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हु जिन्ताओ

सूची हु जिन्ताओ

हान्यू पिनयिनHú Jǐntāo साधारणीकृत चीनी胡锦涛 पारंपरिक चीनी胡錦濤 पारिवारिक नामHu क्रम:चौथा राष्ट्रपति सेवाकाल:15 मार्च 2003 - वर्तमान पूर्ववर्ती:जिंयाग जेमिन उत्तराधिकारी: --- जन्मतिथी:दिसंबर 21, 1942 जन्मस्थान: जियांगान, जियांग्सु, चीन पत्नी:लिऊ योंगुकिंग राजनैतिक दल:चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी 15 दिसंबर 1942 को जन्मे श्री हु जिन्ताओ 15 नवम्बर 2002 को चीन के कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव बने और 15 मार्च सन 2003 जियांग जेमिन के निधन के बाद से चीन के राष्ट्रपति हैं। .

13 संबंधों: चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग, चीन का शान्तिपूर्ण उत्थान, चीनी साम्यवादी पार्टी का महासचिव, चीनी जनवादी गणराज्य, तिब्बत का इतिहास, फ़ोर्ब्स पत्रिका की दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची, ब्रिक, ब्रिक्स, बो शिलाई, शी जिनपिंग, ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल, 2008 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2012 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग

ल्हासा, तिब्बत का रेलवे स्टेशन चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग चीनी जनवादी गणराज्य में एक रेलमार्ग है जो चिंगहई प्रान्त में स्थित शिनिंग को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से जोड़ता है। यह रेलमार्ग तिब्बत को शेष चीन से जोड़ने वाला पहला रेलमार्ग है, क्योंकि तिब्बत के बहुत ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ किसी भी रेलमार्ग का निर्माण नहीं हो सका था। बीजिंग, चेंग्दू, चोंग्किंग, शिनिंग, शंघाई और लांझोउ से ल्हासा के लिए रेलगाड़ियों की सेवाएँ उपलब्ध हैं। इस रेलमार्ग की कुल लम्बाई १,९५६ किमी है। शिनिंग से गोलमुड तक के ८१५ किमी लम्बे रेलमार्ग का निर्माण १९८४ तक पूरा हो चुका था। शेष १,१४२ किमी लम्बे भाग, जो गोलमुड से ल्हासा तक का है, का उद्घाटन १ जुलाई २००६ को पार्टी आम सचिव हू जिन्ताओ द्वारा किया गया था। यह रेलमार्ग तांगुला दर्रे से होकर भी गुजरता है जो ५,०७२ मीटर की ऊँचाई पर विश्व का सबसे ऊँचा रेलमार्ग है। तांगुला रेलवे स्टेशन जो ५,०६८ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन है। १,३३८ मीटर लम्बी फ़ेंघुओशन सुरंग ४,९०५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और विश्व की सबसे ऊँची रेल सुरंग है। ४,०१० मीटर की ऊँचाई पर स्थित गुआंजियाओ सुरंग शिनिंग और गोलमुड के मध्य सबसे लम्बी सुरंग है और ३,३४५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित यांग्बैजिंग सुरंग गोलमुड और ल्हासा के मध्य सबसे लम्बी सुरंग है। गोलमुड-ल्हासा अनुभाग का ९६० किमी या लगभग ८०% भाग ४,००० मीटर से अधिक की ऊँचाई पर है। कुल ६७५ पुल जिनकी लम्बाई १५९.८८ किमी है और ५५० किमी रेलमार्ग स्थाई-तुषार भूमि पर बिछाया गया है। .

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चीन का शान्तिपूर्ण उत्थान

चीन का शान्तिपूर्ण उत्थान (सरलीकृत चीनी: 中国和平崛起; पारम्परिक चीनी: 中國和平崛起) जिसे कभी-कभी "चीन का शान्तिपूर्ण विकास" नाम से भी निर्दिष्ट किया जाता है, हू जिन्ताओ के नेतृत्व में चीन की आधिकारिक नीति थी। इस शब्द का उपयोग "चीनी खतरा सिद्धान्त" का खण्डन करने के लिए लागू किया गया था। जैसे-जैसे चीन एक बड़ी राजनैतिक, आर्थिक और सैन्य शकित के रूप में उभरता गया, वह अन्य देशों को यह विश्वास दिलाना चाहता था कि उसका उत्थान अन्य देशों की शान्ति और सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है। चीन इस नीति को आन्तरिक रूप से चीनी समाज में सद्भाव लाकर लागू करता है और बाहरी सूप से एक शान्तिपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय परिवेश को बढ़ावा देकर। इस नीति का उद्देश्य चीन को एक दायित्वपूर्ण विश्व नेता के रूप में चित्रित करना, नम्र-शक्ति पर बल देना और प्रतिज्ञा दिलाना है कि चीन वैश्विक मामलों में हस्तक्षेप करने से पहले अपने आन्तरिक मुद्दों और अपने लोगों के कल्याण सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। यह शब्द यह सुझाता है कि चीन अनावश्यक अन्तर्राष्ट्रीय विवादों में टकरावों को टालना चाहता है। .

