सामग्री की तालिका
109 संबंधों: ऊष्मा चालकता, चाँदी, टर्बियम, टाइटेनियम, टंगस्टन, टैंटेलम, टेलुरियम, टेक्निशियम, एल्युमिनियम, ऐन्टिमोनी, ऐक्टिनियम, डिसप्रोसियम, ताम्र, त्रपु, थुलियम, थैलियम, थोरियम, धातु, नायोबियम, नाइट्रोजन, नियोडाइमियम, नियोन, निकल, नोबेलियम, परिभाषा, पलेडियम, पारा, प्रासियोडाइमियम, प्रोमीथियम, प्लैटिनम, प्लूटोनियम, पोटैशियम, पोलोनियम, फर्मीयम, फ़्रान्सियम, फास्फोरस, फ्लोरीन, बिस्मथ, ब्रोमीन, बेरियम, बेरिलियम, बोरियम, बोरॉन, मैग्नीसियम, मैंगनीज़, मोलिब्डेनम, युरोपियम, यूरेनियम, रदरफोर्डियम, रुथेनियम, ... सूचकांक विस्तार (59 अधिक) »
- आवर्त सारणी
ऊष्मा चालकता
भौतिकी में, ऊष्मा चालकता (थर्मल कण्डक्टिविटी) पदार्थों का वह गुण है जो दिखाती है कि पदार्थ से होकर ऊष्मा आसानी से प्रवाहित हो सकती है या नहीं। ऊष्मा चालकता को k, λ, या κ से निरूपित करते हैं। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता अधिक होती है उनसे होकर समान समय में अधिक ऊष्मा प्रवाहित होती है (यदि अन्य परिस्थितियाँ, जैसे ताप का अन्तर, पदार्थ की लम्बाई और क्षेत्रफल आदि समान हों)। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता बहुत कम होती हैं उन्हें ऊष्मा का कुचालक (थर्मल इन्सुलेटर) कहा जाता है। ऊष्मा चालकता के व्युत्क्रम (रेसिप्रोकल) को उष्मा प्रतिरोधकता (thermal resistivity) कहते हैं। .
देखें अधातु और ऊष्मा चालकता
चाँदी
चाँदी एक चमकीली व बहुमूल्य धातु है। इसका परमाणु क्रमांक 47 व परमाणु द्रव्यमान 107.9 है यह एक तन्य धातु है,अतः इसका उपयोग तार व आभूषण बनाने में होता है। इसका परमाण्विक इलेक्ट्रोन विन्यास-1s22s22p63s23p63d104s24p64d105s1 है। चाँदी सर्वाधिक विद्युतचालक व ऊष्माचालक धातु है। इसमे जल व कार्बन डाई ऑक्साइड व सल्फर डाई ऑक्साइड से अभिक्रिया से जंग उत्पन्न होती है, जो काले रंग की होती है। .
देखें अधातु और चाँदी
टर्बियम
एक भौतिक तत्त्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:लैन्थनाइड.
देखें अधातु और टर्बियम
टाइटेनियम
टाइटेनियम तत्व का सबसे पहले सन् 1791 में ग्रेटर ने पता लगाया तथा सन् 1795 में क्लापराथ ने इसका नाम टाइटेनियम रखा। इसके मुख्य खनिज इलमिनाइट तथा रुटाइल हैं। दूसरे खनिज स्थुडोब्रुकाइट, (Fe4 (TiO4) 3), एरीजोनाइट, (Fe2 (TiO3)3), गाइकीलाइट (MgTiO3) तथा पायरोफेनाइट, (MnTiO3) इत्यादि हैं धातु के क्लोराइड के वाष्प को द्रवित सोडियम के ऊपर से पारित करने पर, अथवा पोटासियम के साथ अवकरण से, अथवा धातु के हेलोजन लवण या ऑक्साइड के कैल्सियम, मैग्नीशियम या ऐल्यूमिनियम द्वारा अवकरण से यह धातु प्राप्त होती है। बुसे (सन् 1853) ने पोटासियम टाइटेनेट, सोडियम सल्फेट और सल्फयूरिक अम्ल के विद्युद्विच्छेदन द्वारा सफेद टाइटेनियम प्राप्त किया था। .
देखें अधातु और टाइटेनियम
टंगस्टन
टंगस्टन से निर्मित फिलामेण्ट का आरम्भिक भाग टंगस्टन (Tungsten) अथवा वोल्फ्राम (Wolfram) आवर्त सारणी के छठे अंतर्वर्ती समूह (transition group) का तत्व है। प्राकृतिक अवस्था में इसके पाँच स्थायी समस्थानिक पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 180, 182, 183, 184 तथा 186 हैं। इनके अतिरिक्त 181, 185 तथा 187 द्रव्यमान संख्याओं के रेडियधर्मी समस्थानिक कृत्रिम साधनों द्वारा निर्मित हुए हैं। 18वी शताब्दी तक टंगस्टन के अयस्क टिन के ही यौगिक माने जाते थे। सन् 1781 में शेले (Scheele) नामक वैज्ञानिक ने यह सिद्ध किया कि इसके अयस्क में नवीन अम्ल वर्तमान है, जिसे उसने टंग्स्टिक अम्ल कहा। इसके बाद धातु द्वारा इस अम्ल के निर्माण की भी पुष्टि हुई। इस तत्व के दो मुख्य अयस्क हैं: शीलाइट (Scheelite) और वोल्फ्रमाइट (Wolframite)। शीलाइट अयस्क में प्रधानत:- कैल्सियम टंग्स्टेट, (Ca WO4), रहता है और वोल्फ्रेमाइट में लौह तथा मैंगनीज टंग्स्टेट, (FeWO4.
देखें अधातु और टंगस्टन
टैंटेलम
टैंटेलम (Tantalum) आवर्त सारणी के पंचम संक्रमण समूह का तत्व है। इसका केवल एक स्थिर समस्थानिक, द्रवमानसंख्या 181, प्राप्त है। इसके चार कृत्रिम रेडियधर्मी समस्थानिक भी ज्ञात हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या 176, 177, 180 और 182 है। इस तत्व की खोज 1872 ई.
देखें अधातु और टैंटेलम
टेलुरियम
एक भौतिक तत्त्व है। Image:Tellurium bottle.jpg|Bottle of tellurium crystallites Image:Tellurium crystal.jpg|Tellurium crystal श्रेणी:टेलुरियम श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:काल्कोजन श्रेणी:उपधातुएँ.
देखें अधातु और टेलुरियम
टेक्निशियम
एक भौतिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और टेक्निशियम
एल्युमिनियम
एलुमिनियम एक रासायनिक तत्व है जो धातुरूप में पाया जाता है। यह भूपर्पटी में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु है। एलुमिनियम का एक प्रमुख अयस्क है - बॉक्साईट। यह मुख्य रूप से अलुमिनियम ऑक्साईड, आयरन आक्साईड तथा कुछ अन्य अशुद्धियों से मिलकर बना होता है। बेयर प्रक्रम द्वारा इन अशुद्धियों को दूर कर दिया जाता है जिससे सिर्फ़ अलुमिना (Al2O3) बच जाता है। एलुमिना से विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध एलुमिनियम प्राप्त होता है। एलुमिनियम धातु विद्युत तथा ऊष्मा का चालक तथा काफ़ी हल्की होती है। इसके कारण इसका उपयोग हवाई जहाज के पुर्जों को बनाने में किया जाता है। भारत में जम्मू कश्मीर, मुंबई, कोल्हापुर, जबलपुर, रांची, सोनभद्र, बालाघाट तथा कटनी में बॉक्साईट के विशाल भंडार पाए जाते है। उड़ीसा स्थित नाल्को (NALCO) दुनिया की सबसे सस्ती अलुमिनियम बनाने वाली कम्पनी है। .
देखें अधातु और एल्युमिनियम
ऐन्टिमोनी
ऐन्टिमोनी एक रासायनिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और ऐन्टिमोनी
ऐक्टिनियम
ऐक्टिनियम एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:ऐक्टिनाइड.
देखें अधातु और ऐक्टिनियम
डिसप्रोसियम
एक भौतिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और डिसप्रोसियम
ताम्र
तांबा (ताम्र) एक भौतिक तत्त्व है। इसका संकेत Cu (अंग्रेज़ी - Copper) है। इसकी परमाणु संख्या 29 और परमाणु भार 63.5 है। यह एक तन्य धातु है जिसका प्रयोग विद्युत के चालक के रूप में प्रधानता से किया जाता है। मानव सभ्यता के इतिहास में तांबे का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि प्राचीन काल में मानव द्वारा सबसे पहले प्रयुक्त धातुओं और मिश्रधातुओं में तांबा और कांसे (जो कि तांबे और टिन से मिलकर बनता है) का नाम आता है। .
देखें अधातु और ताम्र
त्रपु
एक भौतिक तत्त्व है। Image:TinOreUSGOV.jpg|Tin ore Image:tin-symbol.png|Alchemical symbol for tin Image:Jupiter symbol.png Image:Cín.PNG|Cín - Sn Image:Tin-2.jpg|Tin blob Image:Rhof-zinngiesser.ogv | opening of a tin casting workshop (in German) श्रेणी:टिन.
देखें अधातु और त्रपु
थुलियम
एक भौतिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और थुलियम
थैलियम
थैलियम (Thallium) एक रासायनिक तत्त्व है। यह आवर्त सारणी के तृतीय मुख्य समूह का अंतिम तत्व है। इसके दो स्थिर समस्थानिक प्राप्त हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ २०३ एवं २०५ हैं। इसके अतिरिक्त इसके नौ अस्थिर समस्थानिक ज्ञात हैं। इनकी द्रव्यमान संख्याएँ १९९, २००, २०२, २०४, २०६, २०७, २०८, २०९ और २१० हैं। इनमें कुछ रेडियधर्मी अयस्कों में मिलते हैं और कुछ कृत्रिम साधनों द्वारा उपलब्ध हैं। इस तत्व की खोज अंग्रेज वैज्ञानिक विलियम क्रुक्स ने १८६१ ईo में एक विशेष सेलेनियम युक्त पायराइट (seleniferous pyrite) में वर्णक्रममापी (spectroscopic) उपकरण द्वारा की। उन्होंने भूर्जित (roasted) अयस्क की धूल के वर्णक्रममापी निरीक्षण में एक हल्के हरे रंग की रेखा देखी, जिसके कारण इस तत्व का नाम थैलियम रखा। इस तत्व को लैमी (Lamy) ने सर्वप्रथम पृथक् कर इसके गुणधर्म का निरीक्षण किया। अनेक पायराइट अयस्कों में थैलियम न्यून मात्रा में वर्तमान रहता है। केवल क्रुसाइट (Crookesite) नामक अयस्क में यह १७% मात्रा में उपस्थित रहता है। सामान्यत: यह कुछ अयस्कों की चिमनी (flue) धूल, या सल्फ्यूरिक अम्ल बनते समय प्रकोष्ठ कीच (chamber mud), से निकाला जाता है। कीच को उबलते जल से उपचारित करने पर थैलियम सल्फेट का विलयन बन जाता है, जिसे छानकर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल द्वारा क्लोराइड में परिवर्तित करते हैं। क्लोराइड को फिर सल्फ्यूरिक अम्ल की क्रिया द्वारा सल्फेट में परिणत करने से अन्य अपद्रव्य दूर हो जाते हैं। उबलते जल की क्रिया से केवल थैलियम सल्फेट ही घुलता है। विलयन के विद्युद्विश्लेषण अथवा यशद धातु की प्रक्रिया द्वारा थैलियम धातु मिलती है। .
