सामग्री की तालिका
13 संबंधों: चार्ली बिट् माइ फिंगर, चैतन्य महाप्रभु, टुन अब्दुल रज़ाक, तमिल नाडु के राज्यपालों की सूची, बांके बिहारी जी मन्दिर, लखनऊ, शिवमूर्ति, होली, गुजरात के मुख्यमंत्रियों की सूची, १९२२, २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी, ३ निन्जास (फिल्म), 1951 एशियाई खेल।
चार्ली बिट् माइ फिंगर
वीडियो क्लिप का एक दृश्य। चार्ली बिट् माइ फिंगर - अगेन! २००७ में यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो है जो यूट्यूब के दस सर्वाधिक देखे गए वीडियो में से एक है। ११ मार्च २०११ तक यह वीडियों ४२,८६,९२,८९१ लोगों द्वारा देखा जा चुका है। इस क्लिप में दो अंग्रेज़ बच्चों को दिखाया गया है जो भाई हैं। छोटा भाई चार्ली अपने बड़े भाई की उंगली काटने लगता है जब बड़ा भाई हैरी अपनी उंगली अपने छोटे भाई के मुख में डालता है। इस वीडियो को इन बच्चों के पिता द्वारा २२ मई २००७ में यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। इस वीडियो क्ल्पि की अवधि ५६ सॅकिण्ड है। .
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चैतन्य महाप्रभु
चैतन्य महाप्रभु (१८ फरवरी, १४८६-१५३४) वैष्णव धर्म के भक्ति योग के परम प्रचारक एवं भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी, भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनैतिक अस्थिरता के दिनों में हिंदू-मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त वृंदावन को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया। उनके द्वारा प्रारंभ किए गए महामंत्र नाम संकीर्तन का अत्यंत व्यापक व सकारात्मक प्रभाव आज पश्चिमी जगत तक में है। यह भी कहा जाता है, कि यदि गौरांग ना होते तो वृंदावन आज तक एक मिथक ही होता। वैष्णव लोग तो इन्हें श्रीकृष्ण का राधा रानी के संयोग का अवतार मानते हैं। गौरांग के ऊपर बहुत से ग्रंथ लिखे गए हैं, जिनमें से प्रमुख है श्री कृष्णदास कविराज गोस्वामी विरचित चैतन्य चरितामृत। इसके अलावा श्री वृंदावन दास ठाकुर रचित चैतन्य भागवत तथा लोचनदास ठाकुर का चैतन्य मंगल भी हैं। .
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टुन अब्दुल रज़ाक
टुन अब्दुल रज़ाक (11 मार्च, 1922- 14 जनवरी, 1976) मलेशिया के प्रधान मन्त्री 22 सितंबर, 1970 - 14 जनवरी, 1976 थे.
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तमिल नाडु के राज्यपालों की सूची
यह सूची सन् १९४६ से भारत के तमिल नाडु राज्य के राज्यपालों की है। तमिल नाडु के राज्यपाल का आधिकारिक आवास राजभवन राज्य की राजधानी चेन्नई में है। .
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बांके बिहारी जी मन्दिर
बांके बिहारी मंदिर भारत में मथुरा जिले के वृंदावन धाम में रमण रेती पर स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी कृष्ण का ही एक रूप है जो इसमें प्रदर्शित किया गया है। इसका निर्माण १८६४ में स्वामी हरिदास ने करवाया था। .
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लखनऊ
लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .
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शिवमूर्ति
हिन्दी कथाकार व्यक्तिगत जीवन मूल निवास- सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) का एक अत्यंत पिछड़ा गांव कुरंग.
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होली
होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं। राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्यौहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा (खोया) और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी रिवाज है। नए कपड़े पहन कर होली की शाम को लोग एक दूसरे के घर होली मिलने जाते है जहाँ उनका स्वागत गुझिया,नमकीन व ठंडाई से किया जाता है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य है। .
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गुजरात के मुख्यमंत्रियों की सूची
गुजरात के मुख्यमंत्रियों की क्रमवार सूची ** resumed office श्रेणी:गुजरात की राजनीति श्रेणी:गुजरात श्रेणी:मुख्यमंत्री श्रेणी:भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सूचियाँ.
