सामग्री की तालिका
15 संबंधों: एन बी ए सीज़न २००४ - ०५, तमिल नाडु के राज्यपालों की सूची, द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो: द इटर्नल नाइट, द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो: अ न्यु बिगिनिंग, बार्बी इन द नटक्रैकर, मारीशस के हिन्दी विद्वान, यूट्यूब, योगेश्वर दत्त, हैलोवीन, विलियम जॉनस्तन, विश्व धरोहर, अमर बोस, अलेक्ज़ेंडर बर्न्स, १९६५, १९८२।
एन बी ए सीज़न २००४ - ०५
एन बी ए सीज़न एन बी ए सीज़न श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन के सीज़न.
देखें २ नवम्बर और एन बी ए सीज़न २००४ - ०५
तमिल नाडु के राज्यपालों की सूची
यह सूची सन् १९४६ से भारत के तमिल नाडु राज्य के राज्यपालों की है। तमिल नाडु के राज्यपाल का आधिकारिक आवास राजभवन राज्य की राजधानी चेन्नई में है। .
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द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो: द इटर्नल नाइट
द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो: द इटर्नल नाइट (अंग्रेज़ी: The Legend of Spyro: The Eternal Night) 2 और अंतिम किस्त में है: द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो त्रयी.
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द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो: अ न्यु बिगिनिंग
द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो: अ न्यु बिगिनिंग (अंग्रेज़ी: The Legend of Spyro: A New Beginning) में पहली बार खेल द लीजेंड ऑफ़ स्पायरो त्रयी.
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बार्बी इन द नटक्रैकर
बार्बी इन द नटक्रैकर (Barbie in the Nutcracker), ओवेन हर्ले द्वारा निर्देशित एक कंप्यूटर एनिमेटेड बार्बी फिल्म है, जो २००१ में निकली। यह बार्बी फिल्म सीरीज का पहला ३-डी एनिमेटेड फिल्म है। इसके अंग्रेजी डबिंग में बार्बी की आवाज़ केली शेरिडन ने दिया है और हिंदी डबिंग में राजश्री नाथ ने। भारत में इस चलचित्र की VCD "बार्बी नटक्राकर में" के नाम से उपलब्ध है। इस फिल्म की कहानी जर्मन लेखक इ.
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मारीशस के हिन्दी विद्वान
मारीशस में २ नवंबर १८३४ में एटलस नामक जहाज़ में बिहार के छोटा नागपुर इलाके से पहली बार विधिवत गिरमिटियों को लाया गया था। १९२० तक मारीशस में साढ़े चार लाख भारतीय गिरमिटिए लाए गए, जिनमें अधिकतर भोजपुरी बोलने वाले थे। उन्नीसवीं सदी के अंत तक बोलचाल की भाषा के रूप में यहाँ भोजपुरी का विकास हो चुका था। १९०१ में बैरिस्टर मोहनदास करमचन्द गांधी यहाँ आकर रहे और भारतीयों की दशा और कठिनाइयों को समझा। उन्हें कानूनी सलाह उपलब्ध कराने और सहायता करने के लिए उन्होंने १९०९ में एक योग्य बैरिस्टर मगनलाल मणिलाल को मारीशस भेजा। बैरिस्टर मगनलाल मणिलाल ने १५ मार्च १९०९ में एक साप्ताहिक पत्र का आरंभ किया जिसकी भाषा अँग्रेजी और गुजराती थी। बाद में गुजराती के स्थान पर यह पत्र हिंदी में प्रकाशित होने लगा क्यों कि आमतौर पर सभी भारतीय लोगों को हिंदी आसानी से समझ में आती थी। इसके बाद ही मारीशस में हिंदी का विकास हुआ। इस दृष्टि से वे मारीशस के पहले हिंदी विद्वान माने जाते हैं। इसके बाद अनेक लोगों ने अध्यापन, पत्रकारिता और लेखन द्वारा मारीशस में हिंदी का विकास किया। इन लोगों में प्रमुख नाम हैं- मुकेश्वर चुन्नी, पं.
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यूट्यूब
यूट्यूब का मुख्यालय सैन ब्रूनो, कैलीफोर्निया में (२०१०) यूट्यूबएक साझा वेबसाइट (video sharing) है जहाँ उपयोगकर्ता वेबसाइट पर वीडियो देख सकता है, रेटिंग दे सकता है, टिप्पणियाँ छोड़ सकता है और वीडियॊ क्लिप साझा कर सकता है। पेपल के तीन पूर्व कर्मचारियॊं ने मध्य फरवरी (PayPal)२००५ यू ट़यूब बनायी थी।, USATODAY, October 11 (October 11), 2006.
