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अटलांटिक की लड़ाई

सूची अटलांटिक की लड़ाई

अटलांटिक की लड़ाई द्वितीय विश्वयुद्ध में लगातार चलने वाला सबसे लंबा सैन्य अभियान था जो सन् १९३९ को शुरु हुआ तथा सन् १९४५ में जर्मनी की हार के साथ समाप्त हुआ। यह लड़ाई मित्र राष्ट्रों द्वारा जर्मनी की नौसैनिक नाकेबन्दी— जो कि जर्मनी पर युद्ध के ऐलान के एक दिन बाद से शुरू कर दी गई थी— और फिर जर्मनी द्वारा मित्र राष्ट्रों की पलट नाकेबन्दी पर केन्द्रित थी। सन् १९४० के मध्य से सन् १९४३ के अंत तक यह लड़ाई अपने चरम पर थी। अटलांटिक की लड़ाई में जर्मन नौसेना क्रीक्समरीन की यू-बोटों ने जर्मन वायुसेना लुफ़्तफ़ाफ़ा के साथ मिलकर कामयाबी के साथ मित्र राष्ट्रों के व्यापारिक बेड़ों पर नाकेबन्दी की और बड़ी संख्या में उन्हें डुबाकर मित्र राष्ट्रों का बहुत नुक़सान किया था। .

12 संबंधों: द्वितीय विश्वयुद्ध, नौसेना, मित्रपक्ष शक्तियाँ, मेक्सिको की खाड़ी, यू-बोट, लुफ़्तफ़ाफ़ा, जर्मनी, वायुसेना, क्रीक्समरीन, अटलांटिक महासागर, उत्तरध्रुवीय महासागर, उत्तरी सागर

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नौसेना

भारतीय नौसेना का लोगोनौसेना (Navy) किसी देश की संगठित समुद्री सेना को कहते हैं। इसके अंतर्गत रणपोत, क्रूज़र (cruiser), वायुयानवाहक, ध्वंसक, सुरंगें बिछाने तथा उन्हें नष्ट करने आदि के साधन एवं सैनिकों के अतिरिक्त, समुद्रतट पर निर्माण, देखभाल, पूर्ति तथा प्रशासन, कमान, आयोजन और अनुसंधान संस्थान भी सम्मिलित हैं। इस प्रकार नौसेना सरकार के सीधे नियंत्रण में स्थित सैनिक संगठन है, जिसके प्रशासन के लिए सरकार पृथक् विभागों की स्थापना करती है। नौशक्ति का उद्देश्य सैनिक और वाणिज्य की दृष्टि से समुद्री मार्ग का नियंत्रण करना है। नौसेना ऐसा साधन है जिससे राष्ट्र समुद्र के उपयोग पर अपना अधिकार तो रखते हैं, परंतु शत्रु को इस उपयोग से वंचित रखते हैं। नौसेना में अब वायुयान और नियंत्रित प्रक्षेप्यास्त्रों (guided missiles) का समावेश हो गया है, जिनसे शत्रु के देश के सुदूर आंतरिक भूभाग पर भी प्रहार किया जा सकता है। .

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मित्रपक्ष शक्तियाँ

१९४३ के तेहरान सम्मलेन में मित्रपक्ष शक्तियों के तीन प्रमुख नेता - सोवियत संघ के जोसेफ़ स्टालिन, संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्रेंकलिन रोज़वेल्ट और ब्रिटेन के विंस्टन चर्चिल मित्रपक्ष शक्तियाँ या ऐलाइड शक्तियाँ (अंग्रेज़ी: Allied powers) उन देशों का गुट था जिन्होनें द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन का साथ दिया और अक्ष शक्तियों (ऐक्सिस शक्तियों) के ख़िलाफ़ लड़े। भिन्न मित्रपक्ष देश द्वितीय विश्वयुद्ध की मुठभेड़ में या तो इसलिए शामिल हुए क्योंकि उनपर अक्ष देश या देशों ने आक्रमण कर दिया, या उन्हें अपने ऊपर आक्रमण होने का डर था, या फिर उन्हें चिंता थी कि अक्ष शक्तियाँ अगर जीत गयी तो पूरी दुनिया पर हावी हो जाएँगी।, U. S. Army Center of Military History and World War II History, Accessed 17 सितंबर 2009 १ सितम्बर १९३९ में युद्ध की शुरआत में फ़्रांस, पोलैंड और संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन) ही मित्रपक्ष में थे। जल्द ही ब्रिटेन के कुछ अधीन देश - ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यू ज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका भी इस गुट में सम्मिलित हो गए। १९४१ के बाद मित्रपक्ष का नेतृत्व ब्रिटेन, अमेरिका और सोवियत संघ ने मिलकर किया। भारत (जो ब्रिटिश राज के अधीन था), बेल्जियम, यूनान, मेक्सिको, चेकोस्लोवाकिया, नॉर्वे, नेदरलैंड्ज़, इथियोपिया और ब्राज़ील में मित्रपक्ष में थे। १९४५ में जाकर मित्रपक्ष शक्तियों की जीत होने पर अक्ष शक्तियों का गुट ख़त्म हो गया। .

