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कालाकांकर

सूची कालाकांकर

कालाकांकर या कालाकाँकर एक प्रसिद्ध रियासत और शहर है, जो प्रतापगढ़ जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। यहाँ हिन्दी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानन्दन पन्त रहते थे। आपके आवास का नाम नक्षत्र है, जो कि कालाकाँकर का प्रथम प्राकृतिक आवास है। .

7 संबंधों: प्रतापगढ़ जिला, रियासत, सुमित्रानन्दन पन्त, हिन्दी, विजईमऊ कोट(रियासत), अवधी, उत्तर प्रदेश

प्रतापगढ़ जिला

उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत प्रतापगढ़ जिला प्रतापगढ़ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसे को बेला, बेल्हा, परतापगढ़, या प्रताबगढ़ भी कहा जाता है। यह प्रतापगढ़ जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है। इसे लोग बेल्हा भी कहते हैं, क्योंकि यहां बेल्हा देवी मंदिर है जो कि सई नदी के किनारे बना है। इस जिले को ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां के विधानसभा क्षेत्र पट्टी से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इस धरती को राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्म स्थली के नाम से भी जाना जाता है। .

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रियासत

रियासत ब्रिटिश राज के दौरान हिन्दुस्तान में हिन्दू राजा-महाराजाओं व मुस्लिम शासकों जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में नवाब कहा जाता था, के स्वामित्व में स्वतन्त्र इकाइयों को कहा जाता था। भारत १५ अगस्त,१९४७ को ब्रिटिश आधिपत्य से मुक्त हुआ। इससे पहले जब यहाँ की पूरी केन्द्रीय शासन व्यवस्था ब्रिटिश शासन के अधीन थी उस समय भी ऐसी बहुत सी इकाइयाँ (अथवा क्षेत्र) स्वतन्त्र रूप से स्थानीय राजाओं व नवाबों के अधीन थीं। उस समय इन क्षेत्रों को रियासत कहा जाता था। १५ अगस्त,१९४७ को स्वतन्त्रता से पूर्व हिन्दुस्तान में ५६५ रियासतें थीं। .

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सुमित्रानन्दन पन्त

सुमित्रानंदन पंत (२० मई १९०० - २९ दिसम्बर १९७७) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है। उनका जन्म कौसानी बागेश्वर में हुआ था। झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा-किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने। निसर्ग के उपादानों का प्रतीक व बिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता रही। उनका व्यक्तित्व भी आकर्षण का केंद्र बिंदु था। गौर वर्ण, सुंदर सौम्य मुखाकृति, लंबे घुंघराले बाल, सुगठित शारीरिक सौष्ठव उन्हें सभी से अलग मुखरित करता था। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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विजईमऊ कोट(रियासत)

