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तौहीद
एक ख़ुदा को मानना इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इसी का नाम तौहीद है, हजरत मुहम्मद दीन-ए-इस्लाम के आखरी पैग़म्बर हैं, दरअसल जब से दुनिया वजूद में आयी है यानी आदम से लेकर हजरत मुहम्मद तक धर्म या दीन तो एक ही रहा है यानि दीन-ए-इस्लाम। अल्लाह तआला ने हर कौम और हर जगह अपने सन्देश वाहक यानि पैगम्बर भेजे हैं, हजरत मुहम्मद इस सिलसिले की आखरी कड़ी हैं, आदम ने तौहीद यानि एक ख़ुदा को मानना और अल्लाह की ज़ात व उसकी सिफात में किसी को शरीक न करने की शिक्षा दी। जैसे जैसे ज़माना तरक्की करता चला गया वैसे वैसे अल्लाह के पैगम्बर नयी नयी शिक्षाएँ लाते गए मगर बुनियादी शिक्षाएँ यानि हर पैगम्बर ने बतायीं और उस पर अमल करने की शिक्षा दीं और खुद भी उन पर अमल करके दिखाया। दुनियावी चीजें मनुष्य, पशु, दृश्य प्रकृति, सब उसकी पैदा की हुई हैं। ईश्वर एकमात्र और उसका कोई साझी नहीं। .
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अरबी भाषा
अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .
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अल-फलक
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अल-मसद्द
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सूरा इक़्लास के रूप में भी जाना जाता है।