सामग्री की तालिका
6 संबंधों: राउटर, लोकल एरिया नेटवर्क, संगणक नेटवर्क, अन्तरजाल का इतिहास, अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन, अंतरजाल।
- नेटवर्क वास्तु
राउटर
लिंकसिस का वायरलेस-जी राउटर राउटर एक नेटवर्किंग उपकरण है जिसका प्रयोग कई नेटवर्कों का जोड़ने के लिए किया जाता है। यह ओएसआई संदर्भ के तीसरे स्तर का उपकरण है। इसका प्रयोग विभिन्न मार्गों (रूट) तक पहुचने और उनका पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह द्वितीय स्तर के विभिन्न उपकरणों के बीच एक सेतु का काम भी करता है। .
देखें इंटर-नेटवर्किंग और राउटर
लोकल एरिया नेटवर्क
लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) एक कंप्यूटर नेटवर्क है, जो घर, कार्यालय, अथवा स्कूल या हवाई अड्डा जैसे भवनों के छोटे समूह के लघु भौतिक क्षेत्र को आवृत करता है। वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) के विपरीत LAN को परिभाषित करने वाली विशेषताओं में शामिल हैं, आम तौर पर उनका अधिक डाटा अंतरण दर, छोटे भौगोलिक क्षेत्र और पट्टे पर दूरसंचार लाइनों की ज़रूरत का अभाव.
देखें इंटर-नेटवर्किंग और लोकल एरिया नेटवर्क
संगणक नेटवर्क
एक कम्प्यूटर नेटवर्क का योजनामूलक चित्र आर-जे-४५ कनेक्टर दो या दो से अधिक परस्पर जुड़े हुए कम्प्यूटर या अन्य डिजिटल युक्तियों और उन्हें जोडने वाली व्यवस्था को कंप्यूटर नेटवर्क कहते हैं। ये कम्प्यूटर आपस में इलेक्ट्रोनिक सूचना का आदान-प्रदान कर सकते हैं और आपस में तार या बेतार से जुडे रहते हैं। सूचना का यह आवागमन खास परिपाटी से होता है, जिसे प्रोटोकॉल कहते हैं और नेटवर्क के प्रत्येक कम्प्यूटर को इसका पालन करना पड़ता है। कई नेटवर्क जब एक साथ जुड़ते हैं तो इसे इंटरनेटवर्क कहते हैं जिसका संक्षिप्त रूप इन्टरनेट (अंतर्जाल, अंग्रेज़ी में Internet) काफ़ी प्रचलित है। अलग अलग प्रकार की सूचनाओं के कार्यकुशल आदान-प्रदान के लिये विशेष प्रोटोकॉल हैं। सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए एनालॉग तथा डिजिटल विधियों का प्रयोग होता है। नेटवर्क के उपादानों में तार, हब, स्विच, राउटर आदि उपकरणों का नाम लिया जा सकता है। स्थानीय कम्प्यूटर नेटवर्किंग में बेतार नेटवर्क का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। .
देखें इंटर-नेटवर्किंग और संगणक नेटवर्क
अन्तरजाल का इतिहास
muki don सर्वप्रथम १९६२ में विश्वविद्यालय के जे सी आर लिकलिडर ने अभिकलित्र जाल तैयार किया था। वे चाहते थे कि अभिकलित्र का एक एसा जाल हो, जिससे आंकड़ो, क्रमादेश और सूचनायें भेजी जा सके। 1966 में डारपा (मोर्चाबंदी प्रगति अनुसंधान परियोजना अभिकरण) (en:DARPA) ने आरपानेट के रूप में अभिकलित्र जाल बनाया। यह जाल चार स्थानो से जुडा था। बाद में इसमें भी कई परिवर्तन हुए और 1972 में बाँब काँहन ने अन्तर्राष्ट्रीय अभिकलित्र संचार सम्मेलन ने पहला सजीव प्रदर्शन किया। 1 जनवरी 1983 को आरपानेट (en:ARPANET) पुनर्स्थापित हुआ TCP-IP। इसी वर्ष एक्टीविटी बोर्ड (IAB) का गठन हुआ।नवंबर में पहली प्रक्षेत्र नाम सेवा (DNS) पॉल मोकपेट्रीज द्वारा सुझाई गई। अंतरजाल सैनिक और असैनिक भागों में बाँटा गया| हालाँकि 1971 में संचिका अन्तरण नियमावली (FTP) विकसित हुआ, जिससे संचिका अन्तरण करना आसान हो गया। 1990 में टिम बर्नर्स ली ने विश्व व्यापी वेब (WWW) से परिचित कराया अमरीकी सेना की सूचना और अनुसंधान संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 1973 में ``यू एस एडवांस रिसर्च प्र्रोजेक्ट एजेंसी´´ ने एक कार्यक्रम की शुरुआत की। उस कार्यक्रम का उद्देश्य था कम्प्यूटरों के द्वारा विभिन्न प्रकार की तकनीकी और प्रौद्योगिकी को एक-दूसरे से जोड़ा जाए और एक `नेटवर्क´ बनाया जाए। इसका उद्देश्य संचार संबंधी मूल बातों (कम्यूनिकेशन प्रोटोकॉल) को एक साथ एक ही समय में अनेक कम्प्यूटरों पर नेटवर्क के माध्यम से देखा और पढ़ा जा सके। इसे ``इन्टरनेटिंग प्रोजेक्ट´´ नाम दिया गया जो आगे चलकर `इंटरनेट´ के नाम से जाना जाने लगा। 