देखें अधातु और थैलियम
थोरियम
'''मोनाजाइट''' नामक खनिज थोरियम का प्रमुख स्रोत है। यह एक विरल मृदा एवं थोरियम फॉस्फेट है। थोरियम (Thorium) आवर्त सारणी के ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series) का प्रथम तत्व है। पहले यह चतुर्थ अंतर्वर्ती समूह (fourth transition group) का अंतिम तत्व माना जाता था, परंतु अब यह ज्ञात है कि जिस प्रकार लैथेनम (La) तत्व के पश्चात् 14 तत्वों की लैथेनाइड शृंखला (lanthanide series) प्रांरभ होती है, उसी प्रकार ऐक्टिनियम (Ac) के पश्चात् 14 तत्वों की दूसरी शृंखला आरंभ होती है, जिसे एक्टिनाइड शृंखला कहते हैं। थोरियम के अयस्क में केवल एक समस्थानिक(द्रव्यमान संख्या 232) पाया जाता है, जो इसका सबसे स्थिर समस्थानिक (अर्ध जीवन अवधि 1.4 x 1010 वर्ष) है। परंतु यूरेनियम, रेडियम तथा ऐक्टिनियम अयस्कों में इसके कुछ समस्थानिक सदैव वर्तमान रहते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 227, 228, 230, 231 तथा 234 हैं। इनके अतिरिक्त 224, 225, 226, 229 एवं 233 द्रव्यमान वाले समस्थानिक कृत्रिम उपायों द्वारा निर्मित हुए हैं। थोरियम धातु की खोज 1828 ई में बर्ज़ीलियस ने थोराइट अयस्क में की थी। यद्यपि इसके अनेक अयस्क ज्ञात हैं, परंतु मोनेज़ाइट (monazite) इसका सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जिसमें थोरियम तथा अन्य विरल मृदाओं के फॉस्फेट रहते हैं। संसार में मोनेज़ाइट का सबसे बड़ा भंडार भारत के केरल राज्य में हैं। बिहार प्रदेश में भी थोरियम अयस्क की उपस्थिति ज्ञात हुई है। इनके अतिरिक्त मोनेज़ाइट अमरीका, आस्ट्रलिया, ब्राज़िल और मलाया में भी प्राप्त है। मौनेज़ाइट को सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की प्रक्रिया कर आंशिक क्षारीय विलयन मिलाने से थोरियम फॉस्फेट का अवक्षेप बनता है। इसको सल्फ्यूरिक या हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में घुला कर फिर फॉस्फेट अवक्षिप्त करते हैं। इस क्रिया को दोहराने पर थोरियम का शुद्ध फॉस्फेट मिलता है। थोरियम क्लोराइड को सोडियम के साथ निर्वात में गरम करने से थोरियम धातु मिलती है। थोरियम आयोडाइड (Th I4) के वाष्प को गरम टंग्स्टन तंतु (filament) पर प्रवाहित करने से, या थोरियम ऑक्साइड (ThO2) पर कैल्सियम की प्रक्रिया द्वारा भी, थोरियम धातु प्राप्त हो सकती है। थोरियम का निष्कर्षण .
देखें अधातु और थोरियम
धातु
'धातु' के अन्य अर्थों के लिए देखें - धातु (बहुविकल्पी) ---- '''धातुएँ''' - मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थों में धातुएँ भी हैं लुहार द्वारा धातु को गर्म करने पर रसायनशास्त्र के अनुसार धातु (metals) वे तत्व हैं जो सरलता से इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं और धातुओं के परमाणुओं के साथ धात्विक बंध बनाते हैं। इलेक्ट्रानिक मॉडल के आधार पर, धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं। धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं। .
देखें अधातु और धातु
नायोबियम
नायोबियम (Niobium) एक रासायनिक तत्व है। इसका प्रतीक है - Nb.
देखें अधातु और नायोबियम
नाइट्रोजन
नाइट्रोजन (Nitrogen), भूयाति या नत्रजन एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक N है। इसका परमाणु क्रमांक 7 है। सामान्य ताप और दाब पर यह गैस है तथा पृथ्वी के वायुमण्डल का लगभग 78% नाइट्रोजन ही है। यह सर्वाधिक मात्रा में तत्व के रूप में उपलब्ब्ध पदार्थ भी है। यह एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन और प्रायः अक्रिय गैस है। इसकी खोज 1772 में स्कॉटलैण्ड के वैज्ञनिक डेनियल रदरफोर्ड ने की थी। आवर्त सारणी के १५ वें समूह का प्रथम तत्व है। नाइट्रोजन का रसायन अत्यंत मनोरंजक विषय है, क्योंकि समस्त जैव पदार्थों में इस तत्व का आवश्यक स्थान है। इसके दो स्थायी समस्थानिक, द्रव्यमान संख्या 14, 15 ज्ञात हैं तथा तीन अस्थायी समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या 13, 16, 17) भी बनाए गए हैं। नाइट्रोजन तत्व की पहचान सर्वप्रथम 1772 ई.
देखें अधातु और नाइट्रोजन
नियोडाइमियम
नियोडाइमियम (Neodymium) एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Nd है। इसका का परमाणु क्रमांक 60 और परमाणु भार 144.242 है। आवर्त सारणी में इसे लेन्थेनाइड तत्त्वों के साथ में रखा गया है। ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिक 'वेल्स बैच' ने 1885 में इसकी खोज की थी। इसका गलनांक 934 डिग्री सेल्सियस तथा क्वथनांक 3480 डिग्री सेल्सियस है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:लैन्थनाइड.
देखें अधातु और नियोडाइमियम
नियोन
शुद्ध नियान से भरी विसर्जन नली (डिस्चार्ज ट्यूब) निऑन (Neon) (संकेत: Ne) एक रासायनिक तत्व है। इसका परमाणु क्रमांक १० है। यह आवर्त सारणी के १८वें समूह (अक्रिय गैसें) में रखा गया है। रैमज़े और टैवर्स ने १८९८ ई.
देखें अधातु और नियोन
निकल
निकल एक रासायनिक तत्व है जो रासायनिक रूप से संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। यह एक श्वेत-चाँदी रंग की धातु है जिसमें ज़रा-सी सुनहरी आभा भी दिखती है। यह सख़्त और तन्य होता है। हालाँकि निकल के बड़े टुकड़ों पर ओक्साइड की परत बन जाती है जिस से अंदर की धातु सुरक्षित रहती है, निकल वैसे ओक्सीजन से तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया (रियेक्शन) कर लेता है। इस कारणवश पृथ्वी की सतह पर निकल शुद्ध रूप में नहीं मिलता और अगर मिलता है तो इसका स्रोत अंतरिक्ष से गिरे लौह उल्का होते हैं। वैज्ञानिक यह मानते हैं कि पृथ्वी का क्रोड निकल-लौह के मिश्रित धातु का बना हुआ है। .
देखें अधातु और निकल
नोबेलियम
नोबेलियम एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:ऐक्टिनाइड श्रेणी:कृत्रिम तत्व.
देखें अधातु और नोबेलियम
परिभाषा
परिभाषा (फ्रेंच, अंग्रेजी, जर्मन: Definition) किसी भी विषय या वस्तु या चीज का संक्षिप्त और तार्किक वर्णन है, जो वस्तुओं के मूलभूत विशिष्ट गुण या संकल्पनाओं के अर्थ, अंतर्वस्तु और सीमाएं बताता है। किसी शब्द या वाक्यांश या संकेत की व्याख्या करने वाले गद्यांश को भी परिभाषा कह सकते हैं। उदाहरण के लिए, भौतिकी में 'शक्ति' की परिभाषा निम्नलिखित प्रकार से की जाती है- .
देखें अधातु और परिभाषा
पलेडियम
एक भौतिक तत्त्व है। श्रेणी:संक्रमण धातु श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:कीमती धातुएँ.
देखें अधातु और पलेडियम
पारा
साधारण ताप पर पारा द्रव रूप में होता है। पारे का अयस्क पारा या पारद (संकेत: Hg) आवर्त सारिणी के डी-ब्लॉक का अंतिम तत्व है। इसका परमाणु क्रमांक ८० है। इसके सात स्थिर समस्थानिक ज्ञात हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ १९६, १९८, १९९, २००, २०१, २०२ और २०४ हैं। इनके अतिरिक्त तीन अस्थिर समस्थानिक, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ १९५, १९७ तथा २०५ हैं, कृत्रिम साधनों से निर्मित किए गए हैं। रासायनिक जगत् में केवल यही धातु साधारण ताप और दाब पर द्रव रूप होती है। .
देखें अधातु और पारा
प्रासियोडाइमियम
Praseodymium प्रतीक जनसंपर्क और परमाणु संख्या 59 praseodymium के साथ एक रासायनिक तत्व है एक नरम, चांदी, निंदनीय और नमनीय lanthanide समूह में धातु है। यह अपने चुंबकीय, विद्युत, रसायन, और ऑप्टिकल गुण के लिए महत्वपूर्ण है। यह बहुत प्रतिक्रियाशील मूल रूप में पाया जा सकता है, और जब कृत्रिम रूप से तैयार है, यह धीरे धीरे एक हरे रंग की ऑक्साइड कोटिंग विकसित करता है। तत्व इसका प्राथमिक ऑक्साइड के रंग के लिए नामित किया गया था। 1841 में, स्वीडिश रसायनज्ञ कार्ल गुस्ताव Mosander एक दुर्लभ पृथ्वी ऑक्साइड अवशेषों वह एक अवशेषों उन्होंने कहा, "lanthana" कहा जाता है से "डाइडीमियम" कहा जाता है, बदले में सैरियम लवण से अलग निकाली गई। 1885 में, ऑस्ट्रिया के रसायनज्ञ बैरन कार्ल वॉन Auer Welsbach अलग अलग रंग के दो लवण, जिसमें उन्होंने praseodymium और neodymium नामित में डाइडीमियम अलग कर दिया। नाम प्रेसियोडीमियम ग्रीक prasinos (πράσινος), जिसका अर्थ है "हरी", और didymos (δίδυμος), "जुड़वां" से आता है। सबसे दुर्लभ पृथ्वी तत्व की तरह, प्रेसियोडीमियम सबसे आसानी से त्रिसंयोजक पीआर (तृतीय) आयनों रूपों। ये पानी के घोल में पीले, हरे, पीले, हरे और के विभिन्न रंगों जब गिलास में शामिल कर रहे हैं। प्रेसियोडीमियम के औद्योगिक उपयोग करता है कि कई प्रकाश स्रोतों से पीली रोशनी फिल्टर करने के लिए इसके उपयोग को शामिल करना। विषय वस्तु 1 के लक्षण 1.1 भौतिक गुण 1.2 रासायनिक गुण 1.3 यौगिकों 1.4 आइसोटोप 2 इतिहास 3 घटना 4 अनुप्रयोगों 5 सावधानियां 6 संदर्भ 7 आगे पढ़ने 8 बाहरी लिंक लक्षण भौतिक गुण Praseodymium lanthanide समूह में एक नरम, चांदी, निंदनीय और तन्य धातु है। यह कुछ हद तक अधिक युरोपियम, लेण्टेनियुम, सैरियम, या Neodymium से हवा में जंग के लिए प्रतिरोधी है, लेकिन यह पीआर के ऑक्सीकरण-एक सेंटीमीटर आकार नमूना पूरी तरह से ऑक्सीकरण के लिए और अधिक धातु उजागर एक हरे रंग की ऑक्साइड कोटिंग है कि बंद spalls जब हवा के संपर्क में विकसित करता है, एक वर्ष के भीतर। इस कारण से, प्रेसियोडीमियम आमतौर पर एक प्रकाश खनिज तेल के तहत संग्रहीत या गिलास में बंद है। अन्य दुर्लभ पृथ्वी धातुओं, जो कम तापमान पर antiferromagnetic या / और ferromagnetic आदेश देने दिखाने के विपरीत, पीआर 1 लालकृष्ण ऊपर किसी भी तापमान पर समचुंबक है रासायनिक गुण Praseodymium धातु हवा और 150 डिग्री सेल्सियस पर आसानी से जल में धीरे-धीरे खराब प्रेसियोडीमियम के लिए फार्म (तृतीय, चतुर्थ) ऑक्साइड: 12 पीआर + 11 O2 → 2 Pr6O11 Praseodymium काफी विद्युत धन है और फार्म के लिए प्रेसियोडीमियम (तृतीय) हाइड्रॉक्साइड गर्म पानी के साथ ठंडे पानी के साथ धीरे-धीरे प्रतिक्रिया करता है और काफी तेजी से: 2 पीआर (एस) + 6 H2O (एल) → 2 पीआर (OH) 3 (aq) + 3 एच 2 (G) Praseodymium धातु सभी हैलोजन के साथ प्रतिक्रिया करता है: 2 पीआर (एस) + 3 F2 (G) → 2 PrF3 (ओं) 2 पीआर (एस) + 3 CL2 (G) → 2 PrCl3 (ओं) 2 पीआर (एस) + 3 Br2 (G) → 2 PrBr3 (ओं) 2 पीआर (एस) + 3 I2 (G) → 2 PrI3 (ओं) Praseodymium तनु सल्फ्यूरिक एसिड हरी पीआर (तृतीय) आयनों युक्त समाधान है, जो के रूप में एक ही मौजूद 3 + परिसरों के लिए फार्म में आसानी से घुल: 2 पीआर (एस) + 3 H2SO4 (AQ) → 2 PR3 + (aq) + 3 SO2- 4 (aq) + 3 एच 2 (G) यौगिकों यह भी देखें: श्रेणी: praseodymium यौगिकों इसकी यौगिकों में, प्रेसियोडीमियम ऑक्सीकरण राज्यों 2, 3, 4, और विशिष्ट lanthanides बीच, 5 में होता है। Praseodymium (चतुर्थ) एक मजबूत ऑक्सीडेंट, तुरन्त मौलिक ऑक्सीजन (O2), या हाइड्रोक्लोरिक एसिड