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१९८१

सूची १९८१

1981 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

184 संबंधों: चश्मेबद्दूर (1981 फ़िल्म), चक्र (1981 फ़िल्म), चेहरे पे चेहरा (1981 फ़िल्म), टुन हुसेन ओन, एन आर नारायणमूर्ति, एलिजाह वुड, एक दूजे के लिये (1981 फ़िल्म), एक ही भूल (1981 फ़िल्म), एक और एक ग्यारह (1981 फ़िल्म), डिएगो माराडोना, ताप के ताये हुए दिन, तिआनतिआन सुन, तजुर्बा (1981 फ़िल्म), दर्द (1981 फ़िल्म), दहशत (1981 फ़िल्म), धनवान (1981 फ़िल्म), नन्दा देवी पर्वत, नया क्षितिजको खोज, नरम गरम (1981 फ़िल्म), नसीब (१९८१ फ़िल्म), नसीरुद्दीन शाह, नितिन सक्सेना, पद्म भूषण, पद्मिनी कोल्हापुरी, पिकूर डायरी (१९८१ फ़िल्म), पुदिय उरइ नडइ, प्रफुल्ल बी रघुभाई देसाई, प्रभा खेतान, प्रभात कुमार मुखर्जी, प्रसाद बर्वे, प्रकाश पादुकोण, प्रेमचंद, पॉल न्युमैन, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार, फ़ॉर्मूला वन, बरसण रा देगोडा डूंगर लाँघिया, बरसात की एक रात (1981 फ़िल्म), बसेरा (1981 फ़िल्म), बाबा फकीर चंद, बांग्लादेश के राष्ट्रपति, बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची, बिल गेट्स, ब्रायन टीचर, बैशाखी (1981 फ़िल्म), बेज़ुबान (1981 फ़िल्म), बीसवीं शताब्दी, बीवी ओ बीवी (1981 फ़िल्म), भारत के अभयारण्य, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, ..., भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, भवानी प्रसाद मिश्र, भुला ना देना (1981 फ़िल्म), मधेपुरा जिला, मनाली वैनू बापू, मर्गेरित युर्स्नर्, महफ़िल (1981 फ़िल्म), माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, मान गये उस्ताद (1981 फ़िल्म), मानसर, माइकल रुदअस, मिलान कुंदेरा, मिलवॉकी बक्स, मृणाल सेन, मैट्स विलेंडर, मैं और मेरा हाथी (1981 फ़िल्म), मेरी आवाज़ सुनो (1981 फ़िल्म), मेखला झा, मीनाक्षी शेषाद्रि, याराना (1981 फ़िल्म), युवराज सिंह, यूनान, रचना अने संरचना, रतन नवल टाटा, रिमी सेन, रिलेशनशिप, रंग पट्टिकाओं की सूची, रक्षा (1981 फ़िल्म), रॉकी (1981 फ़िल्म), रोनाल्ड विलसन रीगन, रोजर फ़ेडरर, लावारिस (१९८१ फ़िल्म), लेडीज़ टेलर (1981 फ़िल्म), शारदा (1981 फ़िल्म), शाका (1981 फ़िल्म), शंकरलाल (1981 फ़िल्म), श्रद्धांजली (1981 फ़िल्म), श्रीलंकाई गृहयुद्ध का इतिहास, शौकीन (1981 फ़िल्म), शैलेश मटियानी, शीप्रागा, सनसनी (1981 फ़िल्म), सन्नी लियोन, समीरा (1981 फ़िल्म), ससया, साहस (1981 फ़िल्म), साजन की सहेली (1981 फ़िल्म), सिलसिला (1981 फ़िल्म), सिग्वार्ड एकलंड, सज़ाये मौत (1981 फ़िल्म), सैन एंटोनियो स्पर्स, हम से बढ़कर कौन (1981 फ़िल्म), ह्यूस्टन रॉकेट्स, हैन्स ब्लिक्स, हेमा मालिनी, होटल (1981 फ़िल्म), जय यात्रा (1981 फ़िल्म), जुड़वां, ज्वाला डाकू (1981 फ़िल्म), जीने की आरज़ू, जीवध्वनि, घुंघरू की आवाज़ (1981 फ़िल्म), वारदात (1981 फ़िल्म), विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल, वक्त की दीवार (1981 फ़िल्म), खय्याम, खुदा कसम (1981 फ़िल्म), खून और पानी (1981 फ़िल्म), खून का रिश्ता (1981 फ़िल्म), खूबसूरत (1980 फ़िल्म), खेल मुकद्दर का (1981 फ़िल्म), गराज तों फुटपाथ तक, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, ग्रेट एक्स्पेक्टैशन, गॉडोपेंटेटिक अम्ल, गोविंद निहलानी, ऑपरेशन ब्लू स्टार, ओ अंधगली, ओड़िशा का इतिहास, ओडिआ चलचित्र सूची, आदत से मजबूर (1981 फ़िल्म), आस पास (1981 फ़िल्म), आहिस्ता आहिस्ता (1981 फ़िल्म), इतनी सी बात (1981 फ़िल्म), इंफोसिस, इंसाफ का तराजू (1980 फ़िल्म), इक शहर यादें दा, कन्नड साहित्य सम्मेलन, कन्नड़ फिल्मों की सूची, कमल हासन, कलयुग (1981 फ़िल्म), कलिकाता दर्पण, कापिशायनी, कालिया (1981 फ़िल्म), कालेनथगी लीपकलेई, कुदरत (1981 फ़िल्म), क्रांति (1981 फ़िल्म), क्रेग देविद, क्रोधी (1981 फ़िल्म), केरल के मुख्यमंत्रियों की सूची, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कीशिया कोल, अनिता हस्सनंदनी, अन्तरजाल का इतिहास, अन्वेषणों की समय-रेखा, अफ़ज़ल अहसन रंधावा, अबाबाई बोमनजी वाडिया, अमृतलाल नागर, अमृता राव, अमृता अरोड़ा, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, अली ख़ामेनेई, असम के राज्यपालों की सूची, अवकासिकाळ, अगस्त्यायिनी, अग्नि परीक्षा (1981 फ़िल्म), उपरा, उमराव जान, १२ दिसम्बर, १३ दिसम्बर, १६ जुलाई, १७ जुलाई, १७ जून, १९ जनवरी, १९२९, २ अप्रैल, २० नवंबर, २६ जनवरी, २७ सितम्बर, २८ अक्तूबर, ३ मई, ६ अक्टूबर, ७ नवम्बर, ७ जुलाई सूचकांक विस्तार (134 अधिक) »

चश्मेबद्दूर (1981 फ़िल्म)

चश्मेबद्दूर 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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चक्र (1981 फ़िल्म)

चक्र 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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चेहरे पे चेहरा (1981 फ़िल्म)

चेहरे पे चेहरा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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टुन हुसेन ओन

टुन हुसेन ओन (12 फरवरी, 1922 - 29 मई, 1990) मलेशिया के प्रधान मन्त्री 1976-1981 थे.

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एन आर नारायणमूर्ति

नागवार रामाराव नारायणमूर्ति (जन्म: २० अगस्त १९४६) भारत की प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और जानेमाने उद्योगपति हैं। उनका जन्म मैसूर में हुआ। आई आई टी में पढ़ने के लिए वे मैसूर से बैंगलौर आए, जहाँ १९६७ में इन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ इन्जीनियरिंग की उपाधि और १९६९ में आई आई टी कानपुर से मास्टर ऑफ टैक्नोलाजी (M.Tech) की उपाधि प्राप्त की। नारायणमूर्ति आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे। उनके उन दिनों के सबसे प्रिय शिक्षक मैसूर विशवविद्यालय के डॉ॰ कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति की प्रतिभा को पहचान कर उनको हर तरह से मदद की। बाद में आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाने पर नारायणमूर्ति ने डॉ॰ कृष्णमूर्ति के नाम पर एक छात्रवृत्ति प्रारंभ कर के इस कर्ज़ को चुकाया। .

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एलिजाह वुड

एलिजाह जॉर्डन वुड (अंग्रेजी: Elijah Jordan Wood), एक अमेरिकी अभिनेता है। इलाइज़ा का जन्म 28 जनवरी 1981 को संयुक्त राज्य अमेरिका के आयोवा में हुआ था। इलाइज़ा ने अपने अभिनय की शुरुआत 1989 में बैक टू द फ़्यूचर-भाग II नामक फिल्म में एक छोटी सी भूमिका से की थी, पर उसके बाद निभाई गयी महत्वपूर्ण भूमिकाओं ने उसे 9 साल की उम्र तक एक प्रसिद्ध बाल कलाकार बना दिया था।.

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एक दूजे के लिये (1981 फ़िल्म)

एक दूजे के लिये 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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एक ही भूल (1981 फ़िल्म)

एक ही भूल 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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एक और एक ग्यारह (1981 फ़िल्म)

एक और एक ग्यारह 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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डिएगो माराडोना

डिएगो आर्मैन्ड़ो माराडोना (30 अक्टूबर 1960 को लानुस, ब्यूनस आयर्स में जन्म) अर्जेन्टीना के एक पूर्व फ़ुटबॉल खिलाड़ी और अर्जेन्टीना के राष्ट्रीय टीम के वर्तमान प्रबंधक हैं। उन्हें व्यापक रूप से आज तक का सबसे बेहतरीन फ़ुटबॉल खिलाड़ी माना जाता है। FIFA प्लेयर ऑफ़ दी सेंचुरी पुरस्कार के लिए उन्हें इंटरनेट मतदान में सर्वप्रथम स्थान मिला और उन्होंने पेले के साथ पुरस्कार में साझेदारी की। अंतिम बार 30 मई 2006 को पुनः प्राप्त अपने पेशेवर क्लब कॅरियर के दौरान माराडोना ने अर्जेंटिनोस जूनियर, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, सेविला, नेवेल्स ओल्ड बॉय और नापोली के लिए खेलते हुए अनुबंध शुल्क लेने में विश्व रिकोर्ड कायम किया। अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर में, अर्जेन्टीना के लिए खेलते हुए, उन्होंने 91 कैप्स अर्जित किए और 34 गोल किए। उन्होंने चार FIFA विश्व कप टूर्नामेंटों में खेला, जिसमें 1986 का विश्व कप शामिल था, इसमें उन्होंने अर्जेन्टीना की कप्तानी की और टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ट खिलाड़ी होने का गोल्डन बॉल पुरस्कार जीता और निर्णायक मुकाबले में वेस्ट जर्मनी पर जीत हासिल की। उसी टूर्नामेंट के क्वार्टर-फाइनल दौर में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ़ 2-1 की जीत में 2 गोल दागे, जो फ़ुटबॉल के इतिहास में दर्ज हो गए, हालांकि दो बिल्कुल ही अलग कारणों के लिए। पहला गोल एक दंड मुक्त हैंडबॉल था जिसे "हैंड ऑफ़ गॉड" के नाम से जाना जाता है, जबकि दूसरा गोल एक शानदार 6 मीटर की दूरी से और छह इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच से निकाला गया एक गोल था, जो आम तौर पर "दी गोल ऑफ़ दी सेंचुरी" के नाम से जाना जाता है। विभिन्न कारणों से, माराडोना को खेल जगत का एक सर्वाधिक विवादास्पद और समाचार-योग्य व्यक्तित्व माना जाता है। इटली में कोकीन के लिए डोपिंग परीक्षण में विफल होने के कारण 1991 में उन्हें 15 महीनों के लिए निलंबित कर दिया गया और USA में चल रहे 1994 के वर्ल्ड कप के दौरान एफेड्रीन का उपयोग करने के कारण उन्हें घर भेज दिया गया। 1997 में अपने 37वें जन्मदिन पर खेल से रिटायर होने के बाद www.vivadiego.com.

