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१६१८

सूची १६१८

1618 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: मुमताज़ महल, हिंदी साहित्य, कुर्नूल जिला

मुमताज़ महल

ताज महल मुमताज़ महल (फ़ारसी: ممتاز محل; उच्चारण /, अर्थ: महल का प्यारा हिस्सा) अर्जुमंद बानो बेगम का अधिक प्रचलित नाम है। इनका जन्म अप्रैल 1593 में आगरा में हुआ था। इनके पिता अब्दुल हसन असफ़ ख़ान एक फारसी सज्जन थे जो नूरजहाँ के भाई थे। नूरजहाँ बाद में सम्राट जहाँगीर की बेगम बनीं। १९ वर्ष की उम्र में अर्जुमंद का निकाह शाहजहाँ से 10 मई, 1612 को हुआ। अर्जुमंद शाहजहाँ की तीसरी पत्नी थी पर शीघ्र ही वह उनकी सबसे पसंदीदा पत्नी बन गईं। उनका निधन बुरहानपुर में 17 जून, 1631 को १४वीं संतान, बेटी गौहरारा बेगम को जन्म देते वक्त हुआ। उनको आगरा में ताज महल में दफनाया गया। .

देखें १६१८ और मुमताज़ महल

हिंदी साहित्य

चंद्रकांता का मुखपृष्ठ हिन्दी भारत और विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उसकी जड़ें प्राचीन भारत की संस्कृत भाषा में तलाशी जा सकती हैं। परंतु हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। हिंदी में गद्य का विकास बहुत बाद में हुआ और इसने अपनी शुरुआत कविता के माध्यम से जो कि ज्यादातर लोकभाषा के साथ प्रयोग कर विकसित की गई।हिंदी का आरंभिक साहित्य अपभ्रंश में मिलता है। हिंदी में तीन प्रकार का साहित्य मिलता है। गद्य पद्य और चम्पू। हिंदी की पहली रचना कौन सी है इस विषय में विवाद है लेकिन ज़्यादातर साहित्यकार देवकीनन्दन खत्री द्वारा लिखे गये उपन्यास चंद्रकांता को हिन्दी की पहली प्रामाणिक गद्य रचना मानते हैं। .

देखें १६१८ और हिंदी साहित्य

कुर्नूल जिला

कुर्नूल भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश का एक जिला है। कुर्नूल तुंगभद्रा और हंद्री नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित आंध्र प्रदेश का एक प्रमुख जिला है। 12वीं शताब्‍दी में ओड्डार जब आलमपुर का निर्माण करने के लिए पत्‍थरों काटते थे तो यहां आकर उनको फिनिशिंग देते थे। 1953 से 1956 त‍क कुर्नूल आंध्रप्रदेश राज्‍य की राजधानी भी रहा। इसके बाद ही हैदराबाद यहां की राजधानी बनी। आज भी यहां विजयनगर राजाओं के शाही महल के अवशेष देख्‍ो जा सकते हैं जो 14वीं से 16वीं शताब्‍दी के बीच बने हैं। पारसी और अरबी शिलालेख भी यहां देखने को मिलते हैं जिससे यहां के महत्‍व का पता चलता है। .

देखें १६१८ और कुर्नूल जिला

1618 के रूप में भी जाना जाता है।