मौलिक क्लोरीन (CL2) के लिए पानी ऑक्सीकरण है। इस प्रकार, जलीय घोल में, केवल 3 ऑक्सीकरण राज्य का सामना करना पड़ा है। Praseodymium (तृतीय) लवण पीले, हरे और, समाधान में, एक काफी सरल अवशोषण स्पेक्ट्रम दिखाई क्षेत्र में, पीला, नारंगी में एक बैंड के साथ 589-590 एनएम (जो सोडियम उत्सर्जन नक़ल साथ मेल खाता है) पर मौजूद है, और तीन हैं नीले / बैंगनी क्षेत्र में बैंड, 444, 468, और 482 एनएम, लगभग पर। इन पदों पर जवाबी आयन के साथ थोड़ा भिन्न हो। Praseodymium ऑक्साइड, के रूप में इस तरह के oxalate या हवा में कार्बोनेट के रूप में लवण की प्रज्वलन के द्वारा प्राप्त की, रंग में अनिवार्य रूप से काला (भूरे या हरे रंग का एक संकेत के साथ) है और एक हद तक चर अनुपात में 3 और 4 प्रेसियोडीमियम होता है पर निर्भर करता है गठन की शर्तों। अपने सूत्र पारंपरिक Pr6O11 के रूप में प्रदान की गई है। हालांकि प्रेसियोडीमियम (वी) थोक राज्य में अज्ञात है, इसकी +5 ऑक्सीकरण राज्य में प्रेसियोडीमियम के अस्तित्व को नोबल गैस मैट्रिक्स अलगाव की स्थिति 2016 में सूचित किया गया था को सौंपा प्रजातियों के तहत (4f05d0 विन्यास के लिए इसी) + 5 राज्य, इसके O2 और Ar adducts, और Pro2 (η2-ओ 2) के रूप में पहचान की गई। अन्य प्रेसियोडीमियम यौगिकों में शामिल हैं: फ्लोराइड: PrF2, PrF3, PrF4 क्लोराइड: PrCl3 समन्वय से युक्त: PrBr3, Pr2Br5 Iodides: PrI2, PrI3, Pr2I5 आक्साइड: Pro2, Pr2O3, Pr6O11 Sulfides: पीआरएस, Pr2S3 Sulfates: PR2 (SO4) 3 Selenides: PrSe Tellurides: PrTe, Pr2Te3 Nitrides: PRN कार्बोनेट: PR2 (CO3) 3 आइसोटोप मुख्य लेख: praseodymium के आइसोटोप स्वाभाविक रूप से होने वाली प्रेसियोडीमियम एक स्थिर आइसोटोप से बना है, प्रेसियोडीमियम -141, एनएमआर और EPR स्पेक्ट्रोस्कोपी में उपयोग की है। 38 radioisotopes सबसे अधिक स्थिर 13.57 दिनों की एक आधा जीवन और प्रेसियोडीमियम-142 19.12 घंटे की एक आधा जीवन के साथ साथ किया जा रहा प्रेसियोडीमियम-143 के साथ, विशेषता किया गया है। शेष रेडियोधर्मी आइसोटोप के सभी आधा जीवन है कि कम से कम छह घंटे कर रहे हैं, और इनमें से अधिकांश आधा जीवन है कि कम से कम 10 मिनट कर रहे हैं। यह तत्व भी सबसे लंबे समय तक रहते थे जा रहा है प्रेसियोडीमियम-138m, प्रेसियोडीमियम-134m, और प्रेसियोडीमियम-142m के साथ 15 परमाणु isomers है। परमाणु के नाभिक isomers के कारण कम से कम एक nucleon एक उत्साहित ऊर्जा राज्य होने के लिए एक नाजुक संतुलन या metastability में मौजूद हैं। 121 से 159 के लिए जन संख्या में प्रेसियोडीमियम रेंज के आइसोटोप सबसे प्रचुर मात्रा में स्थिर आइसोटोप से कम जन संख्या के साथ 20 आइसोटोप का सबसे आम क्षय मोड, प्रेसियोडीमियम -141 β + क्षय, मुख्य रूप से गठन सैरियम आइसोटोप (58 प्रोटॉन) क्षय उत्पादों के रूप में है। प्रेसियोडीमियम-141 से अधिक जन संख्या के साथ 18 आइसोटोप के लिए सबसे आम क्षय मोड β- क्षय, मुख्य रूप से क्षय उत्पादों के रूप में Neodymium आइसोटोप (60 प्रोटॉन) के गठन है। इतिहास कार्ल वॉन Auer Welsbach (1858-1929), 1885 में प्रेसियोडीमियम के आविष्कारक। 1839 में कच्चे तेल की Mosander सैरियम नाइट्रेट के मिश्रण से एक ऑक्साइड उन्होंने कहा, "लैंटाना" (lanthana देखें) कहा जाता है, जो हाल में पता चला तत्व लेण्टेनियुम की ऑक्साइड था निकाले। 1841 में, Mosander दिखाने के लिए कि "लैंटाना" था सबसे जोरदार दुर्लभ पृथ्वी तत्व आक्साइड का एक मिश्रण के मूल पर चला गया और पिछले एसिड समाधान से उपजी हो सकता है जब आधार जोड़ दिया गया, या पहले भंग हो गया था जब मिश्रित आक्साइड तनु अम्ल के साथ leached थे। शेष कम बुनियादी दुर्लभ पृथ्वी (s) गुलाबी रंग बनाए रखा, और Mosander इस शेष अंश "डाइडीमियम" कहा जाता है। 1874 में, प्रति Teodor क्लीव निष्कर्ष निकाला है कि तथ्य यह है डाइडीमियम दो तत्वों में था, और 1879 में, Lecoq डी Boisbaudran नई पृथ्वी पृथक, समैरियम, "डाइडीमियम" खनिज samarskite से प्राप्त से। कच्चे डाइडीमियम वास्तव में तीन तत्व निहित है, और 1885 में ऑस्ट्रिया के रसायनज्ञ बैरन कार्ल वॉन Auer Welsbach दो तत्वों, praseodymium और neodymium, जो अलग अलग रंग के लवण दिया डाइडीमियम में अलग कर दिया। नाम प्रेसियोडीमियम ग्रीक prasinos (πράσινος), जिसका अर्थ है "हरी", और didymos (δίδυμος), "जुड़वां" से आता है। Praseodymium अक्सर praseodynium के रूप में गलत वर्तनी है। सिंह मोजर (लुडविग मोजर का बेटा, क्या है अब प्राग में मोजर कांच के संस्थापक, बोहेमिया, चेक गणराज्य में, सिंह मोजर, एक गणितज्ञ के साथ भ्रमित होने की नहीं) देर से 1920 के दशक में कांच रंगाई में प्रेसियोडीमियम के उपयोग की जांच की। परिणाम एक पीले, हरे कांच का नाम "Prasemit" दिया गया था। हालांकि, एक समान रंग क्या देर से 1920 के दशक में प्रेसियोडीमियम लागत, कि इस तरह के रंग लोकप्रिय नहीं था, कुछ टुकड़े किए गए थे के केवल एक मिनट के अंश लागत colorants के साथ प्राप्त किया जा सकता है, और उदाहरण अब बहुत दुर्लभ हैं। मोजर भी neodymium साथ प्रेसियोडीमियम मिश्रित उपज "Heliolite" गिलास ("Heliolit" जर्मन में), गया, जिसमें अधिक व्यापक रूप से स्वीकार कर लिया। जो आज भी जारी है, शुद्ध प्रेसियोडीमियम के पहले स्थायी वाणिज्यिक उपयोग, मिट्टी के पात्र के लिए एक पीला, नारंगी दाग के रूप में है, "praseodymium पीले", जो zirconium सिलिकेट (जिक्रोन) जाली में प्रेसियोडीमियम का एक ठोस समाधान है। यह दाग़ उस में हरे रंग का कोई संकेत है। इसके विपरीत, पर्याप्त उच्च लोडिंग पर, प्रेसियोडीमियम कांच साफ़ तौर पर हरे रंग की बजाय शुद्ध पीला से है। शास्त्रीय जुदाई विधियों का प्रयोग, प्रेसियोडीमियम हमेशा शुद्ध करने के लिए मुश्किल था। बहुत कम लेण्टेनियुम और neodymium, जहां से इसे अलग किया जा रहा था (सैरियम लंबे समय के बाद redox रसायन विज्ञान के द्वारा हटा दिया गया हो रही है) की तुलना में प्रचुर मात्रा में, प्रेसियोडीमियम को समाप्त हो गया अंशों की एक बड़ी संख्या के बीच फैलाया जा रहा है, और शुद्ध सामग्री के परिणामस्वरूप पैदावार कम थे। Praseodymium ऐतिहासिक दृष्टि से एक दुर्लभ पृथ्वी जिनकी आपूर्ति मांग से अधिक है किया गया है। यह कभी कभी अपनी किया जा रहा है कहीं अधिक प्रचुर मात्रा में Neodymium से अधिक सस्ते में देने की पेशकश करने के लिए प्रेरित किया है। इस तरह, बहुत प्रेसियोडीमियम के रूप में अवांछित लेण्टेनियुम और सैरियम, या घटकों में से प्रत्येक के पहले अक्षर के लिए "LCP" के साथ एक मिश्रण के रूप में विपणन किया गया है, पारंपरिक lanthanide मिश्रण है कि सस्ते में monazite या bastnasite से किए गए थे की जगह में इस्तेमाल के लिए। LCP क्या, इस तरह के मिश्रण की बनी हुई है वांछनीय Neodymium के बाद, और सभी भारी दुर्लभ और अधिक मूल्यवान lanthanides, हटा दिया गया है सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन के द्वारा होता है। हालांकि, प्रौद्योगिकी की प्रगति के रूप में, यह है कि प्रेसियोडीमियम neodymium लोहा-बोरान मैग्नेट में शामिल किया जा सकता है, जिससे मांग Neodymium में ज्यादा की आपूर्ति का विस्तार पाया गया है । तो नियंत्रण रेखा LCP एक परिणाम के रूप में बदलने के लिए शुरू कर रहा है। 1930 के दशक में यह पाया गया था (बेक) में प्रेसियोडीमियम डाइऑक्साइड सोडियम क्लोरेट द्वारा electrochemistry द्वारा, KOH / NaOH गलनक्रांतिक पिघलने से उपजी किया जा सकता है ऑक्सीकरण द्वारा, या। यह एक छोटे पैमाने पर प्रयोगशाला शोधन विधि का आधार बनाया। अपेक्षाकृत शुद्ध मुक्त धातु ही 1931 तक तैयार नहीं था। घटना मोनाजाइट Praseodymium पृथ्वी की पपड़ी (9.5 पीपीएम) में कम मात्रा में होता है। यह काउंटर चालू सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी खनिजों monazite और bastnasite में पाया जाता है, आम तौर पर lanthanides के 5% के बारे में शामिल उसमें निहित है, और एक आयन एक्सचेंज प्रक्रिया द्वारा इन खनिजों से बरामद किया जा सकता है, या। Mischmetal, सिगरेट लाइटर बनाने में इस्तेमाल किया, ऐतिहासिक बारे में 5% प्रेसियोडीमियम धातु निहित है। Praseodymium हालांकि तत्व की एकाग्रता लाख प्रति हिस्सा या दस लाख प्रति 15 भागों के रूप में उच्च के रूप में कम के रूप में 1 हो सकता है, मिट्टी की सूखी वजन के प्रति दस लाख 8 भागों के एक औसत बनाता है। Praseodymium समुद्री जल के ट्रिलियन प्रति 1 हिस्सा बना देता है। वहाँ के वातावरण में लगभग कोई प्रेसियोडीमियम है। एप्लीकेशन Praseodymium-रंगीन कांच प्रेसियोडीमियम का उपयोग करता है: Neodymium के साथ संयोजन में, एक और दुर्लभ पृथ्वी तत्व, प्रेसियोडीमियम उनकी ताकत और स्थायित्व के लिए उल्लेखनीय उच्च शक्ति मैग्नेट बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। उच्च शक्ति धातुओं कि विमान के इंजन में इस्तेमाल कर रहे हैं बनाने के लिए मैग्नीशियम के साथ एक alloying एजेंट के रूप में। Praseodymium mischmetal के पारंपरिक संस्करण का 5 प्रतिशत है। Praseodymium दुर्लभ पृथ्वी मिश्रण जिसका फ्लोराइड कार्बन आर्क रोशनी जो स्टूडियो प्रकाश और प्रोजेक्टर रोशनी के लिए फिल्म उद्योग में उपयोग किया जाता है के मुख्य रूपों में मौजूद है। Praseodymium यौगिकों चश्मा देने के लिए और एक पीले रंग इनैमल। Praseodymium रंग करने के लिए घन zirconia पीले, हरे, खनिज Peridot अनुकरण करने के लिए प्रयोग किया जाता है। Praseodymium डाइडीमियम गिलास, जो वेल्डर और कांच बनाने वाला के काले चश्मे के कुछ प्रकार बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है का एक घटक है। सिलिकेट प्रेसियोडीमियम आयनों के साथ डाल दिया गया क्रिस्टल एक प्रकाश नाड़ी प्रति सेकंड कुछ सौ मीटर की दूरी पर धीमा करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। Praseodymium निकल (PrNi5) के साथ alloyed तरह के एक मजबूत प्रभाव magnetocaloric कि यह वैज्ञानिकों निरपेक्ष शून्य से एक डिग्री के एक हज़ारवां के भीतर दृष्टिकोण करने के लिए अनुमति दी गई है। फ्लोराइड गिलास में डोपिंग प्रेसियोडीमियम यह एक एकल मोड फाइबर ऑप्टिकल एम्पलीफायर के रूप में इस्तेमाल किया जा करने की अनुमति देता है। Ceria, या, साथ Ceria-zirconia के साथ ठोस समाधान में praseodymium ऑक्साइड ऑक्सीकरण उत्प्रेरक के रूप में इस्तेमाल किया गया है। आधुनिक ferrocerium firesteel उत्पादों, सामान्यतः "चकमक" कहा जाता है, चकमक पत्थर चट्टानों, लाइटर, मशाल स्ट्राइकर, "चकमक पत्थर और इस्पात" आग शुरुआत, आदि में इस्तेमाल प्राकृतिक रूप से पाए, हालांकि एक पूरी तरह से अलग रासायनिक संरचना होने, लगभग 4% प्रेसियोडीमियम शामिल। सावधानियां। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:लैन्थनाइड.