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चीनी साम्यवादी पार्टी का महासचिव

नवम्बर 2002 से नवम्बर 2012 तक हु जिन्ताओ चीनी साम्यवादी पार्टी के महासचिव रहे चीनी साम्यवादी पार्टी का महासचिव (चीनी: 中国共产党中央委员会总书记, झोंग्गुओ गोंगचानदांग​ झोंगयांग​ वेइयुआनहुई झोंगशुजी; अंग्रेज़ी: General Secretary of the Communist Party of China) जनवादी गणतंत्र चीन की साम्यवादी (कोम्युनिस्ट) पार्टी का सर्वोच्च अध्यक्ष और वास्तविकता में चीन का राष्ट्रीय राजनैतिक नेता होता है। 15 नवम्बर 2012 को शी जिनपिंग को महासचिव नियुक्त किया गया।, Lindsey Hilsum, 15 नवम्बर 2012, PBS Newshour,...

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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तिब्बत का इतिहास

तिब्बत का ऐतिहासिक मानचित्र 300px मध्य एशिया की उच्च पर्वत श्रेणियों, कुनलुन एवं हिमालय के मध्य स्थित 16000 फुट की ऊँचाई पर स्थित तिब्बत का ऐतिहासिक वृतांत लगभग 7वीं शताब्दी से मिलता है। 8वीं शताब्दी से ही यहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार प्रांरभ हुआ। 1013 ई0 में नेपाल से धर्मपाल तथा अन्य बौद्ध विद्वान् तिब्बत गए। 1042 ई0 में दीपंकर श्रीज्ञान अतिशा तिब्बत पहुँचे और बौद्ध धर्म का प्रचार किया। शाक्यवंशियों का शासनकाल 1207 ई0 में प्रांरभ हुआ। मंगोलों का अंत 1720 ई0 में चीन के माँछु प्रशासन द्वारा हुआ। तत्कालीन साम्राज्यवादी अंग्रेंजों ने, जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सफलता प्राप्त करते जा रहे थे, यहाँ भी अपनी सत्ता स्थापित करनी चाही, पर 1788-1792 ई0 के गुरखों के युद्ध के कारण उनके पैर यहाँ नहीं जम सके। परिणामस्वरूप 19वीं शताब्दी तक तिब्बत ने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थिर रखी यद्यपि इसी बीच लद्दाख़ पर कश्मीर के शासक ने तथा सिक्किम पर अंग्रेंजों ने आधिपत्य जमा लिया। अंग्रेंजों ने अपनी व्यापारिक चौकियों की स्थापना के लिये कई असफल प्रयत्न किया। इतिहास के अनुसार तिब्बत ने दक्षिण में नेपाल से भी कई बार युद्ध करना पड़ा और नेपाल ने इसको हराया। नेपाल और तिब्बत की सन्धि के मुताबिक तिब्बत ने हर साल नेपाल को ५००० नेपाली रुपये हरज़ाना भरना पड़ा। इससे आजित होकर नेपाल से युद्ध करने के लिये चीन से सहायता माँगी। चीन के सहायता से उसने नेपाल से छुटकारा तो पाया लेकिन इसके बाद 1906-7 ई0 में तिब्बत पर चीन ने अपना अधिकार बनाया और याटुंग ग्याड्से एवं गरटोक में अपनी चौकियाँ स्थापित की। 1912 ई0 में चीन से मांछु शासन अंत होने के साथ तिब्बत ने अपने को पुन: स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। सन् 1913-14 में चीन, भारत एवं तिब्बत के प्रतिनिधियों की बैठक शिमला में हुई जिसमें इस विशाल पठारी राज्य को भी दो भागों में विभाजित कर दिया गया.

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फ़ोर्ब्स पत्रिका की दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची

फ़ोर्ब्स बिजनेस पत्रिका ने 2009 से दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की एक वार्षिक सूची संकलित की है। सूची में प्रत्येक 100 मिलियन लोगों के लिए एक स्थान होता है, इसके अनुसार 2009 की सूची में 67 लोग थे, और 2016 तक 74 लोग हो गये। यह स्थान, मानव और वित्तीय संसाधनों की मात्रा के आधार पर आवंटित किया जाता है, तथा जिनका पर उन पर प्रभाव होता है, साथ ही साथ विश्व की घटनाओं पर उनका प्रभाव होता है। फोर्ब्स के अनुसार निम्न रैंकिंग में शीर्ष दस सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची दी गई हैं- .

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ब्रिक

ब्रिक यानी बीआरआईसी विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं वाले विकासशील देशों- ब्राजील, रूस, भारत और चीन का संगठन है। इस शब्द का पहली बार प्रयोग 2001 में गोल्डमैन शश ने किया था। ये चारों देश संयुक्त रूप से विश्व का एक-चौथाई क्षेत्र घेरते हैं और इनकी जनसंख्या विश्व की कुल आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक है। इन देशों का सकल घरेलु उत्पाद 15.435 ट्रिलियन डॉलर है।। वॉयस ऑफ रशिया। 14 सितंबर 2009 गोल्डमैन शश का तर्क था कि ब्राजील, रूस, चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक रूप से इतनी मजबूत हैं कि 2050 तक ये चारों अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक परिदृश्य पर हावी होगी। हालांकि शश का ये उद्देश्य कतई नहीं था कि ये चारों देश राजनीतिक गठजोड़ कर किसी संगठन का निर्माण करें। शश का आकलन था कि भारत और चीन उत्पादित वस्तुओं और सर्विस के सबसे बड़े प्रदाता होंगे, वहीं ब्राजील और रूस कच्चे माल के सबसे बड़े उत्पादक हैं। ब्राजील जहां लौह अयस्कों की आपूर्ति में प्रथम है तो रूस तेल एवं प्राकृतिक गैस के मामले में शीर्ष पर है। ब्रिक देशों की पहली आधिकारिक बैठक 16 जून, 2009 को रूस के येकेटिनबर्ग में हुई थी। 17 जून, 2009 को हुई बैठक में इन देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। इसमें एक वैश्विक मुद्रा बनाने की बात कही गई थी। 4 सितंबर, 2009 में इसकी बैठक लंदन में हुई थी। इसमें यह तय हुआ कि स्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विश्व मुद्रा कोष जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में बदलावों की ज़रूरत है। साथ ही बदलाव की इस प्रक्रिया में विकासशील देशों की बराबर हिस्सेदारी होनी चाहिए। 2010 की बैठक ब्राजील में आयोजित की जाएगी। File:Ponte estaiada Octavio Frias - Sao Paulo.jpg|साओ पाउलो, ब्राज़ील File:Moscow International Business Centre, Marc 2008.JPG|मॉस्को, रूस File:Mumbai Skyline at Night.jpg|मुंबई, भारत File:Shanghai Skyline 2009.jpg|शंघाई, चीन .

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ब्रिक्स

ब्रिक्स (BRICS) उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के एक संघ का शीर्षक है। इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इन्हीम देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथमाक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है। मूलतः, २०१० में दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे "ब्रिक" के नाम से जाना जाता था। रूस को छोडकर, ब्रिक्स के सभी सदस्य विकासशील या नव औद्योगीकृत देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। ये राष्ट्र क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। वर्ष २०१३ तक, पाँचों ब्रिक्स राष्ट्र दुनिया के लगभग 3 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और एक अनुमान के अनुसार ये राष्ट्र संयुक्त विदेशी मुद्रा भंडार में ४ खरब अमेरिकी डॉलर का योगदान करते हैं। इन राष्ट्रों का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद १५ खरब अमेरिकी डॉलर का है। वर्तमान में, दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता करता है। .

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बो शिलाई

बो शिलाई (薄熙来) चीन के भूतपूर्व राजनीतिज्ञ हैं। उनका जन्म ३ जुलाई १९४९ को हुआ। उन्हें डेलियन के मेयर और उसके बाद लियाओनिंग के गवर्नर के पद पर रहते हुए किये गये कार्य से उन्हें प्रसिद्धि मिली। सन् २००४ से नवम्बर २००७ उन्हें चीन गणराज्य के वाणिज्य मन्त्री बनाया गया। सन् २००७ और २०१२ के मध्य उन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य एवं चोंगचिंग शाखा का सचिव बनाया गया। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के आठ दिग्गजों में से एक, बो यिबो के पुत्र, बो शिलाई को चीनी राजनीति के एक राजकुमार की तरह देखा जाता है। उनकी मिडिया में नैमित्तिक और करिश्माई छवि विकसित की जो आम तौर पर स्थिर चीनी राजनीति में विचलन चिह्नित किया। लियाओनिंग में कार्य करने के दौरान, बो ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के पुनरोद्धार से सम्बंधित योजना में एक महत्वपूर्ण कार्य हाथ में लिया,Cheng Li,, China Leadership Monitor, No.

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शी जिनपिंग

ऒ शी जिनपिंग (习近平, Xi Jinping, जन्म 15 जून 1953) जनवादी गणतंत्र चीन के सर्वोच्च नेता हैं जो चीन के उपराष्ट्रपति, चीनी साम्यवादी पार्टी के महासचिव, केन्द्रीय सैनिक समिति के अध्यक्ष और केन्द्रीय पार्टी विद्यालय के अध्यक्ष हैं। उन्हें 15 नवम्बर 2012 में चीनी साम्यवादी (कोम्युनिस्ट) पार्टी का महासचिव घोषित किया गया।, Lindsey Hilsum, 15 नवम्बर 2012, PBS Newshour,...

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ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों या ओलंपियाड के खेलों (Jeux olympiques d'été), जो पहली बार 1896 में आयोजित किया गया था, एक अंतर्राष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट इवेंट आयोजन है जो चार साल से एक अलग शहर द्वारा आयोजित किया जाता है। सबसे हालिया ओलंपिक रियो डी जनेरियो, ब्राजील में आयोजित किए गए थे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति खेल का आयोजन करती है और मेजबान शहर की तैयारियों की देखरेख करता है। प्रत्येक ओलंपिक आयोजन में, स्वर्ण पदक प्रथम स्थान पर दिए जाते हैं, दूसरे स्थान पर रजत पदक से सम्मानित किया जाता है, और तीसरे के लिए कांस्य पदक प्रदान किए जाते हैं; यह परंपरा 1904 में शुरू हुई। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की सफलता के कारण शीतकालीन ओलंपिक खेलों का निर्माण किया गया था। ओलंपिक में 42 स्पर्धाओं की प्रतियोगिता में वृद्धि हुई है, जो कि 1896 में 14 देशों के 250 से कम पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ 2012 में 204 देशों से 10,768 प्रतिद्वंद्वियों (5,992 पुरुष, 4,776 महिलाओं) के साथ 302 घटनाओं के साथ बढ़ी है। अठारह देशों ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है। संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी भी अन्य देश से अधिक चार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1904, 1932, 1984, 1996), की मेजबानी की है, और ग्रेट ब्रिटेन लंदन में तीन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1908, 1948, 2012), सभी की मेजबानी की है। एथेंस (1896, 2004), पेरिस (1900, 1924), लॉस एंजिल्स (1932, 1984) और टोक्यो (1964, 2020): चार शहरों में दो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक आयोजित किए गए हैं। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक कई बार होस्ट करने के लिए पश्चिमी दुनिया के बाहर टोक्यो पहला शहर है। एशिया ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन में चार बार (1964, 1988, 2008, 2020)। दक्षिणी गोलार्ध में आयोजित केवल ग्रीष्मकालीन ओलंपिक ऑस्ट्रेलिया (1956, 2000) और ब्राजील (2016) में रहे हैं। 2016 के खेल दक्षिण अमेरिका में होने वाले पहले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक हैं और स्थानीय शीतकालीन सत्र के दौरान आयोजित होने वाले पहले थे। अफ्रीका अभी तक एक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी नहीं है। केवल पांच देशों-ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, और हर ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों में स्विट्जरलैंड की है प्रतिनिधित्व करता रहा। प्रत्येक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में कम से कम एक स्वर्ण पदक जीतने वाला एकमात्र देश ग्रेट ब्रिटेन है संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी समय के पदक तालिका का नेतृत्व किया। .

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2008 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक

२००८ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक या बीजिंग ओलम्पिक २००८ में बीजिंग, चीन में आयोजित हुए ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेल का नाम है। इसका नारा था एक विश्व, एक स्वप्न (同一个世界 同一个梦想) और इनका आयोजन ८ अगस्त से २४ अगस्त, २००८ तक हुआ, जिसमें ११,०२८ खिलाड़ियों द्वारा २८ खेलों की ३०२ प्रतिस्पर्धाओं में भाग लिया गया। .

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2012 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

2012 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, ब्रिक्स (पहले ब्रिक) देशों का चौथा वार्षिक शिखर सम्मेलन है, जिसमें इसके पाँच सदस्य राष्ट्रों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्र या सरकार प्रमुखों ने भाग लिया। शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत की राजधानी नई दिल्ली स्थित पाँच सितारा होटल ताज महल में 29 मार्च 2012 को किया गया था। यह पहली अवसर है जब भारत ने किसी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है। शिखर सम्मेलन का विषय था "वैश्विक सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के लिए ब्रिक्स भागीदारी"। शिखर सम्मेलन में चर्चा का मुख्य विषय विकासशील देशों के लिए विश्व बैंक के समान एक ब्रिक्स बैंक का गठन करना था। शिखर सम्मेलन कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित किया गया था, लेकिन् इसके बावजूद इसे कई विवादों का सामना करना पड़ा, जिनमें सबसे प्रमुख तिब्बतियों द्वारा चीन का विरोध किया जाना था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

हू जिन्ताओ, हू जिंताओ

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