सामग्री की तालिका
833 संबंधों: ऊँच नीच बीच (2000 फ़िल्म), चण्डीगढ़, चन्द्रगुप्त, चन्द्रकान्ता, चमेली की शादी (1986 फ़िल्म), चा चा चा, चाँदनी चौक, चाय, चायना टाउन, चांदी की दीवार, चित्रा मुद्गल, चित्राल, चिंतामणि, चंदबरदाई, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, चुनार, चुपके चुपके, चौदहवीं का चाँद (1960 फ़िल्म), चीनी कम (2007 फ़िल्म), टावर हाउस, टीना मुनीम, ए के हंगल, एन ईवनिंग इन पेरिस, एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी, एरणाकुलम जिला, एस आर हरनोट, एक दिल सौ अफ़साने (1963 फ़िल्म), एक फूल दो माली, एक मुसाफ़िर एक हसीना, एक सपेरा एक लुटेरा, एक साल पहले, एक हसीना थी (2003 फ़िल्म), ऐश्वर्या राय बच्चन, झारखण्ड, ठाकुर जर्नैल सिंह, डिम्पल कपाड़िया, डैनी डेन्जोंगपा, डेनमार्क, डॉ. पद्मेश गुप्त, डॉ. महेन्द्र वर्मा, डॉ. कृष्ण कुमार, डीडवाना, तत्सम, तद्भव, तनुजा, तबु, तमिल भाषा, तरणी, तारक, तक़दीर (1967 फ़िल्म), ... सूचकांक विस्तार (783 अधिक) »
ऊँच नीच बीच (2000 फ़िल्म)
ऊँच नीच बीच 2000 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और ऊँच नीच बीच (2000 फ़िल्म)
चण्डीगढ़
चण्डीगढ़, (पंजाबी: ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ), भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं, जिनकी २००१ की जनगणना के अनुसार जनसंख्या ११६५१११ (१ करोड़ १६ लाख) है। भारत की लोकसभा में प्रतिनिधित्व हेतु चण्डीगढ़ के लिए एक सीट आवण्टित है। वर्तमान सोलहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमति किरण खेर यहाँ से साँसद हैं। इस शहर का नामकरण दुर्गा के एक रूप ‘चंडिका’ के कारण हुआ है और चंडी का मंदिर आज भी इस शहर की धार्मिक पहचान है। नवोदय टाइम्स इस शहर के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी निजी रुचि रही है, जिन्होंने नए राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए इसे राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है।, चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं। शहर का भारत के समृद्ध राज्यों और संघ शसित प्रदेशों की सूची में अग्रणी नाम आता है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय ९९,२६२ रु (वर्तमान मूल्य अनुसार) एवं स्थिर मूल्य अनुसार ७०,३६१ (२००६-०७) रु है। .
देखें हिन्दी और चण्डीगढ़
चन्द्रगुप्त
चन्द्रगुप्त से निम्नलिखित राजाओं या ग्रंथों का बोध होता है-.
देखें हिन्दी और चन्द्रगुप्त
चन्द्रकान्ता
चन्द्रकान्ता निम्न में से कोई एक हो सकता है.
देखें हिन्दी और चन्द्रकान्ता
चमेली की शादी (1986 फ़िल्म)
चमेली की शादी 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और चमेली की शादी (1986 फ़िल्म)
चा चा चा
चा चा चा १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और चा चा चा
चाँदनी चौक
चाँदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना एवं सबसे व्यस्त क्षेत्र है। यह पुरानी दिल्ली के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक है। चांदनी चौक पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। लाल किला स्मारक बाजार के भीतर स्थित है। यह १७ वीं शताब्दी में भारत के मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनाया गया था, और इसका डिजाइन उनकी बेटी जहांआरा द्वारा तैयार किया गया था। चांद की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए बाजार को नहरों द्वारा विभाजित किया गया था और यह भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक बना हुआ है। .
देखें हिन्दी और चाँदनी चौक
चाय
चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है।भारतीय.
देखें हिन्दी और चाय
चायना टाउन
चायना टाउन १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और चायना टाउन
चांदी की दीवार
चांदी की दीवार १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और चांदी की दीवार
चित्रा मुद्गल
चित्रा मुद्गल हिन्दी की वरिष्ठ कथालेखिका हैं। उनका जीवन किसी रोमांचक प्रेम-कथा से कम नहीं है। उन्नाव के जमींदार परिवार में जन्मी किसी लड़की के लिए साठ के दशक में अंतरजातीय प्रेमविवाह करना आसान काम नहीं था। लेकिन चित्रा जी ने तो शुरू से ही कठिन मार्ग के विकल्प को अपनाया। पिता का आलीशान बंगला छोड़कर 25 रुपए महीने के किराए की खोली में रहना और मजदूर यूनियन के लिए काम करना - चित्रा ने हर चुनौती को हँसते-हँसते स्वीकार किया। १० दिसम्बर १९४४ को जनमी चित्रा मुद्गल की प्रारंभिक शिक्षा पैतृक ग्राम निहाली खेड़ा (जिला उन्नाव, उ.प्र.) से लगे ग्राम भरतीपुर के कन्या पाठशाला में। हायर सेकेंडरी पूना बोर्ड से की और शेष पढ़ाई मुंबई विश्वविद्यालय से। बहुत बाद में स्नातकोत्तर पढ़ाई पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से एस.एन.डी.टी.
देखें हिन्दी और चित्रा मुद्गल
चित्राल
चित्राल शहर का अतालिक़ बाज़ार - चिह्न पर 'दी बैंक ऑफ़ ख़ैबर' लिखा है चित्राल शहर में मसालों का एक दुकानदार चित्राल (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Chitral) या छेत्रार (खोवार) पश्चिमोत्तरी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह हिन्दु कुश पर्वतमाला के सबसे ऊँचे पहाड़ तिरिच मीर के चरणों में कुनर नदी के पश्चिमी किनारे पर बसा हुआ है। चित्राल ज़िले की कुल ३ लाख लोगों की आबादी में से लगभग २ लाख चित्राल शहर में रहतें हैं। शहर जिस वादी में स्थित है वह ३,७०० फ़ुट (१,१०० मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है।, Brian Robson, Spellmount, 2004,...
देखें हिन्दी और चित्राल
चिंतामणि
चिंतामाणि आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी का निबंधात्मक (समालोचना)ग्रंथ है। इसके दो भाग है। चिन्तामणि के प्रमुख निबन्ध हैं- भाव या मनोविकार, उत्साह श्रद्धा और भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोक मंगल की साधनावस्था। .
देखें हिन्दी और चिंतामणि
चंदबरदाई
चंदबरदाई का चित्र हिन्दी साहित्यकार चित्रावली के सौजन्य से चंदबरदाई (जन्म: संवत 1205 तदनुसार 1148 ई० लाहौर वर्तमान में पाकिस्तान में - मृत्यु: संवत 1249 तदनुसार 1192 ई० गज़नी) हिन्दी साहित्य के वीर गाथा कालीन कवि तथा पृथ्वीराज चौहान के मित्र थे। उन्होंने अपने मित्र का अन्तिम क्षण तक साथ दिया। .
देखें हिन्दी और चंदबरदाई
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (तमिल: சக்ரவர்தி ராஜகோபாலாச்சாரி) (दिसम्बर १०, १८७८ - दिसम्बर २५, १९७२), राजाजी नाम से भी जाने जाते हैं। वे वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। वे स्वतन्त्र भारत के द्वितीय गवर्नर जनरल और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल थे। १० अप्रैल १९५२ से १३ अप्रैल १९५४ तक वे मद्रास प्रांत के मुख्यमंत्री रहे। वे दक्षिण भारत के कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, किन्तु बाद में वे कांग्रेस के प्रखर विरोधी बन गए तथा स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की। वे गांधीजी के समधी थे। (राजाजी की पुत्री लक्ष्मी का विवाह गांधीजी के सबसे छोटे पुत्र देवदास गांधी से हुआ था।) उन्होंने दक्षिण भारत में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए बहुत कार्य किया। .
देखें हिन्दी और चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
चुनार
चुनार भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त के मिर्जापुर जनपद का एक शहर है। इसका इतिहास बहुत पुराना है। यहाँ का किला प्रसिद्ध है। विंध्याचल पर्वत की गोद में बसे होने के कारण चुनार में पत्थर और पत्थर के इमारती सामान का प्रमुख उद्योग है। चुनार के मिट्टी के खिलौने, मूर्तियाँ और वरतन सस्ते, लाख की पालिश के कारण अत्यत चमकदार और सुंदर होते हैं। यहाँ चना, चावल, गेहूँ, तेलहन और जौ की मंडी है। वाराणसी से मिर्जापुर जानेवाली बसों के लिये यह अच्छा स्टेशन है। चुर्क सीमेंट फैक्टरी के लिये यहाँ से रेलवे लाइन जाती है। चुनार के पास अनेक रम्य और प्राकृतिक दृश्यों के स्थान हैं इनमे से एक जरगो बांध है जिसमे 27 नदी और 77 नालो का जल एकत्र किया जाता है जो मछली पालन और सिचाई के काम आता है। यहाँ सैर सपाटे के लिये लोग आते रहते हैं। .
देखें हिन्दी और चुनार
चुपके चुपके
चुपके चुपके १९७५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और चुपके चुपके
चौदहवीं का चाँद (1960 फ़िल्म)
चौदहवीं का चाँद हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और चौदहवीं का चाँद (1960 फ़िल्म)
चीनी कम (2007 फ़िल्म)
चीनी कम 2007 में प्रदर्शित हुई हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसकी कहानी 64 वर्ष के पुरुष, 34 वर्ष की लड़की और उनके बीच प्रेम संबंध की है। .
देखें हिन्दी और चीनी कम (2007 फ़िल्म)
टावर हाउस
टावर हाउस १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और टावर हाउस
टीना मुनीम
टीना मुनीम (जन्म: 11 फरवरी, 1955) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और टीना मुनीम
ए के हंगल
ए॰के॰ हंगल (१ फ़रवरी १९१४ – २६ अगस्त २०१२) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता, रंगमंच एवं दूरदर्शन कलाकार थे। इनका पूरा नाम है-अवतार कृष्ण हंगल .
देखें हिन्दी और ए के हंगल
एन ईवनिंग इन पेरिस
एन ईवनिंग इन पेरिस १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और एन ईवनिंग इन पेरिस
एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी
श्रीमती मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी (16 सितंबर, 1916-2004) कर्णाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में एम.
देखें हिन्दी और एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी
एरणाकुलम जिला
एरणाकुलम जिला (वैकल्पिक वर्तनी: अर्नाकुलम जिला, एर्नाकुलम जिला; मलयालम: എറണാകുളം ജില്ല), भारत के राज्य केरल का एक जिला है। इसका मुख्यालय एर्नाकुलम या अर्नाकुलम है। इसका क्षेत्रफल 2407 वर्ग किमी और 2001 की भारत की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 3105798 है। यह भारत में सबसे ज्यादा साक्षर जिला है जहाँ साक्षरता दर शत प्रतिशत है। ग्रेटर कोचीन नामक केरल का सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र इसी जिले का हिस्सा है। यह केरल का सबसे अधिक राजस्व अर्जित करने वाला जिला भी है और इसे केरल की अर्थिक राजधानी भी कहा जाता है। यह उत्तर में त्रिसूर, पूर्व में इदुक्की, दक्षिण में आलप्पुष़ा और कोट्टयम जिलों और पश्चिम में अरब सागर से घिरा है। मलयालम यहाँ की प्रमुख भाषा है जबकि अंग्रेजी, तमिल और हिन्दी भी बोली और समझी जाती हैं। एरणाकुलम नाम का उद्भव तमिल शब्द एरायाणर्कुलम शब्द से हुआ है जिसका अर्थ शिव का निवास है। .
देखें हिन्दी और एरणाकुलम जिला
एस आर हरनोट
२००३ में अपने कहानी संग्रह दारोश तथा अन्य कहानियाँ के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखक.
देखें हिन्दी और एस आर हरनोट
एक दिल सौ अफ़साने (1963 फ़िल्म)
एक दिल और सौ अफ़साने १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और एक दिल सौ अफ़साने (1963 फ़िल्म)
एक फूल दो माली
एक फूल दो माली १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और एक फूल दो माली
एक मुसाफ़िर एक हसीना
एक मुसाफ़िर एक हसीना १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और एक मुसाफ़िर एक हसीना
एक सपेरा एक लुटेरा
एक सपेरा एक लुटेरा १९६४५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और एक सपेरा एक लुटेरा
एक साल पहले
एक साल पहले १९६४५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और एक साल पहले
एक हसीना थी (2003 फ़िल्म)
एक हसीना थी 2004 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और एक हसीना थी (2003 फ़िल्म)
ऐश्वर्या राय बच्चन
ऐश्वर्या राय बच्चन (जन्म: 1 नवम्बर 1973) ऐश के नाम से भी मशहूर, भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख अभिनेत्री हैं। १९९४ में मिस इंडिया प्रतियोगिता की उपविजेता रहने के बाद उसी साल उन्होंने विश्व सुन्दरी प्रतियोगिता जीती थी। ऐश्वर्या राय ने हिन्दी के अलावा तेलगू, तमिल, बंगाली और अंग्रेजी फिल्मो में भी काम किया है। .
देखें हिन्दी और ऐश्वर्या राय बच्चन
झारखण्ड
झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.
देखें हिन्दी और झारखण्ड
ठाकुर जर्नैल सिंह
ठाकुर जर्नैल सिंह १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और ठाकुर जर्नैल सिंह
डिम्पल कपाड़िया
डिम्पल कपाड़िया (जन्म: 8 जून, 1957) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री है जिनके पति राजेश खन्ना थे। इनकी बेटी भी एक अभिनेत्री है। जिनका नाम ट्विंकल खन्ना है और दामाद अक्षय कुमार है। .
देखें हिन्दी और डिम्पल कपाड़िया
डैनी डेन्जोंगपा
डैनी डेन्जोंगपा (जन्म- २५ फ़रवरी १९४८) एक भारतीय अभिनेता हैं। ये हिन्दी फ़िल्मों में काम करते हैं। ये भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित कलाकार हैं।सिक्किम में जन्म डैनी भुटिया जाति के हैं एवं भुटिया इनकी मातृभाषा है। अपने शूरूवाती दिनों में ये नेपाली तथा हिन्दी फ़िल्मों में गीत गाते थे। .
देखें हिन्दी और डैनी डेन्जोंगपा
डेनमार्क
डेनमार्क या डेनमार्क राजशाही (डैनिश: Danmark या Kongeriget Danmark) स्कैंडिनेविया, उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमा केवल जर्मनी से मिलती है, जबकी उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर इसे स्वीडन से अलग करते हैं। यह देश जूटलैंड प्रायद्वीप पर हज़ारों द्वीपों में फैला हुआ है। डेनमार्क ने लंबे समय तक बाल्टिक सागर को जाने वाले मार्गों को नियंत्रित किया है और इस जलराशी को डैनिश खाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके छोटे आकार के विपरीत इसकी समुद्री सीमा बहुत लम्बी है लगभग ७,३१४ किमी। डेनमार्क अधिकांशतः एक समतल देश है और समुद्र तल से अधिकतम ऊँचाई वाला स्थान केवल १७० मीटर ऊँचा है। फ़रो द्वीप समूह और ग्रीनलैंड डेनमार्क के अधीनस्थ है। २००८ के वैश्विक शांति सूचकांक के अनुसार डेनमार्क, आइसलैंड के बाद विश्व का सबसे शांत देश है। २००८ के ही भ्रष्टाचार दृष्टिकोण सूचकांक के अनुसार यह विश्व के सबसे कम भ्रष्ट देशों में से है और न्यूज़ीलैंड और स्वीडन के साथ पहले स्थान पर है। मोनोक्ल पत्रिका के २००८ के एक सर्वेक्षण के अनुसार इसकी राजधानी कॉपनहेगन रहने योग्य सर्वाधिक उपयुक्त नगर है। वर्ष २००९ में देश की अनुमानित जनसंख्या ५५,१९,२५९ है। .
देखें हिन्दी और डेनमार्क
डॉ. पद्मेश गुप्त
डॉ॰ पद्मेश गुप्त ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। डॉ॰ पद्मेश गुप्त ने यू॰के॰ हिन्दी समिति एवं `पुरवाई' पत्रिका के माध्यम से हिन्दी को इस देश में प्रतिष्ठित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे स्वयं मूलत: कवि हैं लेकिन बीच-बीच में कहानियां भी लिख लेते हैं। कथा यू॰के॰ की कथा गोष्ठी में कहानी पाठ भी कर चुके हैं। कृति यू॰के॰ द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में (जिसके निर्णायक भारत और अमरीका से थे) डॉ॰ पद्मेश गुप्त को कविता में प्रथम एवं कहानी में द्वितीय स्थान मिला। पद्मेश की कविताओं की विशेषता यह है कि वे पढ़ने में भी उतना ही प्रभावित करती हैं जितनी कि सुनने में। उनकी कविताएं समकालीन विषयों को उठाती हैं और बहुत से नए बिम्ब भी प्रस्तुत करती हैं। .
देखें हिन्दी और डॉ. पद्मेश गुप्त
डॉ. महेन्द्र वर्मा
डॉ॰ महेन्द्र वर्मा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। यॉर्क विश्वविद्यालय में डॉ॰ महेन्द्र वर्मा हिन्दी का बीड़ा उठाए हुए हैं। 1999 के विश्व हिन्दी सम्मेलन के कर्णधारों में से एक महेन्द्र वर्मा कविता भी करते हैं। वे ब्रिटेन के एकमात्र ऐसे प्राध्यापक हैं जिन्होंने विश्वविद्यालय में हिन्दी के कथाकारों को निमंत्रित करके वहां कार्यशालाएं करवाई हैं। स्थानीय हिन्दी लेखक एवं विद्यार्थियों के बीच यह एक अनूठा अनुभव पैदा करता है। .
देखें हिन्दी और डॉ. महेन्द्र वर्मा
डॉ. कृष्ण कुमार
डॉ॰ कृष्ण कुमार बर्मिंघम मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। में डॉ॰ कृष्ण कुमार एक लम्बे अर्से से भारतीय भाषाओं की ज्योति `गीतांजलि बहुभाषी समाज' के माध्यम से जगाये हुए हैं। गीतांजलि ब्रिटेन की एकमात्र ऐसी संस्था है जो भारत की तमाम भाषाओं को साथ लेकर चलने का प्रयास करती है। डॉ॰ कुमार 1999 के विश्व हिन्दी सम्मेलन, लंदन के अध्यक्ष भी थे। डॉ॰ कुमार की कविताएं गहराई और अर्थ का संगीतमय मिश्रण होती हैं। विचार उनकी कविताओं पर हावी रहता है। उन्हें एक अर्थ में यदि कवियों का कवि कहा जाय तो शायद गलत न होगा क्योंकि गीतांजलि के माध्यम से वे बर्मिंघम के कवियों कवयित्रियों को एक नई राह भी दिखा रहे हैं। उनके अब तक दो कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। गीतांजलि के सदस्यों में विभिन्न भारतीय भाषाओं के कवि शामिल हैं। अजय त्रिपाठी, स्वर्ण तलवार, रमा जोशी, चंचल जैन, विभा केल आदि काफी अर्से से कविता लिख रहे हैं। प्रियंवदा देवी मिश्र की रचनाओं में महादेवी वर्मा का प्रभाव साफ महसूस किया जा सकता है। .
देखें हिन्दी और डॉ. कृष्ण कुमार
डीडवाना
डीडवाना राजस्थान के नागोर जिले का शहर है। डीडवाना का पुराना नाम आभानगरी था। यह 5000 वर्ष पुराना नगर है। बाद में आभनगरी से बदल कर इसका नाम दीन दीदवाना कर दिया। नगर में अभी भी दीन दरवाज़ा स्थित है। दीन शब्द् मुगलकाल में इस्लाम से आया था। और बाद में डिडू शाह नामक राजा ने इसका नाम बदल कर दीदवाना से डीडवाना कर दिया। जो की वर्तमान में है। आजकल डीडवाना नागौर जिले का राजस्थान में प्रसिद्ध शहर है। डीडवाना और इसके समीप गांवों के लोग भारत के महानगरो में महत्वपूर्ण पदों में और प्रसिद्ध उधोगपति है। प्रसिद्ध माहेश्वरी अरबपति व्यपारिक परिवार बांगड़ डीडवाना से है। इसके अलावा यहाँ रामानुजा संप्रदाय के आधार पर भी प्रशिद्ध है। नगर में 400 वर्ष पुराना शयाम महाराज का मंदिर आज भी स्थित है। शहर ऐतिहासिक रूप से सूफी संत ख्वाज़ा मोइनुद्दीन की याद में सम्राट अकबर द्वारा निर्मित किला मस्जिद के लिए भी प्रसिद्ध है। .
देखें हिन्दी और डीडवाना
तत्सम
तत्सम (तत् + सम .
देखें हिन्दी और तत्सम
तद्भव
तद्भव हिन्दी की एक पत्रिका है। यह पत्रिका हर बार आधुनिक रचनाशीलता पर केन्द्रित एक विशिष्ट संचयन होती है तथा विशुद्ध साहित्यिक सामग्रियों को प्रकाशन में महत्व देती है।.
देखें हिन्दी और तद्भव
तनुजा
तनुजा (जन्म: 23 सितंबर, 1943) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और तनुजा
तबु
तब्बू (तब्बू) (तबस्सुम हाशमी (తబస్సుం హష్మి) का जन्म 4 नवम्बर 1970 को हुआ) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री है। हालांकि उन्होंने कई तमिल, तेलुगू, मलयालम, बंगला भाषा एवं साथ ही एक अमरीकी फिल्म में भी काम किया है, लेकिन मुख्यतः उन्होंने हिंदी फिल्मों में ही अभिनय किया है। उन्हें दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है एवं उन्हें सबसे अधिक बार सर्वश्रेष्ठ महिला कलाकार की श्रेणी में फिल्मफेयर का समीक्षक अवॉर्ड, चार बार, जीतने का रिकॉर्ड भी हासिल हैं। कुछ अपवादों के बावजूद, तब्बू मुख्यतः कलात्मक एवं कम बजट फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जानी जाती हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर आंकड़े (रुपये) जुटाने की बजाय कहीं अधिक आलोचनात्मक सराहना जुटाती हैं। व्यावसायिक तौर पर सफल फिल्मों में उनकी उपस्थिति कम ही रही है और ऐसी फिल्मों में उनकी भूमिका भी बहुत छोटी रही हैं, मसलन-बॉर्डर (1997), साजन चले ससुराल (1996), बीवी नंबर वन Hum Saath-Saath Hain: We Stand United (1999) आदि फ़िल्में.
देखें हिन्दी और तबु
तमिल भाषा
तमिल (தமிழ், उच्चारण:तमिऴ्) एक भाषा है जो मुख्यतः तमिलनाडु तथा श्रीलंका में बोली जाती है। तमिलनाडु तथा पुदुचेरी में यह राजभाषा है। यह श्रीलंका तथा सिंगापुर की कई राजभाषाओं में से एक है। .
देखें हिन्दी और तमिल भाषा
तरणी
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और तरणी
तारक
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और तारक
तक़दीर (1967 फ़िल्म)
तक़दीर १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और तक़दीर (1967 फ़िल्म)
तुमसे अच्छा कौन है
तुमसे अच्छा कौन है 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और तुमसे अच्छा कौन है
त्रिशंकु
त्रिशंकु का अर्थ है निराधार लटका हुआ। .
देखें हिन्दी और त्रिशंकु
तेरे घर के सामने (1963 फ़िल्म)
तेरे घर के सामने १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और तेरे घर के सामने (1963 फ़िल्म)
तेरी तलाश में
तेरी तलाश में १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और तेरी तलाश में
तेलमालिश बूटपॉलिश
तेलमालिश बूटपॉलिश १९६१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और तेलमालिश बूटपॉलिश
तेलुगू भाषा
तेलुगु भाषा (तेलुगू:తెలుగు భాష) भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों की मुख्यभाषा और राजभाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार के अन्तर्गत आती है। यह भाषा आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के अलावा तमिलनाडु, कर्णाटक, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी बोली जाती है। तेलुगु के तीन नाम प्रचलित हैं -- "तेलुगु", "तेनुगु" और "आंध्र"। .
देखें हिन्दी और तेलुगू भाषा
तेजेंद्र शर्मा
तेजेंद्र शर्मा (जन्म २१ अक्टूबर १९५२) ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी कवि लेखक एवं नाटककार है। इनका जन्म 21 अक्टूबर 1952 में पंजाब के जगरांव शहर में हुआ। तेजेन्द्र शर्मा की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के अंधा मुग़ल क्षेत्र के सरकारी स्कूल में हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में एम.ए.
देखें हिन्दी और तेजेंद्र शर्मा
तोषी अमृता
तोषी अमृता ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखक है। तोषी अमृता शृंगार रस की कवयित्री हैं। उनके गीतों में प्रेम एवं शृंगार मुखर रूप से दिखाई देते हैं। उनकी भाषा सरल, पठनीय एवं सुरीली होती है। वैसे उन्होंने कुछ छुटपुट कहानियां भी लिखी हैं लेकिन मूलत: वे गीतकार हैं और हिन्दी साहित्य को कुछ सुन्दर से प्रेमगीत देने की तैयारी में हैं। .
देखें हिन्दी और तोषी अमृता
तीव्र
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, इस शब्द का अर्थ है तेज, अत्याधिक, तीक्ष्ण । .
देखें हिन्दी और तीव्र
द बर्निंग ट्रेन
द बर्निंग ट्रेन 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और द बर्निंग ट्रेन
दमन और दीव
Diu दमन और दीव मुंबई के समीप अरब सागर में स्थित द्वीप समूह हैं जो भारत का एक केन्द्र शासित प्रान्त है। यहाँ की राजधानी दमन है। .
देखें हिन्दी और दमन और दीव
दया
दया शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है। इसका का अर्थ करुणा है।कई विद्वानो ने दया की अलग अलग परिभाषा दी है,तुलसीदास जी ने दया को धर्म का मूल कहा है।जब तक ह्रदय मे दया है,तब तक धर्म उस पर टिका हुआ है, दया की अनुपस्थिती में धर्म का कोई अस्तित्व नही है। श्रेणी:शब्दार्थ.
देखें हिन्दी और दया
दलीप ताहिल
दिलीप ताहिल (जन्म: 30 अक्टूबर, 1952) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और दलीप ताहिल
दिल चाहता है
दिल चाहता है 2001 में फ़रहान अख्तर द्वारा निर्देशित की गई हिन्दी नाटकीय हास्य फिल्म है। आमिर खान, सैफ अली खान, अक्षय खन्ना, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया अभिनीत ये फिल्म फरहाँ अख्तर द्वारा लिखित और निर्देशित पहली फिल्म है। 2001 में, फिल्म ने हिन्दी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। .
देखें हिन्दी और दिल चाहता है
दिल एक मन्दिर (1963 फ़िल्म)
दिल एक मन्दिर 1963 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दिल एक मन्दिर (1963 फ़िल्म)
दिल दिया दर्द लिया
दिल दिया दर्द लिया १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फ़िल्म अंग्रेज़ी की लेखिका ऍमिली ब्रॉन्टी के उपन्यास वदरिंग हाइट्स पर आधारित है। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार हैं दिलीप कुमार, वहीदा रहमान तथा प्राण। .
देखें हिन्दी और दिल दिया दर्द लिया
दिल ने पुकारा
दिल ने पुकारा १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दिल ने पुकारा
दिल ने फिर याद किया
दिल ने फिर याद किया १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दिल ने फिर याद किया
दिल भी तेरा हम भी तेरे
दिल भी तेरा हम भी तेरे हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और दिल भी तेरा हम भी तेरे
दिल ही तो है (1963 फ़िल्म)
दिल ही तो है १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दिल ही तो है (1963 फ़िल्म)
दिल अपना और प्रीत पराई
दिल अपना और प्रीत पराई हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और दिल अपना और प्रीत पराई
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को यह पूरे भारत में निर्गमित हुई। इस फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के पुत्र आदित्य चोपड़ा ने किया। शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी इसके प्रमुख कलाकारों में थे। इस फिल्म के नाम सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड है। यह मुंबई के मराठा मंदिर में तेरह सालों से भी ज्यादा समय तक चली.
देखें हिन्दी और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
दिल्ली
दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .
देखें हिन्दी और दिल्ली
दिल्ली मेट्रो रेल
दिल्ली मेट्रो रेल भारत की राजधानी दिल्ली की मेट्रो रेल परिवहन व्यवस्था है जो दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड द्वारा संचालित है। इसका शुभारंभ २४ दिसंबर, २००२ को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई। इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति ८०किमी/घंटा (५०मील/घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग २० सेकेंड रुकती है। सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो रेल एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले परिवहन का ज्यादतर बोझ सड़क पर था। प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की थी जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ते थे। इस प्रारंभिक चरण को २००६ में पूरा किय़ा गया। बाद में इसका विस्तार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सटे शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गाँव और नोएडा तक किया गया। इस परिवहन व्यवस्था की सफलता से प्रभावित होकर भारत के दूसरे राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक ७ अप्रैल, २००६ बीबीसी, हिन्दी, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में भी इसे चलाने की योजनाएं बन रही हैं। दिल्ली मेट्रो रेल व्यव्स्था अपने शुरुआती दौर से ही ISO १४००१ प्रमाण-पत्र अर्जित करने में सफल रही है जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सितंबर २०११ में संयुक्त राष्ट्र ने "स्वच्छ विकास तंत्र" योजना के तहत हरित गृह गैसों में कमी लाने के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला "कार्बन क्रेडिट" दिया जिसके अंतर्गत उसे सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर मिलेंगे। .
देखें हिन्दी और दिल्ली मेट्रो रेल
दिल्ली विश्वविद्यालय
दिल्ली विश्वविद्यालय (अंग्रेजी:University of Delhi), भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। भारत की राजधानी दिल्ली स्थित यह विश्वविद्यालय 1922 में स्थापित हुआ था। यह स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलाधिपति हैं। THES-QS की विश्व के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के अनुसार यह भारत का शीर्ष गैर-आईआईटी विश्वविद्यालय है। दिल्ली विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं जो दिल्ली के उत्तरी और दक्षिणी भाग में स्थित हैं। इन्हें क्रमश: उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर कहा जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय का उत्तरी परिसर में दिल्ली मेट्रो की पीली लाइन के साथ सुनियोजित ढंग से जुड़ा हुआ है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'विश्वविद्यालय' है। उत्तरी परिसर दिल्ली विधान सभा से 2.5 किमी और अंतरराज्यीय बस अड्डे से 7.0 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।तो वहीं इसका दक्षिणी परिसर गुलाबी (पिंक)लाइन से जुड़ा है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'दुर्गाबाई देशमुख साउथ केम्पस 'है| .
देखें हिन्दी और दिल्ली विश्वविद्यालय
दिलीप कुमार अभिनीत फिल्मे
दिलीप कुमार अभिनीत फिल्मे यह उन हिंदी फिल्मो की सूची है जिनमे हिंदी अभिनेता दिलीप कुमार ने कार्य किया। यह सूची अधूरी भी हो सकती है। ऐसा है तो इसे पूरा करे.
देखें हिन्दी और दिलीप कुमार अभिनीत फिल्मे
दिव्या भारती
दिव्या भारती (14 फ़रवरी 1974–5 अप्रैल 1993) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री थीं, जिनकी अभिनय विविधता से उन्हें "अपनी पीढ़ी के सबसे चित्ताकर्षक युवा अभिनेत्री " होने का गौरव मिला। 90 के दशक से अपनी करियर की शुरुवात करने वाली दिव्या ने कई प्रकार के व्यावसायिक रूप से सफल गति चित्रों में अभिनय किया है। हिंदी फिल्मों के अलावा दक्षिण भारतीय सिनेमा में भी दर्शकों से उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अधिक तत्परता से भारती ने अपनी करियर की शुरुआत तमिल एवं तेलुगु फिल्मों से ही की थी। अभिनय के अतिरिक्त भारती में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की छवि नज़र आती थी। भारती ने अपने अभिनय की शुरुवात तेलुगु फिल्म "बोब्बिली राजा" से सन् 1990 में की। शुरुआती समय में भारती को कम महत्व संबंधित भूमिकाएँ दी जाती थीं। फ़िल्मी सफर में उन्हें सफलता हिंदी फिल्म विश्वात्मा से मिली। इसी फिल्म के "सात समुन्दर पार गाने" से उन्हें एक अलग पहचान मिली। सन् 1992 तक भारती स्वयं को बॉलीवुड में एक सफल नायकत्व के रूप में स्थापित कर लिया था। अन्य फिल्में सरूप शोला और शबनम, एक नाटकीय फिल्म जिसमें भारती को निडर रास के भूमिका को दर्शाया। 1992 में बनी प्रेम प्रसंगयुक्त फिल्म दीवाना में भारती के निष्पादन ने उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया। 1992-1993 के मध्य तक भारती ने मात्र 19 वर्ष की आयु में सात चौदह हिंदी और सात दक्षिण भारतीय फिल्में की। अपने कम समय के करियर के दौरान मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा भारती ने एक शक्तिशाली अभिनय की उत्पत्ति की। उनकी अंतिम पूरी की हुई फिल्में रंग, सह अभिनीत कमल सदानाह और शतरंज, सह अभिनीत जैकी श्रॉफ थी, जिन्हें भारती के ३ अप्रैल १९९३ में रहस्यमय मरण के बाद जारी किया गया। यद्यपि भारती को अपने सम्पूर्ण करियर में कई अवनतियों का सामना करना पड़ा, उन्होंने खुद को ढूंढा और स्वयं को बॉलीवुड में एक सफल मुकाम बनाने में कामयाब भी रहीं। 1993 में हुई उनकी रहस्मयी मृत्यु से उनका करियर भी समाप्त हो गया। .
देखें हिन्दी और दिव्या भारती
दिव्या माथुर
दिव्या माथुर ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखक है। कविता और कहानी समान रूप से लिखती रही हैं। उनके कहानी संग्रह `आक्रोश' के लिए उन्हें वर्ष 2001 का पद्मानंद साहित्य सम्मान प्राप्त हो चुका है। उनकी कविताओं में जहां तीखा क्षोभ है, वहीं मार्मिकता भी है, संवेदनशील बुनावट है तो भावात्मक कसावट भी है। उनके कहानी संग्रह में संग्रहित अधिकतर रिश्तों और स्थितियों में पिस रही औरत की कहानियां हैं। उनके रचना संसार में सास और पति आमतौर पर ज़ुल्म का प्रतीक बनकर उभरते हैं। उनकी कहानियों का अनुवाद कई भाषाओं में हुआ है। उनकी कहानियों एवं कविताओं को भी कई संकलनों में शामिल किया गया है। उनके अब तक चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। भारत में उनके रचना संसार पर एम.
देखें हिन्दी और दिव्या माथुर
दक्षिण एशिया
thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.
देखें हिन्दी और दक्षिण एशिया
दक्षिण गोवा जिला
दक्षिण गोवा और इसके तालुकाओं (तहसीलों) को पीले वर्णों से दर्शाया गया है दक्षिण गोवा जिला, भारतीय राज्य गोवा के दो जिलों में से एक है। जिले का क्षेत्रफल 1966 वर्ग किमी और 2001 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 586591 है। इस जिले के उत्तर में उत्तर गोवा जिला, दक्षिण और पूर्व में कर्नाटक राज्य का उत्तर कन्नड़ जिला और पश्चिम में अरब सागर स्थित है। .
देखें हिन्दी और दक्षिण गोवा जिला
दक्षिण अमेरिका
दक्षिण अमेरिका (स्पेनी: América del Sur; पुर्तगाली: América do Sul) उत्तर अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित पश्चिमी गोलार्द्ध का एक महाद्वीप है। दक्षिणी अमेरिका उत्तर में १३० उत्तरी अक्षांश (गैलिनस अन्तरीप) से दक्षिण में ५६० दक्षिणी अक्षांश (हार्न अन्तरीप) तक एवं पूर्व में ३५० पश्चिमी देशान्तर (रेशिको अन्तरीप) से पश्चिम में ८१० पश्चिमी देशान्तर (पारिना अन्तरीप) तक विस्तृत है। इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा पनामा नहर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व में अन्ध महासागर, पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा दक्षिण में अण्टार्कटिक महासागर स्थित हैं। भूमध्य रेखा इस महाद्वीप के उत्तरी भाग से एवं मकर रेखा मध्य से गुजरती है जिसके कारण इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है। दक्षिणी अमेरिका की उत्तर से दक्षिण लम्बाई लगभग ७,२०० किलोमीटर तथा पश्चिम से पूर्व चौड़ाई ५,१२० किलोमीटर है। विश्व का यह चौथा बड़ा महाद्वीप है, जो आकार में भारत से लगभग ६ गुना बड़ा है। पनामा नहर इसे पनामा भूडमरुमध्य पर उत्तरी अमरीका महाद्वीप से अलग करती है। किंतु पनामा देश उत्तरी अमरीका में आता है। ३२,००० किलोमीटर लम्बे समुद्रतट वाले इस महाद्वीप का समुद्री किनारा सीधा एवं सपाट है, तट पर द्वीप, प्रायद्वीप तथा खाड़ियाँ कम हैं जिससे अच्छे बन्दरगाहों का अभाव है। खनिज तथा प्राकृतिक सम्पदा में धनी यह महाद्वीप गर्म एवं नम जलवायु, पर्वतों, पठारों घने जंगलों तथा मरुस्थलों की उपस्थिति के कारण विकसित नहीं हो सका है। यहाँ विश्व की सबसे लम्बी पर्वत-श्रेणी एण्डीज पर्वतमाला एवं सबसे ऊँची टीटीकाका झील हैं। भूमध्यरेखा के समीप पेरू देश में चिम्बोरेजो तथा कोटोपैक्सी नामक विश्व के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत हैं जो लगभग ६,०९६ मीटर ऊँचे हैं। अमेजन, ओरीनिको, रियो डि ला प्लाटा यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। दक्षिण अमेरिका की अन्य नदियाँ ब्राज़ील की साओ फ्रांसिस्को, कोलम्बिया की मैगडालेना तथा अर्जेण्टाइना की रायो कोलोरेडो हैं। इस महाद्वीप में ब्राज़ील, अर्जेंटीना, चिली, उरुग्वे, पैराग्वे, बोलिविया, पेरू, ईक्वाडोर, कोलोंबिया, वेनेज़ुएला, गुयाना (ब्रिटिश, डच, फ्रेंच) और फ़ाकलैंड द्वीप-समूह आदि देश हैं। .
देखें हिन्दी और दक्षिण अमेरिका
दुर्गा खोटे
दुर्गा खोटे (निधन: 22 सितंबर, 1991) हिन्दी अपने जमाने मे हिन्दी व मराठी फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही हैं। उन्होंने अनेक हिट फिल्मों में शानदार अभिनय किया। आरम्भिक फिल्मों में नायिका की भूमिकाएँ करने के बाद जब वे चरित्र अभिनेत्री की भूमिकाओं में दर्शकों के सामने आईं, तबके उनके बेमिसाल अभिनय को आज तक लोग याद करते हैं। .
देखें हिन्दी और दुर्गा खोटे
दुल्हन एक रात की
दुल्हन एक रात की १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दुल्हन एक रात की
दुविधा
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और दुविधा
द्रुत
द्रुत गति को जनाने वाला एक शब्द है। इस शब्द का मूल तत्सम यानी संस्कृत है। .
देखें हिन्दी और द्रुत
दूरदर्शन (बहुविकल्पी)
दूरदर्शन के कई अर्थ हो सकते हैं -.
देखें हिन्दी और दूरदर्शन (बहुविकल्पी)
देश (2002 फ़िल्म)
देश 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और देश (2002 फ़िल्म)
देहरादून जिला
यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.
देखें हिन्दी और देहरादून जिला
देवदास (२००२ फ़िल्म)
देवदास शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित चलचित्र है। यह इसी नाम पर बना तीसरा और प्रथम रंगीन चलचित्र है। इस चलचित्र में शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित प्रमुख भुमिका में हैं और इसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है। जब यह चलचित्र प्रदर्शित किया गया था, तब यह बॉलीवुड का सर्वाधिक बजट वाला चलचित्र था जिसका बजट ५० करोड़ रु बताया जाता है। हिन्दी के अतिरिक्त इसे छः अन्य भाषाओं में प्रदर्शित किया गया था: अंग्रेजी़, गुजराती, फ्रांसीसी, मंदारिन (चीनी), थाई और पंजाबी। .
देखें हिन्दी और देवदास (२००२ फ़िल्म)
देवनागरी
'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .
देखें हिन्दी और देवनागरी
देवर (फ़िल्म)
देवर १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और देवर (फ़िल्म)
देवरिया जिला
देवरिया भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय देवरिया शहर है। देवरिया ज़िला गन्ने की खेती और चीनी मिलों के लिए प्रसिध्द है। यहां की फसलों में धान, गेहूँ, जौ, बाजरा, चना, मटर, अरहर, तिल, सरसों इत्यादि प्रमुख हैं। गंडक, तथा घाघरा इस जिले से हो कर बहती हैं। गंडक नदी एक पौराणिक नदी है; इसका पौराणिक नाम हिरण्यावती है। इन नदियों का यहाँ की सिंचाई में महत्वपूर्ण योगदान है। सिंचाई के अन्य साधनों में नहरें एवं नलकूप प्रमुख हैं। .
देखें हिन्दी और देवरिया जिला
देविका रानी
देविका रानी (जन्म: 30 मार्च, 1908 निधन: 8 मार्च, 1994) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। निःसंदेह भारतीय सिनेमा के लिये देविका रानी का योगदान अपूर्व रहा है और यह हमेशा हमेशा याद रखा जायेगा। जिस जमाने में भारत की महिलायें घर की चारदीवारी के भीतर भी घूंघट में मुँह छुपाये रहती थीं, देविका रानी ने चलचित्रों में काम करके अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था। उन्हें उनके अद्वितीय सुंदरता के लिये भी याद किया जाता रहेगा। .
देखें हिन्दी और देविका रानी
देवघर
देवघर भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। देवघर का मुख्य बाजार सिमरा है।यह शहर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल है। इस शहर को बाबाधाम नाम से भी जाना जाता है क्योंकि शिव पुराण में देवघर को बारह जोतिर्लिंगों में से एक माना गया है। यहाँ भगवान शिव का एक अत्यंत प्राचीन मंदिर स्थित है। हर सावन में यहाँ लाखों शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है जो देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेशों से भी यहाँ आते हैं। इन भक्तों को काँवरिया कहा जाता है। ये शिव भक्त बिहार में सुल्तानगंज से गंगा नदी से गंगाजल लेकर 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर देवघर में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। झारखंड कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। यह एक प्रसिद्ध हेल्थ रिजॉर्ट है। लेकिन इसकी पहचान हिंदु तीर्थस्थान के रूप में की जाती है। यहां बाबा बैद्यनाथ का ऐतिहासिक मंदिर है जो भारत के बारह ज्योतिर्लिगों में से एक है। माना जाता है कि भगवान शिव को लंका ले जाने के दौरान उनकी स्थापना यहां हुई थी। प्रतिवर्ष श्रावण मास में श्रद्धालु 100 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा करके सुल्तानगंज से पवित्र जल लाते हैं जिससे बाबा बैद्यनाथ का अभिषेक किया जाता है। देवघर की यह यात्रा बासुकीनाथ के दर्शन के साथ सम्पन्न होती है। बैद्यनाथ धाम के अलावा भी यहां कई मंदिर और पर्वत हैं जहां दर्शन कर अपनी इच्छापूर्ति की कामना की जा सकती है। .
देखें हिन्दी और देवघर
देवकीनन्दन खत्री
देवकीनन्दन खत्री देवकीनन्दन खत्री बाबू देवकीनन्दन खत्री (29 जून 1861 - 1 अगस्त 1913) हिंदी के प्रथम तिलिस्मी लेखक थे। उन्होने चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति, काजर की कोठरी, नरेंद्र-मोहिनी, कुसुम कुमारी, वीरेंद्र वीर, गुप्त गोंडा, कटोरा भर, भूतनाथ जैसी रचनाएं की। 'भूतनाथ' को उनके पुत्र दुर्गा प्रसाद खत्री ने पूरा किया। हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में उनके उपन्यास चंद्रकांता का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस उपन्यास ने सबका मन मोह लिया। इस किताब का रसास्वादन के लिए कई गैर-हिंदीभाषियों ने हिंदी सीखी। बाबू देवकीनंदन खत्री ने 'तिलिस्म', 'ऐय्यार' और 'ऐय्यारी' जैसे शब्दों को हिंदीभाषियों के बीच लोकप्रिय बनाया। जितने हिन्दी पाठक उन्होंने (बाबू देवकीनन्दन खत्री ने) उत्पन्न किये उतने किसी और ग्रंथकार ने नहीं। .
देखें हिन्दी और देवकीनन्दन खत्री
देवेन वर्मा
देवेन वर्मा हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता थे।इनका जन्म २३ अक्टूबर १९३७ को कच्छ राज्य, (ब्रिटिश भारत) में हुआ था। वह एक अभिनेता और निर्माता थे, जिन्हे अंगूर (१९८२),गोल माल (1979 फ़िल्म), खट्टा मीठा (1978 फ़िल्म), नास्तिक, रंग बिरंगी,अंदाज अपना अपना (१९९४) और दिल तो पागल है (१९९७) ही नहीं वरन कई हास्य फ़िल्मों के लिए जाना जाता था।2 दिसंबर, 2014 को पुणे, महाराष्ट्र, भारत में उनका निधन हो गया। .
देखें हिन्दी और देवेन वर्मा
दो दिल
दो दिल १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दो दिल
दो दूनी चार
दो दूनी चार १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दो दूनी चार
दो वक्त की रोटी (1988 फ़िल्म)
दो वक्त की रोटी 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और दो वक्त की रोटी (1988 फ़िल्म)
दीपावली
दीपावली या दीवाली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X – p.540 "Diwali /dɪwɑːli/ (also Divali) noun a Hindu festival with lights...".
देखें हिन्दी और दीपावली
दीपक शर्मा
दीपक शर्मा दीपक शर्मा (जन्म ३० नवंबर १९४६) हिन्दी की जानी मानी कथाकार हैं। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से अँग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। उनके पिता आल्हासिंह भुल्लर पाकिस्तान के लब्बे गाँव के निवासी थे तथा माँ मायादेवी धर्मपरायण गृहणी थीं। १९७२ में उनका विवाह श्री प्रवीण चंद्र शर्मा से हुआ जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। संप्रति वे लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के अंग्रेज़ी विभाग में वरिष्ठ प्रवक्ता हैं। .
देखें हिन्दी और दीपक शर्मा
दीप्ति भटनागर
दीप्ती भटनागर हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और दीप्ति भटनागर
दीप्ती नवल
दीप्ति नवल हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। दीप्ति नवल का व्यक्तित्व बहुआयामी है| वे कवयित्री और चित्रकार होने के साथ साथ एक कुशल छायाकार भी हैं| इसके अतिरिक्त उन्हें संगीत से भी बहुत लगाव है और वे खुद भी कई वाद्य यंत्र बजा लेती हैं| उनकी प्रकाशित पुस्तकों में लम्हा-लम्हा बहुत मकबूल हुई है| .