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प्रोमीथियम
एक भौतिक तत्त्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:लैन्थनाइड.
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प्लैटिनम
यह एक रायानिक धातु तत्व है। सबसे कठोर धातु प्लैटिनम है श्रेणी:धातु श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:कीमती धातुएँ श्रेणी:संक्रमण धातु.
देखें अधातु और प्लैटिनम
प्लूटोनियम
प्लूटोनियम एक दुर्लभ ट्रांसयूरेनिक रेडियोधर्मी तत्त्व है। इसका रासायनिक प्रतीक Pu और परमाणु भार ९४ होता है। प्लूटोनियम के छः अपरूप होते हैं। यह एक ऐक्टिनाइड तत्त्व है जो दिखने में रुपहले श्वेत (सिल्वर व्हाइट) रंग का होता है। प्लूटोनियम-२३८ का अर्धायु काल ८७.७४ वर्ष होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। १० दिसम्बर २००९ प्लूटोनियम-२३९, प्लूटोनियम का एक महत्वपूर्ण समस्थानिक है जिसकी अर्धायु काल २४,१०० वर्ष होता है। प्लूटोनियम-२४४, प्लूटोनियम का सर्वाधिक स्थाई समस्थानिक होता है। इसका अर्धायु काल ८ करोड़ वर्ष होता है। .
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पोटैशियम
पोटैशियम पोटैशियम (Potassium) एक रासायनिक तत्व है। इसका प्रतीक 'K' है। यह आर्वत सारणी के प्रथम मुख्य समूह का तत्व है। इसके दो स्थिर समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या ३९ और ४१) ज्ञात हैं। एक अस्थिर समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या ४०) प्रकृति में न्यून मात्रा में पाया जाता है। इनके अतिरिक्त तीन अन्य समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या ३८, ४२ और ४३) कृत्रिम रूप से निर्मित हुए हैं। .
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पोलोनियम
पोलोनियम एक रासायनिक तत्व है। इसकी खोज सन् १८९८ में मेरी क्युरी और प्येर क्युरी ने की थी। श्रेणी:पोलोनियम श्रेणी:विषविज्ञान श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:संक्रमणोपरांत धातु श्रेणी:धातु श्रेणी:काल्कोजन.
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फर्मीयम
फर्मीयम एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:ऐक्टिनाइड श्रेणी:कृत्रिम तत्व.
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फ़्रान्सियम
फ़्रान्सियम एक भौतिक तत्त्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:धातु श्रेणी:रसायन शब्दावली श्रेणी:आवर्त सारणी.
देखें अधातु और फ़्रान्सियम
फास्फोरस
भास्वर (फ़ॉस्फ़ोरस) एक रासायनिक तत्व है जिसका संकेत या P है तथा परमाणु संख्या 15। यह शब्द ग्रीक (यूनानी) भाषा के फॉस (प्रकाश) तथा फोरस (धारक) से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ हुआ प्रकाश का धारक। ये फॉस्फेट चट्टानों में पाया जाता है। इसकी संयोजकता 1, 3 और 5 होती है। तत्वों की आवर्त सारणी में ये भूयाति के समूह में आता है। फ़ॉस्फ़ोरस एक अभिक्रियाशील तत्व है इसकारण ये मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। कुछ खनिजों में धातुओं के फॉस्फेट मिलते हैं। पशुओं की हड्डियों में 56% कैल्शियम फॉस्फेट पाया जाता है। जन्तुओं तथा पौधों के लिए यह एक अनिवार्य तत्व है। इसका अस्तित्व कई जैव अवयवों में मिलता है। .
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फ्लोरीन
फ्लोरीन एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी (periodic table) के सप्तसमूह का प्रथम तत्व है, जिसमें सर्वाधिक अधातु गुण वर्तमान हैं। इसका एक स्थिर समस्थानिक (भारसंख्या 19) प्राप्त है और तीन रेडियोधर्मिता समस्थानिक (भारसंख्या 17,18 और 20) कृत्रिम साधनों से बनाए गए हैं। इस तत्व को 1886 ई.
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बिस्मथ
बिस्मथ एक रासायनिक तत्व है। अपने समूह में सबसे बड़ा तत्व तथा परमाणु आकार बड़ा होने के कारण इस इसकी नाभिक से दूरी बढ़ जाती है जिसके कारण नाभिक और बाह इलेक्ट्रानों के लिये आकर्षण बल कम हो जाता है 15 में वर्ग में यह एक ऐसा तत्व है जो अपररूपता प्रदर्शित नहीं करता है तथा यह उन तत्वों की अपेक्षा अशुद्धि चमकदार होता है .
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ब्रोमीन
ब्रोमीन आवर्त सारणी (periodic table) के सप्तम मुख्य समूह का तत्व है और सामान्य ताप पर केवल यही अधातु द्रव अवस्था में रहती है। इसके दो स्थिर समस्थानिक (isotopes) प्राप्य हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 79 और 81 है। इसके अतिरिक्त इस तत्व के 11 रेडियोधर्मी समस्थानिक निर्मित हुए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 75, 76, 77, 78, 80, 82, 83, 84, 85, 86 और 88 हैं। फ्रांस के वैज्ञानिक बैलार्ड ने ब्रोमीन की 1826 ई.
देखें अधातु और ब्रोमीन
बेरियम
बेरियम (Barium) कैल्सियम समूह का तत्व है। खनिज बेराइट इसका पहला खनिज था, जिसकी ओर सन् 1602 में बोलोन के एक चर्मकार बी.
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बेरिलियम
बेरिलियम एक रासायनिक तत्व है। यह प्रकृति में शुद्ध रूप में कभी नहीं मिलता बल्कि केवल अन्य तत्वों के साथ यौगिकों में ही पाया जाता है। इसे फ़ीरोज़ा (beryl) नामक रत्न में पाया जाता है जिस कारण से आम-भाषा में कभी-कभी बेरिलियम को भी फ़ीरोज़ा कह दिया जाता है। अपने शुद्ध रूप में यह तत्व लौह-भूरे रंग का, हल्का और भंगुर (ब्रिटल, आसानी से टूट जाने वाला) पदार्थ होता है। रासायनिक दृष्टि से यह क्षारीय पार्थिव धातु समूह का सदस्य है। जब बेरिलियम को ताम्बे, लोहे, ऐल्युमिनियम या निकल से मिलाकर मिश्रित धातु (ऐलोय) बनाई जाती है तो वह अधिक सख़्त और हलकी हो जाती है। ताम्बे-बेरिलियम की मिश्रधातु से बने औज़ार जब लोहे या इस्पात पर प्रहार करते हैं तो चिंगारियाँ नहीं छोड़ते, जो कई औद्योगिक स्थितियों में काम आता है। अपने कम-घनत्व और हल्केपन के कारण इन मिश्रधातुओं को विमानों और उपग्रहों में भी इस्तेमाल किया जाता है। अपने कम घनत्व की वजह से यह एक्स-रे किरणों को भी नहीं रोकता, इसलिये एक्स-रे के साथ प्रयोग होने वाले ढांचे अक्सर बेरिलियम मिश्रधातु के बने होते हैं। .
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बोरियम
बोरियम एक रासायनिक तत्व है, जिसे Bh के चिह्न से दिखाया जाता है और इसका परमाणु क्रमांक 107 है। इस तत्व को प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है, लेकिन प्रकृति में कहीं नहीं मिलता है। इसका सबसे स्थायी समस्थानिक 270Bh है। इसकी अर्ध-आयु लगभग 61 सेकंड की होती है। अप्रमाणित 278Bh की अर्ध-आयु 690 सेकंड की होती है, जो पहले वाले से काफी अधिक समय है। .
देखें अधातु और बोरियम
बोरॉन
बोरॉन (Boron) एक रासायनिक तत्व है। प्रकृति में इस तत्व का निर्माण ब्रह्माण्ड किरणों (कोस्मिक किरणों) द्वारा किसी वस्तु पर हुए प्रहारों से होता है, न की तारों में तारकीय नाभिकीय संश्लेषण की प्रक्रिया में। इसलिये हमारे सौर मंडल में इसकी तादाद अन्य तत्वों की तुलना में कम है। दुनिया में यह अपने जल में घुलने वाले बोरेट (borate) खनिजों के रूप में अधिक मिलता है, जिसमें सुहागा (बोरैक्स) सबसे ज़्यादा जाना-माना है। पृथ्वी पर बोरॉन केवल अन्य तत्वों के साथ बने रासायनिक यौगिकों के रूप में ही मिलता है। शुद्ध रूप में बोरॉन तत्व पृथ्वी पर केवल उल्का गिरने से ही पहुँचता है और इस रूप में यह एक उपधातु है। .
