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१८९७

सूची १८९७

1897 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

33 संबंधों: चाफेकर बंधु, एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स, नित्यानन्द, प्लाज़्मा (भौतिकी), बिरसा मुंडा, भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन, भारत रत्‍न, महादेव गोविंद रानडे, मास्को, रामेश्वरम तीर्थ, रेड पैम्फलेट, साबुन, जॉर्ज पंचम, विलियम मैकिनले, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, गोदरेज समूह, अन्वेषणों की समय-रेखा, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, अजयगढ़, उत्तराखण्ड, ११ जून, १३ जुलाई, १९६९, २० सितम्बर, २२ जून, २३ नवम्बर, २३ जनवरी, २४ जून, २७ जुलाई, ३ मई, ३ जुलाई, ४ जुलाई, ८ दिसम्बर

चाफेकर बंधु

चाफेकर बंधु दामोदर हरि चाफेकर, बालकृष्ण हरि चाफेकर तथा वासुदेव हरि चाफेकर को संयुक्त रूप से कहा जाता हैं। ये तीनों भाई लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के सम्पर्क में थे। तीनों भाई तिलक जी को गुरुवत्‌ सम्मान देते थे। पुणे के तत्कालीन जिलाधिकारी वाल्टर चार्ल्स रैण्ड ने प्लेग समिति के प्रमुख के रूप में पुणे में भारतीयों पर बहुत अत्याचार किए। इसकी बालगंगाधर तिलक एवं आगरकर जी ने भारी आलोचना की जिससे उन्हें जेल में डाल दिया गया। दामोदर हरि चाफेकर ने २२ जून १८९७ को रैंड को और उसका सहायक लेफ्टिनेंट आयस्टर एक समारोह से लौट रहे थे। गोली मारकर हत्या कर दी। .

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एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स

सर एड्विन्स लैंडसीयर लूट्यन्स, OM, KCIE,PRA,FRIBA,LLD (29 मार्च 1869 – 1 जनवरी 1944) बीसवीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार थे, जिन्हें अपने युग की आवश्यकताओं के अनुसार परंपरागत शैली को कल्पनापूर्वक अपनाने के लिये याद किया जाता है। इन्होंने कई इंग्लिश भवन बनाये, व मुख्यतः इन्हें भारत की तत्कालीन राजधानी नई दिल्ली की अभिकल्पना के लिये जाना जाता है। इनका जन्म व मृत्यु लंदन में ही हुई। इनका नाम इनके पिता के एक मित्र, एक शिल्पकार, एड्विन लैण्डसियर के नाम पर रखा गया था। इन्हें महानतम ब्रिटिश वास्तुकार कहा जाता है। .

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नित्यानन्द

नित्यानन्द का अर्थ हो सकता है.

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प्लाज़्मा (भौतिकी)

प्लाज्मा दीप भौतिकी और रसायन शास्त्र में, प्लाज्मा आंशिक रूप से आयनीकृत एक गैस है, जिसमें इलेक्ट्रॉनों का एक निश्चित अनुपात किसी परमाणु या अणु के साथ बंधे होने के बजाय स्वतंत्र होता है। प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता प्लाज्मा को विद्युत चालक बनाती है जिसके परिणामस्वरूप यह दृढ़ता से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों से प्रतिक्रिया कर पाता है। प्लाज्मा के गुण ठोस, द्रव या गैस के गुणों से काफी विपरीत हैं और इसलिए इसे पदार्थ की एक भिन्न अवस्था माना जाता है। प्लाज्मा आमतौर पर, एक तटस्थ-गैस के बादलों का रूप ले लेता है, जैसे सितारों में। गैस की तरह प्लाज्मा का कोई निश्चित आकार या निश्चित आयतन नहीं होता जब तक इसे किसी पात्र में बंद न कर दिया जाए लेकिन गैस के विपरीत किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में यह एक फिलामेंट, पुंज या दोहरी परत जैसी संरचनाओं का निर्माण करता है। प्लाज़्मा ग्लोब एक सजावटी वस्तु होती है, जिसमें एक कांच के गोले में कई गैसों के मिश्रण में इलेक्ट्रोड द्वारा गोले तक कई रंगों की किरणें चलती दिखाई देती हैं। प्लाज्मा की पहचान सबसे पहले एक क्रूक्स नली में १८७९ मे सर विलियम क्रूक्स द्वारा की गई थी उन्होंने इसे “चमकते पदार्थ” का नाम दिया था। क्रूक्स नली की प्रकृति "कैथोड रे" की पहचान इसके बाद ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी सर जे जे थॉमसन द्वारा १८९७ में द्वारा की गयी। १९२८ में इरविंग लैंगम्युइर ने इसे प्लाज्मा नाम दिया, शायद इसने उन्हें रक्त प्लाविका (प्लाज्मा) की याद दिलाई थी। .