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योगेश्वर दत्त
योगेश्वर दत्त (जन्म: 2 नवंबर 1982) एक भारतीय कुश्ती खिलाड़ी हैं। इन्होंने २०१२ ग्रीष्मकालीन ऑलंपिक्स में कुश्ती की ६० किग्रा फ़्रीस्टाइल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स २०१४ में योगेश्वर दत्त ने ६५ किलोग्राम भार वर्ग में फ्रीस्टाइल कुश्ती में कनाडाई पहलवान को हराकर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता। २०१२ में भारत सरकार द्वारा इन्हें राजीव गाँधी खेल रत्न का सम्मान दिया गया। .
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हैलोवीन
हैलोवीन या Hollowe'en एक अवकाश है, जो 31 अक्टूबर की रात को मनाया जाता है। (October 31).
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विलियम जॉनस्तन
विलियम जॉनस्तन (जन्म: 2 नवंबर 1894 निधन: 1 मई, 1946) एक १९२० के दशक में टेनिस जगत के मशहूर अमरीकी टेनिस खिलाड़ी (लिटिल बिल) हैं। श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता.
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विश्व धरोहर
यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .
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अमर बोस
अमर गोपाल बोस (बांग्ला: অমর গোপাল বসু) (जन्म २ नवंबर, १९२९) बोस कार्पोरशन के संस्थापक और पीठाध्यक्ष हैं। भारतीय मूल के अमेरीकी और विद्युत अभियंता अमर गोपाल बोस के पास २००७ के आंकड़ों फोरबीस ४०० के अनुसार उनकी कुल संपत्ति को १.८ बिलियन डॉलर आँका गया था। बंगाली पिता और श्वेत अमेरिकी मां की संतान बोस का जन्म और पालन पोषण पेन्सिलवेनिया के फ़िलेडेल्फ़िया शहर में हुआ। उनके पिता नोनी गोपाल बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी होने के कारण औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार द्वारा जेल भी भेज गए। तत्कालीन सरकार की अन्य कारवाहियों के बचने के लिए वे १९२० में भागकर कलकत्ता आ गए।.
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अलेक्ज़ेंडर बर्न्स
बुख़ारा के परिधान में सर बर्न्स अलेक्ज़ेंडर बर्न्स (Sir Alexander Burnes) या सिकंदर बर्न्स (16 मई 1805-2 नवंबर 1841) एक ब्रिटिश यात्रावृत्त लेखक तथा जासूस थे जिनकी 1831-32 के बीच की पंजाब, पेशावर, काबुल होते हुए बुख़ारा की यात्रा से उन्हें ख्याति मिली थी। उनकी लिखी किताबों को उस समय ब्रिटेन में बहुत प्रसिद्धि मिली थी जिसके बाद उन्हें सर की उपाधि भी दी गई थी। इससे अंग्रेज़ों को मध्य एशिया में हो रही गतिविधियों के अलावा वहाँ की भौगोलिक जानकारी भी मिली थी। इसके बाद ब्रिटिश सेना ने अफ़गानिस्तान पर चढ़ाई की थी और इसी दौरान सन् 1841 के नवंबर में काबुल में उनका क़त्ल कर दिया गया था। इससे पहले विलियम मूरक्रॉफ़्ट और उनके साथ गए नौजवान ने बुखारा की यात्रा की थी जो घोड़ो के पालन के तथाकथित विश्व प्रसिद्ध स्थान बुख़ारा की परंपरा देखना चाहते थे। दोनों बुख़ारा तो पहुँच गए थे पर वापस लौटते वक़्त बाल्ख़ के मज़ार-ए-शरीफ़ में बामारी वजह से मारे गए थे। स्कॉटलैंड में जन्मे बर्न्स को सिकंदर (पश्चिम में अलेक्ज़ेंडर) के विजित प्रदेशों को देखने का बहुत शौक था। अपनी किताब ट्रावेल्स इन टू बोख़ारा की प्रस्तावना में उन्होंने लिखा है कि सिन्धु नदी के आवागमन का रास्ता पता करने के बाद उनमें काबुल और उसके पार जाने का उत्साह आया। विजेता सिकंदर ३३० ईस्वी पूर्व के आसपास पेशावर और उसके उत्तर के प्रदेश तक पहुँचा था। वो बुख़ारा और बाल्ख़ से होते हुए आया था। भारतीय मुहम्मद अली और मोहन लाल ज़ुत्शी भी इस यात्रा में उसके साथ थे - वापस आने के साथ ही मुहम्मद अली किसी बीमारी की वजह से चल बसा था। .
देखें २ नवम्बर और अलेक्ज़ेंडर बर्न्स
१९६५
1965 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
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१९८२
१९८२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें २ नवम्बर और १९८२
2 नवंबर, २ नवंबर के रूप में भी जाना जाता है।