देखें हिन्दी और दीप्ती नवल
दीवाना (1967 फ़िल्म)
दीवाना १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और दीवाना (1967 फ़िल्म)
धनबाद
धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .
देखें हिन्दी और धनबाद
धर्मेन्द्र
धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी द्योल और सनी द्योल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। .
देखें हिन्दी और धर्मेन्द्र
ध्यान
ध्यानपूर्वक देखने का एक उदाहरण ध्यान या अवधान चेतन मन की एक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपनी चेतना बाह्य जगत् के किसी चुने हुए दायरे अथवा स्थलविशेष पर केंद्रित करता है। यह अंग्रेजी "अटेंशन" के पर्याय रूप में प्रचलित है। हिंदी में इसके साथ "देना", "हटाना", "रखना" आदि सकर्मक क्रियाओं का प्रयोग, इसमें व्यक्तिगत प्रयत्न की अनिवार्यता सिद्ध करता है। ध्यान द्वारा हम चुने हुए विषय की स्पष्टता एवं तद्रूपता सहित मानसिक धरातल पर लाते हैं। योगसम्मत ध्यान से इस सामान्य ध्यान में बड़ा अंतर है। पहला दीर्घकालिक अभ्यास की शक्ति के उपयोग द्वारा आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर प्रेरित होता है, जबकि दूसरे का लक्ष्य भौतिक होता है और साधारण दैनंदिनी शक्ति ही एतदर्थ काम आती है। संपूर्णानंद आदि कुछ भारतीय विद्वान् योगसम्मत ध्यान को सामान्य ध्यान की ही एक चरम विकसित अवस्था मानते हैं। .
देखें हिन्दी और ध्यान
धीरज
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और धीरज
नचिकेता
नचिकेता एक पुल्लिंग नाम है। भारत में इस नाम के तीन प्रसिद्ध व्यक्ति हुए हैं- 1.
देखें हिन्दी और नचिकेता
नम
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और नम
नमस्ते जी
नमस्ते जी १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और नमस्ते जी
नमक हलाल
1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और नमक हलाल
नरेश भारतीय
नरेश भारतीय (नरेश अरोड़ा) ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। एक लम्बे अर्से से बी.बी.सी. रेडिया हिन्दी सेवा से जुड़े रहे। उनके लेख भारत की प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। पुस्तक रूप में उनके लेख संग्रह `उस पार इस पार' के लिए उन्हें पद्मानंद साहित्य सम्मान (2002) प्राप्त हो चुका है। उनके इस संकलन की विशेषता यह है कि उनके जो लेख पहले पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके थे उन्होंने संकलन में आवश्यक बदलाव करने में कोई गुरेज़ नहीं किया। हिन्दी लेखकों के लिए यह एक अनुकरणीय कदम है। वर्ष 2003 में आतंकवाद पर उनकी पुस्तक `आतंकवाद' प्रकाशित हुई है। नरेश भारतीय कविता भी लिखते हैं किन्तु लेख उनकी प्रिय विधा है। नरेशजी किसी भी प्रकार की साहित्यिक राजनीति से दूर निरंतर लेखन में व्यस्त रहते हैं। उनके पहले उपन्यास दिशाए बदल गई का विमोचन भारत की राजधानी दिल्ली में किया गया। .
देखें हिन्दी और नरेश भारतीय
नरेश मेहता
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी के यशस्वी कवि श्री नरेश मेहता उन शीर्षस्थ लेखकों में हैं जो भारतीयता की अपनी गहरी दृष्टि के लिए जाने जाते हैं। नरेश मेहता ने आधुनिक कविता को नयी व्यंजना के साथ नया आयाम दिया। रागात्मकता, संवेदना और उदात्तता उनकी सर्जना के मूल तत्त्व है, जो उन्हें प्रकृति और समूची सृष्टि के प्रति पर्युत्सुक बनाते हैं। आर्ष परम्परा और साहित्य को श्रीनरेश मेहता के काव्य में नयी दृष्टि मिली। साथ ही, प्रचलित साहित्यिक रुझानों से एक तरह की दूरी ने उनकी काव्य-शैली और संरचना को विशिष्टता दी। श्री नरेश मेहता ने इन्दौर से प्रकाशित चौथा संसार हिन्दी दैनिक का सम्पादन भी किया। .
देखें हिन्दी और नरेश मेहता
नरोत्तमदास
नरोत्तमदास हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। महाकवि नरोत्तमदास .
देखें हिन्दी और नरोत्तमदास
नादिरा
नादिरा (जन्म: 5 दिसंबर, 1932 निधन: 9 फरवरी, 2006) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। 'मुड़ मुड़ के न देख गर्ल' नादिरा ने अधिकतर फ़िल्मों में नेगेटिव रोल किए किसी ज़माने में हिंदी फ़िल्मी दुनिया में 'मुड़ मुड़ के न देख गर्ल' के नाम से मशहूर हुईं नादिरा का गुरूवार को निधन हो गया। 1952 में महबूब ख़ान की 'आन' से अपने करियर की शुरूआत करने वाली नादिरा कुछ समय से बीमार थीं और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज हो रहा था। पचास और साठ के दशक में नादिरा की शोहरत आसमान पर थी और राजकपूर की 'श्री चार सौ बीस' के एक गाने के बाद से तो उन्हें 'मुड़ मुड़ के न देख गर्ल' ही कहा जाने लगा था। .
देखें हिन्दी और नादिरा
नाना पाटेकर
विश्वनाथ "नाना" पाटेकर (जन्म: 1 जनवरी, 1951) हिन्दी एवं मराठी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और नाना पाटेकर
नामुमकिन (1988 फ़िल्म)
नामुमकिन 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और नामुमकिन (1988 फ़िल्म)
नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर)
नारद एक पुराना एवं अपने समय का सर्वाधिक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग ऍग्रीगेटर है। यह हिन्दी चिट्ठाजगत में प्रकाशित सभी प्रविष्टियों को एक ही जगह एकीकृत रूप में दिखाने का उपाय है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .
देखें हिन्दी और नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर)
नासिरा शर्मा
नासिरा शर्मा (जन्म: १९४८) हिन्दी की प्रमुख लेखिका हैं। सृजनात्मक लेखन के साथ ही स्वतन्त्र पत्रकारिता में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है। वह ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य कला व सांस्कृतिक विषयों की विशेषज्ञ हैं। वर्ष २०१६ का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनके उपन्यास पारिजात के लिए दिया जायेगा। .
देखें हिन्दी और नासिरा शर्मा
नागार्जुन
नागार्जुन (३० जून १९११-५ नवंबर १९९८) हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने हिन्दी के अतिरिक्त मैथिली संस्कृत एवं बाङ्ला में मौलिक रचनाएँ भी कीं तथा संस्कृत, मैथिली एवं बाङ्ला से अनुवाद कार्य भी किया। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित नागार्जुन ने मैथिली में यात्री उपनाम से लिखा तथा यह उपनाम उनके मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र के साथ मिलकर एकमेक हो गया। .
देखें हिन्दी और नागार्जुन
नाइट इन लंदन
नाइट इन लंदन १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और नाइट इन लंदन
निदा फ़ाज़ली
मुक़्तदा हसन निदा फ़ाज़ली या मात्र निदा फ़ाज़ली (ندا فاضلی.) हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर थे इनका निधन ०८ फ़रवरी २०१६ को मुम्बई में निधन हो गया। .
देखें हिन्दी और निदा फ़ाज़ली
निरन्तर
right निरंतर हिन्दी चिट्ठाकारों के एक समूह द्वारा प्रकाशित विश्व की पहली ज्ञात हिन्दी ब्लॉगज़ीन और जाल-पत्रिका थी। गैरपेशेवर प्रकाशकों द्वारा निकाली जाने वाली इस पत्रिका के प्रकाशकों का दावा था कि यह पाठकों को प्रकाशित लेखों पर त्वरित टिप्पणी करने का मौका देती है। निरंतर की स्थापना 2005 में की गई, पहले यह पंकज नरूला द्वारा स्थापित अक्षरग्राम डोमेन के अंतर्गत प्रकाशित होती थी परंतु बाद में अपने ही डोमेन से प्रकाशित होने लगी। जाल पर हिन्दी के बढ़ते प्रयोग के मद्देनज़र यह प्रयास शुरु किया गया था। निरंतर से जुड़े लोग वैसे तो चिट्ठाकारी से जुड़े थे पर यह पत्रिका उनके औपचारिक लेखन को प्रस्तुत करने का एक मंच बनी। अगस्त 2005 में निरंतर का प्रकाशन 6 अंकों के उपरांत बंद हो गया था। 1 साल बाद अगस्त 2006 में इसका प्रकाशन नये कलेवर में दुबारा शुरु हुआ और अगस्त, अक्टूबर व दिसम्बर में तीन अंक प्रकाशित होने के बाद बंद हो गया। मई 2007 से जुलाई 2008 के मध्य इसके अंक यदा कदा पुनः प्रकाशित हुये। पत्रिका के कुल दस अंक प्रकाशित हुये हैं। जनवरी 2009 में निरंतर पत्रिका को बंद कर इसके प्रकाशन मंडल ने इसे एक नई जालपत्रिका सामयिकी में सामहित करने की घोषणा की। निरंतर के मानद मुख्य संपादक हैं अनूप शुक्ला। पत्रिका का प्रकाशन व प्रबंध संपादन इसके संस्थापक देबाशीष चक्रवर्ती करते हैं। निरंतर के कोर संपादन टीम में शामिल हैं डॉ सुनील दीपक, रविशंकर श्रीवास्तव, रमण कौल, अतुल अरोरा, प्रत्यक्षा, शशि सिंह, ईस्वामी, पंकज नरूला, जीतेन्द्र चौधरी और आलोक कुमार। .
देखें हिन्दी और निरन्तर
निर्मल वर्मा
निर्मल वर्मा निर्मल वर्मा (३ अप्रैल १९२९- २५ अक्तूबर २००५) हिन्दी के आधुनिक कथाकारों में एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे। शिमला में जन्मे निर्मल वर्मा को मूर्तिदेवी पुरस्कार (१९९५), साहित्य अकादमी पुरस्कार (१९८५) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। परिंदे (१९५८) से प्रसिद्धि पाने वाले निर्मल वर्मा की कहानियां अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ समझी जाती हैं। ब्रिटिश भारत सरकार के रक्षा विभाग में एक उच्च पदाधिकारी श्री नंद कुमार वर्मा के घर जन्म लेने वाले आठ भाई बहनों में से पांचवें निर्मल वर्मा की संवेदनात्मक बुनावट पर हिमांचल की पहाड़ी छायाएं दूर तक पहचानी जा सकती हैं। हिन्दी कहानी में आधुनिक-बोध लाने वाले कहानीकारों में निर्मल वर्मा का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम लिखा है परंतु जितना लिखा है उतने से ही वे बहुत ख्याति पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहानी की प्रचलित कला में तो संशोधन किया ही, प्रत्यक्ष यथार्थ को भेदकर उसके भीतर पहुंचने का भी प्रयत्न किया है। हिन्दी के महान साहित्यकारों में से अज्ञेय और निर्मल वर्मा जैसे कुछ ही साहित्यकार ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपने प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर भारतीय और पश्चिम की संस्कृतियों के अंतर्द्वन्द्व पर गहनता एवं व्यापकता से विचार किया है।। सृजन शिल्पी। ७ अक्टूबर २००६ .
देखें हिन्दी और निर्मल वर्मा
निरूपा रॉय
निरूपा राय (जन्म: 4 जनवरी, 1931 निधन: 13 अक्टूबर, 2004) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। .
देखें हिन्दी और निरूपा रॉय
निशान
निशान १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और निशान
निखिल कौशिक
निखिल कौशिक ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। वेल्स निवासी निखिल कौशिक पेशे से डॉक्टर हैं लेकिन उनका व्यक्तित्व कवितामय ही है। उनके अब तक दो कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी कविताओं में नॉस्टेलजिया मौजूद है तो इस देश की समस्याओं की पूरी पकड़ भी। उनकी कविताओं में व्यंग्य की एक पैनी धार महसूस की जा सकती है। निखिल कवि सम्मेलनों में अपनी कविताओं को अपनी सुरीली आवाज़ में गाकर भी सुनाते हैं। निखिल सिनेमा को भी साहित्य की एक धारा ही मानते हैं। हाल ही में उन्होंने एक चलचित्र का निर्माण भी किया है जिसके वे निर्माता, निर्देशक, लेखक, गीतकार सभी कुछ हैं। .
देखें हिन्दी और निखिल कौशिक
नई उमर की नई फ़सल
नई उमर की नई फ़सल १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और नई उमर की नई फ़सल
नौनिहाल
नौनिहाल १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और नौनिहाल
नौकर (1979 फ़िल्म)
नौकर 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और नौकर (1979 फ़िल्म)
नूर महल
नूर महल १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और नूर महल
नूरजहां (गायिका)
नूरजहां (1926-2000) उर्दू और हिन्दी फिल्म की सुप्रसिद्ध गायिका और अभिनेत्री थीं जिन्होंने अपनी दिलकश आवाज़ और अभिनय से लगभग चार दशक तक श्रोताओं के दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। .
देखें हिन्दी और नूरजहां (गायिका)
नेहा धूपिया
नेहा धूपिया (जन्म: 27 अगस्त 1980) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और नेहा धूपिया
नोएडा
नोएडा भारत में दिल्ली से सटा एक उपनगरीय क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश में स्थित है। इसकी जनसंख्या करीब ५ लाख है और यह २०३ वर्ग कि॰मी॰ में फ़ैला है। इसका नाम अंग्रेज़ी के New Okhla Industrial Development Authority न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डवेलपमंट अथॉरिटी के संक्षिप्तीकरण से बना है (नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण)। इसका आधिकारिक नाम गौतम बुद्ध नगर है। ये विभिन्न सेक्टरों में बसा हुआ है।न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (हिंदी: 'नई ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण') के लिए लघु, नोएडा, नई ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जिसे नोएडा भी कहा जाता है) के प्रबंधन के तहत एक व्यवस्थित योजनाबद्ध भारतीय शहर है। यह भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है। .
देखें हिन्दी और नोएडा
नोक
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और नोक
नील कमल (1968 फ़िल्म)
नीलकमल 1968 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसमें वहीदा रहमान, राज कुमार, मनोज कुमार व ललिता पवार मुख्य भूमिका में है। .
देखें हिन्दी और नील कमल (1968 फ़िल्म)
नीला आकाश
नीला आकाश १९६४५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और नीला आकाश
पटना
पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .
देखें हिन्दी और पटना
पट्टी, उत्तर प्रदेश
पट्टी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिले का तहसील और विधान सभा क्षेत्र है। यह मूलतः अवध के अंतर्गत आता है। पट्टी तहसील अपने इतिहास के लिए भी जाना जाता है। तहसील मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर महदहा और दमदमा जैसे मध्य पाषाण कालीन स्थल विद्यमान है। वहीं मुख्यालय के समीप स्थित रूर गांव से सर्वप्रथम ऐतिहासिक अवध किसान आंदोलन का आरंभ किया गया था। यहाँ पर स्थानीय लोगों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के लोग रहते हैं जैसे मारवाड़ी, जैन, बिहारी आदि। यहाँ का मेला बहुत प्रसिद्ध है, इस मेले को देखने के लिए यहाँ हर साल नवंबर महीने में हजारों की संख्या में लोग आते हैं। मेला शुरू होने से पूर्व यहाँ पर लगभग बारह दिनोंं तक भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है। यातायात की दृष्टि से यह क्षेत्र भली भांति विकसित है। यहाँ बसें, मोटर साइकिल, सायकिल, जीप, कार, रिक्शा, ट्रक, इत्यादि वाहन बहुतायत चलते हैं। श्रेणी:उत्तर प्रदेश के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र श्रेणी:प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश.
देखें हिन्दी और पट्टी, उत्तर प्रदेश
पति पत्नी और तवायफ़ (1990 फ़िल्म)
पति पत्नी और तवायफ़ (1990 फ़िल्म) पति पत्नी और तवायफ़ 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और पति पत्नी और तवायफ़ (1990 फ़िल्म)
पत्थर के ख़्वाब
पत्थर के ख़्वाब १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और पत्थर के ख़्वाब
पद्यानुवाद
पद्यानुवाद अनुवाद का एक प्रकार है जिसमें पद्य (कविता) में अनुवाद किया जाता है। इसमें समतुल्य अभिव्यक्ति के साथ ही मूल लेखक की शैली का भी ध्यान रखना होता है। इसलिए इसे पुनर्सर्जन भी कहा जाता है। यह माध्यम की भाषा आधारित रूपसापेक्ष अनुवाद है। यह गद्य से हो सकता है अथवा अन्य भाषाओं के पद्य से हो सकता है जैसे कि श्रीमद्भगवद्गीता के।श्लोकों का हरिवंश राय बच्चन द्वारा किया गया हिन्दी में श्रीहरिगीता नामक अनुवाद। .
देखें हिन्दी और पद्यानुवाद
परिणीता (2005 फ़िल्म)
परिनीता 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और परिणीता (2005 फ़िल्म)
परवीन बॉबी
परवीन बॉबी (जन्म: 4 अप्रैल, 1949; निधन: 20 जनवरी, 2005) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं, जिन्हें 1970 के दशक के शीर्ष नायकों के साथ ग्लैमरस भूमिकाएं निभाने के लिए याद किया जाता है। उन्होने 1970 और 1980 की ब्लोकबस्टर फिल्मों मे भी काम किया है, जैसे दीवार, नमक हलाल, अमर अकबर एन्थोनी और शान। उन्हें भारत की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में एक माना जाता है। .
देखें हिन्दी और परवीन बॉबी
परेश रावल
परेश रावल (जन्म: 30 मई, 1950) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। यह 1994 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सहायक किरदार के लिए से सम्मानित हुए। इसके बाद इन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है। यह केतन मेहता की फ़िल्म सरदार में स्वतंत्रता सेनानी वलभभाई पटेल की मुख्य किरदार में नजर आए थे। .
देखें हिन्दी और परेश रावल
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बंगाली: পশ্চিমবঙ্গ) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 23 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है। .
देखें हिन्दी और पश्चिम बंगाल
पहेली
किसी व्यक्ति की बुद्धि या समझ की परीक्षा लेने वाले एक प्रकार के प्रश्न, वाक्य अथवा वर्णन को पहेली (Puzzle) कहते हैं जिसमें किसी वस्तु का लक्षण या गुण घुमा फिराकर भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया गया हो और उसे बूझने अथवा उस विशेष वस्तु का ना बताने का प्रस्ताव किया गया हो। इसे 'बुझौवल' भी कहा जाता है। पहेली व्यक्ति के चतुरता को चुनौती देने वाले प्रश्न होते है। जिस तरह से गणित के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, उसी तरह से पहेलियों को भी नज़रअन्दाज नहीं किया जा सकता। पहेलियां आदि काल से व्यक्तित्व का हिस्सा रहीं हैं और रहेंगी। वे न केवल मनोरंजन करती हैं पर दिमाग को चुस्त एवं तरो-ताजा भी रखती हैं। .
देखें हिन्दी और पहेली
पानीपत जिला
दिल्ली चंडीगढ मार्ग पर स्थित पानीपत भारत के हरियाणा प्रान्त का एक जिला है। .
देखें हिन्दी और पानीपत जिला
पारसमणि (1963 फ़िल्म)
पारसमणि १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और पारसमणि (1963 फ़िल्म)
पालकी (फ़िल्म)
पालकी १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और पालकी (फ़िल्म)
पाखंडी (1984 फ़िल्म)
पाखंडी १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और पाखंडी (1984 फ़िल्म)
पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र'
पांडेय बेचन शर्मा "उग्र" (१९०० - १९६७) हिन्दी के साहित्यकार एवं पत्रकार थे। का जन्म उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के अंतर्गत चुनार नामक कसबे में पौष शुक्ल 8, सं.
देखें हिन्दी और पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र'
पंचलाइट
पंचलाइट एक हिन्दी कहानी है जिसके लेखक फणीश्वर नाथ रेणु हैं। यह कहानी रेणु के कहानी संग्रह 'ठुमरी' में संकलित है। यह कहानी आंचलिक कहानियों कि श्रेणी में एक प्रमुख कहानी मानी जाती है। यह कहानी 1950 से 1960 के मध्य लिखी गयी थी यह उत्तर प्रदेश और बिहार में हिन्दी साहित्य के कई पाठ्यक्रमों में भी शामिल है। .
देखें हिन्दी और पंचलाइट
पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज
पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज आदर्शतमसो मा ज्योतिर्गमय (संस्कृत)अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो (हिन्दी)Lead Us From Darkness to Light (अंग्रेजी) स्थापन१९२१-१९४७ लाहौर१९४७-१९५४ रुड़की१९५४-वर्तमान चंडीगढ प्रकारसार्वजनिक संचालकडॉक्टर विजय गुप्ता स्थानचंडीगढ, भारत परिसर१४६ एकड़ (०.६ km²), शहरी पूर्वस्नातक१५०० वेबसाइट पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, या पेक चंडीगढ स्थित एक प्रमुख अभियांत्रिकी एवं तकनिकी महाविद्यालय हैं। यह १९२१ से १९४७ तक लाहौर में स्थपित था। भारत के विभाजन के बाद १९४७ से १९५४ तक रुड़की में स्थापना कि गई। १९५४ से वर्तमान तक कॉलेज चंडीगढ में स्थित हैं। २००४ तक पंजाब विश्वविद्यालय से सम्बद्ध के बाद कॉलेज स्नातक एवं अन्य उच्च उपाधियाँ प्रदान कर सकता है। .
देखें हिन्दी और पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज
पंजाबी भाषा
पंजाबी (गुरमुखी: ਪੰਜਾਬੀ; शाहमुखी: پنجابی) एक हिंद-आर्यन भाषा है और ऐतिहासिक पंजाब क्षेत्र (अब भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित) के निवासियों तथा प्रवासियों द्वारा बोली जाती है। इसके बोलने वालों में सिख, मुसलमान और हिंदू सभी शामिल हैं। पाकिस्तान की १९९८ की जनगणना और २००१ की भारत की जनगणना के अनुसार, भारत और पाकिस्तान में भाषा के कुल वक्ताओं की संख्या लगभग ९-१३ करोड़ है, जिसके अनुसार यह विश्व की ११वीं सबसे व्यापक भाषा है। कम से कम पिछले ३०० वर्षों से लिखित पंजाबी भाषा का मानक रूप, माझी बोली पर आधारित है, जो ऐतिहासिक माझा क्षेत्र की भाषा है। .
देखें हिन्दी और पंजाबी भाषा
पुणे
पुणे भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मूठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से पुणे महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रसर है। अनेक नामांकित शिक्षणसंस्थायें होने के कारण इस शहर को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता है। पुणे में अनेक प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाईल उपक्रम हैं, इसलिए पुणे भारत का ”डेट्राइट” जैसा लगता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की 'सांस्कृतिक राजधानी' माना जाता है। मराठी भाषा इस शहर की मुख्य भाषा है। पुणे शहर मे लगभग सभी विषयों के उच्च शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान यहाँ है। पुणे फिल्म इन्स्टिट्युट भी काफी प्रसिद्ध है। पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। .
देखें हिन्दी और पुणे
पुरुषोत्तम दास टंडन
पुरूषोत्तम दास टंडन (१ अगस्त १८८२ - १ जुलाई, १९६२) भारत के स्वतन्त्रता सेनानी थे। हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करवाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के नेता तो थे ही, समर्पित राजनयिक, हिन्दी के अनन्य सेवक, कर्मठ पत्रकार, तेजस्वी वक्ता और समाज सुधारक भी थे। हिन्दी को भारत की राजभाषा का स्थान दिलवाने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान किया। १९५० में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्हें भारत के राजनैतिक और सामाजिक जीवन में नयी चेतना, नयी लहर, नयी क्रान्ति पैदा करने वाला कर्मयोगी कहा गया। वे जन सामान्य में राजर्षि (संधि विच्छेदः राजा+ऋषि.
देखें हिन्दी और पुरुषोत्तम दास टंडन
प्यार ही प्यार
प्यार ही प्यार 1969 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, वैजयन्ती माला, प्राण और महमूद मुख्य भूमिका में है। ये इकलौती फिल्म है जिसमे धर्मेन्द्र और वैजयन्ती माला ने साथ काम किया। .
देखें हिन्दी और प्यार ही प्यार
प्यार का सागर
प्यार का सागर १९६१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और प्यार का सागर
प्रतिभा डावर
प्रतिभा डावर ब्रिटेन में बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखक है। लंदन में प्रतिभा डावर ने दो उपन्यासों की रचना की है: `वह मेरा चांद' एवं `दो चम्मच चीनी के'। .
देखें हिन्दी और प्रतिभा डावर
प्रतिकार (फ़िल्म)
प्रतिकार 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। मुख्य भूमिकाओं में माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर है। यह फिल्म एक तेलूगू गिल्म की रीमेक है। .
देखें हिन्दी और प्रतिकार (फ़िल्म)
प्रभा खेतान
डॉ प्रभा खेतान डॉ॰ प्रभा खेतान (१ नवंबर १९४२ - २० सितंबर २००८) प्रभा खेतान फाउन्डेशन की संस्थापक अध्यक्षा, नारी विषयक कार्यों में सक्रिय रूप से भागीदार, फिगरेट नामक महिला स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापक, १९६६ से १९७६ तक चमड़े तथा सिले-सिलाए वस्त्रों की निर्यातक, अपनी कंपनी 'न्यू होराईजन लिमिटेड' की प्रबंध निदेशिका, हिन्दी भाषा की लब्ध प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कवयित्री तथा नारीवादी चिंतक तथा समाज सेविका थीं। उन्हें कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स की एकमात्र महिला अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त था। वे केन्द्रीय हिन्दी संस्थान की सदस्या थीं। .
देखें हिन्दी और प्रभा खेतान
प्रभाकर श्रोत्रिय
डॉ॰ प्रभाकर श्रोत्रिय (जन्म १९ दिसम्बर १९३८) हिन्दी साहित्यकार, आलोचक तथा नाटककार हैं। हिंदी आलोचना में प्रभाकर श्रोत्रिय एक महत्वपूर्ण नाम है पर आलोचना से परे भी साहित्य में उनका प्रमुख योगदान रहा है, खासकर नाटकों के क्षेत्र में। उन्होंने कम नाटक लिखे पर जो भी लिखे उसने हिंदी नाटकों को नई दिशा दी। पूर्व में मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के सचिव एवं 'साक्षात्कार' व 'अक्षरा' के संपादक रहे हैं एवं विगत सात वर्षों से भारतीय भाषा परिषद के निदेशक एवं 'वागर्थ' के संपादक पद पर कार्य करने के साथ-साथ वे भारतीय ज्ञानपीठ नई दिल्ली के निदेशक पद पर भी कार्य कर चुके हैं। वे अनेक महत्वपूर्ण संस्थानों के सदस्य हैं। .
देखें हिन्दी और प्रभाकर श्रोत्रिय
प्राण शर्मा
प्राण शर्मा ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। कॉवेन्टरी के प्राण शर्मा ब्रिटेन में हिन्दी ग़ज़ल के उस्ताद शायर हैं। प्राणजी बहुत शिद्दत के साथ ब्रिटेन के ग़ज़ल लिखने वालों की ग़ज़लों को पढ़कर उन्हें दुरुस्त करने में सहायता करते हैं। हिन्दी ग़ज़ल पर उनका एक लंबा लेख चार-पांच किश्तों में ‘पुरवाई’ में प्रकाशित हो चुका है। कुछ लोगों का कहना है कि ब्रिटेन में पहली हिन्दी कहानी शायद प्राण शर्मा ने ही लिखी थी। भारत के साहित्य से पत्रिकाओं के जरिए रिश्ता बनाए रखने वाले प्राण शर्मा अपने मित्र एवं सहयोगी श्री रामकिशन के साथ कॉवेन्टरी में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा भी आयोजित करते हैं। उन्हें कविता, कहानी और उपन्यास की गहरी समझ है। .
देखें हिन्दी और प्राण शर्मा
प्राइवेट सेक्रेटरी
प्राइवेट सेक्रेटरी १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और प्राइवेट सेक्रेटरी
प्राकृत
सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र । इसकी रचना मूलतः तीसरी-चौथी शताब्दी ईसापूर्व में की गयी थी। भारतीय आर्यभाषा के मध्ययुग में जो अनेक प्रादेशिक भाषाएँ विकसित हुई उनका सामान्य नाम प्राकृत है और उन भाषाओं में जो ग्रंथ रचे गए उन सबको समुच्चय रूप से प्राकृत साहित्य कहा जाता है। विकास की दृष्टि से भाषावैज्ञानिकों ने भारत में आर्यभाषा के तीन स्तर नियत किए हैं - प्राचीन, मध्यकालीन और अर्वाचीन। प्राचीन स्तर की भाषाएँ वैदिक संस्कृत और संस्कृत हैं, जिनके विकास का काल अनुमानत: ई.
देखें हिन्दी और प्राकृत
प्रिया गिल
प्रिया गिल (जन्म: 9 दिसंबर, 1979) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और प्रिया गिल
प्रियंवद
प्रियंवद (जन्मः २२ दिसम्बर १९५२, कानपुर) एक हिन्दी साहित्यकार हैं। वे प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में एम ए हैं। .
देखें हिन्दी और प्रियंवद
प्रियंका चोपड़ा
प्रियंका चोपड़ा (जन्म: १८ जुलाई, १९८२) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और प्रियंका चोपड़ा
प्रेम चोपड़ा
प्रेम चोपड़ा हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और प्रेम चोपड़ा
प्रेम पत्र
प्रेम पत्र १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और प्रेम पत्र
प्रेमचंद
प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .
देखें हिन्दी और प्रेमचंद
प्रोफेसर की पड़ोसन (1993 फ़िल्म)
प्रोफेसर की पड़ोसन 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और प्रोफेसर की पड़ोसन (1993 फ़िल्म)
प्रीत ना जाने रीत
प्रीत ना जाने रीत १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और प्रीत ना जाने रीत
प्रीति झंगियानी
प्रीति झंगियानी (जन्म: 18 अगस्त, 1980) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और प्रीति झंगियानी
पृथ्वीराज रासो
'''पृथ्वीराज रासो''' के प्रथम खंड का द्वितीय संस्करण पृथ्वीराज रासो हिन्दी भाषा में लिखा एक महाकाव्य है जिसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है। इसके रचयिता राव चंद बरदाई भट्ट पृथ्वीराज के बचपन के मित्र और उनके राजकवि थे और उनकी युद्ध यात्राओं के समय वीर रस की कविताओं से सेना को प्रोत्साहित भी करते थे। ११६५ से ११९२ के बीच जब पृथ्वीराज चौहान का राज्य अजमेर से दिल्ली तक फैला हुआ था। पृथ्वीराजरासो ढाई हजार पृष्ठों का बहुत बड़ा ग्रंथ है जिसमें ६९ समय (सर्ग या अध्याय) हैं। प्राचीन समय में प्रचलित प्रायः सभी छंदों का इसमें व्यवहार हुआ है। मुख्य छन्द हैं - कवित्त (छप्पय), दूहा(दोहा), तोमर, त्रोटक, गाहा और आर्या। जैसे कादंबरी के संबंध में प्रसिद्ध है कि उसका पिछला भाग बाण भट्ट के पुत्र ने पूरा किया है, वैसे ही रासो के पिछले भाग का भी चंद के पुत्र जल्हण द्वारा पूर्ण किया गया है। रासो के अनुसार जब शहाबुद्दीन गोरी पृथ्वीराज को कैद करके ग़ज़नी ले गया, तब कुछ दिनों पीछे चंद भी वहीं गए। जाते समय कवि ने अपने पुत्र जल्हण के हाथ में रासो की पुस्तक देकर उसे पूर्ण करने का संकेत किया। जल्हण के हाथ में रासो को सौंपे जाने और उसके पूरे किए जाने का उल्लेख रासो में है - रासो में दिए हुए संवतों का ऐतिहासिक तथ्यों के साथ अनेक स्थानों पर मेल न खाने के कारण अनेक विद्वानों ने पृथ्वीराजरासो के समसामयिक किसी कवि की रचना होने में संदेह करते है और उसे १६वीं शताब्दी में लिखा हुआ ग्रंथ ठहराते हैं। इस रचना की सबसे पुरानी प्रति बीकानेर के राजकीय पुस्तकालय मे मिली है कुल ३ प्रतियाँ है। रचना के अन्त मे प्रथवीराज द्वारा शब्द भेदी बाण चला कर गौरी को मारने की बात भी की गयी है। .
देखें हिन्दी और पृथ्वीराज रासो
पैसा
पैसा भारत की राष्ट्रीय मुद्रा रुपया का सौवा हिस्सा है। यह नाम बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल में भी है। यह बांग्लादेश के अलावा सभी देशों में रुपये के भाग होता है। जबकि यह बांग्लादेश में टका इसके भाग का होता है। .
देखें हिन्दी और पैसा
पूनम की रात
पूनम की रात १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और पूनम की रात
पूर्णिमा वर्मन
पूर्णिमा वर्मन (जन्म २७ जून १९५५, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश), जाल-पत्रिका अभिव्यक्ति और अनुभूति की संपादक है। पत्रकार के रूप में अपना कार्यजीवन प्रारंभ करने वाली पूर्णिमा का नाम वेब पर हिंदी की स्थापना करने वालों में अग्रगण्य है। उन्होंने प्रवासी तथा विदेशी हिंदी लेखकों को प्रकाशित करने तथा अभिव्यक्ति में उन्हें एक साझा मंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण काम किया है। माइक्रोसॉफ़्ट का यूनिकोडित हिंदी फॉण्ट आने से बहुत पहले हर्ष कुमार द्वारा निर्मित सुशा फॉण्ट द्वारा उनकी जाल पत्रिकाएँ अभिव्यक्ति तथा अनुभूति अंतर्जाल पर प्रतिष्ठित होकर लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी थीं। वेब पर हिंदी को लोकप्रिय बनाने के अपने प्रयत्नों के लिए उन्हें २००६ में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, साहित्य अकादमी तथा अक्षरम के संयुक्त अलंकरण अक्षरम प्रवासी मीडिया सम्मान, २००८ में रायपुर छत्तीसगढ़ की संस्था सृजन सम्मान द्वारा हिंदी गौरव सम्मान, दिल्ली की संस्था जयजयवंती द्वारा जयजयवंती सम्मान तथा केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के पद्मभूषण डॉ॰ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कारसे विभूषित किया जा चुका है। उनके तीन कविता संग्रह "पूर्वा", "वक्त के साथ" और "चोंच में आकाश" नाम से प्रकाशित हुए हैं। संप्रति शारजाह, संयुक्त अरब इमारात में निवास करने वाली पूर्णिमा वर्मन हिंदी के अंतरराष्ट्रीय विकास के अनेक कार्यों से जुड़ी हुई हैं। .
देखें हिन्दी और पूर्णिमा वर्मन
पूर्वांचल
उत्तर प्रदेश के क्षेत्र पूर्वांचल उत्तर-मध्य भारत का एक भौगोलिक क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित है। यह उत्तर में नेपाल, पूर्व में बिहार, दक्षिण मे मध्य प्रदेश के बघेलखंड क्षेत्र और पश्चिम मे उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र द्वारा घिरा है। इसे एक अलग राज्य बनाने के लिए लंबे समय राजनीतिक मांग उठती रही है। वर्तमान में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश विधानसभा में 117 विधायकों द्वारा होता है तो वहीं इस क्षेत्र से 23 लोकसभा सदस्य चुने जाते हैं। पूर्वांचल के मुख्यतः तीन भाग हैं- पश्चिम में पूर्वी अवधी क्षेत्र, पूर्व में पश्चिमी-भोजपुरी क्षेत्र और उत्तर में नेपाल क्षेत्र। यह भारतीय-गंगा मैदान पर स्थित है और पश्चिमी बिहार के साथ यह दुनिया में सबसे अधिक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों की तुलना में मिट्टी की समृद्ध गुणवत्ता और उच्च केंचुआ घनत्व के कारण कृषि के लिए अनुकूल है। भोजपुरी क्षेत्र में प्रमुख भाषा या बोली है। हालाँकि इस क्षेत्र में हिंदी और भोजपुरी के अलावा अवधी तथा बघेलखंडी पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों में बोली जाती हैं।। 1991 में उत्तर प्रदेश की सरकार ने पूर्वांचल विकास निधि की स्थापना की जिसका उद्देश्य था क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं के लिये धन इकट्ठा करना जिससे भविष्य में संतुलित विकास के जरिए स्थानीय जरूरतों को पूरा करते हुए क्षेत्रीय असमानताओं का निवारण हो सके। .
देखें हिन्दी और पूर्वांचल
पूर्वी चंपारण
पूर्वी चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। चंपारण को विभाजित कर 1971 में बनाए गए पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्पा के पेड़ों से आच्छादित जंगल। पूर्वी चम्पारण के उत्तर में एक ओर जहाँ नेपाल तथा दक्षिण में मुजफ्फरपुर स्थित है, वहीं दूसरी ओर इसके पूर्व में शिवहर और सीतामढ़ी तथा पश्चिम में पश्चिमी चम्पारण जिला है। .
देखें हिन्दी और पूर्वी चंपारण
पूजा बेदी
पूजा बेदी (जन्म: 11 मई, 1971) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और पूजा बेदी
पूजा भट्ट
पूजा भट्ट (जन्म: 24 फरवरी, 1972) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। वह अपने पिता महेश भट्ट की तरह एक निर्देशक भी हैं। .
देखें हिन्दी और पूजा भट्ट
पेरियार
इरोड वेंकट नायकर रामासामी(17 सितम्बर, 1879-24 दिसम्बर, 1973) जिन्हे पेरियार (तमिल में अर्थ -सम्मानित व्यक्ति) नाम से भी जाना जाता था, बीसवीं सदी के तमिलनाडु के एक प्रमुख राजनेता थे। इन्होंने जस्टिस पार्टी का गठन किया जिसका सिद्धान्त रुढ़िवादी हिन्दुत्व का विरोध था। हिन्दी के अनिवार्य शिक्षण का भी उन्होंने घोर विरोध किया। भारतीय तथा विशेषकर दक्षिण भारतीय समाज के शोषित वर्ग के लोगों की स्थिति सुधारने में इनका नाम शीर्षस्थ है। .
देखें हिन्दी और पेरियार
पोरबन्दर
पोरबन्दर गुजरात का एक शहर है। पोरबन्दर बहुत ही पुराना बंदरगाह हुआ करता था। पोरबन्दर में गुजरात का सबसे आछा समुंद्र किनारा है। पोरबंदर गुजरात राज्य के दक्षिण छोर पर अरब सागर से घिरा हुआ है। पोरबंदर का निर्माण जूनागढ़ से हुआ था। पोरबंदर महात्मा गाँधीजी का जन्म स्थान है इसलिए स्वाभाविक रूप से पोरबंदर में उनके जीवन से जुड़े कई स्थान हैं जो आज दर्शनीय स्थलों में बदल चुके हैं। 10वीं शताब्दी में पोरबंदर को पौरावेलाकुल कहा जाता था और बाद में इसे सुदामापुरी भी कहा गया। .
देखें हिन्दी और पोरबन्दर
फणीश्वर नाथ "रेणु"
फणीश्वर नाथ 'रेणु' (४ मार्च १९२१ औराही हिंगना, फारबिसगंज - ११ अप्रैल १९७७) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .
देखें हिन्दी और फणीश्वर नाथ "रेणु"
फतेहपुर जिला
फतेहपुर जिला उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है जो कि पवित्र गंगा एवं यमुना नदी के बीच बसा हुआ है। फतेहपुर जिले में स्थित कई स्थानों का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है जिनमें भिटौरा, असोथर अश्वस्थामा की नगरी) और असनि के घाट प्रमुख हैं। भिटौरा, भृगु ऋषि की तपोस्थली के रूप में मानी जाती है। फतेहपुर जिला इलाहाबाद मंडल का एक हिस्सा है और इसका मुख्यालय फतेहपुर शहर है। .
देखें हिन्दी और फतेहपुर जिला
फ़रार (1975 फ़िल्म)
फ़रार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और फ़रार (1975 फ़िल्म)
फ़ारसी भाषा
फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .
देखें हिन्दी और फ़ारसी भाषा
फ़िरोज़ ख़ान
फ़िरोज़ ख़ान (25 सितंबर 1939 – अप्रैल 2009) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होंने लंबी फ़िल्मी पारी खेली.वे अपनी खास शैली, अलग अंदाज और किरदारों के लिए जाने जाते रहे।.
देखें हिन्दी और फ़िरोज़ ख़ान
फ़िरोज़ाबाद
फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश का एक शहर एवं जिला मुख्यालय है।यह शहर चूड़ियों के निर्माण के लिये प्रसिद्ध है। यह आगरा से 40 किलोमीटर और राजधानी दिल्ली से 250 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व की तरफ स्थित है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ यहाँ से लगभग 250 किमी पूर्व की तरफ है। फिरोज़ाबाद ज़िले के अन्तर्गत दो कस्बे टुंडला और शिकोहाबाद आते हैं। टुंडला पश्चिम तथा शिकोहाबाद शहर के पूर्व में स्थित है। फिरोज़ाबाद में मुख्यतः चूडियों का कारोबार होता है। यहाँ पर आप रंग बिरंगी चूडियों को अपने चारों ओर देख सकते हैं। लेकिन अब यहाँ पर गैस का कारोबार होता है। यहाँ पर काँच का अन्य सामान (जैसे काँच के झूमर) भी बनते हैं। इस शहर की आबो हवा गरम है। यहाँ की आबादी बहुत घनी है। यहाँ के ज्यादातर लोग कोरोबार से जुडे हैं। घरों के अन्दर महिलाएं भी चूडियों पर पालिश और हिल लगाकर रोजगार अर्जित कर लेती हैं। बाल मज़दूरी यहाँ आम है। सरकार तमाम प्रयासों के बावजूद उन पर अंकुश नहीं लगा सकी है। जबकि पंडित तोताराम सनाढय द्वारा बंधुआ मजदूरी/गिरमिटिया प्रथा को फिजी में समाप्त किया।जिनकी जन्म स्थली फीरोजाबाद से लगभग 8 किलो मीटर दूर गाओं हिरन गाओं में है !फिरोजाबाद को प्राचीन समय में चन्द्रनगर के नाम से जाना जाता था .
देखें हिन्दी और फ़िरोज़ाबाद
फ़िरोज़ाबाद ज़िला
फिरोज़ाबाद भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। यह पंजाब के फ़िरोज़पुर नामक ज़िले से अलग है। ज़िले का मुख्यालय फ़िरोज़ाबाद है। सन् २०११ में इसकी आबादी लगभग कुवैत के पूरे राष्ट्र के बराबर थी। २०११ में इसका साक्षरता दर ७४% था। इसका एस.टी.डी (STD) कोड ०५६१२ है। .
देखें हिन्दी और फ़िरोज़ाबाद ज़िला
फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार
फिल्म फेयर की ब्लैक लेडी यह हिन्दी फ़िल्मों के लिये दिये जाने वाला पुरस्कार है जो प्रति वर्ष एक समारोह में दिया जाता है। फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार पुरस्कार उभरते अभिनेता या अभिनेत्री को दिया जाता है। .
देखें हिन्दी और फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार
यह हिन्दी फ़िल्मों के लिये दिये जाने वाला पुरस्कार है जो प्रति वर्ष एक समारोह में दिया जाता है। फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार पुरस्कार उभरते अभिनेता या अभिनेत्री को दिया जाता है। .
देखें हिन्दी और फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार
फ़िजी
फ़िजी जो कि आधिकारिक रूप से फ़िजी द्वीप समूह गणराज्य (फ़िजीयाई: Matanitu Tu-Vaka-i-koya ko Viti) के नाम से जाना जाता है, दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया मे एक द्वीप देश है। यह न्यू ज़ीलैण्ड के नॉर्थ आईलैण्ड से करीब २००० किमी उत्तर-पूर्व मे स्थित है। इसके समीपवर्ती पड़ोसी राष्ट्रों मे पश्चिम की ओर वनुआतु, पूर्व में टोंगा और उत्तर मे तुवालु हैं। १७वीं और १८वीं शताब्दी के दौरान डच एवं अंग्रेजी खोजकर्तओं ने फ़िजी की खोज की थी। १९७० तक फ़िजी एक अंग्रेजी उपनिवेश था। प्रचुर मात्रा मे वन, खनिज एवं जलीय स्रोतों के कारण फ़िजी प्रशान्त महासागर के द्वीपों मे सबसे उन्नत राष्ट्र है। वर्तमान मे पर्यटन एवं चीनी का निर्यात इसके विदेशी मुद्रा के सबसे बड़े स्रोत हैं। यहाँ की मुद्रा फ़िजी डॉलर है। फ़िजी के अधिकांश द्वीप १५ करोड़ वर्ष पूर्व आरम्भ हुए ज्वालामुखीय गतिविधियों से गठित हुए। इस देश के द्वीपसमूह में कुल ३२२ द्वीप हैं, जिनमें से १०६ स्थायी रूप से बसे हुए हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ लगभग ५०० क्षुद्र द्वीप हैं जो कुल मिला कर १८,३०० वर्ग किमी के क्षेत्रफल का निर्माण करते हैं। द्वीपसमूह के दो प्रमुख द्वीप विती लेवु और वनुआ लेवु हैं जिन पर देश की लगभग ८,५०,००० आबादी का ८७% निवास करती है। .
देखें हिन्दी और फ़िजी
फ़ूल बने अंगारे(1963 फ़िल्म)
फ़ूल बने अंगारे १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और फ़ूल बने अंगारे(1963 फ़िल्म)
फिर वही दिल लाया हूँ (1963 फ़िल्म)
फ़िर वो ही दिल लाया हूँ १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और फिर वही दिल लाया हूँ (1963 फ़िल्म)
बड़े मियाँ छोटे मियाँ
बड़े मियाँ छोटे मियाँ 1998 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन कॉमेडी फिल्म है। इसमें अमिताभ बच्चन और गोविंदा ने दोहरी भूमिकाओं निभाई हैं। रम्या कृष्णन, रवीना टंडन, अनुपम खेर सहायक भूमिकाओं में हैं। विशेष उपस्थिति में माधुरी दीक्षित है। डेविड धवन द्वारा निर्देशित और वाशु भगनानी द्वरा निर्मित यह फिल्म 1998 की कुछ कुछ होता है के बाद सबसे बड़ी हिट फिल्म थी। .
देखें हिन्दी और बड़े मियाँ छोटे मियाँ
बद और बदनाम (1984 फ़िल्म)
बद और बदनाम १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और बद और बदनाम (1984 फ़िल्म)
बदतमीज़
बदतमीज़ १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बदतमीज़
बनारसीदास चतुर्वेदी
पण्डित बनारसीदास चतुर्वेदी (२४ दिसम्बर, १८९२ -- २ मई, १९८५) प्रसिद्ध हिन्दी लेखक एवं पत्रकार थे। वे राज्यसभा के सांसद भी रहे। उनके सम्पादकत्व में हिन्दी में कोलकाता से 'विशाल भारत' नामक हिन्दी मासिक निकला। पं॰ बनारसीदास चतुर्वेदी जैसे सुधी चिंतक ने ही साक्षात्कार की विधा को पुष्पित एवं पल्लवित करने के लिए सर्वप्रथम सार्थक कदम बढ़ाया था। उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। वे अपने समय का अग्रगण्य संपादक थे तथा अपनी विशिष्ट और स्वतंत्र वृत्ति के लिए जाने जाते हैं। उनके जैसा शहीदों की स्मृति का पुरस्कर्ता (सामने लाने वाला) और छायावाद का विरोधी समूचे हिंदी साहित्य में कोई और नहीं हुआ। उनकी स्मृति में बनारसीदास चतुर्वेदी सम्मान दिया जाता है। कहते हैं कि वे किसी भी नई सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक या राष्ट्रीय मुहिम से जुड़ने, नए काम में हाथ डालने या नई रचना में प्रवृत्त होने से पहले स्वयं से एक ही प्रश्न पूछते थे कि उससे देश, समाज, उसकी भाषाओं और साहित्यों, विशेषकर हिंदी का कुछ भला होगा या मानव जीवन के किसी भी क्षेत्र में उच्चतर मूल्यों की प्रतिष्ठा होगी या नहीं? .
