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अहमद तृतीय

सूची अहमद तृतीय

अहमद तृतीय (उस्मानी तुर्कीयाई: احمد ثالث, अहमद-इ सालिस, 30/31 दिसंबर 16731 जुलाई 1736) उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान रहे थे। वे महमद चतुर्थ (शासनकाल. 1648–87) के बेटे थे। उनकी माँ अमतुल्लाह राबिया गुलनुश सुल्तान थीं, जिनका मूल नाम एवमानिया वोरिया था, उनकी नस्ल यूनानी थी। उनका जन्म हाजीओलु पाज़ारजक, दोब्रुजा में हुआ था। वे 1703 में तख़्तनशीन हो गए, जब उनके भाई मुस्तफ़ा द्वितीय (1695–1703) ने तख़्त को त्याग दिया था। वज़ीर-ए-आज़म नौशहरी दामाद इब्राहीम पाशा और सुल्तान की बेटी फ़ातिमा सुल्तान (जो नौशहरी की बीवी भी थी) ने 1718 से 1730 तक असल हकूमत संभाली, यह दौर ट्यूलिप युग कहा जाता है। .

20 संबंधों: पीटर महान, फ़र्रुख़ सियर, फ़्रान्स, मराठा, महमद चतुर्थ, मास्को, मुस्तफ़ा द्वितीय, यूनानी, राजपूत, रूस, सफ़वी वंश, सुन्नी इस्लाम, स्वीडन, जहांदार शाह, जाँनिसारी, औरंगज़ेब, क़फ़स, क़ुस्तुंतुनिया, अल्बानियाई, उस्मानी साम्राज्य

पीटर महान

200px पीटर महान या प्रथम (रूसी: Пётр Великий प्योत्र् वेलीकिय्, Пётр Первый प्योत्र् पेर्विय्; 30 मई 1672 - 28 जनवरी 1725) — सन् 1682 से रूस का ज़ार तथा सन 1721 से रूसी साम्राज्य का प्रथम सम्राट। वह इतिहास के सबसे विश्वविख्यात राजनीतिज्ञों में से एक था। उसने १८वीँ शताब्दी में रूस के विकास की दिशा को सुनिश्चित किया था। उसका नाम इतिहास में ‘एक क्रांतिकारी शासक’ के रूप में दर्ज है। 17 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में उनके द्वारा शुरू किये गए राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तनों ने रूस की काया पलट डाली। इस क्रांतिकारी सम्राट की छत्रछाया में रूस रूढ़िवाद और पुरानी परम्पराओं की बेडियाँ तोड़ कर एक महान यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पीटर प्रथम ने सुधारों के किसी भी विरोधी को नहीं बख्शा, यहाँ तक कि अपने बेटे राजकुमार अलेक्सई को भी नहीं। .

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फ़र्रुख़ सियर

फ़र्रुख़ सियर (जन्म: 20 अगस्त 1685 - मृत्यु: 19 अप्रैल 1719) एक मुग़ल बादशाह था जिसने 1713 से 1719 तक हिन्दुस्तान पर हुकूमत की। उसका पूरा नाम अब्बुल मुज़फ़्फ़रुद्दीन मुहम्मद शाह फ़र्रुख़ सियर था। आलिम अकबर सानी वाला, शान पादशाही बह्र-उर्-बार, तथा शाहिदे-मज़्लूम उसके शाही ख़िताबों के नाम हुआ करते थे। 1715 ई. में एक शिष्टमंडल जाॅन सुरमन की नेतृत्व में भारत आया। यह शिष्टमंडल उत्तरवर्ती मुग़ल शासक फ़र्रूख़ सियर की दरबार में 1717 ई. में पहुँचा। उस समय फ़र्रूख़ सियर जानलेवा घाव से पीड़ित था। इस शिष्टमंडल में हैमिल्टन नामक डाॅक्टर थे जिन्होनें फर्रखशियर का इलाज किया था।इससे फ़र्रूख़ सियर खुश हुआ तथा अंग्रेजों को भारत में कहीं भी व्यापार करने की अनुमति तथा अंग्रेज़ों द्वारा बनाऐ गए सिक्के को भारत में सभी जगह मान्यता प्रदान कर दिया गया। फ़र्रूख़ सियर द्वारा जारी किये गए इस घोषणा को ईस्ट इंडिया कंपनी का मैग्ना कार्टा कहा जाता है। मैग्ना कार्टा का सर्वप्रथम 1215 ई. में ब्रिटेन में जाॅन-II के द्वारा हुआ था। .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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मराठा