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ताप के ताये हुए दिन

ताप के ताये हुए दिन हिन्दी के विख्यात साहित्यकार त्रिलोचन द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तिआनतिआन सुन

तिआनतिआन सुन (जन्म: 12 अक्टूबर, 1981) एक चीन की टेनिस खिलाड़ी हैं। श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:महिला टेनिस खिलाड़ी.

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तजुर्बा (1981 फ़िल्म)

तजुर्बा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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दर्द (1981 फ़िल्म)

दर्द 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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दहशत (1981 फ़िल्म)

दहशत 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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धनवान (1981 फ़िल्म)

धनवान 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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नन्दा देवी पर्वत

नन्दा देवी पर्वत भारत की दूसरी एवं विश्व की २३वीं सर्वोच्च चोटी है।। हिन्दुस्तान लाइव। १४ अक्टूबर २००९ इससे ऊंची व देश में सर्वोच्च चोटी कंचनजंघा है। नन्दा देवी शिखर हिमालय पर्वत शृंखला में भारत के उत्तरांचल राज्य में पूर्व में गौरीगंगा तथा पश्चिम में ऋषिगंगा घाटियों के बीच स्थित है। इसकी ऊंचाई ७८१६ मीटर (२५,६४३ फीट) है। इस चोटी को उत्तरांचल राज्य में मुख्य देवी के रूप में पूजा जाता है।। नवभारत टाइम्स। हरेन्द्र सिंह रावत इन्हें नन्दा देवी कहते हैं। नन्दादेवी मैसिफ के दो छोर हैं। इनमें दूसरा छोर नन्दादेवी ईस्ट कहलाता है। इन दोनों के मध्य दो किलोमीटर लम्बा रिज क्षेत्र है। इस शिखर पर प्रथम विजय अभियान में १९३६ में नोयल ऑडेल तथा बिल तिलमेन को सफलता मिली थी। पर्वतारोही के अनुसार नन्दादेवी शिखर के आसपास का क्षेत्र अत्यंत सुंदर है। यह शिखर २१००० फुट से ऊंची कई चोटियों के मध्य स्थित है। यह पूरा क्षेत्र नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया जा चुका है। इस नेशनल पार्क को १९८८ में यूनेस्को द्वारा प्राकृतिक महत्व की विश्व धरोहर का सम्मान भी दिया जा चुका है। .

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नया क्षितिजको खोज

नया क्षितिजको खोज नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार असित राइ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में नेपाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नरम गरम (1981 फ़िल्म)

नरम गरम 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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नसीब (१९८१ फ़िल्म)

नसीब 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसका निर्माण और निर्देशन का काम मनमोहन देसाई ने किया था। इसमें मुख्य किरदार में अमिताभ बच्चन, शत्रुघन सिन्हा, ऋषि कपूर, हेमामालिनी आदि हैं। .

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नसीरुद्दीन शाह

नसीरुद्दीन शाह हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें हिंदी फ़िल्म उद्योग में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो। नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नसीर अपने शानदार अंदाज से मुख्य धारा के चहेते सितारे बन गए, ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया। ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के दिल पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया। मुख्य धारा सिनेमा में नसीरुद्दीन शाह के सफर की शुरुआत 1980 में आई फ़िल्म 'हम पांच' से हुई। फ़िल्म भले ही व्यापारिक थी, लेकिन इसमें नसीर के अभिनय की गहराई समानांतर सिनेमा वाली फ़िल्मों से कम नहीं थी। गुलामी को अपनी तकदीर मान चुके एक गांव में विद्रोह की आवाज बुलंद करते नौजवान के किरदार में नसीर ने जान फूंक दी। हालांकि फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही और एक व्यापारिक एक्टर के तौर पर सफलता साबित करने के लिए नसीर को टिकट खिड़की पर भी बिकाऊ बनने की जरूरत थी। और उनके लिए ये काम किया 'जाने भी दो यारों' ने। बॉलीवुड की ऑल टाइम बेस्ट कॉमेडी फ़िल्मों में शुमार 'जाने भी दो यारों' में रवि वासवानी और नसीर की जोड़ी ने बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग दिखाई और फ़िल्म बेहद कामयाब रही। लेकिन कमर्शियल सिनेमा में नसीर की सबसे बड़ी कामयाबी बनी 'मासूम'। बाप और बेटे के रिश्तों को उकेरती 'मासूम' में नसीर ने कमाल की अदाकारी से ना केवल खूब वाहवाही बटोरी बल्कि फ़िल्म भी सुपरहिट हुई और नसीर को एक स्टार का दर्जा मिल गया। नसीर के इस स्टार स्टेटस को और मजबूत किया 1986 में आई सुभाष घई की मल्टीस्टारर मेगाबजट फ़िल्म 'कर्मा' ने। फ़िल्म में नसीर के लिए अपनी छाप छोड़ना आसान नहीं था क्योंकि वहां अभिनय सम्राट "दिलीप कुमार भी थे। और उस दौर के नए नवेले सितारे जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी थे। 1987 में गुलजार की 'इजाजत' नसीर के लिए कामयाबी का एक और जरिया बन कर आई। एक जज्बाती कहानी, बेहतरीन निर्देशन, शानदार अभिनय और यादगार संगीत। 'इजाजत' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की और बतौर व्यापारिक एक्टर नसीर का रुतबा और बढ़ गया। 'त्रिदेव' जैसी सुपरहिट फ़िल्म देकर, 90 का दशक आते-आते नसीर ने व्यापारिक फ़िल्मों में भी अपनी अलग पहचान बना ली थी। 2003 में आई हॉलीवुड फ़िल्म 'द लीग ऑफ एक्सट्रा ऑर्डिनरी जेंटलमेन' में नसीरुद्दीन ने कैप्टन नीमो का किरदार निभाया तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी फ़िल्म 'खुदा के लिए' में भी उन्होंने शानदार काम किया। देश से लेकर परदेस तक, नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अदाकारी का लोहा सारी दुनिया में मनवाया है। लेकिन नसीर अपनी काबिलियत को खुशकिस्मती का नाम देते हैं। वो कहते हैं, 'मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतने मौके मिले, लेकिन मैं व्यापारिक फ़िल्मों से अभी संतुष्ट नहीं हूँ।' 2008 में आई 'अ वेडनेसडे' ने नसीर की कमाल की अदाकारी का एक और नजराना पेश किया तो 'इश्किया', 'राजनीति', 'सात खून माफ' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फ़िल्मों के जरिए नसीरुद्दीन ने बार-बार ये साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को उम्र बांध नहीं सकती। हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म 'मैक्सिमम' में भी नसीर की जोरदार एक्टिंग ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। आज के नसीरुद्दीन शाह की बात करें तो शायद ही ऐसा कोई रोल है जो उनपर फिट नहीं बैठे। आखिर वो एक्टर ही ऐसे हैं कि हर रोल के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं। लेकिन एक समय था जब नसीर को दो रोल करने की इच्छा थी जो उस समय उन्हें नहीं मिले। लेकिन बाद 'मिर्जा गालिब', दूरदर्शन धारावाहिक में उन्हें दो रोल मिले जिसमें उन्होंने ग़ालिब का वास्तविक चित्र उभारने की कोशिश की। लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि गालिब बनने की नसीर की तमन्ना उनके दिल में एक अधूरे ख्वाब की तरह अटकी हुई थी। 1988 में सीरियल बनाने से सालों पहले गुलजार साहब गालिब पर एक फ़िल्म बनाना चाहते थे और उस फ़िल्म में गालिब के तौर पर उनकी दिली इच्छा संजीव कुमार को लेने की थी। नसीर साहब ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'मैंने गुलजार भाई को चिठ्ठी लिखी और अपनी फोटोग्राफ्स भेजी, मैंने लिखा कि ये क्या कर रहे हैं, इस फ़िल्म में आपको मुझे लेना चाहिए।' लेकिन संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ गया था और सेहत उनका साथ नहीं दे रही थी। फिर उसके बाद गुलजार साहब के दिल में उस रोल के लिए अमिताभ के नाम का खयाल आया। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और आखिरकार गालिब पर फ़िल्म बनाने का प्लान ही ठंडे बस्ते में पड़ गया। शायद उस वक्त गुलजार को भी नहीं मालूम होगा कि इस किरदार पर तो तकदीर ने किसी और का नाम लिख दिया है। कई साल बाद गुलजार साहब ने एक दिन नसीर को फोन लगाया। नसीर ने बताया, 'एक दिन मुझे गुलजार भाई का फोन आया कि सीरियल में काम करोगे। मैंने पूछा कौन सा सीरियल तो उन्होंने बताया गालिब पर है। मैंने बिना कुछ सोचे फौरन हां कह दिया।' साल 1982 में 'गांधी' के रिलीज होने के अट्ठारह साल बाद कमल हासन ने 'हे राम' बनाई, जिसने नसीर साहब की गांधी बनने की तमन्ना को भी पूरा कर दिया। सधी हुई अदाकरी और बेजोड़ अंदाज से उन्होंने ना केवल गांधी के किरदार में जान डाल दी। बेजोड़ एक्टिंग और गजब की क्षमता से हर तरह के किरदार निभाने वाले नसीर ने अपनी छाप नकारात्मक भूमिकाओं में भी छोड़ी। समानांतर सिनेमा का ये हीरो कमर्शियल फ़िल्मों में एक ख़तरनाक विलेन के तौर पर भी हमेशा याद किया जाता रहेगा। हिन्दी सिनेमा में विलेन का ये नया चेहरा था, खूंखार और अजीबोगरीब शक्ल वाला कोई गुंडा नहीं बल्कि सोफेस्टिकेटेड इंसान जिसके दिमाग में सिर्फ जहर ही जहर था। विलेन का ये किरदार जितना संजीदा था उससे भी ज्यादा संजीदगी से उसे निभाया था नसीरुद्दीन शाह ने। वैसे खलनायक के तौर पर उनकी एक दो फ़िल्में नहीं थीं। 'मोहरा' में उन्होंने दिखाया विलेन का वो चेहरा जो किसी के भी दिल में खौफ पैदा कर सकता है। अंधा होने का नाटक करने वाला एक शिकारी, लेकिन ये नसीर की असली पहचान नहीं थी। नसीर की असली पहचान समानांतर सिनेमा था। सिनेमा की वो धारा जिसमें एक स्टार के लिए कम और एक्टर के लिए गुंजाइश ज्यादा होती है। और ये बात किसी से छुपी नहीं कि नसीर एक एक्टर पहले और स्टार बाद में हैं। समानांतर सिनेमा के इस सितारे ने स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, अमरीश पुरी और ओम पुरी जैसे माहिर कलाकारों के साथ मिलकर आर्ट फ़िल्मों को एक नई पहचान दी। 'निशान्त' जैसी सेंसेटिव फ़िल्म से अभिनय का सफर शुरू करने वाले नसीर ने 'आक्रोश', 'स्पर्श', 'मिर्च मसाला', 'भवनी भवाई', 'अर्धसत्य', 'मंडी' और 'चक्र' जैसी फ़िल्मों में अभिनय की नई मिसाल पेश कर दी। .