देखें हिन्दी और बनारसीदास चतुर्वेदी
बन्दिनी (1963 फ़िल्म)
बन्दिनी १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे जिन्होंने दो बीघा ज़मीन और मधुमती जैसी प्रतिष्ठित फ़िल्में बनायीं थीं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे अशोक कुमार, धर्मेन्द्र और नूतन। बॉक्स ऑफ़िस में इस फ़िल्म ने ठीक ठाक ही प्रदर्शन किया था। फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में इसे उस वर्ष छ: पुरस्कारों से नवाज़ा गया था जिसमें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी शामिल था। यह फ़िल्म एक नारी प्रधान फ़िल्म है, जो कि हिन्दी फ़िल्मों में कम ही देखने को मिलता है। सुजाता के बाद बिमल रॉय की यह दूसरी नारी प्रधान फ़िल्म थी। बंदिनी की कहानी कल्यानी (नूतन) के इर्द-गिर्द घूमती है। यह शायद अकेली ऐसी फ़िल्म है जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गांव की साधारण महिलाओं का योगदान दर्शाया गया हो। .
देखें हिन्दी और बन्दिनी (1963 फ़िल्म)
बप्पी लाहिड़ी
बप्पी लाहिड़ी बप्पी लाहिड़ी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं। सोने के गहनोँ से लदे बप्पी लाहिरी के संगीत में अगर डिस्को की चमक-दमक नज़र आती है तो उनके कुछ गाने सादगी और गंभीरता से परिपूर्ण हैं। उनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी है। तीन साल की उम्र में उन्होँने तबला बजाना शुरू कर दिया था व जब वे 14 साल के हुए तो पहला संगीत दिया। .
देखें हिन्दी और बप्पी लाहिड़ी
बम्बई का चोर
बम्बई का चोर १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बम्बई का चोर
बम्बइया हिन्दी
बंबई हिंदी या बम्बइया, हिन्दी का ही एक प्रकार है जो मुम्बई में बोली जाती है। "बॉम्बे हिन्दी " को बोलचाल की भाषारूप में देशी वक्ताओं की युवा पीढ़ी उपयोग करती है। इस बोली में भारत की अन्य भाषाओं: मराठी, हिंदी, गुजराती,अंग्रेजी तथा अन्य भाषाओं के अंशों व उच्चारणों को भी शामिल किया गया है। .
देखें हिन्दी और बम्बइया हिन्दी
बरसात की रात
बरसात की रात हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और बरसात की रात
बर्मा रोड (1962 फ़िल्म)
बर्मा रोड १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बर्मा रोड (1962 फ़िल्म)
बलराज साहनी
बलराज साहनी (जन्म: 1 मई, 1913 निधन: 13 अप्रैल, 1973), बचपन का नाम "युधिष्ठिर साहनी" था। हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। वे ख्यात लेखक भीष्म साहनी के बड़े भाई व चरित्र अभिनेता परीक्षत साहनी के पिता हैं। एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म और मंच अभिनेता थे, जो धरती के लाल (1946), दो बीघा ज़मीन (1953), काबूलीवाला (1961) और गरम हवा के लिए जाने जाते हैं। वह भेरा जो अब पंजाब, पाकिस्तान में है, से आए थे, और हिंदी लेखक, नाटककार और अभिनेता भीष्म साहनी के भाई थे। .
देखें हिन्दी और बलराज साहनी
बहारें फिर भी आएंगी
बहारें फिर भी आएंगी १९६६ में बनी एक हिन्दी भाषा की फ़िल्म है जो गुरु दत्त द्वारा निर्मित और शहीद लतीफ द्वारा निर्देशित है। इस फ़िल्म के कलाकार माला सिन्हा, धर्मेंद्र, तनुजा और रहमान हैं। फ़िल्म अभी भी ओ पी नैय्यर के संगीत, अज़ीज़ कश्मीरी, कैफ़ी आज़मी, अंजान और एस.
देखें हिन्दी और बहारें फिर भी आएंगी
बहारों की मंज़िल
बहारों की मंज़िल १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बहारों की मंज़िल
बहूरानी (1963 फ़िल्म)
बहूरानी १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह एक ऐसे लड़के के बारे में है जिसके माँ बाप उसका विवाह एक गाव की लड़की से करवा देते है। क्योंकि दूल्हा इस बात से खुश नहीं, इस कारण वो दहेज़ में आये सोने को नकली बताकर तलाक लेने की कशिश करता है। फिर दुल्हन व उसका भाई उसे समझाते हैं कि वो भी शहर की लड़की बन सकती है। .
देखें हिन्दी और बहूरानी (1963 फ़िल्म)
बात बन जाये (1986 फ़िल्म)
बात बन जाये 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बात बन जाये (1986 फ़िल्म)
बाबू गुलाबराय
बाबू गुलाबराय (१७ जनवरी १८८८ - १३ अप्रैल १९६३) हिन्दी के आलोचक तथा निबन्धकार थे।। .
देखें हिन्दी और बाबू गुलाबराय
बारबाडोस
प्रशांत महासागर के पश्चिमी हिस्से में कैरेबियन द्वीप पर स्थित इस देश को अंग्रेजों ने अफ्रीका और भारत से गन्ना उत्पादन के लिए लाए गए गुलामों की मदद से आबाद किया था। महज 430 वर्ग किमी में फैले इस द्वीप के आस-पास के देश में पश्चिम में सेंट विंसेंट व द ग्रेनाजिनस और सेंट लुसिया और दक्षिण में त्रिनिदाद और टोबैगो हैं। उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले इस देश में प्रशांत महासागर में चलने वाली हवाएं वातावरण को शीतल बनाए रखती हैं। सामाजिक और राजनीतिक सुधारों की धीमी शुरुआत के बावजूद आज मानव विकास सूची में इस देश का स्थान ऊपर के 75 देशों में आता है। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.
देखें हिन्दी और बारबाडोस
बाराबंकी जिला
बाराबंकी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला एवं लोकसभा क्षेत्र है। जिले का मुख्यालय बाराबंकी है। .
देखें हिन्दी और बाराबंकी जिला
बारामूला ज़िला
बारामूला ज़िला, जिसे कश्मीरी भाषा में वरमूल कहते हैं, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य का एक ज़िला है। इसका मुख्यालय बारामूला शहर है और गुलमर्ग का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी इसी ज़िले मे स्थित है। .
देखें हिन्दी और बारामूला ज़िला
बाली
बाली इंडोनेशिया का एक द्वीप प्रान्त है। यह जावा के पूर्व में स्थित है। लोम्बोक बाली के पूर्व में द्वीप है। यहां के ब्राह्मी लेख २०० ईपू के पुराने के हैं। बालीद्वीप का नाम भी बहुत पुराना है। १५०० ई से पहले इंडोनेशिया में मजापहित हिन्दू साम्राज्य स्थापित था। जब यह साम्राज्य गिरा और मुसलमान सुलतानों ने सत्ता ले ली तो जावा और अन्य द्वीपों के अभिजात-वर्गीय बाली भाग आये। यहां में हिन्दु धर्म का पतन नही हुआ। बाली १०० वर्ष पहले तक स्वतन्त्र रहा पर अन्त में डच लोगों ने इसे परास्त कर लिया। यहां की जनता का बहुमत (९० प्रतिशत) हिन्दू धर्म में आस्था रखता है। यह विश्व विख्यात पर्यटन स्थान है जिसकी कला, संगीत, नृत्य और मन्दिर मनमोहक हैं। यहां की राजधानी देनपसार नगर है। उबुद मध्य बाली में नगर है। यह द्वीप में कला और संस्कृति का प्रधान स्थान है। कूटा दक्षिण बाली में नगर है। यहा २००२ में इसलामी आतंकवादियों ने बम विस्फोट किया जिसमे २०२ व्यक्ति मारे गये।जिम्बरन बाली में मछुओं का ग्राम और अब पर्यटन स्थल है। द्वीप के उत्तरी तट पर सिंहराज नगर स्थापित है। अगुंग पर्वत और ज्वालामुखी बतुर पर्वत दो ऊंची चोटियां हैं। '''बाली द्वीप''' .
देखें हिन्दी और बाली
बाज़ी (1968 फ़िल्म)
इसी नाम से 1963 में बनी फ़िल्म के बारे में जानने के लिए यहां जाएं - बाज़ी (1963 फ़िल्म) बाज़ी १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बाज़ी (1968 फ़िल्म)
बाज़ी(1963 फ़िल्म)
इसी नाम से 1968 में बनी फ़िल्म के बारे में जानने के लिए यहां जाएं - बाज़ी (1968 फ़िल्म) बाज़ी १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बाज़ी(1963 फ़िल्म)
बाङ्ला भाषा
बाङ्ला भाषा अथवा बंगाली भाषा (बाङ्ला लिपि में: বাংলা ভাষা / बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फ़ैले हैं। .
देखें हिन्दी और बाङ्ला भाषा
बिन बादल बरसात (1963 फ़िल्म)
बिन बादल बरसात १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बिन बादल बरसात (1963 फ़िल्म)
बिन्दिया गोस्वामी
बिन्दिया गोस्वामी हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और बिन्दिया गोस्वामी
बिपाशा बसु
बिपाशा बसु (जन्म: ७ जनवरी, १९७९) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और बिपाशा बसु
बिहार
बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .
देखें हिन्दी और बिहार
बिहारी (साहित्यकार)
बिहारीलाल या बिहारी हिंदी के रीति काल के प्रसिद्ध कवि थे। .
देखें हिन्दी और बिहारी (साहित्यकार)
बिहारी भाषाएँ
बिहारी पूर्वी हिन्द–आर्य भाषाओं का पश्चित्मी समूह है जो मुख्यतः भारत में बिहार एवं इसके अन्य पड़ोसी राज्यों में बोली जाती है। कुछ बिहारी भाषायें जैसे: अंगिका, बज्जिका, भोजपुरी, मगही और मैथिली भारत के साथ साथ नेपाल में भी बोली जाती हैं। बिहारी शब्द को भाषा के मायने जोड़ने का प्रथम प्रयास अंग्रेज भाषा-वैज्ञानिक सर जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन द्वारा देखा जाता है। ग्रियर्सन ने पहली बार अपने लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया में वर्तमान उत्तरी बिहार और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाले भाषाओं के सम्मिलित स्वरुप जो वहाँ की क्षेत्रिय हिन्दी में परिलक्षित होता है, उसे बिहारी नाम दे दिया है। इस क्षेत्र में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में - मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका, बज्जिका, नागपुरिया इत्यादि भाषायें हैं। इन भाषाओं को मातृभाषा के तौर पर प्रयोग करने वाले जब हिन्दी को अपनी दूसरी प्रमुख भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं तो उनकी हिन्दी में व्याकरण और उच्चारण के स्तर पर कई समानतायें पायी जाती है इस प्रभाव को आम तौर पर हिन्दी फिल्मों और आम बोल-चाल में "बिहारी" नाम दे दिया गया है। ऐसा ही प्रभाव उस क्षेत्र के अंग्रेजी बोलने वालों की अंग्रेजी में भी परिलक्षित होता है। सामाजिक एवं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में बिहारी शब्द का प्रयोग नकारात्मक विशेषण के रूप में होने लगा है। ये सभी भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती हैं। .
देखें हिन्दी और बिहारी भाषाएँ
बज्जिका
बज्जिका मैथिली भाषा की उपभाषा है, जो कि बिहार के तिरहुत प्रमंडल में बोली जाती है। इसे अभी तक भाषा का दर्जा नहीं मिला है, मुख्य रूप से यह बोली ही है| भारत में २००१ की जनगणना के अनुसार इन जिलों के लगभग १ करोड़ १५ लाख लोग बज्जिका बोलते हैं। नेपाल के रौतहट एवं सर्लाही जिला एवं उसके आस-पास के तराई क्षेत्रों में बसने वाले लोग भी बज्जिका बोलते हैं। वर्ष २००१ के जनगणना के अनुसार नेपाल में २,३८,००० लोग बज्जिका बोलते हैं। उत्तर बिहार में बोली जाने वाली दो अन्य भाषाएँ भोजपुरी एवं मैथिली के बीच के क्षेत्रों में बज्जिका सेतु रूप में बोली जाती है। .
देखें हिन्दी और बज्जिका
बंटी और बबली
बंटी और बबली 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बंटी और बबली
बंकिम
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और बंकिम
बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (२७ जून १८३८ - ८ अप्रैल १८९४) बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है। आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे। .
देखें हिन्दी और बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
बुल्गारिया
बुल्गारिया दक्षिण-पूर्व यूरोप में स्थित देश है, जिसकी राजधानी सोफ़िया है। देश की सीमाएं उत्तर में रोमानिया से, पश्चिम में सर्बिया और मेसेडोनिया से, दक्षिण में ग्रीस और तुर्की से मिलती हैं। पूर्व में देश की सीमाएं काला सागर निर्धारित करती है। कला और तकनीक के अलावा राजनैतिक दृष्टि से भी बुल्गारिया का वजूद पाँचवीं सदी से नजर आने लगता है। पहले बुल्गारियन साम्राज्य (632/681 - 1018) ने न केवल बाल्कन क्षेत्र बल्कि पूरे पूर्वी यूरोप को अनेक तरह से प्रभावित किया। बुल्गारियन साम्राज्य के पतन के बाद इसे ओटोमन शासन के अधीन कर दिया। 1877-78 में हुए रुस-तुर्की युद्ध ने बुल्गारिया राज्य को पुन: स्थापित करने में मदद की। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बुल्गारिया साम्यवादी राज्य और पूर्वी ब्लाक का हिस्सा बन गया। 1989 में क्रांति के बाद 1990 में साम्यवादियों का सत्ता से एकाधिकार समाप्त हो गया और देश संसदीय गणराज्य के रूप में आगे बढ़ने लगा। यह देश 2004 से नाटो का और 2007 से यूरोपियन यूनियन का सदस्य है। .
देखें हिन्दी और बुल्गारिया
ब्रज
शेठ लक्ष्मीचन्द मन्दिर का द्वार (१८६० के दशक का फोटो) वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के मथुरा नगर सहित वह भू-भाग, जो श्रीकृष्ण के जन्म और उनकी विविध लीलाओं से सम्बधित है, ब्रज कहलाता है। इस प्रकार ब्रज वर्तमान मथुरा मंडल और प्राचीन शूरसेन प्रदेश का अपर नाम और उसका एक छोटा रूप है। इसमें मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, गोकुल, महाबन, वलदेव, नन्दगाँव, वरसाना, डीग और कामबन आदि भगवान श्रीकृष्ण के सभी लीला-स्थल सम्मिलित हैं। उक्त ब्रज की सीमा को चौरासी कोस माना गया है। सूरदास तथा अन्य व्रजभाषा के भक्त कवियों और वार्ताकारों ने भागवत पुराण के अनुकरण पर मथुरा के निकटवर्ती वन्य प्रदेश की गोप-बस्ती को ब्रज कहा है और उसे सर्वत्र 'मथुरा', 'मधुपुरी' या 'मधुवन' से पृथक वतलाया है। ब्रज क्षेत्र में आने वाले प्रमुख नगर ये हैं- मथुरा, जलेसर, भरतपुर, आगरा, हाथरस, धौलपुर, अलीगढ़, इटावा, मैनपुरी, एटा, कासगंज, और फिरोजाबाद। ब्रज शब्द संस्कृत धातु 'व्रज' से बना है, जिसका अर्थ गतिशीलता से है। जहां गाय चरती हैं और विचरण करती हैं वह स्थान भी ब्रज कहा गया है। अमरकोश के लेखक ने ब्रज के तीन अर्थ प्रस्तुत किये हैं- गोष्ठ (गायों का बाड़ा), मार्ग और वृंद (झुण्ड)। संस्कृत के व्रज शब्द से ही हिन्दी का ब्रज शब्द बना है। वैदिक संहिताओं तथा रामायण, महाभारत आदि संस्कृत के प्राचीन धर्मग्रंथों में ब्रज शब्द गोशाला, गो-स्थान, गोचर भूमि के अर्थों में भी प्रयुक्त हुआ है। ऋग्वेद में यह शब्द गोशाला अथवा गायों के खिरक के रूप में वर्णित है। यजुर्वेद में गायों के चरने के स्थान को ब्रज और गोशाला को गोष्ठ कहा गया है। शुक्लयजुर्वेद में सुन्दर सींगों वाली गायों के विचरण स्थान से ब्रज का संकेत मिलता है। अथर्ववेद में गोशलाओं से सम्बधित पूरा सूक्त ही प्रस्तुत है। हरिवंश तथा भागवतपुराणों में यह शब्द गोप बस्त के रूप में प्रयुक्त हुआ है। स्कंदपुराण में महर्षि शांण्डिल्य ने ब्रज शब्द का अर्थ व्थापित वतलाते हुए इसे व्यापक ब्रह्म का रूप कहा है। अतः यह शब्द ब्रज की आध्यात्मिकता से सम्बधित है। वेदों से लेकर पुराणों तक में ब्रज का सम्बध गायों से वर्णित किया गया है। चाहे वह गायों को बांधने का बाडा हो, चाहे गोशाला हो, चाहे गोचर भूमि हो और चाहे गोप-बस्ती हो। भागवतकार की दृष्टि में गोष्ठ, गोकुल और ब्रज समानार्थक हैं। भागवत के आधार पर सूरदास की रचनाओं में भी ब्रज इसी अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। मथुरा और उसका निकटवर्ती भू-भाग प्राचीन काल से ही अपने सघन वनों, विस्तृत चारागाहों, गोष्ठों और सुन्दर गायों के लिये प्रसिद्ध रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म यद्यपि मथुरा नगर में हुआ था, तथापि राजनैतिक कारणों से उन्हें जन्म लेते ही यमुना पार की गोप-वस्ती में भेज दिया गया था, उनकी वाल्यावस्था एक बड़े गोपालक के घर में गोप, गोपी और गो-वृंद के साथ बीती थी। उस काल में उनके पालक नंदादि गोप गण अपनी सुरक्षा और गोचर-भूमि की सुविधा के लिये अपने गोकुल के साथ मथुरा निकटवर्ती विस्तृत वन-खण्डों में घूमा करते थे। श्रीकृष्ण के कारण उन गोप-गोपियों, गायों और गोचर-भूमियों का महत्व बड़ गया था। पौराणिक काल से लेकर वैष्णव सम्प्रदायों के आविर्भाव काल तक जैसे-जैसे कृश्णोपासना का विस्तार होता गया, वैसे-वैसे श्रीकृष्ण के उक्त परिकरों तथा उनके लीला स्थलों के गौरव की भी वृद्धि होती गई। इस काल में यहां गो-पालन की प्रचुरता थी, जिसके कारण व्रजखण्डों की भी प्रचुरता हो गई थी। इसलिये श्री कृष्ण के जन्म स्थान मथुरा और उनकी लीलाओं से सम्वधित मथुरा के आस-पास का समस्त प्रदेश ही ब्रज अथवा ब्रजमण्डल कहा जाने लगा था। इस प्रकार ब्रज शब्द का काल-क्रमानुसार अर्थ विकास हुआ है। वेदों और रामायण-महाभारत के काल में जहाँ इसका प्रयोग 'गोष्ठ'-'गो-स्थान' जैसे लघु स्थल के लिये होता था। वहां पौराणिक काल में 'गोप-बस्ती' जैसे कुछ बड़े स्थान के लिये किया जाने लगा। उस समय तक यह शब्द प्रदेशवायी न होकर क्षेत्रवायी ही था। भागवत में 'ब्रज' क्षेत्रवायी अर्थ में ही प्रयुक्त हुआ है। वहां इसे एक छोटे ग्राम की संज्ञा दी गई है। उसमें 'पुर' से छोटा 'ग्राम' और उससे भी छोटी बस्ती को 'ब्रज' कहा गया है। १६वीं शताब्दी में 'ब्रज' प्रदेशवायी होकर 'ब्रजमंडल' हो गया और तव उसका आकार ८४ कोस का माना जाने लगा था। उस समय मथुरा नगर 'ब्रज' में सम्मिलित नहीं माना जाता था। सूरदास तथा अन्य ब्रज-भाषा कवियों ने 'ब्रज' और मथुरा का पृथक् रूप में ही कथन किया है, जैसे पहिले अंकित किया जा चुका है। कृष्ण उपासक सम्प्रदायों और ब्रजभाषा कवियों के कारण जब ब्रज संस्कृति और ब्रजभाषा का क्षेत्र विस्तृत हुआ तब ब्रज का आकार भी सुविस्तृत हो गया था। उस समय मथुरा नगर ही नहीं, बल्कि उससे दूर-दूर के भू-भाग, जो ब्रज संस्कृति और ब्रज-भाषा से प्रभावित थे, व्रज अन्तर्गत मान लिये गये थे। वर्तमान काल में मथुरा नगर सहित मथुरा जिले का अधिकांश भाग तथा राजस्थान के डीग और कामबन का कुछ भाग, जहाँ से ब्रजयात्रा गुजरती है, ब्रज कहा जाता है। ब्रज संस्कृति और ब्रज भाषा का क्षेत्र और भी विस्तृत है। उक्त समस्त भू-भाग रे प्राचीन नाम, मधुबन, शुरसेन, मधुरा, मधुपुरी, मथुरा और मथुरामंडल थे तथा आधुनिक नाम ब्रज या ब्रजमंडल हैं। यद्यपि इनके अर्थ-बोध और आकार-प्रकार में समय-समय पर अन्तर होता रहा है। इस भू-भाग की धार्मिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक और संस्कृतिक परंपरा अत्यन्त गौरवपूर्ण रही है। .
देखें हिन्दी और ब्रज
ब्लफ़मास्टर(1963 फ़िल्म)
ब्लफ़मास्टर १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और ब्लफ़मास्टर(1963 फ़िल्म)
ब्लैक
ब्लैक 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और ब्लैक
बेटी बेटे
बेटी बेटे १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बेटी बेटे
बेईमान (1972 फ़िल्म)
बेईमान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बेईमान (1972 फ़िल्म)
बेग़ाना
बेग़ाना १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बेग़ाना
बोकारो
बोकारो झारखंड राज्य का एक जिला है। यह शहर अपने सरकारी क्षेत्र के इस्पात उद्योग के लिये प्रसिद्ध है तथा "स्टील सिटी" के नाम से जाना जाता है। बोकारो छोटानागपुर पठार में स्थित है। .
देखें हिन्दी और बोकारो
बीना राय
बीना राय (४ जून १९३१ – ६ दिसम्बर २००९) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। .
देखें हिन्दी और बीना राय
बीस साल बाद (1988 फ़िल्म)
बीस साल बाद 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और बीस साल बाद (1988 फ़िल्म)
बीवी और मकान
बीवी और मकान १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और बीवी और मकान
भरोसा (1963 फ़िल्म)
भरोसा १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और भरोसा (1963 फ़िल्म)
भानुप्रिया
भानुप्रिया (जन्म: 15 जनवरी 1966 हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और भानुप्रिया
भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
देखें हिन्दी और भारत
भारत रत्न
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .
देखें हिन्दी और भारत रत्न
भारत के भाषाई परिवार
वृहद भारत के भाषा परिवार भारत में विश्व के सबसे चार प्रमुख भाषा परिवारों की भाषाएँ बोली जाती है। सामान्यत: उत्तर भारत में बोली जाने वाली भारोपीय परि वार की भाषाओं को आर्य भाषा समूह, दक्षिण की भाषाओं को द्रविड़ भाषा समूह, ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार की भाषाओं को भुंडारी भाषा समूह तथा पूर्वोत्तर में रहने वाले तिब्बती-बर्मी, नृजातीय भाषाओं को चीनी-तिब्बती (नाग भाषा समूह) के रूप में जाना जाता है। .
देखें हिन्दी और भारत के भाषाई परिवार
भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश
भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.
देखें हिन्दी और भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश
भारत के लोग
भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बडी जनसंख्या वाला देश है। भारत की विभिन्नताओं से भरी जनता में भाषा, जाति और धर्म, सामाजिक और राजनीतिक संगठन के मुख्य शत्रु हैं। मुम्बई (पहले बॉम्बे), दिल्ली, कोलकाता (पहले कलकत्ता) और चेन्नई (पहले मद्रास), भारत के सबसे बङे महानगर हैं। भारत में ६४.८ प्रतिशत साक्षरता है जिसमे से ७५.३ % पुरुष और ५३.७% स्त्रियाँ साक्षर है। लिंग अनुपात की दृष्टि से भारत में प्रत्येक १००० पुरुषों के पीछे मात्र ९३३ महिलायें है। कार्य भागीदारी दर (कुल जनसंख्या मे कार्य करने वालों का भाग) ३९.१% है। पुरुषों के लिये यह दर ५१.७% और स्त्रियों के लिये २५.६% है। भारत की १००० जनसंख्या में २२.३२ जन्मों के साथ बढती जनसंख्या के आधे लोग २२.६६ वर्ष से कम आयु के हैं। यद्यपि भारत की ८०.५ प्रतिशत जनसंख्या हिन्दू है, १३.४ प्रतिशत जनसंख्या के साथ भारत विश्व में मुसलमानों की संख्या में भी इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद तीसरे स्थान पर है। अन्य धर्मावलम्बियों में ईसाई (२.३३ %), सिख (१.८४ %), बौद्ध (०.७६ %), जैन (०.४० %), अय्यावलि (०.१२ %), यहूदी, पारसी, अहमदी और बहाई आदि सम्मिलित हैं। भारत चार मुख्य भाषा सूत्रों, इनदो-यूरोपीयन, द्रविङियन्, सिनो-टिबेटन और औसटरो-एजियाटिक का भी स्रोत है। भारत का संविधान कुल २३ भाषाओं को मान्यता देता है। हिन्दी और अंग्रेजी केन्द्रीय सरकार द्वारा सरकारी कामकाज के लिये उपयोग की जाती है। संस्कृत, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु जैसी अति प्राचीन भाषाऐं भारत में ही जन्मी हैं। कुल मिलाकर भारत में १६५२ से भी अधिक भाषाऐं एवं बोलियां बोली जातीं हैं।.
देखें हिन्दी और भारत के लोग
भारत की भाषाएँ
भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। वृहद भारत के भाषा परिवार .
देखें हिन्दी और भारत की भाषाएँ
भारत की संस्कृति
कृष्णा के रूप में नृत्य करते है भारत उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय सांस्कृतिक सीमाओं और क्षेत्रों की स्थिरता और ऐतिहासिक स्थायित्व को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है। .
देखें हिन्दी और भारत की संस्कृति
भारतेन्दु हरिश्चंद्र
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (९ सितंबर १८५०-७ जनवरी १८८५) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी। उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है। उन्होंने रीतिकाल की विकृत सामन्ती संस्कृति की पोषक वृत्तियों को छोड़कर स्वस्थ्य परम्परा की भूमि अपनाई और नवीनता के बीज बोए। हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण का चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। हिन्दी को राष्ट्र-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में उन्होंने अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। भारतेन्दु बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा। हिंदी में नाटकों का प्रारंभ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से माना जाता है। भारतेन्दु के नाटक लिखने की शुरुआत बंगला के विद्यासुंदर (१८६७) नाटक के अनुवाद से होती है। यद्यपि नाटक उनके पहले भी लिखे जाते रहे किंतु नियमित रूप से खड़ीबोली में अनेक नाटक लिखकर भारतेन्दु ने ही हिंदी नाटक की नींव को सुदृढ़ बनाया। उन्होंने 'हरिश्चंद्र पत्रिका', 'कविवचन सुधा' और 'बाल विबोधिनी' पत्रिकाओं का संपादन भी किया। वे एक उत्कृष्ट कवि, सशक्त व्यंग्यकार, सफल नाटककार, जागरूक पत्रकार तथा ओजस्वी गद्यकार थे। इसके अलावा वे लेखक, कवि, संपादक, निबंधकार, एवं कुशल वक्ता भी थे।। वेबदुनिया। स्मृति जोशी भारतेन्दु जी ने मात्र ३४ वर्ष की अल्पायु में ही विशाल साहित्य की रचना की। पैंतीस वर्ष की आयु (सन् १८८५) में उन्होंने मात्रा और गुणवत्ता की दृष्टि से इतना लिखा, इतनी दिशाओं में काम किया कि उनका समूचा रचनाकर्म पथदर्शक बन गया। .
देखें हिन्दी और भारतेन्दु हरिश्चंद्र
भारतेन्दु विमल
भारतेन्दु विमल ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। उपन्यास `सोन मछली' के लेखक भारतेन्दु विमल बी.बी.सी. रेडियो से जुड़े हैं। कमलेश्वरजी ने इस उपन्यास को गटर गंगा की संज्ञा देते हुए इस उपन्यास की भूमिका में इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है। भारतेन्दु विमल ग़ज़ल एवं कविता भी लिखते हैं। मुंबई के फिल्म जगत से जुड़े विमलजी को वर्ष 2003 के लिए अपने उपन्यास `सोन मछली' के लिए पद्मानंद साहित्य सम्मान प्राप्त हो चुका है। वे किसी भी गुटबाज़ी या वाद-विवाद का हिस्सा नहीं बनते और किसी शांत कोने में आराम से अपना काम करते रहते हैं। विमलजी ब्रिटेन भर के बहुत से कवि सम्मेलनों का कुशल संचालन भी कर चुके हैं। .
देखें हिन्दी और भारतेन्दु विमल
भारतीय महाकाव्य
भारत में संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में अनेक महाकाव्यों की रचना हुई है। भारत के महाकाव्यों में वाल्मीकि रामायण, व्यास द्वैपायन रचित महाभारत, तुलसीदासरचित रामचरितमानस, आदि ग्रन्थ परमुख हैं। .
देखें हिन्दी और भारतीय महाकाव्य
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) (Communist Party of India) भारत का एक साम्यवादी दल है। इस दल की स्थापना 26 दिसम्बर 1925 को कानपुर नगर में हुई थी। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की स्थापना एम एन राय ने की। 1928 ई.
देखें हिन्दी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
भाल
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और भाल
भाषा
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। किसी भाषा की सभी ध्वनियों के प्रतिनिधि स्वन एक व्यवस्था में मिलकर एक सम्पूर्ण भाषा की अवधारणा बनाते हैं। व्यक्त नाद की वह समष्टि जिसकी सहायता से किसी एक समाज या देश के लोग अपने मनोगत भाव तथा विचार एक दूसरे पर प्रकट करते हैं। मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। बोली। जबान। वाणी। विशेष— इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाकों के भी अनेक वर्ग उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हमारी हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कुत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा आभ्यंतर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं वह हमारे आभ्यंतर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है। इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह सीखे नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाओं के भी अनेक वर्ग-उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कृत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। प्रायः भाषा को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिये लिपियों की सहायता लेनी पड़ती है। भाषा और लिपि, भाव व्यक्तीकरण के दो अभिन्न पहलू हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। उदाहरणार्थ पंजाबी, गुरूमुखी तथा शाहमुखी दोनो में लिखी जाती है जबकि हिन्दी, मराठी, संस्कृत, नेपाली इत्यादि सभी देवनागरी में लिखी जाती है। .
देखें हिन्दी और भाषा
भाषा-परिवार
विश्व के प्रमुख भाषाकुलों के भाषाभाषियों की संख्या का पाई-चार्ट आपस में सम्बंधित भाषाओं को भाषा-परिवार कहते हैं। कौन भाषाएँ किस परिवार में आती हैं, इनके लिये वैज्ञानिक आधार हैं। इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। विभिन्न देशों की प्राचीन भाषाएँ जिनका अध्ययन और वर्गीकरण पर्याप्त सामग्री के अभाव में नहीं हो सका है, पहली अवस्था में है। इनका अस्तित्व इनमें उपलब्ध प्राचीन शिलालेखो, सिक्कों और हस्तलिखित पुस्तकों में अभी सुरक्षित है। मेसोपोटेमिया की पुरानी भाषा ‘सुमेरीय’ तथा इटली की प्राचीन भाषा ‘एत्रस्कन’ इसी तरह की भाषाएँ हैं। दूसरी अवस्था में ऐसी आधुनिक भाषाएँ हैं, जिनका सम्यक् शोध के अभाव में अध्ययन और विभाजन प्रचुर सामग्री के होते हुए भी नहीं हो सका है। बास्क, बुशमन, जापानी, कोरियाई, अंडमानी आदि भाषाएँ इसी अवस्था में हैं। तीसरी अवस्था की भाषाओं में पर्याप्त सामग्री है और उनका अध्ययन एवं वर्गीकरण हो चुका है। ग्रीक, अरबी, फारसी, संस्कृत, अंग्रेजी आदि अनेक विकसित एवं समृद्ध भाषाएँ इसके अन्तर्गत हैं। .
देखें हिन्दी और भाषा-परिवार
भाषाविज्ञान
भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान के अध्ययेता 'भाषाविज्ञानी' कहलाते हैं। भाषाविज्ञान, व्याकरण से भिन्न है। व्याकरण में किसी भाषा का कार्यात्मक अध्ययन (functional description) किया जाता है जबकि भाषाविज्ञानी इसके आगे जाकर भाषा का अत्यन्त व्यापक अध्ययन करता है। अध्ययन के अनेक विषयों में से आजकल भाषा-विज्ञान को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। .
देखें हिन्दी और भाषाविज्ञान
भाव प्रकाश
भावप्रकाश आयुर्वेद का एक मूल ग्रन्थ है। इसके रचयिता आचार्य भाव मिश्र थे। भावप्रकाश में आयुवैदिक औषधियों में प्रयुक्त वनस्पतियों एवं जड़ी-बूटियों का वर्णन है। भावप्रकाश, माधवनिदान तथा शार्ङ्गधरसंहिता को संयुक्त रूप से 'लघुत्रयी' कहा जाता है। भावप्रकाशनिघण्टु भावप्रकाश का एक खण्ड है जिसमें सभी प्रकार के औद्भिज, प्राणिज व पार्थिव पदार्थों के गुणकर्मों का विस्तृत विवेचन मूल संस्कृत श्लोकों, उनके हिन्दी अर्थ, समानार्थक अन्य भाषाओं के शब्दों व सम्पूर्ण व्याख्या सहित दिया गया है। .
देखें हिन्दी और भाव प्रकाश
भाग्यश्री
भाग्यश्री हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं और एक टेलीविज़न कलाकार हैं। .
देखें हिन्दी और भाग्यश्री
भिवानी
गंगा सतलुज के मैदान में बसा तथा दक्षिण में थार रेगिस्तान को छूता हुआ भिवानी, हरियाणा प्रदेश (भारत) का एक प्रमुख शहर तथा भिवानी जिले का प्रमुखालय है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह हरियाणा का सबसे बड़ा जिला है। यह प्रदेश अपने ऐतिहासिक तथा धार्मिक दृष्टव्य स्थलों के लिए प्रसिद्द है। इसके अलावा, भिवानी नगर शिक्षा, चिकित्सा एवं खेल कूद के लिए भी जाना जाता है। भिवानी हरियाणा के तीन मुख्यमंत्रियों की जन्मस्थली रह चुका है, चौ॰ बंसी लाल, बाबू गुप्ता एवं हुकुम चंद। भिवानी जिले को 22 दिसम्बर 1972 को हिसार से अलग कर दिया गया था। इस में छ: तहसील हैं - भिवानी, बवानी खेड़ा, तोशाम, चरखी दादरी, लोहारू और सिवानी। वर्त्तमान में चरखी दादरी को नया जिला बना दिया गया है भिवानी के उत्तर में हिसार, पूर्व में रोहतक, दक्षिण में महेंद्रगढ़, दक्षिण पूर्व में रेवाड़ी तथा पशिम और दक्षिण पश्चिम में राजस्थान है। ये हरियाणा के सबसे नीचे जल स्तर के जिलों में आता है। खासकर लोहारू और चरखी दादरी की ओर पानी की अत्यधिक कमी है। .
देखें हिन्दी और भिवानी
भिवानी जिला
भिवानी भारत के हरियाणा राज्य का एक जिला है जिसका मुख्यालय भिवानी है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह हरियाणा का सबसे बड़ा जिला है। इसकी स्थापना 22 दिसम्बर, 1972 को हुई थी जब इसे हिसार से अलग कर दिया गया था। इसके जिला मुख्यालय का नाम भी भिवानी ही है। इसका क्षेत्रफल 5140 वर्ग किमी है। 442 गावों को समेटे इस जिले की जनसँख्या 1,425, 022 है जो जनसंख्या की दृष्टि से भिवानी को हरियाणा में तीसरा बड़ा जिला बना देता है (पहले और दुसरे पर क्रमशः फरीदाबाद और हिसार हैं)। जिला मुख्यालय भिवानी भारत की राजधानी दिल्ली से 124 किलोमीटर दूर है। भिवानी के उत्तर में हिसार, पूर्व में रोहतक, दक्षिण में महेंद्रगढ़, दक्षिण पूर्व में रेवाड़ी तथा पशिम और दक्षिण पश्चिम में राजस्थान है। ये हरियाणा के सबसे नीचे जल स्तर के जिलों में आता है। .
देखें हिन्दी और भिवानी जिला
भवानी प्रसाद मिश्र
भवानी प्रसाद मिश्र (जन्म: २९ मार्च १९१४ - मृत्यु: २० फ़रवरी १९८५) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। वे दूसरे तार-सप्तक के एक प्रमुख कवि हैं। गाँधीवाद की स्वच्छता, पावनता और नैतिकता का प्रभाव तथा उसकी झलक उनकी कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। उनका प्रथम संग्रह 'गीत-फ़रोश' अपनी नई शैली, नई उद्भावनाओं और नये पाठ-प्रवाह के कारण अत्यंत लोकप्रिय हुए थे। प्यार से लोग उन्हें भवानी भाई कहकर सम्बोधित किया करते थे। उन्होंने स्वयं को कभी भी कभी निराशा के गर्त में डूबने नहीं दिया। जैसे सात-सात बार मौत से वे लड़े वैसे ही आजादी के पहले गुलामी से लड़े और आजादी के बाद तानाशाही से भी लड़े। आपातकाल के दौरान नियम पूर्वक सुबह दोपहर शाम तीनों बेलाओं में उन्होंने कवितायें लिखी थीं जो बाद में त्रिकाल सन्ध्या नामक पुस्तक में प्रकाशित भी हुईं।http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4488/3/52 भवानी भाई को १९७२ में उनकी कृति बुनी हुई रस्सी के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। १९८१-८२ में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्यकार सम्मान दिया गया तथा १९८३ में उन्हें मध्य प्रदेश शासन के शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया। .
देखें हिन्दी और भवानी प्रसाद मिश्र
भगत सिंह
भगत सिंह (जन्म: २८ सितम्बर या १९ अक्टूबर, १९०७, मृत्यु: २३ मार्च १९३१) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया। भगत सिंह को समाजवादी,वामपंथी और मार्क्सवादी विचारधारा में रुचि थी। सुखदेव, राजगुरु तथा भगत सिंह के लटकाये जाने की ख़बर - लाहौर से प्रकाशित ''द ट्रिब्युन'' के मुख्य पृष्ठ --> .
देखें हिन्दी और भगत सिंह
भगवती चरण वर्मा
भगवती चरण वर्मा (३० अगस्त १९०३ - ५ अक्टूबर १९८८) हिन्दी के साहित्यकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .
देखें हिन्दी और भगवती चरण वर्मा
भगवान दादा (1986 फ़िल्म)
भगवान दादा 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और भगवान दादा (1986 फ़िल्म)
भूत बंगला
भूत बंगला १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और भूत बंगला
भूषण (हिन्दी कवि)
भूषण (१६१३-१७१५) रीतिकाल के तीन प्रमुख कवियों में से एक हैं, अन्य दो कवि हैं बिहारी तथा केशव। रीति काल में जब सब कवि शृंगार रस में रचना कर रहे थे, वीर रस में प्रमुखता से रचना कर भूषण ने अपने को सबसे अलग साबित किया। 'भूषण' की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा रूद्रसाह के पुत्र हृदयराम ने प्रदान की थी। ये मोरंग, कुमायूँ, श्रीनगर, जयपुर, जोधपुर, रीवाँ, शिवाजी और छत्रसाल आदि के आश्रय में रहे, परन्तु इनके पसंदीदा नरेश शिवाजी और बुंदेला थे। .
देखें हिन्दी और भूषण (हिन्दी कवि)
भोजपुरी भाषा
भोजपुरी शब्द का निर्माण बिहार का प्राचीन जिला भोजपुर के आधार पर पड़ा। जहाँ के राजा "राजा भोज" ने इस जिले का नामकरण किया था।भाषाई परिवार के स्तर पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना (2001) आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग ४ करोड़ है, हालांकि द टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख के में ये बताया गया है कि पूरे विश्व में भोजपुरी के वक्ताओं की संख्या १६ करोड़ है, जिसमें बिहार में ८ करोड़ और उत्तर प्रदेश में ७ करोड़ तथा शेष विश्व में १ करोड़ है। उत्तर अमेरिकी भोजपुरी संगठन के अनुसार वक्ताओं की संख्या १८ करोड़ है। वक्ताओं के संख्या के आंकड़ों में ऐसे अंतर का संभावित कारण ये हो सकता है कि जनगणना के समय लोगों द्वारा भोजपुरी को अपनी मातृ भाषा नहीं बताई जाती है। .
देखें हिन्दी और भोजपुरी भाषा
भीमराव आम्बेडकर
भीमराव रामजी आम्बेडकर (१४ अप्रैल, १८९१ – ६ दिसंबर, १९५६) बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता; वह भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और बातचीत में शामिल हो गए, पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत और भारत की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। .
देखें हिन्दी और भीमराव आम्बेडकर
भीष्म साहनी
रावलपिंडी पाकिस्तान में जन्मे भीष्म साहनी (८ अगस्त १९१५- ११ जुलाई २००३) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से थे। १९३७ में लाहौर गवर्नमेन्ट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एम ए करने के बाद साहनी ने १९५८ में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। भारत पाकिस्तान विभाजन के पूर्व अवैतनिक शिक्षक होने के साथ-साथ ये व्यापार भी करते थे। विभाजन के बाद उन्होंने भारत आकर समाचारपत्रों में लिखने का काम किया। बाद में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से जा मिले। इसके पश्चात अंबाला और अमृतसर में भी अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने। १९५७ से १९६३ तक मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह (फॉरेन लॅग्वेजेस पब्लिकेशन हाउस) में अनुवादक के काम में कार्यरत रहे। यहां उन्होंने करीब दो दर्जन रूसी किताबें जैसे टालस्टॉय आस्ट्रोवस्की इत्यादि लेखकों की किताबों का हिंदी में रूपांतर किया। १९६५ से १९६७ तक दो सालों में उन्होंने नयी कहानियां नामक पात्रिका का सम्पादन किया। वे प्रगतिशील लेखक संघ और अफ्रो-एशियायी लेखक संघ (एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन) से भी जुड़े रहे। १९९३ से ९७ तक वे साहित्य अकादमी के कार्यकारी समीति के सदस्य रहे। भीष्म साहनी को हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। वे मानवीय मूल्यों के लिए हिमायती रहे और उन्होंने विचारधारा को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया। वामपंथी विचारधारा के साथ जुड़े होने के साथ-साथ वे मानवीय मूल्यों को कभी आंखो से ओझल नहीं करते थे। आपाधापी और उठापटक के युग में भीष्म साहनी का व्यक्तित्व बिल्कुल अलग था। उन्हें उनके लेखन के लिए तो स्मरण किया ही जाएगा लेकिन अपनी सहृदयता के लिए वे चिरस्मरणीय रहेंगे। भीष्म साहनी हिन्दी फ़िल्मों के जाने माने अभिनेता बलराज साहनी के छोटे भाई थे। उन्हें १९७५ में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९७५ में शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार), १९८० में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, १९८३ में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड तथा १९९८ में भारत सरकार के पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया। उनके उपन्यास तमस पर १९८६ में एक फिल्म का निर्माण भी किया गया था। .
देखें हिन्दी और भीष्म साहनी
मणिरत्नम्
मणिरत्नम तमिल तथा हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक हैं। .
देखें हिन्दी और मणिरत्नम्
मति
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं।मतिगति मतलब - विचारधारा; विचारसरणी; सोचने का ढंग। मतिभंगी मतलब - मति या बुद्धि को नष्ट करने वाला। मतिभ्रम मतलब - 1.
देखें हिन्दी और मति
मथुरा ज़िला
मथुरा भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय मथुरा है। सन् २०११ की जनगणना में इसका साक्षरता दर ७२% था। इसका एस.टी.डी (STD) कोड ०५६५ है। .
देखें हिन्दी और मथुरा ज़िला
मदुरई
मदुरै या मदुरई (மதுரை एवं), दक्षिण भारत के तमिल नाडु राज्य के मदुरई जिले का मुख्यालय नगर है। यह भारतीय प्रायद्वीप के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक है।फ्रॉमर्स इण्डिया, द्वारा: पिप्पा देब्र्यून, कीथ बैन, नीलोफर वेंकटरमन, शोनार जोशी इस शहर को अपने प्राचीन मंदिरों के लिये जाना जाता है। इस शहर को कई अन्य नामों से बुलाते हैं, जैसे कूडल मानगर, तुंगानगर (कभी ना सोने वाली नगरी), मल्लिगई मानगर (मोगरे की नगरी) था पूर्व का एथेंस। यह वैगई नदी के किनारे स्थित है। लगभग २५०० वर्ष पुराना यह स्थान तमिल नाडु राज्य का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र है। यहां का मुख्य आकर्षण मीनाक्षी मंदिर है जिसके ऊंचे गोपुरम और दुर्लभ मूर्तिशिल्प श्रद्धालुओं और सैलानियों को आकर्षित करते हैं। इस कारणं इसे मंदिरों का शहर भी कहते हैं। मदुरै एक समय में तमिल शिक्षा का मुख्य केंद्र था और आज भी यहां शुद्ध तमिल बोली जाती है। यहाँ शिक्षा का प्रबंध उत्तम है। यह नगर जिले का व्यापारिक, औद्योगिक तथा धार्मिक केंद्र है। उद्योगों में सूत कातने, रँगने, मलमल बुनने, लकड़ी पर खुदाई का काम तथा पीतल का काम होता है। यहाँ की जनसंख्या ११ लाख ८ हजार ७५५ (२००४ अनुमानित) है। आधुनिक युग में यह प्रगति के पथ पर अग्रसर है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पाने में प्रयासरत है, किंतु अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति को भी संरक्षित किए हुए है। इस शहर के प्राचीन यूनान एवं रोम की सभ्यताओं से ५५० ई.पू.
