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एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर

सूची एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर

हूराव वरदराज आयंगर 1 मार्च 1957 से लेकर 28 फ़रवरी 1962 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के छठे गवर्नर थे। अपनी नियुक्ति के पूर्व वह भारतीय सिविल सेवा के सदस्य और भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं। .

4 संबंधों: भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, भारतीय सिविल सेवा, भारतीय स्टेट बैंक

भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .

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भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, भारत के केन्द्रीय बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक, के सबसे वरिष्ठ बैंककर्मी होते हैं। 1935 में स्थापना के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक की कमान अब तक कुल 24 गवर्नर संभाल चुके हैं। रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे और वर्त्तमान पदधारी उर्जित पटेल हैं, जिन्होंने 5 सितंबर 2016 को पदभार ग्रहण किया।। .

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भारतीय सिविल सेवा

भारतीय सिविल सेवा भारत सरकार की नागरिक सेवा तथा स्थायी नौकरशाही है। सिविल सेवा देश की प्रशासनिक मशीनरी की रीढ है। भारत के संसदीय लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों, जो कि मंत्रीगण होते हैं, के साथ वे प्रशासन को चलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये मंत्री विधायिकाओं के लिए उत्तरदायी होते हैं जिनका निर्वाचन सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर आम जनता द्वारा होता है। मंत्रीगण परोक्ष रूप से लोगों के लिए भी जिम्मेदार हैं। लेकिन आधुनिक प्रशासन की कई समस्याओं के साथ मंत्रीगण द्वारा व्यक्तिगत रूप से उनसे निपटने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस प्रकार मंत्रियों ने नीतियों का निर्धारण किया और नीतियों के निर्वाह के लिए सिविल सेवकों की नियुक्ति की जाती है। कार्यकारी निर्णय भारतीय सिविल सेवकों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। सिविल सेवक, भारतीय संसद के बजाए भारत सरकार के कर्मचारी हैं। सिविल सेवकों के पास कुछ पारंपरिक और सांविधिक दायित्व भी होते हैं जो कि कुछ हद तक सत्ता में पार्टी के राजनैतिक शक्ति के लाभ का इस्तेमाल करने से बचाता है। वरिष्ठ सिविल सेवक संसद के स्पष्टीकरण के लिए जिम्मेवार हो सकते हैं। सिविल सेवा में सरकारी मंत्रियों (जिनकी नियुक्ति राजनैतिक स्तर पर की गई हो), संसद के सदस्यों, विधानसभा विधायी सदस्य, भारतीय सशस्त्र बलों, गैर सिविल सेवा पुलिस अधिकारियों और स्थानीय सरकारी अधिकारियों को शामिल नहीं किया जाता है। .

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भारतीय स्टेट बैंक

मुंबई में भारतीय स्टेट बैंक का आँचलिक कार्यालय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India / SBI) भारत की सबसे बड़ी एवं सबसे पुरानी बैंक है। 2 जून 1806 को कलकत्ता में 'बैंक ऑफ़ कलकत्ता' की स्थापना हुई थी। तीन वर्षों के पश्चात इसको चार्टर मिला तथा इसका पुनर्गठन बैंक ऑफ़ बंगाल के रूप में 2 जनवरी 1809 को हुआ। यह अपने तरह का अनोखा बैंक था जो साझा स्टॉक पर ब्रिटिश भारत तथा बंगाल सरकार द्वारा चलाया जाता था। बैंक ऑफ़ बॉम्बे तथा बैंक ऑफ़ मद्रास की शुरुआत बाद में हुई। ये तीनों बैंक आधुनिक भारत के प्रमुख बैंक तब तक बने रहे जब तक कि इनका विलय इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया (हिन्दी अनुवाद - भारतीय शाही बैंक) में 28 जनवरी 1921 को नहीं कर दिया गया। सन 1941 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई जिसमें गांवों के विकास पर जोर डाला गया था। इस समय तक इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया का कारोबार सिर्फ़ शहरों तक सीमित था। अतः ग्रामीण विकास के मद्देनजर एक ऐसे बैंक की कल्पना की गई जिसकी पहुंच गांवों तक हो तथा ग्रामीण जनता को जिसका लाभ हो सके। इसके फलस्वरूप 1 जुलाई 1944 को स्टेट बैंक आफ़ इंडिया की स्थापना की गई, जिसमे सरकार की हिस्सेदारी 61.58% हैं। अपने स्थापना काल में स्टेट बैंक के कुल ४८० कार्यालय थे जिसमें शाखाएं, उप शाखाएं तथा तीन स्थानीय मुख्यालय शामिल थे, जो इम्पीरियल बैंकों के मुख्यालयों को बनाया गया था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

एच वी आर आयंगर, हूराव वरदराज आयंगर, हूराव वरदराजा आयंगर

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