6 संबंधों: भारत का संविधान, राजभाषा, साहित्य, हिन्दी, हिन्दी के संचार माध्यम, कम्प्यूटर और हिन्दी।
भारत का संविधान
भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। .
नई!!: प्रयोजनमूलक हिन्दी और भारत का संविधान · और देखें »
राजभाषा
राजभाषा, किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रायोजनों में प्रयोग होती है। उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। .
नई!!: प्रयोजनमूलक हिन्दी और राजभाषा · और देखें »
साहित्य
किसी भाषा के वाचिक और लिखित (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। इस दृष्टि से आदिवासी साहित्य सभी साहित्य का मूल स्रोत है। .
नई!!: प्रयोजनमूलक हिन्दी और साहित्य · और देखें »
हिन्दी
हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .
नई!!: प्रयोजनमूलक हिन्दी और हिन्दी · और देखें »
हिन्दी के संचार माध्यम
जनसंचार के सभी माध्यमों में हिन्दी ने मजबूत पकड़ बना ली है। चाहे वह हिन्दी के समाचार पत्र हो, रेडियो हो, दूरदर्शन हो, हिन्दी सिनेमा हो, या विज्ञापन हो - सर्वत्र हिन्दी छायी हुई है। वर्तमान समय में हिन्दी को वैश्विक संदर्भ प्रदान करने में उसके बोलने वालों की संख्या, हिदी फिल्में, पत्र पत्रिकाएँ, विभिन्न हिन्दी चैनल, विज्ञापन एजेंसियाँ, हिन्दी का विश्वस्तरीय साहित्य तथा साहित्यकार आदि का विशेष योगदान है। इसके अतिरिक्त हिन्दी को विश्वभाषा बनाने में इंटरनेट की भूमिका भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। आज हिंदी अभिव्यक्ति का सब से सशक्त माध्यम बन गई है। हिंदी चैनलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बाजार की स्पर्धा के कारण ही सही, अंग्रेजी चैनलों का हिंदी में रूपांतरण हो रहा है। इस समय हिंदी में भी एक लाख से ज्यादा ब्लॉग सक्रिय हैं। अब सैकड़ों पत्र-पत्रिकाएं इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। हिंदी के वैश्विक स्वरूप को संचार माध्यमों में भी देखा जा सकता है। संचार माध्यमों ने हिंदी के वैश्विक रूप को गढ़ने में पर्याप्त योगदान दिया है। भाषाएं संस्कृति की वाहक होती हैं और संचार माध्यमों पर प्रसारित कार्यक्रमों से समाज के बदलते सच को हिंदी के बहाने ही उजागर किया गया। डिजिटल दुनिया में हिंदी की मांग अंग्रेजी की तुलना में पांच गुना ज्यादा तेज है। अंग्रेजी की तुलना में हिंदी 5 गुना तेजी से बढ़ रही है। भारत में हर पांचवा इंटरनेट प्रयोगकर्ता हिंदी का उपयोग करता है। देश में जहाँ हिंदी सामग्री की डिजिटल मीडिया में खपत 94 फीसद की दर से बढ़ी है, वहीँ अंग्रेजी सामग्री की खपत केवल 19 फीसद की दर से ही बढ़ी है। आज स्मार्टफोन के रूप में हर हाथ में एक तकनीकी डिवाइस मौजूद है और उसमें हिंदी। सभी आपरेटिंग सिस्टमों में हिंदी में संदेश भेजना, हिंदी की सामग्री को पढ़ना, सुनना या देखना लगभग उतना ही आसान है जितना अंग्रेजी की सामग्री को। हालांकि कंप्यूटरों पर भी हिंदी का व्यापक प्रयोग हो रहा है और इंटरनेट पर भी, लेकिन मोबाइल ने हिंदी के प्रयोग को अचानक जो गति दे दी है उसकी कल्पना अभी पांच साल पहले तक किसी ने नहीं की थी। इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं की सामग्री की वृद्धि दर प्रभावशाली है। अंग्रेजी के 19 फीसद सालाना के मुकाबले भारतीय भाषाओं की सामग्री 90फीसद की रफ्तार से बढ़ रही है। दूसरी ओर भारतीयों में हिंदी के प्रति रुझान बढ़ा है। भारत में 50 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं। जबकि करीब 21 प्रतिशत भारतीय हिंदी में इंटरनेट का प्रयोग करना चाहते हैं। भारतीय युवाओं के स्मार्टफोन में औसतन 32 एप होते हैं, जिसमें 8-9 हिंदी के होते हैं। भारतीय युवा यूट्यूब पर 93 फीसद हिंदी वीडियो देखते हैं। हिंदी मीडिया के निम्न घटक हैं - 1.
नई!!: प्रयोजनमूलक हिन्दी और हिन्दी के संचार माध्यम · और देखें »
कम्प्यूटर और हिन्दी
भारत में कंप्यूटरों का प्रयोग अभी एक सीमित वर्ग ही कर पाता है। विशेष रूप से हिंदी में कंप्यूटर का प्रयोग काफ़ी सीमित है। इसका सही लाभ तब होगा जब इसका प्रयोग देश के कोने-कोने तक पहुँच जायेगा। इस संदर्भ में कई लोग और कई कम्पनियाँ काम कर रही हैं। हिन्दी में विकिपीडिया इस तरफ उठा हुआ एक अभूतपूर्व कदम है। इससे वह सारी जानकारी आम लोगो तक पहुँच सकेगी जो अन्य किसी साधन से दुर्लभ है। कंप्यूटरों का प्रयोग आम लोग तब शुरू करेंगे जब इसमें लिखी हुई जानकारी उनकी अपनी भाषा में हो। जितने ज़्यादा लोग इंटरनेट पर ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी हिन्दी और अन्य प्रचलित भाषाओँ में लिखेंगे उतनी ही जल्दी यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। .
नई!!: प्रयोजनमूलक हिन्दी और कम्प्यूटर और हिन्दी · और देखें »