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नितिन सक्सेना

वैज्ञानिक उदहरण वेग्यानिक स्थान् नितिन सक्सेना (जन्म: ३ मई १९८१, इलाहाबाद) गणित एवं सैद्धांतिक संगणक विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत एक भारतीय संगणक वैज्ञानिक है। उन्होंने मणीन्द्र अग्रवाल और नीरज कयाल के साथ मिलकर ऐकेएस पराएमीलिटी टेस्ट प्रस्तावित किया, जिसके लिए उन्हें उनके सह लेखकों के साथ प्रतिष्ठित गोडेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय रूप से यह अनुसंधान उनके अवर अध्ययन का एक हिस्सा था। .

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पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

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पद्मिनी कोल्हापुरी

पद्मिनी कोल्हापुरे अपने समय की हिन्दी फिल्मों की एक जानी-मानी अभिनेत्री रही हैं। .

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पिकूर डायरी (१९८१ फ़िल्म)

पिकूर डायरी 1981 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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पुदिय उरइ नडइ

पुदिय उरइ नडइ तमिल भाषा के विख्यात साहित्यकार एम. रामलिंगम् द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में तमिल भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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प्रफुल्ल बी रघुभाई देसाई

प्रफिल्ल बी रघुभाई देसाई को भारत सरकार द्वारा १९८१ में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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प्रभा खेतान

डॉ प्रभा खेतान डॉ॰ प्रभा खेतान (१ नवंबर १९४२ - २० सितंबर २००८) प्रभा खेतान फाउन्डेशन की संस्थापक अध्यक्षा, नारी विषयक कार्यों में सक्रिय रूप से भागीदार, फिगरेट नामक महिला स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापक, १९६६ से १९७६ तक चमड़े तथा सिले-सिलाए वस्त्रों की निर्यातक, अपनी कंपनी 'न्यू होराईजन लिमिटेड' की प्रबंध निदेशिका, हिन्दी भाषा की लब्ध प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कवयित्री तथा नारीवादी चिंतक तथा समाज सेविका थीं। उन्हें कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स की एकमात्र महिला अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त था। वे केन्द्रीय हिन्दी संस्थान की सदस्या थीं। .

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प्रभात कुमार मुखर्जी

प्रभात कुमार मुखर्जी को भारत सरकार द्वारा १९८१ में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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प्रसाद बर्वे

प्रसाद बर्वे (जन्म: १० अप्रैल, १९८१ में मुंबई) भारतीय टेलीविजन अभिनेता, आवाज डबिंग अभिनेता और फ़िल्म अभिनेता है। .

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प्रकाश पादुकोण

प्रकाश पडुकोण एक प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। इनका जन्म १० जून, १९५५ को हुआ था और वे कर्नाटक के रहने वाले थे। भारत में बैडमिंटन के कई महान एकल खिलाड़ी हुए हैं, लेकिन भारतीय बैडमिंटन के बारे में दुनिया के दृष्टिकोण पर सबसे गहरा असर पादुकोण ने डाला। इन्होंने ही सबसे पहले यह दिखाया था कि चीनियों का मुकाबला कैसे किया जा सकता है। नियंत्रण और सटिकता का इस्तेमाल करते हुए वे खेल को धीमा करके अपनी गति पर ले आते थे और उनकी चतुराई उन्हें डगमगा देती थी। १९८१ में कुआलालंपुर में विश्व कप फाइनल में हान जियान को १५-० से ध्वस्त कर दिए थे। ये लगातार नौ साल 1971 से 1979 तक वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियन रहे | प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण इन्हीं की बेटी है। .

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प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

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पॉल न्युमैन

पॉल लियोनार्ड न्युमैन (26 जनवरी 1925 - 26 सितंबर 2008) एक अमेरिकी अभिनेता, फिल्म निर्देशक, उद्यमी, मानवतावादी और ऑटो रेसिंग के शौक़ीन व्यक्ति थे। उन्होंने कई पुरस्कार जीते, जिनमें 1986 की मार्टिन स्कौर्सेसे की फिल्म द कलर ऑफ मनी में उनके अभिनय के लिए दिया गया सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अकादमी पुरस्कार और आठ अन्य नामांकन, तीन गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, एक बाफ्टा (BAFTA) पुरस्कार, एक स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड पुरस्कार, एक कान फिल्म समारोह पुरस्कार, एक एमी पुरस्कार और कई मानद पुरस्कार शामिल थे। उन्होंने स्पोर्ट्स कार क्लब ऑफ अमेरिका की रोड रेसिंग में एक ड्राइवर के रूप में कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी जीते और उनकी रेसिंग टीमों ने ओपन व्हील इंडीकार रेसिंग में कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की। न्युमैन अपनी खुद की एक फ़ूड कंपनी के सह-संस्थापक भी थे, जहां से उन्होंने अपने समस्त कर पश्चात लाभ एवं रॉयल्टी चैरिटी को दान कर दिया। Newman's Own.com.

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़ॉर्मूला वन

The formula was defined in 1946; the first Formula One race was in 1947; the first World Championship season was 1950.

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बरसण रा देगोडा डूंगर लाँघिया

बरसण रा देगोडा डूंगर लाँघिया राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार नारायण सिंह भाटी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में राजस्थानी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बरसात की एक रात (1981 फ़िल्म)

बरसात की एक रात 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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बसेरा (1981 फ़िल्म)

बसेरा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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बाबा फकीर चंद

बाबा फकीर चंद (१८ नवंबर, १८८६ - ११ सितंबर, १९८१) सुरत शब्द योग अर्थात मृत्यु अनुभव के सचेत और नियंत्रित अनुभव के साधक और भारतीय गुरु थे। वे संतमत के पहले गुरु थे जिन्होंने व्यक्ति में प्रकट होने वाले अलौकिक रूपों और उनकी निश्चितता के छा जाने वाले उस अनुभव के बारे में बात की जिसमें उस व्यक्ति को चैतन्य अवस्था में इसकी कोई जानकारी नहीं थी जिसका कहीं रूप प्रकट हुआ था। इसे अमरीका के कैलीफोर्निया में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर डॉ॰ डेविड सी. लेन ने नई शब्दावली 'चंदियन प्रभाव' के रूप में व्यक्त किया और उल्लेख किया। राधास्वामी मत सहित नए धार्मिक आंदोलनों के शोधकर्ता मार्क ज्यर्गंसमेयेर ने फकीर का साक्षात्कार लिया जिसने फकीर के अंतर्तम को उजागर किया। यह साक्षात्कार फकीर की आत्मकथा का अंश बना। .

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बांग्लादेश के राष्ट्रपति

बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पद गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद द्वारा, खुले चुनाव प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित होते हैं। राष्ट्रपति, बांग्लादेश की कार्यपालिका न्यायपालिका एवं विधानपालिका के सर्व शाखाओं के, पारंपरिक, प्रमुख एवं बांग्लादेश के सारे सशस्त्र बलों के सर्वादिनायक हैं। इस पद पर नियुक्त प्रत्येक राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। संसदीय बहुमत द्वारा निर्वाचित होने के कारण इस पद पर साधारण तौर पर शासक दल के प्रतिनिधि ही चुने जाते हैं। हालाँकि, एक बार निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। वर्ष 1991 में संसदीय गणतंत्र की शुरुआत से पूर्व, राष्ट्रपति का चुनाव जनता के मतों द्वारा होता था। संसदीय प्रणाली के पुनर्स्थापन के पश्चात से यह पद मूलतः एक पारंपरिक पद रह गया है, जिसकी, विशेषतः कोई सार्थक कार्यकारी शक्तियाँ नहीं हैं। प्रत्येक संसदीय साधारण चुनाव के पश्चात संसद की प्रथम अधिवेशन में राष्ट्रपति अपना उद्घाधाटनी अभिभाषण देते हैं। प्रत्येक वर्ष के प्रथम संसदीय अधिवेशन में भी राष्ट्रपति अपना उद्घाटनी अभिभाषण देते हैं। इसके अतिरिक्त, संसद में पारित हुई किसी भी अधिनियम को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति अपने विवेक पर क्षमादान भी दे सकते हैं। सन 1956 में संसद में नए कानून पारित किए, जिनके द्वारा राष्ट्रपति की, संसद के भंग होने के बाद की कार्यकारी शक्तियों को, संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बढ़ाया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पद पर स्थापित नहीं हो जाता। .

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बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची

बांग्लादेश के राष्ट्रपतियों की सूची .

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बिल गेट्स

विलियम हेनरी गेट्स III बिल गेट्स (विलियम हेनरी गेट्स III) माइक्रोसॉफ्ट नामक कम्पनी के सह संस्थापक तथा अध्यक्ष है। इनका जन्म 28 अक्टूबर, 1955 को वाशिंगटन के एक उच्च-मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम विलियम एच.

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ब्रायन टीचर

ब्रायन टीचर (जन्म: 23 दिसम्बर, 1954) अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी एवं भूतपूर्व ऑस्ट्रेलियाई ओपन पुरुष एकल विजेता हैं। .

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बैशाखी (1981 फ़िल्म)

बैशाखी 1981 में बनी बंगाली भाषा की फिल्म है। .

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बेज़ुबान (1981 फ़िल्म)

बेज़ुबान 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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बीवी ओ बीवी (1981 फ़िल्म)

बीवी ओ बीवी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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भारत के अभयारण्य

भारत में 500 से अधिक प्राणी अभयारण्य हैं, जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य (IUCN श्रेणी IV सुरक्षित क्षेत्र) कहा जाता है। इनमें से 28 बाघ अभयारण्य बाघ परियोजना द्वारा संचालित हैं, जो बाघ-संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ वन्य अभयारण्यों को पक्षी-अभयारण्य कहा जाता रहा है, (जैसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) जब तक कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज़ा नहीं मिल गया। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे। कुछ वन्य जीवन अभयारण्य संरक्षण हेतु राष्ट्रीय महत्व रखते हैं, अपनी कुछ मुख्य प्राणी प्रजातियों के कारण। अतः उन्हें राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है, जैसे.

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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम

भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है, जिन्हें भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है। वे वैज्ञानिक कल्पना एवं राष्ट्र-नायक के रूप में जाने गए। वर्तमान प्रारूप में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। .