देखें हिन्दी और मदुरई
मधु कांकरिया
मधु कांकरिया हिन्दी साहित्य की प्रतिष्ठित लेखिका, कथाकार तथा उपन्यासकार हैं। उन्होंने बहुत सुन्दर यात्रा-वृत्तांत भी लिखे हैं। उनकी रचनाओं में विचार और संवेदना की नवीनता तथा समाज में व्याप्त अनेक ज्वलंत समस्याएें जैसे संस्कृति, महानगर की घुटन और असुरक्षा के बीच युवाओं में बढ़ती नशे की आदत, लालबत्ती इलाकों की पीड़ा नारी अभिव्यक्ति उनकी रचनाओं के विषय रहे हैं। .
देखें हिन्दी और मधु कांकरिया
मधुबनी
मधुबनी भारत के बिहार प्रान्त में दरभंगा प्रमंडल अंतर्गत एक प्रमुख शहर एवं जिला है। दरभंगा एवं मधुबनी को मिथिला संस्कृति का द्विध्रुव माना जाता है। मैथिली तथा हिंदी यहाँ की प्रमुख भाषा है। विश्वप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग एवं मखाना के पैदावार की वजह से मधुबनी को विश्वभर में जाना जाता है। इस जिला का गठन १९७२ में दरभंगा जिले के विभाजन के उपरांत हुआ था।मधुबनी चित्रकला मिथिलांचल क्षेत्र जैसे बिहार के दरभंगा, मधुबनी एवं नेपाल के कुछ क्षेत्रों की प्रमुख चित्रकला है। प्रारम्भ में रंगोली के रूप में रहने के बाद यह कला धीरे-धीरे आधुनिक रूप में कपड़ो, दीवारों एवं कागज पर उतर आई है। मिथिला की औरतों द्वारा शुरू की गई इस घरेलू चित्रकला को पुरुषों ने भी अपना लिया है। वर्तमान में मिथिला पेंटिंग के कलाकारों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मधुबनी व मिथिला पेंटिंग के सम्मान को और बढ़ाये जाने को लेकर तकरीबन 10,000 sq/ft में मधुबनी रेलवे स्टेशन के दीवारों को मिथिला पेंटिंग की कलाकृतियों से सरोबार किया। उनकी ये पहल निःशुल्क अर्थात श्रमदान के रूप में किया गया। श्रमदान स्वरूप किये गए इस अदभुत कलाकृतियों को विदेशी पर्यटकों व सैनानियों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। .
देखें हिन्दी और मधुबनी
मधुशाला
मधुशाला हिंदी के बहुत प्रसिद्ध कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन (1907-2003) का अनुपम काव्य है। इसमें एक सौ पैंतीस रूबाइयां (यानी चार पंक्तियों वाली कविताएं) हैं। मधुशाला बीसवीं सदी की शुरुआत के हिन्दी साहित्य की अत्यंत महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें सूफीवाद का दर्शन होता है। .
देखें हिन्दी और मधुशाला
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .
देखें हिन्दी और मध्य प्रदेश
मन्नू भंडारी
मन्नू भंडारी मन्नू भंडारी (जन्म ३ अप्रैल १९३१) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार हैं। मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में जन्मी मन्नू का बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम का चुनाव किया। उन्होंने एम ए तक शिक्षा पाई और वर्षों तक दिल्ली के मीरांडा हाउस में अध्यापिका रहीं। धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उपन्यास आपका बंटी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं। लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में मिला। उनके पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे। .
देखें हिन्दी और मन्नू भंडारी
मनीषा कोइराला
मनीषा कोइराला (जन्म: 16 अगस्त, 1970) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और मनीषा कोइराला
ममता (1966 फ़िल्म)
ममता १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके मुख्य कलाकार हैं सुचित्रा सेन अशोक कुमार और धर्मेन्द्र। सुचित्रा सेन की यह तीसरी हिन्दी फ़िल्म थी। इस फ़िल्म का निर्देशन बंगाली फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्देशक असित सेन ने किया है। .
देखें हिन्दी और ममता (1966 फ़िल्म)
मराठी भाषा
मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .
देखें हिन्दी और मराठी भाषा
मलिक मोहम्मद जायसी
मलिक मुहम्मद जायसी (१४७७-१५४२) हिन्दी साहित्य के भक्ति काल की निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के कवि हैं। वे अत्यंत उच्चकोटि के सरल और उदार सूफ़ी महात्मा थे। जायसी मलिक वंश के थे। मिस्रमें सेनापति या प्रधानमंत्री को मलिक कहते थे। दिल्ली सल्तनत में खिलजी वंश राज्यकाल में अलाउद्दीन खिलजी ने अपने चाचा को मरवाने के लिए बहुत से मलिकों को नियुक्त किया था जिसके कारण यह नाम उस काल से काफी प्रचलित हो गया था। इरान में मलिक जमींदार को कहा जाता था व इनके पूर्वज वहां के निगलाम प्रान्त से आये थे और वहीं से उनके पूर्वजों की पदवी मलिक थी। मलिक मुहम्मद जायसी के वंशज अशरफी खानदान के चेले थे और मलिक कहलाते थे। फिरोज शाह तुगलक के अनुसार बारह हजार सेना के रिसालदार को मलिक कहा जाता था। जायसी ने शेख बुरहान और सैयद अशरफ का अपने गुरुओं के रूप में उल्लेख किया है। .
देखें हिन्दी और मलिक मोहम्मद जायसी
महमूद
महमूद अली (१९३२-जुलाई २३, २००४) (आम तौर पर महमूद) एक भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्देशक थे। हिन्दी फ़िल्मों में उनके हास्य कलाकार के तौर पर किये गये अदभुत अभिनय के लिये वे जाने और सराहे गये है। तीन दशक लम्बे चले उनके करीयर में उन्होने 300 से ज़्यादा हिन्दी फ़िल्मों में काम किया। महमूद अभिनेता और नृत्य कलाकार मुम्ताज़ अली के नौ बच्चों में से एक थे। जुलाई २३, २००४ को अमरीका में पेनसिल्वेनिया शहर में नींद में ही गुज़र गये। वे बरसों से ह्रदयरोग से पीडीत थे। पिछले बरसों में उनकी सेहत बहुत खराब रेहती थी। .
देखें हिन्दी और महमूद
महराजगंज जिला
महराजगंज भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय महाराजगंज है। यह भारत-नेपाल सीमा के समीप स्थित है। इसका जिला मुख्यालय महाराजगंज शहर स्थित है। पहले इस जगह को 'कारापथ' के नाम से जाना जाता था। यह जिला नेपाल के उत्तर, गोरखपुर जिले के दक्षिण, कुशीनगर जिले के पूर्व और सिद्धार्थ नगर व सन्त कबीर नगर जिले के पश्चिम में स्थित है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण स्थल है। .
देखें हिन्दी और महराजगंज जिला
महात्मा गांधी
मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .
देखें हिन्दी और महात्मा गांधी
महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है। महादेवी ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। न केवल उनका काव्य बल्कि उनके सामाजसुधार के कार्य और महिलाओं के प्रति चेतना भावना भी इस दृष्टि से प्रभावित रहे। उन्होंने मन की पीड़ा को इतने स्नेह और शृंगार से सजाया कि दीपशिखा में वह जन-जन की पीड़ा के रूप में स्थापित हुई और उसने केवल पाठकों को ही नहीं समीक्षकों को भी गहराई तक प्रभावित किया। उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का जामा पहनाया। संगीत की जानकार होने के कारण उनके गीतों का नाद-सौंदर्य और पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरूआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनी रहीं। उनका बाल-विवाह हुआ परंतु उन्होंने अविवाहित की भांति जीवन-यापन किया। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ-साथ कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की भांति प्रकाशमान है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं। वर्ष २००७ उनकी जन्म शताब्दी के रूप में मनाया गया।२७ अप्रैल १९८२ को भारतीय साहित्य में अतुलनीय योगदान के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था। गूगल ने इस दिवस की याद में वर्ष २०१८ में गूगल डूडल के माध्यम से मनाया । .
देखें हिन्दी और महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा का जीवन परिचय
---- महीयसी-महादेवी आजकल के मुखपृष्ठ से महादेवी वर्मा (26 मार्च, 1907 — 11 सितंबर, 1987) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभों जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और सुमित्रानंदन पंत के साथ महत्वपूर्ण स्तंभ मानी जाती हैं। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरूआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनी रहीं। उनका बाल-विवाह हुआ परंतु उन्होंने अविवाहित की भांति जीवन-यापन किया। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ साथ कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर बनी रहीं। वे भारत की 50 सबसे यशस्वी महिलाओं में भी शामिल हैं। Mahadevi varma and subhadra kumari chohan bachapan ki friend's thi .
देखें हिन्दी और महादेवी वर्मा का जीवन परिचय
महावीर
भगवान महावीर जैन धर्म के चौंबीसवें (२४वें) तीर्थंकर है। भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व), वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था। तीस वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और संन्यास धारण कर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गये। १२ वर्षो की कठिन तपस्या के बाद उन्हें केवलज्ञान प्राप्त हुआ जिसके पश्चात् उन्होंने समवशरण में ज्ञान प्रसारित किया। ७२ वर्ष की आयु में उन्हें पावापुरी से मोक्ष की प्राप्ति हुई। इस दौरान महावीर स्वामी के कई अनुयायी बने जिसमें उस समय के प्रमुख राजा बिम्बिसार, कुनिक और चेटक भी शामिल थे। जैन समाज द्वारा महावीर स्वामी के जन्मदिवस को महावीर-जयंती तथा उनके मोक्ष दिवस को दीपावली के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है। जैन ग्रन्थों के अनुसार समय समय पर धर्म तीर्थ के प्रवर्तन के लिए तीर्थंकरों का जन्म होता है, जो सभी जीवों को आत्मिक सुख प्राप्ति का उपाय बताते है। तीर्थंकरों की संख्या चौबीस ही कही गयी है। भगवान महावीर वर्तमान अवसर्पिणी काल की चौबीसी के अंतिम तीर्थंकर थे और ऋषभदेव पहले। हिंसा, पशुबलि, जात-पात का भेद-भाव जिस युग में बढ़ गया, उसी युग में भगवान महावीर का जन्म हुआ। उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया। तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया। उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो है– अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य। उन्होंने अनेकांतवाद, स्यादवाद और अपरिग्रह जैसे अद्भुत सिद्धांत दिए।महावीर के सर्वोदयी तीर्थों में क्षेत्र, काल, समय या जाति की सीमाएँ नहीं थीं। भगवान महावीर का आत्म धर्म जगत की प्रत्येक आत्मा के लिए समान था। दुनिया की सभी आत्मा एक-सी हैं इसलिए हम दूसरों के प्रति वही विचार एवं व्यवहार रखें जो हमें स्वयं को पसंद हो। यही महावीर का 'जीयो और जीने दो' का सिद्धांत है। .
देखें हिन्दी और महावीर
महावीर प्रसाद द्विवेदी
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (1864–1938) हिन्दी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक थे। उन्होने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की। उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग 'द्विवेदी युग' (1900–1920) के नाम से जाना जाता है। उन्होने सत्रह वर्ष तक हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका सरस्वती का सम्पादन किया। हिन्दी नवजागरण में उनकी महान भूमिका रही। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को गति व दिशा देने में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। .
देखें हिन्दी और महावीर प्रसाद द्विवेदी
महिमा चौधरी
महिमा चौधरी (जन्म: 13 सितंबर, 1973) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और महिमा चौधरी
महुआ माझी
२००७ में अपने उपन्यास मैं बोरिशाइल्ला के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखिका.
देखें हिन्दी और महुआ माझी
माण्डू
माण्डू या माण्डवगढ़, धार जिले के माण्डव क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन शहर है। यह भारत के पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित है। यह धार शहर से 35 किमी दूर स्थित है। यह 11 वीं शताब्दी में, माण्डू तारागंगा या तरंगा राज्य का उपभाग था। यहाँ परमारों के काल मे इसे प्रसिद्धि प्राप्त हुई और फिर १३ वीं शताब्दी में, यह क्षेत्र मुस्लिम शासकों के अंतर्गत आ गया, जहाँ से इसका स्वर्णकाल प्रारम्भ हो गया। विन्ध्याचल पर्वत शृंखला में स्थित होने के कारण इसका सुरक्षा कि दृस्टि से बहुत अधिक महत्व था। आज यह एक पर्यटक स्थल के रूप मे प्रशिद्ध है। जहाँ हजारों कि संख्या में सैलानी यहाँ के दर्शनीय स्थलों जैसे जहाज महल, हिन्डोला महल, शाही हमाम और वास्तुकला के उत्कृष्टतम उदाहरण आकर्षक नक्काशीदार गुम्बद को देखने आते है। इसकी इन्दौर शहर से दुरी १०० किमी है। .
देखें हिन्दी और माण्डू
माधुरी दीक्षित
माधुरी दीक्षित (जन्म: 15 मई, 1965) हिन्दी फ़िल्मों की एक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री एवं नृत्यांगना हैं। .
देखें हिन्दी और माधुरी दीक्षित
मानसून
जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.
देखें हिन्दी और मानसून
माला सिन्हा
माला सिन्हा (जन्म: ११ नवम्बर १९३६) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। वे नेपाली-भारतीय हैं तथा उन्होने हिन्दी के अलावा बंगला और नेपाली फिल्मों में भी काम किया है। वे अपनी प्रतिभा और सुन्दरता दोनों के लिये जानी जाती हैं। वे १९५० के दशक से आरम्भ करके १९७० के दशक तक हिन्दी फिल्मों की प्रमुख अभिनेत्री थीं। उन्होने सौ से अधिक फिल्मों में कार्य किया है जिनमें से प्रमुख हैं- प्यास (1957), धूल के फूल (1959), अनपढ़, दिल तेरा दीवाना (दोनों 1962 में)। .
देखें हिन्दी और माला सिन्हा
मास
अंग्रेज़ी कैलेण्डर के अनुसार एक साल में बारह महीने होते हैं | हिन्दी में इन्हें निम्न नामों से जाना जाता है |.
देखें हिन्दी और मास
माखनलाल चतुर्वेदी
माखनलाल चतुर्वेदी (४ अप्रैल १८८९-३० जनवरी १९६८) भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं। सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे। प्रभा और कर्मवीर जैसे प्रतिष्ठत पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रचार किया और नई पीढी का आह्वान किया कि वह गुलामी की जंज़ीरों को तोड़ कर बाहर आए। इसके लिये उन्हें अनेक बार ब्रिटिश साम्राज्य का कोपभाजन बनना पड़ा। वे सच्चे देशप्रमी थे और १९२१-२२ के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जेल भी गए। आपकी कविताओं में देशप्रेम के साथ साथ प्रकृति और प्रेम का भी चित्रण हुआ है। .
देखें हिन्दी और माखनलाल चतुर्वेदी
मिज़ोरम
मिजोरम भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। २००१ में यहाँ की जनसंख्या लगभग ८,९०,००० थी। मिजोरम में साक्षरता का दर भारत में सबसे अधिक ९१.०३% है। यहाँ की राजधानी आईजोल है। .
देखें हिन्दी और मिज़ोरम
मुन्ना भाई एम बी बी एस
मुन्ना भाई एम बी बी एस (अंग्रेजी: Munna Bhai MBBS) २००३ में बनी हिन्दी भाषा की संगीतमय हास्य फिल्म है। .
देखें हिन्दी और मुन्ना भाई एम बी बी एस
मुमताज़ (अभिनेत्री)
मुमताज़ (जन्म: 31 जुलाई, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और मुमताज़ (अभिनेत्री)
मुम्बई
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .
देखें हिन्दी और मुम्बई
मुल्य
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और मुल्य
मुजफ्फरपुर जिला
मुजफ्फरपुर जिला, बिहार के ३८ जिलों में से एक है। इसका प्रशासकीय मुख्यालय मुजफ्फरपुर है। यह जिला उत्तर में पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी, दक्षिण में वैशाली और सारण, पूर्व में समस्तीपुर और दरभंगा तथा पश्चिम में गोपालगंज से घिरा है। हिंदी और मैथिली यहाँ की प्रमुख भाषाएँ हैं, जबकि बज्जिका यहाँ की स्थानीय बोली .
देखें हिन्दी और मुजफ्फरपुर जिला
मुज़फ़्फ़र नगर जिला
मुज़फ़्फ़रनगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय मुज़फ़्फ़रनगर है। जिला सहारनपुर मंडल का हिस्सा है। जिले का क्षेत्रफल 4008किमी है। मुज़फ़्फ़रनगर, बुढ़ाना,जानसठ,खतौली यहाँ के तहसील हैं। सन् 2011 की जनगणना में इसका साक्षरता दर 68.68% था। इसका एस.टी.डी (STD) कोड 0131 है। .
देखें हिन्दी और मुज़फ़्फ़र नगर जिला
मुज़फ़्फ़रनगर
मुज़फ़्फ़रनगर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है। ये मुज़फ़्फ़रनगर जिले का मुख्यालय भी है। .
देखें हिन्दी और मुज़फ़्फ़रनगर
मुखपृष्ठ/आवश्यक लेख सूची
श्रेणी:मुखपृष्ठ.
देखें हिन्दी और मुखपृष्ठ/आवश्यक लेख सूची
मुग़ल साम्राज्य
मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .
देखें हिन्दी और मुग़ल साम्राज्य
मुग़ल-ए-आज़म
मुग़ल-ए-आज़म हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। यह फ़िल्म हिन्दी सिनेमा इतिहास की सफलतम फ़िल्मों में से है। इसे के॰ आसिफ़ के शानदार निर्देशन, भव्य सेटों, बेहतरीन संगीत के लिये आज भी याद किया जाता है। .
देखें हिन्दी और मुग़ल-ए-आज़म
मुकद्दर (1978 फ़िल्म)
मुकद्दर 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और मुकद्दर (1978 फ़िल्म)
मुकद्दर का फैसला (1987 फ़िल्म)
मुकद्दर का फैसला 1987 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और मुकद्दर का फैसला (1987 फ़िल्म)
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड (अंग्रेज़ी:Mutual fund) जिसे हिन्दी में पारस्परिक निधि कहते हैं, किन्तु इसका अंग्रेज़ी नाम अधिक प्रचलित है, एक प्रकार का सामुहिक निवेश होता है। निवेशकों के समूह मिल कर स्टॉक, अल्प अविधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों (सेक्यूरीटीज) मे निवेश करते है।। यूटीआई एएमसी भारत की सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी है।।नवभारत टाइम्स-हिन्दी।९ अक्टूबर, २००९ म्यूचुअल फंड मे एक फंड प्रबंधक होता है जो फंड के निवेशों को निर्धारित करता है और लाभ और हानि का हिसाब रखता है। इस प्रकार हुए फायदे-नुकसान को निवेशको मे बाँट दिया जाता है। स्टॉक बाजार की पर्याप्त जानकारी न होने पर भी निवेश की इच्छा रखने वालों के लिए एक सुलभ मार्ग म्यूचुअल फंड होता है।।इकोनॉमिक टाइम्स।२० जुलाई, २००९।हिन्दुस्तान लाइव।१५ अक्टूबर, २००९ म्यूचुअल फंड संचालक (कंपनी) सभी निवेशकों के निवेश राशि को लेकर इकट्ठे करती है और उनसे कुछ सुविधा शुल्क भी लेती है। फिर इस राशि को उनके लिए बाजार में निवेश करती है। इनमें में निवेश करने का फायदा यह है कि निवेशक को इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं होती कि आप कब शेयर खरीदें या बेचें, क्योंकि यह चिंता फंड मैनेजर की होती है। वही निवेशक के निवेश का रखरखाव करने वाला होता है। एक दूसरा लाभ ये भी होता है, कि छोटे निवेशक बहुत कम राशि जैसे १०० रु.प्रतिमाह तक निवेश कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान लेना होता है, जिसमें बैंक से ये राशि मासिक सीधे फंड में स्थानांतरित होती रहती है।।यूटीआई एमएफ पर म्यूचुअल फंड के शेयर की कीमत नेट ऐसेट वैल्यु या एनएवी (NAV) कहलाती है। इसकी गणना के लिए फंड के कुल मूल्य को निवेशको द्वारा खरीदे गए कुल शेयरो की संख्या से भाग दिया जाता है।।हिन्दुस्तान लाइव।६ नवंबर, २००९ .
देखें हिन्दी और म्यूचुअल फंड
मौसम (1975 फ़िल्म)
श्रेणी:1975 में बनी हिन्दी फ़िल्म श्रेणी:कमलेश्वर.
देखें हिन्दी और मौसम (1975 फ़िल्म)
मैथिली भाषा
मैथिली भारत के उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की सदस्य है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगता है। मैथिली भारत में मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है| नेपाल के आठ जिलों धनुषा,सिरहा,सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी,मोरंग और रौतहट में भी यह बोली जाती है। बँगला, असमिया और ओड़िया के साथ साथ इसकी उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुई है। कुछ अंशों में ये बंगला और कुछ अंशों में हिंदी से मिलती जुलती है। वर्ष २००३ में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की ८वीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। सन २००७ में नेपाल के अन्तरिम संविधान में इसे एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में स्थान दिया गया है। .
देखें हिन्दी और मैथिली भाषा
मैथिली साहित्य
मैथिली मुख्यतः भारत के उत्तर-पूर्व बिहार एवम् नेपाल के तराई क्षेत्र की भाषा है।Yadava, Y. P. (2013).
देखें हिन्दी और मैथिली साहित्य
मैथिलीशरण गुप्त
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (३ अगस्त १८८६ – १२ दिसम्बर १९६४) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं। उन्हें साहित्य जगत में 'दद्दा' नाम से सम्बोधित किया जाता था। उनकी कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली साबित हुई थी और इसी कारण महात्मा गांधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी। उनकी जयन्ती ३ अगस्त को हर वर्ष 'कवि दिवस' के रूप में मनाया जाता है। महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की प्रेरणा से आपने खड़ी बोली को अपनी रचनाओं का माध्यम बनाया और अपनी कविता के द्वारा खड़ी बोली को एक काव्य-भाषा के रूप में निर्मित करने में अथक प्रयास किया। इस तरह ब्रजभाषा जैसी समृद्ध काव्य-भाषा को छोड़कर समय और संदर्भों के अनुकूल होने के कारण नये कवियों ने इसे ही अपनी काव्य-अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया। हिन्दी कविता के इतिहास में यह गुप्त जी का सबसे बड़ा योगदान है। पवित्रता, नैतिकता और परंपरागत मानवीय सम्बन्धों की रक्षा गुप्त जी के काव्य के प्रथम गुण हैं, जो 'पंचवटी' से लेकर जयद्रथ वध, यशोधरा और साकेत तक में प्रतिष्ठित एवं प्रतिफलित हुए हैं। साकेत उनकी रचना का सर्वोच्च शिखर है। .
देखें हिन्दी और मैथिलीशरण गुप्त
मैला आँचल
भारत छोड़ो आंदोलन का चित्र मैला आँचल फणीश्वरनाथ 'रेणु' का प्रतिनिधि उपन्यास है। यह हिन्दी का श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है। नेपाल की सीमा से सटे उत्तर-पूर्वी बिहार के एक पिछड़े ग्रामीण अंचल को पृष्ठभूमि बनाकर रेणु ने इसमें वहाँ के जीवन का, जिससे वह स्वयं ही घनिष्ट रूप से जुड़े हुए थे, अत्यन्त जीवन्त और मुखर चित्रण किया है। सन् १९५४ में प्रकाशित इस उपन्यास की कथावस्तु बिहार राज्य के पूर्णिया जिले के मेरीगंज की ग्रामीण जिंदगी से संबद्ध है। यह स्वतंत्र होते और उसके तुरंत बाद के भारत के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य का ग्रामीण संस्करण है। रेणु के अनुसार इसमें फूल भी है, शूल भी है, धूल भी है, गुलाब भी है और कीचड़ भी है। मैं किसी से दामन बचाकर निकल नहीं पाया। इसमें गरीबी, रोग, भुखमरी, जहालत, धर्म की आड़ में हो रहे व्यभिचार, शोषण, बाह्याडंबरों, अंधविश्वासों आदि का चित्रण है। शिल्प की दृष्टि से इसमें फिल्म की तरह घटनाएं एक के बाद एक घटकर विलीन हो जाती है। और दूसरी प्रारंभ हो जाती है। इसमें घटनाप्रधानता है किंतु कोई केन्द्रीय चरित्र या कथा नहीं है। इसमें नाटकीयता और किस्सागोई शैली का प्रयोग किया गया है। इसे हिन्दी में आँचलिक उपन्यासों के प्रवर्तन का श्रेय भी प्राप्त है। कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की इस युगान्तकारी औपन्यासिक कृति में कथाशिल्प के साथ-साथ भाषाशिल्प और शैलीशिल्प का विलक्षण सामंजस्य है जो जितना सहज-स्वाभाविक है, उतना ही प्रभावकारी और मोहक भी। .
देखें हिन्दी और मैला आँचल
मैं मेरी पत्नी और वो (2005 फ़िल्म)
मैं मेरी पत्नी और वो २००५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और मैं मेरी पत्नी और वो (2005 फ़िल्म)
मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (1984 फ़िल्म)
मेरा दोस्त मेरा दुश्मन १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (1984 फ़िल्म)
मेरे महबूब (1963 फ़िल्म)
मेरे महबूब 1963 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और मेरे महबूब (1963 फ़िल्म)
मेरी सूरत तेरी आँखें (1963 फ़िल्म)
मेरी सूरत तेरी आँखें १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और मेरी सूरत तेरी आँखें (1963 फ़िल्म)
मेला (1948 फ़िल्म)
मेला हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1948 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और मेला (1948 फ़िल्म)
मेघालय
मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसका अर्थ है बादलों का घर। २०१६ के अनुसार यहां की जनसंख्या ३२,११,४७४ है। मेघालय का विस्तार २२,४३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौडाई अनुपात लगभग ३:१ का है। IBEF, India (2013) राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" की संज्ञा दी थी।Arnold P.
देखें हिन्दी और मेघालय
मॉरिशस
मॉरीशस गणराज्य(अंग्रेज़ी: Republic of Mauritius, फ़्रांसीसी: République de Maurice), अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिणपूर्व में लगभग 900 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। मॉरीशस द्वीप के अतिरिक्त इस गणराज्य मे, सेंट ब्रेंडन, रॉड्रीगज़ और अगालेगा द्वीप भी शामिल हैं। दक्षिणपश्चिम में 200 किलोमीटर पर स्थित फ्रांसीसी रीयूनियन द्वीप और 570 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित रॉड्रीगज़ द्वीप के साथ मॉरीशस मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मारीशस की संस्कृति, मिश्रित संस्कृति है, जिसका कारण पहले इसका फ्रांस के आधीन होना तथा बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में आना है। मॉरीशस द्वीप विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी के अंतिम और एकमात्र घर के रूप में भी विख्यात है। .
देखें हिन्दी और मॉरिशस
मोहन राणा
मोहन राणा का जन्म 1964 में दिल्ली में हुआ। वे ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी कवि हैं और बाथ (इंग्लैंड की समरसेट काउंटी में एक रोमन शहर) में निवासी हैं। उनकी कविताओं में जीवन के सूक्ष्म अनुभव महसूस किये जा सकते हैं। बाज़ार संस्कृति की शक्तियों के विरुद्ध उनकी सोच भी कविता में उभरकर सामने आती है। उनकी कविताएँ स्थितियों पर तात्कालिक प्रतिक्रिया मात्र नहीं होती हैं। वे पहले अपने भीतर के कवि और कविता के विषय में एक तटस्थ दूरी पैदा कर लेते हैं। फिर होता है सशक्त भावनाओं का नैसर्गिक विस्फोट। उनकी कविता पढ़कर महसूस होता है कि जैसे वे सच की एक निरंतर खोज यात्रा कर रहे हों। कवि-आलोचक नंदकिशोर आचार्य के अनुसार - हिंदी कविता की नई पीढ़ी में मोहन राणा की कविता अपने उल्लेखनीय वैशिष्टय के कारण अलग से पहचानी जाती रही है, क्योंकि उसे किसी खाते में खतियाना संभव नहीं लगता। यह कविता यदि किसी विचारात्मक खाँचे में नहीं अँटती तो इसका यह अर्थ नहीं लिया जाना चाहिए कि मोहन राणा की कविता विचार से परहेज करती है – बल्कि वह यह जानती है कि कविता में विचार करने और कविता के विचार करने में क्या फर्क है। मोहन राणा के लिए काव्य रचना की प्रक्रिया अपने में एक स्वायत्त विचार प्रक्रिया भी है। .
देखें हिन्दी और मोहन राणा
मोहन राकेश
मोहन राकेश(८ जनवरी १९२५ - ३ जनवरी, १९७२) नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे। पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए किया। जीविकोपार्जन के लिये अध्यापन। कुछ वर्षो तक 'सारिका' के संपादक। 'आषाढ़ का एक दिन','आधे अधूरे' और लहरों के राजहंस के रचनाकार। 'संगीत नाटक अकादमी' से सम्मानित। ३ जनवरी १९७२ को नयी दिल्ली में आकस्मिक निधन। मोहन राकेश हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और उपन्यासकार हैं। समाज के संवेदनशील व्यक्ति और समय के प्रवाह से एक अनुभूति क्षण चुनकर उन दोनों के सार्थक सम्बन्ध को खोज निकालना, राकेश की कहानियों की विषय-वस्तु है। मोहन राकेश की डायरी हिंदी में इस विधा की सबसे सुंदर कृतियों में एक मानी जाती है। .
देखें हिन्दी और मोहन राकेश
मोहब्बत ज़िंदग़ी है
मोहब्बत ज़िंदग़ी है १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और मोहब्बत ज़िंदग़ी है
मोहब्बत के दुश्मन (1988 फ़िल्म)
मोहब्बत के दुश्मन 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और मोहब्बत के दुश्मन (1988 फ़िल्म)
मोहरा
मोहरा वर्ष 1994 की हिन्दी भाषा की राजीव राय द्वारा निर्देशित एक्शन-थ्रिलर फिल्म है। फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में अक्षय कुमार, नसीरुद्दीन शाह, सुनील शेट्टी एवं रवीना टंडन के साथ सह-अभिनेताओं में सदाशिव अमरापुरकर, परेश रावल, रज़ा मुराद एवं गुलशन ग्रोवर आदि सम्मिलित हैं। फिल्म वर्ष 1994 की दूसरी सबसे ज्यादा व्यावसायिक रूप से सफलता अर्जित करने वाली फिल्म थी। अभिनेता अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और परेश रावल की यह पहली फिल्म है। उनकी लोकप्रिय तिकड़ी को कई सफल फिल्मों में दोहराया गया। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री के लिये पहले दिव्या भारती को अनुबंध किया जाना था लेकिन उनकी असमय मौत के पश्चात यह भूमिका रवीना टंडन को सौंपी गई और फिल्म के लोकप्रिय संगीत 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' गीत के बाद वह 'मस्त-मस्त गर्ल' के उपनाम से मशहूर भी हुई। .
देखें हिन्दी और मोहरा
मीठा जहर (1985 फ़िल्म)
मीठा जहर 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और मीठा जहर (1985 फ़िल्म)
मीणा
मीणा अथवा मीना मुख्यतया भारत के राजस्थान व मध्य प्रदेशराज्यों में निवास करने वाली एक जनजाति है। इन्हे वैदिक युग के मत्स्य गणराज्य के मत्स्य जन-जाति का वंशज कहा जाता है, जो कि छठी शताब्दी बी॰सी॰ में पल्लवित हुये। मीणा भारत कि अनुसूचित जन जाति वर्ग से संबन्धित है व राजस्थान राज्य में वे सभी हिन्दू है, परंतु मध्य प्रदेश में मीणा (क्रम -21) विदिशा जिले कि सिरोंज तहसील में अनुसूचित जन जाति में सम्मिलित है जबकि मध्य प्रदेश के अन्य 44 जिलों में वे अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आते हैं। वर्तमान में भारत कि केंद्र सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया है कि मध्य प्रदेश की समूची मीणा जाति को भारत की अनुसूचित जन जाति के रूप में मान्यता दी जाए।। पुराणों के अनुसार चैत्र शुक्ला तृतीया को कृतमाला नदी के जल से मत्स्य भगवान प्रकट हुए थे। इस दिन को मीणा समाज में जहाँ एक ओर मत्स्य जयन्ती के रूप में मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर इसी दिन संम्पूर्ण राजस्थान में गणगौर का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। .
देखें हिन्दी और मीणा
यत्न
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और यत्न
यह देश (१९८४ फ़िल्म)
श्रेणी:1984 में बनी हिन्दी फ़िल्म श्रेणी:कमलेश्वर.
देखें हिन्दी और यह देश (१९८४ फ़िल्म)
यादगार (1984 फ़िल्म)
यादगार १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और यादगार (1984 फ़िल्म)
यक़ीन
यक़ीन १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और यक़ीन
युवा (2004 फ़िल्म)
युवा 2004 में मनिरत्नम द्वारा निर्देशित की गई एक चलचित्र थी।.
देखें हिन्दी और युवा (2004 फ़िल्म)
ये रास्ते हैं प्यार के (1963 फ़िल्म)
ये रास्ते हैं प्यार के १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और ये रास्ते हैं प्यार के (1963 फ़िल्म)
रति अग्निहोत्री
रति अग्निहोत्री (जन्म: 10 दिसंबर, 1960) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और रति अग्निहोत्री
रमेश पटेल
रमेश पटेल ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। वर्ष 2006 में अपने जीवन के 70 वर्ष पूरे करने वाले रमेश पटेल प्रेमोर्मी ब्रिटेन में भारतीय संगीत और कला के सच्चे राजदूत माने जा सकते हैं। `नव कला' नामक संस्था की स्थापना कर लंदन में भारतीय कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका दे चुके हैं। उनका रचित काव्य संग्रह `हृदय गंगा' नौ भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। उसके अतिरिक्त उनका एक गीत संग्रह भी प्रकाशित हुआ है। रमेश पटेल के गीतों में प्रेम एवं भक्ति रस की प्रधानता है। .
देखें हिन्दी और रमेश पटेल
रसखान
रसखान (जन्म: १५४८ ई) कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। रसखान को 'रस की खान' कहा गया है। इनके काव्य में भक्ति, शृंगार रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण भक्त हैं और उनके सगुण और निर्गुण निराकार रूप दोनों के प्रति श्रद्धावनत हैं। रसखान के सगुण कृष्ण वे सारी लीलाएं करते हैं, जो कृष्ण लीला में प्रचलित रही हैं। यथा- बाललीला, रासलीला, फागलीला, कुंजलीला आदि। उन्होंने अपने काव्य की सीमित परिधि में इन असीमित लीलाओं को बखूबी बाँधा है। मथुरा जिले में महाबन में इनकी समाधि हैं| भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने जिन मुस्लिम हरिभक्तों के लिये कहा था, "इन मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिन्दू वारिए" उनमें रसखान का नाम सर्वोपरि है। बोधा और आलम भी इसी परम्परा में आते हैं। सय्यद इब्राहीम "रसखान" का जन्म अन्तर्जाल पर उपलब्ध स्रोतों के अनुसार सन् १५३३ से १५५८ के बीच कभी हुआ था। कई विद्वानों के अनुसार इनका जन्म सन् १५९० ई.
देखें हिन्दी और रसखान
राम तेरे कितने नाम (1985 फ़िल्म)
राम तेरे कितने नाम 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और राम तेरे कितने नाम (1985 फ़िल्म)
राम और श्याम (1967 फ़िल्म)
राम और श्याम १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और राम और श्याम (1967 फ़िल्म)
रामचन्द्र शुक्ल
आचार्य रामचंद्र शुक्ल (४ अक्टूबर, १८८४- २ फरवरी, १९४१) हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे। उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है। हिंदी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात उन्हीं के द्वारा हुआ। हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल जी का महत्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार संबंधित मनोविश्लेषणात्मक निबंध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं। शुक्ल जी ने इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनर्व्याख्या की। .
देखें हिन्दी और रामचन्द्र शुक्ल
रामधारी सिंह 'दिनकर'
रामधारी सिंह 'दिनकर' (२३ सितंबर १९०८- २४ अप्रैल १९७४) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। बिहार प्रान्त के बेगुसराय जिले का सिमरिया घाट उनकी जन्मस्थली है। उन्होंने इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किया था। 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तिय का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है। उर्वशी को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार जबकि कुरुक्षेत्र को विश्व के १०० सर्वश्रेष्ठ काव्यों में ७४वाँ स्थान दिया गया। .
देखें हिन्दी और रामधारी सिंह 'दिनकर'
रायपुर
रायपुर छत्तीसगढ की राजधानी है। यह देश का २६ वां राज्य है। ०१ नवम्बर २००० को मध्यप्रदेश से विभाजित छत्तीसगढ़ का निर्माण किया गया। .
देखें हिन्दी और रायपुर
रायगढ
रायगढ़ राजा मदनसिंह चाॅदा ने महानदी के पार बूनगा के पास "राय " नामक गढ की स्थापना की यही से रायगढ़ की उत्पत्ती हुई। श्रेणी:छत्तीसगढ़ के जिले.
देखें हिन्दी और रायगढ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
यह लेख भारत के एक सांस्कृतिक संगठन आर एस एस के बारे में है। अन्य प्रयोग हेतु आर एस एस देखें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का एक दक्षिणपंथी, हिन्दू राष्ट्रवादी, अर्धसैनिक, स्वयंसेवक संगठन हैं, जो व्यापक रूप से भारत के सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी का पैतृक संगठन माना जाता हैं। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अपेक्षा संघ या आर.एस.एस.
देखें हिन्दी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
राहग़ीर
राहग़ीर १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और राहग़ीर
राहुल देव बर्मन
राहुल देव बर्मन (27 जून 1939 – 4 जनवरी 1994) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्हें पंचम या 'पंचमदा' नाम से भी पुकारा जाता था। मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन व उनकी पत्नी मीरा की ये इकलौती संतान थे। अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इनकी शैली का आज भी कई संगीतकार अनुकरण करते हैं। पंचमदा ने अपनी संगीतबद्ध की हुई 18 फिल्मों में आवाज़ भी दी। भूत बंगला (1965) और प्यार का मौसम (1969) में इन्होने अभिनय भी किया। .
देखें हिन्दी और राहुल देव बर्मन
राहुल बोस
राहुल बोस (রাহূল বোস) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। इनका जन्म 27 जुलाई 1967 को रुपेन और कुमुद बोस के यहाँ हुआ था। राहुल बोस ने अपना बचपन बंगलौर में गुजारा और बाद में अपने परिवार के साथ मुंबई, महाराष्ट्र आ गए। .
देखें हिन्दी और राहुल बोस
राहुल सांकृत्यायन
राहुल सांकृत्यायन जिन्हें महापंडित की उपाधि दी जाती है हिन्दी के एक प्रमुख साहित्यकार थे। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद् थे और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत/यात्रा साहित्य तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। वह हिंदी यात्रासहित्य के पितामह कहे जाते हैं। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। इसके अलावा उन्होंने मध्य-एशिया तथा कॉकेशस भ्रमण पर भी यात्रा वृतांत लिखे जो साहित्यिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। २१वीं सदी के इस दौर में जब संचार-क्रान्ति के साधनों ने समग्र विश्व को एक ‘ग्लोबल विलेज’ में परिवर्तित कर दिया हो एवं इण्टरनेट द्वारा ज्ञान का समूचा संसार क्षण भर में एक क्लिक पर सामने उपलब्ध हो, ऐसे में यह अनुमान लगाना कि कोई व्यक्ति दुर्लभ ग्रन्थों की खोज में हजारों मील दूर पहाड़ों व नदियों के बीच भटकने के बाद, उन ग्रन्थों को खच्चरों पर लादकर अपने देश में लाए, रोमांचक लगता है। पर ऐसे ही थे भारतीय मनीषा के अग्रणी विचारक, साम्यवादी चिन्तक, सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत, सार्वदेशिक दृष्टि एवं घुमक्कड़ी प्रवृत्ति के महान पुरूष राहुल सांकृत्यायन। राहुल सांकृत्यायन के जीवन का मूलमंत्र ही घुमक्कड़ी यानी गतिशीलता रही है। घुमक्कड़ी उनके लिए वृत्ति नहीं वरन् धर्म था। आधुनिक हिन्दी साहित्य में राहुल सांकृत्यायन एक यात्राकार, इतिहासविद्, तत्वान्वेषी, युगपरिवर्तनकार साहित्यकार के रूप में जाने जाते है। .
देखें हिन्दी और राहुल सांकृत्यायन
राहुल खन्ना
राहुल खन्ना एक प्रसिद्ध वी जे एवं हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। यह सत्तर – अस्सी के दशक के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना के पुत्र है और इनके छोटे भाई अक्षय खन्ना एक प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और राहुल खन्ना
राही (1987 फ़िल्म)
राही १९८७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और राही (1987 फ़िल्म)
राजस्थान
राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .
देखें हिन्दी और राजस्थान
राजस्थान विश्वविद्यालय
राजस्थान विश्वविद्यालय, राजस्थान का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यह मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य, एवं विधि अध्ययन आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य में संलग्न भारत के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से है। .
देखें हिन्दी और राजस्थान विश्वविद्यालय
राज़ (1967 फ़िल्म)
राज़ १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और राज़ (1967 फ़िल्म)
राजा और रंक (1968 फ़िल्म)
राजा और रंक 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और राजा और रंक (1968 फ़िल्म)
राजेन्द्र प्रसाद
राजेन्द्र प्रसाद (3 दिसम्बर 1884 – 28 फरवरी 1963) भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था जिसकी परिणति २६ जनवरी १९५० को भारत के एक गणतंत्र के रूप में हुई थी। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने स्वाधीन भारत में केन्द्रीय मन्त्री के रूप में भी कुछ समय के लिए काम किया था। पूरे देश में अत्यन्त लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर पुकारा जाता था। .
देखें हिन्दी और राजेन्द्र प्रसाद
राजेन्द्रनाथ (हास्य अभिनेता)
राजेन्द्र नाथ एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता थे। .
देखें हिन्दी और राजेन्द्रनाथ (हास्य अभिनेता)
राखी गुलज़ार
रक्षाबंधन त्योहार के लिये यहाँ क्लिक करें राखी गुलज़ार (जन्म: 15 अगस्त, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और राखी गुलज़ार
रागदरबारी
रागदरबारी विख्यात हिन्दी साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की प्रसिद्ध व्यंग्य रचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह ऐसा उपन्यास है जो गाँव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से अनावृत करता है। शुरू से अन्त तक इतने निस्संग और सोद्देश्य व्यंग्य के साथ लिखा गया हिंदी का शायद यह पहला वृहत् उपन्यास है। ‘राग दरबारी’ का लेखन 1964 के अन्त में शुरू हुआ और अपने अन्तिम रूप में 1967 में समाप्त हुआ। 1968 में इसका प्रकाशन हुआ और 1969 में इस पर श्रीलाल शुक्ल को साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला। 1986 में एक दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में इसे लाखों दर्शकों की सराहना प्राप्त हुई। राग दरबारी व्यंग्य-कथा नहीं है। इसमें श्रीलाल शुक्ल जी ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन की मूल्यहीनता को परत-दर-परत उघाड़ कर रख दिया है। राग दरबारी की कथा भूमि एक बड़े नगर से कुछ दूर बसे गाँव शिवपालगंज की है जहाँ की जिन्दगी प्रगति और विकास के समस्त नारों के बावजूद, निहित स्वार्थों और अनेक अवांछनीय तत्वों के आघातों के सामने घिसट रही है। शिवपालगंज की पंचायत, कॉलेज की प्रबन्ध समिति और कोआपरेटिव सोसाइटी के सूत्रधार वैद्यजी साक्षात वह राजनीतिक संस्कृति हैं जो प्रजातन्त्र और लोकहित के नाम पर हमारे चारों ओर फल फूल रही हैं। .
देखें हिन्दी और रागदरबारी
रांगेय राघव
रांगेय राघव (१७ जनवरी, १९२३ - १२ सितंबर, १९६२) हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभावाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस संसार में आए, लेकिन जिन्होंने अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए।आगरा में जन्मे रांगेय राघव ने हिंदीतर भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य के विभिन्न धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। कहानी के पारंपरिक ढाँचे में बदलाव लाते हुए नवीन कथा प्रयोगों द्वारा उसे मौलिक कलेवर में विस्तृत आयाम दिया। रिपोर्ताज लेखन, जीवनचरितात्मक उपन्यास और महायात्रा गाथा की परंपरा डाली। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी। .
देखें हिन्दी और रांगेय राघव
राकेश रोशन
राकेश रोशन एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं निर्देशक हैं। .
देखें हिन्दी और राकेश रोशन
रिमी सेन
रिमी सेन (রিমি সেন, जन्म: २१ सितंबर, १९८१) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और रिमी सेन
रिश्ते नाते
रिश्ते नाते १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और रिश्ते नाते
रघुवीर सहाय
रघुवीर सहाय रघुवीर सहाय (९ दिसम्बर १९२९ - ३० दिसम्बर १९९०) हिन्दी के साहित्यकार व पत्रकार थे। रघुवीर सहाय का जन्म लखनऊ में हुआ था। अंग्रेज़ी साहित्य में एम ए (१९५१) लखनऊ विश्वविद्यालय। साहित्य सृजन १९४६ से। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक नवजीवन (लखनऊ) से १९४९ में। १९५१ के आरंभ तक उपसंपादक और सांस्कृतिक संवाददाता। इसी वर्ष दिल्ली आए। यहाँ प्रतीक के सहायक संपादक (१९५१-५२), आकाशवाणी के समाचार विभाग में उपसंपादक (१९५३-५७)। १९५५ में विमलेश्वरी सहाय से विवाह। दूसरा सप्तक, सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता संग्रह), रास्ता इधर से है (कहानी संग्रह), दिल्ली मेरा परदेश और लिखने का कारण (निबंध संग्रह) उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। इसके अलावा 'बारह हंगरी कहानियाँ', विवेकानंद (रोमां रोला), 'जेको', (युगोस्लावी उपन्यास, ले० येर्ज़ी आन्द्र्ज़ेएव्स्की, 'राख़ और हीरे'(पोलिश उपन्यास,ले० येर्ज़ी आन्द्र्ज़ेएव्स्की) तथा 'वरनम वन'(मैकबेथ, शेक्सपियर) शीर्षक से हिन्दी भाषांतर भी समय-समय पर प्रकाशित हुए हैं। रघुवीर सहाय समकालीन हिन्दी कविता के महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं। उनके साहित्य में पत्रकारिता का और उनकी पत्रकारिता पर साहित्य का गहरा असर रहा है। उनकी कविताएँ आज़ादी के बाद विशेष रूप से सन् ’60 के बाद के भारत की तस्वीर को समग्रता में पेश करती हैं। उनकी कविताएँ नए मानव संबंधों की खोज करना चाहती हैं जिसमें गैर बराबरी, अन्याय और गुलामी न हो। उनकी समूची काव्य-यात्रा का केंद्रीय लक्ष्य ऐसी जनतांत्रिक व्यवस्था की निर्मिति है जिसमें शोषण, अन्याय, हत्या, आत्महत्या, विषमता, दासता, राजनीतिक संप्रभुता, जाति-धर्म में बँटे समाज के लिए कोई जगह न हो। जिन आशाओं और सपनों से आज़ादी की लड़ाई लड़ी गई थी उन्हें साकार करने में जो बाधाएँ आ रही हों, उनका निरंतर विरोध करना उनका रचनात्मक लक्ष्य रहा है। वे जीवन के अंतिम पायदान पर खड़े होकर अपनी जिजीविषा का कारण ‘अपनी संतानों को कुत्ते की मौत मरने से बचाने’ की बात कहकर अपनी प्रतिबद्धता को मरते दम तक बनाए रखते हैं। .