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मेक्सिको की खाड़ी

मेक्सिको की खाड़ी का नक़्शा मेक्सिको की खाड़ी (स्पेनी: Golfo de México, गोल्फ़ो दे मेहिको) पश्चिमी अंध महासागर का एक समुद्र है। यह उत्तर अमेरिका और क्यूबा से घिरा हुआ है और कैरिबियाई सागर के पश्चिम में स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग १६ लाख वर्ग किमी है और इसका सबसे गहरा स्थान सतह से १४,३८३ फ़ुट (४,३८४ मीटर) की गहराई पर स्थित सिग्स्बी खाई है। माना जाता है के इस सागर की द्रोणी का निर्माण आक्ज से लगभग ३० करोड़ वर्ष पूर्व इसके फ़र्श के नीचे धंसने से हुआ। उस से पहले यह एक ज़मीनी क्षेत्र था। इस समुद्र में विलय होने वाली सबसे बड़ी नदी मिसिसिप्पी नदी है। इसके पश्चिमोत्तर छोर पर संयुक्त राज्य अमेरिका का फ़्लोरिडा राज्य और उत्तर में अमिका के ही अलाबामा, मिसिसिप्पी, लुइज़ियैना और टॅक्सस राज्य हैं। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में मेक्सिको के तामाउलिपास, वेराक्रूस, ताबास्को, काम्पेचे, यूकातान और किन्ताना रू राज्य हैं। इसके दक्षिण-पूर्व में क्यूबा पड़ता है। इस समुद्र में मछलियों, झींगों और अन्य समुद्री जीवों की भरमार है और अमेरिका, मेक्सिको और क्यूबा के मछुआरे उद्योग यहाँ पर बहुत पनपे हैं। .

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यू-बोट

यू-बोट जर्मन भाषा में यू-बूट का अंग्रेज़ीकरण है। यू-बूट ख़ुद जर्मन भाषा में अंटरसीबूट (unterseeboot) का संक्षिप्त रूप है जिसका अंग्रेज़ी में मतलब होता है समुद्र के अन्दर की नाव। यह जर्मनी की नौसेना क्रीक्समरीन द्वारा प्रथम तथा द्वितीय विश्वयुद्ध में इस्तेमाल में लाई जाने वाली पनडुब्बियाँ थीं। हालांकि यह दुश्मन की नौसेना के युद्धपोतों के ख़िलाफ़ भी काफ़ी कारगर थी लेकिन जर्मनी ने इसका क़ामयाबी के साथ उपयोग अटलांटिक की लड़ाई में किया जब उसने मित्र राष्ट्रों के विरुद्ध नौसैनिक नाकाबन्दी की और इससे काफ़ी मात्रा में दुश्मन के व्यापारिक जहाज़ डुबाये। श्रेणी:जर्मनी की पनडुब्बियाँ श्रेणी:द्वितीय विश्वयुद्ध.

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लुफ़्तफ़ाफ़ा

लुफ़्तफ़ाफ़ा नाट्सी जर्मनी काल में जर्मनी की वायुसेना थी। श्रेणी:वायुसेनाओं का इतिहास श्रेणी:विघटित वायुसेनाएँ श्रेणी:जर्मन शब्द.

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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वायुसेना

एक वायुसेनिक अड्डा, चित्र में उड़नपट्टी पे गोर करे वायुसेना एक राष्ट्र की सैन्य संगठन की एक शाखा होती है जिसका मुख्य कार्य उस देश की वायु सुरक्षा, वायु चौकसी एव जरूरत होने पर वायु युद्ध करना होता है। इस सेन्य संगठन की संरचना थलसेना, नौसेना या अन्य शाखाओं से अलग और स्वतंत्र होती है। आमतौर पर वायुसेना अपना कर्तव्य पालन करने के लिए वायु नियंत्रण करती है जिसमे की दुश्मन सेना के विमान विशेष तोर पर लड़ाकू विमानों को नष्ट करना, शत्रु पर बमबारी और सतेही सेना को सामरिक सहायता प्रदान करना होता है। वायुसेना कई प्रकार के साजो सामान काम में लेती है व जिसमे विभिन्न प्रकार के हथियार व विमान शामिल होते है। किसी भी वायुसेना के बेड़े में कई प्रकार के लड़ाकू, बम डोही, टोही, तेल टेंकर व सेन्य परिवहन विमान शामिल हो सकते है। सुखोई एसयु-३० एमकेआई लड़ाकू विमान .

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क्रीक्समरीन

क्रीक्समरीन सन् १९३५ से सन् १९४५ तक जर्मनी की नौसेना का नाम है जो नाट्सी जर्मनी के काल में थी। इसने स्पेन के आंतरिक युद्ध तथा द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लिया था। श्रेणी:नाज़ी जर्मनी श्रेणी:द्वितीय विश्वयुद्ध.