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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भवानी प्रसाद मिश्र

भवानी प्रसाद मिश्र (जन्म: २९ मार्च १९१४ - मृत्यु: २० फ़रवरी १९८५) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। वे दूसरे तार-सप्तक के एक प्रमुख कवि हैं। गाँधीवाद की स्वच्छता, पावनता और नैतिकता का प्रभाव तथा उसकी झलक उनकी कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। उनका प्रथम संग्रह 'गीत-फ़रोश' अपनी नई शैली, नई उद्भावनाओं और नये पाठ-प्रवाह के कारण अत्यंत लोकप्रिय हुए थे। प्यार से लोग उन्हें भवानी भाई कहकर सम्बोधित किया करते थे। उन्होंने स्वयं को कभी भी कभी निराशा के गर्त में डूबने नहीं दिया। जैसे सात-सात बार मौत से वे लड़े वैसे ही आजादी के पहले गुलामी से लड़े और आजादी के बाद तानाशाही से भी लड़े। आपातकाल के दौरान नियम पूर्वक सुबह दोपहर शाम तीनों बेलाओं में उन्होंने कवितायें लिखी थीं जो बाद में त्रिकाल सन्ध्या नामक पुस्तक में प्रकाशित भी हुईं।http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4488/3/52 भवानी भाई को १९७२ में उनकी कृति बुनी हुई रस्सी के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। १९८१-८२ में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्यकार सम्मान दिया गया तथा १९८३ में उन्हें मध्य प्रदेश शासन के शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया। .

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भुला ना देना (1981 फ़िल्म)

भुला ना देना 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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मधेपुरा जिला

मधेपुरा भारत के बिहार राज्य का जिला है। इसका मुख्यालय मधेपुरा शहर है। सहरसा जिले के एक अनुमंडल के रूप में रहने के उपरांत ९ मई १९८१ को उदाकिशुनगंज अनुमंडल को मिलाकर इसे जिला का दर्जा दे दिया गया। यह जिला उत्तर में अररिया और सुपौल, दक्षिण में खगड़िया और भागलपुर जिला, पूर्व में पूर्णिया तथा पश्चिम में सहरसा जिले से घिरा हुआ है। वर्तमान में इसके दो अनुमंडल तथा ११ प्रखंड हैं। मधेपुरा धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। चंडी स्थान, सिंघेश्‍वर स्थान, श्रीनगर, रामनगर, बसन्तपुर, बिराटपुर और बाबा करु खिरहर आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से हैं। .

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मनाली वैनू बापू

मनाली वैनू बापू को भारत सरकार द्वारा १९८१ में विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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मर्गेरित युर्स्नर्

मर्गेरित युर्स्नर् (फ़्रांसीसी भाषा,Marguerite Cleenewerck de Crayencour, Marguerite Yourcenar, बेल्जियम, ८ जून १९०३-संयुक्त राज्य अमेरिका, १७ दिसंबर १९८७) बेल्जियम के लेखक.

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महफ़िल (1981 फ़िल्म)

महफ़िल 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश

माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश एक परीक्षा लेने वाली संस्था है। इसका मुख्यालय इलाहाबाद में है। यह दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा संचालित करने वाली संस्था है। इसे संक्षेप में "यूपी बोर्ड" के नाम से भी जाना जाता है। बोर्ड ने १०+२ शिक्षा प्रणाली अपनायी हुई है। यह १०वीं एवं १२वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिये सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करता है। माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की स्थापना सन् १९२१ में इलाहाबाद में संयुक्त प्रान्त वैधानिक परिषद (यूनाइटेड प्रोविन्स लेजिस्लेटिव काउन्सिल) के एक अधिनियम द्वारा की गई थी।-आधिकारिक जालस्थल- अबाउट अस इसने सबसे पहले सन् १९२३ में परीक्षा आयोजित की। यह भारत का प्रथम शिक्षा बोर्ड था जिसने सर्वप्रथम १०+२ परीक्षा पद्धति अपनायी थी। इस पद्धति के अंतर्गत्त प्रथम सार्वजनिक (बोर्ड) परीक्षा का आयोजन १० वर्षों की शिक्षा उपरांत, जिसे हाई-स्कूल परीक्षा एवं द्वितीय सार्वजनिक परीक्षा १०+२.

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मान गये उस्ताद (1981 फ़िल्म)

मान गये उस्ताद 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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मानसर

मानसर कश्मीरी भाषा के विख्यात साहित्यकार मोतीलाल साक़ी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में कश्मीरी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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माइकल रुदअस

माइकल रुदअस - Trendy महोत्सव, Sopot २००९ माइकल रुदअस (१४ अगस्त १९८१, वार्सज़ावा -): पॉलिश पॉप गायक। माइकल राग का अध्ययन भारत में। अनूप मिश्र अपने शिक्षक था। .

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मिलान कुंदेरा

मिलान कुंदेरा (जन्म 1 अप्रैल 1929) चेकोस्लोवाकिया के ब्रनो में जन्मे चर्चित उपन्यासकार हैं। उन्हें देशनिकाला मिलने के बाद 1975 में फ्रांस चले गए तथा 1981 में वहाँ के नागरिक बन गए। कुंदेरा ने चेक तथा फ्रांसीसी दोनों भाषाओं में लिखा है। उन्होंने स्वयं अपनी सभी पुस्तकों को फ्रांसीसी में रूपांतरित कर प्रकाशित कराया। इसलिए उनकी फ्रांसीसी की पुस्तकें भी अनुवाद के बजाय मूल रचना के रूप में ही स्वीकृत हैं। चेकोस्लोवाकिया की कम्युनिस्ट सरकार ने उनकी पुस्तकों पर प्रतिबंध लगा दिया था जो 1989 की बेलवित क्रांती के पश्चात कम्युनिस्ट सरकार के पतन होने तक जारी रहा। .

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मिलवॉकी बक्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

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मृणाल सेन

मृणाल सेन (बांग्ला: মৃণাল সেন मृणाल् शेन्) भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्माता व निर्देशक हैं। इनकी अधिकतर फ़िल्में बांग्ला भाषा में हैं। उनका जन्म फरीदपुर नामक शहर में (जो अब बंगला देश में है) में १४ मई १९२३ में हुआ था। हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने बाद उन्होंने शहर छोड़ दिया और कोलकाता में पढ़ने के लिये आ गये। वह भौतिक शास्त्र के विद्यार्थी थे और उन्होंने अपनी शिक्षा स्कोटिश चर्च कॉलेज़ एवं कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पूरी की। अपने विद्यार्थी जीवन में ही वे वह कम्युनिस्ट पार्टी के सांस्कृतिक विभाग से जुड़ गये। यद्यपि वे कभी इस पार्टी के सदस्य नहीं रहे पर इप्टा से जुड़े होने के कारण वे अनेक समान विचारों वाले सांस्कृतिक रुचि के लोगों के परिचय में आ गए | .

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मैट्स विलेंडर

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता.

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मैं और मेरा हाथी (1981 फ़िल्म)

मैं और मेरा हाथी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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मेरी आवाज़ सुनो (1981 फ़िल्म)

मेरी आवाज़ सुनो 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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मेखला झा

मेखला झा को भारत सरकार द्वारा १९८१ में समाज सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये बिहार से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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मीनाक्षी शेषाद्रि

मीनाक्षी शेषाद्रि एक भारतीय अभिनेत्री हैं। श्रीमती शेषाद्री का जन्म वर्तमान झारखंड प्रांत के सिंदरी नामक शहर में १३ नवंबर १९६३ को हुआ था। वैसे मीनाक्षी जी मूलतः तमिलनाडु से हैं परंतु उनके पिता सिंदरी के उर्वरक कारखाने में कार्यरत होने के बाद उनका परिवार इसी शहर में बस गया था।इनके पति का नाम मेसोर है .

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याराना (1981 फ़िल्म)

याराना 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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युवराज सिंह

युवराज सिंह (युवी) भारत के महान क्रिकेट खिलाडी हैं। इन्होंने 20-20 विश्व कप 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंदों में 6 छक्के मारे थे, और 20-20 में 12 गेंदों में अर्धशतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी उनके नाम है। युवराज सिंह को विश्व कप 2011 में अहम भूमिका निभाने में मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया। इनका जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में भूतपूर्व क्रिकेट खिलाड़ी योगराज सिंह के यहाँ जाट परिवार में हुआ था। उनको सिक्सर किंग नाम से जाना जाता है। इंडियन प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब, पुने वॉरियर्स इंडिया, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, दिल्ली डेयरडेविल्स की और से खेल चुके हैं, हाल में आईपीएल विजेता सनराइजर हैदराबाद से खेल रहे हैं। इन्होंने १ ओवर में ६ छक्के लगाने का विश्व रिकार्ड बनाया है .

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यूनान

यूनान यूरोप महाद्वीप में स्थित देश है। यहां के लोगों को यूनानी अथवा यवन कहते हैं। अंग्रेजी तथा अन्य पश्चिमी भाषाओं में इन्हें ग्रीक कहा जाता है। यह भूमध्य सागर के उत्तर पूर्व में स्थित द्वीपों का समूह है। प्राचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे - तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि। यूनानी भाषा ने आधुनिक अंग्रेज़ी तथा अन्य यूरोपीय भाषाओं को कई शब्द दिये हैं। तकनीकी क्षेत्रों में इनकी श्रेष्ठता के कारण तकनीकी क्षेत्र के कई यूरोपीय शब्द ग्रीक भाषा के मूलों से बने हैं। इसके कारण ये अन्य भाषाओं में भी आ गए हैं।ग्रीस की महिलाएं देह व्यापार के धंधे में सबसे आगे है.

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रचना अने संरचना

रचना अने संरचना गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार एच. सी. भायाणी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार संभाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी २% थी और घाटा बिक्री का ४०% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी २०% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया। लेकिन 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई। इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्यायें हुईं, इसलिए मांग के बढ़ जाने पर भी उत्पादन में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात माह के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई। रतन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका। 1977 में रतन को Empress Mills सोंपा गया, यह टाटा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। जब उन्होंने कम्पनी का कार्य भार संभाला, यह टाटा समुह की बीमार इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। चूँकि कम श्रम गहन उद्यमों की प्रतियोगिता ने इम्प्रेस जैसी कई उन कंपनियों को अलाभकारी बना दिया, जिनकी श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। चूंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था), एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा। बॉम्बे हाउस, टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनिओं से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, मुख्यतः नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल समाप्त कर देनी चाहिए, जिसे अंत में 1986 में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिन्दुस्तान टाईम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ ५० लाख रुपये की जरुरत थी। वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री््ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला.

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रिमी सेन

रिमी सेन (রিমি সেন, जन्म: २१ सितंबर, १९८१) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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रिलेशनशिप

रिलेशनशिप अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार जयंत महापात्र द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में अंग्रेज़ी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रंग पट्टिकाओं की सूची

यह एक लेख है, जो कम्प्यूटर ग्राफिक्स्, टर्मिनल एवं वीडियो गेम्स के प्रदर्शकों हेतु बना है। रंग पट्टिका, जिसे रंग पैलेट भी कहते हैं, उसका केवल मात्र एक एक नमूना ही यहाँ दिया है। नमूना परिक्षण सारणी, दी गई है। |- || चित्र:RGB 24bits palette sample image.jpg || चित्र:RGB 24bits palette color test chart.png | .

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रक्षा (1981 फ़िल्म)

रक्षा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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रॉकी (1981 फ़िल्म)

रॉकी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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रोनाल्ड विलसन रीगन

रोनाल्ड विलसन रीगन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १९८१ से १९८९ तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति श्रेणी:अमेरिकी राजनीतिज्ञ श्रेणी:1911 में जन्मे लोग.