देखें अधातु और बोरॉन
मैग्नीसियम
मैग्नेशियम एक रासायनिक तत्त्व है, जिसका चिह्न है Mg, परमाणु संख्या १२ एवं सामान्य ऑक्सीडेशन संख्या +२ है। है। यह कैल्शियम और बेरियम की तरह एक एल्केलाइन अर्थ धातु है एवं पृथ्वी पर आठवाँ बहुल उपलब्ध तत्त्व है तथा भार के अनुपात में २% है, और पूरे ब्रह्माण्ड में नौंवा बहुल तत्त्व है। इसके बाहुल्य का संबंध ये तथ्य है, कि ये सुपरनोवा तारों में तीन हीलियम नाभिकों के कार्बन में शृंखलागत तरीके से जुड़ने पर मैग्नेशियम का निर्माण होता है। मैग्नेशियम आयन की जल में उच्च घुलनशीलता इसे सागर के जल में तीसरा बहुल घुला तत्त्व बनाती है। मैग्नीशियम सभी जीव जंतुओं के साथ मनुष्य के लिए भी उपयोगी तत्त्व है। यह प्रकाश का स्नोत है और जलने पर श्वेत प्रकाश उत्सर्जित करता है। यह मानव शरीर में पाए जाने वाले पांच प्रमुख रासायनिक तत्वों में से एक है। मानव शरीर में उपस्थित ५०% मैग्नीशियम अस्थियों और हड्डियों में होता है जबकि शेष भाग शरीर में हाने वाली जैविक कियाओं में सहयोगी रहता है। left एक स्वस्थ आहार में इसकी पर्याप्त मात्रा होनी चाहिये। इसकी अधिकता से अतिसार और न्यूनता से न्यूरोमस्कुलर समस्याएं हो सकती है। मैग्नीशियम हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है।|हिन्दुस्तान लाईव। २४ मई २०१० इसकी खोज सर हंफ्री डेवी ने १८०८ में की थी। असल में डेवी ने वास्तव में धातु के एक ऑक्साइड को खोजा था, जो बाद में एक तत्व निकला। एक अन्य मान्यता अनुसार कि मैग्नीशियम की खोज १८वीं शताब्दी के मध्य में हुई थी। वैसे इसके एक यौगिक एप्सम लवण की खोज १७वीं शताब्दी में हो चुकी थी और वह आज भी प्रयोग में आता है। इसका एक अन्य यौगिक मिल्क ऑफ मैग्नीशिया कहलाता है। मैग्नीशियम अन्य तत्वों के साथ सरलता से अभिक्रिया कर यौगिक बना लेता है, जिस कारण यह प्रकृति में सदा यौगिकों के रूप में उपस्थित होता है। सागर का जल मैग्नीशियम का एक बड़ा स्रोत है, अतः कई धातु-शोधक कंपनियां इसे सागर से शोधित कर इसका औद्योगिक प्रयोग करती हैं। विलयन पर यह चांदी जैसा सफेद और भार में अपेक्षाकृत हल्का हो जाता है। धातु रूप में यह विषैला (टॉक्सिक) नहीं होता, किन्तु जलाने पर यह विषैला प्रभाव छोड़ता है। इसीलिए गर्म मैग्नीशियम का प्रयोग करते समय नाक को सावधानी से बचाकर काम करना चाहिए। मैग्नीशियम हल्का तत्व होने पर भी काफी मजबूत होता है। इस कारण ही इसे मिश्र धातुओं और अंतरिक्ष उद्योग के लिए उपयोगी माना जाता है। कुछ उच्च क्षमता वाले स्वचालित यंत्रों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। .
देखें अधातु और मैग्नीसियम
मैंगनीज़
मैंगनीज़ एक रासायनिक तत्व है जो रासायनिक नज़रिये से संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। प्रकृति में यह शुद्ध रूप में नहीं मिलता बल्कि अन्य तत्वों के साथ बने यौगिकों में मिलता है, जिनमें अक्सर लोहे के यौगिक शामिल होते हैं। शुद्ध करने के बाद इसका रंग सलेटी होता है और अगर इसे इस्पात में मिलाया जाये तो इस्पात ज़ंग नहीं खाता है। ओक्सीजन के साथ मिलकर इसके जो आयन होते हैं वह परमैंगनेट (permanganate, MnO4−) कहलाते हैं, और जब यह पोटैशियम जैसी क्षार धातुओं या क्षारीय पार्थिव धातुओं के साथ यौगिक बनाते हैं तो वह बहुत ही ओक्सीकारक (oxidizing) होते हैं (मसलन पोटैशियम परमैंगनेट)। मनुष्यों व अन्य जीवों को थोड़ी मात्रा में मैंगनीज़ अपने आहार में ज़रूरी होता है लेकिन उस से अधिक मात्रा में यह विषैला साबित होता है। .
देखें अधातु और मैंगनीज़
मोलिब्डेनम
मोलिब्डेनम (Molybdenum) एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Mo एवं परमाणु क्रमांक ४२ है। इसके खनिज तो बहुत समय से ज्ञात हैं किन्तु तत्व के रूप में इसकी पहचान १७७८ में शीले ने की। मोलिब्डेनम के सात स्थिर समस्थानिक पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या ९२, ९४, ९५, ९६, ९७, ९८ और १०० है। इनके अतिरिक्त द्रव्यमान संख्या ९३, ९९, १०१ और १०५ के अस्थिर समस्थानिक कृत्रिम विधि से निर्मित हुए हैं। इसके अयस्क मोलिब्डेनाइट को बहुत काल तक भूल से ग्रेफाइट समझा गया। सन् १७७८ में शीले ने इस अयस्क से मोलिब्डिक अम्ल बनाया। सन् १७८२ में येल्म (Hyelm) ने मोलिब्डेनम ऑक्साइड का कार्बन द्वारा अपचयन कर मोलिब्डेनम घातु तैयार की। मोलिब्डेनम स्वतंत्र अवस्था में नहीं मिलता। मोलिब्डेनाइट MnS2 एवं बुल्फेनाइट (PbMoO4) इसके मुख्य अयस्क हैं। संयुक्त राज्य अमरीका इसका मुख्य स्रोत है। चिली, दक्षिणी अमरीका और नार्वे में भी इसके अयस्क प्राप्य हैं। .
देखें अधातु और मोलिब्डेनम
युरोपियम
एक भौतिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और युरोपियम
यूरेनियम
यूरेनियम आवर्त सारणी की एक अंतर्वर्ती श्रेणी, ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series), का तृतीय तत्व है। इस श्रेणी में आंतरिक इलेक्ट्रॉनीय परिकक्षा (5 परिकक्षा) के इलेक्ट्रॉन स्थान लेते हैं। प्रकृति में पाए गए तत्वों में यह सबसे भारी तत्व है। कुछ समय पहले तक इस तत्व को छठे अंतर्वर्ती समूह का अंतिम तत्व माना जाता था। .
देखें अधातु और यूरेनियम
रदरफोर्डियम
रदरफोर्डियम एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:संक्रमण धातु श्रेणी:कृत्रिम तत्व.
देखें अधातु और रदरफोर्डियम
रुथेनियम
एक भौतिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और रुथेनियम
रुबिडियम
रूबिडियम (Rubidium) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी के प्रथम मुख्य समूह का चौथा तत्व है। इसमें धातुगुण वर्तमान हैं। इसके तीन स्थिर समस्थानिक प्राप्त हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ क्रमश: ८५, ८६, ८७ हैं। इस तत्व की खोज बुंसन तथा किर्खहॉफ़ ने १८६० ई.
देखें अधातु और रुबिडियम
रेडियम
रेडियम एक रासायनिक तत्त्व है। श्रेणी:रेडियम श्रेणी:क्षारीय पार्थिव धातु श्रेणी:रासायनिक तत्व.
देखें अधातु और रेडियम
रेडॉन
रेडॉन एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:निष्क्रिय गैसें श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:औद्योगिक गैसें श्रेणी:कैंसरजनक.
देखें अधातु और रेडॉन
रोडियम
एक भौतिक तत्त्व है। Image:Rhodium_foil_and_wire.jpg|Foil and wire श्रेणी:रोडियम श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:संक्रमण धातु श्रेणी:कीमती धातुएँ.
देखें अधातु और रोडियम
रीनियम
रेनियम (Rhenium; संकेत: Re) एक रासायनिक तत्व है। इसका परमाणुभार १८६.३१ तथा परमाणु संख्या ७५ है। इसका आविष्कार १९२५ ई. में इडा तथा वाल्टर नौडाक (Ida and Walter Noddock) द्वारा हुआ था। इसके स्थायी समस्थानिक की द्रव्यमान संख्या १८५ है और अन्य रेडियोऐक्टिव समस्थानिक १८२, १८३, १८४, १८६, १८७ और १८८ द्रव्यमान संख्याओं के प्राप्त हैं। यह तत्व अनेक खनिजों में बहुत विस्तृत पाया जाता है, पर बड़ी अल्प मात्रा में ही। खनिजों में यह सल्फाइड के रूप में रहता है। इसके ऑक्साइड वाष्पशील होते हैं, अत: खनिजों के प्रद्रावण पर यह अवशेष में, या चिमनी धूल में, सांद्रित रहता है। इसका निष्कर्षण पोटैशियम पररेनेट के रूप में होता है, जो जल में अल्प विलेय है। लवण के पुन: क्रिस्टलीकरण से यह शुद्ध रूप में प्राप्त होता है। हाइड्रोजन के वातावरण में पोटैशियम या अमोनियम पररेनेट के अपचयन से धूसर, या काले चूर्ण के रूप में धातु प्राप्त होती है। ऊँचे ताप पर यह धातु स्थूल रूप में प्राप्त होती है। धातु का घनत्व २१ और गलनांक ३,१४० डिग्री सेल्सियस है। इसे १५० डिग्री सेल्सियस से ऊपर गरम करने से ऑक्साइड बनता है। इसके अनेक ऑक्साइड बनते हैं। इसका क्लोराइड, ऑक्सीक्लोराइड, सल्फाइड और फॉस्फाइड भी बनता है। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में अविलेय है, पर नाइट्रिक अम्ल में विलेय है। इसकी अनेक मिश्रधातुएँ बनी हैं। श्रेणी:रीनियम श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:संक्रमण धातु श्रेणी:उच्चतापसह धातुएँ.
देखें अधातु और रीनियम
लावणी
लावणी संगीत की एक विधा है जो प्रमुख रूप से भारतीय राज्य महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है। .
देखें अधातु और लावणी
लिथियम
लिथियम एक रासायनिक तत्व है। साधारण परिस्थितियों में यह प्रकृति की सबसे हल्की धातु और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ है। रासायनिक दृष्टि से यह क्षार धातु समूह का सदस्य है और अन्य क्षार धातुओं की तरह अत्यंत अभिक्रियाशील (रियेक्टिव) है, यानि अन्य पदार्थों के साथ तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया कर लेता है। यदी इसे हवा में रखा जाये तो यह जल्दी ही वायु में मौजूद ओक्सीजन से अभिक्रिया करने लगता है, जो इसके शीघ्र ही आग पकड़ लेने में प्रकट होता है। इस कारणवश इसे तेल में डुबो कर रखा जाता है। तेल से निकालकर इसे काटे जाने पर यह चमकीला होता है लेकिन जल्द ही पहले भूरा-सा बनकर चमक खो देता है और फिर काला होने लगता है। अपनी इस अधिक अभिक्रियाशीलता की वजह से यह प्रकृति में शुद्ध रूप में कभी नहीं मिलता बल्कि केवल अन्य तत्वों के साथ यौगिकों में ही पाया जाता है। अपने कम घनत्व के कारण लिथियम बहुत हलका होता है और धातु होने के बावजूद इसे आसानी से चाकू से काटा जा सकता है। .
देखें अधातु और लिथियम
लुटीशियम
एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:लैन्थनाइड.
देखें अधातु और लुटीशियम
लोहा
एलेक्ट्रोलाइटिक लोहा तथा उसका एक घन सेमी का टुकड़ा लोहा या लोह (Iron) आवर्त सारणी के आठवें समूह का पहला तत्व है। धरती के गर्भ में और बाहर मिलाकर यह सर्वाधिक प्राप्य तत्व है (भार के अनुसार)। धरती के गर्भ में यह चौथा सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है। इसके चार स्थायी समस्थानिक मिलते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या 54, 56, 57 और 58 है। लोह के चार रेडियोऐक्टिव समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या 52, 53, 55 और 59) भी ज्ञात हैं, जो कृत्रिम रीति से बनाए गए हैं। लोहे का लैटिन नाम:- फेरस .
देखें अधातु और लोहा
समेरियम
एक भौतिक तत्त्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:लैन्थनाइड.
देखें अधातु और समेरियम
सिलिकॉन
सिलिकॉन (Silicon); प्रतीक: Si) एक रासायनिक तत्व है। यह पृथ्वी पर ऑक्सीजन के बाद सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है। सिलिकॉन के यौगिक एलेक्ट्रॉनिक अवयव, साबुन, शीशे एवं कंप्यूटर चिप्स में इस्तेमाल किए जाते हैं। सिलिकॉन की खोज १८२४ में स्वीडन के रसायनशास्त्री जोंस जकब बज्रेलियस ने की थी। आवर्त सारिणी में इसे १४वें स्थान पर रखा गया है। .
देखें अधातु और सिलिकॉन
स्ट्रोन्शियम
स्ट्रोन्शियम एक रासायनिक तत्व है। यह क्षारीय पार्थिव धातु (alkaline earth metal) नामक तत्व समूह का सदस्य है। अपने शुद्ध रूप में यह एक मुलायम श्वेत-चाँदी या पीले से रंग की धातु होता है जो तेज़ी से अन्य तत्वों के साथ रासायनिक अभिक्रिया (रियेक्शन) कर लेता है। अगर इसे हवा में खुला रखा जाए तो इसका रंग जल्द ही पीला होने लगता है। इसके रासायनिक और भौतिक गुण आवर्त सारणी (पिरियोडिक टेबल) में इसके दो पड़ोसी तत्व - कैल्शियम व बेरियम - से मिलते-जुलते हैं। यह सेलेस्टीन, पटनिसाइट और स्ट्रोन्शियानाइट नामक खनिजों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। .
