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अध्यारोपण प्रमेय

सूची अध्यारोपण प्रमेय

अध्यारोपण प्रमेय (superposition theorem) सभी रेखीय तन्त्रों पर लागू होता है। विद्युत परिपथों के लिये अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार किसी रेखीय परिपथ के किसी शाखा में कुल धारा का मान प्रत्येक स्रोत द्वारा, अकेले कार्य करते हुए, उस शाखा में प्रवाहित धाराओं के बीजगणितीय योग के बराबर होती है। किसी एक स्रोत का योगदान निकालने के लिये अन्य स्रोतों को निष्क्रिय करना आवश्यक है। इसके लिये -.

4 संबंधों: थेवेनिन का प्रमेय, परिपथ विश्लेषण, रैखिक निकाय, विद्युत परिपथ

थेवेनिन का प्रमेय

थेवेनिन का प्रमेय, परिपथ सिद्धान्त का एक महत्वपूर्ण प्रमेय है। इसे फ्रांस के टेलेग्राफ इंजीनीयर लियों चार्ल्स थेवेनिन (Léon Charles Thévenin (1857–1926)) ने प्रतिपादित किया था। इसके अनुसार, वोल्टता स्रोत, धारा स्रोत एवं प्रतिरोधकों से निर्मित किसी भी रैखिक परिपथ का इसके किन्हीं दो सिरों (टर्मिनल्स) के बीच व्यवहार एक तुल्य वोल्तता स्रोत Vth एवं तुल्य प्रतिरोधक Rth के श्रेणीक्रम के द्वारा निरूपित किया जा सकता है। यह किसी एक आवृत्ति वाले प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत एवं सामान्यीकृत प्रतिबाधा से युक्त परिपथों के लिये भी लागू होता है। इस सिद्धान्त की खोज सबसे पहले जर्मनी के वैज्ञानिक हर्मन वॉन हेल्मोल्ट्ज (Hermann von Helmholtz) ने सन् १८५३ में की थी, किन्तु बाद में थेवेनिन ने सन् १८८३ में इसे 'पुन: खोजा'। चित्र:Twierdzenie thevenina.PNG .

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परिपथ विश्लेषण

विश्लेषण के लिये दो लूप वाला एक सरल परिपथ इस परिपथ में लगे सभी प्रतिरोध '''R''' हों तो इस 'घन' के आमने-सामने के दो कोनों के बीच तुल्य प्रतिरोध '''(5/6)R''' होगा। किसी परिपथ के सभी अवयवों (वोल्टता स्रोत, धारा के स्रोत, प्रतोरोध, संधारित्र, ट्रांजिस्टर आदि) के मान (या अन्य वैशिष्ट्य) दिये होने पर परिपथ की विभिन्न शाखाओं में धारा एवं नोडों की वोल्टता ज्ञात करना परिपथ विश्लेषण (Circuit analysis) कहलाती है। वैश्लेषिक औजारों का उपयोग करते हुए किसी व्यक्ति द्वारा केवल सरल और प्रायः रैखिक नेटवर्कों का विश्लेषण ही किया जा सकता है। हजारों-लाखों अवयवों वाले बड़े परिपथों या अरैखिक अवयवों से युक्त परिपथों का विश्लेषण करने के लिये संगणक द्वारा परिपथ सिमुलेशन (circuit simulation) करना पड़ता है जिसमें कम्प्यूटर प्रोग्राम 'इटरेटिव सन्निकटन विधियों' का सहारा लेकर परिपथ विश्लेषण करता है। परिपथ विश्लेषण ही परिपथ डिजाइन (सर्किट डिजाइन) का आधार है। .

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रैखिक निकाय

रेखीय तन्त्र (Linear systems) वे तन्त्र हैं अध्यारोपण का सिद्धान्त (superposition) तथा स्केलिंग (scaling) के गुण को सन्तुष्ट करते हैं .

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विद्युत परिपथ

एक सरल विद्युत परिपथ जो एक वोल्टेज स्रोत एवं एक प्रतिरोध से मिलकर बना है ब्रेडबोर्ड के ऊपर बनाया गया एक सरल परिपथ (मल्टीवाइव्रेटर) विद्युत अवयवों (वोल्टेज स्रोत, प्रतिरोध, प्रेरकत्व, संधारित्र एवं कुंजियों आदि) एवं विद्युतयांत्रिक अवयवों (स्विच, मोटर, स्पीकर आदि) का परस्पर संयोजन विद्युत परिपथ (Electric circuit) अथवा विद्युत नेटवर्क (electrical network) कहलाता है। विद्युत परिपथ बहुत विशाल क्षेत्र में फैले हो सकते हैं; जैसे-विद्युत-शक्ति के उत्पादन, ट्रान्समिसन, वितरण एवं उपभोग का नेटवर्क। बहुत से विद्युत परिपथ प्राय: प्रिन्टेड सर्किट बोर्डों पर संजोये जाते हैं। विद्युत परिपथ अत्यन्त लघु आकार के भी हो सकते हैं; जैसे एकीकृत परिपथ। जब किसी परिपथ में डायोड, ट्रान्जिस्टर या आईसी आदि लगे होते हैं तो उसे एलेक्ट्रॉनिक परिपथ भी कहा जाता है जो कि विद्युत परिपथ का ही एक रूप है। विद्युत परिपथ को परिपथ आरेख (सर्किट डायग्राम) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। प्रायः एक या अधिक बन्द लूप वाले नेटवर्क ही विद्युत परिपथ कहलाते हैं। .

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अध्यारोपण का सिद्धान्त

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