4 संबंधों: मोहम्मद अली शाह, वाजिद अली शाह, १३ फ़रवरी, १८४७।
मोहम्मद अली शाह
मोहम्मद अली शाह अवध का चौथा नवाब था। उसने १८३७ से १८४२ तक शासन किया और १८३८ में छोटा इमामबाड़ा भी बनवाया। १६ मई १८४२ को उनका देहांत हुआ। श्रेणी:लखनऊ के नवाब.
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वाजिद अली शाह
वाजिद अली शाह लखनऊ और अवध के नवाब रहे। ये अमजद अली शाह के पुत्र थे। इनके बेटे बिरजिस क़द्र अवध के अंतिम नवाब थे। संगीत की दुनिया में नवाब वाजिद अली शाह का नाम अविस्मरणीय है। ये 'ठुमरी' इस संगीत विधा के जन्मदाता के रूप में जाने जाते हैं। इनके दरबार में हर दिन संगीत का जलसा हुआ करता था। इनके समय में ठुमरी को कत्थक नृत्य के साथ गाया जाता था। इन्होने कई बेहतरीन ठुमरियां रची। कहा जाता है कि जब अंग्रेजों ने अवध पर कब्जा कर लिया और नवाब वाजिद अली शाह को देश निकाला दे दिया, तब उन्होने 'बाबुल मोरा नैहर छूटो जाय्' यह प्रसिध्ह ठुमरी गाते हुए अपनी रैयत से अलविदा कहा। .
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१३ फ़रवरी
13 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 44वॉ दिन है। साल मे अभी और 321 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 322)। .
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१८४७
1847 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
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