असामाजिकता (asociality) का सन्दर्भ सामाजिक संपर्क में संलग्न होने की प्रेरणा की कमी, या एकान्त गतिविधियों के लिए प्राथमिकता से है। विकासात्मक मनोवैज्ञानिक गैरसमाजिक या सामाजिक अरुचि जैसे शब्दार्थों का प्रयोग करते हैं। असामाजिकता सामाजिक-विरोधी व्यवहार से अलग है पर उससे परस्पर अनन्य नहीं है, क्योंकि पश्चात्कथित अन्य लोगों या सामान्य सामाजिक व्यवस्था के प्रति एक सक्रिय misanthropy या प्रतिरोध को दर्शाता है। असामाजिकता का एक स्तर अन्तर्मुखियों अक्सर देखा जाता हैं, जबकि विभिन्न नैदानिक स्थितियों वाले लोगों में अत्यंत असामाजिकता देखी जाती हैं। असामाजिकता को समाज द्वारा पूरी तरह से नकारात्मक विशेषता के रूप में नहीं माना जाता है, क्योंकि असामाजिकता का इस्तेमाल प्रचलित विचारों से असहमति व्यक्त करने के तरीके के रूप में किया जाता है। यह कई रहस्यमय और मठवासी परंपराओं में, विशेष रूप से जैन धर्म, कैथोलिक धर्म, पूर्वी रूढ़िवाद, बौद्ध धर्म और सूफीवाद में एक वांछनीय गुण के रूप में देखा जाता है। .
1 संबंध: समाज।
समाज एक से अधिक लोगों के समुदाय को कहते हैं जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते है। मानवीय क्रियाकलाप में आचरण, सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती है। समाज लोगों का ऐसा समूह होता है जो अपने अंदर के लोगों के मुकाबले अन्य समूहों से काफी कम मेलजोल रखता है। किसी समाज के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति एक दूसरे के प्रति परस्पर स्नेह तथा सहृदयता का भाव रखते हैं। दुनिया के सभी समाज अपनी एक अलग पहचान बनाते हुए अलग-अलग रस्मों-रिवाज़ों का पालन करते हैं। .
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