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१९२२
1922 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
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२०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी
2011 का सेंडाइ भूकंप और सुनामी (东北 地方 太平洋 冲 地震, तोहोकु चीहो ताइहाइयो-ओकी जिशिन, शाब्दिक "तोहोकु क्षेत्र प्रशांत महासागर अपतटीय भूकंप"), जापान के ओशिका प्रायद्वीप, के पूर्वी तट से 130 किलोमीटर की दूरी पर 11 मार्च, 2011 को 05:46 UTC (14:46 स्थानीय समय) पर आया एक महाविनाशी भूकंप है, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.0 मापी गयी है। इस भूकंप का अधिकेन्द्र जापान के पूर्वी तट से 130 किलोमीटर की दूरी पर और अवकेन्द्र 24.4 किलोमीटर (15.2 मील) की गहराई पर स्थित था। भूकंप के कारण दुनिया के लगभग 20 देशों जिनमें उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका का पूरा प्रशांत तटीय क्षेत्र शामिल है, में सुनामी चेतावनी जारी की गयी और जापान के प्रशांत तट को लोगों से खाली कराया गया। भूकंप के फलस्वरूप 10 (मीटर 33 फुट) ऊँची सुनामी लहरें उत्पन्न हुईं जिन्होने जापान के तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कहर बरपाया। जापान में यह लहरें तट से 10 किलोमीटर अंदर तक आ गयीं। जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर जापान के 16 प्रांतों में, लोगों के मरने, लोगों के घायल होने और लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, लेकिन गैर सरकारी खबरों के मुताबिक हताहतों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। भूकंप के कारण जापान में व्यापक क्षति हुई है, जिनमें सड़कों और रेलवे को हुए भारी नुकसान के अलावा जगह जगह आग लगने से हुई हानि भी शामिल है। एक बांध के ढहने की भी खबर है। पूर्वोत्तर जापान में लगभग 44 लाख घरों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गयी है और 14 लाख घरों की पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। सुनामी के चलते बहुत से बिजली घरों में विद्युत उत्पादन ठप हो गया है और कम से कम दो परमाणु बिजलीघरों से रेडियोधर्मी विकिरण का खतरा पैदा हो गया है, जिसके कारण इनके आसपास के क्षेत्र को खाली कराया गया है, पूरे क्षेत्र में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। फुकुशिमा-1 परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रारंभिक भूकंप के लगभग 24 घंटे बाद एक विस्फोट हुआ है, हालांकि इस विस्फोट से संयंत्र के बाहरी कंक्रीट ढाँचे को नुकसान हुआ है पर भीतरी भाग सुरक्षित बताया जाता है। फुकुशिमा-1 परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 20 किलोमीटर और फुकुशिमा-2 परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाके को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। सेंडाइ में आया भूकंप जापान के दर्ज इतिहास में आने वाला अब तक का सबसे विध्वंसकारी और विश्व के आधुनिक इतिहास में आने वाले पाँच सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक है। .
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३ निन्जास (फिल्म)
३ निन्जास (अंग्रेजी: 3 Ninjas) एक १९९२ अमेरिकी-जापानी मार्शल आर्ट कॉमेडी फिल्म जॉन तुर्तेल्तौब द्वारा निर्देशित, अभिनीत विक्टर वोंग, माइकल ट्रेअनोर, मैक्स इलियट स्लेड और चाड पॉवर। यह केवल था 3 निन्जास फिल्म टचस्टोन पिक्चर्स द्वारा जारी की है, दूसरों ट्राईस्टार पिक्चर्स द्वारा जारी किए गए है। फिल्म उनके जापानी दादा से मार्शल आर्ट सीखना जो तीन युवा भाइयों के बारे में है। .
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1951 एशियाई खेल
प्रथम एशियाई खेल ४ मार्च से ११ मार्च, १९५१ में दिल्ली, भारत में हुए थे। मूल रूप से इन खेलों का आयोजन १९५० में होना तय किया गया था, लेकिन तैयारियों की देरी के चलते इन्हें १९५१ तक स्थगित करना पड़ा। महाराजाधिराज महाराजा यादवेन्द्र सिंह ने इन खेलों के संगठन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। यद्यपि जापान को लन्दन में आयोजित १९४८ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में नहीं खेलने दिया गया और एशियाई खेल संघ की बैठक में भी नहीं बुलाया गया, लेकिन अभिषेकात्मक एशियाई खेलों में स्पर्धा करने दिया गया। कोरिया, कोरियाई युद्ध के चलते भाग नहीं ले सका। .
देखें ११ मार्च और 1951 एशियाई खेल
11 मार्च के रूप में भी जाना जाता है।