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बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा 19वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे। उनके नेतृत्‍व में मुंडा आदिवासियों ने 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं के महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया। बिरसा को मुंडा समाज के लोग भगवान के रूप में पूजते हैं। .

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भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन

भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन हिन्दी नाम है एक सम्मेलन का.

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भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

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महादेव गोविंद रानडे

महादेव गोविंद रानडे न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानडे (१८ जनवरी १८४२ – १६ जनवरी १९०१) एक ब्रिटिश काल के भारतीय न्यायाधीश, लेखक एवं समाज-सुधारक थे। .

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मास्को

thumb मास्को स्थित रेड स्केव्यर का एक दृश्य मास्को या मॉस्को (रूसी: Москва́ (मोस्कवा)), रूस की राजधानी एवं यूरोप का सबसे बडा शहर है, मॉस्को का शहरी क्षेत्र दुनिया के सबसे बडे शहरी क्षेत्रों में गिना जाता है। मास्को रूस की राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, वित्तीय एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केन्द्र माना जाता है। यह मोस्कवा नदी के तट पर बसा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह पुराने सोवियत संघ एवं प्राचीन रूसी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। मास्को को दुनिया के अरबपतियों का शहर भी कहा जाता है जहां दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति बसते हैं। २००७ में मास्को को लगातार दूसरी बार दुनिया का सबसे महंगा शहर भी घोषित किया गया था। .

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रामेश्वरम तीर्थ

रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ है। यह तमिल नाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। इसके अलावा यहां स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भारत के उत्तर मे काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की है। रामेश्वरम चेन्नई से लगभग सवा चार सौ मील दक्षिण-पूर्व में है। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुंदर शंख आकार द्वीप है। बहुत पहले यह द्वीप भारत की मुख्य भूमि के साथ जुड़ा हुआ था, परन्तु बाद में सागर की लहरों ने इस मिलाने वाली कड़ी को काट डाला, जिससे वह चारों ओर पानी से घिरकर टापू बन गया। यहां भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व एक पत्थरों के सेतु का निर्माण करवाया था, जिसपर चढ़कर वानर सेना लंका पहुंची व वहां विजय पाई। बाद में राम ने विभीषण के अनुरोध पर धनुषकोटि नामक स्थान पर यह सेतु तोड़ दिया था। आज भी इस ३० मील (४८ कि.मी) लंबे आदि-सेतु के अवशेष सागर में दिखाई देते हैं। यहां के मंदिर के तीसरे प्राकार का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा है। .

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रेड पैम्फलेट

बंगाल में 1897 में निकाला गया इस्लाम प्रचार साहित्य जो पूर्वी बंगाल के जमिंदार और महाजनों के शोषण को उसके हिंदू होने से जोड़कर देखता था। इस तरह के साहित्य ने सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया। श्रेणी:साहित्य.

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साबुन

तरह-तरह के सजावटी साबुन साबुन उच्च अणु भार वाले कार्बनिक वसीय अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण है। मृदु साबुन का सूत्र C17H35COOK एवं कठोर साबुन का सूत्र C17H35COONa है। साबुनीकरण की क्रिया में वनस्पति तेल या वसा एवं कास्टिक सोडा या कास्टिक पोटाश के जलीय घोल को गर्म करके रासायनिक प्रतिक्रिया के द्वारा साबुन का निर्माण होता तथा ग्लीसराल मुक्त होता है। साधारण तापक्रम पर साबुन नरम ठोस एवं अवाष्पशील पदार्थ है। यह कार्बनिक मिश्रण जल में घुलकर झाग उत्पन्न करता है। इसका जलीय घोल क्षारीय होता है जो लाल लिटमस को नीला कर देता है। .