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रोजर फ़ेडरर

रॉजर फ़ेडरर (उच्चारण / rɒdʒə fɛdərər /) (जन्म 8 अगस्त 1981) एक व्यवसायिक स्विस टेनिस खिलाड़ी हैं, जिनकी वर्तमान में एटीपी वरीयता 2 है। उनके नाम 2 फ़रवरी 2004 से 17 अगस्त 2008 तक 237 हफ़्तों तक प्रथम वरीयता पर रहने का रिकॉर्ड है। फ़ेडरर को व्यापक रूप से इस युग के महानतम एकल खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। फ़ेडरर ने 17 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब (4 ऑस्ट्रेलियन ओपन, 7 विम्बलडन, 5 अमरीकी ओपन) | उन्होंने 4 टेनिस मास्टर्स कप खिताब, 16 एटीपी मास्टर्स श्रृंखलाएं, तथा एक ओलम्पिक युगल स्वर्ण पदक जीते हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं, जिसमें लगातार 10 ग्रैंड स्लैम फ़ाईनलों (2005 विम्बलडन प्रतियोगिता से 2007 अमेरिकी ओपन प्रतियोगिता तक) तथा लगातार 19 ग्रैंड स्लैम सेमीफ़ाइनल मुकाबलों (2004 विम्बलडन से वर्तमान तक) में शामिल होना भी सम्मिलित है। .

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लावारिस (१९८१ फ़िल्म)

लावारिस 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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लेडीज़ टेलर (1981 फ़िल्म)

लेडीज़ टेलर 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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शारदा (1981 फ़िल्म)

शारदा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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शाका (1981 फ़िल्म)

शाका 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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शंकरलाल (1981 फ़िल्म)

शंकरलाल 1981 में बनी तमिल भाषा की फिल्म है। .

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श्रद्धांजली (1981 फ़िल्म)

श्रद्धांजली 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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श्रीलंकाई गृहयुद्ध का इतिहास

श्रीलंकाई गृहयुद्ध श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहला और अल्पसंख्यक तमिलो के बीच २३ जुलाई, १९८३ से आरंभ हुआ गृहयुद्ध है। मुख्यतः यह श्रीलंकाई सरकार और अलगाववादी गुट लिट्टे के बीच लड़ा जाने वाला युद्ध है। ३० महीनों के सैन्य अभियान के बाद मई २००९ में श्रीलंकाई सरकार ने लिट्टे को परास्त कर दिया। लगभग २५ वर्षों तक चले इस गृहयुद्ध में दोनों ओर से बड़ी संख्या में लोग मारे गए और यह युद्ध द्वीपीय राष्ट्र की अर्थव्यस्था और पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हुआ। लिट्टे द्वारा अपनाई गई युद्ध-नीतियों के चलते ३२ देशों ने इसे आतंकवादी गुटो की श्रेणी में रखा जिनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ के बहुत से सदस्य राष्ट्र और अन्य कई देश हैं। एक-चौथाई सदी तक चले इस जातीय संघर्ष में सरकारी आँकड़ों के अनुसार ही लगभग ८०,००० लोग मारे गए हैं। .

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शौकीन (1981 फ़िल्म)

शौकीन 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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शैलेश मटियानी

शैलेश मटियानी (१४ अक्टूबर १९३१ - २४ अप्रैल २००१) आधुनिक हिन्दी साहित्य-जगत् में नयी कहानी आन्दोलन के दौर के कहानीकार एवं प्रसिद्ध गद्यकार थे। उन्होंने 'बोरीवली से बोरीबन्दर' तथा 'मुठभेड़', जैसे उपन्यास, चील, अर्धांगिनी जैसी कहानियों के साथ ही अनेक निबंध तथा प्रेरणादायक संस्मरण भी लिखे हैं। उनके हिन्दी साहित्य के प्रति प्रेरणादायक समर्पण व उत्कृष्ट रचनाओं के फलस्वरूप आज भी उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पुरस्कार का वितरण होता है। .

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शीप्रागा

शीप्रागा (Šiprage) शीप्रागा (Šiprage, Шипраге) बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना में एक गांव है। .

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सनसनी (1981 फ़िल्म)

सनसनी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की एक डरावनी फ़िल्म है। .

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सन्नी लियोन

सन्नी लियोन (जन्म केरेनजीत कौर वोहरा​​, 13 मई 1981) एक भारतीय-कैनेडियन अश्लील फिल्म अभिनेत्री, व्यापार-जगत से जुड़ी महिला और मॉडल है। उनके पास कनाडा व अमरीका की दोहरी राष्ट्रीयता है। वह 2003 में पॅण्टहाउस पॅट ऑफ़ द ईयर (Penthouse Pet of the Year) के लिए नामित हुई और विविड एंटरटेनमेंट के लिए अनुबंध स्टार थीं। इन्हें मैक्सिम (Maxim) द्वारा 2010 में 12 शीर्ष व्यस्क अभिनेताओं में नामांकित किया गया था। यह स्वतंत्र मुख्यधारा की फिल्मों और टीवी शो में भी भूमिका निभा चुकी हैं। 2011-12 में भारत आने के बाद रियलिटी शो बिग बॉस और महेश भट्ट की फिल्‍म जिस्म २ में काम करने के कारण चर्चा में रही हैं। .

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समीरा (1981 फ़िल्म)

समीरा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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ससया

ससया कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार बी. बी. बोरकर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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साहस (1981 फ़िल्म)

साहस 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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साजन की सहेली (1981 फ़िल्म)

कोई विवरण नहीं।

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सिलसिला (1981 फ़िल्म)

सिलसिला 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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सिग्वार्ड एकलंड

सिग्वार्ड एकलंड अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अधिकरण महासचिव रहे हैं। इनका कार्यकाल १९६१ - १९८१ रहा। श्रेणी:आईएईए महासचिव श्रेणी:1911 में जन्मे लोग.

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सज़ाये मौत (1981 फ़िल्म)

सज़ाये मौत 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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सैन एंटोनियो स्पर्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

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हम से बढ़कर कौन (1981 फ़िल्म)

हम से बढ़कर कौन 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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ह्यूस्टन रॉकेट्स

श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - दक्षिण पश्चिम डिवीज़न श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन - पश्चिमी कांफ्रेंस श्रेणी:नेशनल बास्केटबॉल असोसिएशन.

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हैन्स ब्लिक्स

हैन्स ब्लिक्स अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अधिकरण महासचिव रहे हैं। इनका कार्यकाल १९८१ - १९९७ रहा। श्रेणी:आईएईए महासचिव.

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हेमा मालिनी

हेमा मालिनी हेमा मालिनी हिन्दी फ़िल्मजगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इन्होंने अपने फ़िल्म कैरियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्मसपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सांसद चुनी गईं हैं। हेमा मालिनी वर्तमान में मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हे प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बालीवुड की उन गिनी, चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग चार दशक के कैरियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया लेकिन कैरियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था। जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। (ड्रीमगर्ल) हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में (गहरी चाल) फिल्म का निर्माण किया। हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए 1968 तक संघर्ष करती रहीं लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। वह साल उनके सिने कैरियर का सुनहरा वर्ष साबित हुआ जब उन्हें सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और अभिनेता राजकपूर की फिल्म (सपनों का सौदागर) में पहली बार नायिका के रूप में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को। ड्रीम गर्ल.

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होटल (1981 फ़िल्म)

होटल 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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जय यात्रा (1981 फ़िल्म)

जय यात्रा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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जुड़वां

एकयुग्मनज जुड़वां एक ही गर्भावस्था के दौरान पैदा होने वाली दो संतानों को जुड़वां कहते हैं। अंतिम सम्पादकीय की समीक्षा: 19/6/2000 जुड़वां या तो एक जैसे हो सकते हैं (वैज्ञानिक भाषा में, "एकयुग्मनज/मोनोज़ाईगोटिक"), जिसका अर्थ है कि वे एक ही युग्मनज से पनपे हैं जो विभाजित होता है और दो भ्रूणों का रूप ले लेता है, या भ्रात्रिक ("द्वियुग्मनज/डाईज़ाईगोटिक") हो सकते हैं क्योंकि वे दो अलग अलग अंडो में दो विभिन्न शुक्राणुओं द्वारा निषेचित होते हैं। इसके विपरीत, एक भ्रूण जो गर्भ में अकेले विकसित होता है उसको सिंगलटन कहा जाता है और एक साथ जन्मी एकाधिक संतानों में से एक को मल्टीपल कहा जाता है। सैद्धांतिक रूप से ऐसा संभव है कि दो सिंगलटन एक समान हों यदि मां और पिता के दोनों गेमेट के सभी 23 गुणसूत्र एक जन्म से अगले जन्म तक सटीक रूप से मिलते हों.

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ज्वाला डाकू (1981 फ़िल्म)

ज्वाला डाकू 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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जीने की आरज़ू

जीने की आरज़ू १९८१ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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जीवध्वनि

जीवध्वनि कन्नड़ भाषा के विख्यात साहित्यकार चन्नवीर कणवी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में कन्नड़ भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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घुंघरू की आवाज़ (1981 फ़िल्म)

घुंघरू की आवाज़ 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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वारदात (1981 फ़िल्म)

वारदात 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल

वी एस नाइपॉल या विद्याधर सूरजप्रसाद नैपालका जन्म १७ अगस्त सन १९३२ को ट्रिनिडाड के चगवानस (Chaguanas) में हुआ। उनहे नुतन अंग्रेज़ी छंद का गुरु कहा जाता है। वे कई साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हे, इनमे जोन लिलवेलीन रीज पुरस्कार (१९५८), दी सोमरसेट मोगम अवाङँ (१९८०), दी होवथोरडन पुरस्कार (1964), दी डबलु एच स्मिथ साहित्यिक अवाङँ (१९६८), दी बुकर पुरस्कार (१९७१), तथा दी डेविड कोहेन पुरस्कार (१९९३) ब्रिटिश साहित्य मे जीवन परयंत कायँ के लिए, प्रमुख है। वी एस नैपाल को २००१ मे साहित्य मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। २००८ मे दी टाईम्स ने वी एस नैपाल को अपनी ५० महान ब्रिटिश साहित्यकारो की सुची मे सातवां स्थान दिया। .

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वक्त की दीवार (1981 फ़िल्म)

वक्त की दीवार 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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खय्याम

मोहम्मद ज़हुर "खय्याम" हाशमी भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं। .