देखें हिन्दी और रघुवीर सहाय
रवीना टंडन
रवीना टंडन (जन्म: 26 अक्टूबर, 1974) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और रवीना टंडन
रंग दे बसंती
रंग दे बसंती (पंजाबी: ਰੰਗ ਦੇ ਬਸੰਤੀ, उर्दू: رنگ دے بسنتى) एक हिन्दी फिल्म है। 26 जनवरी 2006 को यह फिल्म रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा एवं फिल्म के मुख्य कलाकारों में शामिल हैं, आमिर खान, सिद्धार्थ नारायण, सोहा अली खान, कुणाल कपूर, माधवन, शरमन जोशी, अतुल कुलकर्णी और ब्रिटिश अभिनेत्री एलिस पैटन। पच्चीस करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म नई दिल्ली, मुंबई, राजस्थान और पंजाब में फिल्माई गयी थी। कहानी एक ब्रिटिश वृत्तचित्र निर्माता की है जो अपने दादा की डायरी प्रविष्टियों के आधार पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर एक फिल्म बनाने के लिए भारत आती है। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए 2006 BAFTA पुरस्कार में नामांकित किया गया था। रंग दे बसंती को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म वर्ग में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया। ए.आर.
देखें हिन्दी और रंग दे बसंती
रंग बिरंगी (1983 फ़िल्म)
रंग बिरंगी १९८३ में निर्मित एक हिन्दी फ़िल्म है। यह दो दोस्तों की कहानी है जिनमें से एक अपने दोस्त की शादी शुदा जिंदगी में रस भरने के लिए एक मजाक करता है पर फिर खुद ही उसका शिकार बन जाता है। .
देखें हिन्दी और रंग बिरंगी (1983 फ़िल्म)
रंगोली(१९६२ चलचित्र)
यह लेख 1962 में बनी हिन्दी फ़िल्म के बारे में हैं। अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - रंगोली (बहुविकल्पी) रंगोली १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और रंगोली(१९६२ चलचित्र)
रुपया
रुपया (रु.) (हिंदी और उर्दू: रुपया, संस्कृत: रूप्यकम् से उत्प्रेरित जिसका अर्थ चांदी का सिक्का है) भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस और सेशल्स में उपयोग मे आने वाली मुद्रा का नाम है। इंडोनेशिया की मुद्रा को रुपिया जबकि मालदीव की मुद्रा को रुफियाह, के नाम से जाना जाता है जो असल मे हिन्दी शब्द रुपया का ही बदला हुआ रूप है। भारतीय और पाकिस्तानी रुपये मे सौ पैसे होते हैं (एकवचन पैसा) में, श्रीलंकाई रुपये में 100 सेंट, तथा नेपाली रुपये को सौ पैसे या चार सूकों (एकवचन सूक) या दो मोहरों (एकवचन मोहर) मे विभाजित किया जा सकता है। .
देखें हिन्दी और रुपया
रुस्तम-ए-सोहराब
रुस्तम-ए-सोहराब १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और रुस्तम-ए-सोहराब
रेखा
भानुरेखा गणेशन उर्फ़ रेखा (जन्म: 10 अक्टूबर, 1954) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फ़िल्मों की सबसे अच्छी अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। वैसे तो रेखा ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फ़िल्म रंगुला रत्नम से कर दी थी, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनकी प्रविष्टि १९७० की फ़िल्म सावन भादों से हुई। 2010 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .
देखें हिन्दी और रेखा
रोमानी भाषा
रोमानी (rromani ćhib) क्षेत्रयूरोप, अमरीका, एशिया कुल बोलनेवाले ४८ लाख भाषाई परिवार हिन्द यूरोपीय हिन्द ईरानी हिन्द आर्य रोमानी भाषा कूट ISO 639-1_ ISO 639-2rom रोमानी भाषा हिन्द यूरोपीय भाषाई परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा के हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। हिन्द-आर्य भाषाएँ वो भाषाएँ हैं जो संस्कृत से उत्पन्न हुई हैं। हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, मराठी जैसी भाषाएँ हिन्द-आर्य भाषाएँ हैं। रोमानी यूरोप के बंजारों (रोमा लोग, जिनको अंग्रेज़ी में जिप्सी भी कहा जाता है) द्वारा बोली जाती है। ये भारी मात्रा में अन्य यूरोपीय भाषाओं से मिश्रित है। रोमानी भाषा के विश्लेषण से पता चला है कि यह मध्य और उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली भाषाओँ से संबंधित है। इस भाषाई संबंध को रोमानी लोगों के भौगोलिक मूल का संकेत माना जाता है। वे मूल रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के या अब के उत्तरी भारत और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों आए थे। रोमानी भाषा को आमतौर पर मध्य हिन्द-आर्य भाषाओं में शामिल किया जाता है। रोमानी भाषा कभी कभी बोलियों के एक समूह या संबंधित भाषाओं का एक संग्रह, जिसमे एक आनुवंशिक उपसमूह के सभी सदस्य शामिल हैं, माना जाता है। रोमानी भाषा किसी भी राष्ट्र की अधिकारिक भाषा नहीं है, पर कई देशों में इसे अल्पसंख्यक भाषा का दर्जा दिया जाता है। वे देश जिनमें रोमानी जनसँख्या अधिक है, वहां अब रोमानी भाषा की विभिन्न बोलियाँ संहिताबद्ध की जाने की प्रक्रिया में हैं। .
देखें हिन्दी और रोमानी भाषा
रोष
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और रोष
रीडिफ.कॉम
रीडिफ डॉट कॉम अथवा रीडिफ.कॉम (रीडिफ.कॉम) भारतीय समाचार, सूचना, मनोरंजन और शॉपिंग वेब पोर्टल है। इसकी स्थापना १९९६ में हुई। इसकी स्थापना रीडिफ ऑन द नेट (रीडिफ On The NeT) के रूप में हुई। इसका मुख्य कार्यालय मुम्बई में है जिसके शाखा कार्यालय बंगलौर, नई दिल्ली और न्यूयॉर्क नगर में स्थित हैं। एलेक्सा के अनुसार रीडिफ १७वाँ भारतीय वेब पोर्टल है। इसमें ३१६ से अधिक कर्मचारी नियुक्त हैं। इसके लाखों परिदर्शकों में से 89.1% परिदर्शक भारतीय हैं जबकि अन्यों में मुख्यतः संयुक्त राज्य अमेरिका (3.4%) और चीन शामिल हैं। अप्रैल २००१ में रीडिफ ने इंडिया अब्रॉड आरम्भ किया। फ़रवरी २०११ में अलेक्सा पर इसकी रैंक २९५ थी। रीडिफ डॉट कॉम १९९६ में भारत में पंजीकृत पहला डोमेन नाम है। .
देखें हिन्दी और रीडिफ.कॉम
रीति काल
सन् १७०० ई. के आस-पास हिंदी कविता में एक नया मोड़ आया। इसे विशेषत: तात्कालिक दरबारी संस्कृति और संस्कृत साहित्य से उत्तेजना मिली। संस्कृत साहित्यशास्त्र के कतिपय अंशों ने उसे शास्त्रीय अनुशासन की ओर प्रवृत्त किया। हिंदी में 'रीति' या 'काव्यरीति' शब्द का प्रयोग काव्यशास्त्र के लिए हुआ था। इसलिए काव्यशास्त्रबद्ध सामान्य सृजनप्रवृत्ति और रस, अलंकार आदि के निरूपक बहुसंख्यक लक्षणग्रंथों को ध्यान में रखते हुए इस समय के काव्य को 'रीतिकाव्य' कहा गया। इस काव्य की शृंगारी प्रवृत्तियों की पुरानी परंपरा के स्पष्ट संकेत संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, फारसी और हिंदी के आदिकाव्य तथा कृष्णकाव्य की शृंगारी प्रवृत्तियों में मिलते हैं। इस काल में कई कवि ऐसे हुए हैं जो आचार्य भी थे और जिन्होंने विविध काव्यांगों के लक्षण देने वाले ग्रंथ भी लिखे। इस युग में शृंगार की प्रधानता रही। यह युग मुक्तक-रचना का युग रहा। मुख्यतया कवित्त, सवैये और दोहे इस युग में लिखे गए। कवि राजाश्रित होते थे इसलिए इस युग की कविता अधिकतर दरबारी रही जिसके फलस्वरूप इसमें चमत्कारपूर्ण व्यंजना की विशेष मात्रा तो मिलती है परंतु कविता साधारण जनता से विमुख भी हो गई। रीतिकाल के अधिकांश कवि दरबारी थे। केशवदास (ओरछा), प्रताप सिंह (चरखारी), बिहारी (जयपुर, आमेर), मतिराम (बूँदी), भूषण (पन्ना), चिंतामणि (नागपुर), देव (पिहानी), भिखारीदास (प्रतापगढ़-अवध), रघुनाथ (काशी), बेनी (किशनगढ़), गंग (दिल्ली), टीकाराम (बड़ौदा), ग्वाल (पंजाब), चन्द्रशेखर बाजपेई (पटियाला), हरनाम (कपूरथला), कुलपति मिश्र (जयपुर), नेवाज (पन्ना), सुरति मिश्र (दिल्ली), कवीन्द्र उदयनाथ (अमेठी), ऋषिनाथ (काशी), रतन कवि (श्रीनगर-गढ़वाल), बेनी बन्दीजन (अवध), बेनी प्रवीन (लखनऊ), ब्रह्मदत्त (काशी), ठाकुर बुन्देलखण्डी (जैतपुर), बोधा (पन्ना), गुमान मिश्र (पिहानी) आदि और अनेक कवि तो राजा ही थे, जैसे- महाराज जसवन्त सिंह (तिर्वा), भगवन्त राय खीची, भूपति, रसनिधि (दतिया के जमींदार), महाराज विश्वनाथ, द्विजदेव (महाराज मानसिंह)। रीतिकाव्य रचना का आरंभ एक संस्कृतज्ञ ने किया। ये थे आचार्य केशवदास, जिनकी सर्वप्रसिद्ध रचनाएँ कविप्रिया, रसिकप्रिया और रामचंद्रिका हैं। कविप्रिया में अलंकार और रसिकप्रिया में रस का सोदाहरण निरूपण है। लक्षण दोहों में और उदाहरण कवित्तसवैए में हैं। लक्षण-लक्ष्य-ग्रंथों की यही परंपरा रीतिकाव्य में विकसित हुई। रामचंद्रिका केशव का प्रबंधकाव्य है जिसमें भक्ति की तन्मयता के स्थान पर एक सजग कलाकार की प्रखर कलाचेतना प्रस्फुटित हुई। केशव के कई दशक बाद चिंतामणि से लेकर अठारहवीं सदी तक हिंदी में रीतिकाव्य का अजस्र स्रोत प्रवाहित हुआ जिसमें नर-नारी-जीवन के रमणीय पक्षों और तत्संबंधी सरस संवेदनाओं की अत्यंत कलात्मक अभिव्यक्ति व्यापक रूप में हुई। .
देखें हिन्दी और रीति काल
लता मंगेशकर
लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। .
देखें हिन्दी और लता मंगेशकर
लमही
लमही उत्तर प्रदेश प्रान्त के वाराणसी शहर से 3.7 मील दूर एक छोटा गाँव है। यहाँ महान हिन्दी साहित्यकार प्रेमचंद का जन्म हुआ था। .
देखें हिन्दी और लमही
लातविया
लातविया या लातविया गणराज्य (लातवियाई: Latvijas Republika) उत्तरपूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है और उन तीन बाल्टिक गणराज्यों में से एक है जिनका द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भूतपूर्व सोवियत संघ में विलय कर दिया गया। इसकी सीमाएं लिथुआनिया, एस्टोनिया, बेलारूस और रूस से मिलती हैं। यह आकार की दृष्टि से एक छोटा देश है और इसका कुल क्षेत्रफल ६४,५८९ वर्ग किमी और जनसंख्या २२,३१,५० (२००९) है। लातविया की राजधानी है रीगा जिसकी अनुमानित जनसंख्या है ८,२६,०००। कुल जनसंख्या का ६०% लातवियाई मूल के नागरिक है और लगभग ३०% लोग रूसी मूल के हैं। यहाँ की आधिकारिक भाषा है लातवियाई, जो बाल्टिक भाषा परिवार से है। यहाँ की आधिकारिक मुद्रा है लात्स। लात्विया को १९९१ में सोवियत संघ से स्वतंत्रता मिली थी। १ मई, २००४ को लातविया यूरोपीय संघ का सदस्य बना। यहाँ के वर्तमान राष्ट्रपति हैं - वाल्डिस ज़ाट्लर्स। .
देखें हिन्दी और लातविया
लाल किताब
लाल किताब ज्योतिष का एक ग्रंथ है। इसके मूल रचयिता का नाम अज्ञात एवं विवादास्पद है। भारत के पंजाब प्रांत के ग्राम फरवाला (जिला जालंधर) के निवासी पंडित रूप चंद जोशी जी ने इसे सम् १९३९ से १९५२ के बीच में इसके पाँच खण्डों की रचना की। इस किताब को मूल रूप से उर्दू एवं फारसी भाषा में लिखा गया है। यह ग्रंथ सामुद्रिक तथा समकालीन ज्योतिष पर आधारित है। .
देखें हिन्दी और लाल किताब
लालच
लालच एक हिन्दी शब्द है। .
देखें हिन्दी और लालच
लालबहादुर शास्त्री
लालबहादुर शास्त्री (जन्म: 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय - मृत्यु: 11 जनवरी 1966 ताशकन्द), भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत के मन्त्रिमण्डल में उन्हें पुलिस एवं परिवहन मन्त्रालय सौंपा गया। परिवहन मन्त्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रथम बार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति की थी। पुलिस मन्त्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियन्त्रण में रखने के लिये लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारम्भ कराया। 1951 में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया। जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमन्त्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मन्त्री का पद भार ग्रहण किया। उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया। .
देखें हिन्दी और लालबहादुर शास्त्री
लाला लाजपत राय
लालाजी (१९०८ में) लाला लाजपत राय (पंजाबी: ਲਾਲਾ ਲਾਜਪਤ ਰਾਏ, जन्म: 28 जनवरी 1865 - मृत्यु: 17 नवम्बर 1928) भारत के जैन धर्म के अग्रवंश मे जन्मे एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्तत: १७ नवम्बर सन् १९२८ को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी। .
देखें हिन्दी और लाला लाजपत राय
लाखों की बात (1984 फ़िल्म)
लाखों की बात १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और लाखों की बात (1984 फ़िल्म)
लागा चुनरी में दाग (2007 फ़िल्म)
लागा चुनरी में दाग 2007 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और लागा चुनरी में दाग (2007 फ़िल्म)
लव एंड गॉड (1986 फ़िल्म)
लव एंड गॉड 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और लव एंड गॉड (1986 फ़िल्म)
लखनऊ
लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .
देखें हिन्दी और लखनऊ
लगे रहो मुन्ना भाई
लगे रहो मुन्ना भाई 2006 में बनी हिन्दी फिल्म है। यह 2003 में बनी हिंदी फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस का दूसरा भाग है। इस फिल्म के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा है, मुख्य कलाकार है - संजय दत्त, अरशद वारसी, विद्या बालन, दिया मिर्ज़ा और बोमन ईरानी। दूसरा भाग होने के उपरांत भी लगे रहो...
देखें हिन्दी और लगे रहो मुन्ना भाई
लक्ष्मण रेखा (1991 फ़िल्म)
लक्ष्मण रेखा 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और लक्ष्मण रेखा (1991 फ़िल्म)
लक्ष्मी (अभिनेत्री)
लक्ष्मी नारायण हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और लक्ष्मी (अभिनेत्री)
लक्ष्मीमल्ल सिंघवी
लक्ष्मीमल्ल सिंघवी - डाकटिकट लक्ष्मीमल्ल सिंघवी (या लक्ष्मीमल सिंघवी) (९ नवंबर १९३१- ६ अक्टूबर २००७) ख्यातिलब्ध न्यायविद, संविधान विशेषज्ञ, कवि, भाषाविद एवं लेखक थे। उनका जन्म भारत के राजस्थान प्रांत में स्थित जोधपुर नगर में हुआ। १९६२ से १९६७ तक तीसरी लोक सभा के सदस्य श्री सिंघवी ने १९७२ से ७७ तक राजस्थान के एडवोकेट जनरल तथा अनेक वर्षों तक यूके में भारत के राजदूत पद पर कार्य किया। उन्हें १९९८ में पद्म भूषण से अलंकृत किया गया तथा १९९९ में वे राज्य सभा के सदस्य भी चुने गए। डॉ॰ लक्ष्मीमल सिंघवी ने नेपाल, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के संविधान रचे। उन्हें भारत में अनेक लोकपाल, लोकायुक्त संस्थाओं का जनक माना जाता है। डॉ॰ सिंघवी संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार अधिवेशन और राष्ट्रकुल (कॉमनवेल्थ) विधिक सहायता महासम्मेलन के अध्यक्ष, विशेषज्ञ रहे। वे ब्रिटेन के सफलतम उच्चायुक्त माने जाते हैं। वे सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के चार बार अध्यक्ष रहे। उन्होंने विधि दिवस का शुभारंभ किया। डॉ॰ लक्ष्मीमल्ल सिंघवी ने हिंदी के वैश्वीकरण और हिंदी के उन्नयन की दिशा में सजग, सक्रिय और ईमानदार प्रयास किए। भारतीय राजदूत के रूप में उन्होंने ब्रिटेन में भारतीयता को पुष्पित करने का प्रयास तो किया ही, अपने देश की भाषा के माध्यम से न केवल प्रवासियों अपितु विदेशियों को भी भारतीयता से जोड़ने की कोशिश की। वे संस्कृतियों के मध्य सेतु की तरह अडिग और सदा सक्रिय रहे। वे भारतीय संस्कृति के राजदूत, ब्रिटेन में हिन्दी के प्रणेता और हिंदी-भाषियों के लिए प्रेरणा स्रोत थे। विश्व भर में फैले भारत वंशियों के लिए प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की संकल्पना डॉ॰ सिंघवी की ही थी। वे साहित्य अमृत के संपादक रहे और अपने संपादन काल में उन्होने श्री विद्यानिवास मिश्र की स्वस्थ साहित्यिक परंपरा को गति प्रदान की। भारतीय ज्ञानपीठ को भी श्री सिंघवी की सेवाएँ सदैव स्मरण रहेंगी। भारतीय डायसपोरा की अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष श्री सिंघवी ने अनेक पुस्तकों की रचना भी की है। वे कई कला तथा सांस्कृतिक संगठनों के संरक्षक भी थे। जैन इतिहास और संस्कृति के जानकार के रूप में मशहूर श्री सिंघवी ने कई पुस्तकें लिखीं जिनमें से अनेक हिंदी में हैं। श्री सिंघवी प्रवासी भारतीयों की उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष भी रहे। विधि और कूटनीति की कूट एवं कठिन भाषा को सरल हिन्दी में अभिव्यक्त करने में उनका कोई सानी नहीं था। विश्व हिन्दी सम्मेलन के आयोजनों में सदा उनकी अग्रणी भूमिका रहती थी। संध्या का सूरज: हिन्दी काव्य, पुनश्च (संस्मरणों का संग्रह), भारत हमारा समय, जैन मंदिर आदि उनकी प्रसिद्ध हिन्दी कृतियाँ हैं। अंग्रेज़ी में टुवर्डस ग्लोबल टुगैदरनेस (Towards Global Togetherness), डेमोक्रेसी एंड द रूल ऑफ़ द लॉ (Democracy and the Rule of the Law), फ्रीडम ऑन ट्रायल (Freedom on trial) आदि उनकी प्रसिद्ध अंग्रेज़ी पुस्तकें हैं। ८ दिसम्बर २००८ को भारतीय डाकतार विभाग ने उनके सम्मान में एक डाक-टिकट तथा प्रथम दिवस आवरण प्रकाशित किया है। .
देखें हिन्दी और लक्ष्मीमल्ल सिंघवी
लक्ज़मबर्ग
लक्सेम्बर्ग (लक्सेम्बर्गी: Groussherzogtum Lëtzebuerg, फ़्राँसिसी: Grand-Duché de Luxembourg, जर्मन: Großherzogtum Luxemburg) यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी है लक्सेम्बर्ग शहर। इसकी मुख्य- और राजभाषाएँ हैं जर्मन भाषा, फ़्राँसिसी भाषा और लक्सेम्बर्गी भाषा। इसके शासक एक राजा-समान ग्रैंड ड्यूक हैं। लक्जमबर्ग पश्चिम यूरोप का एक छोटा सा देश है। यह बेल्जियम, फ्रांस और जर्मनी से घिरा हुआ है। लक्जमबर्ग का क्षेत्रफल 2586 वर्ग किलोमीटर है, जबकि जनसंख्या पांच लाख के करीब है। लक्जमबर्ग में संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है, जबकि संवैधानिक रूप से राजा सर्वोच्च होता है। लक्जमबर्ग एक विकसित देश है, जहां प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी सबसे ज्यादा है। लक्जमबर्ग यूरोपीय संघ, नाटो, संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपीय संघ और ओईसीडी का संस्थापक सदस्य है, जो देश में आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य एकीकरण पर सर्वसम्मति को दर्शाता है। सांस्कृति रूप से लक्जमबर्ग ने रोमन यूरोप और जर्मन यूरोप की सांस्कृतिक विशेषताओं को अपनाया है। यहां जर्मन, फ्रेंच और लक्जमबर्गीस भाषाएं बोली जाती है और ये तीनों ही इसकी आधिकारिक भाषा है। धर्मनिरपेक्ष होने के बावजूद, लक्जमबर्ग रोमन कैथोलिक का प्रभाववाला देश है। .
देखें हिन्दी और लक्ज़मबर्ग
लैला (1984 फ़िल्म)
श्रेणी:1984 में बनी हिन्दी फ़िल्म श्रेणी:कमलेश्वर.
देखें हिन्दी और लैला (1984 फ़िल्म)
लोहित जिला
लोहित भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय तेज़ू है। अरूणाचल प्रदेश में स्थित लोहित बहुत ही खूबसूरत स्थान है। यहां की सबसे बडी नदी लोहित के नाम पर इसका नाम रखा गया है। पुराणों में इसका नाम लोहित्य बताया गया है। इस जगह से अनेक पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। इसकी खूबसूरती से अभिभूत होकर अनेक पर्यटक यहां आते हैं। यहां पर पर्यटक बर्फ से ढ़की चोटियों, जगलों और नदियों के अनेक खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। इनके अलावा यहां के गांव भी बहुत खूबसूरत हैं। इन गांवों में घूमना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। यहां के अधिकतर गांवों में आदिवासी रहते हैं। पूरे वर्ष यहां पर अनेक उत्सव और त्योहार मनाए जाते हैं। इन उत्सवों और त्योहारों में पर्यटक आदिवासियों की संस्कृतियों के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। गांवों में घूमने के बाद पर्यटक जंगलों की सैर पर जा सकते हैं। यहां के जंगलों में घूमना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। जंगलों की सैर के बाद पर्यटक हाथी की सवारी, राफ्टिंग और पर्वतारोहण का आनंद भी ले सकते हैं। यहां पर अनेक दर्शनीय स्थल भी हैं। इनमें परशुराम कुण्ड, तामरेश्वरी मन्दिर और शिवलिंग प्रमुख हैं। .
देखें हिन्दी और लोहित जिला
लोग क्या कहेंगे (1982 फ़िल्म)
लोग क्या कहेंगे 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और लोग क्या कहेंगे (1982 फ़िल्म)
लीडर (1964 फ़िल्म)
लीडर 1964 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और लीडर (1964 फ़िल्म)
शत्रुघन सिन्हा
शत्रुघन सिन्हा (जन्म: 15 जुलाई, 1946) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। .
देखें हिन्दी और शत्रुघन सिन्हा
शबाना आज़मी
शबाना आज़मी (जन्म: 18 सितंबर, 1950) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और शबाना आज़मी
शम्मी कपूर
शम्मी कपूर (जन्म: 21 अक्टूबर, 1931 निधन: 14 अगस्त, 2011) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होने जंगली, तुमसा नही देखा, दिल देके देखो, सिंगापुर, कॉलेज गर्ल, प्रोफेसर, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना क्या, कश्मीर की कली, जानवर, तीसरी मंज़िल, अंदाज़, एन इवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी और सच्चाई जैसी हिट फ़िल्मों में काम किया। .
देखें हिन्दी और शम्मी कपूर
शशि कपूर
शशि कपूर (जन्म: 18 मार्च, 1938, निधन: 04 दिसम्बर 2017) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। वर्ष २०११ में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष २०१५ में उनको २०१४ के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बन गये। .
देखें हिन्दी और शशि कपूर
शहीद
शहीद हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1948 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और शहीद
शागिर्द
शागिर्द शागिर्द (अंग्रेजी: disciple) 1967 में बनी समीर गांगुली निर्देशित हास्य हिन्दी फिल्म जिसके मुख्या कलाकार जॉय मुखर्जी और सायरा बानो है। .
देखें हिन्दी और शागिर्द
शाइनी आहूजा
रोशन अहूजा जिनको प्राय: शाइनी अहूजा के नाम से जाना जाता है, एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और शाइनी आहूजा
शिथिल
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और शिथिल
शिल्पा शेट्टी
शिल्पा शेट्टी (तुलु: ಶಿಲ್ಪ ಶೆಟ್ಟಿ) एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल है। अपनी प्रथम फिल्म बाज़ीगर (१९९३) में प्रथम अभिनय से पूर्व बॉलीवुड, कॉलीवुड, तेलुगु सिनेमा और कर्नाटक सिनेमा में लगभग ४० फिल्मों में काम कर चुकी थीं। अग्रणी भूमिका के रूप में उन्होंने प्रथम समय आग (१९९४) फिल्म में कार्य किया। .
देखें हिन्दी और शिल्पा शेट्टी
शिवमंगल सिंह 'सुमन'
शिवमंगल सिंह 'सुमन' (1 915-2002) एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और शिक्षाविद् थे। उनकी मृत्यु के बाद, भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री ने कहा, "डॉ शिव मंगल सिंह 'सुमन' केवल हिंदी कविता के क्षेत्र में एक शक्तिशाली हस्ताक्षर ही नहीं थे, बल्कि वह अपने समय की सामूहिक चेतना के संरक्षक भी थे। न केवल अपनी भावनाओं का दर्द व्यक्त किया, बल्कि युग के मुद्दों पर भी निर्भीक रचनात्मक टिप्पणी भी थी। " .
देखें हिन्दी और शिवमंगल सिंह 'सुमन'
शिवसागर रामगुलाम
शिवसागर रामगुलाम (दाहिने तरफ) सर शिवसागर रामगुलाम (१८ सितम्बर १९०० - १५ दिसम्बर १९८५) मारिशस के प्रथम मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री एवं छठे गवर्नर-जनरल थे। वे १९६१ से १९८२ तक प्रधान मन्त्री थे। वे हिन्दू धर्म के अनुयायी, हिन्दी भाषा के पक्षधर और भारतीय संस्कृति के पोषक थे। उनके कार्यकाल में हिन्दी के पठन-पाठन में बहुत प्रगति हुई। विपरीत परिस्थितियों और अभाव के रहते हुए भी उन्होंने हिन्दी के विकास में कोई कमी नहीं रखी। उन्होने ही सर्वप्रथम विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना का विचार दिया था। उनके पुत्र नवीनचन्द्र रामगुलाम भी प्रमुख राजनयिक हैं। .
देखें हिन्दी और शिवसागर रामगुलाम
शिवहर
शिवहर बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक नवगठित जिला है। इस जिले के पूरब एवं उत्तर में सीतामढी, पश्चिम में पूर्वी चंपारण तथा दक्षिण में मुजफ्फरपुर जिला है। शिवहर बिहार का सबसे छोटा एवं आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत ही पिछडा हुआ जिला है। वर्षा एवं बाढ़ के दिनों में इसका संपर्क अपने पडोसी जिलों से भी पूरी तरह कट जाता है। बज्जिका एवं हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषाएँ है। .
देखें हिन्दी और शिवहर
शिवानी
शिवानी हिन्दी की एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थीं। इनका वास्तविक नाम गौरा पन्त था किन्तु ये शिवानी नाम से लेखन करती थीं। इनका जन्म १७ अक्टूबर १९२३ को विजयदशमी के दिन राजकोट, गुजरात मे हुआ था। इनकी शिक्षा शन्तिनिकेतन में हुई! साठ और सत्तर के दशक में, इनकी लिखी कहानियां और उपन्यास हिन्दी पाठकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हुए और आज भी लोग उन्हें बहुत चाव से पढ़ते हैं। शिवानी का निधन 2003 ई० मे हुआ। उनकी लिखी कृतियों मे कृष्णकली, भैरवी,आमादेर शन्तिनिकेतन,विषकन्या चौदह फेरे आदि प्रमुख हैं। हिंदी साहित्य जगत में शिवानी एक ऐसी श्ख्सियत रहीं जिनकी हिंदी, संस्कृत, गुजराती, बंगाली, उर्दू तथा अंग्रेजी पर अच्छी पकड रही और जो अपनी कृतियों में उत्तर भारत के कुमाऊं क्षेत्र के आसपास की लोक संस्कृति की झलक दिखलाने और किरदारों के बेमिसाल चरित्र चित्रण करने के लिए जानी गई। महज 12 वर्ष की उम्र में पहली कहानी प्रकाशित होने से लेकर 21 मार्च 2003 को उनके निधन तक उनका लेखन निरंतर जारी रहा। उनकी अधिकतर कहानियां और उपन्यास नारी प्रधान रहे। इसमें उन्होंने नायिका के सौंदर्य और उसके चरित्र का वर्णन बडे दिलचस्प अंदाज में किया कहानी के क्षेत्र में पाठकों और लेखकों की रुचि निर्मित करने तथा कहानी को केंद्रीय विधा के रूप में विकसित करने का श्रेय शिवानी को जाता है।वह कुछ इस तरह लिखती थीं कि लोगों की उसे पढने को लेकर जिज्ञासा पैदा होती थी। उनकी भाषा शैली कुछ-कुछ महादेवी वर्मा जैसी रही पर उनके लेखन में एक लोकप्रिय किस्म का मसविदा था। उनकी कृतियों से यह झलकता है कि उन्होंने अपने समय के यथार्थ को बदलने की कोशिश नहीं की।शिवानी की कृतियों में चरित्र चित्रण में एक तरह का आवेग दिखाई देता है। वह चरित्र को शब्दों में कुछ इस तरह पिरोकर पेश करती थीं जैसे पाठकों की आंखों के सामने राजारवि वर्मा का कोई खूबसूरत चित्र तैर जाए। उन्होंने संस्कृत निष्ठ हिंदी का इस्तेमाल किया। जब शिवानी का उपन्यास कृष्णकली में प्रकाशित हो रहा था तो हर जगह इसकी चर्चा होती थी। मैंने उनके जैसी भाषा शैली और किसी की लेखनी में नहीं देखी। उनके उपन्यास ऐसे हैं जिन्हें पढकर यह एहसास होता था कि वे खत्म ही न हों। उपन्यास का कोई भी अंश उसकी कहानी में पूरी तरह डुबो देता था। भारतवर्ष के हिंदी साहित्य के इतिहास का बहुत प्यारा पन्ना थीं। अपने समकालीन साहित्यकारों की तुलना में वह काफी सहज और सादगी से भरी थीं। उनका साहित्य के क्षेत्र में योगदान बडा है परिचय जन्म: 17 अक्टूबर 1923, राजकोट (गुजरात) भाषा: हिंदी विधाएँ: उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रा वृत्तांत, आत्मकथा मुख्य कृतियाँ उपन्यास: कृष्णकली, कालिंदी, अतिथि, पूतों वाली, चल खुसरों घर आपने, श्मशान चंपा, मायापुरी, कैंजा, गेंदा, भैरवी, स्वयंसिद्धा, विषकन्या, रति विलाप, आकाश कहानी संग्रह: शिवानी की श्रेष्ठ कहानियाँ, शिवानी की मशहूर कहानियाँ, झरोखा, मृण्माला की हँसी संस्मरण: अमादेर शांति निकेतन, समृति कलश, वातायन, जालक यात्रा वृतांत: चरैवैति, यात्रिक आत्मकथा: सुनहुँ तात यह अमर कहानी .
देखें हिन्दी और शिवानी
शिकारी (1963 फ़िल्म)
शिकारी १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और शिकारी (1963 फ़िल्म)
श्रीमान फ़ंटूस
श्रीमान फ़ंटूस १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और श्रीमान फ़ंटूस
श्रीराम लागू
श्रीराम लागू हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और श्रीराम लागू
श्रीरामचरितमानस
गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीरामचरितमानस का आवरण श्री राम चरित मानस अवधी भाषा में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी में रचित एक महाकाव्य है। इस ग्रन्थ को हिंदी साहित्य की एक महान कृति माना जाता है। इसे सामान्यतः 'तुलसी रामायण' या 'तुलसीकृत रामायण' भी कहा जाता है। रामचरितमानस भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। उत्तर भारत में 'रामायण' के रूप में बहुत से लोगों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है। शरद नवरात्रि में इसके सुन्दर काण्ड का पाठ पूरे नौ दिन किया जाता है। रामायण मण्डलों द्वारा शनिवार को इसके सुन्दरकाण्ड का पाठ किया जाता है। श्री रामचरित मानस के नायक राम हैं जिनको एक महाशक्ति के रूप में दर्शाया गया है जबकि महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण में श्री राम को एक मानव के रूप में दिखाया गया है। तुलसी के प्रभु राम सर्वशक्तिमान होते हुए भी मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। त्रेता युग में हुए ऐतिहासिक राम-रावण युद्ध पर आधारित और हिन्दी की ही एक लोकप्रिय भाषा अवधी में रचित रामचरितमानस को विश्व के १०० सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में ४६वाँ स्थान दिया गया। .
देखें हिन्दी और श्रीरामचरितमानस
श्रीलाल शुक्ल
श्रीलाल शुक्ल (31 दिसम्बर 1925 - 28 अक्टूबर 2011) हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वह समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात थे। श्रीलाल शुक्ल (जन्म-31 दिसम्बर 1925 - निधन- 28 अक्टूबर 2011) को लखनऊ जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। 1949 में राज्य सिविल सेवासे नौकरी शुरू की। 1983 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्त हुए। उनका विधिवत लेखन 1954 से शुरू होता है और इसी के साथ हिंदी गद्य का एक गौरवशाली अध्याय आकार लेने लगता है। उनका पहला प्रकाशित उपन्यास 'सूनी घाटी का सूरज' (1957) तथा पहला प्रकाशित व्यंग 'अंगद का पाँव' (1958) है। स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन की मूल्यहीनता को परत दर परत उघाड़ने वाले उपन्यास 'राग दरबारी' (1968) के लिये उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके इस उपन्यास पर एक दूरदर्शन-धारावाहिक का निर्माण भी हुआ। श्री शुक्ल को भारत सरकार ने 2008 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है। .
देखें हिन्दी और श्रीलाल शुक्ल
श्रीहरिगीता
मानव धर्म कार्यालय, नयी दिल्ली के श्री दीनानाथ भार्गव 'दिनेश' कृत, भगवद्गीता का हिन्दी पद्यानुवाद, श्री हरिगीता, कहलाता है। उत्तर भारत में लोग गीता के साथ साथ हरिगीता का पाठ भी करते हैं क्योंकि यह लोकभाषा में होने जल्दी समझ आता है और पद्य रूप में होने से आसानी से याद हो जाता है। इसके पहले १२ अध्याय विकिसोर्स पर उपलब्ध हैं.
देखें हिन्दी और श्रीहरिगीता
शैल अग्रवाल
शैल अग्रवाल (जन्म २१ जनवरी १९४७)) ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखक है। उनका जन्म बनारस में हुआ था। वे गद्य एवं पद्य दोनों विधाओं में समान अधिकार रखती हैं। उनके लेखन का कैनवस अत्यंत विस्तृत है। उनकी कहानियां मानव मन की सूक्ष्म अभिव्यंजना प्रस्तुत करती हैं तो कविताएं अपनी एक विशेष छाप छोड़ती हैं। उनके लेखन में बनारस की ताज़गी और ब्रिटेन की समझ दोनों की झलक देखी जा सकती है। उनका एक कहानी संग्रह 'ध्रुवतारा' और एक कविता संग्रह 'समिधा' प्रकाशित हो चुका है। .
देखें हिन्दी और शैल अग्रवाल
शैलेन्द्र
शंकरदास केसरीलाल शैलेन्द्र (१९२३-१९६६) हिन्दी के एक प्रमुख गीतकार थे। जन्म रावलपिंडी में और देहान्त मुम्बई में हुआ। इन्होंने राज कपूर के साथ बहुत काम किया। शैलेन्द्र हिन्दी फिल्मों के साथ-साथ भोजपुरी फिल्मों के भी एक प्रमुख गीतकार थे। .
देखें हिन्दी और शैलेन्द्र
शैलेश मटियानी
शैलेश मटियानी (१४ अक्टूबर १९३१ - २४ अप्रैल २००१) आधुनिक हिन्दी साहित्य-जगत् में नयी कहानी आन्दोलन के दौर के कहानीकार एवं प्रसिद्ध गद्यकार थे। उन्होंने 'बोरीवली से बोरीबन्दर' तथा 'मुठभेड़', जैसे उपन्यास, चील, अर्धांगिनी जैसी कहानियों के साथ ही अनेक निबंध तथा प्रेरणादायक संस्मरण भी लिखे हैं। उनके हिन्दी साहित्य के प्रति प्रेरणादायक समर्पण व उत्कृष्ट रचनाओं के फलस्वरूप आज भी उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पुरस्कार का वितरण होता है। .
देखें हिन्दी और शैलेश मटियानी
शेर दिल
शेर दिल १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और शेर दिल
शेखर सुमन
शेखर सुमन (जन्म: 14 जून, 1960) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं दूरदर्शन कलाकार हैं। .
देखें हिन्दी और शेखर सुमन
शोर (1972 फ़िल्म)
शोर १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और शोर (1972 फ़िल्म)
सचिन देव बर्मन
एस॰डी॰ बर्मन के नाम से विख्यात सचिन देव वर्मन हिन्दी और बांग्ला फिल्मों के विख्यात संगीतकार और गायक थे। उन्होंने अस्सी से भी ज़्यादा फ़िल्मों में संगीत दिया था। उनकी प्रमुख फिल्मों में मिली, अभिमान, ज्वैल थीफ़, गाइड, प्यासा, बंदनी, सुजाता, टैक्सी ड्राइवर जैसी अनेक इतिहास बनाने वाली फिल्में शामिल हैं। .
देखें हिन्दी और सचिन देव बर्मन
सच्चाई (1969 फ़िल्म)
सच्चाई 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सच्चाई (1969 फ़िल्म)
सत्यार्थ प्रकाश
सत्यार्थ प्रकाश की रचना आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने की। यद्यपि उनकी मातृभाषा गुजराती थी और संस्कृत का इतना ज्ञान था कि संस्कृत में धाराप्रवाह बोल लेते थे, तथापि इस ग्रन्थ को उन्होंने हिन्दी में रचा। कहते हैं कि जब स्वामी जी 1872 में कलकत्ता में केशवचन्द्र सेन से मिले तो उन्होंने स्वामी जी को यह सलाह दी कि आप संस्कृत छोड़कर हिन्दी बोलना आरम्भ कर दें तो भारत का असीम कल्याण हो। तभी से स्वामी जी के व्याख्यानों की भाषा हिन्दी हो गयी और शायद इसी कारण स्वामी जी ने सत्यार्थ प्रकाश की भाषा भी हिन्दी ही रखी। स्वामी जी पूरे देश में घूम-घूमकर शास्त्रार्थ एवं व्याख्यान कर रहे थे। इससे उनके अनुयायियों ने अनुरोध किया कि यदि इन शास्त्रार्थों एवं व्याख्यानों को लिपिबद्ध कर दिया जाय तो ये अमर हो जायेंगे। सत्यार्थ प्रकाश की रचना उनके अनुयायियों के इस अनुरोध के कारण ही सम्भव हुई। सत्यार्थ प्रकाश की रचना का प्रमुख उद्देश्य आर्य समाज के सिद्धान्तों का प्रचार-प्रसार था। इसके साथ-साथ इसमें ईसाई, इस्लाम एवं अन्य कई पन्थों व मतों का खण्डन भी है। उस समय हिन्दू शास्त्रों का गलत अर्थ निकाल कर हिन्दू धर्म एवं संस्कृति को बदनाम करने का षड्यन्त्र भी चल रहा था। इसी को ध्यान में रखकर महर्षि दयानन्द ने इसका नाम सत्यार्थ प्रकाश (सत्य+अर्थ+प्रकाश) अर्थात् सही अर्थ पर प्रकाश डालने वाला (ग्रन्थ) रखा। .
देखें हिन्दी और सत्यार्थ प्रकाश
सत्यकाम (1969 फ़िल्म)
सत्यकाम 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सत्यकाम (1969 फ़िल्म)
सत्येन्द्र श्रीवास्तव
एक लेखक क सबसे बडा आयुध है उसका किताब और कलम सत्येन्द्र श्रीवास्तव ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। युनाइटेड किंगडम में हिन्दी के वरिष्ठतम लेखक हैं। कविता, नाटक एवं लेख उनकी प्रिय विधाएं हैं। हिन्दी के अतिरिक्त उनके तीन कविता संग्रह अंग्रेजी भाषा में भी प्रकाशित हो चुके हैं। सत्येन्द्र श्रीवास्तव ने टोरोंटो एवं लंदन विश्वविद्यालयों में अध्यापन के बाद पच्चीस वर्षों तक केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हिन्दी साहित्य पढ़ाया है। केम्ब्रिज विश्वविद्यालय से सेवा निवृत्ति के पश्र्चात सत्येन्द्र श्रीवास्तव ने दक्षिण अफ्रीका, जापान, केन्या, जाम्बिया आदि देशों की यात्रा करते हुए वहां व्याख्यान दिये हैं व कविता पाठ किये हैं। सत्येन्द्र श्रीवास्तव के लेखन की एक विशेषता यह भी है कि उनका लेखन केवल नॉस्टेलजिक साहित्य नहीं है। वे केवल भारत के साथ भावनात्मक रिश्तों को ही नहीं भुनाते, वे युनाइटेड किंगडम की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं पर भी गहरी नज़र रखते हैं। उन्हें अपनी पुस्तक टेम्स में बहती गंगा की धार के लिए पहले पद्मानंद साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया। सत्येन्द्र श्रीवास्तव की कविताओं में गहराई है तो लेखों में विषय की पकड़ एवं भाषा का निर्वाह। मिसेज जोन्स और वह गली एवं विन्सटन चर्चिल मेरी मां को जानते थे जैसे उदाहरण इस बात का सबूत है कि सत्येन्द्र श्रीवास्तव सही मायने में ब्रिटिश हिन्दी साहित्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। .
देखें हिन्दी और सत्येन्द्र श्रीवास्तव
सती सावित्री(फ़िल्म)
सती सावित्री १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सती सावित्री(फ़िल्म)
सतीश कौशिक
सतीश कौशिक हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और सतीश कौशिक
सदाशिव अमरापुरकर
सदाशिव अमरापुरकर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। 2014 में उनका फेफड़ों में संक्रमण के कारण निधन हो गया। .
देखें हिन्दी और सदाशिव अमरापुरकर
सन ऑफ़ इंडिया
सन ऑफ़ इंडिया १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सन ऑफ़ इंडिया
सन्धि
यह पृष्ठ संस्कृत व्याकरण में प्रयुक्त सन्धि के बारे में है। अन्तरराष्ट्रीय विधि के सन्दर्भ में सन्धि अलग पृष्ठ पर देखें। ---- सन्धि का अर्थ होता है जोड़ (Addition या Joint)। संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में जब दो शब्दों के मेल से एक नया शब्द बनता है तो इसे सन्धि कहते हैं। सन्धि के नियम केवल भारोपीय भाषाओं में ही नहीं हैं बल्कि कोरियायी जैसी यूराल-आल्टिक परिवार की भाषाओं में भी हैं। जिस प्रकार नीला और लाल मिलकर बैगनी रंग बन जाता है उसी प्रकार सन्धि एक "प्राकृतिक" या सहज क्रिया है। .
देखें हिन्दी और सन्धि
सन्नाटा
सन्नाटा १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सन्नाटा
सन्यासी (1975 फ़िल्म)
सन्यासी 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सन्यासी (1975 फ़िल्म)
सपनों का सौदागर (1968 फ़िल्म)
सपनों का सौदागर 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सपनों का सौदागर (1968 फ़िल्म)
सप्ताह के दिन
एक सप्ताह या हफ़्ते में सात दिन होते हैं। हिन्दी में ये निम्न नामों से पुकारे जाते हैं।.
देखें हिन्दी और सप्ताह के दिन
समर
समर का अर्थ.
देखें हिन्दी और समर
समस्तीपुर
समस्तीपुर भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में दरभंगा प्रमंडल स्थित एक शहर एवं जिला है। समस्तीपुर के उत्तर में दरभंगा, दक्षिण में गंगा नदी और पटना जिला, पश्चिम में मुजफ्फरपुर एवं वैशाली, तथा पूर्व में बेगूसराय एवं खगड़िया जिले है। यहाँ शिक्षा का माध्यम हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी है लेकिन बोल-चाल में बज्जिका और मैथिली बोली जाती है। मिथिला क्षेत्र के परिधि पर स्थित यह जिला उपजाऊ कृषि प्रदेश है। समस्तीपुर पूर्व मध्य रेलवे का मंडल भी है। समस्तीपुर को मिथिला का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। .
देखें हिन्दी और समस्तीपुर
समाप्त
समाप्त का अर्थ ख़त्म है। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और समाप्त
समाजवाद
समाजवाद (Socialism) एक आर्थिक-सामाजिक दर्शन है। समाजवादी व्यवस्था में धन-सम्पत्ति का स्वामित्व और वितरण समाज के नियन्त्रण के अधीन रहते हैं। आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक प्रत्यय के तौर पर समाजवाद निजी सम्पत्ति पर आधारित अधिकारों का विरोध करता है। उसकी एक बुनियादी प्रतिज्ञा यह भी है कि सम्पदा का उत्पादन और वितरण समाज या राज्य के हाथों में होना चाहिए। राजनीति के आधुनिक अर्थों में समाजवाद को पूँजीवाद या मुक्त बाजार के सिद्धांत के विपरीत देखा जाता है। एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में समाजवाद युरोप में अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी में उभरे उद्योगीकरण की अन्योन्यक्रिया में विकसित हुआ है। ब्रिटिश राजनीतिक विज्ञानी हैरॉल्ड लॉस्की ने कभी समाजवाद को एक ऐसी टोपी कहा था जिसे कोई भी अपने अनुसार पहन लेता है। समाजवाद की विभिन्न किस्में लॉस्की के इस चित्रण को काफी सीमा तक रूपायित करती है। समाजवाद की एक किस्म विघटित हो चुके सोवियत संघ के सर्वसत्तावादी नियंत्रण में चरितार्थ होती है जिसमें मानवीय जीवन के हर सम्भव पहलू को राज्य के नियंत्रण में लाने का आग्रह किया गया था। उसकी दूसरी किस्म राज्य को अर्थव्यवस्था के नियमन द्वारा कल्याणकारी भूमिका निभाने का मंत्र देती है। भारत में समाजवाद की एक अलग किस्म के सूत्रीकरण की कोशिश की गयी है। राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और नरेन्द्र देव के राजनीतिक चिंतन और व्यवहार से निकलने वाले प्रत्यय को 'गाँधीवादी समाजवाद' की संज्ञा दी जाती है। समाजवाद अंग्रेजी और फ्रांसीसी शब्द 'सोशलिज्म' का हिंदी रूपांतर है। 19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में इस शब्द का प्रयोग व्यक्तिवाद के विरोध में और उन विचारों के समर्थन में किया जाता था जिनका लक्ष्य समाज के आर्थिक और नैतिक आधार को बदलना था और जो जीवन में व्यक्तिगत नियंत्रण की जगह सामाजिक नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे। समाजवाद शब्द का प्रयोग अनेक और कभी कभी परस्पर विरोधी प्रसंगों में किया जाता है; जैसे समूहवाद अराजकतावाद, आदिकालीन कबायली साम्यवाद, सैन्य साम्यवाद, ईसाई समाजवाद, सहकारितावाद, आदि - यहाँ तक कि नात्सी दल का भी पूरा नाम 'राष्ट्रीय समाजवादी दल' था। समाजवाद की परिभाषा करना कठिन है। यह सिद्धांत तथा आंदोलन, दोनों ही है और यह विभिन्न ऐतिहासिक और स्थानीय परिस्थितियों में विभिन्न रूप धारण करता है। मूलत: यह वह आंदोलन है जो उत्पादन के मुख्य साधनों के समाजीकरण पर आधारित वर्गविहीन समाज स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है और जो मजदूर वर्ग को इसका मुख्य आधार बनाता है, क्योंकि वह इस वर्ग को शोषित वर्ग मानता है जिसका ऐतिहासिक कार्य वर्गव्यवस्था का अंत करना है। .
देखें हिन्दी और समाजवाद
समवेत
"समवेत " के लिए हिन्दी अर्थ.
देखें हिन्दी और समवेत
समक्ष
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। समक्ष का अर्थ किसी के सामने। .
देखें हिन्दी और समक्ष
सम्मुख
सम्मुख का अर्थ सामने/ समक्ष/ आगे हैं। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और सम्मुख
समीप
समीप के लिए हिन्दी अर्थ.
देखें हिन्दी और समीप
सरकार (2005 फ़िल्म)
सरकार 2005 में राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित की गई एक चलचित्र थी।.
देखें हिन्दी और सरकार (2005 फ़िल्म)
सर्वदा
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। सर्वदा का अर्थ हमेशा है। .
देखें हिन्दी और सर्वदा
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
thumb सर्वेश्वर दयाल सक्सेना मूलतः कवि एवं साहित्यकार थे, पर जब उन्होंने दिनमान का कार्यभार संभाला तब समकालीन पत्रकारिता के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को समझा और सामाजिक चेतना जगाने में अपना अनुकरणीय योगदान दिया। सर्वेश्वर मानते थे कि जिस देश के पास समृद्ध बाल साहित्य नहीं है, उसका भविष्य उज्ज्वल नहीं रह सकता। सर्वेश्वर की यह अग्रगामी सोच उन्हें एक बाल पत्रिका के सम्पादक के नाते प्रतिष्ठित और सम्मानित करती है। .
देखें हिन्दी और सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
सहित
सहित का अर्थ किसी व्यक्ति/विषय/ वस्तु को शामिल करके। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और सहित
सहेली(फ़िल्म)
अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - सहेली (बहुविकल्पी) सहेली १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सहेली(फ़िल्म)
साथिया (2002 फ़िल्म)
साथिया २००२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और साथिया (2002 फ़िल्म)
साथी (1968 फ़िल्म)
साथी 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और साथी (1968 फ़िल्म)
साधन
साधन का अर्थ किसी कार्य के लिए पर्याप्त वस्तुओं का संग्रह। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और साधन
साबरकांठा जिला
सबरकाँठा भारतीय राज्य गुजरात का एक उत्तरी-पूर्वी जिला है। इस जिले के पूर्व और पूर्व-उत्तर में राजस्थान राज्य है तथा उत्तर में बनासकाँठा, पश्चिम में महेसाणा, पश्चिम-दक्षिण में अहमदाबाद और दक्षिणपूर्व में पंचमहल जिले हैं। ब्रिटिश शासनकाल में साबरकाँठा नामक राजनीतिक एजेंसी थी, जिसके अंतर्गत ४६ राज्य ऐसे थे जिन्हें न्याय करने के बहुत कम अधिकार प्राप्त थे और १३ तालुके ऐसे थे जिन्हें न्याय करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। इस जिले का प्रशासनिक केंद्र हिम्मतनगर है।जिले के अधिकांश निवासी भील एवं अन्य आदिवासी हैं। भारत के स्वतंत्र होने के बाद इस जिले में हरना नदी तथा हथमाटी नदी पर बाँध बनाए गए हैं। .
देखें हिन्दी और साबरकांठा जिला
साबूदाना
साबूदाना एक खाद्य पदार्थ है। यह छोटे-छोटे मोती की तरह सफ़ेद और गोल होते हैं। यह सैगो पाम नामक पेड़ के तने के गूदे से बनता है। सागो, ताड़ की तरह का एक पौधा होता है। ये मूलरूप से पूर्वी अफ़्रीका का पौधा है। पकने के बाद यह अपादर्शी से हल्का पारदर्शी, नर्म और स्पंजी हो जाता है। भारत में साबूदाने का उपयोग अधिकतर पापड़, खीर और खिचड़ी बनाने में होता है। सूप और अन्य चीज़ों को गाढ़ा करने के लिये भी इसका उपयोग होता है। भारत में साबूदाने का उत्पादन सबसे पहले तमिलनाडु के सेलम में हुआ था। लगभग १९४३-४४ में भारत में इसका उत्पादन एक कुटीर उद्योग के रूप में हुआ था। इसमें पहले टैपियाका की जड़ों को मसल कर उसके दूध को छानकर उसे जमने देते थे। फिर उसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर सेंक लेते थे। टैपियाका के उत्पादन में भारत अग्रिम देशों में है। लगभग ७०० इकाइयाँ सेलम में स्थित हैं। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट की प्रमुखता होती है और इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम व विटामिन सी भी होता है। साबूदाना की कई किस्में बाजार में उपलब्ध हैं उनके बनाने की गुणवत्ता अलग होने पर उनके नाम बदल और गुण बदल जाते हैं अन्यथा ये एक ही प्रकार का होता है, आरारोट भी इसी का एक उत्पाद है। .
देखें हिन्दी और साबूदाना
साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962 फ़िल्म)
साहिब बीबी और ग़ुलाम गुरु दत्त द्वारा निर्मित और अबरार अलवी द्वारा निर्देशित १९६२ की भारतीय हिन्दी फ़िल्म है। यह बिमल मित्रा द्वारा लिखी गई एक बंगाली उपन्यास, शाहेब बीबी गोलाम पर आधारित है और ब्रिटिश राज के दौरान १९वीं शताब्दी के अंत तथा २०वीं शताब्दी की शुरुआत में बंगाल में ज़मींदारी और सामंतवाद के दुखद पतन की झलक है। फ़िल्म एक कुलीन (साहिब) की एक सुंदर, अकेली पत्नी (बीबी) और एक कम आय अंशकालिक दास (ग़ुलाम) के बीच एक आदर्शवादी दोस्ती को दर्शाने की कोशिश करती है। फ़िल्म का संगीत हेमंत कुमार और गीत शकील बदायूँनी ने दिए हैं। फ़िल्म के मुख्य कलाकार गुरु दत्त, मीना कुमारी, रहमान, वहीदा रहमान और नज़ीर हुसैन थे। इस फ़िल्म को कुल चार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से नवाज़ा गया था जिनमें से एक फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी था। .
देखें हिन्दी और साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962 फ़िल्म)
सावित्री बाई खानोलकर
सावित्री बाई खानोलकर या खानोलंकार (जन्म के समय का नाम इवा योन्ने लिण्डा माडे-डे-मारोज़) भारतीय इतिहास के ऐसे व्यक्तियों में से हैं जिनका जन्म तो पश्चिम में हुआ किंतु उन्होंने अपनी इच्छा से भारतीय संस्कृति को अपनाया और भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। सावित्री बाई खानोलकर को सर्वोच्च भारतीय सैनिक अलंकरण परमवीर चक्र के रूपांकन का गौरव प्राप्त है। सावित्री बाई खानोलकर .
देखें हिन्दी और सावित्री बाई खानोलकर
सांझ
साँझ का अर्थ शाम है। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और सांझ
साकार
साकार होने का अर्थ है (सपनों, इरादों, आदि) का पूरा होना। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और साकार
सिद्धहस्त
सिद्धहस्त का अर्थ माहिर / एक्सपर्ट। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और सिद्धहस्त
सिन्धी भाषा
सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका संबंध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। अनेक मान्य विद्वानों के मतानुसार, आधुनिक भारतीय भाषाओं में, सिन्धी, बोली के रूप में संस्कृत के सर्वाधिक निकट है। सिन्धी के लगभग ७० प्रतिशत शब्द संस्कृत मूल के हैं। सिंधी भाषा सिंध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा जिसका संबंध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों। सिंधी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है। यह बात उल्लेखनीय है कि इस्लामी शासनकाल में सिंध और मुलतान (लहँदीभाषी) एक प्रांत रहा है और 1843 से 1936 ई.
देखें हिन्दी और सिन्धी भाषा
सियारामशरण गुप्त
सियारामशरण गुप्त (४ सितंबर १८९५ - २९ मार्च १९६३) (भाद्र पूर्णिमा सम्वत १९५२ विक्रमी) हिन्दी के साहित्यकार थे। .
देखें हिन्दी और सियारामशरण गुप्त
सिलसिला (1981 फ़िल्म)
सिलसिला 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और सिलसिला (1981 फ़िल्म)
सिलवास
सिलवास या सिलवासा (गुजराती: સેલ્વાસ; सेल्वास), अरब सागर के पास स्थित, भारतीय केन्द्र शासित प्रदेश, दादरा तथा नगर हवेली की राजधानी है। अंग्रेजी प्रभाव के चलते सिलवास का उच्चारण अक्सर सिलवासा किया जाता है और अधिकतर लोग अब इसे सिल्वासा या सिलवासा कहकर ही पुकारते हैं। गुजरती जन्सन्ख्या के प्रभाव के कारण इसे 'सेलवास' भी कहा जाता है। शहर में बड़ी संख्या में उद्योग-धंधे स्थापित हैं, जो सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व की वसूली कराते हैं, जिस कारण शहर में करों की दर को काफी कम रखा गया है। करों की निम्न दर के चलते बहुत से उद्योग सिलवासा की ओर आकर्षित हुये हैं और जिन्होनें इस छोटे से आदिवासी क्षेत्र को एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र में बदल दिया है। हिन्दी और गुजराती शहर की प्रमुख भाषायें हैं, उद्योगों के कारण अंग्रेजी का प्रयोग भी बढ़ रहा है। .
देखें हिन्दी और सिलवास
सिवनी ज़िला
सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित हैं।यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। सागौन इस जिले में मुख्य रूप से पाया जाता है। सिवनी जिला मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 8758 वर्ग कि.मी..
देखें हिन्दी और सिवनी ज़िला
सिख
भारतीय सेना के सिख रेजिमेन्ट के सैनिक सिख धर्म के अनुयायियों को सिख कहते हैं। इसे कभी-कभी सिक्ख भी लिखा जाता है। इनके पहले गुरू गुरु नानक जी हैं। गुरु ग्रंथ साहिब सिखों का पवित्र ग्रन्थ है। इनके प्रार्थना स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं। हिन्दू धर्म की रक्षा में तथा भारत की आजादी की लड़ाई में और भारत की आर्थिक प्रगति में सिखों का बहुत बड़ा योगदान है। .
देखें हिन्दी और सिख
सिंप्यूटर
हाथ में पकड़कर इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटर को सिंप्यूटर कहते हैं। सिंप्यूटर को टाइम पत्रिका ने दस सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण तकनीकी खोजों में शामिल किया है। सिंप्यूटर बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि कंप्यूटर को आम आदमी तक सरल, सस्ते और कई भाषाओं में पहुँचाया जाए.
देखें हिन्दी और सिंप्यूटर
सिक्किम
(या, सिखिम) भारत पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक पर्वतीय राज्य है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है। अंग्रेजी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी आधिकारिक भाषाएँ हैं परन्तु लिखित व्यवहार में अंग्रेजी का ही उपयोग होता है। हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं। गंगटोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है। सिक्किम नाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत से विलय के जनमत के कारण १९७५ में एक जनमत-संग्रह के अनुसार भारत में विलीन हो गया। उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है। अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। कंचनजंगा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी चको प्रदेश के कई भागो से आसानी से देखा जा सकता है। साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुंदरता पुची एवं राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। .
देखें हिन्दी और सिक्किम
सवेरा
सवेरा एक भारतीय हिन्दी फिल्म है। जिसका निर्माण 1942 में हुआ था। इसमें मुख्य किरदार में अरुण कुमार आहूजा, निर्मला देवी और केसरी हैं। इसका निर्देशन वी॰ सी॰ देसाई ने किया था। .
देखें हिन्दी और सवेरा
संत ज्ञानेश्वर(फ़िल्म)
संत ज्ञानेश्वर १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और संत ज्ञानेश्वर(फ़िल्म)
संताप
पुं० १. अग्नि धूप आदि का बहुत तीव्र ताप। आँच। २. शरीर में किसी कारण से होने वाली बहुत अधिक जलन। ३. ज्वर। बुखार। ४. शरीर में होने वाला दाह नामक रोग। ५.
देखें हिन्दी और संताप
संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना २४ अक्टूबर १९४५ को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वे चाहते थे कि भविष्य में फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध न उभर आए। संयुक्त राष्ट्र की संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़्रांस, रूस और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में १९३ देश है, विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश। इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है। .
देखें हिन्दी और संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राज्य
संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S.
देखें हिन्दी और संयुक्त राज्य
संलग्न
संलग्न का अर्थ एक-दूसरे से जुड़े हुए। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और संलग्न
संस्कृत भाषा
संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .
देखें हिन्दी और संस्कृत भाषा
संजीव
संजीव (6 जुलाई, 1947 से वर्तमान) हिन्दी साहित्य की जनवादी धारा के प्रमुख कथाकारों में से एक हैं। कहानी एवं उपन्यास दोनों विधाओं में समान रूप से रचनाशील। प्रायः समाज की मुख्यधारा से कटे विषयों, क्षेत्रों एवं वर्गों को लेकर गहन शोधपरक कथालेखक के रूप में मान्य। .
देखें हिन्दी और संजीव
संघर्ष (1968 फ़िल्म)
संघर्ष 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और संघर्ष (1968 फ़िल्म)
संगीत सम्राट तानसेन
संगीत सम्राट तानसेन १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और संगीत सम्राट तानसेन
सुचित्रा सेन
सुचित्रा सेन (जन्म: ६ अप्रैल १९३१ - १७ जनवरी २०१४) हिन्दी एवं बांग्ला फिल्मों की एक अभिनेत्री थीं। वह मुनमुन सेन की माँ थी। विशेषकर उत्तम कुमार के साथ अभिनय करन के कारण वे सारे बंगाल में अत्यन्त जनप्रिय हुईं। उत्तम-सुचित्रा की जोड़ी आज भी बांग्ला चलचित्र की श्रेष्ठ जोड़ी मानी जाती है। वे प्रथम भारतीय अभिनेत्री हैं जिनको किसी अन्तर्राष्ट्रीय चलचित्र महोत्सव में पुरस्कार प्रदान किया गया (श्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - 'सात पाके बाँधा' १९६३ के लिए, मास्को चलचित्र उत्सव)। .
देखें हिन्दी और सुचित्रा सेन
सुनील शेट्टी
सुनील शेट्टी (जन्म: 11 अगस्त, 1961) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं।i .
देखें हिन्दी और सुनील शेट्टी
सुभद्रा कुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान (१६ अगस्त १९०४-१५ फरवरी १९४८) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। उनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी कविता के कारण है। ये राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही हैं, किन्तु इन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अनेक बार जेल यातनाएँ सहने के पश्चात अपनी अनुभूतियों को कहानी में भी व्यक्त किया। वातावरण चित्रण-प्रधान शैली की भाषा सरल तथा काव्यात्मक है, इस कारण इनकी रचना की सादगी हृदयग्राही है। .
देखें हिन्दी और सुभद्रा कुमारी चौहान
सुमित सैगल
सुमीत सहगल हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और सुमित सैगल
सुमित्रानन्दन पन्त
सुमित्रानंदन पंत (२० मई १९०० - २९ दिसम्बर १९७७) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है। उनका जन्म कौसानी बागेश्वर में हुआ था। झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा-किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने। निसर्ग के उपादानों का प्रतीक व बिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता रही। उनका व्यक्तित्व भी आकर्षण का केंद्र बिंदु था। गौर वर्ण, सुंदर सौम्य मुखाकृति, लंबे घुंघराले बाल, सुगठित शारीरिक सौष्ठव उन्हें सभी से अलग मुखरित करता था। .
देखें हिन्दी और सुमित्रानन्दन पन्त
सुरेश वाडकर
सुरेश वाडेकर(जन्म ७ अगस्त १९५५) एक भारतीय पार्श्वगायक हैं। वे मुख्यतः हिन्दी और मराठी फिल्मों में गाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने, कई भोजपुरी, कोंकणी और ओड़िया गाने भी गाए हैं। उनका जन्म वर्ष १९५५ में कोल्हापुर में हुआ था। फिल्मों में गाने के अलावा वे शास्त्रीय संगीत में भी रुचि रखते हैं। वर्ष २०११ में उन्हें श्रेष्ठ पार्श्वगायक की श्रेणी में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। .
देखें हिन्दी और सुरेश वाडकर
सुशीला
सुशीला १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और सुशीला
सुष्मिता सेन
सुष्मिता सेन (जन्म: 19 नवंबर, 1975, हैदराबाद, आंध्रप्रदेश) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। इन्होंने 1994 में मिस इंडिया और ब्रह्माण्ड सुन्दरी का खिताब जीता था। मिस इंडिया स्पर्धा में इन्होंने ऐश्वर्या राय को हराया था। .
देखें हिन्दी और सुष्मिता सेन
सुजीत कुमार
सुजीत कुमार एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। इन्होंने काफी फ़िल्मों में खलनायक का चरित्र निभाया है। सुजीत कुमार का निधन ५ फ़रवरी २०१० को मुंबई में हुआ| वे ७५ वर्ष के थे और लम्बे समय से कैंसर से जूझ रहे थे | .
देखें हिन्दी और सुजीत कुमार
स्पाइडर-मैन (फ़िल्म)
स्पाइडर मैन मारवल कॉमिक्स के एक काल्पनिक सुपर हीरो पर 2002 में बनी फ़िल्म हैं और स्पाइडर-मैन फ़िल्म शृंखला की पहली फ़िल्म है। इसका निर्देशन सैम रायामी द्वारा किया गया है और कहानी डेविड कोप ने लिखी है। फ़िल्म में टोबी मैग्वायर पिटर पार्कर की भूमिका में है, एक हाई स्कुल का छात्र जों एक मकड़ी के काटने के बाद जुर्म से लड़ने वाला सुपरहीरो बन जाता है। फ़िल्म में नोर्मन ओस्बार्न की भूमिका में विलिम डिफो, व किर्स्टन डंस्ट पिटर की प्रेयसी मेरी-जेन-वाटसन की भूमिका में है। जेम्स फ्रेंको फ़िल्म में पिटर के दोस्त हैरी ओस्बार्न की भूमिका में है। २५ वर्षों तक लटके रहने के बाद फ़िल्म का लाइसंस सोनी पिक्कार्स इंटरटेन्मेंट को १९९९ में मिला और सोनी ने सैम रायामी और डेविड कोप को फ़िल्म पर काम करने के लिए लगा दिया। फ़िल्म को २ मई २००२ को रिलीज़ किया गया और यह व्यापारिक और समीक्षकों की दृष्टी से सफल फ़िल्म साबित हुई। .
देखें हिन्दी और स्पाइडर-मैन (फ़िल्म)
स्पंद
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है,जिसका अर्थ है आवृति, यदि आप इसका और सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और स्पंद
स्मिता पाटिल
स्मिता पाटिल (जन्म: 17 अक्टूबर, 1955; निधन: 13 दिसम्बर, 1986) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। भारतीय संदर्भ में स्मिता पाटिल एक सक्रिय नारीवादी होने के अतिरिक्त मुंबई के महिला केंद्र की सदस्य भी थीं। वे महिलाओं के मुद्दों पर पूरी तरह से वचनबद्ध थीं और इसके साथ ही उन्होने उन फिल्मो मे काम करने को प्राथमिकता दी जो परंपरागत भारतीय समाज मे शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं की प्रगति उनकी कामुकता तथा सामाजिक परिवर्तन का सामना कर रही महिलाओं के सपनों की अभिवयक्ति कर सकें.
देखें हिन्दी और स्मिता पाटिल
स्वरूप
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और स्वरूप
स्वेदज
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और स्वेदज
सौतन की बेटी
श्रेणी:1989 में बनी हिन्दी फ़िल्म श्रेणी:कमलेश्वर.
देखें हिन्दी और सौतन की बेटी
सैफ़ अली ख़ान
सैफ़ अली ख़ान (जन्म: 16 अगस्त, 1970) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। उनके पिता मंसूर अली ख़ान पटौदी एक मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी एवं माँ शर्मिला टैगोर हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर अभिनेत्री हैं। उनके पूर्वज पटौदी रियासत के नवाब थे | उन्होंने अपना शालेय जीवन लॉरेंस स्कूल, सनावर और लाकर्स पार्क स्कूल, हेर्टफोर्डशिरे,इंग्लैंड में पूरा किया | जिसके बाद महाविद्यालीन पढाई के लिए वह विंचेस्टर कॉलेज इंडिपेंडेंट स्कूल फॉर बॉयज इन यूनाइटेड किंगडम चले गए | अपनी पढ़ाई पूरी कर लौटने के बाद उन्होंने २ महीनो तक दिल्ली स्थित एक एडवरटाइजिंग फर्म के लिए काम किया | उसके बाद उनके पारिवारिक मित्र के कहने पर उन्होंने कपड़ो के ब्रांड "ग्वालियर सुइटिंग्स" के लिए कुछ विज्ञापनों में काम किया | पर किसी कारणवश वह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया और उन्हें मुंबई आना पड़ा | जहां से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की | उनकी पहली फिल्म "परंपरा" १९९२ में रिलीज़ हुई थी, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पायी। उन्होंने 2010 में पद्म श्री को चौथा सबसे बड़ा भारतीय नागरिक पुरस्कार प्राप्त किया। .
देखें हिन्दी और सैफ़ अली ख़ान
सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है। भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चाँद पृथ्वी की। कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना सदा सर्वदा अमावस्या को ही होती है। .
देखें हिन्दी और सूर्य ग्रहण
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है। .
देखें हिन्दी और सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
से॰रा॰ यात्री
से.रा.यात्री (मूल नाम: सेवा राम यात्री, जन्म 10 जुलाई 1932) एक भारतीय लेखक, कथाकार, व्यंग्यकार और उपन्यासकार हैं। 1971 ई. में 'दूसरे चेहरे' नामक कथा संग्रह से शुरू हुई उनकी साहित्यिक यात्रा अनवरत जारी है। तकरीबन चार दशकों के अपने लेखकीय यात्रा में उन्होंने 18 कथा संग्रह, 33 उपन्यास, 2 व्यंग्य संग्रह, 1 संस्मरण तथा 1 संपादित कथा संग्रह हिंदी जगत के पाठकों को दी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से संचालित पुरस्कार योजना के तहत 2008 का महात्मा गांधी पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की है। .
देखें हिन्दी और से॰रा॰ यात्री
सोनिया गांधी
सोनिया गांधी (जन्म ९ दिसम्बर १९४६) एक भारतीय राजनेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। वे रायबरेली, उत्तरप्रदेश से सांसद हैं और इसके साथ ही वे १५वीं लोक सभा में न सिर्फ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बल्कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की भी प्रमुख हैं। वे १४वीं लोक सभा में भी यूपीए की अध्यक्ष थीं। श्रीमती गांधी कांग्रेस के १३२ वर्षो के इतिहास में सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाली अध्यक्ष है, वह १९९८ से २०१७ तक इस पद को सुशोभित कर रही थी। .
देखें हिन्दी और सोनिया गांधी
सोनू निगम
सोनू निगम (जन्म: ३० जुलाई १९७३, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैँ। वे हिन्दी के अलावा कन्नड़, उड़िया, तमिल, असमिया, पंजाबी, बंगाली, मराठी और तेलुगु फ़िल्मों में भी गा चुके हैं। इन्होने बहुत से इन्डि-पॉप एलबम बनाए हैं और कुछ हिंदी फिल्मों में काम किया है। .
देखें हिन्दी और सोनू निगम
सोहन राही
सोहन राही ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। सर्रे निवासी सोहन राही इंगलैण्ड में गीत और ग़ज़ल विधा के बेहतरीन कलाकार हैं। वे इस देश के पहले साहित्यकार हैं जिनकी ग़ज़लों एवं गीतों के कैसेट एवं सी.
देखें हिन्दी और सोहन राही
सीता राम गोयल
सीता राम गोयल (१९२१ - २००३) भारत के बीसवीं शती के प्रमुख इतिहाकार, लेखक, उपन्यासकार और प्रकाशक थे। उन्होने हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन किया। विख्यात ऋषि और दार्शनिक राम स्वरूप उनके गुरु और सहयोगी थे। १९४० के दशक में उनका झुकाव मार्क्सवाद की तरफ था किन्तु बाद में वे घोर साम्यवाद-विरोधी हो गये। बाद में वे इसाईयत, इस्लाम एवं भारतीय इतिहास एवं राजनीति के प्रमुख व्याख्याता (कमेंटेटर) बनकर उभरे। .
देखें हिन्दी और सीता राम गोयल
सीतामढी
सीतामढी भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के तिरहुत प्रमंडल मे स्थित एक शहर एवं जिला है। 1972 में मुजफ्फरपुर से अलग होकर यह स्वतंत्र जिला बना। बिहार के उत्तरी गंगा के मैदान में स्थित यह जिला नेपाल की सीमा पर होने के कारण संवेदनशील है। बज्जिका यहाँ की बोली है लेकिन हिंदी और उर्दू राजकाज़ की भाषा और शिक्षा का माध्यम है। यहाँ की स्थानीय संस्कृति, रामायणकालीन परंपरा तथा धार्मिकता नेपाल के तराई प्रदेश तथा मिथिला के समान है। .
देखें हिन्दी और सीतामढी
हम तुम
हम तुम सन् 2004 की कुणाल कोहली द्वारा निर्देशित हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। आदित्य चोपड़ा और यश चोपड़ा द्वारा यश राज फ़िल्म्स बैनर के तहत इसे निर्मित किया गया। फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं को सैफ अली खान और रानी मुखर्जी द्वारा निभाया गया है। जारी होने पर फिल्म सफल रही थी और इसने कई पुरस्कार जीते थे। .
देखें हिन्दी और हम तुम
हम दिल दे चुके सनम
हम दिल दे चुके सनम 1999 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है और मुख्य भूमिकाओं में सलमान खान, अजय देवगन और ऐश्वर्या राय हैं। इस फिल्म की कहानी वो सात दिन (1983) से मिलती है। इसका फिल्मांकन गुजरात और बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ। जारी होने पर फिल्म सफल रही थी और इसने कई राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। .
देखें हिन्दी और हम दिल दे चुके सनम
हम सब उस्ताद हैं
हम सब उस्ताद हैं १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हम सब उस्ताद हैं
हम किसी से कम नहीं
हम किसी से कम नहीं 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हम किसी से कम नहीं
हमराही (1963 फ़िल्म)
हमराही १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हमराही (1963 फ़िल्म)
हमसाया
हमसाया १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हमसाया
हयात
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। लायी हयात आये, कज़ा ले चली चले...(ज़िंदगी इस दुनिया में लेकर आई...) दिल गया, रौनके हयात गई।..(जीवन की खुशी / रौनक चली गई) .
देखें हिन्दी और हयात
हरिद्वार जिला
हरिद्वार, जिसे हरद्वार भी कहा जाता है, भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है, जिसके मुख्यालय हरिद्वार नगर में स्थित हैं। इस जिले के उत्तर में देहरादून जिला, पूर्व में पौड़ी गढ़वाल जिला, पश्चिम में उत्तर प्रदेश राज्य का सहारनपुर जिला तथा दक्षिण में उत्तर प्रदेश राज्य के ही मुजफ्फरनगर तथा बिजनौर जिले हैं। हरिद्वार जिले की स्थापना २८ दिसंबर १९८८ को उत्तर प्रदेश राज्य के सहारनपुर मण्डल के अंतर्गत सहारनपुर जिले की हरिद्वार और रुड़की तहसीलों, मुजफ्फरनगर जिले की सदर तहसील के ५३ गांवों और बिजनौर जिले की नजीबाबाद तहसील के २५ गांवों को मिलाकर हुई थी। ९ नवंबर २००० को हरिद्वार नवगठित उत्तराखण्ड राज्य का हिस्सा बन गया। २०११ में १८,९०,४२२ की जनसंख्या के साथ यह उत्तराखण्ड का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है। हरिद्वार, भेल रानीपुर, रुड़की, मंगलाौर, धन्देरा, झबरेड़ा, लक्सर, लन्ढौरा और मोहनपुर-मोहम्मदपुर जिले के महत्वपूर्ण शहर हैं। .
देखें हिन्दी और हरिद्वार जिला
हरियाणा
हरियाणा उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। इसकी सीमायें उत्तर में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। यमुना नदी इसके उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश राज्यों के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हरियाणा से तीन ओर से घिरी हुई है और फलस्वरूप हरियाणा का दक्षिणी क्षेत्र नियोजित विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। यह राज्य वैदिक सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान है। इस क्षेत्र में विभिन्न निर्णायक लड़ाइयाँ भी हुई हैं जिसमें भारत का अधिकत्तर इतिहास समाहित है। इसमें महाभारत का महाकाव्य युद्ध भी शामिल है। हिन्दू मतों के अनुसार महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ (इसमें भगवान कृष्ण ने भागवत गीता का वादन किया)। इसके अलावा यहाँ तीन पानीपत की लड़ाइयाँ हुई। ब्रितानी भारत में हरियाणा पंजाब राज्य का अंग था जिसे १९६६ में भारत के १७वें राज्य के रूप में पहचान मिली। वर्तमान में खाद्यान और दुध उत्पादन में हरियाणा देश में प्रमुख राज्य है। इस राज्य के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। समतल कृषि भूमि निमज्जक कुओं (समर्सिबल पंप) और नहर से सिंचित की जाती है। १९६० के दशक की हरित क्रान्ति में हरियाणा का भारी योगदान रहा जिससे देश खाद्यान सम्पन्न हुआ। हरियाणा, भारत के अमीर राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर यह देश का दूसरा सबसे धनी राज्य है। वर्ष २०१२-१३ में देश में इसकी प्रति-व्यक्ति १,१९,१५८ (अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य देखें) और वर्ष २०१३-१४ में १,३२,०८९ रही। इसके अतिरिक्त भारत में सबसे अधिक ग्रामीण करोड़पति भी इसी राज्य में हैं। हरियाणा आर्थिक रूप से दक्षिण एशिया का सबसे विकसित क्षेत्र है और यहाँ कृषि एवं विनिर्माण उद्योग ने १९७० के दशक से निरंतर वृद्धि का प्राप्त की है। भारत में हरियाणा यात्रि कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है। भारत में प्रति व्यक्ति निवेश के आधार पर वर्ष २००० से राज्य सर्वोपरी स्थान पर रहा है। .
देखें हिन्दी और हरियाणा
हरियाली और रास्ता
हरियाली और रास्ता 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हरियाली और रास्ता
हरिशंकर परसाई
हरिशंकर परसाई (२२ अगस्त, १९२४ - १० अगस्त, १९९५) हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंगकार थे। उनका जन्म जमानी, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे हिंदी के पहले रचनाकार हैं जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के–फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज के व्यापक प्रश्नों से जोड़ा। उनकी व्यंग्य रचनाएँ हमारे मन में गुदगुदी ही पैदा नहीं करतीं बल्कि हमें उन सामाजिक वास्तविकताओं के आमने–सामने खड़ा करती है, जिनसे किसी भी व्यक्ति का अलग रह पाना लगभग असंभव है। लगातार खोखली होती जा रही हमारी सामाजिक और राजनैतिक व्यवस्था में पिसते मध्यमवर्गीय मन की सच्चाइयों को उन्होंने बहुत ही निकटता से पकड़ा है। सामाजिक पाखंड और रूढ़िवादी जीवन–मूल्यों की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने सदैव विवेक और विज्ञान–सम्मत दृष्टि को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया है। उनकी भाषा–शैली में खास किस्म का अपनापा है, जिससे पाठक यह महसूस करता है कि लेखक उसके सामने ही बैठा है। .
देखें हिन्दी और हरिशंकर परसाई
हरिश्चन्द्र तारामती (1963 फ़िल्म)
हरिश्चन्द्र तारामती १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हरिश्चन्द्र तारामती (1963 फ़िल्म)
हरिवंश राय बच्चन
हरिवंश राय श्रीवास्तव "बच्चन" (२७ नवम्बर १९०७ – १८ जनवरी २००३) हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं। उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे। अनन्तर राज्य सभा के मनोनीत सदस्य। बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है। .
देखें हिन्दी और हरिवंश राय बच्चन
हरे काँच की चूड़ियाँ
हरे कांच की चूड़ियां १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। जिसमें मुख्य भूमिका में शिव कुमार एवं विश्वजीत हैं। .
देखें हिन्दी और हरे काँच की चूड़ियाँ
हलाल की कमाई (1988 फ़िल्म)
हलाल की कमाई 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और हलाल की कमाई (1988 फ़िल्म)
हसीना मान जाएगी
हसीना मान जाएगी १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हसीना मान जाएगी
हाथों की लकीरें (1986 फ़िल्म)
हाथों की लकीरें 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हाथों की लकीरें (1986 फ़िल्म)
हाजीपुर
हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .
देखें हिन्दी और हाजीपुर
हावड़ा
हावड़ा(अंग्रेज़ी: Howrah, बांग्ला: হাওড়া), भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक औद्योगिक शहर, पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर एवं हावड़ा जिला एवं हावड़ सदर का मुख्यालय है। हुगली नदी के दाहिने तट पर स्थित, यह शहर कलकत्ता, के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, जो किसी ज़माने में भारत की अंग्रेज़ी सरकार की राजधानी और भारत एवं विश्व के सबसे प्रभावशाली एवं धनी नगरों में से एक हुआ करता था। रवीन्द्र सेतु, विवेकानन्द सेतु, निवेदिता सेतु एवं विद्यासागर सेतु इसे हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित पश्चिम बंगाल की राजधानी, कोलकाता से जोड़ते हैं। आज भी हावड़, कोलकाता के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, समानताएं होने के बावजूद हावड़ा नगर की भिन्न पहचान है इसकी अधिकांशतः हिंदी भाषी आबादी, जोकि कोलकाता से इसे थोड़ी अलग पहचान देती है। समुद्रतल से मात्र 12 मीटर ऊँचा यह शहर रेलमार्ग एवं सड़क मार्गों द्वारा सम्पूर्ण भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन है। हावड़ा स्टेशन पूर्व रेलवे तथा दक्षिणपूर्व रेलवे का मुख्यालय है। हावड़ स्टेशन के अलावा हावड़ा नगर क्षेत्र मैं और 6 रेलवे स्टेशन हैं तथा एक और टर्मिनल शालीमार रेलवे टर्मिनल भी स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 6 इसे दिल्ली व मुम्बई से जोड़ते हैं। हावड़ा नगर के अंतर्गत सिबपुर, घुसुरी, लिलुआ, सलखिया तथा रामकृष्णपुर उपनगर सम्मिलित हैं। .
देखें हिन्दी और हावड़ा
हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार
हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .
देखें हिन्दी और हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार
हिन्द-ईरानी भाषाएँ
हिन्द ईरानी शाखा हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की एक शाखा है। ये सातम वर्ग के अन्दर आती है। इसकी दो उपशाखाएँ हैं.
देखें हिन्दी और हिन्द-ईरानी भाषाएँ
हिन्द-आर्य भाषाएँ
हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानी शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे 'भारतीय उपशाखा' भी कहा जाता है। इनमें से अधिकतर भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं। हिन्द-आर्य भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के 'घ', 'ध' और 'फ' जैसे व्यंजन परिरक्षित हैं, जो अन्य शाखाओं में लुप्त हो गये हैं। इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं: संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि। .
देखें हिन्दी और हिन्द-आर्य भाषाएँ
हिन्द-आर्यन भाषायें
हिन्द-आर्यन (इण्डो-आर्यन) भाषाओं के लिए दूसरा नाम इण्डिक भाषायें है। करीब करीब सभी भारतीय भाषाएं इस श्रेणी में आती हैं जैसे हिन्दी, गुजराती, मराठी, बांग्ला, इत्यादि। .
देखें हिन्दी और हिन्द-आर्यन भाषायें
हिन्दुस्तान
right हिन्दुस्तान (अथवा हिन्दोस्तान या हिन्द) भारत देश का कई भाषाओं में अनाधिकारिक लेकिन विख्यात नाम है, जैसे, उर्दू, हिन्दी, अरबी, फ़ारसी इत्यादि। आजकल अरब देशों और ईरान में "हिन्दुस्तान" शब्द भारतीय उपमहाद्वीप के लिये प्रयुक्त होता है और भारत गणराज्य को हिन्द (अरबी: अल-हिन्द) कहा जाता है। हिंदुस्तान एवं हिन्द शब्द का प्रयोग अक्सर अरबी एवं ईरानी (पर्शियन) किआ करते थे। .
देखें हिन्दी और हिन्दुस्तान
हिन्दुस्तानी भाषा
150px हिन्दुस्तानी (नस्तलीक़: ہندوستانی, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि: / hindustɑːniː /) भाषा हिन्दी और उर्दू का एकीकृत रूप है। ये हिन्दी और उर्दू, दोनो के बोलचाल की भाषा है। इसमें संस्कृत के तत्सम शब्द और अरबी-फ़ारसी के उधार लिये गये शब्द, दोनों कम होते हैं। यही हिन्दी और उर्दू का वह रूप है जो भारत की जनता रोज़मर्रा के जीवन में उपयोग करती है और हिन्दी सिनेमा इसी पर आधारित है। ये हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार की हिन्द आर्य शाखा में आती है। ये देवनागरी या फ़ारसी-अरबी, किसी भी लिपि में लिखी जा सकती है। .
देखें हिन्दी और हिन्दुस्तानी भाषा
हिन्दी
हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .
देखें हिन्दी और हिन्दी
हिन्दी नाटक
हिंदी में नाटकों का प्रारंभ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से माना जाता है। उस काल के भारतेन्दु तथा उनके समकालीन नाटककारों ने लोक चेतना के विकास के लिए नाटकों की रचना की इसलिए उस समय की सामाजिक समस्याओं को नाटकों में अभिव्यक्त होने का अच्छा अवसर मिला। जैसाकि कहा जा चुका है, हिन्दी में अव्यावसायिक साहित्यिक रंगमंच के निर्माण का श्रीगणेश आगाहसन ‘अमानत’ लखनवी के ‘इंदर सभा’ नामक गीति-रूपक से माना जा सकता है। पर सच तो यह है कि ‘इंदर सभा’ की वास्तव में रंगमंचीय कृति नहीं थी। इसमें शामियाने के नीचे खुला स्टेज रहता था। नौटंकी की तरह तीन ओर दर्शक बैठते थे, एक ओर तख्त पर राजा इंदर का आसन लगा दिया जाता था, साथ में परियों के लिए कुर्सियाँ रखी जाती थीं। साजिंदों के पीछे एक लाल रंग का पर्दा लटका दिया जाता था। इसी के पीछे से पात्रों का प्रवेश कराया जाता था। राजा इंदर, परियाँ आदि पात्र एक बार आकर वहीं उपस्थित रहते थे। वे अपने संवाद बोलकर वापस नहीं जाते थे। उस समय नाट्यारंगन इतना लोकप्रिय हुआ कि अमानत की ‘इंदर सभा’ के अनुकरण पर कई सभाएँ रची गई, जैसे ‘मदारीलाल की इंदर सभा’, ‘दर्याई इंदर सभा’, ‘हवाई इंदर सभा’ आदि। पारसी नाटक मंडलियों ने भी इन सभाओं और मजलिसेपरिस्तान को अपनाया। ये रचनाएँ नाटक नहीं थी और न ही इनसे हिन्दी का रंगमंच निर्मित हुआ। इसी से भारतेन्दु हरिश्चन्द्र इनको 'नाटकाभास' कहते थे। उन्होंने इनकी पैरोडी के रूप में ‘बंदर सभा’ लिखी थी। .
देखें हिन्दी और हिन्दी नाटक
हिन्दी बाल साहित्य
हिन्दी बाल साहित्य की बहुत समृद्ध परम्परा हॅ। बाल साहित्य के अन्तर्गत वह समस्त साहित्य आता है जिसे बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर लिखा गया हो। बाल साहित्य में रोचक कहानियाँ एवं कविताएँ प्रमुख हैं। 'रवीद्रनाथ टैगोर का बाल साहित्य' नाम से बच्चों के लिए लिखी गईं उनकी कुछ कविताएँ और कहानियाँ दो भागों में प्रकाशित हुई हैं। हिन्दी बालसाहित्य मे मुख्यतः सामाजिक प्राचीन परंपरा की शिक्षा बच्चों को दी जाती है| बहुत सी कविताएं हमारे समाज मे बिखरी हुई है, जिसका संकलन ओर प्रकाशन अभी भी श्रुति - परंपरा से हो रहा है| जैसे- बालो हम जगदानन्द, नमे बाला सरस्वती| साते भवतु सुप्रीत देवी शिखर वासिनी इत्यादि| इस तरह की बाल सुलभ कविताएं बच्चों को सुलभ ग्राह्य होती है|बच्चों का कोमल हृदय माता और प्रकृति से ज्यादा ग्रहण करता है| हिन्दी में बाल साहित्य का एक बङा स्रोत पंचतंत्र की कथाएँ हैं। बाल गीत कविताओं में महाराणा प्रताप का घोड़ा, झाँसी की रानी बच्चों को प्रेरित करतीं आईं हैं। .
देखें हिन्दी और हिन्दी बाल साहित्य
हिन्दी व्याकरण
हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है। यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें हिंदी के सभी स्वरूपों का चार खंडों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है; यथा- वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि और वर्ण तथा शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों और वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों एवं छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है। .
देखें हिन्दी और हिन्दी व्याकरण
हिन्दी की साहित्यिक पत्रिकायें
हिंदी की साहित्यिक पत्रिकाएँ, हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं के विकास और संवर्द्धन में उल्लेखनीय भूमिका निभाती रहीं हैं। कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, नाटक, आलोचना, यात्रावृत्तांत, जीवनी, आत्मकथा तथा शोध से संबंधित आलेखों का नियमित तौर पर प्रकाशन इनका मूल उद्देश्य है। अधिकांश पत्रिकाओं का संपादन कार्य अवैतनिक होता है। भाषा, साहित्य तथा संस्कृति अध्ययन के क्षेत्र में साहित्यिक पत्रिकाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा है। वर्तमान में प्रकाशित कुछ प्रमुख पत्रिकाओं की सूची निम्नवत है: .
देखें हिन्दी और हिन्दी की साहित्यिक पत्रिकायें
हिन्दी की गिनती
हिन्दी की गिनती, संस्कृत की गिनती से अपभ्रंश होकर पैदा हुई है। उदाहरण के लिये हिन्दी का 'साठ' संस्कृत के 'षष्ठि' से उत्पन्न है; 'अस्सी' संस्कृत के 'असीति' से। इसी प्रकार देख सकते हैं कि हिन्दी की गिनती के सभी शब्द संस्कृत से व्युत्पन्न हैं। ० - शून्य १ - एक २ - दो ३ - तीन ४ - चार ५ - पाँच ६ - छः / छह ७ - सात ८ - आठ ९ - नौ १० - दस ११ - ग्यारह १२ - बारह १३ - तेरह १४ - चौदह १५ - पन्द्रह १६ - सोलह १७ - सत्रह १८ - अट्ठारह १९ - उन्नीस २० - बीस २१ - इक्कीस २२ - बाइस २३ - तेइस २४ - चौबीस २५ - पच्चीस २६ - छब्बीस २७ - सत्ताइस २८ - अट्ठाइस २९ - उनतीस ३० - तीस ३१ - इकत्तीस ३२ - बत्तीस ३३ - तैंतीस ३४ - चौंतीस ३५ - पैंतीस ३६ - छत्तीस ३७ - सैंतीस ३८ - अड़तीस ३९ - उन्तालीस ४० - चालीस ४१ - इकतालीस ४२ - बयालीस ४३ - तिरालीस/तैंतालीस ४४ - चवालीस ४५ - पैंतालीस ४६ - छियालीस ४७ - सैंतालीस ४८ - अड़तालीस ४९ - उन्चास ५० - पचास ५१ - इक्यावन ५२ - बावन ५३ - तिरपन ५४ - चौवन ५५ - पचपन ५६ - छप्पन ५७ - सत्तावन ५८ - अट्ठावन ५९ - उनसठ ६० - साठ ६१ - इकसठ ६२ - बासठ ६३ - तिरसठ ६४ - चौंसठ ६५ - पैंसठ ६६ - छाछठ/छियासठ ६७ - सड़सठ ६८ - अड़सठ ६९ - उन्हत्तर ७० - सत्तर ७१ - इकहत्तर ७२ - बहत्तर ७३ - तिहत्तर ७४ - चौहत्तर ७५ - पचहत्तर ७६ - छिहत्तर ७७ - सतहत्तर ७८ - अठहत्तर ७९ - उन्यासी ८० - अस्सी ८१ - इक्यासी ८२ - बयासी ८३ - तिरासी ८४ - चौरासी ८५ - पचासी/पिच्यासी ८६ - छियासी ८७ - सतासी ८८ - अट्ठासी ८९ - नवासी ९० - नब्बे ९१ - इक्यानबे ९२ - बानबे ९३ - तिरानबे ९४ - चौरानबे ९५ - पनचानबे/पिच्यानबे ९६ - छियानबे ९७ - सनतानबे/सत्तानबे ९८ - अट्ठानबे ९९ - निन्यान्बे १०० - सौ (एक सौ) १२० - एक सौ बीस १००० - एक हजार १३४० - एक हजार तीन सौ चालीस १०००० - दस हजार १००००० - एक लाख १०००००० - दस लाख १००००००० - एक करोड १०००००००० - दस करोड १००००००००० - एक अरब १०००००००००० - दस अरब १००००००००००० - एक खरब १०००००००००००० - दस खरब १००००००००००००० - एक नील १०००००००००००००० - दस नील १००००००००००००००० - एक पदम १०००००००००००००००० - दस पदम १००००००००००००००००० - एक शंख १०००००००००००००००००० - दस शंख अनन्त - infinite, infinty असंख्य, अनगिनत - innuberable, uncountable नगण्य - negligible १/२ - एक बटा दो; आधा १/३ - एक बटा तीन; तिहाई; एक तिहाई १/४ - एक बटा चार; चौथाई; एक चौथाई; एक पाव ३/४ - तीन बटा चार; तीन चौथाई; पौन २/३ - दो तिहाई क/ख - क बटा ख १०% - दस प्रतिशत १+१/४ - सवा (सवा एक, नहीं) १+१/२ - डेढ (साढे एक, नहीं) १+३/४ - पौने दो २+१/४ - सवा दो २+१/२ - ढाई (साढे दो, नहीं) ३+१/२ - साढे (सार्ध) तीन ४+१/२ - सार्ध चार १२.५७ - बारह दशमलव पाँच सात ५८७.७५९ पाँच सौ सत्तासी दशमलव सात पाँच नौ .