देखें अधातु और स्ट्रोन्शियम
स्कैण्डियम
स्कैण्डियम एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी के डी-खंड का सदस्य है और अपने शुद्ध रूप में श्वेत-चाँदी जैसा रंग रखता है। ऐतिहासिक नज़रिये से इसे लैन्थनाइड समूह और इट्रियम के साथ इसे दुर्लभ मृदा तत्व (rare earth element) समूह में शामिल किया गया है। स्कैण्डियम की खोज सन् १८७९ में स्कैण्डिनेविया में कुछ खनिजों में की गई थी और इसे क्षेत्र से इसका नाम पड़ा। ज़मीन में यह अक्सर दुर्लभ मृदा खनिजों में और यूरेनियम के साथ रासायनिक यौगिकों (कम्पाउन्डों) में मिलता है। यह इतना दुर्लभ है कि इसका कुल विश्वभर का वार्षिक व्यापार केवल ५० किलोग्राम है। .
देखें अधातु और स्कैण्डियम
सेलेनियम
सेलेनियम (Selenium, संकेत Se) एक रासायनिक तत्त्व है जिसका परमाणु क्रमांक ३४ है। प्रकृति में यह अपने तत्त्व रूप में बहुत कम पाया जाता है। इसकी खोज १८१७ में बर्जीलियस ने किया था। .
देखें अधातु और सेलेनियम
सोडियम
सोडियम (Sodium; संकेत, Na) एक रासायनिक तत्त्व है। यह आवर्त सारणी के प्रथम मुख्य समूह का दूसरा तत्व है। इस समूह में में धातुगण विद्यमान हैं। इसके एक स्थिर समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या २३) और चार रेडियोसक्रिय समस्थानिक (द्रव्यमन संख्या २१, २२, २४, २४) ज्ञात हैं। .
देखें अधातु और सोडियम
सोना
सोना या स्वर्ण (Gold) अत्यंत चमकदार मूल्यवान धातु है। यह आवर्त सारणी के प्रथम अंतर्ववर्ती समूह (transition group) में ताम्र तथा रजत के साथ स्थित है। इसका केवल एक स्थिर समस्थानिक (isotope, द्रव्यमान 197) प्राप्त है। कृत्रिम साधनों द्वारा प्राप्त रेडियोधर्मी समस्थानिकों का द्रव्यमान क्रमश: 192, 193, 194, 195, 196, 198 तथा 199 है। .
देखें अधातु और सोना
सीरियम
सीरियम (Cerium; संकेत: Ce) एक रासायनिक तत्त्व है। यह विरल मृदा तत्त्व (Rare Earths) का एक प्रमुख सदस्य है। इसका; परमाणु संख्या ५८ तथा परमाणु भार १४०.१३ है। सीरियम के क्लोराइड को सोडियम अथवा मैगनीशियम के साथ गरम करने अथवा शुद्ध क्लोराइड को पौटैशियम और सोडियम क्लोराइड के साथ मिलाकर विद्युत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। .
देखें अधातु और सीरियम
सीसा
विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध किया हुआ सीस; १ घन सेमी से घन के साथ (तुलना के लिए) सीस, सीसा या लेड (अंग्रेजी: Lead, संकेत: Pb लैटिन शब्द प्लंबम / Plumbum से) एक धातु एवं तत्त्व है। काटने पर यह नीलिमा लिए सफ़ेद होता है, लेकिन हवा का स्पर्श होने पर स्लेटी हो जाता है। इसे इमारतें बनाने, विद्युत कोषों, बंदूक की गोलियाँ और वजन बनाने में प्रयुक्त किया जाता है। यह सोल्डर में भी मौजूद होता है। यह सबसे घना स्थिर तत्त्व है। यह एक पोस्ट-ट्रांज़िशन धातु है। इसका परमाणु क्रमांक ८२, परमाणु भार २०७.२१, घनत्व ११.३६, गलनांक ३,२७.४ डिग्री सें., क्वथनांक १६२०डिग्री से.
देखें अधातु और सीसा
सीज़ियम
एक भौतिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और सीज़ियम
हाफ्नियम
एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:हाफ्नियम श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:संक्रमण धातु.
देखें अधातु और हाफ्नियम
हाइड्रोजन
हाइड्रोजन पानी का एक महत्वपूर्ण अंग है शुद्ध हाइड्रोजन से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है।।इण्डिया वॉटर पोर्टल।०८-३०-२०११।अभिगमन तिथि: १७-०६-२०१७ द्रव हाइड्रोजन - 253° से.
देखें अधातु और हाइड्रोजन
हिलियम
तरलीकृत हीलियम शुद्ध हीलियम से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हिलियम (Helium) एक रासायनिक तत्त्व है जो प्रायः गैसीय अवस्था में रहता है। यह एक निष्क्रिय गैस या नोबेल गैस (Noble gas) है तथा रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, विष-हीन (नॉन-टॉक्सिक) भी है। इसका परमाणु क्रमांक २ है। सभी तत्वों में इसका क्वथनांक (boiling point) एवं गलनांक (melting point) सबसे कम है। द्रव हिलियम का प्रयोग पदार्थों को अत्यन्त कम ताप तक ठण्डा करने के लिये किया जाता है; जैसे अतिचालक तारों को १.९ डिग्री केल्विन तक ठण्डा करने के लिये। हीलियम अक्रिय गैसों का एक प्रमुख सदस्य है। इसका संकेत He, परमाणुभार ४, परमाणुसंख्या २, घनत्व ०.१७८५, क्रांतिक ताप -२६७.९०० और क्रांतिक दबाव २ २६ वायुमंडल, क्वथनांक -२६८.९० सें.
देखें अधातु और हिलियम
हैलोजन
आवर्त सारणी के समुह १७ के तत्व हैलोजन कहलाते है। .
देखें अधातु और हैलोजन
होल्मियम
एक भौतिक तत्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:लैन्थनाइड.
देखें अधातु और होल्मियम
जर्मेनियम
जर्मेनियम (Germanium) एक रासायनिक तत्व है। इसका स्थान आवर्त सारणी में उसी वर्ग में है, जिसमें सीस और टिन हैं। इसका आविष्कार 1886 ई.
देखें अधातु और जर्मेनियम
जस्ता
जस्ता या ज़िन्क एक रासायनिक तत्व है जो संक्रमण धातु समूह का एक सदस्य है। रासायनिक दृष्टि से इसके गुण मैगनीसियम से मिलते-जुलते हैं। मनुष्य जस्ते का प्रयोग प्राचीनकाल से करते आये हैं। कांसा, जो ताम्बे व जस्ते की मिश्र धातु है, १०वीं सदी ईसापूर्व से इस्तेमाल होने के चिन्ह छोड़ गया है। ९वीं शताब्दी ईपू से राजस्थान में शुद्ध जस्ता बनाये जाने के चिन्ह मिलते हैं और ६ठीं शताब्दी ईपू की एक जस्ते की खान भी राजस्थान में मिली है। लोहे पर जस्ता चढ़ाने से लोहा ज़ंग खाने से बचा रहता है और जस्ते का प्रयोग बैट्रियों में भी बहुत होता है। .
देखें अधातु और जस्ता
ज़र्कोनियम
जरकोनियम (Zirconium) एक रासायनिक तत्व है जो आवर्त सारणी के चतुर्थ अंतवर्ती समूह (transition group) का तत्व है। इस तत्व के पाँच स्थिर समस्थानिक पाये जाते हैं, जिनका परमाणु भार 90, 91, 92, 94, 96 है। कुछ अन्य रेडियधर्मी समस्थानिक जैसे परमाणु भार 89 भी कृत्रिम साधनों से निर्मित किए गए हैं। इस तत्व की खोज ज़रकान अयस्क में, क्लोंप्रोट नामक वैज्ञानिक ने सन् 1789 में की थी। सन् 1824 में स्विडन के प्रसिद्ध रसायनज्ञ बर्ज़ीलियस ने ज़रकोनियम धातु तैयार की। ज़रकोनियम की गणना विरल तत्वों में की जाती है यद्यपि पृथ्वी की सतह पर इसकी मात्रा अनेक सामान्य तत्वों से अधिक है। तत्वों की प्राप्ति सारणी में इसका स्थान बीसवाँ है। ऐसा अनुमान है कि ज़रकोनियम की मात्रा ताम्र, यशद एवं सीस तीनों की संयुक्त मात्रा से अधिक है। .
देखें अधातु और ज़र्कोनियम
ज़ेनान
ज़ेनान एक भौतिक तत्त्व है। Image:Xenon tetrafluoride.png Image:XeTube.jpg श्रेणी:निष्क्रिय गैसें श्रेणी:रासायनिक तत्व.
देखें अधातु और ज़ेनान
घनत्व
भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .
देखें अधातु और घनत्व
वनेडियम
वनेडियम एक रासायनिक तत्व है। यह एक सख़्त, श्वेत-चाँदी रंग की, तन्य व आघातवर्धक धातु है। प्रकृति में वनेडियम केवल अन्य तत्वों के साथ बने यौगिकों के रूप में ही मिलता है लेकिन, अगर इसे शुद्ध किया जाए तो इसके ऊपर एक पतली ओक्साइड की परत बन जाती है जिस से अंदर की धातु सुरक्षित रहती है। रासायनिक रूप से यह संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। विश्व का ९७% वनेडियम तीन देशों - चीन, रूस और दक्षिण अफ़्रीका - में खनिजों से निकाला जाता है और इसका दुनिया-भर का वार्षिक उत्पादन लगभग ८०,००० टन है। इसे इस्पात में मिलाने से इस्पात अधिक कठोर बन जाता है, जिस कारणवश इसे औज़ार बनाने के लिये बहुत प्रयोग किया जाता है। .
देखें अधातु और वनेडियम
विद्युत चालकता
पदार्थों द्वारा विद्युत धारा संचालित करने की क्षमता के माप को विद्युत चालकता (Electrical conductivity) या विशिष्ट चालकता (specific conductance) कहते हैं। जब किसी पदार्थ से बने किसी 'चालक' के दो सिरों के बीच विभवान्तर आरोपित किया जाता है तो इसमें विद्यमान घूम सकने योग्य आवेश प्रवाहित होने लगते हैं जिसे विद्युत धारा कहते हैं। आंकिक रूप से धारा घनत्व \mathbf तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता \mathbf के अनुपात को चालकता (σ) कहते हैं। अर्थात - विद्युत चालकता के व्युत्क्रम (reciprocal) राशि को विद्युत प्रतिरोधकता (ρ) कहते हैं जिसकी SI इकाई सिमेन्स प्रति मीटर (S·m-1) होती है। विद्युत चालकता के आधार पर पदार्थों को कुचालक, अर्धचालक, सुचालक तथा अतिचालक आदि कई वर्गों में बांटा जाता है जिनका अपना-अपना महत्व एवं उपयोग होता है चालकता ___(Conductance) जिस प्रकार प्रतिरोध, विधुत धारा प्रवाह का विरोध करता है उसी प्रकार चालकता प्रतिरोध के प्रभाव के विपरीत है, परंतु चालकता विधुत धारा प्रवाह को सुगमता प्रदान करती है। .
देखें अधातु और विद्युत चालकता
गन्धक
गन्धक या सल्फ़र (अंग्रेजी - Sulphur, Sulfur) एक रासायनिक तत्व है जिसकी परमाणु संख्या १६ होती है। इसका संकेत S होता है तथा परमाणुभार 32.1। यह आवर्त सारणी में ऑक्सीजन के ग्रूप (समूह) में आता है। यह जैव पदार्थों में विभिन्न रूपों में विद्यमान रहता है। S8 अणु की संरचना .
देखें अधातु और गन्धक
गलनांक
किसी ठोस पदार्थ का गलनांक (या द्रवणांक (melting point) वह तापमान होता है जिस पर वह अपनी ठोस अवस्था से पिघलकर द्रव अवस्था में पहुँच जाता है। गलनांक पर ठोस और द्रव प्रावस्था साम्यावथा में होती हैं। जब किसी पदार्थ की अवस्था द्रव से ठोस अवस्था में परिवर्तित होती है तो जिस तापमान पर यह होता है उस तापमान को हिमांक (freezing point) कहा जाता है। कई पदार्थों में परमशीतल होने की क्षमता होती है, इसलिए हिमांक को किसी पदार्थ की एक विशेष गुण नहीं माना जाता है। इसके विपरीत जब कोई ठोस एक निश्चित तापमान पर ठोस से द्रव अवस्था ग्रहण करता है वह तापमान उस ठोस का गलनांक कहलाता है। .