1986 में अमरीका की ``नेशनल सांइस फांउडेशन´´ ने ``एनएसएफनेट´´ का विकास किया जो आज इंटरनेट पर संचार सेवाओं की रीढ़ है। एक सैकण्ड में 45 मेगाबाइट संचार सुविधा वाली इस प्रौद्योगिकी के कारण `एनएसएफनेट´ बारह अरब -12 बिलियन- सूचना पैकेट्स को एक महीने में अपने नेटवर्क पर आदान-प्रदान करने में सक्षम हो गया। इस प्रौद्योगिकी को और अधिक तेज गति देने के लिए `नासा´ और उर्जा विभाग ने अनुसंधान किया और ``एनएसआईनेट´´ और `ईएसनेट´ जैसी सुविधाओं को इसका आधार बनाया। इन्टरनेट हेतु `क्षेत्रीय´ सहायता कन्सर्टियम नेटवर्कों द्वारा तथा स्थानीय सहायता अनुसंधान व शिक्षा संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। अमरीका में फेडरल तथा राज्य सरकारों की इसमें अहम भूमिका है परन्तु उद्योगों का भी इसमें काफी हाथ रहा है। यूरोप व अन्य देशों में पारस्परिक अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग व राष्ट्रीय अनुसंधान संगठन भी इस कार्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1991 के अन्त तक इन्टरनेट इस कदर विकसित हुआ कि इसमें तीन दर्जन देशों के 5 हजार नेटवर्क शामिल हो गए, जिनकी पहुंच 7 लाख कम्प्यूटरों तक हो गई। इस प्रकार 4 करोड़ उपभोक्ताओं ने इससे लाभ उठाना शुरू किया। इन्टरनेट समुदाय को अमरीकी फेडरल सरकार की सहायता लगातार उपलब्ध होती रही क्योंकि मूल रूप से इन्टरनेट अमरीका के अनुसंधान कार्य का ही एक हिस्सा था। आज भी यह अमरीकी अनुसंधान कार्यशाला का महत्त्वपूर्ण अंग है किन्तु 1980 के दशक के अन्त में नेटवर्क सेवाओं व इन्टरनेट उपभोक्ताओं में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व वृद्धि हुई और इसका इस्तेमाल व्यापारिक गतिविधियों के लिये भी किया जाने लगा। सच तो ये है कि आज की इन्टरनेट प्रणाली का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा व अनुसंधान संस्थानों एवं विश्व-स्तरीय निजी व सरकारी व्यापार संगठनों की निजी नेटवर्क सेवाओं से ही बना है। .
देखें इंटर-नेटवर्किंग और अन्तरजाल का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन
अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग यह लेख या कुछ अंश अपनी मूल भाषा में है, जिससे कि इन तथ्यों की मौलिकता बनी रहे। कृपया इसे अनुवाद करने का प्रयास न करें, या पहले संवाद पृष्ठ पर चर्चा करके फिर सुधार करें। अन्तराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (फ्रेंच में Organisation internationale de normalisation), जिसे अधिकतर ISO कहा जाता है, विभिन्न राष्ट्रों के मानक संगठनों के प्रतिनिधियों से गठित एक अन्तर्राष्ट्रीय मानक-विन्यास संस्था है। इसकी स्थापना 23 फरवरी, 1947 को हुई थी, विश्वव्यापी औद्योगिक एवं वाणिज्यिक मानकों को घोषित करने हेतु। इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है। यद्यपि ISO स्वयं को एक गैर सरकारी संगठन कहता है, इसकी मानक स्थापित करने की क्षमता, जो कि प्राय्ः विधि बन जाते हैं, या तो समझौतों के द्वारा, या फिर राष्ट्रीय मान; यह इसको गैर सरकारी संगठनों से अधिक शक्तिशाली बनाता है। वैसे व्यवहार में यह एक संकाय या अल्पकालीन संगठन जैसे कार्यरत है, जिसकी सरकारों से मजबूत कङियाँ हैं।.
देखें इंटर-नेटवर्किंग और अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन
अंतरजाल
अंतरजाल का आंशिक मैप, १५ जनवरी २००५। प्रत्येक पंक्ति को दो नोड्स के बीच खींचा जाता है, आईपी पते जोड़ने से। रेखा की लंबाई नोड्स के बीच समय की देरी (पिंग) को दर्शाती है मानचित्र २००५ में डेटा संग्रह के लिए उपलब्ध कक्षा सी नेटवर्क के ३०% से कम का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा रंग आरएफसी १९१८ के अनुसार उसके स्थान से मेल खाती है। अंतरजाल (इंटरनेट) (Internet आई पी ए: ɪntəˌnɛt) विष्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग। १९६० के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। १९९० के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। २००० के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था। टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी "ईंट और मोर्टार" उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं। .
देखें इंटर-नेटवर्किंग और अंतरजाल
यह भी देखें
नेटवर्क वास्तु
- इंटर-नेटवर्किंग
- सेवार्थी-सेवक मॉडल