किसी शब्द की उच्चारण-वर्तनी (अंग्रेज़ी: pronunciation spelling) उसकी मानक वर्तनी से भिन्न होती है और यह उस शब्द के उच्चारण को ही दर्शाने के लिए बनायी गयी होती है। इसकी आवश्यकता प्रायः उन्हीं भाषाओं में पड़ती है जिनमें लिपि और भाषा में एकैक-संबंध नहीं होता (यानी जैसा लिखा जाता है वैसा बोला जाना और जैसा बोला जाता है वैसा लिखा जाना- नहीं पाया जाता)। उच्चारण-वर्तनी में भाषा के सामान्य वर्तनी नियमों का पालन किया जाता है। इनमें से अधिकांश एकबारगी प्रयोग के लिए गढ़ी गयी होती हैं, लेकिन कुछ उच्चारण-वर्तनियाँ मानक भी बन गयी हैं। जैसे- gonna का प्रयोग going to के उच्चारण को दर्शाने के लिए रूढ़ हो चुका है। यथा- I'm gonna catch you. .
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