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जॉर्ज पंचम

जॉर्ज पंचम (जॉर्ज फ्रेडरिक अर्नेस्ट अल्बर्ट; 3 जून 1865 – 20 जनवरी 1936) प्रथम ब्रिटिश शासक थे, जो विंडसर राजघराने से संबंधित थे। संयुक्त राजशाही एवं अन्य राष्ट्रमंडल समूह के महाराजा होने के साथ साथ, जॉर्ज भारत के सम्राट एवं स्वतन्त्र आयरिश राज्य के राजा भी थे। जॉर्ज ने सन 1910 से प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) के दौरान और बाद में 1936 में अपनी मृत्यु पर्यन्त राज्य किया। जॉर्ज के पिता महाराज एडवर्ड सप्तम की १९१० में मृत्यु होने पर, वे महाराजा बने। वे एकमात्र ऐसे सम्राट थे, जो कि अपने स्वयं के दिल्ली दरबार में, अपनी भारतीय प्रजा के सामने प्रस्तुत हुए, जहां उनका भारत के राजमुकुट से राजतिलक हुआ। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने सारी जर्मन उपाधियां, वापस कर दीं। इनके शासन ने फासीवाद, नाजीवाद, समाजवाद इत्यादि देखे; एवं प्रथम मजदूर मंत्रालय भी, जिन सभी घटनाओं ने राजनैतिक क्रम को बदल दिया। जॉर्ज को उनके अंतिम दिनों में प्लेग व अन्य बीमारियों ने घेर लिया था; जब उनकी मृत्यु पर उनके ज्येष्ठ पुत्र एडवर्ड अष्टम ने राजगद्दी संभाली। .

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विलियम मैकिनले

विलियम मकिन्ली विलियम मैकिनले संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १८९७ से १८०१ तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। श्रेणी:अमेरिका के राष्ट्रपति.

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ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

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गोदरेज समूह

कोई विवरण नहीं।

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

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अजयगढ़

मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक जिले पन्ना के निकट बसा ६.८१ वर्ग किलोमीटर में फैला अजयगढ़ अपने लगभग २५० साल पुराने दुर्ग, प्राकृतिक सुषमा और वन्य-सम्पदा के लिए प्रसिद्ध है। यह नगर पंचायत है। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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११ जून

11 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 162वाँ (लीप वर्ष में 163 वाँ) दिन है। साल में अभी और 203 दिन बाकी हैं। .

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१३ जुलाई

१३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९४वॉ (लीप वर्ष में १९५ वॉ) दिन है। साल में अभी और १७१ दिन बाकी है। .

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१९६९

१९६९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२० सितम्बर

२० सिंतम्बर। 20 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 263वॉ (लीप वर्ष मे 264 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 102 दिन बाकी है पहला कान फिल्म समारोह। .

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२२ जून

22 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 173वाँ (लीप वर्ष में 174 वाँ) दिन है। साल में अभी और 192 दिन बाकी हैं। .

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२३ नवम्बर

२३ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२७वॉ (लीप वर्ष में ३२८ वॉ) दिन है। साल में अभी और 38 दिन बाकी है। .

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२३ जनवरी

23 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 23वॉ दिन है। साल मे अभी और 342 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 343)। .

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२४ जून

२४ जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १७५ वाँ (लीप वर्ष में १७६ वाँ) दिन है। साल में अभी और १९० दिन बाकी हैं। .

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२७ जुलाई

२७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०८वॉ (लीप वर्ष में २०९ वॉ) दिन है। साल में अभी और १५७ दिन बाकी है। .

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३ मई

३ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १२३वॉ (लीप वर्ष में १२४वॉ) दिन है। साल में अभी और २४२ दिन बाकी है। .

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३ जुलाई

३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८४वॉ (लीप वर्ष में १८५वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १८१ दिन बाकी है। .

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४ जुलाई

४ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८५वॉ (लीप वर्ष में १८६ वॉ) दिन है। साल में अभी और १८० दिन बाकी है। .

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८ दिसम्बर

८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४२वॉ (लीप वर्ष मे ३४३वॉ) दिन है। साल में अभी और २३ दिन बाकी है। .

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