देखें अधातु और गलनांक
गंधक
हल्के पीले रंग के गंधक के क्रिस्टल गंधक (Sulfur) एक रासायनिक अधातुक तत्त्व है। .
देखें अधातु और गंधक
गैडोलिनियम
एक भौतिक तत्त्व है। इसका सिंबल 'gd' और एटॉमिक नंबर 64 है। यह रंग में चांदी जैसा है, और बहुत ही कम पाया जाता है। .
देखें अधातु और गैडोलिनियम
गैलियम
गैलिअम एक रासायनिक तत्व है। यह प्रकृति में शुद्ध रूप में नहीं मिलता लेकिन इसके यौगिक बॉक्साइट और जस्ते के खनिजों में अल्प-मात्रा में पाये जाते हैं। अपने शुद्ध रूप में यह एक मुलायम और चमकीली धातु है जिसका पिघलाव तापमान केवल २९.७६ °सेंटिग्रेड है, यानि यह अक्सर साधारण तापमान में पिघल जाता है। इसकी खोज सन् १८७५ में हुई थी और तब से इसका प्रयोग ऐसी मिश्र धातुओं को बनाने के लिये किया जाता है जो कम तापमान पर पिघल जाएँ। इसका इस्तेमाल अर्धचालकों (सेमिकन्डक्टरों) में भी होता है। .
देखें अधातु और गैलियम
ऑक्सीजन
ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे.
देखें अधातु और ऑक्सीजन
ओस्मियम
ओस्मियम एक भौतिक तत्त्व है। सबसे भारी धातु ऑस्मियम है!! .
देखें अधातु और ओस्मियम
आयोडिन
जंबुकी (आयोडीन) एक रासायनिक तत्त्व है। जंबुकी हमारे आहार के प्रमुख पोषक तत्वों में से है और इसकी कमी से दिमाग़ और शरीर के विकास से जुड़ी कई बीमारियाँ होती हैं। दुनिया में प्रति वर्ष लाखों बच्चे सीखने की कमज़ोर क्षमता के साथ पैदा होते है क्योंकि उनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान भोजन में आयोडिन की पर्याप्त मात्रा नहीं लीं.जंबुकी की मदद से गर्दन के पास पाई जाने वाली थायरॉयड ग्रंथि विकास के लिए ज़रूरी हार्मोन पैदा करती है। आयोडिन की कमी के कारण बच्चों का बौद्धिक स्तर 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो सकता है। .
देखें अधातु और आयोडिन
आर्सेनिक
आर्सेनिक, आवर्त सारणी के पंचम मुख्य समूह का एक रासायनिक तत्व है। इसकी स्थिति फास्फोरस के नीचे तथा एंटीमनी के ऊपर है। आर्सेनिक में अधातु के गुण अधिक और धातु के गुण कम विद्यमान हैं। इस धातु को उपधातु (मेटालॉयड) की श्रेणी में रखा जाता है। आर्सेनिक से नीचे एंटीमनी में धातुगुण अधिक हैं तथा उससे नीचे बिस्मथ पूर्णरूपेण धातु है। पंचम मुख्य समूह में नीचे उतरने पर धातुगुण में वृद्धि होती है। आर्सैनिक की कुछ विशेषताएं निम्नांकित हैं: .
देखें अधातु और आर्सेनिक
आर्गन
आर्गन एक रासायनिक तत्व है। यह एक निष्क्रिय गैस है। नाइट्रोजन और ओक्सीजन के बाद यह पृथ्वी के वायुमण्डल की तीसरी सबसे अधिक मात्रा की गैस है। औसतन पृथ्वी की वायु का ०.९३% आर्गन है। यह अगली सर्वाधिक मात्रा की गैस, कार्बन डायोक्साइड, से लगभग २३ गुना अधिक है। यह पृथ्वी की सर्वाधिक मात्रा में मौजूद निष्क्रिय गैस भी है और अगली सबसे ज़्यादा मात्रा की निष्क्रिय गैस, नीयोन, से ५०० गुना अधिक मात्रा में वायुमण्डल में उपस्थित है। आर्गन को वायु से प्रभाजी आसवन (फ़्रैक्शनल डिस्टिलेशन) की प्रक्रिया द्वारा अलग किया जाता है। इसे उद्योग में और बिजली के बल्ब आदि में काफ़ी प्रयोग किया जाता है। .
देखें अधातु और आर्गन
आवर्त सारणी
आवर्त सारणी (अथवा, तत्वों की आवर्त सारणी) रासायनिक तत्वों को उनकी संगत विशेषताओं के साथ एक सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। आवर्त सारणी में रासायनिक तत्त्व परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाये गये हैं तथा आवर्त (पिरियड), प्राथमिक समूह, द्वितीयक समूह में वर्गीकृत किया गया है। वर्तमान आवर्त सारणी मैं ११८ ज्ञात तत्व सम्मिलित हैं। सबसे पहले रूसी रसायन-शास्त्री मेंडलीफ (सही उच्चारण- मेन्देलेयेव) ने सन १८६९ में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। मेन्देलेयेव की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन १९५२ में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था। रसायन शास्त्रियों के लिये आवर्त सारणी अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसके कारण कम तत्वों के गुणधर्मों को ही याद रखने से काम चल जाता है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी समूह (उर्ध्वाधर पंक्ति) या किसी आवर्त (क्षैतिज पंक्ति) में गुणधर्म एक निश्चित क्रम से एवं तर्कसम्मत तरीके से बदलते हैं। नीचे आवर्त सारणी का आधुनिक रूप दिखाया गया है जिसमें १८ वर्ग तथा ७ आवर्त हैं- .
देखें अधातु और आवर्त सारणी
आइंस्टीनियम
आइंस्टीनियम तत्व अमरीका के ताप न्यूक्लीय विस्फोट के रेडियमधर्मी मलबे में पाया गया था। इसका नाम विश्वविख्यात वैज्ञानिक आइंस्टाइन के नाम पर रखा गया है। आंइस्टीनियम की खोज १९५२ ई.
देखें अधातु और आइंस्टीनियम
इटरबियम
इटरबियम एक रासायनिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और इटरबियम
इट्रियम
इट्रियम एक रासायनिक तत्व है। यह एक चाँदी-जैसे रंग की संक्रमण धातु है जिसके गुण लैन्थनाइड समूह से मिलते-जुलते होने के कारण इसे भी कभी-कभी उसी दुर्लभ मृदा तत्व (rare earth element) समूह का भाग माना जाता है। प्रकृति में भी इट्रियम हमेशा उन्हीं के साथ खनिजों में पाया जाता है। यह प्रकृति में कभी भी शुद्ध रूप में नहीं मिलता। इट्रियम को फ़ोस्फ़र (phosphor) बनाने के काम में लाया जाता है, विशेषकर कैथोड किरण नलिका (सी आर टी) और प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एल ई डी) में डलने वाले लाल फ़ोस्फ़र के लिये। इट्रियम के यौगिक मानव-शरीर के लिये हानिकारक होते हैं और उनसे शारीरिक सम्पर्क से श्वसन तंत्र के रोग हो जाते हैं। .
देखें अधातु और इट्रियम
इण्डियम
इंडियम (Indium) एक रासायनिक तत्व का नाम है। यह मुलायम, आघातवर्ध्य, सहजगलनीय, रजतश्वेत धातु है जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाई जाती। व्यापारिक वंग में इंडियम रहता है। सिलिंड्राइट नामक खनिज में यह १० प्र.श.
देखें अधातु और इण्डियम
इरीडियम
इरीडियम (Iridium) एक रासायनिक तत्त्व है। .
देखें अधातु और इरीडियम
कार्बन
कार्बन का एक बहुरूप हीरा। कार्बन का एक अन्य बहुरूप ग्रेफाइट। पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में कार्बन या प्रांगार एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इस रासायनिक तत्त्व का संकेत C तथा परमाणु संख्या ६, मात्रा संख्या १२ एवं परमाणु भार १२.००० है। कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक 6C12, 6C13 एवं 6C14 होते हैं। कार्बन के समस्थानिकों के अनुपात को मापकर प्राचीन तथा पुरातात्विक अवशेषों की आयु मापी जाती है। कार्बन के परमाणुओं में कैटिनेशन नामक एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके कारण कार्बन के बहुत से परमाणु आपस में संयोग करके एक लम्बी शृंखला का निर्माण कर लेते हैं। इसके इस गुण के कारण पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है। यह मुक्त एवं संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में पाया जाता है। इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं। इसका एक अपरूप हीरा जहाँ अत्यन्त कठोर होता है वहीं दूसरा अपरूप ग्रेफाइट इतना मुलायम होता है कि इससे कागज पर निशान तक बना सकते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है एवं ग्रेफाइट सुचालक होता है। इसके सभी अपरूप सामान्य तापमान पर ठोस होते हैं एवं वायु में जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस बनाते हैं। हाइड्रोजन, हीलियम एवं आक्सीजन के बाद विश्व में सबसे अधिक पाया जाने वाला यह तत्व विभिन्न रूपों में संसार के समस्त प्राणियों एवं पेड़-पौधों में उपस्थित है। यह सभी सजीवों का एक महत्त्वपूर्ण अवयव होता है, मनुष्य के शरीर में इसकी मात्रा १८.५ प्रतिशत होती है और इसको जीवन का रासायनिक आधार कहते हैं। कार्बन शब्द लैटिन भाषा के कार्बो शब्द से आया है जिसका अर्थ कोयला या चारकोल होता है। कार्बन की खोज प्रागैतिहासिक युग में हुई थी। कार्बन तत्व का ज्ञान विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं को भी था। चीन के लोग ५००० वर्षों पहले हीरे के बारे में जानते थे और रोम के लोग लकड़ी को मिट्टी के पिरामिड से ढककर चारकोल बनाते थे। लेवोजियर ने १७७२ में अपने प्रयोगो द्वारा यह प्रमाणित किया कि हीरा कार्बन का ही एक अपरूप है एवं कोयले की ही तरह यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस उत्पन्न करता है। कार्बन का बहुत ही उपयोगी बहुरूप फुलेरेन की खोज १९९५ ई.
देखें अधातु और कार्बन
क्यूरियम
क्यूरियम एक रासायनिक तत्व है। श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:ऐक्टिनाइड श्रेणी:कृत्रिम तत्व.
देखें अधातु और क्यूरियम
क्रिप्टॉन
क्रिप्टॉन एक रासायनिक तत्व है जो निष्क्रिय गैसों के समूह में आता है। इसका परमाणु क्रमांक 36 है। यह एक रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन गैस है जो बहुत ही छोटी मात्रा में हमारे वायुमंडल में पाई जाती है। इसका प्रयोग बिजली के बल्ब बनाने में और फ़ोटोग्राफ़ी में किया जाता है। जब इसे प्लाज़्मा स्थिति में लाया जाता है तो यह बहुत तरंगदैर्ध्यों (वेवलेन्थ) पर प्रकाश उत्पन्न करती है। इस वजह से इसे लेज़र बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। .
देखें अधातु और क्रिप्टॉन
क्रोमियम
क्रोमियम एक रासायनिक तत्व है जो रासायनिक नज़रिये से संक्रमण धातु समूह का सदस्य है। यह एक चमकीला, सलेटी-भूरे रंग का, सख़्त लेकिन आसानी से टूट जाने वाला धातु है। इसे पालिश करने पर यह अत्याधिक चमकीला बन जाता है और यह आसानी से नहीं धुंधलाता। इसका पिघलाव तापमान १९०७ °सेंटीग्रेड है जो कि काफ़ी ऊँचा है। अगर इसे इस्पात में मिलाया जाये तो इस्पात पर ज़ंग और धब्बे नहीं लगते, जिस कारण से इसे 'स्टेनलेस स्टील' (ज़ंगरोधी इस्पात) बनाने में काम लाया जाता है। मानव शरीर को बहुत ही हल्की मात्रा में क्रोमियम आहार में आवश्यक होता है लेकिन अधिक मात्रा में यह विष की तरह काम करता है। .