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खुदा कसम (1981 फ़िल्म)

खुदा कसम 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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खून और पानी (1981 फ़िल्म)

खून और पानी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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खून का रिश्ता (1981 फ़िल्म)

खून का रिश्ता 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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खूबसूरत (1980 फ़िल्म)

खूबसूरत 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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खेल मुकद्दर का (1981 फ़िल्म)

खेल मुकद्दर का 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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गराज तों फुटपाथ तक

गराज तों फुटपाथ तक पंजाबी भाषा के विख्यात साहित्यकार वी. एन. तिवारी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में पंजाबी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

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ग्रेट एक्स्पेक्टैशन

ग्रेट एक्स्पेक्टैशन चार्ल्स डिकेंस का एक उपन्यास है। इसे सबसे पहले 1 दिसम्बर 1860 से 3 अगस्त 1861 तक ऑल द इयर राउंड प्रकाशन की एक श्रृंखला के रूप में प्रकाशित किया गया। इसे 250 से अधिक बार स्टेज और स्क्रीन के लिए चुना गया है। ग्रेट एक्स्पेक्टैशन बिल्दुंग्सरोमन (bildungsroman) की शैली में लिखा गया है, जो अपनी परिपक्वता की खोज में किसी पुरुष या महिला की कहानी का अनुसरण करती है, आम तौर पर यह बचपन से शुरू होती है और अंततः मुख्य पात्र की वयस्कता में समाप्त होती है। ग्रेट एक्स्पेक्टैशन एक अनाथ पिप की कहानी है, जो उसके जीवन के बारे में लिखी गयी है, जो एक जेंटलमेन बनने का प्रयास कर रहा है। उपन्यास को डिकेंस की अर्द्ध-आत्मकथा भी माना जा सकता है, उनके अधिकांश काम की तरह वे इस उपन्यास में भी जीवन और लोगों के अनुभव का चित्रण कर रहे हैं। ग्रेट एक्स्पेक्टैशन का मुख्य कथानक 1812 के क्रिसमस की पूर्व संध्या से शुरू होता है, जब नायक लगभग सात साल का है (जो डिकेंस के जन्म का साल भी है) और यह 1840 की सर्दियों तक जाता है। .

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गॉडोपेंटेटिक अम्ल

गॉडोपेंटेटिक अम्ल एक कार्बनिक यौगिक है। 1981 में इसकी खोज हुई। श्रेणी:कार्बनिक यौगिक.

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गोविंद निहलानी

गोविंद निहलानी (जन्म: 19 अगस्त, 1940) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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ऑपरेशन ब्लू स्टार

आपरेशन ब्लू स्टार भारतीय सेना द्वारा 3 से 6 जून 1984 को अमृतसर (पंजाब, भारत) स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था। पंजाब में भिंडरावाले के नेतृत्व में अलगाववादी ताकतें सशक्त हो रही थीं जिन्हें पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था। .

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ओ अंधगली

ओ अंधगली ओड़िया भाषा के विख्यात साहित्यकार अखिलमोहन पटनायक द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में ओड़िया भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ओड़िशा का इतिहास

प्राचीन काल से मध्यकाल तक ओडिशा राज्य को कलिंग, उत्कल, उत्करात, ओड्र, ओद्र, ओड्रदेश, ओड, ओड्रराष्ट्र, त्रिकलिंग, दक्षिण कोशल, कंगोद, तोषाली, छेदि तथा मत्स आदि नामों से जाना जाता था। परन्तु इनमें से कोई भी नाम सम्पूर्ण ओडिशा को इंगित नहीं करता था। अपितु यह नाम समय-समय पर ओडिशा राज्य के कुछ भाग को ही प्रस्तुत करते थे। वर्तमान नाम ओडिशा से पूर्व इस राज्य को मध्यकाल से 'उड़ीसा' नाम से जाना जाता था, जिसे अधिकारिक रूप से 04 नवम्बर, 2011 को 'ओडिशा' नाम में परिवर्तित कर दिया गया। ओडिशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'ओड्र' से हुई है। इस राज्य की स्थापना भागीरथ वंश के राजा ओड ने की थी, जिन्होने अपने नाम के आधार पर नवीन ओड-वंश व ओड्र राज्य की स्थापना की। समय विचरण के साथ तीसरी सदी ई०पू० से ओड्र राज्य पर महामेघवाहन वंश, माठर वंश, नल वंश, विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोदभव वंश, भौमकर वंश, नंदोद्भव वंश, सोम वंश, गंग वंश व सूर्य वंश आदि सल्तनतों का आधिपत्य भी रहा। प्राचीन काल में ओडिशा राज्य का वृहद भाग कलिंग नाम से जाना जाता था। सम्राट अशोक ने 261 ई०पू० कलिंग पर चढ़ाई कर विजय प्राप्त की। कर्मकाण्ड से क्षुब्द हो सम्राट अशोक ने युद्ध त्यागकर बौद्ध मत को अपनाया व उनका प्रचार व प्रसार किया। बौद्ध धर्म के साथ ही सम्राट अशोक ने विभिन्न स्थानों पर शिलालेख गुदवाये तथा धौली व जगौदा गुफाओं (ओडिशा) में धार्मिक सिद्धान्तों से सम्बन्धित लेखों को गुदवाया। सम्राट अशोक, कला के माध्यम से बौद्ध धर्म का प्रचार करना चाहते थे इसलिए सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को और अधिक विकसित करने हेतु ललितगिरि, उदयगिरि, रत्नागिरि व लगुन्डी (ओडिशा) में बोधिसत्व व अवलोकेतेश्वर की मूर्तियाँ बहुतायत में बनवायीं। 232 ई०पू० सम्राट अशोक की मृत्यु के पश्चात् कुछ समय तक मौर्य साम्राज्य स्थापित रहा परन्तु 185 ई०पू० से कलिंग पर चेदि वंश का आधिपत्य हो गया था। चेदि वंश के तृतीय शासक राजा खारवेल 49 ई० में राजगद्दी पर बैठा तथा अपने शासन काल में जैन धर्म को विभिन्न माध्यमों से विस्तृत किया, जिसमें से एक ओडिशा की उदयगिरि व खण्डगिरि गुफाऐं भी हैं। इसमें जैन धर्म से सम्बन्धित मूर्तियाँ व शिलालेख प्राप्त हुए हैं। चेदि वंश के पश्चात् ओडिशा (कलिंग) पर सातवाहन राजाओं ने राज्य किया। 498 ई० में माठर वंश ने कलिंग पर अपना राज्य कर लिया था। माठर वंश के बाद 500 ई० में नल वंश का शासन आरम्भ हो गया। नल वंश के दौरान भगवान विष्णु को अधिक पूजा जाता था इसलिए नल वंश के राजा व विष्णुपूजक स्कन्दवर्मन ने ओडिशा में पोडागोड़ा स्थान पर विष्णुविहार का निर्माण करवाया। नल वंश के बाद विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोद्भव वंश और भौमकर वंश ने कलिंग पर राज्य किया। भौमकर वंश के सम्राट शिवाकर देव द्वितीय की रानी मोहिनी देवी ने भुवनेश्वर में मोहिनी मन्दिर का निर्माण करवाया। वहीं शिवाकर देव द्वितीय के भाई शान्तिकर प्रथम के शासन काल में उदयगिरी-खण्डगिरी पहाड़ियों पर स्थित गणेश गुफा (उदयगिरी) को पुनः निर्मित कराया गया तथा साथ ही धौलिगिरी पहाड़ियों पर अर्द्यकवर्ती मठ (बौद्ध मठ) को निर्मित करवाया। यही नहीं, राजा शान्तिकर प्रथम की रानी हीरा महादेवी द्वारा 8वीं ई० हीरापुर नामक स्थान पर चौंसठ योगनियों का मन्दिर निर्मित करवाया गया। 6वीं-7वीं शती कलिंग राज्य में स्थापत्य कला के लिए उत्कृष्ट मानी गयी। चूँकि इस सदी के दौरान राजाओं ने समय-समय पर स्वर्णाजलेश्वर, रामेश्वर, लक्ष्मणेश्वर, भरतेश्वर व शत्रुघनेश्वर मन्दिरों (6वीं सदी) व परशुरामेश्वर (7वीं सदी) में निर्माण करवाया। मध्यकाल के प्रारम्भ होने से कलिंग पर सोमवंशी राजा महाशिव गुप्त ययाति द्वितीय सन् 931 ई० में गद्दी पर बैठा तथा कलिंग के इतिहास को गौरवमयी बनाने हेतु ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के मुक्तेश्वर, सिद्धेश्वर, वरूणेश्वर, केदारेश्वर, वेताल, सिसरेश्वर, मारकण्डेश्वर, बराही व खिच्चाकेश्वरी आदि मन्दिरों सहित कुल 38 मन्दिरों का निर्माण करवाया। 15वीं शती के अन्त तक जो गंग वंश हल्का पड़ने लगा था उसने सन् 1038 ई० में सोमवंशीयों को हराकर पुनः कलिंग पर वर्चस्व स्थापित कर लिया तथा 11वीं शती में लिंगराज मन्दिर, राजारानी मन्दिर, ब्रह्मेश्वर, लोकनाथ व गुन्डिचा सहित कई छोटे व बड़े मन्दिरों का निर्माण करवाया। गंग वंश ने तीन शताब्दियों तक कलिंग पर अपना राज्य किया तथा राजकाल के दौरान 12वीं-13वीं शती में भास्करेश्वर, मेघेश्वर, यमेश्वर, कोटी तीर्थेश्वर, सारी देउल, अनन्त वासुदेव, चित्रकर्णी, निआली माधव, सोभनेश्वर, दक्क्षा-प्रजापति, सोमनाथ, जगन्नाथ, सूर्य (काष्ठ मन्दिर) बिराजा आदि मन्दिरों को निर्मित करवाया जो कि वास्तव में कलिंग के स्थापत्य इतिहास में अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं। गंग वंश के शासन काल पश्चात् 1361 ई० में तुगलक सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने कलिंग पर राज्य किया। यह वह दौर था जब कलिंग में कला का वर्चस्व कम होते-होते लगभग समाप्त ही हो चुका था। चूँकि तुगलक शासक कला-विरोधी रहे इसलिए किसी भी प्रकार के मन्दिर या मठ का निर्माण नहीं हुअा। 18वीं शती के आधुनिक काल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी का सम्पूर्ण भारत पर अधिकार हो गया था परन्तु 20वीं शती के मध्य में अंग्रेजों के निगमन से भारत देश स्वतन्त्र हुआ। जिसके फलस्वरूप सम्पूर्ण भारत कई राज्यों में विभक्त हो गया, जिसमें से भारत के पूर्व में स्थित ओडिशा (पूर्व कलिंग) भी एक राज्य बना। .

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ओडिआ चलचित्र सूची

ओड़िआ चलचित्र की सारणी ओड़िआ भाषा .

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आदत से मजबूर (1981 फ़िल्म)

आदत से मजबूर 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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आस पास (1981 फ़िल्म)

आस पास 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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आहिस्ता आहिस्ता (1981 फ़िल्म)

आहिस्ता आहिस्ता 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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इतनी सी बात (1981 फ़िल्म)

इतनी सी बात 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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इंफोसिस

इन्फोसिस लिमिटेड एक बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी मुख्यालय है जो बेंगलुरु, भारत में स्थित है। यह एक भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है जिसके पास 30 जून 2008 को (सहायकों सहित) 94,379 से अधिक पेशेवर हैं। इसके भारत में 9 विकास केन्द्र हैं और दुनिया भर में 30 से अधिक कार्यालय हैं। वित्तीय वर्ष|वित्तीय वर्ष २००७-२००८ के लिए इसका वार्षिक राजस्व US$4 बिलियन से अधिक है, इसकी बाजार पूंजी US$30 बिलियन से अधिक है। .