मराठा (पुरातन रूप से मरहट्टा या मारहट्टा के रूप में लिप्यंतरित) भारत में जातियों का एक समूह मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में रहता है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक, "मराठा, भारत के इतिहास के बहादुर लोग हैं, इतिहास में प्रचलित हैं और हिंदू धर्म के विजेता हैं।" वे मुख्यतः भारतीय राज्य महाराष्ट्र में रहते हैं। ब्रिटिश राज काल के एक अप्रशिक्षित नृवंशविद वैज्ञानिक रॉबर्ट वाणे रसेल, जो वैदिक साहित्य पर बड़े पैमाने पर अपने शोध का आधार था, ने लिखा कि मराठों को 96 विभिन्न कुलों में विभाजित किया जाता है, जिसे 96 कुलि मराठों या 'शाहनु कुले', के रूप में जाना जाता है, जो की क्षत्रिय है मराठी, में शाहन्नौ का मतलब है 96। सूचियों का सामान्य निकाय अक्सर एक-दूसरे के साथ महान विचरण होता है। .

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महमद चतुर्थ

सुल्तान महमद चतुर्थ महमद चतुर्थ (उस्मानी तुर्कीयाई: محمد رابع महमद-इ राबीʿ; आधुनिक तुर्कीयाई: IV. Mehmet; 2 जनवरी 1642 – 6 जनवरी 1693) 1648 से 1687 तक उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान रहे। एक तख़्तापलट में उनके पिता सुल्तान इब्राहीम को तख़्त से निकाला गया था और छह साल की उम्र में महमद तख़्त पर आसीन हो गए। महमद उस्मानी इतिहास के दूसरे सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सुल्तान हैं। उनके शासनकाल के शुरुआती दौर में साम्राज्य की स्थिति सैन्य पराजय और राजनीतिक अस्थिरता से चिह्नित थी, लेकिन उनके मध्यवर्ती दौर में काफ़ी सुधार हुए। महमद चतुर्थ एक बहुत धर्मनिष्ठ शासक माने जाते हैं, और उनके लंबे शासनकाल में हुए सैन्य विजयों में उनकी भूमिका हेतु उन्हें ग़ाज़ी या "पवित्र योद्धा" कहा जाता था। उनके दौर में यूरोप में उस्मानी साम्राज्य का क्षेत्रीय विस्तार सबसे बड़ा था। छोटी उम्र से उन्हें शिकारी करने का शौक़ था, इसलिए उन्हें अवज (avcı - "शिकारी करने वाला") कहा जाता था। 1687 में, पवित्र लीग के ख़िलाफ़ चालू युद्ध के दौरान महमद अपने सैनिकों द्वारा तख़्त से उतारा गया था। बाद में वे आदरना (एदिर्ने) में सेवानिवृत्त हो गए, जहाँ 1693 में उनकी मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई। .

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मास्को

thumb मास्को स्थित रेड स्केव्यर का एक दृश्य मास्को या मॉस्को (रूसी: Москва́ (मोस्कवा)), रूस की राजधानी एवं यूरोप का सबसे बडा शहर है, मॉस्को का शहरी क्षेत्र दुनिया के सबसे बडे शहरी क्षेत्रों में गिना जाता है। मास्को रूस की राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, वित्तीय एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केन्द्र माना जाता है। यह मोस्कवा नदी के तट पर बसा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह पुराने सोवियत संघ एवं प्राचीन रूसी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। मास्को को दुनिया के अरबपतियों का शहर भी कहा जाता है जहां दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति बसते हैं। २००७ में मास्को को लगातार दूसरी बार दुनिया का सबसे महंगा शहर भी घोषित किया गया था। .

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मुस्तफ़ा द्वितीय

मुस्तफ़ा द्वितीय (उस्मानी तुर्कीयाई: مصطفى ثانى मुस्तफ़ा-यि स्आनी) (6 फ़रवरी 1664 – 29/30 दिसम्बर 1703) 1695 से 1703 तक उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान रहे। .

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यूनानी

यूनानी का अर्थ यूनान-सम्बन्धी -- लोग, भाषा, संस्कृति अत्यदि। यूनानियों ने भारत को इंडिया कहा .

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राजपूत

राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है।जो कि राजपुत्र का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल मे राजपूताना भी कहा गया है। पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी। राजपूत काल में प्राचीन वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गयी थी तथा वर्ण के स्थान पर कई जातियाँ व उप जातियाँ बन गईं थीं। कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। .

