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4 संबंधों: पद्म भूषण, भारतीय प्रशासनिक सेवा, केरल, १९५८।
पद्म भूषण
पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .
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भारतीय प्रशासनिक सेवा
भारतीय प्रशासनिक सेवा (अंग्रेजी: Indian Administrative Service) अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। इसके अधिकारी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (तथा भारतीय पुलिस सेवा) में सीधी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है तथा उनका आवंटन भारत सरकार द्वारा राज्यों को कर दिया जाता है। आईएएस अधिकारी केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रणनीतिक और महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हैं। सरकार के वेस्टमिंस्टर प्रणाली के बाद दूसरे देशों की तरह, भारत में स्थायी नौकरशाही के रूप में आईएएस भारत सरकार के कार्यकारी का एक अविभाज्य अंग है, और इसलिए प्रशासन को तटस्थता और निरंतरता प्रदान करता है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस / आईएफओएस) के साथ, आईएएस तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है - इसका संवर्ग केंद्र सरकार और व्यक्तिगत राज्यों दोनों के द्वारा नियोजित है। उप-कलेक्टर/मजिस्ट्रेट के रूप में परिवीक्षा के बाद सेवा की पुष्टि करने पर, आईएएस अधिकारी को कुछ साल की सेवा के बाद जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में जिले में प्रशासनिक आदेश दिया जाता है, और आमतौर पर, कुछ राज्यों में सेवा के १६ साल की सेवा करने के बाद, एक आईएएस अधिकारी मंडलायुक्त के रूप में राज्य में एक पूरे मंडल का नेतृत्व करता है। सर्वोच्च पैमाने पर पहुंचने पर, आईएएस अधिकारी भारत सरकार के पूरे विभागों और मंत्रालयों की का नेतृत्व करते हैं। आईएएस अधिकारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रतिनियुक्ति पर, वे विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशियाई विकास बैंक और संयुक्त राष्ट्र या उसकी एजेंसियों जैसे अंतरसरकारी संगठनों में काम करते हैं। भारत के चुनाव आयोग की दिशा में भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर आईएएस अधिकारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा उक्त नियमावली के अनुसार सेवा संबंधी मामलों का क्रियान्वयन किया जाता है।पदोन्नति, अनुशासनिक कार्यवाही इत्यादि के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा ही दिशानिर्देश तैयार की जाती है। इन मामलों पर कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार को आख्या/रिपोर्ट भेजी जाती है। जिस पर भारत सरकार विचार कर राज्य सरकार (कार्मिक विभाग) को मामलों पर कार्यवाही करने का आदेश देती है। तत्पश्चात् कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार के आदेशों को जारी कर कार्यवाही की जाती है। .
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केरल
केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.
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१९५८
1958 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .