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हैमबर्गर

सूची हैमबर्गर

हैम्बर्गर (या बर्गर लघु रूप में) एक सैंडविच होता है, जिसमें एक बन के बीच में काट कर मांसाहारी खाद्य पदार्थ लगाये गए होते हैं। श्रेणी:अल्पाहार.

11 संबंधों: चीज़बर्गर, ए एंड डब्ल्यू डाइनिंग, डेमी मूर, बर्गर, बर्गर किंग, मैकडॉनल्ड्स, स्टीक, सैंडविच, हॉट डॉग, अप्रैल फूल दिवस, अमेरिकीकरण

चीज़बर्गर

एक चीज़बर्गर एक हैमबर्गर है जोकि पनीर के साथ भरा होता है। परंपरागत रूप से, पनीर का टुकड़ा मांस पैटी के शीर्ष पर रखा जाता है, लेकिन बर्गर की संरचना में सामग्री और संरचना कई रूपों में शामिल हो सकता है। "पनीर" और "हैमबर्गर" शब्द अपने आप में ही शब्दों का थैला है। पनीर आमतौर पर खाना पकाने हैमबर्गर पैटी में कुछ ही पहले समय जोड़ा जाता है जब पैटी पूरी तरह से पक जाता है जोकि पनीर पिघलने की अनुमति देता है। चीज़ बुर्गेर्स अक्सर सलाद, टमाटर, प्याज, अचार, सरसों, पीली चटनी, केचप, और कभी-कभी बेकन के साथ परोसा जाता है। श्रेणी:खाद्य पदार्थ श्रेणी:भोजन.

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ए एंड डब्ल्यू डाइनिंग

ए एंड डब्ल्यू डाइनिंग एक तेज फास्ट फूड दुकान है जिसे गाजर और एरोटस द्वारा चुना गया है। वित्तीय सफलता के लिए ए एंड डब्ल्यू पहली कंपनी थी: फ्रेंचाइजीज़ कैलिफ़ोर्निया के बारे में 1921 में शुरू हुई। कंपनी के स्वामित्व सहकारी समितियों रॉय डब्ल्यू एलन और फ्रैंक राइट से ली गई है। इस रेस्तरां के लिए मेनू में शामिल हैं, लेकिन हैमबर्गर एस फ्रांसीसी फ्राइज़ और हॉट डॉग तक सीमित नहीं है भोजन क्षेत्र में दुनिया भर में कई स्थानों और संयुक्त राज्य हैं। Category: अमेरिकी फास्ट फूड रेस्तरां.

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डेमी मूर

डेमी गइनस कूचर (जन्म 11 नवम्बर 1962), पेशेवर तौर पर डेमी मूर नाम से ज्ञात, एक अमेरिकी अभिनेत्री है। फ़िल्मों में लघु भूमिकाएं और टी.वी.

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बर्गर

कोई विवरण नहीं।

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बर्गर किंग

बर्गर किंग, जिसे अक्सर संक्षेप में बीके कहा जाता है, हैमबर्गर फास्ट फूड रेस्तरां की एक वैश्विक श्रृंखला है जिसका मुख्यालय अनिगमित मियामी-डेड काउंटी, फ्लोरिडा, अमेरिका में है। इस कंपनी की शुरुआत 1953 में एक जैक्सनविल, फ्लोरिडा आधारित रेस्तरां श्रृंखला के रूप में हुई थी जिसे मूलतः इंस्टा-बर्गर किंग के नाम से जाना जाता था। 1955 में वित्तीय कठिनाइयों से गुजरने के बाद इस कंपनी की दो मियामी आधारित फ्रेंचाइजी डेविड एडगरटन और जेम्स मैकलामोर ने कंपनी को खरीद लिया और इसका नाम बर्गर किंग रखा। अगली आधी शताब्दी में इस कंपनी के स्वामित्व में चार बार बदलाव हुआ; और इसके मालिकों के तीसरे समूह अर्थात् टीपीजी कैपिटल, बेन कैपिटल और गोल्डमैन साक्स कैपिटल पार्टनर्स की एक भागीदारी ने 2002 में इस कंपनी को सार्वजनिक कर दिया गया। वर्तमान में इसका स्वामित्व ब्राजील के 3जी कैपिटल के पास है जिसने 2010 के अंतिम दौर में मूल्य के एक सौदे में कंपनी के ज्यादातर शेयरों को हासिल कर लिया। 1954 में बर्गर किंग के मेनू में बर्गर, फ्राई, सोडा और मिल्कशेक जैसी बुनियादी चीजें ही शामिल थीं, लेकिन आज यहां विविध चीजों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। मेनू में पहली बार 1957 में व्हौपर (Whopper) को शामिल किया गया; जो उसके बाद से बर्गर किंग का प्रमुख उत्पाद बन गया है। लेकिन साथ ही, बीके द्वारा पेश किये गए कई उत्पाद बाजार में अपनी पकड़ बनाने में असफल भी रहे हैं। अमेरिका में इनमें से कुछ विफलताओं ने विदेशी बाजारों में सफलता का मुंह भी देखा है जहां बीके ने अपने मेनू को क्षेत्रीय स्वाद के अनुरूप बनाया है। 2002 में कंपनी को ख़रीदे जाने के बाद बर्गर किंग ने आक्रामक रूप से ज्यादा उत्पादों के साथ 18 से 34 साल के पुरुषों को अपना लक्ष्य बनाना शुरू कर दिया जिन्होंने परिणामस्वरूप अक्सर बहुत बड़े पैमाने पर अस्वस्थ्यकर वसा और पार-वसा का इस्तेमाल किया। इस कार्यनीति के परिणामस्वरूप अंत में कंपनी के वित्तीय आधार को गहरा झटका लगा और इसका इसकी आमदनी पर नकारात्मक असर पड़ा.

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मैकडॉनल्ड्स

मैकडॉनल्ड्स कार्पोरेशन (McDonald's Corporation), हैमबर्गर फास्ट फ़ूड रेस्तरां की विश्व की सबसे बड़ी श्रृंखला है, जो प्रतिदिन 58 मिलियन से ज्यादा ग्राहकों की सेवा करती है। खुद की प्रमुख रेस्तरां श्रृंखला के अतिरिक्त, मैकडॉनल्ड्स कार्पोरेशन के पास 2008 तक प्रेट ए मैनेजर में अल्पसंख्यक हिस्सेदारी थी, यह 2006 तक चिपोटल मेक्सिकन ग्रिल में प्रमुख निवेशक रही थी, और 2007 तक बोस्टन मार्केट रेस्तरां श्रृंखला का स्वामित्व भी इसके अधीन था। एक मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां को फ्रेंचाइजी, सहबद्ध या स्वयं कार्पोरेशन द्वारा संचालित किया जाता है। कार्पोरेशन की आय किराये, रॉयल्टी और फ्रेंचाइजी द्वारा दी गयी फीस, साथ ही कंपनी द्वारा संचालित रेस्तरां में होने वाली बिक्री से भी होती है।२०१५ में, कंपनी के एक ब्रांड के ८१ बिलियन यू.एस.डॉलर के एक से अधिक अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, स्टारबक्स दोगुना से अधिक मूल्य था। मैकडॉनल्ड्स इतनी भूमंडलीकृत कि बिग मैक सूचकांक के पैमाने है कि एक बिग मैक बर्गर की कीमत का उपयोग कर दोनों देशों के बीच क्रय शक्ति अब एक समानता के उपाय का वैश्विक सूचक है।कीमत के बावजूद, बिग एमएसीएस दुनिया भर में २०१५ में मैकडॉनल्ड्स २५.४१ बिलियन यू.एस.

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स्टीक

मीडियम रेयर पकाया गया रम्प स्टीक स्टीक (पुरानी नोर्स भाषा के स्टेक, अर्थात "रोस्ट" से लिया गया), मीट के एक टुकड़े को कहा जाता है (आमतौर पर बीफ- गोमांस).

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सैंडविच

सैंडविच एक खाद्य पदार्थ है, जिसमें अक्सर दो या दो से अधिक ब्रेड के स्लाइस होते हैं जिनके बीच में कुछ भरा होता है, एबेलसन, जेन.

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हॉट डॉग

हॉट डॉग (फ्रैंकफर्टर, वीनर) अक्सर समान बनावट तथा विशिष्ट गंध युक्त मुलायम मांस के घोल से बनाया जाने वाला एक नम सॉसेज है जिसमे विशेष रूप से गौमांस या सूअर के मांस का प्रयोग किया जाता है, हालांकि हाल ही में कुछ किस्मों में इनके स्थान पर चिकन या टर्की के मांस का भी प्रयोग किया गया है। अधिकांश किस्मों को पूरी तरह पकाया जाता है, उपचारित किया जाता है या धुएं में सुखाया जाता है। हॉट डॉग को अक्सर गर्म कर के हॉट डॉग बन के भीतर डाल कर परोसा जाता है, जो कि विशिष्ट मुलायम, कटे हुए बेलनाकार टुकड़े होते हैं। इन्हें सरसों, केचप, प्याज़, मेयोनीज़, स्वादानुसार कटी हुई सब्जियों, पनीर, बेकन (सूअर की पीठ तथा पुट्ठों का मांस), मिर्च या बंद गोभी के कटे हुए टुकड़ों से सजाया जा सकता है। कुछ हॉट डॉग मुलायम होते हैं जबकि कुछ ज्यादा पकाए गए (अपेक्षाकृत सख्त) होते हैं। .

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अप्रैल फूल दिवस

अप्रैल फूल दिवस पश्चिमी देशों में हर साल पहली अप्रैल को मनाया जाता है। कभी-कभी ऑल फूल्स डे के रूप में जाना जाने वाला यह दिन, 1 अप्रैल एक आधिकारिक छुट्टी का दिन नहीं है लेकिन इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है जब एक दूसरे के साथ व्यावाहारिक मजाक और सामान्य तौर पर मूर्खतापूर्ण हरकतें की जाती हैं। इस दिन दोस्तों, परिजनों, शिक्षकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों आदि के साथ अनेक प्रकार की शरारतपूर्ण हरकतें और अन्य व्यावहारिक मजाक किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य होता है बेवकूफ और अनाड़ी लोगों को शर्मिंदा करना। पारंपरिक तौर पर कुछ देशों जैसे न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस तरह के मजाक केवल दोपहर तक ही किये जाते हैं और अगर कोई दोपहर के बाद किसी तरह की कोशिश करता है तो उसे "अप्रैल फूल" कहा जाता है। ऐसा इसीलिये किया जाता है क्योंकि ब्रिटेन के अखबार जो अप्रैल फूल पर मुख्य पृष्ठ निकालते हैं वे ऐसा सिर्फ पहले (सुबह के) एडिशन के लिए ही करते हैं। इसके अलावा फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में जोक्स का सिलसिला दिन भर चलता रहता है। 1 अप्रैल और मूर्खता के बीच सबसे पहला दर्ज किया गया संबंध चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में पाया जाता है। कई लेखक यह बताते हैं कि 16वीं सदी में एक जनवरी को न्यू ईयर्स डे के रूप में मनाये जाने का चलन एक छुट्टी का दिन निकालने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन यह सिद्धांत पुराने संदर्भों का उल्लेख नहीं करता है। .

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अमेरिकीकरण

चीन के एक सुपरमार्केट में कोका कोला संयुक्त राज्य अमेरिका से इतर देशों में अमेरिकीकरण (Americanization) का मतलब अमेरिकी संस्कृति का अन्य देशों की संस्कृति पर प्रभाव से है। यह शब्द कम से कम १९०७ से प्रयोग किया जा रहा है। 'अमेरिकीकरण' के विचार का प्रचलित अर्थ अमेरिकी मीडिया कम्पनियों के विश्व-प्रभुत्व की आलोचना की देन है। मोटे तौर पर इसे संस्कृति-उद्योग और सांस्कृतिक साम्राज्यवाद के पर्याय की तरह भी देखा जाता है। लेकिन ऐसे भी कुछ पहलू हैं जो अमेरिकीकरण को इन दोनों से अलग करते हैं। इनमें प्रमुख है अमेरिकीकरण की अभिव्यक्ति का युरोपीय संस्कृतियों द्वारा प्रयोग। पश्चिमी युरोप के अमीर देश वैसे तो राजनीति, अर्थनीति और समरनीति में अमेरिका के अभिन्न सहयोगी हैं, पर संस्कृति के संदर्भ में वे इसके द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका की संस्कृति के प्रसारवादी चरित्र पर आपत्ति करते हैं। इस दृष्टि से अमेरिकीकरण पूँजीवादी सांस्कृतिक शिविर के अंतर्विरोधों का परिचायक भी है। फ़्रांस, जर्मनी और इटली जैसे जी-सात देशों की मान्यता है कि टेलिविज़न कार्यक्रमों, हॉलीवुड की फ़िल्मों, पॉप म्यूज़िक और खान-पान के माध्यम से अमेरिकी विचारधारा, जीवन-शैली और प्रवृत्तियाँ उनके अपने सांस्कृतिक मूल्यों और परम्पराओं को पृष्ठभूमि में धकेले दे रही हैं। उदाहरण के लिये इटली के आलोचक यह देख कर चिंतित हैं कि उनकी जनता पास्ता की जगह हैमबर्गर तथा ऑपेरा की जगह माइकल जैक्सन सरीखी संगीत-नृत्य परम्परा को उत्तरोत्तर अपनाती जा रही है। इसी तरह अपनी भाषा को सबसे श्रेष्ठ मानने की खुराक पर पले फ़्रांसीसियों और जर्मनों को यह देखकर सांस्कृतिक डर सताने लगे हैं कि अमेरिकी रुतबे के कारण अंग्रेजी का बौद्धिक और सांस्कृतिक प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिकीकरण का यही अर्थ धीरे-धीरे एशियाई संस्कृतियों के पैरोकारों द्वारा भी भूमण्डलीकरण की आलोचना के एक अहम मुहावरे की तरह अपनाया जाने लगा है। भूमण्डलीकरण के आलोचकों के बीच 'कोकाकोलाइज़ेशन' या 'मैकडनलाइज़ेशन' जैसे मुहावरों का अक्सर इस्तेमाल होता है। अमेरिकी संस्कृति के संक्रामक चरित्र के प्रति भय भूमण्डलीकरण की विश्वव्यापी प्रक्रिया शुरू होने के काफी पहले से व्यक्त किये जा रहे हैं। मजदूर वर्ग की संस्कृति के दृष्टिकोण से ब्रिटिश समाजशास्त्री और 'बरमिंघम सेंटर फ़ॉर द कल्चरल स्टडीज़' के संस्थापक रिचर्ड होगार्ट की 1957 में प्रकाशित रचना 'द यूज़िज़ ऑफ़ लिटरेसी' ने अमेरिकीकरण की विस्तृत आलोचना पेश की थी। होगार्ट ने अमेरिकी और ब्रिटिश लोकप्रिय उपन्यासों की तुलना करते हुए आरोप लगाया था कि अमेरिकी उपन्यासों में सेक्स और हिंसा का संदर्भच्युत इस्तेमाल किया जाता है। पचास के दशक के ब्रिटिश ‘मिल्क बारों’ के विश्लेषण के ज़रिये होगार्ट ने अंग्रेज युवकों पर अमेरिका के असर की शिनाख्त करते हुए दिखाया कि उनके बीच अमेरिकी शैली में ‘मॉडर्न’ और ‘कूल’ होना किस तरह तरह प्रचलित होता चला गया। होगार्ट को इस बात में कोई संदेह नहीं था कि अमेरिका से आ रही ये सांस्कृतिक हवाएँ ‘जीवन-विरोधी’ हैं। यह एक रोचक तथ्य है कि अमेरिकीकरण की जिस प्रक्रिया पर युरोपीय देश आज आपत्ति कर रहे हैं, उसने अपना आधार द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद और शीत युद्ध के दौरान प्राप्त किया था। एक तरह से यह अमेरिकीकरण विश्वयुद्ध से जर्जर हो चुके युरोप की आवश्यकता था। यही वह दौर था जब अमेरिकी बिजनेस मॉडल ने युरो के स्थानीय व्यापारिक प्रारूपों को अपनी सफलता के कारण पीछे धकेल दिया। व्यवसाय प्रबंधन के लिए एमबीए की डिग्री मुख्यतःपहले केवल अमेरिका में दी जाती थी, लेकिन आज यह डिग्री युरोप समेत दुनिया भर में कुशल व्यवसाय-प्रबंधन का पर्याय मानी जाती है। अमेरिका द्वारा प्रवर्तित ‘दक्षता आंदोलन’ युरोपीय देशों की आर्थिक और बौद्धिक संस्कृति (जिसमें उद्योगपति, सामाजिक जनवादी, इंजीनियर, वास्तुशिल्पी, शिक्षाविद्, अकादमीशियन, मध्यवर्ग, नारीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं) द्वारा कम से कम साठ-सत्तर साल पहले ही आत्मसात कर लिया गया था। इस आंदोलन के तहत हुए सुसंगतीकरण के दौरान युरोप में न केवल मशीनों और कारख़ानों के माध्यम से बढ़ी हुई उत्पादकता हासिल की गयी, बल्कि इससे मध्यवर्गीय और श्रमिकवर्गीय जनता के जीवन-स्तर में भी काफ़ी सुधार आया। इस आंदोलन को जर्मनी में नाज़ियों और युरोप के अन्य हिस्सों में कम्युनिस्टों द्वारा आक्रमण का निशाना बनाया गया, लेकिन उसकी सामाजिक स्वीकृति एक असंदिग्ध तथ्य बन चुकी है। अमेरिका से व्यापारिक संस्कृति का प्रवाह किस तरह एकतरफ़ा रहा है, यह निवेश के आँकड़ों से स्पष्ट हो सकता है। 1950 से 1965 के बीच युरोप में अमेरिकी निवेश आठ सौ प्रतिशत बढ़ा, जबकि इसी दौरान युरोप का अमेरिका में निवेश केवल 15 से 28 फ़ीसदी तक ही बढ़ सका। अमेरिकी निवेश में हुई ज़बरदस्त वृद्धि के पीछे अमेरिकी प्रौद्योगिकीय श्रेष्ठता की भूमिका भी रही है। शीत-युद्ध की समाप्ति के बाद अब पश्चिमी युरोप को सोवियत खेमे की तरफ से किसी प्रकार का सैनिक खतरा नहीं रह गया है। अर्थात् अपने रक्षक के रूप में अब उसे अमेरिका की जरूरत पहले की तरह नहीं है। युरोपीय संघ की रचना भी हो चुकी है, और युरोप एकीकृत आर्थिक संरचना के रूप में अमेरिका से होड़ कर रहा है। इस नयी स्थिति के परिणामस्वरूप आज अमेरिकी निवेश, अमेरिकी विज्ञापनों, व्यापारिक तौर-तरीकों, कर्मचारी संबंधी नीतियों और अमेरिकी कम्पनियों द्वारा अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल पर आपत्तियाँ होने लगी हैं। इसकी शुुरुआत फ़्रांस से हुई थी जिसका प्रसार अब सारे गैर-अंग्रेजी भाषी युरोप में हो चुका है। युरोपीय आलोचकों को यह देख-सुन कर काफी उलझन होती है कि अमेरिका ख़ुद को युरोपीय समाजों के राजनीतिक अभिजनवाद के मुकाबले कहीं अधिक लोकतांत्रिक, वर्गेतर और आधुनिक संस्कृति के रूप में पेश करता है। इसके जवाब में इन आलोचकों का दावा है कि अमेरिकी प्रभाव राजनीतिक और सांस्कृतिक दायरों में युरोपीय समाजों की अभिरुचियों को भ्रष्ट कर रहा है। लेकिन, अमेरिकीकरण का मतलब हमेशा से ही नकारात्मक नहीं था। इसके सकारात्मक पहलुओं की पहचान बीसवीं सदी के पहले दशक से की जा सकती है। 