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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सफ़वी वंश

सफ़वी वंश ईरान का एक राजवंश जिन्होने 1502 - 1730 तक राज किया। इस वंश के शासनकाल में पहली बार शिया इस्लाम राजधर्म के रूप में स्थापित हुआ। इसका पतन अफ़गानों के विद्रोहों और उस्मानी साम्राज्य के आक्रमणों के कारण 1720 में हुआ। मुग़ल बादशाह बाबर के भारत में प्रवेश करने से पहले बाबर को मध्य एशियाई सैन्य अभियानों में सफ़वियों ने बहुत मदद की और अपने सहायक के रूप में देखा। अज़ेरी या कुर्द मूल के माने गए सफ़वी वंश के शासकों ने ईरान को मुख्य रूप से शिया बनाया जो आधुनिक ईरान की पहचान है। आरंभिक तीन सुन्नी ख़लीफ़ाओं (अबू बकर, उमर और उस्मान) को गाली देने की परंपरा भी इन्हीं लोगों ने शुरु की। इस्माईल और अब्बास के शासन काल में साम्राज्य विस्तृत और मजबूत हुआ। .

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सुन्नी इस्लाम

सुन्नी मुस्लिम इस्लाम के सबसे बड़े सम्प्रदाय सुन्नी इस्लाम को मानने वाले मुस्लिम हैं। सुन्नी इस्लाम को अहले सुन्नत व'ल जमाअत (अरबी: أهل السنة والجماعة‎ "(मुहम्म्द के) आदर्श लोग और समुदाय") या संक्षिप्त में अहल अस- सुन्नाह (अरबी: أهل السنة‎) भी कहते हैं। सुन्नी शब्द अरबी के सुन्नाह (अरबी: سنة) से आया है, जिसका अर्थ (पैगम्बर मोहम्मद) की बातें और कर्म या उनके आदर्श है। सामान्य अर्थों में सुन्नी -पवित्र ईशसन्देश्टा मुहम्मद स० के निधन के पश्चात जिन लोगों ने मुहम्मद स० द्वारा बताये गये नियमों का पालन किया सुन्नी कहलाऐ। सुन्नी दुनिया में 80% हैं ये आंकड़ा 5 गिरोह को मिलाकर बनता हैं।.

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स्वीडन

स्वीडन (स्वीडिश: Konungariket Sverige कूनुङारीकेत् स्वेरिये) यूरोपीय महाद्वीप में उत्तर में स्केंडिनेविया प्रायद्वीप में स्थित एक देश है। स्टॉकहोल्म इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। स्वीडिश भाषा इसकी मुख्य और राजभाषा है। यहाँ एक संवैधानिक और लोकतान्त्रिक राजतन्त्र है। स्वीडन के पश्चिम एवं उत्तर में नॉर्वे, पूर्व में फ़िनलैंड तथा दक्षिण में डेनमार्क स्थित हैं। स्वीडन का पूरा क्षेत्रफल 528447 वर्ग किलोमीटर का है, जिसमे से 407340 वर्ग किलोमीटर थल क्षेत्र, 40080 वर्ग किलोमीटर में नदियाँ और झील तथा 81027 वर्ग किलोमीटर समुद्र क्षेत्र है। इस तरह यह यूरोपियन यूनियन में तीसरा सबसे बड़ा देश है। यहाँ की जनसँख्या वर्तमान में लगभग एक करोड़ दस लाख है। .

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जहांदार शाह

जहांदार शाह (१६६१-१७१३) हिन्दुस्तान का मुगल सम्राट था। इसने यहां १७१२-१७१३ तक राज्य किया। बहादुरशाह का ज्येष्ठ पुत्र जहाँदारशाह १६६१ में उत्पन्न हुआ। पिता की मृत्यु के पश्चात् सत्ता के लिये इसे अपने भाइयों से संघर्ष करना पड़ा। मीर बख्शी जुल्फिकार खाँ ने इसे सहायता दी। इसका एक भाई अजीम-अल-शान लाहौर के निकट युद्ध में मारा गया। शेष दो भाइयों- जहानशाह और रफी-अल-शान को पदच्युतकर सम्राट् बनने में यह सफल हुआ। विलासी प्रकृति के जहाँदारशाह ने समूचे राज्य के प्रति उपेक्षा बरती। १७१२ में अब्दुल्लाखाँ, हुसेन अलीखाँ और फर्रुखसियर ने इसके विरुद्ध पटना से कूच किया। आगरा में जहाँदारशाह ने टक्कर ली। पराजित होकर इसने दिल्ली में जुल्फिकार खाँ के पिता असदखाँ के यहाँ शरण ली। असदखाँ ने इसे दिल्ली के किले में कैद कर लिया। फर्रुखसियर ने विजयी होते ही इसकी हत्या करवा दी। .

