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कार्तवीर्य अर्जुन

सूची कार्तवीर्य अर्जुन

कार्तवीर्य अर्जुन प्राचीन हैहय राज्य के राजा थे जिनका उल्लेख महाभारत में भी है। वे प्राचीन माहिष्मति नगरी के राजा थे जो कि वर्तमान महेश्वर नगर (मध्य प्रदेश)में है। वे चंद्रवंशी राजा कृतवीर्य के पुत्र थे। राजा अर्जुन की राजधानी नर्मदा नदी के तट पर थी जिसे इन्होंने कार्कोटक नाग से जीतकर बसाया था। उन्हें सहस्रबाहु अर्जुन भी कहते हैं। उनकी एक सहस्र (एक हजार) भुजाएँ थीं, जिसके कारण इन्हें सहस्रार्जुन भी कहते हैं । वे दत्तात्रेय के परम भक्त थे। Pargiter, F.E. (1972).

2 संबंधों: दत्तात्रेय, वरदान

दत्तात्रेय

भगवान दत्तात्रेय दत्तात्रेय ब्रह्मा-विष्णु-महेश के अवतार माने जाते हैं। भगवान शंकर का साक्षात रूप महाराज दत्तात्रेय में मिलता है और तीनो ईश्वरीय शक्तियों से समाहित महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही सफल और जल्दी से फल देने वाली है। महाराज दत्तात्रेय आजन्म ब्रह्मचारी, अवधूत और दिगम्बर रहे थे। वे सर्वव्यापी है और किसी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी से भक्त की सुध लेने वाले हैं, अगर मानसिक, या कर्म से या वाणी से महाराज दत्तात्रेय की उपासना की जाये तो भक्त किसी भी कठिनाई से शीघ्र दूर हो जाते हैं। .

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वरदान

*वरदान - वरदान संस्कृत भाषा का शब्द है,जिसका अर्थ है ईश्वर अथवा देवी देवताओं द्वारा किया गया अनुग्रह। हिन्दू वेद, पुराणों एवं अन्य स्मृति ग्रंथों में देवताओं द्वारा साधारण मनुष्यों,दैत्यों एवं राक्षसों की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान (अभिलाषित वस्तु अथवा सिद्धि) दिए जाने का उल्लेख मिलता है।.

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