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15 संबंधों: भारत में हिन्दी, भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी, राजभाषा सप्ताह, राजभाषा गौरव पुरस्कार, राजभाषा कीर्ति पुरस्कार, राजभाषा अधिकारी, रूस में हिन्दी, हिन्दी दिवस का इतिहास, हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास, हिंदी पखवाड़ा, विश्व हिन्दी दिवस, विज्ञान भवन, नई दिल्ली, व्यौहार राजेन्द्र सिंह, आदित्य चौधरी, १४ सितम्बर।
भारत में हिन्दी
भारत में हिन्दी सब से अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिन्दी भाषा का जन्म भारत में हुआ था। हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में राजभाषा के सम्बंध में धारा ३४३ से ३५२ तक की व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। .
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भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी
हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद ३४३ से ३५१ तक राजभाषा के साम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। धारा ३४३(१) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं। किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है। .
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राजभाषा सप्ताह
राजभाषा सप्ताह या हिन्दी सप्ताह को हिन्दी दिवस के आस पास के दिनों में हिन्दी भाषा के विकास के लिए बनाया जाता है। इसमें मुख्यतः सरकारी कार्यालय में इसे मनाया जाता है। इसके अलावा यह विद्यालय आदि में भी कई तरह के प्रतियोगिता के रूप में मनाया जाता है। .
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राजभाषा गौरव पुरस्कार
राजभाषा गौरव पुरस्कार हिन्दी दिवस पर उन लोगों को दिया जाता है। हिन्दी भाषा में भारत के किसी भी नागरिक द्वारा ज्ञान-विज्ञान के मौलिक पुस्तक लिखने पर और केन्द्र सरकार के कर्मियों (सेवानिवृत्त सहित) द्वारा पुस्तक या उत्कृष्ट लेख लिखने हेतु मिलता है। यह पुरस्कार तकनीकी / विज्ञान से जुड़े हिन्दी भाषा के पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है। इसमें उन पुस्तकों को लिया जाता है, जो प्रथम बार प्रकाशित हुई हो। किसी अन्य पुस्तक का अनुवाद न हो। .
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राजभाषा कीर्ति पुरस्कार
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार हिन्दी दिवस के दिन दिया जाता है। इस पुरस्कार योजना के तहत कुल 39 पुरस्कार दिये जाते हैं। इस पुरस्कार को किसी विभाग, मण्डल, समिति आदि को दिया जाता है। वे संस्था जो हिन्दी भाषा में अपने कार्यों को कर अच्छी प्रगति हासिल करती है, उसे यह पुरस्कार दिया जाता है। .
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राजभाषा अधिकारी
राजभाषा अधिकारी भारतीय केद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी अनुवाद के अलावा राजभाषा हिंदी के अन्य कामकाज जैसे हिंदी दिवस, हिंदी पखवाड़ा मनाना, हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन करना, गृह पत्रिका का संपादन करना, हिंदी तिमाही बैठकों का आयोजन, राजभाषा निरीक्षण आदि कार्य करते है। राजभाषा अधिकारी पदों का सृजन राजभाषा विभाग के आदेशानुसार हर कार्यालय में किया जाता है। केंद्र सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों आदि में न्यूनतम हिंदी पदों को सृजित करने के बारे में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने विस्तृत आदेश ज्ञा॰ सं॰ 13035/3/95--रा॰भा॰ (नीति एवं समन्वय) दिनांक 22-07-2004 द्वारा जारी किए गए है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस आदेश का सही पालन सभी कार्यालयों में नहीं किया जाता है। मा.
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रूस में हिन्दी
मॉस्को के भारतीय राजदूतावास के जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र में हिन्दी शिक्षण की कक्षा का एक दृश्य कम्यूनिस्ट क्रांति से पूर्व रूस में भारत के प्रति रुचि संस्कृत भाषा और साहित्य के अध्ययन तक सीमित थी। परन्तु यह स्थिति 1955 में बदल गई। इस वर्ष रूस के नेता निकिता ख़्रुश्चेव भारत आए। उन्होंने घोषणा की कि "हम यह देखेंगे कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली ऐसी विकसित हो जिसमेँ सर्वश्रेष्ठ और सर्वगुण-सम्पन्न नई पीढ़ी हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं को सीखें।" .
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हिन्दी दिवस का इतिहास
हिन्दी दिवस का इतिहास और इसे दिवस के रूप में मनाने का कारण बहुत पुराना है। वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने इसे जनमानस की भाषा कहा था और इसे देश की राष्ट्रभाषा भी बनाने को कहा था। लेकिन आजादी के बाद ऐसा कुछ नहीं हो सका। सत्ता में आसीन लोगों और जाति-भाषा के नाम पर राजनीति करने वालों ने कभी हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनने नहीं दिया। .
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हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास
सबसे पहले हिन्दी टाइप शायद वर्डस्टार (वर्जन III प्लस) जैसे एक शब्द संसाधक ‘अक्षर’ में आया। फिर विंडोज़ आया और पेजमेकर व वेंचुरा का समय आया। इस सारी यात्रा में कम्प्यूटर केवल प्रिटिंग की दुनिया की सहायता भर कर रहा था। यूनिकोड के आगमन एवं प्रसार के पश्चात हिन्दी कम्प्यूटिंग प्रिंटिंग तक सीमित न रहकर संगणन के विभिन्न पहलुओं तक पहुँच गयी। अब भाषायी संगणन के सभी क्षेत्रों में हिन्दी अपनी पहुँच बना रही है। हिन्दी कम्प्यूटिंग को वर्तमान स्थिति तक पहुँचाने में सरकार, अनेक संस्थाओं, समूहों एवं प्रोग्रामरों-डैवलपरों का योगदान रहा। .
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हिंदी पखवाड़ा
भारत सरकार के सभी कार्यालयों, उपक्रमों, उद्यमों, संस्थाओं में हिंदी पखवाड़ा हर वर्ष १४ सितंबर से २८ सितंबर अथवा १ सितंबर से १४ सितंबर तक मनाया जाता है। १४ सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रि जी का संदेश १४ सितंबर को प्रकाशित किया जाता है। केद्रीय हिंदी समिति के अध्यक्ष के नाते भारत के प्रधान मंत्री जी तथा महामहिम राष्ट्रपति जी का संदेश भी जारी किया जाता है। राजभाषा हिंदी के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए हिंदी पखवाडे के दौरान अनेक हिंदी कार्यक्रम, प्रतियोगिताएँ, कवि सम्मेलन, संगोष्ठी, भारतीय स्तर पर हर विभाग द्वारा राजभाषा सम्मेलन भी आयोजित करने का प्रावधान है। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी में अधिक कार्य करनेवाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता है। यह देखा जाता है कि हिंदी पखवाड़े के दौरान कार्यालयों में हिंदी पत्राचार में कितना प्रतिशत कार्य बढ गया है। मा, संसदीय राजभाषा निरीक्षण समिति कार्यालय का निरीक्षण करते समय इस बात पर उचित ध्यान देती है। हिंदी पखवाडे का आयोजन कार्यालय की सुविधानुसार हिंदी दिवस के पहले या बाद में किया जाता है। .
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विश्व हिन्दी दिवस
विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनो की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसी लिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन भोपाल में सम्पन्न हुआ .
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विज्ञान भवन, नई दिल्ली
विज्ञान भवन,नई दिल्ली विज्ञान भवन, नई दिल्ली (अंग्रेजी: Vigyan Bhavan) भारत की राजधानी नई दिल्ली में मौलाना आज़ाद रोड पर स्थित एक सरकारी इमारत है। सन् 1956 में बनी यह इमारत राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिये प्रयोग में लायी जाती है। विज्ञान भवन में कॉमनवेल्थ मीटिंग नॉन एलाइण्ड मूवमेण्ट और सार्क समिट्स जैसे कई महत्वपूर्ण आयोजन भारत सरकार द्वारा आयोजित किये जा चुके हैं। भारत सरकार का शहरी विकास मन्त्रालय इसकी पूरी देखरेख व अनुरक्षण करता है। इस इमारत में वे सभी आयोजन सम्पन्न होते हैं जिनमें भारत के राष्ट्रपति अथवा प्रधान मन्त्री उपस्थित हों। इसके अलावा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार व हिन्दी दिवस जैसे सरकारी आयोजन भी यहीं होते हैं। .
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व्यौहार राजेन्द्र सिंह
व्यौहार राजेन्द्र सिंह व्यौहार राजेन्द्र सिंह (14 सितम्बर 1900 - 02 मार्च 1988 जबलपुर) हिन्दी साहित्यकार थे जिन्होने हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। संस्कृत, बांग्ला, मराठी, गुजराती, मलयालम, उर्दू, अंग्रेज़ी आदि पर उनका अच्छा अधिकार था। व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए संर्घष किया। उनके 50 वें जन्मदिन के दिन ही, अर्थात 14 सितम्बर 1949 को, हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। व्यौहार राजेन्द्र सिंह का जन्म जबलपुर में हुआ था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर राजेन्द्र सिंह जी ने काफी प्रयास किए। इसके चलते उन्होंने दक्षिण भारत की कई यात्राएं भी कीं। व्यौहार राजेन्द्र सिंह हिंदी साहित्य सम्मलेन के अध्यक्ष रहे। उन्होंने अमेरिका में आयोजित विश्व सर्वधर्म सम्मलेन में भारत का प्रतिनिधित्व किया जहां उन्होंने सर्वधर्म सभा में हिन्दी में ही भाषण दिया जिसकी जमकर तारीफ हुई। व्यौहार राजेन्द्र सिंह जी प्रादेशिक चित्रगुप्त महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। जबलपुर के साठिया कुआं क्षेत्र में स्थित उनकी बखरी (विशाल निवास स्थान) में महात्मा गाँधी जबलपुर यात्रा के समय ठहरे थे। उसका नामकरण 'गांधी मंदिर' कर दिया था। उनके निवास पर दुर्लभ पांडुलिपियों, पुस्तकों और पत्रों आदि का अनमोल संग्रह था। अपपनी सादगी, अपनत्व व्यवहार के कारण उन्हें 'कक्का जू' का स्नेहपूर्ण संबोधन प्राप्त था। उनका निधन स्थानीय शासकीय विक्टोरिया जिला अस्पताल (अब सेठ गोविन्ददास जिला चिकित्सालय) में सामान्य जन की तरह हुआ। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में म.
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आदित्य चौधरी
आदित्य चौधरी (अंग्रेज़ी: Aditya Chaudhary, जन्म: 9 दिसम्बर, 1961) '' और '' के संस्थापक एवं प्रधान सम्पादक हैं। उन्होंने वर्ष 2006 से भारतकोश का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया। वर्ष 2008 में ब्रज क्षेत्र का समग्र ज्ञानकोश (इंसाइक्लोपीडिया) 'ब्रजडिस्कवरी' का ऑनलाइन प्रकाशन किया तथा वर्ष 2010 में भारत का समग्र ज्ञानकोश (एंसाइक्लोपीडिया) 'भारतकोश' की ऑनलाइन वेबसाइट शुरू की। .
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१४ सितम्बर
14 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 257वॉ (लीप वर्ष मे 258 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 108 दिन बाकी है। भारत में राजभाषा हिंदी दिवस .
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हिंदी दिवस के रूप में भी जाना जाता है।