देखें अधातु और क्रोमियम
क्लोरीन
क्लोरीन (यूनानी: χλωρóς (ख्लोरोस), 'फीका हरा') एक रासायनिक तत्व है, जिसकी परमाणु संख्या १७ तथा संकेत Cl है। ऋणात्मक आयन क्लोराइड के रूप में यह साधारण नमक में उपस्थित होती है और सागर के जल में घुले लवण में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।। हिन्दुस्तान लाइव। ३१ मई २०१० सामान्य तापमान और दाब पर क्लोरीन (Cl2 या "डाईक्लोरीन") गैस के रूप में पायी जाती है। इसका प्रयोग तरणतालों को कीटाणुरहित बनाने में किया जाता है। यह एक हैलोजन है और आवर्त सारणी में समूह १७ (पूर्व में समूह ७, ७ए या ७बी) में रखी गयी है। यह एक पीले और हरे रंग की हवा से हल्की प्राकृतिक गैस जो एक निश्चित दाब और तापमान पर द्रव में बदल जाती है। यह पृथ्वी के साथ ही समुद्र में भी पाई जाती है। क्लोरीन पौधों और मनुष्यों के लिए आवश्यक है। इसका प्रयोग कागज और कपड़े बनाने में किया जाता है। इसमें यह ब्लीचिंग एजेंट (धुलाई करने वाले/ रंग उड़ाने वाले द्रव्य) के रूप में काम में लाई जाती है। वायु की उपस्थिति में यह जल के साथ क्रिया कर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का निर्माण करती है। मूलत: गैस होने के कारण यह खाद्य श्रृंखला का भाग नहीं है। यह गैस स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। तरणताल में इसका प्रयोग कीटाणुनाशक की तरह किया जाता है। साधारण धुलाई में इसे ब्लीचिंग एजेंट रूप में प्रयोग करते हैं। ब्लीच और कीटाणुनाशक बनाने के कारखाने में काम करने वाले लोगों में इससे प्रभावित होने की आशंका अधिक रहती है। यदि कोई लंबे समय तक इसके संपर्क में रहता है तो उसके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसकी तेज गंध आंखों, त्वचा और श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक होती है। इससे गले में घाव, खांसी और आंखों व त्वचा में जलन हो सकती है, इससे सांस लेने में समस्या होती है। .
देखें अधातु और क्लोरीन
क्वथनांक
किसी द्रव का क्वथनांक वह ताप है जिसपर द्रव के भीतर वाष्प दाब, द्रव की सतह पर आरोपित वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। यह वायुदाब के साथ परिवर्तित होता है और वायुदाब के बढ़ने पर द्रव के क्वथन हेतु अधिक उच्च ताप की आवश्यकता होती है। .
देखें अधातु और क्वथनांक
कैडमियम
कैडमियम एक भौतिक तत्त्व है। Image:CadmiumMetalUSGOV.jpg श्रेणी:कैडमियम श्रेणी:रासायनिक तत्व श्रेणी:संक्रमण धातु श्रेणी:विषविज्ञान.
देखें अधातु और कैडमियम
कैल्सियम
कैल्सियम (Calcium) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्तसारणी के द्वितीय मुख्य समूह का धातु तत्व है। यह क्षारीय मृदा धातु है और शुद्ध अवस्था में यह अनुपलब्ध है। किन्तु इसके अनेक यौगिक प्रचुर मात्रा में भूमि में मिलते है। भूमि में उपस्थित तत्वों में मात्रा के अनुसार इसका पाँचवाँ स्थान है। यह जीवित प्राणियों के लिए अत्यावश्यक होता है। भोजन में इसकी समुचित मात्र होनी चाहिए। खाने योग्य कैल्शियम दूध सहित कई खाद्य पदार्थो में मिलती है। खान-पान के साथ-साथ कैल्शियम के कई औद्योगिक इस्तेमाल भी हैं जहां इसका शुद्ध रूप और इसके कई यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है। आवर्त सारणी में कैल्शियम का अणु क्रमांक 20 है और इसे अंग्रेजी शब्दों ‘Ca’ से इंगित किया गया है। 1808 में सर हम्फ्री डैवी ने इसे खोजा था। उन्होंने इसे कैल्सियम क्लोराइड से अलग किया था। चूना पत्थर, कैल्सियम का महत्वपूर्ण खनिज स्रोत है। पौधों में भी कैल्शियम पाया जाता है। अपने शुद्ध रूप में कैल्शियम चमकीले रंग का होता है। यह अपने अन्य साथी तत्वों के बजाय कम क्रियाशील होता है। जलाने पर इसमें से पीला और लाल धुआं उठता है। इसे आज भी कैल्शियम क्लोराइड से उसी प्रक्रिया से अलग किया जाता है जो सर हम्फ्री डैवी ने 1808 में इस्तेमाल की थी। कैल्शियम से जुड़े ही एक अन्य यौगिक, कैल्सियम कार्बोनेट को कंक्रीट, सीमेंट, चूना इत्यादि बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अन्य कैल्शियम कंपाउंड अयस्कों, कीटनाशक, दुर्गन्धहर, खाद, कपड़ा उत्पादन, कॉस्मेटिक्स, लाइटिंग इत्यादि में इस्तेमाल किया जाता है। जीवित प्राणियों में कैल्शियम हड्डियों, दांतों और शरीर के अन्य हिस्सों में पाया जाता है। यह रक्त में भी होता है और शरीर की अंदरूनी देखभाल में इसकी विशेष भूमिका होती है। कैल्सियम अत्यंत सक्रिय तत्व है। इस कारण इसको शुद्ध अवस्था में प्राप्त करना कठिन कार्य है। आजकल कैल्सियम क्लोराइड तथा फ्लोरस्पार के मिश्रण को ग्रेफाइट मूषा में रखकर विद्युतविच्छेदन द्वारा इस तत्व को तैयार करते हैं। शुद्ध अवस्था में यह सफेद चमकदार रहता है। परन्तु सक्रिय होने के कारण वायु के आक्सीजन एवं नाइट्रोजन से अभिक्रिया करता है। इसके क्रिस्टल फलक केंद्रित घनाकार रूप में होते हैं। यह आघातवर्ध्य तथा तन्य तत्व है। इसके कुछ गुणधर्म निम्नांकित हैं- साधारण ताप पर यह वायु के ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से धीरे धीरे अभिक्रिया करता है, परंतु उच्च ताप पर तीव्र अभिक्रिया द्वारा चमक के साथ जलता है और कैलसियम आक्साइड (CaO) बनाता है। जल के साथ अभिक्रिया कर यह हाइड्रोजन उन्मुक्त करता है और लगभग समस्त अधातुओं के साथ अभिक्रिरिया कर यौगिक बनाता है। इसके रासायनिक गुण अन्य क्षारीय मृदा तत्वों (स्ट्रांशियम, बेरियम तथा रेडियम) की भाँति है। यह अभिक्रिया द्वारा द्विसंयोजकीय यौगिक बनाता है। ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होने पर कैलसियम ऑक्साइड का निर्माण होता है, जिसे कली चूना और बिना बुझा चूना (quiklime) भी कहते हैं। पानी में घुलने पर कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड या शमित चूना या बुझा चूना (slaked lime) बनता है। यह क्षारीय पदार्थ है जिसका उपयोग गृह निर्माण कार्य में पुरतान काल से होता आया है। चूने में बालू, जल आदि मिलाने पर प्लास्टर बनता है, जो सूखने पर कठोर हो जाता है और धीरे-धीरे वायुमण्डल के कार्बन डाइऑक्साइड से अभिक्रिया कर कैलसियम कार्बोनेट में परिणत हो जाता है। कैलसियम अनेक तत्वों (जैसे हाइड्रोजन, फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन आयोडीन, नाइट्रोजन सल्फर आदि) के साथ अभिक्रिया कर यौगिक बनता है। कैलसियम क्लोराइड, हाइड्रोक्साइड, तथा हाइपोक्लोराइड का एक मिश्रण और ब्लिचिंग पाउडर कहलाता है जो वस्त्रों आदि के विरंजन में उपयोगी है। कैलसियम कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट भी उपयोगी है। अपाचयक तत्व होने के कारण कैलसियम अन्य धातुओं के निर्माण में काम आता है। कुछ धातुओं में कैलसियम मिश्रित करने पर उपयोगी मिश्र धातुएँ बनती हैं। कैलसियम के यौगिक के अनेक उपयोग हैं। कुछ यौगिक (नाइट्रेट, फॉसफेट आदि) उर्वरक के रूप में उपयोग में आते है। कैलसियम कार्बाइड का उपयोग नाइट्रोजन स्थिरीकरण उद्योग में होता है और इसके द्वारा एसिटिलीन गैस बनाई जाती है। कैलसियम सल्फेट द्वारा प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाया जाता है। इसके अतिरक्ति कुछ यौगिक चिकित्सा, पोर्स्लोिन उद्योग, काच उद्योग, चर्म उद्योग तथा लेप आदि के निर्माण में उपयोगी है। भारत के प्राचीन निवासी कैलसियम के यौगिक तत्वों से परिचित थे। उनमें चूना (कैलसियम आक्साइड) मुख्य है। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के भग्नावशेषों से ज्ञात होता है तत्कालीन निवासी चूने का उपयोग अनेक कार्यों में करते थे। चूने के साथ कतिपय अन्य पदार्थों के मिश्रण से 'वज्रलेप' तैयार करने का प्राचीन साहित्य में प्राप्त होता है। चरक ने ऐसे क्षारों का वर्णन किया है जिनको विभिन्न समाक्षारों पर चूने की अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता था। कुछ समय पूर्व उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कोपिया नामक एक स्थान से काँच बनाने के एक प्राचीन कारखाने के अवशेष प्राप्त हुए हैं। उसका काल लगभग पाँचवी शती ईसवी पूर्व अनुमान किया जाता है। वहाँ से मिली काँच की वस्तुओं की परीक्षा से ज्ञात हुआ है कि उस काल के काँच बनाने में चूने का उपयोग होता था। .
देखें अधातु और कैल्सियम
कोबाल्ट
कोबाल्ट एक रासायनिक तत्व है और संक्रमण धातु के समूह का सदस्य है। अपने शुद्ध रूप में यह धातु सख़्त, चमकीली और सलेटी-चाँदी रंग की है, लेकिन यह पृथ्वी पर केवल अन्य रासायनिक तत्वों के साथ बने यौगिकों के रूप में ही मिलती है। कुछ मात्रा में यह निकल की तरह पृथ्वी पर उल्काओं में गिरती है और वहीं शुद्ध रूप में देखी जा सकती है। .
देखें अधातु और कोबाल्ट
अर्बियम
एक रासायनिक तत्व है। .
देखें अधातु और अर्बियम
अक्रिय गैस
अक्रिय गैस (Inert gas) उन गैसों को कहते हैं जो साधारणतः रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग नहीं लेतीं और सदा मुक्त अवस्था में प्राप्य हैं। इनमें हीलियम, निऑन, आर्गान, क्रिप्टॉन,जीनॉन और रेडॉन सम्मिलित हैं। इनमें से रेडॉन रेडियो-सक्रिय है। ये उत्कृष्ट गैसों (Noble gases) के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। समस्त अक्रिय गैसें रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होती हैं। स्थिर दाब और स्थिर आयतन पर इन गैसों की विशिष्ट उष्माओं का अनुपात 1.67 के बराबर होता है जिससे पता चलता है कि ये सब एक-परमाणुक गैसें हैं। .
देखें अधातु और अक्रिय गैस
उपधातु
वे तत्व जिनमें धातु तथा अधातु दोनों के गुण पाए जाते हैं उन्हें उपधातु (Metalloid) कहते हैं। बोरान, सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, एण्टीमनी और टेल्युरियम - ये छः प्रायः उपधातु कहे जाते हैं। कार्बन, अलुमिनियम, सेलेनियम, पोलोनियम और एस्टेटीन (astatine) को भी कुछ सीमा तक उपधातु कहा जाता है। .
देखें अधातु और उपधातु
यह भी देखें
आवर्त सारणी
- अधातु
- आवर्त (आवर्त सारणी)
- आवर्त सारणी
- उपधातु
- ऐक्टिनाइड
- काल्कोजन
- क्षार धातु
- क्षारीय मृदा धातु
- खण्ड (आवर्त सारणी)
- थॉमसन का परमाणु मॉडल
- निक्टोजन
- परमाणु भार
- बोरॉन समूह
- लैन्थनाइड
- संक्रमण धातु
- समूह (आवर्त सारणी)
द्विपरमाणुक अधातु, बहुपरमाणुक अधातु, अधातुएँ के रूप में भी जाना जाता है।