकता है। सर्दी के मौसम में भी पत्ते न होने के कारण कृषि खाद्यान्न, सब्जियों, मसालों, तिलहनों तथा दलहन वाली फसलों को आसानी से उगाया जा सकता है। .
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फ़सल
पंजाब राज्य के एक ग्रामीण घर में सूखती फ़सल फसल या सस्य किसी समय-चक्र के अनुसार वनस्पतियों या वृक्षों पर मानवों व पालतू पशुओं के उपभोग के लिए उगाकर काटी या तोड़ी जाने वाली पैदावार को कहते हैं।, pp.
देखें कृषिवानिकी और फ़सल
मिश्रित खेती
जब फसलों के उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन भी किया जाता है तो इसे मिश्रित कृषि या मिश्रित खेती (Mixed farming) कहते हैं। फसलोत्पादन के‚ साथ-साथ जब पशुपालन भी आय का स्रोत हो तो ऐसी खेती को मिश्रित खेती कहते हैं। मिश्रित् खेती में फसलोत्पादन के साथ केवल दुधारू गाय एवं भैंस पालन तक ही सीमित रखा गया है। जब फसलोत्पादन के साथ गाय-भैंस के अलावा भेड़, बकरी अथवा मुर्गी-पालन भी किया जाता है तब ऐसे प्रक्षेत्र को विविधकरण खेती की श्रेणी में रखा जाता है। बैलों का पालन डेरी व्यवसाय के रूप में नहीं देखा जाता है। भारत में पहले से भी मिश्रित् खेती होती आ रही है मिश्रित् खेती क्यों? मिश्रित खेती कहीं पर लाभ के उद्देश्य से किया जाता है तो कहीं मजबूरी के कारण। जैसे किसी क्षेत्र विशेष में अगर पशुओं की महामारी होने की सम्भावना संभावना रहती है तो केवल फसल उत्पादन ही कर पाता है और यदि फसलों में बीमारी होने की सम्भावना हो तो कृषक अपने अजीविका के लिये पशुपालन की तरफ देखता है। .
देखें कृषिवानिकी और मिश्रित खेती
वृक्ष
fdgfdf c/xdfffffgfg/ffggg एक वृक्ष वृक्ष का सामान्य अर्थ ऐसे पौधे से होता है जिसमें शाखाएँ निकली हों, जो कम से कम दो-वर्ष तक जीवित रहे, जिससे लकड़ी प्राप्त हो। वृक्ष की एक जड़ होती है जो प्रायः ज़मीन के अन्दर में होती है, तथा जड़ से निकलकर तना तथा पत्तियां हवा में रहते हैं। यह प्रदूषण कम करने में कारगर सिद्ध हुआ है। पर लकड़ियो तथा ज़मीन की आवश्यकताओं के कारण लोग इसे काटते जा रहे हैं। .
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यह भी देखें
उष्णकटिबंधीय कृषि
- अंगूरफल
- अनानास
- अरबी सब्जी
- अरहर दाल
- अरारोट
- आरेकेसिए
- कटहल
- कसावा
- काजू
- कृषिवानिकी
- केला
- क्विन्वा
- खजूर
- गन्ना
- चावल
- चौलाई
- जीविका कृषि
- झूम कृषि
- ताड़ का तेल
- नारियल
- नीबू
- पपीता
- भिण्डी
- मक्का (अनाज)
- रूचिरा
- शकरकन्द
- संतरा (फल)
- सहजन
- साबूदाना
कृषि और पर्यावरण
- कृषिवानिकी
- प्राकृतिक खेती
- स्थानान्तरी कृषि
जैविक कृषि
- कृषि पारिस्थितिकी
- कृषिवानिकी
- जैविक खेती
- धरण
- प्राकृतिक खेती
- शाकीय विज्ञान
वन प्रबन्धन
- कृषिजोपजाति
- कृषिवानिकी
- गुल्म
- झूम कृषि
- पादप प्रवर्धन
- पौधशाला
- बाग़ान
- वनवर्धन
- वृक्षसंवर्धन
- वृक्षारोपण
- स्थानान्तरी कृषि
वन-सम्बन्धी पर्यावरणीय मुद्दे
संधारणीय कृषि
- अंतरासस्यन
- अत्यधिक चराई
- औषधीय पादपों की सूची
- कृषि की उत्तम पद्धतियाँ
- कृषि पारिस्थितिकी
- कृषिवानिकी
- जुताई रहित कृषि
- धान उत्पादन की मेडागास्कर विधि
- धान का खेत
- मृदा संरक्षण
- सस्य आवर्तन
संधारणीय वन प्रबन्धन
- कृषिवानिकी
- पर्यावास विखंडन
कृषि वानिकी के रूप में भी जाना जाता है।