देखें हिन्दी और हिन्दी की गिनती
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .
देखें हिन्दी और हिमाचल प्रदेश
हिसार
हिसार भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित हरियाणा प्रान्त के हिसार जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली के १६४ किमी पश्चिम में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक १० एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक ६५ पर पड़ता है। यह भारत का सबसे बड़ा जस्ती लोहा उत्पादक है। इसीलिए इसे इस्पात का शहर के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिमी यमुना नहर पर स्थित हिसार राजकीय पशु फार्म के लिए विशेष विख्यात है। अनिश्चित रूप से जल आपूर्ति करनेवाली घाघर एकमात्र नदी है। यमुना नहर हिसार जिला से होकर जाती है। जलवायु शुष्क है। कपास पर आधारित उद्योग हैं। भिवानी, हिसार, हाँसी तथा सिरसा मुख्य व्यापारिक केंद्र है। अच्छी नस्ल के साँड़ों के लिए हिसार विख्यात है। हिसार की स्थापना सन १३५४ ई.
देखें हिन्दी और हिसार
हिंदी साहित्य
चंद्रकांता का मुखपृष्ठ हिन्दी भारत और विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उसकी जड़ें प्राचीन भारत की संस्कृत भाषा में तलाशी जा सकती हैं। परंतु हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। हिंदी में गद्य का विकास बहुत बाद में हुआ और इसने अपनी शुरुआत कविता के माध्यम से जो कि ज्यादातर लोकभाषा के साथ प्रयोग कर विकसित की गई।हिंदी का आरंभिक साहित्य अपभ्रंश में मिलता है। हिंदी में तीन प्रकार का साहित्य मिलता है। गद्य पद्य और चम्पू। हिंदी की पहली रचना कौन सी है इस विषय में विवाद है लेकिन ज़्यादातर साहित्यकार देवकीनन्दन खत्री द्वारा लिखे गये उपन्यास चंद्रकांता को हिन्दी की पहली प्रामाणिक गद्य रचना मानते हैं। .
देखें हिन्दी और हिंदी साहित्य
हज़ार चौरासी की माँ (1998 फ़िल्म)
हज़ार चौरासी की माँ 1998 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हज़ार चौरासी की माँ (1998 फ़िल्म)
हजारी प्रसाद द्विवेदी
हजारी प्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी के मौलिक निबन्धकार, उत्कृष्ट समालोचक एवं सांस्कृतिक विचारधारा के प्रमुख उपन्यासकार थे। .
देखें हिन्दी और हजारी प्रसाद द्विवेदी
हवालात (1987 फ़िल्म)
हवालात 1987 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हवालात (1987 फ़िल्म)
हंस पत्रिका
हंस दिल्ली से प्रकाशित होने वाली हिन्दी की एक कथा मासिक पत्रिका है जिसका सम्पादन राजेन्द्र यादव ने 1986 से 2013 तक पूरे 27 वर्ष किया। उपन्यास सम्राट प्रेमचंद द्वारा स्थापित और सम्पादित हंस अपने समय की अत्यन्त महत्वपूर्ण पत्रिका रही है। महात्मा गांधी और कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी भी दो वर्ष तक हंस के सम्पादक मण्डल में शामिल रहे। मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु के बाद हंस का सम्पादन उनके पुत्र कथाकार अमृतराय ने किया। अनेक वर्षों तक हंस का प्रकाशन बन्द रहा। बाद में मुंशी प्रेमचंद की जन्मतिथि (31 जुलाई) को ही सन् 1986 से अक्षर प्रकाशन ने कथाकार राजेन्द्र यादव के सम्पादन में इस पत्रिका को एक कथा मासिक के रूप में फिर से प्रकाशित करना प्रारम्भ किया। वर्तमान में हंस एक सांस्कृतिक, साहित्यिक और विचारशील पत्रिका के रूप में जानी जाती है। .
देखें हिन्दी और हंस पत्रिका
हकीकत (1964 फ़िल्म)
हक़ीकत १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हकीकत (1964 फ़िल्म)
हैदराबाद
हैदराबाद (तेलुगु: హైదరాబాదు,उर्दू: حیدر آباد) भारत के राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है, जो दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन काल के दस्तावेजों के अनुसार इसे भाग्यनगर के नाम से जाना जाता था। आज भी यह प्राचीन नाम अत्यन्त ही लोकप्रिय है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पाँचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था, उस समय यह शहर भागनगर के नाम से जाना जाता था। भागनगर समय के साथ हैदराबाद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसे 'निज़ामों का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है। यह भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों में से एक है और भारत में सूचना प्रौधोगिकी एवं जैव प्रौद्यौगिकी का केन्द्र बनता जा रहा है। हुसैन सागर से विभाजित, हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं। हुसैन सागर का निर्माण सन १५६२ में इब्राहीम कुतुब शाह के शासन काल में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है। चारमीनार, इस क्षेत्र में प्लेग महामारी के अंत की यादगार के तौर पर मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने १५९१ में, शहर के बीचों बीच बनवाया था। गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया यह शहर ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर है और भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अलग अहमियत रखता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं। अपने उन्नत इतिहास, संस्कृति, उत्तर तथा दक्षिण भारत के स्थापत्य के मौलिक संगम, तथा अपनी बहुभाषी संस्कृति के लिये भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दोनों रूपों में जाना जाता है। यह वह स्थान रहा है जहां हिन्दू और मुसलमान शांतिपूर्वक शताब्दियों से साथ साथ रह रहे हैं। निजामी ठाठ-बाट के इस शहर का मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालारजंग संग्रहालय आदि है, जो देश-विदेश इस शहर को एक अलग पहचान देते हैं। यह भारतीय महानगर बंगलौर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में तथा चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। किसी समय नवाबी परम्परा के इस शहर में शाही हवेलियाँ और निज़ामों की संस्कृति के बीच हीरे जवाहरात का रंग उभर कर सामने आया तो कभी स्वादिष्ट नवाबी भोजन का स्वाद। इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुँची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार इस महानगर की जनसंख्या ६८ लाख से अधिक है। .
देखें हिन्दी और हैदराबाद
हेरा फेरी (२००० फ़िल्म)
हेरा फेरी (अंग्रेजी: Hera Pheri,उर्दू: ہیرا پھیری) 2000 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य फिल्म है। .
देखें हिन्दी और हेरा फेरी (२००० फ़िल्म)
हॉग्वार्ट्स
हॉग्वार्ट्स (Hogwarts School of Witchcraft and Wizardry).
देखें हिन्दी और हॉग्वार्ट्स
जब से तुम्हें देखा है
जब से तुम्हें देखा है १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और जब से तुम्हें देखा है
जब जब फूल खिले
जब जब फ़ूल खिले १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और जब जब फूल खिले
जम्मू
जम्मू (جموں, पंजाबी: ਜੰਮੂ), भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर में तीन में से एक प्रशासनिक खण्ड है। यह क्षेत्र अपने आप में एक राज्य नहीं वरन जम्मू एवं कश्मीर राज्य का एक भाग है। क्षेत्र के प्रमुख जिलों में डोडा, कठुआ, उधमपुर, राजौरी, रामबन, रियासी, सांबा, किश्तवार एवं पुंछ आते हैं। क्षेत्र की अधिकांश भूमि पहाड़ी या पथरीली है। इसमें ही पीर पंजाल रेंज भी आता है जो कश्मीर घाटी को वृहत हिमालय से पूर्वी जिलों डोडा और किश्तवार में पृथक करता है। यहाम की प्रधान नदी चेनाब (चंद्रभागा) है। जम्मू शहर, जिसे आधिकारिक रूप से जम्मू-तवी भी कहते हैं, इस प्रभाग का सबसे बड़ा नगर है और जम्मू एवं कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी भी है। नगर के बीच से तवी नदी निकलती है, जिसके कारण इस नगर को यह आधिकारिक नाम मिला है। जम्मू नगर को "मन्दिरों का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां ढेरों मन्दिर एवं तीर्थ हैं जिनके चमकते शिखर एवं दमकते कलश नगर की क्षितिजरेखा पर सुवर्ण बिन्दुओं जैसे दिखाई देते हैं और एक पवित्र एवं शांतिपूर्ण हिन्दू नगर का वातावरण प्रस्तुत करते हैं। यहां कुछ प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ भी हैं, जैसे वैष्णो देवी, आदि जिनके कारण जम्मू हिन्दू तीर्थ नगरों में गिना जाता है। यहाम की अधिकांश जनसंख्या हिन्दू ही है। हालांकि दूसरे स्थान पर यहां सिख धर्म ही आता है। वृहत अवसंरचना के कारण जम्मू इस राज्य का प्रमुख आर्थिक केन्द्र बनकर उभरा है। .
देखें हिन्दी और जम्मू
जयन्त विष्णु नार्लीकर
जयन्त विष्णु नार्लीकर जयन्त विष्णु नार्लीकर (मराठी: जयन्त विष्णु नारळीकर; जन्म 19 जुलाई 1938) प्रसिद्ध भारतीय भौतिकीय वैज्ञानिक हैं जिन्होंने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए अंग्रेजी, हिन्दी और मराठी में अनेक पुस्तकें लिखी हैं। ये ब्रह्माण्ड के स्थिर अवस्था सिद्धान्त के विशेषज्ञ हैं और फ्रेड हॉयल के साथ भौतिकी के हॉयल-नार्लीकर सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं। .
देखें हिन्दी और जयन्त विष्णु नार्लीकर
जयललिता
जयललिता जयराम (तमिल: ஜெ. ஜெயலலிதா; 24 फ़रवरी 1948 – 5 दिसम्बर 2016) भारतीय राजनीतिज्ञ तथा तमिल नाडु की मुख्यमंत्री थीं। वो दक्षिण भारतीय राजनैतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की महासचिव थीं। इससे पूर्व वो 1991 से 1996, 2001 में, 2002 से 2006 तक और 201 से 2014 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं। राजनीति में आने से पहले वो अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगू, कन्नड और एक हिंदी तथा एक अँग्रेजी फिल्म में भी काम किया है। जब वे स्कूल में पढ़ रही थीं तभी उन्होंने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया। वे 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थीं। इसके बाद वे तमिल फिल्मों में काम करने लगीं। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ की। फिल्मी करियर के बाद उन्होने एम॰जी॰ रामचंद्रन के साथ 1982 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1984 से 1989 के दौरान तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया। वर्ष 1987 में रामचंद्रन का निधन के बाद उन्होने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। वे 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं। अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 16 मई 2011 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लीं और तब से वे राज्य की मुख्यमंत्री पद पर रहीं। राजनीति में उनके समर्थक उन्हें अम्मा (मां) और कभी कभी पुरातची तलाईवी ('क्रांतिकारी नेता') कहकर बुलाते हैं। 5 दिसम्बर 2016 को रात 11:30 बजे (आईएसटी) इनका निधन हो गया। .
देखें हिन्दी और जयललिता
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 1890 - 15 नवम्बर 1937)अंतरंग संस्मरणों में जयशंकर 'प्रसाद', सं०-पुरुषोत्तमदास मोदी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी; संस्करण-2001ई०,पृ०-2(तिथि एवं संवत् के लिए)।(क)हिंदी साहित्य का बृहत् इतिहास, भाग-10, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी; संस्करण-1971ई०, पृ०-145(तारीख एवं ईस्वी के लिए)। (ख)www.drikpanchang.com (30.1.1890 का पंचांग; तिथ्यादि से अंग्रेजी तारीख आदि के मिलान के लिए)।, हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिंदी काव्य में एक तरह से छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में न केवल कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एवं व्यापक आयामों के चित्रण की शक्ति भी संचित हुई और कामायनी तक पहुँचकर वह काव्य प्रेरक शक्तिकाव्य के रूप में भी प्रतिष्ठित हो गया। बाद के प्रगतिशील एवं नयी कविता दोनों धाराओं के प्रमुख आलोचकों ने उसकी इस शक्तिमत्ता को स्वीकृति दी। इसका एक अतिरिक्त प्रभाव यह भी हुआ कि खड़ीबोली हिन्दी काव्य की निर्विवाद सिद्ध भाषा बन गयी। आधुनिक हिन्दी साहित्य के इतिहास में इनके कृतित्व का गौरव अक्षुण्ण है। वे एक युगप्रवर्तक लेखक थे जिन्होंने एक ही साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिंदी को गौरवान्वित होने योग्य कृतियाँ दीं। कवि के रूप में वे निराला, पन्त, महादेवी के साथ छायावाद के प्रमुख स्तंभ के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं; नाटक लेखन में भारतेंदु के बाद वे एक अलग धारा बहाने वाले युगप्रवर्तक नाटककार रहे जिनके नाटक आज भी पाठक न केवल चाव से पढ़ते हैं, बल्कि उनकी अर्थगर्भिता तथा रंगमंचीय प्रासंगिकता भी दिनानुदिन बढ़ती ही गयी है। इस दृष्टि से उनकी महत्ता पहचानने एवं स्थापित करने में वीरेन्द्र नारायण, शांता गाँधी, सत्येन्द्र तनेजा एवं अब कई दृष्टियों से सबसे बढ़कर महेश आनन्द का प्रशंसनीय ऐतिहासिक योगदान रहा है। इसके अलावा कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में भी उन्होंने कई यादगार कृतियाँ दीं। विविध रचनाओं के माध्यम से मानवीय करुणा और भारतीय मनीषा के अनेकानेक गौरवपूर्ण पक्षों का उद्घाटन। ४८ वर्षो के छोटे से जीवन में कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास और आलोचनात्मक निबंध आदि विभिन्न विधाओं में रचनाएँ की। उन्हें 'कामायनी' पर मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ था। उन्होंने जीवन में कभी साहित्य को अर्जन का माध्यम नहीं बनाया, अपितु वे साधना समझकर ही साहित्य की रचना करते रहे। कुल मिलाकर ऐसी बहुआयामी प्रतिभा का साहित्यकार हिंदी में कम ही मिलेगा जिसने साहित्य के सभी अंगों को अपनी कृतियों से न केवल समृद्ध किया हो, बल्कि उन सभी विधाओं में काफी ऊँचा स्थान भी रखता हो। .
देखें हिन्दी और जयशंकर प्रसाद
जया बच्चन
जया बच्चन (जया भादुरी, विवाह पूर्व) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और जया बच्चन
जयाप्रदा
जयाप्रदा (జయప్రద) (जन्म 3 अप्रैल 1962) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ हैं। .
देखें हिन्दी और जयाप्रदा
ज़बरदस्त (1985 फ़िल्म)
ज़बरदस्त 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और ज़बरदस्त (1985 फ़िल्म)
ज़ी टीवी
ज़ी टीवी एक भारतीय हिन्दी चैनल है। इसकी स्थापना 1 अक्टूबर और प्रसारण 2 अक्टूबर 1992 से शुरू हुआ और यह भारत का पहला हिन्दी केबल चैनल बना। .
देखें हिन्दी और ज़ी टीवी
ज़ीनत अमान
ज़ीनत अमान (जन्म: 19 नवंबर, 1951) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और ज़ीनत अमान
जानवर (1965 फिल्म)
जानवर १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और जानवर (1965 फिल्म)
जानी दुश्मन (1979 फ़िल्म)
जानी दुश्मन 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और जानी दुश्मन (1979 फ़िल्म)
जापानी भाषा
जापानी भाषा (जापानी: 日本語 नीहोंगो) जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, फार्मोसा और सखालीन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं: कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना लिपि (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं। जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा है। .
देखें हिन्दी और जापानी भाषा
जाल (फ़िल्म)
जाल १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और जाल (फ़िल्म)
जालिम
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और जालिम
जितेन्द्र
जितेन्द्र (जन्म: 7 अप्रैल, 1942) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और जितेन्द्र
जिमी शेरगिल
जिमी शेरगिल एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और जिमी शेरगिल
जिस देश में गंगा बहती है
जिस देश में गंगा बहती है हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो १९६० में प्रदर्शित हुई थी। इस फ़िल्म के निर्देशक थे राधू कर्माकर और निर्माता राज कपूर थे। इस फ़िल्म को १९६० के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अलावा तीन अन्य श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया था। .
देखें हिन्दी और जिस देश में गंगा बहती है
जगदीप
जगदीप एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और जगदीप
जुआरी
जुआरी १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और जुआरी
ज्ञान चतुर्वेदी
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भोपाल द्वारा संचालित एक अस्पताल में ह्रदय विशेषज्ञ डॉ ज्ञान चतुर्वेदी जानेमाने व्यंग्यकार हैं। 2002 में अपने उपन्यास बारामासी के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित किये गये। श्रेणी:हिन्दी व्यंग्यकार श्रेणी:यू के कथा सम्मान श्रेणी:हिन्दी गद्यकार.
देखें हिन्दी और ज्ञान चतुर्वेदी
ज्ञानपीठ पुरस्कार
पुरस्कार-प्रतीकः वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई २२ भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। १९६५ में १ लाख रुपये की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार को २००५ में ७ लाख रुपए कर दिया गया जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुका है। २००५ के लिए चुने गये हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें ७ लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार १९६५ में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। उस समय पुरस्कार की धनराशि १ लाख रुपए थी। १९८२ तक यह पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिये दिया जाता था। लेकिन इसके बाद से यह लेखक के भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिये दिया जाने लगा। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक सात बार यह पुरस्कार पा चुके हैं। यह पुरस्कार बांग्ला को ५ बार, मलयालम को ४ बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को तीन-तीन बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को दो-दो बार मिल चुका है। .
देखें हिन्दी और ज्ञानपीठ पुरस्कार
ज्ञानेश्वर
संत ज्ञानेश्वर महाराष्ट्र तेरहवीं सदी के एक महान सन्त थे जिन्होंने ज्ञानेश्वरी की रचना की। संत ज्ञानेश्वर की गणना भारत के महान संतों एवं मराठी कवियों में होती है। ये संत नामदेव के समकालीन थे और उनके साथ इन्होंने पूरे महाराष्ट्र का भ्रमण कर लोगों को ज्ञान-भक्ति से परिचित कराया और समता, समभाव का उपदेश दिया। वे महाराष्ट्र-संस्कृति के 'आद्य-प्रवर्तकों' में भी माने जाते हैं। .
देखें हिन्दी और ज्ञानेश्वर
ज्योतिका
ज्योतिका तमिल, तेलुगु, कन्नड़ एवं हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और ज्योतिका
जूही चावला
रूह अफ़ज़ा लॉन्च २००८ में जूही चावला जूही चावला (जन्म: 13 नवंबर, 1967) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और जूही चावला
जॉनी लीवर
जॉन प्रकाश राव जनुमाला नामक आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में सन 1957 अगस्त 14 को जन्मे, जॉनी लीवर हिन्दी फिल्म के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता है। .
देखें हिन्दी और जॉनी लीवर
जी चाहता है
जी चाहता है १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और जी चाहता है
जीमेल
जी-मेल एक नि:शुल्क पी ओ पी 3 (POP3) और आई ऍम ए पी (IMAP) वेबमेल (webmail) सेवा गूगल के द्वारा उपलब्ध कराई गई हैयूनाइटेड किंगडम और जर्मनी में इसे आधिकारिक तौर पर गूगल मेल कहा जाता है जीमेल के बीटा रिलीज़ (beta release) को 1 अप्रैल 2004 में केवल आमंत्रण द्वारा शुरू किया और 7 फ़रवरी 2007 से आम जनता के लिए उपलब्ध हो गया, यद्यपि करोंडों उपयोगकर्ताओं ने कई महीनों के लिए, स्थिर रिलीज का लाभ ले लिया है। 1 GB (GB) प्रति उपयोगकर्ता के प्रारंभिक भंडारण क्षमता की पेशकश के साथ जीमेल ने उस समय एक महत्वपूर्ण वृद्धि की जो उसके प्रतियोगियों के 2 से 4MB के मुफ्त वेबमेल भंडारण से बहुत ज्यादा थी आजकल यह सेवा 7250 एमबी (MB) से अधिक मुफ्त भंडारण प्रदान करता है और 10 जीबी से 400 जीबी के अतिरिक्त भंडारण $ 20 से $ 500 (US) प्रति वर्ष के लिए उपलब्ध है।, 6 अक्टूबर 2008 को पुनः प्राप्त जीमेल में खोज (search) उन्मुख अंतराफलक और इंटरनेट फोरम (Internet forum) के समान एक "वार्तालाप दृश्य" है। सॉफ्टवेयर से जुड़े लोग जीमेल को एजेक्स प्रोग्रामिंग (Ajax programming) तकनीक के कारण जानते हैं जीमेल गूगल जी एफ ई (Google GFE)/1.3 सर्वर पर चलता है जिसमें लिनक्स है .
देखें हिन्दी और जीमेल
ईद उल-फ़ित्र
ईद उल-फ़ित्र या ईद उल-फितर (अरबी: عيد الفطر) मुस्लमान रमज़ान उल-मुबारक के महीने के बाद एक मज़हबी ख़ुशी का त्यौहार मनाते हैं जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है। ये यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इसलामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरे विश्व में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है। .
देखें हिन्दी और ईद उल-फ़ित्र
ईमानदार (1987 फ़िल्म)
ईमानदार 1987 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और ईमानदार (1987 फ़िल्म)
ईशा कोपिकर
ईशा कोपिकर ईशा कोपिकर (जन्म: 19 सितंबर, 1976) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और ईशा कोपिकर
घर हो तो ऐसा (1990 फ़िल्म)
घर हो तो ऐसा 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और घर हो तो ऐसा (1990 फ़िल्म)
घर की इज्जत (1994 फ़िल्म)
घर की इज्जत 1994 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और घर की इज्जत (1994 फ़िल्म)
घाट
वाराणसी का एक घाट घाट का सामान्य अर्थ नदी तक उतरती सीढियों से निर्मित स्थल है। हिन्दी तथा संस्कृत में घाट जैसे स्थानों के लिए एक और शब्द का प्रयोग होता है - दीघा। भारतीय प्रायद्वीप के दक्क्न के पठार के दोनो किनारों पर बने पर्वतों को भी घाट का नाम दिया जाता है - पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट। नदी, तालाब, झील या समुद्र के किनारे बने सुविधाजनक ढलान वहां रह रहे लोगों की आम जिंदगी का हिस्सा होता है। काफी बार ऐसे स्थलों का धार्मिक (हिन्दू) महत्व होता है। घाट शब्द का मूल "घट्" है, जिसका तात्पर्य प्रधानरूपेण घटने से होता है। नदी किनारे बने घाटों में इस शब्द का उपयोग सीढियों के अवतरण को इंगित करता है, जबकि भारतीयप्रायद्वीप के तटों पर यह शब्द पहाडियों के अवतरण को बतलाता है। घाट शब्द का उपयोग एक मुहावरे "मौत के घाट उतारना" (अर्थात् हत्या करना) में भी होता है, किन्तु यहाँ पर इसका उपयोग हिन्दुओं द्वारा शवदहन प्रायः किसी घाट पर किये जाने के कारण है।.
देखें हिन्दी और घाट
वन्दे मातरम्
'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय वन्दे मातरम् (बाँग्ला: বন্দে মাতরম) अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया भारतमाता का चित्र बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् १८८२ में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्य ने बनायी थी। सन् २००३ में, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सर्वेक्षण में, जिसमें उस समय तक के सबसे मशहूर दस गीतों का चयन करने के लिये दुनिया भर से लगभग ७,००० गीतों को चुना गया था और बी०बी०सी० के अनुसार १५५ देशों/द्वीप के लोगों ने इसमें मतदान किया था उसमें वन्दे मातरम् शीर्ष के १० गीतों में दूसरे स्थान पर था। .
देखें हिन्दी और वन्दे मातरम्
वहीदा रहमान
वहीदा रहमान (जन्म: 14 मई, 1938) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और वहीदा रहमान
वापस
वापस १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और वापस
वारिस
वारिस १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और वारिस
विद्या बालन
विद्या बालन (तमिल:வித்யா, பாலன், मलयालम:വിദ്യ ബാല൯, हिन्दी:1 जनवरी, 1980 को जन्मी विद्या बालन एक पुरस्कार - विजेता भारतीय अभिनेत्री है जो बॉलीवुड फिल्मों में दिखायी दे रही है। बालन, अपने केरियर की शुरुआत म्यूजिक विडियोस, सोअप ओपेरस और कॉमर्शियल विज्ञापन से की और उसने फ़िल्म के क्षेत्र में बंगाली फ़िल्म, भालो थेको (Bhalo Theko) (2003) से अपने केरियर की शुरुआत की, जिसके लिए फिल्मी आलोचकों ने उनकी भूरी - भूरि प्रशंसा की Iबाद में उसने हिन्दी फिल्मों में अपना केरियर फ़िल्म परिणीता (Parineeta) (2005) से शुरुआत की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ उभरती अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया और उनकी पहली सफल व्यवसायिक फ़िल्म थी राजकुमार हिरानी (Rajkumar Hirani) की लगे रहो मुन्नाभाई (2006) Iइस प्रकार बालन ने अपने - आपको एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया I .
देखें हिन्दी और विद्या बालन
विधाता (1982 फ़िल्म)
विधाता १९८२ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और विधाता (1982 फ़िल्म)
विनती
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और विनती
विनोद मेहरा
विनोद मेहरा (जन्म: 13 फरवरी, 1945 निधन: 30 अक्टूबर, 1990) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .
देखें हिन्दी और विनोद मेहरा
विनोद खन्ना
विनोद खन्ना (जन्म: रविवार, ६ अक्टूबर, १९४६ - निधन: गुरुवार, २७ अप्रैल २०१७) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे जिनका जन्म पेशावर (ब्रितानी भारत) में हुआ था जबकि इनका लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित रहने की वजह से २७ अप्रैल २०१७ को मुम्बई के एच एन रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया । .
देखें हिन्दी और विनोद खन्ना
विनीत
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और विनीत
वियोग
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और वियोग
विराट
बिराटनगर हाल की नेपालमे है उसी स्थान के राजा थे। अभि भि कुछ अबशेष वहा माैजुद है.
देखें हिन्दी और विराट
विरोध
विरोध का अर्थ होता है प्रतिपक्षता। .
देखें हिन्दी और विरोध
विश्व हिन्दी सम्मेलन
विश्व हिन्दी सम्मेलन हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिन्दी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी, विषय विशेषज्ञ तथा हिन्दी प्रेमी जुटते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने, समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का आकलन करने, लेखक व पाठक दोनों के स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को और दृढ़ करने, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने तथा हिन्दी के प्रति प्रवासी भारतीयों के भावुकतापूर्ण व महत्त्वपूर्ण रिश्तों को और अधिक गहराई व मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से १९७५ में विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शृंखला शुरू हुई। इस बारे में पूर्व प्रधानमन्त्री स्व० श्रीमती इन्दिरा गान्धी ने पहल की थी। पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से नागपुर में सम्पन्न हुआ जिसमें प्रसिद्द हिंदी साहित्यकार विनोबा भावे ने अपना विवेक सन्देश भेजा। प्रारंभ में इसका आयोजन हर चौथे वर्ष आयोजित किया जाता था लेकिन अब यह अंतराल घटाकर ३ वर्ष कर दिया गया है। अब तक दस विश्व हिन्दी सम्मेलन हो चुके हैं- मारीशस, नई दिल्ली, पुन: मारीशस, त्रिनिडाड व टोबेगो, लन्दन, सूरीनाम न्यूयार्क और जोहांसबर्ग में। दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन २०१५ में भोपाल में आयोजित हुआ। २०१८ संस्करण का आयोजन मॉरीशस में प्रस्तावित है। .
देखें हिन्दी और विश्व हिन्दी सम्मेलन
विश्वास
विश्वास १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और विश्वास
विशेष
विशेष का अर्थ होता है विशिष्ट। .
देखें हिन्दी और विशेष
विष्णु प्रभाकर
विष्णु प्रभाकर (२१ जून १९१२- ११ अप्रैल २००९) हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक थे जिन्होने अनेकों लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक तथा यात्रा संस्मरण लिखे। उनकी कृतियों में देशप्रेम, राष्ट्रवाद, तथा सामाजिक विकास मुख्य भाव हैं। .
देखें हिन्दी और विष्णु प्रभाकर
विस्तृत
विस्तृत का अर्थ है फैला हुआ। .
देखें हिन्दी और विस्तृत
विह्वल
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। विक्षुब्ध, आकुल, अशांत, अधीर, संत्रस्त, अभिभूत .
देखें हिन्दी और विह्वल
विवर
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और विवर
विविध भारती
आकाशवाणी मुख्यालय, नई दिल्ली विविध भारती भारत मे सार्वजनिक क्षेत्र के रेडियो चैनल आकाशवाणी की एक प्रमुख प्रसारण सेवा है। भारत में रेडियो के श्रोताओं के बीच ये सर्वाधिक सुनी जाने वाली और बहुत लोकप्रिय सेवा है। इस पर मुख्यत: हिन्दी फ़िल्मी गीत सुनवाये जाते हैं। इसकी शुरुआत 3 अक्टूबर 1957 को हुई थी। वर्ष 2006-2007, विविध भारती के स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप मे भी मनाया। प्रारम्भ मे इसका प्रसारण केवल दो केन्द्रों, बम्बई तथा मद्रास से होता था। बाद मे धीरे धीरे लोकप्रियता के चलते आकाशवाणी के और भी केन्द्र इसका प्रसारण करने लगे। वर्तमान मे अनेकानेक केन्द्र आकाशवाणी की विज्ञापन प्रसारण सेवा के रूप मे अपने श्रोताओं को विविध भारती के कार्यक्रम सुनवाते हैं। यह भारत के असंख्य हिन्दी भाषियों का चहेता रेडियो चैनल वर्षों तक रहा। तब भी जब कि ना तो दूरदर्शन भारत आया था, या आने के बाद भी इतना चहेता नहीं बना था, जितना कि यह चैनल रहा है। अब भी यह चैनल अखिल भारत में प्रसारित होता है। .
देखें हिन्दी और विविध भारती
विवेक मुशरान
विवेक मुशरान भारतीय हिन्दी फ़िल्म अभिनेता हैं। इन्होंने अपने अभिनय के सफर की शुरुआत 1991 में की थी। इनकी पहली हिन्दी फ़िल्म सौदागर थी, जो लोगों द्वारा काफी पसंद की गई थी। इसके बाद यह कई सारे फ़िल्मों में नजर आने लगे, जिसमें राम जाने, सातवाँ आसमान आदि फ़िल्में हैं। इनमें सचिन द्वारा निर्देशित फ़िल्में भी हैं, जैसे ऐसी भी क्या जल्दी है, फ़र्स्ट लव लेटर और अंजाने आदि। इन्होंने कई फ़िल्मों में कार्य किया है, पर साथ ही साथ कई टीवी चैनलों में भी दिखाई देते रहते हैं। इनमें स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाला धारावाहिक सोनपरी, ज़ी टीवी में "किट्टी पार्टी", सोनी में "भास्कर भारती" और दूरदर्शन में "दिल-ए-नादान" आदि है। .
देखें हिन्दी और विवेक मुशरान
विवेक ओबेरॉय
विवेक ओबरोय एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। विवेक ऑबेरॉय का जन्म 3 सितम्बर 1976 को एक भारतिय परिवार में हुआ था। राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म कंपनी (2002) के साथ उन्होंने अपने करियर की शुरूवात की है। इस फ़िल्म में अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट मेल डेब्यू के लिए और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए पुरस्कृत किया गया है। फ़िल्म रक्त चरित्र और क्रिश 3 के अभिनय के लिए उनके अभिनय की प्रशंसा हुई। .
देखें हिन्दी और विवेक ओबेरॉय
विंग्स ऑफ़ फ़ायर: एन ऑटोबायोग्राफी
विंग्स ऑफ फायर: एन आटोबायोग्राफी ऑफ एपीजे अब्दुल कलाम (१९९९), भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आत्मकथा है। इसके सह-लेखक अरुण तिवारी हैं। इसमें अब्दुल कलाम के बचपन से लेकर लगभग १९९९ तक के जीवन सफर के बारे में बताया गया है। मूल रूप में अंग्रेजी में प्रकाशित यह किताब, विश्व की १३ भाषाओ में अनूदित हो चुकी है। जिसमे भारत की प्रमुख भाषाएँ हिंदी, गुजराती, तेलगु, तमिल, मराठी, मलयालम के साथ-साथ कोरियन, चीनी और ब्रेल लिपि भी शामिल है। .
देखें हिन्दी और विंग्स ऑफ़ फ़ायर: एन ऑटोबायोग्राफी
व्याख्यान
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और व्याख्यान
व्यक्त
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और व्यक्त
वैशाली जिला
वैशाली (Vaishali) बिहार प्रान्त के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली एक अलग जिला बना। वैशाली जिले का मुख्यालय हाजीपुर में है। बज्जिका तथा हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। वैशाली जिला भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए एक पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ। भगवान बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावे आज यह जिला राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। .
देखें हिन्दी और वैशाली जिला
वो कौन थी (1964 फ़िल्म)
वो कौन थी १९६४ में हिन्दी में बनी एक ससपॅंस फिल्म है जिसका निर्देशन राज खोसला ने किया है और यह फ़िल्म साधना और राज खोसला की ससपॅंस तिगड़ी की पहली फ़िल्म थी। इसके अलावा इन दोनों नें इस श्रृंखला में मेरा साया और अनीता फ़िल्में बनाई हैं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार साधना और मनोज कुमार हैं। .
देखें हिन्दी और वो कौन थी (1964 फ़िल्म)
वीरप्पन
वीरप्पन के नाम से प्रसिद्ध कूज मुनिस्वामी वीरप्पन (1952-2004) दक्षिण भारत का कुख्यात चन्दन तस्कर था। चन्दन की तस्करी के अतिरिक्त वह हाथीदांत की तस्करी, हाथियों के अवैध शिकार, पुलिस तथा वन्य अधिकारियों की हत्या व अपहरण के कई मामलों का भी अभियुक्त था। कहा जाता है कि सरकार ने कुल 20 करोड़ रुपये उसे पकड़ने के लिए खर्च किए (प्रतिवर्ष लगभग 2 करोड़)। .
देखें हिन्दी और वीरप्पन
ख़ामोशी
ख़ामोशी १९६९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और ख़ामोशी
खोसला का घोसला
खोसला का घोसला 2006 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और खोसला का घोसला
गया
बोधगया का महाबोधि मन्दिर गया, झारखंड और बिहार की सीमा और फल्गु नदी के तट पर बसा भारत प्रान्त के बिहार राज्य का दूसरा बड़ा शहर है। वाराणसी की तरह गया की प्रसिद्धि मुख्य रूप से एक धार्मिक नगरी के रूप में है। पितृपक्ष के अवसर पर यहाँ हजारों श्रद्धालु पिंडदान के लिये जुटते हैं। गया सड़क, रेल और वायु मार्ग द्वारा पूरे भारत से जुड़ा है। नवनिर्मित गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा द्वारा यह थाइलैंड से भी सीधे जुड़ा हुआ है। गया से 17 किलोमीटर की दूरी पर बोधगया स्थित है जो बौद्ध तीर्थ स्थल है और यहीं बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। गया बिहार के महत्वपूर्ण तीर्थस्थानों में से एक है। यह शहर खासकर हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां का विष्णुपद मंदिर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। दंतकथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। हिन्दू धर्म में इस मंदिर को अहम स्थान प्राप्त है। गया पितृदान के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृत व्यक्ति को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। गया, मध्य बिहार का एक महत्वपूर्ण शहर है, जो गंगा की सहायक नदी फल्गु के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह बोधगया से 13 किलोमीटर उत्तर तथा राजधानी पटना से 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यहां का मौसम मिलाजुला है। गर्मी के दिनों में यहां काफी गर्मी पड़ती है और ठंड के दिनों में औसत सर्दी होती है। मानसून का भी यहां के मौसम पर व्यापक असर होता है। लेकिन वर्षा ऋतु में यहां का दृश्य काफी रोचक होता है। कहा जाता है कि गयासुर नामक दैत्य का बध करते समय भगवान विष्णु के पद चिह्न यहां पड़े थे जो आज भी विष्णुपद मंदिर में देखे जा सकते है। .
देखें हिन्दी और गया
गहरा दाग़ (1963 फ़िल्म)
गहरा दाग़ १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन ओ॰पी॰ रल्हन ने किया है। .
देखें हिन्दी और गहरा दाग़ (1963 फ़िल्म)
ग़बन (फ़िल्म)
ग़बन 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और ग़बन (फ़िल्म)
ग़ज़ल
यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य विधा है जो बाद में फ़ारसी, उर्दू, नेपाली और हिंदी साहित्य में भी बेहद लोकप्रिय हुइ। संगीत के क्षेत्र में इस विधा को गाने के लिए इरानी और भारतीय संगीत के मिश्रण से अलग शैली निर्मित हुई। .
देखें हिन्दी और ग़ज़ल
ग़ुलाम (1998 फ़िल्म)
गुलाम (English: Ghulaam, Urdu: غلام) १९९८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। गुलाम का बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन मध्यम रहा। .
देखें हिन्दी और ग़ुलाम (1998 फ़िल्म)
गिरीश कर्नाड
गिरीश कार्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी.
देखें हिन्दी और गिरीश कर्नाड
गंगा की लहरें (१९६५ फिल्म)
गंगा की लहरें १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और गंगा की लहरें (१९६५ फिल्म)
गुमराह (1963 फ़िल्म)
गुमराह 1963 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और गुमराह (1963 फ़िल्म)
गुमला जिला
गुमला जिला झारखण्ड के २४ जिलों में से एक है। इसका मुख्यालय गुमला है। क्षेत्रफल - 5327 वर्ग कि.मी.
देखें हिन्दी और गुमला जिला
गुरु (२००७ फ़िल्म)
गुरु मणिरत्नम द्वारा निर्देशित हिन्दी फिल्म है। इसके मुख्य कलाकार अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय, मिथुन चक्रवर्ती, विद्या बालन और माधवन है। इस फिल्म मे मल्लिका शेरावत की भी अतिथि भुमिका है। इस फिल्म को 12 जनवरी, 2007 को प्रदर्शित किया गया। हिन्दी के साथ-साथ इसे तमिल और तेलगु मे भी प्रदर्शित किया गया। .
देखें हिन्दी और गुरु (२००७ फ़िल्म)
गुरु ग्रन्थ साहिब
एक ग्रन्थआदिग्रन्थ सिख संप्रदाय का प्रमुख धर्मग्रन्थ है। इसे 'गुरु ग्रंथ साहिब' भी कहते हैं। इसका संपादन सिख धर्म के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया। गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश 16 अगस्त 1604 को हरिमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ। 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया, इसमे कुल 1430 पृष्ठ है। गुरुग्रन्थ साहिब में मात्र सिख गुरुओं के ही उपदेश नहीं है, वरन् 30 अन्य हिन्दू संत और अलंग धर्म के मुस्लिम भक्तों की वाणी भी सम्मिलित है। इसमे जहां जयदेवजी और परमानंदजी जैसे ब्राह्मण भक्तों की वाणी है, वहीं जाति-पांति के आत्महंता भेदभाव से ग्रस्त तत्कालीन हिंदु समाज में हेय समझे जाने वाली जातियों के प्रतिनिधि दिव्य आत्माओं जैसे कबीर, रविदास, नामदेव, सैण जी, सघना जी, छीवाजी, धन्ना की वाणी भी सम्मिलित है। पांचों वक्त नमाज पढ़ने में विश्वास रखने वाले शेख फरीद के श्लोक भी गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं। अपनी भाषायी अभिव्यक्ति, दार्शनिकता, संदेश की दृष्टि से गुरु ग्रन्थ साहिब अद्वितीय है। इसकी भाषा की सरलता, सुबोधता, सटीकता जहां जनमानस को आकर्षित करती है। वहीं संगीत के सुरों व 31 रागों के प्रयोग ने आत्मविषयक गूढ़ आध्यात्मिक उपदेशों को भी मधुर व सारग्राही बना दिया है। गुरु ग्रन्थ साहिब में उल्लेखित दार्शनिकता कर्मवाद को मान्यता देती है। गुरुवाणी के अनुसार व्यक्ति अपने कर्मो के अनुसार ही महत्व पाता है। समाज की मुख्य धारा से कटकर संन्यास में ईश्वर प्राप्ति का साधन ढूंढ रहे साधकों को गुरुग्रन्थ साहिब सबक देता है। हालांकि गुरु ग्रन्थ साहिब में आत्मनिरीक्षण, ध्यान का महत्व स्वीकारा गया है, मगर साधना के नाम पर परित्याग, अकर्मण्यता, निश्चेष्टता का गुरुवाणी विरोध करती है। गुरुवाणी के अनुसार ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सामाजिक उत्तरदायित्व से विमुख होकर जंगलों में भटकने की आवश्यकता नहीं है। ईश्वर हमारे हृदय में ही है, उसे अपने आन्तरिक हृदय में ही खोजने व अनुभव करने की आवश्यकता है। गुरुवाणी ब्रह्मज्ञान से उपजी आत्मिक शक्ति को लोककल्याण के लिए प्रयोग करने की प्रेरणा देती है। मधुर व्यवहार और विनम्र शब्दों के प्रयोग द्वारा हर हृदय को जीतने की सीख दी गई है। .
देखें हिन्दी और गुरु ग्रन्थ साहिब
गुजराती लिपि
गुजराती लिपि वो लिपि है जिसमें गुजराती और कच्छी भाषाएं लिखी जाती है। .
देखें हिन्दी और गुजराती लिपि
गौतम सचदेव
गौतम सचदेव (८ जून १९३९-२९ जून २०१२)ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। गौतम सचदेव ब्रिटेन में बसने से पहले बाल साहित्य में भारतीय राष्ट्रपति से सम्मान पा चुके थे। प्रेमचन्द की कहानियों पर उनकी डॉक्टरेट की थीसिस पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुकी थी। गौतम सचदेव ने हिन्दी साहित्य की प्रत्येक विधा में अपना हाथ आजमाया है। कविता, ग़ज़ल, लेख, कहानी, व्यंग्य, आलोचना सभी विधाओं में समान रूप से लिखते हैं और इन सभी विधाओं में उनके संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी बहुत सी कहानियों में विभाजन की पीड़ा, त्रासदी, दुख, टूटन देखे जा सकते हैं। उनके व्यंग्य आमतौर पर राजनीतिक, सामाजिक स्थितियों पर टिप्पणियां करते हैं। व्यंग्य लेखन में वे पात्रों एवं घटनाओं का इस्तेमाल नहीं करते। बी.बी.सी.
देखें हिन्दी और गौतम सचदेव
गौतमी
गौतमी हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और गौतमी
गौरी (1968 फ़िल्म)
गौरी 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और गौरी (1968 फ़िल्म)
गोदान (फ़िल्म)
गोदान १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार प्रेमचंद के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। .
देखें हिन्दी और गोदान (फ़िल्म)
गोधूलि
गोधूलि शब्द का अर्थ है - गो + धूल .
देखें हिन्दी और गोधूलि
गोपालदास नीरज
गोपालदास नीरज (जन्म: 4 जनवरी 1925), हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक, एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक हैं। वे पहले व्यक्ति हैं जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला। .
देखें हिन्दी और गोपालदास नीरज
गोरखपुर
300px गोरखपुर उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में नेपाल के साथ सीमा के पास स्थित भारत का एक प्रसिद्ध शहर है। यह गोरखपुर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यह एक धार्मिक केन्द्र के रूप में मशहूर है जो बौद्ध, हिन्दू, मुस्लिम, जैन और सिख सन्तों की साधनास्थली रहा। किन्तु मध्ययुगीन सर्वमान्य सन्त गोरखनाथ के बाद उनके ही नाम पर इसका वर्तमान नाम गोरखपुर रखा गया। यहाँ का प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर अभी भी नाथ सम्प्रदाय की पीठ है। यह महान सन्त परमहंस योगानन्द का जन्म स्थान भी है। इस शहर में और भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे, बौद्धों के घर, इमामबाड़ा, 18वीं सदी की दरगाह और हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों का प्रमुख प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस। 20वीं सदी में, गोरखपुर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक केन्द्र बिन्दु था और आज यह शहर एक प्रमुख व्यापार केन्द्र बन चुका है। पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय, जो ब्रिटिश काल में 'बंगाल नागपुर रेलवे' के रूप में जाना जाता था, यहीं स्थित है। अब इसे एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिये गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा/GIDA) की स्थापना पुराने शहर से 15 किमी दूर की गयी है। .
देखें हिन्दी और गोरखपुर
गोविन्द बल्लभ पन्त
नैनीताल में गोविन्द वल्लभ पन्त की प्रतिमा पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त या जी॰बी॰ पन्त (जन्म १० सितम्बर १८८७ - ७ मार्च १९६१) प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्य मन्त्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। सन 1957 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया। गृहमंत्री के रूप में उनका मुख्य योगदान भारत को भाषा के अनुसार राज्यों में विभक्त करना तथा हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करना था। .
देखें हिन्दी और गोविन्द बल्लभ पन्त
गोविन्द शर्मा
गोविन्द शर्मा लंदन में बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। श्री गोविन्द शर्मा को हाल ही में लंदन के हाउस ऑफ़ लार्डस में उनकी फ़िल्मी पटकथा पर लिखी गई पुस्तक के लिये पद्मानंद साहित्य सम्मान 2006 से सम्मानित किया गया। गोविन्द शर्मा ने हिन्दी फ़िल्मों पर लिखे अपने लेखों को साहित्यक स्तर प्रदान करने का भरपूर एवं सफल प्रयास किया है। उनका मानना है कि बॉलीवुड का पटकथा लेखन हॉलीवुड से एकदम भिन्न है। .
देखें हिन्दी और गोविन्द शर्मा
गोविन्दा
गोविन्दा (जन्म: 21 दिसंबर, 1958) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। उनके नाम बॉलीवुड में एक वर्ष में सबसे अधिक फिल्म देने का रिकार्ड दर्ज है इनके पास बॉलीवुड के हर विभाग में न० १ का तमगा हासिल है गोविन्दा .