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इंसाफ का तराजू (1980 फ़िल्म)

इंसाफ का तराजू 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह फ़िल्म अमेरीकी फ़िल्म लिपस्टिक पर आधारित है और इसकी सफलता को देखकर इसके रिमेक के रूप में तेलुगू फ़िल्म ईडी नयायम ईडी धर्मम (1982) का निर्माण किया गया। .

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इक शहर यादें दा

इक शहर यादें दा डोगरी भाषा के विख्यात साहित्यकार जितेन्द्र उधमपुरी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में डोगरी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कन्नड साहित्य सम्मेलन

कन्नड साहित्य सम्मेलन कन्नड साहित्यकारों, लेखकों तथा कननाडिगारु लोगों का सम्मेलन है। इसका लक्षय कन्नड भाषा, कन्नड साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति का विकास करना है। इसका आरम्भ १९१५ में एच वी नान्जुनैया ने किया था। पहला सम्मेलन बंगलुरु में हुआ था। १९४८ तक इसका उद्घाटन किसी सुप्रसिद्ध कवि या लेखक द्वारा किया जाता था कि्न्तु १९४८ के बाद से कर्नाटक के मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन करते हैं। इस सम्मेलन का आयोजन कन्नड साहित्य परिषद करती है। .

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कन्नड़ फिल्मों की सूची

The list of Kannada feature films released by the Kannada film Industry located in Bangalore, Karnataka.

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कमल हासन

कमल हासन (जन्म 7 नवम्बर 1954 को परमकुडी, मद्रास राज्य, भारत में) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता, भारतीय सिनेमा के प्रमुख, किरदार को जीने वाले अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। कमल हासन, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सहित कई भारतीय फ़िल्म पुरस्कारों के विजेता के तौर पर जाने जाते हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्रस्तुत सर्वाधिक फिल्मों वाले अभिनेता होने का गौरव प्राप्त है। अभिनय और निर्देशन के अलावा, वे एक पटकथा लेखक, गीतकार, पार्श्वगायक और कोरियोग्राफर हैं। उनकी फ़िल्म निर्माण कंपनी, राजकमल इंटरनेशनल ने उनकी कई फ़िल्मों का निर्माण किया। कमल हासन ने अपने 63वें जन्मदिन पर एक ऐप लॉन्च किया, जिसका नाम है 'मय्यम व्हिसल'.

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कलयुग (1981 फ़िल्म)

कलयुग 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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कलिकाता दर्पण

कलिकाता दर्पण बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार राधारमण मित्र द्वारा रचित एक स्थानीय इतिहास और संस्कृति है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में बंगाली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कापिशायनी

कापिशायनी विख्यात संस्कृत साहित्यकार जगन्नाथ पाठक द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कालिया (1981 फ़िल्म)

कालिया 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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कालेनथगी लीपकलेई

कालेनथगी लीपकलेई मणिपुरी भाषा के विख्यात साहित्यकार ई. रजनीकांत सिंह द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में मणिपुरी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कुदरत (1981 फ़िल्म)

कुदरत 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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क्रांति (1981 फ़िल्म)

क्रांति १९८१ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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क्रेग देविद

क्रेग आश्ली देविद (५ - ५ - १९८१) एक अंग्रेज़ी आर और बी संगीत हैं। श्रेणी:रिदम और ब्लूज़ गायक.

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क्रोधी (1981 फ़िल्म)

क्रोधी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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केरल के मुख्यमंत्रियों की सूची

केरल के मुख्यमंत्रियों की सूची के अंतर्गत भारत के केरल राज्य के इतिहास में सन् १९५६ के बाद से हुई विभिन्न सरकारों के प्रमुख के आते हैं। वर्तमान केरल राज्य १९५६ में ही अस्तित्व में आया जब तत्कालीन त्रावणकोर-कोचीन राज्य का पुनर्गठन किया गया। .

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

भारत के केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अन्तर्गत सितम्बर, 1974 में किया गया था। इसके पश्चात केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अन्तर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गये। .

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कीशिया कोल

कीशिया कोल (10-15-1981) एक अमेरिकी आर और बी संगीत गायकी है। समिक्षक बोल्त है व्ह स्वर बहुत भावपूर्ण है। .

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अनिता हस्सनंदनी

अनिता हस्सनंदनी (जन्म: 14 अप्रैल, 1981) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं, जो नताशा नाम से भी जानी जातीं हैं। जीवन में सबसे बड़ी उपलब्धि उन्हें बालाजी टेलिफिल्म्स के "काव्यांजलि" के अंजलि नंदा नामक किरदार से मिली। .

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अन्तरजाल का इतिहास

muki don सर्वप्रथम १९६२ में विश्वविद्यालय के जे सी आर लिकलिडर ने अभिकलित्र जाल तैयार किया था। वे चाहते थे कि अभिकलित्र का एक एसा जाल हो, जिससे आंकड़ो, क्रमादेश और सूचनायें भेजी जा सके। 1966 में डारपा (मोर्चाबंदी प्रगति अनुसंधान परियोजना अभिकरण) (en:DARPA) ने आरपानेट के रूप में अभिकलित्र जाल बनाया। यह जाल चार स्थानो से जुडा था। बाद में इसमें भी कई परिवर्तन हुए और 1972 में बाँब काँहन ने अन्तर्राष्ट्रीय अभिकलित्र संचार सम्मेलन ने पहला सजीव प्रदर्शन किया। 1 जनवरी 1983 को आरपानेट (en:ARPANET) पुनर्स्थापित हुआ TCP-IP। इसी वर्ष एक्टीविटी बोर्ड (IAB) का गठन हुआ।नवंबर में पहली प्रक्षेत्र नाम सेवा (DNS) पॉल मोकपेट्रीज द्वारा सुझाई गई। अंतरजाल सैनिक और असैनिक भागों में बाँटा गया| हालाँकि 1971 में संचिका अन्तरण नियमावली (FTP) विकसित हुआ, जिससे संचिका अन्तरण करना आसान हो गया। 1990 में टिम बर्नर्स ली ने विश्व व्यापी वेब (WWW) से परिचित कराया अमरीकी सेना की सूचना और अनुसंधान संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 1973 में ``यू एस एडवांस रिसर्च प्र्रोजेक्ट एजेंसी´´ ने एक कार्यक्रम की शुरुआत की। उस कार्यक्रम का उद्देश्य था कम्प्यूटरों के द्वारा विभिन्न प्रकार की तकनीकी और प्रौद्योगिकी को एक-दूसरे से जोड़ा जाए और एक `नेटवर्क´ बनाया जाए। इसका उद्देश्य संचार संबंधी मूल बातों (कम्यूनिकेशन प्रोटोकॉल) को एक साथ एक ही समय में अनेक कम्प्यूटरों पर नेटवर्क के माध्यम से देखा और पढ़ा जा सके। इसे ``इन्टरनेटिंग प्रोजेक्ट´´ नाम दिया गया जो आगे चलकर `इंटरनेट´ के नाम से जाना जाने लगा। 1986 में अमरीका की ``नेशनल सांइस फांउडेशन´´ ने ``एनएसएफनेट´´ का विकास किया जो आज इंटरनेट पर संचार सेवाओं की रीढ़ है। एक सैकण्ड में 45 मेगाबाइट संचार सुविधा वाली इस प्रौद्योगिकी के कारण `एनएसएफनेट´ बारह अरब -12 बिलियन- सूचना पैकेट्स को एक महीने में अपने नेटवर्क पर आदान-प्रदान करने में सक्षम हो गया। इस प्रौद्योगिकी को और अधिक तेज गति देने के लिए `नासा´ और उर्जा विभाग ने अनुसंधान किया और ``एनएसआईनेट´´ और `ईएसनेट´ जैसी सुविधाओं को इसका आधार बनाया। इन्टरनेट हेतु `क्षेत्रीय´ सहायता कन्सर्टियम नेटवर्कों द्वारा तथा स्थानीय सहायता अनुसंधान व शिक्षा संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। अमरीका में फेडरल तथा राज्य सरकारों की इसमें अहम भूमिका है परन्तु उद्योगों का भी इसमें काफी हाथ रहा है। यूरोप व अन्य देशों में पारस्परिक अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग व राष्ट्रीय अनुसंधान संगठन भी इस कार्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1991 के अन्त तक इन्टरनेट इस कदर विकसित हुआ कि इसमें तीन दर्जन देशों के 5 हजार नेटवर्क शामिल हो गए, जिनकी पहुंच 7 लाख कम्प्यूटरों तक हो गई। इस प्रकार 4 करोड़ उपभोक्ताओं ने इससे लाभ उठाना शुरू किया। इन्टरनेट समुदाय को अमरीकी फेडरल सरकार की सहायता लगातार उपलब्ध होती रही क्योंकि मूल रूप से इन्टरनेट अमरीका के अनुसंधान कार्य का ही एक हिस्सा था। आज भी यह अमरीकी अनुसंधान कार्यशाला का महत्त्वपूर्ण अंग है किन्तु 1980 के दशक के अन्त में नेटवर्क सेवाओं व इन्टरनेट उपभोक्ताओं में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व वृद्धि हुई और इसका इस्तेमाल व्यापारिक गतिविधियों के लिये भी किया जाने लगा। सच तो ये है कि आज की इन्टरनेट प्रणाली का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा व अनुसंधान संस्थानों एवं विश्व-स्तरीय निजी व सरकारी व्यापार संगठनों की निजी नेटवर्क सेवाओं से ही बना है। .

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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अफ़ज़ल अहसन रंधावा

अफज़ल अहसन रंधावा एक पाकिस्तानी पंजाबी लेखक है जिसने दोआबा और सूरज ग्रहण जैसे नावल रचे। 1986 में इसे प्रो.

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अबाबाई बोमनजी वाडिया

अबाबाई बोमनजी वाडिया को भारत सरकार द्वारा १९८१ में समाज सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। वाडिया, अबाबाई बोमनजी श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमृतलाल नागर

हिन्दी साहित्यकार '''अमृतलाल नागर''' अमृतलाल नागर (17 अगस्त, 1916 - 23 फरवरी, 1990) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। आपको भारत सरकार द्वारा १९८१ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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अमृता राव

अमृता राव (जन्म 17 जून 1981 भारत) एक माडल तथा बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। "अमृता" संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसका तात्पर्य अमरत्व है। (वास्तव में यह अमृत शब्द का स्त्रीलिंग है।) .

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अमृता अरोड़ा

अमृता अरोरा हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। इनका जन्म 31 जनवरी 1981 को हुआ था। 2004 मे गर्लफ्रेन्ड फिल्म मे काम किया। .