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अटलांटिक महासागर

ग्लोब पर अंध महासागर की स्थिति अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर उस विशाल जलराशि का नाम है जो यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक करती है। क्षेत्रफल और विस्तार में दुनिया का दूसरे नंबर का महासागर है जिसने पृथ्वी का १/५ क्षेत्र घेर रखा है। इस महासागर का नाम ग्रीक संस्कृति से लिया गया है जिसमें इसे नक्शे का समुद्र भी बोला जाता है। इस महासागर का आकार लगभग अंग्रेजी अक्षर 8 के समान है। लंबाई की अपेक्षा इसकी चौड़ाई बहुत कम है। आर्कटिक सागर, जो बेरिंग जलडमरूमध्य से उत्तरी ध्रुव होता हुआ स्पिट्सबर्जेन और ग्रीनलैंड तक फैला है, मुख्यतः अंधमहासागर का ही अंग है। इस प्रकार उत्तर में बेरिंग जल-डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में कोट्सलैंड तक इसकी लंबाई १२,८१० मील है। इसी प्रकार दक्षिण में दक्षिणी जार्जिया के दक्षिण स्थित वैडल सागर भी इसी महासागर का अंग है। इसका क्षेत्रफल इसके अंतर्गत समुद्रों सहित ४,१०,८१,०४० वर्ग मील है। अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर इसका क्षेत्रफल ३,१८,१४,६४० वर्ग मील है। विशालतम महासागर न होते हुए भी इसके अधीन विश्व का सबसे बड़ा जलप्रवाह क्षेत्र है। उत्तरी अंधमहासागर के पृष्ठतल की लवणता अन्य समुद्रों की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा ३.७ प्रतिशत है जो २०°- ३०° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है। .

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उत्तरध्रुवीय महासागर

उत्तरीध्रुवीय महासागर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित उत्तरीध्रुवीय महासागर या आर्कटिक महासागर, जिसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पांच प्रमुख समुद्री प्रभागों (पांच महासागरों) में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) इसको एक महासागर स्वीकार करता है जबकि, कुछ महासागरविज्ञानी इसे आर्कटिक भूमध्य सागर या केवल आर्कटिक सागर कहते हैं और इसे अन्ध महासागर के भूमध्य सागरों में से एक मानते हैं। लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा, आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ के ढका रहता है (और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से).

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उत्तरी सागर

उत्तरी सागर अंध महासागर का एक सीमावर्ती समुद्र है जो संयुक्त राजशाही, स्कैंडेनेविया, जर्मनी, फ़्रांस, नीदरलैंड और बेल्जियम के बीच स्थित है। यह अंध महासागर के साथ दक्षिण में अंग्रेज़ी खाड़ी के द्वारा और उत्तर में नारवेयी सागर के द्वारा जुड़ा हुआ है। यह 970 कि॰मी॰ से लम्बा और 580 कि॰मी॰ चौड़ा है और क्षेत्रफल लगभग 750,000 वर्ग कि॰मी॰ है। उत्तरी सागर पूरब में यूरोप महाद्वीप और पश्चिम में ग्रेट ब्रिटेन से घिरा है। इकोसिना (१९२१) के अनुसार इसकी गहराई ३०८ फुट है। इस प्रकार यह एक उथला सागर है। इसका नितल उस महाद्वीपीय निधाय (कांटिनेंटल शेल्फ) का एक भाग है जिसके ऊपर ब्रिटिश द्वीपसमूह स्थित है। इस निधाय को ढाल (प्रवणता) उत्तर से दक्षिण तक प्राय: एक समान है। डॉगर बैंक्स नामक समुद्र में निमग्न बालू का मैदान उत्तरी सागर के मध्य में स्थित है। इंग्लैंड के समुद्रतट के समीप इस सागर की गहराई ६५ फुट है जो पूर्व की और बढ़कर १३० फुट हो जाती है। इस सागर की सामान्य लवणता ३४ से ३५ प्रति सहस्र है। उत्तरी सागर सूक्ष्म जीवों और पौधों में विशेष रूप से धनी है। इसलिए मछलियाँ इधर प्रचुर मात्रा में, अपने भोजन की खोज में, आकर्षित होती है। फलत: उत्तरी सागर विश्व का एक महत्वपूर्ण मत्स्य उत्पादक क्षेत्र है। मत्स्य के प्राप्तिस्थानों में डॉगर बैंक्स (शीतकाल में) और महाद्वीपीय समुद्रतट के समीप स्थित उथले समुद्र (ग्रीष्मकाल में) प्रमुख हैं। पकड़ी जानेवाली मछलियों में हेरिंग का अनुपात सबसे अधिक रहता है; इसके बाद क्रमानुसार हैडक, कॉड, प्लेस, ह्वाइटिंग, मैकेरल इत्यादि आती हैं। श्रेणी:यूरोप के सागर.

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