विजईमऊ कोट का इतिहास (१८००) विजईमऊ कोट के तालुकेदार लाल कन्हैैया बक्स सिंह थे। उनके दो पुत्र थे ज्येष्ठ पुत्र हनुमत सिंह अौर क्निष्ट पुत्र माधव सिंह थे माधव सिंह जी के दो पुत्र थे ज्येष्ठ पुत्र मोहबल सिंह अौर क्निष्ट पुत्र शिवदऱशन सिंह थे। शिवदऱशन सिंह जी के चार पुत्र थे रमलला सिंह अौर दुसरे इंजीनिअर समशेर बहादुर सिंह अौर तीसरे काली प्रताप सिंह चौथे नरसिह बहादुर सिंह अौर दो पुत्री थी सुखपाल कुवर वा छतपाल कुवर थी। सुखपाल कुवर का जी का विवाह राजा प्रताप सिंह जी के बडे़ भाई के साथ हुआ था, जिनके कोई पुत्र नही थे। अौर दुसरे पुत्री का विवाह ग्वालियर राजघाराने मे हुआ था इनके भी कोई संन्तान नही थे। रमलला सिंह- रमलला सिंह जी के दो पुत्र थे। ज्येष्ठ पुत्र उदीतनारयण सिंह अौर क्निष्ट नरेश बहादुर सिंह थे। ज्येष्ठ पुत्र के एक पुत्र थे फतेबाहादुर सिंह अौर क्निष्ट पुत्र के तीन पुत्र थे अौर एक पुत्री थी। ज्येष्ठ पुत्र अमर बहादुर सिंह अौर दुसरे पुत्र अलखनारयण सिंह, तीसरे पुत्र देवनारयण सिंह थे। बाबू अमर बहादुर सिंह- अमर बहादुर सिंह जी के दो पुत्र अौर दो पुत्री ज्येष्ठ पुत्र बीरपाल सिंह अौर क्निष्ट पुत्र इंजीनिअर त्रिलोचन सिंह। ज्येष्ठ पुत्री चंदावती सिंह अौर क्निष्ट पुत्री मनोरमा देवी सिंह। बाबू बीरपाल सिंह जी के दो पुत्र। ज्येष्ठ पुत्र नरेन्र सिंह अौर क्निष्ट पुत्र भूपेन्र सिंह। बाबू त्रिलोचन सिंह जी के दो पुत्र अौर दो पुत्री ज्येष्ठ पुत्र सयलेनदर सिंह अौर इंजीनिअर देवेन्र सिंह। ज्येष्ठ पुत्र के दो पुत्र अौर एक पुत्री। ज्येष्ठ पुत्र सुसांत सिंह अौर क्निष्ट पुत्र प्रसांत सिंह अौर पुत्री कामनी सिंह। देवेन्र सिंह जी के दो पुत्र ज्येष्ठ पुत्र सिवांस सिंह अौर क्निष्ट पुत्र अभिवांस सिंह है। बाबू अलखनारयण सिंह - अलखनारयण सिंह जी के चार पुत्र अौर एक पुत्री। ज्येष्ठ पुत्र बेनी बहादुर सिंह अौर दुसरे पुत्र बीरेन्र बहादुर सिंह अौर तीसरे पुत्र बन्टेस बहादुर सिंह अौर चौथे पुत्र भदे्शवर सिंह। अौर एक पुत्री सवित्रि देवी। ज्येष्ठ पुत्र बेनी बहादुर सिंह जी के चार पुत्र अौर तीन पुत्रीयॉ ज्येष्ठ पुत्र चनंदभान सिंह जी के एक पुत्री सरला सिंह। जिनका विवाह भारतीय सेना के अधिकारी से हुआ। दुसरे पुत्र उमेश बहादुर सिंह का अल्प अायू मे ही स्वरगवास हो गया था। तीसरे पुत्र गीरेन्र बहादुर सिंह जी के एक पुत्र अौर दो पुत्री पुत्र बाबू प्रदीप सिंह अौर ज्येष्ठ पुत्री रेनु सिंह अौर क्निष्ट पुत्री नीलू सिंह। प्रदीप सिंह जी के दो पुत्र ज्येष्ठ पुत्र विग्यात सिंह अौर क्निष्ट पुत्र प्रग्यात सिंह। (जो लखनऊ मे उच्य अध्यन कर रहे है।) दुसरे पुत्र बीरेन्र बहादुर सिंह जी का अल्प अायू मे स्वरगवास हो गया था। तीसरे पुत्र बन्टेस बहादुर सिंह जी के एक पुत्री विमला देवी सिंह जी का विवाह रायबरेली हुआ। चौथे पुत्र भदे्शवर सिंह जी के दो पुत्र अौर एक पुत्री है। ज्येष्ठ पुत्र अतुल सिंह अौर क्निष्ट पुत्र विवेक सिंह अौर पुत्री विभा सिंह। ज्येष्ठ पुत्र के पुत्र के एक पुत्र अौर एक पुत्री। पुत्र अभिनव सिंह अौर पुत्री कुहू सिंह।.

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अवधी

अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश में "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, फैजाबाद, प्रतापगढ़), इलाहाबाद, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती तथा फतेहपुर में भी बोली जाती है। इसके अतिरिक्त इसकी एक शाखा बघेलखंड में बघेली नाम से प्रचलित है। 'अवध' शब्द की व्युत्पत्ति "अयोध्या" से है। इस नाम का एक सूबा के राज्यकाल में था। तुलसीदास ने अपने "मानस" में अयोध्या को 'अवधपुरी' कहा है। इसी क्षेत्र का पुराना नाम 'कोसल' भी था जिसकी महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है। भाषा शास्त्री डॉ॰ सर "जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन" के भाषा सर्वेक्षण के अनुसार अवधी बोलने वालों की कुल आबादी 1615458 थी जो सन् 1971 की जनगणना में 28399552 हो गई। मौजूदा समय में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 6 करोड़ से ज्यादा लोग अवधी बोलते हैं। उत्तर प्रदेश के 19 जिलों- सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद व अंबेडकर नगर में पूरी तरह से यह बोली जाती है। जबकि 6 जिलों- जौनपुर, मिर्जापुर, कानपुर, शाहजहांपुर, बस्ती और बांदा के कुछ क्षेत्रों में इसका प्रयोग होता है। बिहार के 2 जिलों के साथ पड़ोसी देश नेपाल के 8 जिलों में यह प्रचलित है। इसी प्रकार दुनिया के अन्य देशों- मॉरिशस, त्रिनिदाद एवं टुबैगो, फिजी, गयाना, सूरीनाम सहित आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व हॉलैंड में भी लाखों की संख्या में अवधी बोलने वाले लोग हैं। .

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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