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करेन भाषाएँ

सूची करेन भाषाएँ

करेन भाषाएँ (Karen languages) बर्मा में लगभग ७० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली सुरभेदी भाषाओं का एक समूह है। यह औपचारिक रूप से चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार की एक उपशाखा हैं लेकिन इनमें उस परिवार से बहुत अंतर हैं। कुछ भाषावैज्ञानिकों के अनुसार यह पड़ोस में बोली जाने वाली मोन और ताई-कादाई भाषाओं का प्रभाव है। .

8 संबंधों: चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार, ताई-कादाई भाषाएँ, तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार, थाईलैण्ड, भाषाविज्ञान, म्यान्मार, मोन भाषा, सुरभेदी भाषा

चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार

चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार अथवा चीनी भाषा-परिवार (अंग्रेज़ी: Sino-Tibetan languages) दक्षिण एशिया के कुछ भागों, पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में बोली जाने वाली ४०० से अधिक भाषाओं का परिवार है। इसे बोलने वालों की मूल संख्या के आधार पर यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार के बाद दूसरा सबसे बड़ा भाषा परिवार है। चीनी-तिब्बती भाषा के मुख्य मूल भाषी विभिन्न प्रकार की चीनी भाषा (1.2 बिलियन भाषक), बर्मी (33 मिलियन) और तिब्बती भाषा (8 मिलियन) है। विभिन्न चीनी-तिब्बती भाषायें सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ छोटे समुदायों द्वारा बोली जाती हैं जिसका प्रलेखन स्पष्ट नहीं है। .

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ताई-कादाई भाषाएँ

ताई-कादाई भाषाओँ का फैलाव ताई-कादाई भाषाएँ (Tai-Kadai), जिन्हें दाई, कादाई और क्रा-दाई भी कहा जाता है, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण चीन और दक्षिण-पूर्वी एशिया में बोली जाने वाली सुरभेदी भाषाओँ का एक समूह है। इनमें थाई भाषा (थाईलैंड की राष्ट्रभाषा) और लाओ भाषा (लाओस की राष्ट्रभाषा) शामिल है। दुनिया भर में लगभग १० करोड़ लोग ताई-कादाई भाषाएँ बोलते हैं। ऍथनोलॉग भाषा-सूची के मुताबिक़ विश्व में ९२ ताई-कादाई भाषाएँ बोली जाती हैं जिनमें से ७६ इस भाषा-परिवार की काम-ताई (Kam-Tai) शाखा की सदस्य हैं। दक्षिण-पूर्वी चीन के गुइझोऊ और हाइनान प्रान्तों में इन भाषाओँ की सबसे ज़्यादा विविधता मिलती है, जिस से भाषावैज्ञानिकों का अनुमान है कि शायद वही इस भाषा-परिवार की गृह-भूमि है जहाँ से यह आसपास के अन्य इलाक़ों में फैली।, Anthony Van Nostrand Diller, Psychology Press, 2008, ISBN 978-0-7007-1457-5,...

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तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार

बर्मा के भाषा-परिवार भारतीय उपमहाद्वीप के भाषा-परिवार चीन के भाषा-परिवार तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया के पहाड़ी इलाक़ों और भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली लगभग ४०० भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। इसका नाम इस परिवार की दो सब से ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं पर रखा गया है - तिब्बती भाषा (जो ८० लाख से अधिक लोग बोलते हैं) और बर्मी भाषा (जो ३.२ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं)। यह भाषा-परिवार चीनी-तिब्बती भाषा परिवार की एक उपशाखा है, लेकिन चीनी भाषा और इन भाषाओँ में बहुत अंतर है।, Austin Hale, Walter de Gruyter, 1982, ISBN 978-90-279-3379-9 .

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थाईलैण्ड

श्यामदेश (थाईलैण्ड) जिसका प्राचीन भारतीय नाम श्यामदेश है दक्षिण पूर्वी एशिया में एक देश है। इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया, दक्षिणी सीमा पर मलेशिया और पश्चिमी सीमा पर म्यानमार है। थाईलैण्ड को सियाम के नाम से भी जाना जाता है जो ११ मई, १९४९ तक थाईलैण्ड का अधिकृत नाम था। थाई शब्द का अर्थ थाई भाषा में आज़ाद होता है। यह शब्द थाई नागरिको के सन्दर्भ में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से कुछ लोग विशेष रूप से यहाँ बसने वाले चीनी लोग, थाईलैंड को आज भी सियाम नाम से पुकारना पसन्द करते हैं। थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक है। .

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भाषाविज्ञान

भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान के अध्ययेता 'भाषाविज्ञानी' कहलाते हैं। भाषाविज्ञान, व्याकरण से भिन्न है। व्याकरण में किसी भाषा का कार्यात्मक अध्ययन (functional description) किया जाता है जबकि भाषाविज्ञानी इसके आगे जाकर भाषा का अत्यन्त व्यापक अध्ययन करता है। अध्ययन के अनेक विषयों में से आजकल भाषा-विज्ञान को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। .

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म्यान्मार

म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .

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मोन भाषा

मोन भाषा बर्मा और थाईलैंड में मोन समुदाय द्वारा बोली जाने वाले एक ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा है। इसे दस लाख से अधिक लोग बोलते हैं लेकिन नई पीढ़ी तेज़ी से इसे भुलाकर बर्मी भाषा बोलने लगी है जिस से इस भाषा के भविष्य के लिए ख़तरा बन गया है। दक्षिणपूर्व एशिया की मुख्यभूमि की अधिकतर भाषाएँ सुरभेदी हैं, लेकिन उनके विपरीत मोन सुरभेदी नहीं है। मोन भारत की ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न मोन लिपि में लिखी जाती है जिस से आगे बर्मी लिपि भी विकसित हुई है। श्रेणी:ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ श्रेणी:बर्मा की भाषाएँ श्रेणी:थाईलैण्ड की भाषाएँ.

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सुरभेदी भाषा

Six tones of Vietnamese language.png एक भाषा के विभिन्न स्वर सुरभेदी भाषा ऐसी भाषा को कहा जाता है जिसमें आवाज़ के सुर के बदलाव के आधार पर शब्दों और वाक्यों का अर्थ बदल जाता हो। चीनी भाषा विश्व की सब से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली सुरभेदी भाषा है। भारत में पंजाबी और डोगरी जैसी पश्चिमी पहाड़ी भाषाएँ सुरभेदी होती हैं। कुछ हद तक हर भाषा में सुरों के ज़रिये भावनाओं को प्रकट किया जाता है (जैसे कि ग़ुस्सा या दुख) लेकिन एक ही वर्णों वाले शब्दों का अर्थ सुरों के साथ केवल सुरभेदी भाषाओँ में बदलता है। .

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