3 संबंधों: दि न्यू यॉर्क टाइम्स, वॉल्ट डिज़्नी, अटलांटिस।
दि न्यू यॉर्क टाइम्स
दि न्यू यॉर्क टाइम्स अमेरिका का एक दैनिक समाचार पत्र है। .
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वॉल्ट डिज़्नी
वाल्टर एलियास "वॉल्ट" डिज़्नी (5 दिसम्बर 1901 - 15 दिसम्बर 1966) एक अमेरिकी फिल्म निर्माता, निर्देशक, कथानक लेखक, नेपथ्य वाचक, एनीमेटर, उद्यमी, मनोरंजन, अंतरराष्ट्रीय प्रतीक और समाजसेवक थे। डिज़्नी बीसवीं शताब्दी के दौरान मनोरंजन के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है। वॉल्ट डिज़्नी ने अपने भाई रॉय ओ डिज़्नी के साथ संयुक्त रूप से वॉल्ट डिज़्नी प्रोडक्शंस की स्थापना की थी। डिज़्नी एक समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्माताओं में से एक बन गये। उनके द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित निगम को अब वॉल्ट डिज़्नी कंपनी के नाम से जाना जाता है और इसका सालाना कारोबार आज लगभग 35 अरब अमेरिका डॉलर के बराबर का है। .
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अटलांटिस
कैसी थी अटलांटिस सभ्यता: अटलांटिस को उस समय धरती की सबसे खुशहाल जगह माना जाता था। वहाँ सोना और चाँदी के साथ ही बहुमूल्य पत्थरों की भरमार थी। द्वीप पर दूर-दूर तक हरे-भरे मैदान फैले थे। जमीन बहुत उपजाऊ थी। बड़ी तादाद में पशु-पक्षी थे, तो फलों के बगीचे भी थे। शहर को पाँच क्षेत्रों में बाँटा गया था। इस प्रकार शासन व्यवस्था भी आदर्श थी। तभी...आई बर्बादी: एक दिन प्रलय आया और सबकुछ समाप्त हो गया। पूरी सभ्यता का नामों-निशान ही मिट गया। असल में वहाँ एक साथ कई आपदाओं ने हमला किया। इतिहास के मुताबिक, वहाँ ज्वालामुखी फटा तो समुद्र के पानी से उठी ऊँची लहरों ने समूचे द्वीप को अपने में समा लिया। शुरुआत ज्वालामुखी के फटने से हुई। इससे निकली काली राख ने पूरे क्षेत्र में अंधेरा कर दिया। बड़ी मात्रा में समुद्र में राख मिलने से उसका रंग भी बदल गया। ज्वालामुखी से निकली बड़ी और गर्म चट्टानों की मानो बारिश ही होने लगी। कई जोर दार धमाके हुए। वैज्ञानिकों का अंदाज वर्षों बाद भी वैज्ञानिक इस घटनाक्रम की तह तक नहीं पहुँच पाए हैं। केवल अंदाजा ही लगाया जा रहा है कि उस समय 500 से 1000 एटम बम फटने जैसी स्थिति पैदा हुई थी, जिसके चलते समूची सभ्यता का सफाया हो गया। सफाया भी इतने बड़े स्तर पर कि आज तक उसका कोई सबूत नहीं मिल पाया है। आशा की किरण इस सिलसिले में जानकारों के सामने केवल एक द्वीप है, जिसे प्राचीन ग्रीक में कालीस्टे कहा जाता था। वैज्ञानिकों का कहना है कि कालीस्टे ही एक मात्र अवशेष है, जो अटलांटिस के बारे में कुछ जानने की संभावना बनाए रखता है। हालाँकि अभी तक यहाँ से भी कोई उल्लेखनीय जानकारी नहीं जुटाई जा सकी है। प्लेटो की बात अटलांटिस के बारे में यह कहानी प्लेटो की दी हुई है। उन्होंने ही लिखा था कि अटलांटिस स्वर्ग था। वहाँ आलीशान महल और मंदिर थे, जिन पर सोने-चाँदे की परतें चढ़ी होती थीं। मंदिरों की दीवारें और आधार स्तंभ भी बहुमूल्य धातुओं के बने थे। प्लेटो ने भगवान की एक मूर्ति का भी उल्लेख किया है, जो पूरी तरह से सोने की बनी है। आगे रथ खिंचते छह घोड़े भी दिखाए गए हैं। मूर्ति को समुद्र के देवता के रूप में पूजा जाता था। स्वर्ग में भी इंसानी फितरत प्लेटो के बारे में कहा जाता है कि वे मानवीय स्वभाव के बहुत अच्छे जज थे। उन्होंने अटलांटिस को धरती का स्वर्ग तो करार दिया, लेकिन साथ ही वहाँ की नकारात्मक बातें भी लिखी हैं। प्लेटो ने एक स्थान पर बताया है कि अटलांटिस सभ्यता के राजाओं ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए दूसरे राज्यों पर हमले किए। उन्होंने बड़ी संख्या में नरसंहार कर दूसरे इलाकों पर कब्जा किया। वे केवल एथेंस से पार नहीं पा सके थे भगवान की सजा: प्लेटो के मुताबिक, इस काम के लिए भगवान ने अटलांटिस वालों को सजा भी दी। यह सजा तुफान, बाढ़, भुकंप और ज्वालामुखी के रूप में होती थी। इन प्राकृतिक आपदाओं से अटलांटिस को समय-समय पर भारी नुकसान पहुँचा। ऐसा ही प्रलय एक दिन आया और समूची सभ्यता इतिहास बनकर रह गई। क्या सही था प्लेटो: प्लेटो की इस कहानी पर इतिहास के कई जानकारों ने सवालिया निशान उठाए हैं। उनका सवाल है कि प्लेटो की कही बात को किस आधार पर सच मान लिया जाए? श्रेणी:चित्र जोड़ें .