1907 से ही अमेरिका के भीतर इसका हवाला दुनिया की दूसरी संस्कृतियों से वहाँ रहने आये समुदायों द्वारा अमेरिकी रीति-रिवाज़ों और प्रवृत्तियों को अपनाने की प्रक्रिया के रूप में दिया जाता रहा है। इस सिलसिले को ‘मेल्टिंग पॉट’ (melting pot) की परिघटना के तौर पर भी देखा जाता है। 1893 में इतिहासकार फ़्रेड्रिक जैक्सन टर्नर ने एक लेख के द्वारा पहली बार इस अवधारणा का प्रयोग यह दिखाने के लिए किया कि अमेरिकी संस्कृति और अन्य संस्थाएँ केवल एंग्लो-सेक्सन लोगों की देन नहीं हैं। उन्हें रचने में युरोप से अमेरिका में बसने आयी तरह-तरह की संस्कृतियों का योगदान है। इसके बाद धीरे-धीरे मेल्टिंग पॉट का मुहावरा सांस्कृतिक आत्मसातीकरण के पर्याय के तौर पर लोकप्रिय होता चला गया। यहाँ यह उल्लेख करना आवश्यक है कि बौद्धिक क्षेत्रों में भी अमेरिकी संस्कृति के प्रभावों को सभी पक्षों द्वारा नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखा जाता। संस्कृति-अध्ययन के क्षेत्र में सक्रिय कुछ विद्वानों का मत है कि बाजारू संस्कृति को नीची निगाह से देखने के बजाय साधारण जनों द्वारा उसे आत्मसात करने के यथार्थ की सकारात्मक समीक्षा की जानी चाहिए। इनका दावा है कि अमेरिकी सांस्कृतिक उत्पादों से जन-मानस की मुठभेड़ एकांगी नहीं बल्कि विभेदीकृत और विविधतामूलक है। हेबडिगी ने अपनी 1979 में प्रकाशित रचना में दिखाया है कि किस प्रकार ब्रिटिश श्रमिकवर्गीय युवकों ने अमेरिकी फ़ैशन और म्यूजिक की मदद से अपनी अपेक्षाकृत शक्तिहीन और अधीनस्थ वर्गीय हैसियत में प्रतिरोध का समावेश किया है। अमेरिका ब्रिटिश युवकों के लिए एक आधुनिक, उन्मुक्त और रोमानी संस्कृति का आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है। संस्कृति-अध्ययन से निकले इस तरह के विद्वानों ने ‘डलास’ और ‘डायनेस्टी’ जैसे अमेरिकी टीवी सीरियलों का विश्लेषण करके पाया कि उन्हें देखते हुए लोग जिन निष्कर्षों पर पहुँचते हैं, उन पर स्थानीय परिवेश का गहरा असर होता है। उदाहरणार्थ, ‘डलास’ देखने वाला अरब दर्शक उसे पश्चिमी पतनशीलता के उदाहरण के रूप में ग्रहण करता है, जबकि एक रूसी यहूदी उसे पूँजीवाद की आत्मालोचना मान कर चलता है। इन विद्वानों के अनुसार अमेरिका को एक प्रभुत्वशाली शक्ति मानने का मतलब यह नहीं है कि उसे दुनिया की सांस्कृतिक अस्मिता के ऊपर अपना अंतिम निर्णय थोपने वाली ताकत भी मान लिया जाए। ये लोग सांस्कृतिक प्रवाहों को एकतरफा नहीं मानते, बल्कि अमेरिकी हवाओं के मुकाबले भारत के बॉलीवुडीय मनोरंजन, लातीनी अमेरिका के ‘टेलिनॉवेल’ और जापानी टीवी उत्पादों का जिक्र करते हैं। इन विद्वानों ने यह तर्क भी दिया है कि सेटेलाइट लाइसेंसों के सस्ती दर पर उपलब्ध होने से टीवी कार्यक्रम बनाने की अंतर्निहित राजनीति में काफी विविधता आयी है। पहले खाड़ी युद्ध के समय मीडिया जगत में ‘गल्फ़ वार टीवी प्रोजेक्ट’ ने सफलतापूर्वक युद्धविरोधी झंडा बुलंद किया था। .

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