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अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

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अली ख़ामेनेई

आयतोल्लाह सय्यद अली होसैनी ख़ामेनेई (फ़ारसी: آیت‌الله سید علی حسینی خامنه‌ای; फ़ारसी उच्चारण: //) (जन्म १७ जुलई १९३९, मशहद, ईरान) ईरान के रहबरे इन्क़िलाब हैं। १९८१ से १९८९ तक ये ईरान के राष्ट्रपति थे। वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल अज़्मा सैयद अली ख़ामेनई का जन्म 1939 मं ईरान के पवित्र नगर मशहद एक धार्मिक परिवार में हुआ, आप के पिता हाज सैयद जवाद ख़ामनई मशहद के वरिष्ठ धर्म गुरुओं में से थे और आप की माता एक प्रसिद्ध धर्म गुरु हुज्जतुलइस्लाम सैयद हाशिम नजफ़ाबादी की सुपुत्री थीं। शिक्षा दीक्षा वरिष्ठ नेता सैयद अली ख़ामनई ने धार्मिक शिक्षा से अपनी शिक्षा आंरभ की और 14 वर्ष की आयु में एक प्रतिष्ठित धर्म शिक्षा केन्द्र से जुड़ गये किंतु इस के साथ ही आप ने आधुनिक शिक्षा का क्रम भी जारी रखा। बाद में ईरान के पवित्र नगर और विश्व में शीआ समूदाय की धार्मिक शिक्षा केन्द्र कुम आए जहॉ इमाम ख़ुमैनी सहित नामी गुरुओं से ज्ञान प्राप्त किया। यह वही काल था जब कुम में इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी राजशाही शासन के विरुद्ध अभियान का आरंभ कर रहे थे इस्लामी क्रांति आंदोलन जन्म ले रहा था। वरिष्ठ नेता इस पूरी प्रक्रिया में शामिल रहे। संघर्ष का आंरभ शाही सुरक्षा बलों द्वारा कुम के मदरसए फ़ैज़िया नामक शिक्षा संस्थान पर आक्रमण के बाद इमाम ख़ुमैनी ने वरिष्ठ नेता को मशहद जाकर जनता में जागरुकता उत्पन्न करने की जिम्मेदारी सौंपी। इमाम ख़ुमैनी ने पूरे ईरान में एक साथ जागरुकता आंदोलन छेड़ने की योजना बनाई थी। वरिष्ठ नेता ने ख़ुरासान प्रान्त के विभिन्न नगरों में जाकर इमाम खु़मैनी का यह संदेश पहुँचाया। वरिष्ठ नेता के लिए सरलता यह थी कि मोहर्रम का महीना आंरभ हो चुका था और लोग जगह जगह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक मनाने के लिए सभाओं का आयोजन कर रहे थे। पहली गिरफतारी: तीन मोहर्रम से आप ने भीषण देना आंरभ किया 6 मोहर्रम तक विभिन्न विषयों पर चर्चा की और कार्यक्रमानुसार सात मोहर्रम से खुल कर शाही शासन के विरुद्ध भाषण देना आरंभ कर दिया। इस दौरान धार्मिक संस्थान फैज़िया पर आक्रमण की घटना भी आपने लोगों को बताई जिस से जनता में असंतोष की लहर दौड़ गयी भाषण को बीच ही में रोक का ईरानी शासक शाह के हरकारों ने आप को गिरफ़तार कर लिया। वरिष्ठ नेता की गिफ़तारी ने खुरासान प्रान्त की जनता में शाह विरोधी भावनाओं को और अधिक भड़का दिया। प्रथम गुव्त राजनीतिक संगठन की स्थापना: कई बार की गिरफ़तारियों के बाद वरिष्ठ नेता जब स्वंतत्र होकर कुम गयें तो वहॉ आप ने एक गुप्त राजनीतिक संस्था का गठन किया किंतु कुछ ही दिनों बाद शाही शासन को इस संस्था की भनक लग गयी और इस के कई सदस्य गिरफ़तार कर लिए गये। गिरफ़तारी आंरभ होने के बाद वरिष्ठ नेता एक वर्ष तक तेहरान में श्री हाशमी रफ़सन्जानी के घर में छिपे रहे शाही गुप्तचर सेवा को आप की खोज थी क्योंकि आप की लिखी हुई एक किताब ने भी ईरान के युवा वर्ग को अत्याधिक प्रभावित किया था। एक वर्ष की अवधि बीत जाने के पश्चात जब यह मामला कुछ ठंडा पड़ा और गिरफ़तार किए गये कई लोगों को स्वतंत्र कर दिया गया तो वरिष्ठ नेता मशहद चले गये जहॉ प्रान्त के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर आप ने लोगों को शाही शासन के अत्याचारों और भ्रष्टाचारों से अवगत कराना आंरभ कर दिया। आप की सक्रियता का दायरा बढ़ा और तेहरान में भी आप ने भाषण दिए जिस के बाद शाही शासन के विरुद्ध सशस्त्र कार्यवाही करने वाले संगठन एम के ओ ने आप से संबध स्थापित किया। एम के ओ ने 1969 से ही सशस्त्र कार्यवाही आंरभ कर दी थी। शाह की गुप्तचर संस्था सावाक ने वरिष्ठ नेता पर कड़ी नज़र रखी हुई थी क्योंकि उन्हें विश्वास था कि सशस्त्र कार्यवाहियों से वरिष्ठ नेता का संबध है इस आधार पर वरिष्ठ नेता को एक बार फिर गिरफ़तार कर लिया गया किंतु55 दिनों की कड़ी यातनाओं के बाद प्रमाण न होने के कारण आप को स्वतंत्र कर दिया गया किंतु आप की सक्रियता पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जिस के कारण वरिष्ठ नेता ने गुप्त रूप से सक्रियता आंरभ की और सन1971 से 1974 तक यह स्थिति जारी रही। १९७२ से 1973 के दौरान आप ने अलवी आंदोलन का आरंभ किया जिसने पूरे ईरान को अपने प्रभाव में ले लिया इस के बाद सावाकी एजेन्टों ने एक बार फ़िर वरिष्ठ नेता को गिरफ़तार किया यह उन की छठी और सब से कठिन गिरफ़तारी थी। इस्लामी क्रांति की सफ़लता और जिम्मेदारियॉं इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम खुमैनी के ज्येष्ठ पुत्र आयतुल्लाह हाज मुस्तफ़ा ख़ुमैनी की शहादत के बाद पूरे ईरान में शाही शासन के विरुद्ध आम रोष व्याप्त हुआ जनता में बेचैनी बढ़ी और सैनिकों ने छावनियों से भागना आंरभ कर दिया। इस्लामी क्रांति की सफ़लता का यह पहला चरण था। क्रांति की सफ़लता के बाद वरिष्ठ नेता को क्रांति की उच्य परिषद में सदस्यता मिली और फ़िर रक्षा मंत्रालय में क्रांति परिषद के प्रतिनिधि का पद संभाला। जिस के बाद आप ने क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान की कमान संभाली रक्षा की उच्य परिषद के सदस्य हुए और तेहरान के इमाम जुमा बनाए गये। सन 1980 में चुनाव आंरभ होने के साथ ही वरिष्ठ नेता संसद सदस्य निर्वाचित हुए और इसी वर्ष इराक ने ईरान पर आक्रमण कर दिया और आठ वर्षीय थोपा गया युद्ध आंरभ हो गया। जिस के दौरान वरिष्ठ नेता ने विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई सन 1981 में वरिष्ठ नेता पर एम के ओ ने घातक आक्रमण किया जिस में आप गंभीर रूप से घायल हुए इस विस्फोट में आप का दाहना हाथ निष्क्रिय हो गया। इसी वर्ष आप ने राष्टृपति चुनाव में प्रत्याशी के रूप में भाग लिया और बहुमत से इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्टृपति निर्वाचित हुए। जिस के बाद राष्टृपति के दूसरे काल में भी वरिष्ठ नेता राष्टृपति निर्वाचित हुए और दूसरा चरण समाप्त भी न होने पाया था कि इस्लामी गणतंण ईरान के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी का एक लंबी बीमारी के बाद सवर्गवास गया और वरिष्ठ नेता को उन की सिफ़ारिश और तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के मतानुसार इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के रूप में चुन लिया गया और इस प्रकार से ईरानी राष्टृ को इमाम ख़ुमैनी जैसे महान नेता को खो देने के बाद उन्हें के मार्ग पर अग्रसर एक दूसरा महान नेता मिल गया। वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनम उस समय से आज तक न केवल ईरान के वल्कि विश्व के अन्याचार ग्रस्त व पीड़ित राष्ट्रों के समर्थक के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और निभाते रहेगें। ख़ामेनेई, अली.

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असम के राज्यपालों की सूची

असम के राज्यपालों की सूची नामक इस सूची में १९३७ से अब तक के राज्यपालों के नाम हैं। असम के राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। असम के राज्यपाल का आधिकारिक आवास राजभवन है। .

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अवकासिकाळ

अवकासिकाळ मलयालम भाषा के विख्यात साहित्यकार विलासिनी (एम. के. मेनन) द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में मलयालम भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अगस्त्यायिनी

अगस्त्यायिनी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार मार्कण्डेय प्रवासी द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अग्नि परीक्षा (1981 फ़िल्म)

अग्नि परीक्षा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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उपरा

उपरा मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार लक्ष्मण माने द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में मराठी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उमराव जान

उमराव जान 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह फ़िल्म मिर्ज़ा हादी रुस्वा (1857 से 1931) के उपन्यास उमराव जान ‘अदा’ पर आधारित है। इस बात को लेकर आज भी विवाद है कि उमराव जान कोई वास्तविक चरित्र था या फिर मिर्ज़ा हादी रुस्वा की कल्पना.

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१२ दिसम्बर

12 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 346वॉ (लीप वर्ष मे 347 वॉ) दिन है। साल में अभी और 19 दिन बाकी है। .

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१३ दिसम्बर

13 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 347वॉ (लीप वर्ष में 348 वॉ) दिन है। साल में अभी और 18 दिन बाकी है। .

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१६ जुलाई

१६ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९७वॉ (लीप वर्ष में १९८ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६८ दिन बाकी है। .

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१७ जुलाई

१७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९८वॉ (लीप वर्ष में १९९वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १६७ दिन बाकी है। .

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१७ जून

17 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 168वाँ (लीप वर्ष में 169 वाँ) दिन है। साल में अभी और 197 दिन बाकी हैं। .

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१९ जनवरी

19 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 19वॉ दिन है। साल मे अभी और 346 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 347)। .

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१९२९

1929 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२ अप्रैल

2 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 92वाँ (लीप वर्ष मे 93वाँ) दिन है। साल मे अभी और 273 दिन बाकी हैं।.

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२० नवंबर

२० नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२४वॉ (लीप वर्ष मे ३२५ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४१ दिन बाकी है। .

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२६ जनवरी

26 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 26वाँ दिन है। साल में अभी और 339 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 340)।.

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२७ सितम्बर

27 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 270वॉ (लीप वर्ष मे 271 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 95 दिन बाकी है। .

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२८ अक्तूबर

28 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 301वॉ (लीप वर्ष में 302 वॉ) दिन है। साल में अभी और 64 दिन बाकी है। .

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३ मई

३ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १२३वॉ (लीप वर्ष में १२४वॉ) दिन है। साल में अभी और २४२ दिन बाकी है। .

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६ अक्टूबर

6 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 279वॉ (लीप वर्ष में 280 वॉ) दिन है। साल में अभी और 86 दिन बाकी है। .

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७ नवम्बर

७ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३११वॉ (लीप वर्ष में ३१२ वॉ) दिन है। साल में अभी और ५४ दिन बाकी है। .

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७ जुलाई

७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८८वॉ (लीप वर्ष में १८९ वॉ) दिन है। साल में अभी और १७७ दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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