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जाँनिसारी

वियना युद्ध में जाँनिसारी सेना जाँनिसारी या यनीचरी (يڭيچرى, मतलब "नया सिपाही") कुलीन पैदल सेना इकाइयाँ थीं जो उस्मानी सुल्तान के घरेलू सिपाही, अंगरक्षक और यूरोप में सबसे पहली आधुनिक पैदल सेना थी। सुल्तान ओरख़ान ने सर्वप्रथम इसका संगठन 1330 में किया था। मुराद प्रथम ने इसकी उन्नति की और 1362 में इसके सिपाहियों की संख्या 10,000 हो गई। यह सेना, अपने रणकौशल और वीरतापूर्ण दक्षता के लिये प्रसिद्ध है। सिपाहियों का यह दावा था कि वे युद्ध से कभी विचलित नहीं हुए। यह तुर्की की बहुत बड़ी शक्ति थी। वैतनिक स्थायी सिपाहियों की संख्या एक समय 60,000 के लगभग थी। बाद में यह संख्या घटाकर 25,000 कर दी गई। इनके रहने के लिये क़ुस्तुंतुनिया और अन्य शहरों में बैरक बने हुए थे। अस्थायी सिपाहियों की संख्या 3,00,000 से 4,00,000 तक रहती थी। ये सिपाही राज्य के सभी शह्ररों में बिखरे हुए थे और शांति के समय पुलिस का कार्य करते थे। सुल्तान की अंगरक्षता में रहनेवाले जाँनिसारी धीरे-धीरे इनते उग्र हो गए कि वे कभी कभी विद्रोह भी करने लगे। लेकिन इन विद्रोहों का दमन भी किया जाता रहा। 1826 में जाँनिसारी सिपाहियों ने नई राष्ट्रीय सेना की स्थापना के प्रस्ताव पर विद्रोह कर दिया। इसपर महमूद द्वितीय ने प्रधान जाँनिसारी सेनापति की सहायता लेकर इन्हें बुरी तरह पराजित किया और उनकी बैरकें जला दीं।Kinross, pp.

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औरंगज़ेब

अबुल मुज़फ़्फ़र मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (3 नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (प्रजा द्वारा दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत में प्राप्त विजयों के जरिये मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। और सिखों के गुरु तेग़ बहादुर को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था। .

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क़फ़स

तोपकाप महल में वलीअहदों के हुजरे, जिसे ''क़फ़स'' भी कहा जाता था। क़फ़स, (उस्मानी तुर्कीयाई: قفس, शाब्दिक मतलब "पिंजरा") उस्मानी महल के शाही हरम का अंग था जहाँ तख़्त के संभावित उत्तराधिकारी (वलीअहद) महल के सिपाहियों द्वारा गिरफ़्तार, नज़रबंद और निरंतर निगरानी में रखे गए थे। उस्मानी साम्राज्य के प्रारंभिक इतिहास में मृत सुल्तान के प्रतिद्वंद्वी पुत्रों के बीच युद्ध छिड़ गया। एक नए सुल्तान के लिए अपने तमाम भाइयों का क़तल करना एक आम सी बात थी। शिशुओं भी क़तल किए गए थे। 'भ्रातृवध' की इस प्रथा ने उस्मानी तख़्त के दावेदारों की तादाद को निहायत कम कर दिया था, जिसके कारण कई अवसरों पर पूरे उस्मानी शाही ख़ानदान समाप्त होने लगा था। अहमद प्रथम द्वारा इस प्रथा की समाप्ति के बाद क़फ़स में संभावित वलीअहदों की नज़रबंदी ने मौजूदा सुल्तान के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की और शाही ख़ानदान के लिए निरंतरता सुनिश्चित की। .

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क़ुस्तुंतुनिया

क़ुस्तुंतुनिया या कांस्टैंटिनोपुल (यूनानी: Κωνσταντινούπολις कोन्स्तान्तिनोउपोलिस या Κωνσταντινούπολη कोन्स्तान्तिनोउपोली; लातीनी: Constantinopolis कोन्स्तान्तिनोपोलिस; उस्मानी तुर्कीयाई: قسطنطینية, Ḳosṭanṭīnīye कोस्तान्तिनिये‎), बोस्पोरुस जलसन्धि और मारमरा सागर के संगम पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो रोमन, बाइज़ेंटाइन, और उस्मानी साम्राज्य की राजधानी थी। 324 ई. में प्राचीन बाइज़ेंटाइन सम्राट कोन्स्टान्टिन प्रथम द्वारा रोमन साम्राज्य की नई राजधानी के रूप में इसे पुनर्निर्मित किया गया, जिसके बाद इन्हीं के नाम पर इसे नामित किया गया। .

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अल्बानियाई

अल्बानियाई एक बहुअर्थी विशेषण है जिसका मतलब निम्नांकित हो सकता है।.

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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