देखें हिन्दी और गोविन्दा
ओमकारा
ओमकारा (उर्दू: امکارا) वर्ष 2006 की अपराध-ड्रामा पर आधारित हिंदी भाषा की भारतीय फिल्म है, जिसे विशाल भारद्वाज ने निर्देशन एवं सह-लेखन किया है। फिल्म शेक्सपियर की कृति 'ओथेलो' का आधुनिक सिनेरूपांतरण है। मुख्य भूमिकाओं में अजय देवगन, सैफ अली खान, विवेक ओबराॅय एवं करीना कपूर के साथ सह-भूमिकाओं में नसीरुद्दीन शाह, कोंकणा सेन शर्मा और बिपाशा बसु सम्मिलित हैं। निर्देशक विशाल भारद्वाज ने संगीत निर्देशन के साथ फिल्म की पार्श्वसंगीत भी तैयार किया है, और गीत दिए है गुलजार ने। फिल्म की शुटआउट राज्य उत्तरप्रदेश के पश्चिमी प्रांत, मेरठ में की गई है। फिल्म को मारशे-ड्यु फिल्म सेक्शन के सहयोग से कांस फिल्म उत्सव में ट्रेलर प्रदर्शन के साथ फिल्म ओमकारा के निर्माण पर किताब का विमोचन भी हुआ। कायरो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में पर्दापर्ण के साथ ही भारद्वाज को बतौर सिनेमा निर्देशक का उत्कृष्ट कलात्मक सेवादान से शोभित किया गया। कारा फिल्म उत्सव में फिल्म को तीन पुरस्कार मिले फिर एशियन फेस्टिवल के प्रथम फिल्म के साथ तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार एवं सात फिल्मफेयर पुरस्कार से भी विजयी हुई। भारद्वाज के लोकप्रिय शेक्सपियर के नाट्य-कृतियों के देशी रूपांतरण में यह उनका दूसरा संस्करण है। इससे पूर्व विशाल ने वर्ष 2003 में 'मकबूल' और 2014 में 'हैदर' का भी बतौर निर्माण-निर्देशन किया जो क्रमशः 'मेकबैथ' एवं 'हेमलेट' पर आधारित था। भारद्वाज ने अन्य कृतियों जैसे लेखक रस्किन बाॅण्ड की दो किताब पर आधारित क्रमशः 'द ब्लू अंब्रेला' और 'सात खून माफ' का भी निर्माण किया। .
देखें हिन्दी और ओमकारा
ओशिआनिया
ओशिआनिया ओशिआनिया ओशिआनिया (जिसे कभी कभी ओशियानिका भी कहा जाता है), एक भौगोलिक क्षेत्र है जिसमे शामिल भूखण्ड जिनमें से अधिकतर द्वीप हैं जो, प्रशांत महासागर और इसके आस पास फैले हुये हैं। "ओशिआनिया" शब्द को 1831 में फ्रांसीसी अन्वेषक ड्यूमाँट द'उर्विल द्वारा गढ़ा गया था। आज यह शब्द कई भाषाओं में ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप और निकट के प्रशांत द्वीपों के लिए प्रयोग किया जाता है, यह क्षेत्र आठ स्थलीय पारिस्थितिक क्षेत्रों मे से भी एक है। ओशिआनिया की सीमाओं को कई तरीकों से परिभाषित किया जा सकता है। अधिकांश परिभाषाएँ ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और न्यू गिनी और मलय द्वीपसमूह के सभी भागों या कुछ भाग को ओशिआनिया बताती हैं।.
देखें हिन्दी और ओशिआनिया
आचार्य चतुरसेन शास्त्री
आचार्य चतुरसेन शास्त्री (26 अगस्त 1891 – 2 फ़रवरी 1960)) हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। इनकी प्रमुख कृतियां गोली, सोमनाथ, वयं रक्षाम: और वैशाली की नगरवधू इत्यादि हैं। आभा इनकी पहली रचना थी। .
देखें हिन्दी और आचार्य चतुरसेन शास्त्री
आचार्य रामलोचन सरन
आचार्य रामलोचन सरन (1889 – 1971) हिन्दी के लेखक थे। उन्होंने १९१५ में पुस्तक भंडार प्रकाशन की स्थापना लहेरियासराय और पटना में की। उन्होंने बालक पत्रिका, हिमालय पत्रिका, होनहार पत्रिका को भी प्रकाशित किया। उन्होंने नए लेखकों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने मनोहर पोथी छापी, जिससे नौसिखियों को हिन्दी सिखाया जा सके।.
देखें हिन्दी और आचार्य रामलोचन सरन
आँधी (1975 फ़िल्म)
आँधी (अंग्रेजी: storm) 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आँधी (1975 फ़िल्म)
आठवीं अनुसूची
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है। इस अनुसूची में २२ भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। इनमें से १४ भाषाओं को संविधान में शामिल किया गया था। सन १९६७ में, सिन्धी भाषा को अनुसूची में जोड़ा गया। इसके बाद, कोंकणी भाषा, मणिपुरी भाषा, और नेपाली भाषा को १९९२ में जोड़ा गया। हाल में २००४ में बोड़ो भाषा, डोगरी भाषा, मैथिली भाषा, और संथाली भाषा शामिल किए गए। .
देखें हिन्दी और आठवीं अनुसूची
आधी रात के बाद
आधी रात के बाद एक भारतीय हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्देशन नानाभाई बट्ट ने किया था। इसमें अशोक कुमार, रागिनी, शैलेश कुमार, मुराद, आग़ा, सज्जन, उल्हास, जानकीदास, राजन हसकर और कुमार ने भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के संगीत निर्देशक चित्रगुप्त थे। यह फिल्म 1965 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और आधी रात के बाद
आन्ध्र प्रदेश
आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .
देखें हिन्दी और आन्ध्र प्रदेश
आमुख
आमुख का अर्थ आरंभ है। इसे किसी नाटक या पुस्तक की प्रस्तावना के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और आमुख
आयशा कपूर
आयशा कपूर हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और आयशा कपूर
आरज़ू (1965 फ़िल्म)
आरज़ू १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। जो कश्मीर में बनाई गई है। जिसमें राजेंद्र कुमार, साधना एवं फ़िरोज़ ख़ान मुख्य भूमिका मे है। .
देखें हिन्दी और आरज़ू (1965 फ़िल्म)
आर्यभटीय
आर्यभटीय नामक ग्रन्थ की रचना आर्यभट प्रथम (४७६-५५०) ने की थी। यह संस्कृत भाषा में आर्या छंद में काव्यरूप में रचित गणित तथा खगोलशास्त्र का ग्रंथ है। इसकी रचनापद्धति बहुत ही वैज्ञानिक और भाषा बहुत ही संक्षिप्त तथा मंजी हुई है। इसमें चार अध्यायों में १२३ श्लोक हैं। आर्यभटीय, दसगीतिका पाद से आरम्भ होती है। इसके चार अध्याय इस प्रकार हैं: 1.
देखें हिन्दी और आर्यभटीय
आलोचना
आलोचना या समालोचना (Criticism) किसी वस्तु/विषय की, उसके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उसके गुण-दोषों एवं उपयुक्ततता का विवेचन करने वालि साहित्यिक विधा है। हिंदी आलोचना की शुरुआत १९वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतेन्दु युग से ही मानी जाती है। 'समालोचना' का शाब्दिक अर्थ है - 'अच्छी तरह देखना'। 'आलोचना' शब्द 'लुच' धातु से बना है। 'लुच' का अर्थ है 'देखना'। समीक्षा और समालोचना शब्दों का भी यही अर्थ है। अंग्रेजी के 'क्रिटिसिज्म' शब्द के समानार्थी रूप में 'आलोचना' का व्यवहार होता है। संस्कृत में प्रचलित 'टीका-व्याख्या' और 'काव्य-सिद्धान्तनिरूपण' के लिए भी आलोचना शब्द का प्रयोग कर लिया जाता है किन्तु आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का स्पष्ट मत है कि आधुनिक आलोचना, संस्कृत के काव्य-सिद्धान्तनिरूपण से स्वतंत्र चीज़ है। आलोचना का कार्य है किसी साहित्यक रचना की अच्छी तरह परीक्षा करके उसके रूप, गणु और अर्थव्यस्था का निर्धारण करना। डॉक्टर श्यामसुन्दर दास ने आलोचना की परिभाषा इन शब्दों में दी है: अर्थात् आलोचना का कर्तव्य साहित्यक कृति की विश्लेषण परक व्याख्या है। साहित्यकार जीवन और अनभुव के जिन तत्वों के संश्लेषण से साहित्य रचना करता है, आलोचना उन्हीं तत्वों का विश्लेषण करती है। साहित्य में जहाँ रागतत्व प्रधान है वहाँ आलोचना में बुद्धि तत्व। आलोचना ऐतिहासिक, सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों और शिस्तयों का भी आकलन करती है और साहित्य पर उनके पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना करती है। व्यक्तिगत रुचि के आधार पर किसी कृति की निन्दा या प्रशंसा करना आलोचना का धर्म नहीं है। कृति की व्याख्या और विश्लेषण के लिए आलोचना में पद्धति और प्रणाली का महत्त्व होता है। आलोचना करते समय आलोचक अपने व्यक्तिगत राग-द्वेष, रुचि-अरुचि से तभी बच सकता है जब पद्धति का अनुसरण करे, वह तभी वस्तुनिष्ठ होकर साहित्य के प्रति न्याय कर सकता है। इस दृष्टि से हिन्दी में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल को सर्वश्रेष्ठ आलोचक माना जाता है। .
देखें हिन्दी और आलोचना
आशा भोंसले
आशा भोंसले (जन्म: 8 सितम्बर 1933) हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका हैं। लता मंगेशकर की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री आशा ने फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाये हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। हिंदी के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं। आशा भोंसले ने अपना पहला गीत वर्ष 1948 में सावन आया फिल्म चुनरिया में गाया। आशा की विशेषता है कि इन्होंने शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है और एक समान सफलता पाई है। उन्होने आर॰ डी॰ बर्मन से शादी की थी। .
देखें हिन्दी और आशा भोंसले
आशीर्वाद (1968 फ़िल्म)
आशीर्वाद 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आशीर्वाद (1968 फ़िल्म)
आस का पंछी
आस का पंछी १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आस का पंछी
आसरा
आसरा १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आसरा
आज और कल (1963 फ़िल्म)
आज और कल १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आज और कल (1963 फ़िल्म)
आवरण
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं।.
देखें हिन्दी और आवरण
आवारा लड़की
आवारा लड़की १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आवारा लड़की
आख़िरी खत
आख़िरी ख़त १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आख़िरी खत
आखिर क्यों? (1985 फ़िल्म)
A poignant story of a woman’s fight for her identity.
देखें हिन्दी और आखिर क्यों? (1985 फ़िल्म)
आगरा
आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .
देखें हिन्दी और आगरा
आओ प्यार करें
आओ प्यार करें 1964 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आओ प्यार करें
आओ प्यार करें (1994 फ़िल्म)
श्रेणी:1994 में बनी हिन्दी फ़िल्म.
देखें हिन्दी और आओ प्यार करें (1994 फ़िल्म)
आइट्राँस
आइट्राँस, देवनागरी सहित भारत की अनेक लिपियों में लिखे पाठ को रोमन लिपि में लिप्यन्तरण की एक पद्धति है। आजकल अनेक कम्प्यूटर सॉफ्टवेयरों के उपलब्ध होने से आइट्रान्स में लिप्यन्तरण का कार्य अत्यन्त सरल, तेज और मशीनी हो गया है। इसका विकास अविनाश चोपड़े ने किया। आइट्राँस का नवीनतम् संस्करण 5.30 है जो 2001 के जुलाई में आया था। इसी संस्करण के बाद आइट्राँस को स्थिर कर दिया गया है। कुछ उदाहरण.
देखें हिन्दी और आइट्राँस
आइसलैण्ड
आइसलैण्ड या आइसलैण्ड गणराज्य (आइस्लैंडिक: Ísland या Lýðveldið Ísland) उत्तर पश्चिमी यूरोप में उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैंड, फ़रो द्वीप समूह और नार्वे के मध्य बसा एक द्विपीय देश है। आइसलैण्ड का क्षेत्रफल लगभग 1,03,000 किमी2 है और अनुमानित जनसंख्या 3,13,000 (2009) है। यह यूरोप में ब्रिटेन के बाद दूसरा और विश्व में अठारहवा सबसे बड़ा द्वीप है। यहाँ की राजधानी है रेक्जाविक और देश की आधी जनसंख्या यहीं निवास करती है। अवस्थापन साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि आइसलैण्ड में अवस्थापन 874 ईस्वी में आरंभ हुआ था जब इंगोल्फ़र आर्नार्सन लोग यहाँ पर पहुँचे, यद्यपि इससे पहले भी कई लोग इस देश में अस्थाई रूप से रुके थे। आने वाले कई दशकों और शताब्दियों में अवस्थापन काल के दौरान अन्य बहुत से लोग आइसलैण्ड में आए। 1262 में आइसलैण्ड, नार्वे के ओल्ड कोवेनेन्ट के अधीन आया और 1918 में संप्रभुता मिलने तक नार्वे और डेनमार्क द्वारा शासित रहा। डेनमार्क और आइसलैण्ड के बीच हुई एक संधि के अनुसार आइसलैण्ड की विदेश नीति का नियामन डेनमार्क के द्वारा किया जाना तय हुआ और दोनों देशों का राजा एक ही था जब तक की 1944 में आइसलैण्ड गणराज्य की स्थापना नहीं हो गई। इस देश को विभिन्न नामों से पुकारा गया, विशेषरूप से कवियों द्वारा। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में आइसलैण्डवासियों ने अपने देश के विकास पर पुरजोर ध्यान दिया और देश के आधारभूत ढाँचे को सुधारने और अन्य कई कल्याणकारी कामों पर ध्यान दिया जिसके परिणामस्वरूप आइसलैण्ड, संयुक्त राष्ट्र के जीवन गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर विश्व का सर्वाधिक रहने योग्य देश है। आइसलैण्ड, सयुंक्त राष्ट्र, नाटो, एफ़्टा, ईईए समेत विश्व की बहुत सी संस्थाओं का सदस्य है। .
देखें हिन्दी और आइसलैण्ड
आक्रमण (1975 फ़िल्म)
आक्रमण 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और आक्रमण (1975 फ़िल्म)
इटावा जिला
इटावा भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय इटावा है। यह दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग २ पर स्थित है। इटावा शहर, पश्चिमी मध्य उत्तर-प्रदेश राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना (जमुना) नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में कई खड्ड हैं। जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और तटबंध, दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं। .
देखें हिन्दी और इटावा जिला
इन्तक़ाम
इंतकाम 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और इन्तक़ाम
इन्दौर
इन्दौर (अंग्रेजी:Indore) जनसंख्या की दृष्टि से भारत के मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर है। यह इन्दौर ज़िला और इंदौर संभाग दोनों के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। इंदौर मध्य प्रदेश राज्य की वाणिज्यिक राजधानी भी है। यह राज्य के शिक्षा हब के रूप में माना जाता है। इंदौर भारत का एकमात्र शहर है, जहाँ भारतीय प्रबन्धन संस्थान (IIM इंदौर) व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT इंदौर) दोनों स्थापित हैं। मालवा पठार के दक्षिणी छोर पर स्थित इंदौर शहर, राज्य की राजधानी से १९० किमी पश्चिम में स्थित है। भारत की जनगणना,२०११ के अनुसार २१६७४४७ की आबादी सिर्फ ५३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में वितरित है। यह मध्यप्रदेश में सबसे अधिक घनी आबादी वाले प्रमुख शहर है। यह भारत में के तहत आता है। इंदौर मेट्रोपोलिटन एरिया (शहर व आसपास के इलाके) की आबादी राज्य में २१ लाख लोगों के साथ सबसे बड़ी है। इंदौर अपने स्थापना के इतिहास में १६वीं सदी क डेक्कन (दक्षिण) और दिल्ली के बीच एक व्यापारिक केंद्र के रूप में अपने निशान पाता है। मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम के मालवा पर पूर्ण नियंत्रण ग्रहण करने के पश्चात, १८ मई १७२४ को इंदौर मराठा साम्राज्य में सम्मिलित हो गया था। और मल्हारराव होलकर को वहाँ का सुबेदार बनाया गया। जो आगे चल कर होलकर राजवंश की स्थापना की। ब्रिटिश राज के दिनों में, इन्दौर रियासत एक १९ गन सेल्यूट (स्थानीय स्तर पर २१) रियासत था जो की उस समय (एक दुर्लभ उच्च रैंक) थी। अंग्रेजी काल के दौरान में भी यह होलकर राजवंश द्वारा शासित रहा। भारत के स्वतंत्र होने के कुछ समय बाद यह भारत अधिराज्य में विलय कर दिया गया। इंदौर के रूप में सेवा की राजधानी मध्य भारत १९५० से १९५६ तक। इंदौर एक वित्तीय जिले के समान, मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में कार्य करता है। और भारत का तीसरा सबसे पुराने शेयर बाजार, मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज इंदौर में स्थित है। यहाँ का अचल संपत्ति (रीयल एस्टेट) बज़ार, मध्य भारत में सबसे महंगा है। यह एक औद्योगिक शहर है। यहाँ लगभग ५,००० से अधिक छोटे-बडे उद्योग हैं। यह सारे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वित्त पैदा करता है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ४०० से अधिक उद्योग हैं और इनमे १०० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उद्योग हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग व्यावसायिक वाहन बनाने वाले व उनसे सम्बन्धित उद्योग हैं। व्यावसायिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश की प्रमुख वितरण केन्द्र और व्यापार मंडीयाँ है। यहाँ मालवा क्षेत्र के किसान अपने उत्पादन को बेचने और औद्योगिक वर्ग से मिलने आते है। यहाँ के आस पास की ज़मीन कृषि-उत्पादन के लिये उत्तम है और इंदौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूंगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है। यह शहर, आस-पास के शहरों के लिए प्रमुख खरीददारी का केन्द्र भी है। इन्दौर अपने नमकीनों व खान-पान के लिये भी जाना जाता है। प्र.म.
देखें हिन्दी और इन्दौर
इरफ़ान ख़ान
शाहबजादे इरफान अली खान (इरफ़ान ख़ान, इरफान) (जन्मः ७ जनवरी १९६७) हिन्दी अंग्रेजी फ़िल्मों, व टेलीविजन के एक अभिनेता हैं। उन्होने द वारियर, मकबूल, हासिल, द नेमसेक, रोग जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय का लोहा मनवाया। हासिल फिल्म के लिये उन्हे वर्ष २००४ का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वह बालीवुड की ३० से ज्यादा फिल्मों मे अभिनय कर चुके हैं। इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम हैं। वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर और द अमेजिंग स्पाइडर मैन फिल्मों मे भी काम कर चुके हैं। 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया। .
देखें हिन्दी और इरफ़ान ख़ान
इलाहाबाद विश्वविद्यालय
इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था। १८६६ में इलाहाबाद में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र महाविद्यालय तथा एक विश्वविद्यालय के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने। ९ दिसम्बर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया। २३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा विश्वविद्यालय बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई। .
देखें हिन्दी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय
इज़्ज़त (1968 फ़िल्म)
इज्ज़त १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और इज़्ज़त (1968 फ़िल्म)
इंदिरा रायसम गोस्वामी
इंदिरा गोस्वामी (१४ नवम्बर १९४२ - नवम्बर, २०१०) असमिया साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर थीं। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती गोस्वामी असम की चरमपंथी संगठन उल्फा यानि युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम और भारत सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की राजनैतिक पहल करने में अहम भूमिका निभाई। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास मामरे धरा तरोवाल अरु दुखन उपन्यास के लिये उन्हें सन् १९८२ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (असमिया) से सम्मानित किया गया। .
देखें हिन्दी और इंदिरा रायसम गोस्वामी
इंसानियत के दुश्मन (1987 फ़िल्म)
इंसानियत के दुश्मन 1987 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और इंसानियत के दुश्मन (1987 फ़िल्म)
कटाक्ष
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और कटाक्ष
कण कण में भगवान
कण कण में भगवान १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और कण कण में भगवान
कत्ल (1986 फ़िल्म)
कत्ल 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और कत्ल (1986 फ़िल्म)
कनक
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। कनक का अर्थ - अनाज का दाना, नागकेशर, .
देखें हिन्दी और कनक
कन्हैयालाल नन्दन
कन्हैयालाल एक जानेमाने भारतीय साहित्यकार,पत्रकार और गीतकार थे। डाक्टर कन्हैयालाल नंदन (१ जुलाई १९३३ - २५ सितम्बर १०१०) हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, मंचीय कवि और गीतकार थे। पराग, सारिका और दिनमान जैसी पत्रिकाओं में बतौर संपादक अपनी छाप छोड़ने वाले नंदन ने कई किताबें भी लिखीं। कन्हैयालाल नंदन को भारत सरकार के पद्मश्री पुरस्कार के अलावा भारतेन्दु पुरस्कार और नेहरू फेलोशिप पुरस्कार से भी नवाजा गया। .
देखें हिन्दी और कन्हैयालाल नन्दन
कपाट
यह शब्द हिन्दी में काफी प्रयुक्त होता है, इसका प्रयोग दरवाजे के पल्ले या सामान्यतया दरवाजे के लिए किया जाता है। .
देखें हिन्दी और कपाट
कफन
कफन हिन्दी- क़फ़न उर्दू का एक शब्द है जिसका अर्थ अंत्येष्टि में प्रयोग किया जानेवाला श्वेतवस्त्र, जो मृत व्यक्ति के शरीर पर डाला जाता है।.
देखें हिन्दी और कफन
कबीर
कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनके लेखन सिक्खों के आदि ग्रंथ में भी मिला जा सकता है। Encyclopædia Britannica (2015)Accessed: July 27, 2015 वे हिन्दू धर्म व इस्लाम के आलोचक थे। उन्होंने यज्ञोपवीत और ख़तना को बेमतलब क़रार दिया और इन जैसी धार्मिक प्रथाओं की सख़्त आलोचना की थी। उनके जीवनकाल के दौरान हिन्दू और मुसलमान दोनों ने उन्हें अपने विचार के लिए धमकी दी थी। कबीर पंथ नामक धार्मिक सम्प्रदाय इनकी शिक्षाओं के अनुयायी हैं। .
देखें हिन्दी और कबीर
कभी खुशी कभी ग़म
कभी खुशी कभी ग़म... 2001 की हिन्दी भाषा की पारिवारिक नाटक फिल्म है। यह करण जौहर द्वारा लिखित और निर्देशित है और इसका निर्माण यश जौहर ने किया। फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर प्रमुख भूमिका निभाते हैं जबकि रानी मुखर्जी विस्तारित विशेष उपस्थिति में दिखीं हैं। यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख व्यावसायिक सफलता के रूप में उभरी। भारत के बाहर, यह फिल्म सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी, जब तक कि करण की अगली फिल्म कभी अलविदा ना कहना (2006) द्वारा यह रिकॉर्ड तोड़ा नहीं गया था। इसने अगले वर्ष लोकप्रिय पुरस्कार समारोहों में कई पुरस्कार जीते, जिसमें पांच फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी शामिल थे। .
देखें हिन्दी और कभी खुशी कभी ग़म
कभी कभी (1976 फ़िल्म)
कभी कभी 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और कभी कभी (1976 फ़िल्म)
कमल हासन
कमल हासन (जन्म 7 नवम्बर 1954 को परमकुडी, मद्रास राज्य, भारत में) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता, भारतीय सिनेमा के प्रमुख, किरदार को जीने वाले अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। कमल हासन, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सहित कई भारतीय फ़िल्म पुरस्कारों के विजेता के तौर पर जाने जाते हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्रस्तुत सर्वाधिक फिल्मों वाले अभिनेता होने का गौरव प्राप्त है। अभिनय और निर्देशन के अलावा, वे एक पटकथा लेखक, गीतकार, पार्श्वगायक और कोरियोग्राफर हैं। उनकी फ़िल्म निर्माण कंपनी, राजकमल इंटरनेशनल ने उनकी कई फ़िल्मों का निर्माण किया। कमल हासन ने अपने 63वें जन्मदिन पर एक ऐप लॉन्च किया, जिसका नाम है 'मय्यम व्हिसल'.
देखें हिन्दी और कमल हासन
कम्प्यूटर और हिन्दी
भारत में कंप्यूटरों का प्रयोग अभी एक सीमित वर्ग ही कर पाता है। विशेष रूप से हिंदी में कंप्यूटर का प्रयोग काफ़ी सीमित है। इसका सही लाभ तब होगा जब इसका प्रयोग देश के कोने-कोने तक पहुँच जायेगा। इस संदर्भ में कई लोग और कई कम्पनियाँ काम कर रही हैं। हिन्दी में विकिपीडिया इस तरफ उठा हुआ एक अभूतपूर्व कदम है। इससे वह सारी जानकारी आम लोगो तक पहुँच सकेगी जो अन्य किसी साधन से दुर्लभ है। कंप्यूटरों का प्रयोग आम लोग तब शुरू करेंगे जब इसमें लिखी हुई जानकारी उनकी अपनी भाषा में हो। जितने ज़्यादा लोग इंटरनेट पर ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी हिन्दी और अन्य प्रचलित भाषाओँ में लिखेंगे उतनी ही जल्दी यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। .
देखें हिन्दी और कम्प्यूटर और हिन्दी
करण जौहर
करण जौहर करण जौहर (जन्म: 25 मई, 1975) हिन्दी एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक, उत्पादक, चलचित्र लेखक, कॉस्ट़्यूम दिज़ाइनर, अभिनेता और टिवि होस्ट है। वह हिरू जौहर और यश जौहर के पुत्र है। वह धर्मा प्रोडक्शन्स कम्पनी के मुखिया भी है। वह भारत और विश्व के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फिल्मो का उत्पादन करने के लिये प्रसिद्ध है। इनमे से चार फिल्मे, जिनमे शाहरुख खान अभिनेता के पात्र मे मौजूद है, विदेशी फिल्म उद्योग मे भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले उत्पादन मे से है। इन फिल्मो कि कामयाबी के कारण, करण जोहर को भारतीय सिनेमा का पश्चिम अनुभूति मे बदलाव लाने के लिए श्रेय दिया गया है। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' नामक फिल्म मे अभिनेता के पात्र मे करण जोहर ने फिल्मो मे शुरुआत किया था। उन्होंने बाद मे बेहद सफल रोमानी कॉमेडी, कुछ कुछ होता है के साथ अपने निर्देशन जीविका की शुरुआत की। इस फिल्म से उसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिये और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उनकी दूसरी फिल्मे परिवारिक नाटक, कभी खुशी कभी ग़म (२००१) और रोमांटिक नाटक, कभी अलविदा ना कहना (२००६) थे। कभी अलविदा ना कहना (2006) व्यभिचार के विषय के साथ जुडा हुआ एक फिल्म था। दोनों ही फिल्मों ने भारत और विदेशों में प्रमुख वित्तीय सफलताए प्राप्त की। इस प्रकार जौहर ने बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्म निर्माताओं के तालिका में खुद को स्थापित कर लिया। उनकी चौथी फिल्म माइ नेम इज़ ख़ान (२०१०) को सकारात्मक समीक्षा मिली और उस फिल्म ने दुनिया भर मे २०० करोड़ रुपये कमाए। इन सब के कारण्, वह खुद को भारतीय सिनेमा में सबसे सफल निर्देशक और निर्माता के रूप में स्थापित किया है। यही सूचना के कारण उन्होने अपनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है बनाई। करण जौहर एक कुशल निर्देशक के रूप मे जाने जाते है। .
देखें हिन्दी और करण जौहर
कर्नाटक
कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .
देखें हिन्दी और कर्नाटक
कर्मदाता (1986 फ़िल्म)
कर्मदाता 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और कर्मदाता (1986 फ़िल्म)
कलयुग और रामायण (1987 फ़िल्म)
कलयुग और रामायण 1987 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और कलयुग और रामायण (1987 फ़िल्म)
कश्मीर की कली
कश्मीर की कली हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1964 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और कश्मीर की कली
कश्मीरी भाषा
कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य भाषा है जो मुख्यतः कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में बोली जाती है। वर्ष २००१ की जनगणना के अनुसार भारत में इसके बोलने वालों की संख्या लगभग ५६ लाख है। पाक-अधिकृत कश्मीर में १९९८ की जनगणना के अनुसार लगभग १ लाख कश्मीरी भाषा बोलने वाले हैं। कश्मीर की वितस्ता घाटी के अतिरिक्त उत्तर में ज़ोजीला और बर्ज़ल तक तथा दक्षिण में बानहाल से परे किश्तवाड़ (जम्मू प्रांत) की छोटी उपत्यका तक इस भाषा के बोलने वाले हैं। कश्मीरी, जम्मू प्रांत के बानहाल, रामबन तथा भद्रवाह में भी बोली जाती है। प्रधान उपभाषा किश्तवाड़ की "कश्तवाडी" है। कश्मीर की भाषा कश्मीरी (कोशुर) है ये कश्मीर में वर्तमान समय में बोली जाने वाली भाषा है। कश्मीरी भाषा के लिए विभिन्न लिपियों का उपयोग किया गया है, जिसमें मुख्य लिपियां हैं- शारदा, देवनागरी, रोमन और परशो-अरबी है। कश्मीर वादी के उत्तर और पश्चिम में बोली जाने वाली भाषाएं - दर्ददी, श्रीन्या, कोहवाड़ कश्मीरी भाषा के उलट थीं। यह भाषा इंडो-आर्यन और हिंदुस्तानी-ईरानी भाषा के समान है। भाषाविदों का मानना है कि कश्मीर के पहाड़ों में रहने वाले पूर्व नागावासी जैसे गंधर्व, यक्ष और किन्नर आदि,बहुत पहले ही मूल आर्यन से अलग हो गए। इसी तरह कश्मीरी भाषा को आर्य भाषा जैसा बनने में बहुत समय लगा। नागा भाषा स्वतः ही विकसित हुई है इस सब के बावजूद, कश्मीरी भाषा ने अपनी विशिष्ट स्वर शैली को बनाए रखा और 8 वीं-9 वीं शताब्दी में अन्य आधुनिक भारतीय भाषाओं की तरह, कई चरणों से गुजरना पड़ा। .
देखें हिन्दी और कश्मीरी भाषा
कश्मीरी साहित्य
परम्परागत रूप से कश्मीर का साहित्य संस्कृत में था। नीचे काश्मीर के संस्कृत के प्रमुख साहित्यकारों के नाम दिये गये हैं-.
देखें हिन्दी और कश्मीरी साहित्य
कहानी
कथाकार (एक प्राचीन कलाकृति)कहानी हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा है। उन्नीसवीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास हुआ जिसे कहानी के नाम से जाना गया। बंगला में इसे गल्प कहा जाता है। कहानी ने अंग्रेजी से हिंदी तक की यात्रा बंगला के माध्यम से की। कहानी गद्य कथा साहित्य का एक अन्यतम भेद तथा उपन्यास से भी अधिक लोकप्रिय साहित्य का रूप है। मनुष्य के जन्म के साथ ही साथ कहानी का भी जन्म हुआ और कहानी कहना तथा सुनना मानव का आदिम स्वभाव बन गया। इसी कारण से प्रत्येक सभ्य तथा असभ्य समाज में कहानियाँ पाई जाती हैं। हमारे देश में कहानियों की बड़ी लंबी और सम्पन्न परंपरा रही है। वेदों, उपनिषदों तथा ब्राह्मणों में वर्णित 'यम-यमी', 'पुरुरवा-उर्वशी', 'सौपणीं-काद्रव', 'सनत्कुमार- नारद', 'गंगावतरण', 'श्रृंग', 'नहुष', 'ययाति', 'शकुन्तला', 'नल-दमयन्ती' जैसे आख्यान कहानी के ही प्राचीन रूप हैं। प्राचीनकाल में सदियों तक प्रचलित वीरों तथा राजाओं के शौर्य, प्रेम, न्याय, ज्ञान, वैराग्य, साहस, समुद्री यात्रा, अगम्य पर्वतीय प्रदेशों में प्राणियों का अस्तित्व आदि की कथाएँ, जिनकी कथानक घटना प्रधान हुआ करती थीं, भी कहानी के ही रूप हैं। 'गुणढ्य' की "वृहत्कथा" को, जिसमें 'उदयन', 'वासवदत्ता', समुद्री व्यापारियों, राजकुमार तथा राजकुमारियों के पराक्रम की घटना प्रधान कथाओं का बाहुल्य है, प्राचीनतम रचना कहा जा सकता है। वृहत्कथा का प्रभाव 'दण्डी' के "दशकुमार चरित", 'बाणभट्ट' की "कादम्बरी", 'सुबन्धु' की "वासवदत्ता", 'धनपाल' की "तिलकमंजरी", 'सोमदेव' के "यशस्तिलक" तथा "मालतीमाधव", "अभिज्ञान शाकुन्तलम्", "मालविकाग्निमित्र", "विक्रमोर्वशीय", "रत्नावली", "मृच्छकटिकम्" जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है। इसके पश्चात् छोटे आकार वाली "पंचतंत्र", "हितोपदेश", "बेताल पच्चीसी", "सिंहासन बत्तीसी", "शुक सप्तति", "कथा सरित्सागर", "भोजप्रबन्ध" जैसी साहित्यिक एवं कलात्मक कहानियों का युग आया। इन कहानियों से श्रोताओं को मनोरंजन के साथ ही साथ नीति का उपदेश भी प्राप्त होता है। प्रायः कहानियों में असत्य पर सत्य की, अन्याय पर न्याय की और अधर्म पर धर्म की विजय दिखाई गई हैं। .
देखें हिन्दी और कहानी
क़यामत से क़यामत तक
कयामत से कयामत तक सन् 1988 की हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन मंसूर खान ने किया है और निर्माण उनके पिता नासिर हुसैन ने किया है। इसमें नासिर के भतीजे और मंसूर के चचेरे भाई आमिर खान और जूही चावला मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म आलोचनात्मक प्रशंसा के साथ जारी हुई थी और यह एक बड़ी व्यावसायिक सफलता भी थी। इसने आमिर और जूही को बेहद लोकप्रिय सितारों में बदल दिया था। इसकी कहानी आधुनिक रूप में रची गई दुखद रूमानी कहानियों लैला और मजनू, हीर राँझा और रोमियो और जूलियट पर आधारित है। क़यामत से क़यामत तक हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर थी। 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित करने वाली संगीतमय रोमांस फिल्मों की रूपरेखा इसी को माना जाता है। आनंद-मिलिंद द्वारा रचित, फिल्म का साउंडट्रैक समान रूप से सफल और लोकप्रिय था। इसने सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निदेशक सहित ग्यारह नामांकनों से आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। .
देखें हिन्दी और क़यामत से क़यामत तक
काँच की दीवार (1986 फ़िल्म)
काँच की दीवार 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और काँच की दीवार (1986 फ़िल्म)
कामिनी कौशल
कामिनी कौशल (16 जनवरी, 1927) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और कामिनी कौशल
कायस्थ
कायस्थ भारत में रहने वाले सवर्ण हिन्दू समुदाय की एक जाति है। गुप्तकाल के दौरान कायस्थ नाम की एक उपजाति का उद्भव हुआ। पुराणों के अनुसार कायस्थ प्रशासनिक कार्यों का निर्वहन करते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता है कि कायस्थ धर्मराज श्री चित्रगुप्त जी की संतान हैं तथा देवता कुल में जन्म लेने के कारण इन्हें ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों धर्मों को धारण करने का अधिकार प्राप्त है। वर्तमान में कायस्थ मुख्य रूप से बिसारिया, श्रीवास्तव, सक्सेना,निगम, माथुर, भटनागर, लाभ, लाल, कुलश्रेष्ठ, अस्थाना, कर्ण, वर्मा, खरे, राय, सुरजध्वज, विश्वास, सरकार, बोस, दत्त, चक्रवर्ती, श्रेष्ठ, प्रभु, ठाकरे, आडवाणी, नाग, गुप्त, रक्षित, बक्शी, मुंशी, दत्ता, देशमुख, पटनायक, नायडू, सोम, पाल, राव, रेड्डी, दास, मेहता आदि उपनामों से जाने जाते हैं। वर्तमान में कायस्थों ने राजनीति और कला के साथ विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में सफलतापूर्वक विद्यमान हैं। वेदों के अनुसार कायस्थ का उद्गम ब्रह्मा ही हैं। उन्हें ब्रह्मा जी ने अपनी काया की सम्पूर्ण अस्थियों से बनाया था, तभी इनका नाम काया+अस्थि .
देखें हिन्दी और कायस्थ
कालिदास
कालिदास संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्व निरूपित हैं। कालिदास अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण राष्ट्र की समग्र राष्ट्रीय चेतना को स्वर देने वाले कवि माने जाते हैं और कुछ विद्वान उन्हें राष्ट्रीय कवि का स्थान तक देते हैं। अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना है। यह नाटक कुछ उन भारतीय साहित्यिक कृतियों में से है जिनका सबसे पहले यूरोपीय भाषाओं में अनुवाद हुआ था। यह पूरे विश्व साहित्य में अग्रगण्य रचना मानी जाती है। मेघदूतम् कालिदास की सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसमें कवि की कल्पनाशक्ति और अभिव्यंजनावादभावाभिव्यन्जना शक्ति अपने सर्वोत्कृष्ट स्तर पर है और प्रकृति के मानवीकरण का अद्भुत रखंडकाव्ये से खंडकाव्य में दिखता है। कालिदास वैदर्भी रीति के कवि हैं और तदनुरूप वे अपनी अलंकार युक्त किन्तु सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके प्रकृति वर्णन अद्वितीय हैं और विशेष रूप से अपनी उपमाओं के लिये जाने जाते हैं। साहित्य में औदार्य गुण के प्रति कालिदास का विशेष प्रेम है और उन्होंने अपने शृंगार रस प्रधान साहित्य में भी आदर्शवादी परंपरा और नैतिक मूल्यों का समुचित ध्यान रखा है। कालिदास के परवर्ती कवि बाणभट्ट ने उनकी सूक्तियों की विशेष रूप से प्रशंसा की है। thumb .
देखें हिन्दी और कालिदास
कितने पाकिस्तान
कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है।। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता हे। .
देखें हिन्दी और कितने पाकिस्तान
किनारे किनारे (1963 फ़िल्म)
किनारे किनारे १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और किनारे किनारे (1963 फ़िल्म)
किस्मत (1968 फ़िल्म)
क़िस्मत १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और किस्मत (1968 फ़िल्म)
कवि
कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) .
देखें हिन्दी और कवि
कंटक
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और कंटक
कुमार सानु
कुमार सानु (पूरा नाम केदारनाथ भट्टाचार्य) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैं। इन्होंने अपने गाने की शुरुआत वर्ष 1989 में शुरू की। 2009 में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री भी मिल चुका है। .
देखें हिन्दी और कुमार सानु
क्षत
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और क्षत
क्षोभ
क्षोभ हिंदी भाषा का एक शब्द है जिस का अर्थ होता है बहुत अधिक मात्रा में गुस्सा आना। यह क्रोध का अंतिम चरण होता है जिसमें मनुष्य अपने सारे आपे खो कर बुरीई तरह पागल हो जाता है तथा जो कुछ सामने आये, उसे नष्ट कर देने की इच्छा होती है। .
देखें हिन्दी और क्षोभ
कृष्ण चंदर
कृष्ण चन्दर अथवा कृश्न चन्दर (23 नवम्बर 1914 – 8 मार्च 1977) हिन्दी और उर्दू के कहानीकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होने मुख्यतः उर्दू में लिखा किन्तु भारत की स्वतंत्रता के बाद मुख्यतः हिन्दी में लिखा। .
देखें हिन्दी और कृष्ण चंदर
कृष्णा सोबती
कृष्णा सोबती (१८ फ़रवरी १९२५, गुजरात (अब पाकिस्तान में)) हिन्दी की कल्पितार्थ (फिक्शन) एवं निबन्ध लेखिका हैं। उन्हें १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९९६ में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्मानित किया गया था। अपनी संयमित अभिव्यक्ति और सुथरी रचनात्मकता के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हिंदी की कथा भाषा को विलक्षण ताज़गी़ दी है। उनके भाषा संस्कार के घनत्व, जीवन्त प्रांजलता और संप्रेषण ने हमारे समय के कई पेचीदा सत्य उजागर किए हैं। .
देखें हिन्दी और कृष्णा सोबती
कैलाश बुधवार
कैलाश बुधवार ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। अब तक के एकमात्र भारतीय हैं जो बी.बी.सी.
देखें हिन्दी और कैलाश बुधवार
केशव
केशव का स्वचित्रण (१५७० ई) केशव या केशवदास (जन्म (अनुमानत) 1555 विक्रमी और मृत्यु (अनुमानत) 1618 विक्रमी) हिन्दी साहित्य के रीतिकाल की कवि-त्रयी के एक प्रमुख स्तंभ हैं। वे संस्कृत काव्यशास्त्र का सम्यक् परिचय कराने वाले हिंदी के प्राचीन आचार्य और कवि हैं। इनका जन्म सनाढ्य ब्राह्मण कुल में हुआ था। इनके पिता का नाम काशीराम था जो ओड़छानरेश मधुकरशाह के विशेष स्नेहभाजन थे। मधुकरशाह के पुत्र महाराज इन्द्रजीत सिंह इनके मुख्य आश्रयदाता थे। वे केशव को अपना गुरु मानते थे। रसिकप्रिया के अनुसार केशव ओड़छा राज्यातर्गत तुंगारराय के निकट बेतवा नदी के किनारे स्थित ओड़छा नगर में रहते थे। .
देखें हिन्दी और केशव
कोरियाई भाषा
कोरियाई भाषा दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की आधिकारिक भाषा है और इसे बोलने वालों की संख्या लगभग ८ करोड़ है। इस भाषा का विकास १४४३ ई० में किंगसेजोंग के शासनकाल में हुआ। इस भाषा की लिपि हंगुल (Hangul 한글) है। कोरियन में 한 (हान/Haan) का अर्थ है - कोरिया अथवा महान और 글/गुल/geul का अर्थ है - लिपि। इस प्रकार हंगुल का अर्थ हुआ - "महान लिपि" अथवा "कोरियन लिपि"। कोरियायी भाषा अल्टाइक कुल की भाषा है जो चीनी की भाँति संसार की प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है। चीनी की भाँति यह भी दाए से बाई ओर लिखी जाती है। इसका इतिहास कोरिया के इतिहास की तरह ही 4000 वर्ष प्राचीन है। प्राचीन काल में चीनी लोग कोरिया में जाकर बस गए थे, इसलिये वहाँ की भाषा भी चीनी भाषा से काफी प्रभावित है। चीनी और कोरियायी के अनेक शब्द मिलते जुलते हैं: उस समय कोरिया के विद्वानों की बोलचाल की भाषा तो कोरियायी थी लेकिन वे चीनी में लिखते थे। चीनी लिपि में लिखी जानेवाली कोरियायी भाषा की लिपि हानमून/hanmun कही जाती थी। जबतक कोई विद्वान प्राचीन चीनी का ज्ञाता न हो तब तक वह पूर्ण विद्वान नहीं माना जाता था। कोरियायी भाषा अपनी शिष्टता और विनम्रता के लिये प्रसिद्ध है। शिष्टता और विनम्रतासूचक कितने ही शब्द इस भाषा में पाए जाते हैं। कोरिया के लोग अभिवादन के समय "आप शांतिपूर्वक आएँ", "आप शांतिपूर्वक सोएँ" जैसे आदरसूचक शब्दों का प्रयोग करते हैं। .
देखें हिन्दी और कोरियाई भाषा
कोलकाता
बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .
देखें हिन्दी और कोलकाता
कोई मेरे दिल से पूछे (2002 फ़िल्म)
कोई मेरे दिल से पूछे 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और कोई मेरे दिल से पूछे (2002 फ़िल्म)
अ
thumb अ देवनागरी लिपि का पहला वर्ण तथा संस्कृत, हिंदी, मराठी, नेपाली आदि भाषाओं की वर्णमाला का पहला अक्षर एवं ध्वनि है। यह एक स्वर है। यह कंठ्य वर्ण है।। इसका उच्चारण स्थान कंठ है। इसकी ध्वनि को भाषाविज्ञान में श्वा कहा जाता है। यह संस्कृत तथा भारत की समस्त प्रादेशिक भाषाओं की वर्णमाला का प्रथम अक्षर है। इब्राली भाषा का 'अलेफ्', यूनानी का 'अल्फा' और लातिनी, इतालीय तथा अंग्रेजी का ए (A) इसके समकक्ष हैं। अक्षरों में यह सबसे श्रेष्ठ माना जाता हैं। उपनिषदों में इसकी बडी महिमा लिखी है। तंत्रशास्त्र के अनुसार यह वर्णमाला का पहला अक्षर इसलिये है क्योंकि यह सृष्टि उत्पन्न करने के पहले सृष्टिवर्त की आकुल अवस्था को सूचित करता है। श्रीमद्भग्वद्गीता में कृष्ण स्वयं को अक्षरों में अकार कहते हैं- 'अक्षराणामकारोस्मि'। अ हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण है उच्चारण की दृष्टि से अ निम्नतर,मध्य,अगोलित,हृस्व स्वर है कुछ स्थितियों में अ का उच्चारण स्थान ह वर्ण से पूर्वभी होता है जैसे कहना में वह में अ का उच्चारण स्थानभी है अ हिंदी में पूर्व प्रत्यय के रूप में भी बहुप्रयुक्त वर्ण है अ पूर्व प्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होकर प्रायः मूल शब्द के अर्थ का नकारात्मक अथवा विपरीत अर्थ देता है,जैसे-अप्रिय,अन्याय,अनीति ऊ अन्यत्र मूल शब्द के पूर्ण न होने की स्थिति भी दर्शाता है,जैसे-अदृश्य,अकर्म अ पूर्व प्रत्यय की एक अन्य विशेषता यह भी है कि वह मूल शब्द के भाव के अधिकार को सूचित करता है,जैसे-अघोर अक्स उतारने वाला अक्कास कहलाता है चित्रकार;अक्कास कहलाता है .
देखें हिन्दी और अ
अचानक
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अचानक
अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpeyee), (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी हैं। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है। सम्प्रति वे राजनीति से संन्यास ले चुके हैं और नई दिल्ली में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। .
देखें हिन्दी और अटल बिहारी वाजपेयी
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह (बंगाली:আন্দামান ও নিকোবর দ্বীপপুঞ্জ) भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। ये बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है जिनमें से सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं। यहाँ की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। भारत का यह केन्द्र शासित प्रदेश हिंद महासागर में स्थित है और भौगोलिक दृष्टि से दक्षिण पूर्व एशिया का हिस्सा है। यह इंडोनेशिया के आचेह के उत्तर में 150 किमी पर स्थित है तथा अंडमान सागर इसे थाईलैंड और म्यांमार से अलग करता है। दो प्रमुख द्वीपसमूहों से मिलकर बने इस द्वीपसमूह को 10° उ अक्षांश पृथक करती है, जिसके उत्तर में अंडमान द्वीप समूह और दक्षिण में निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। इस द्वीपसमूह के पूर्व में अंडमान सागर और पश्चिम में बंगाल की खाड़ी स्थित है। द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर एक अंडमानी शहर है। 2001 की भारत की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 356152 है। पूरे क्षेत्र का कुल भूमि क्षेत्र लगभग 6496 किमी² या 2508 वर्ग मील है। .
देखें हिन्दी और अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह
अतिरेक
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ प्रतीक से है इसका मतलब किसी वस्तु के प्रतीक से है इसका अर्थ सर्वप्रथम राजेसुल्तानपुर के सस्कृत कालेज के प्रोफेसर बलराम मिश्रा ने लगाया .
देखें हिन्दी और अतिरेक
अधीर
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अधीर
अनपढ़ (1962 फ़िल्म)
अनपढ़ १९६२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अनपढ़ (1962 फ़िल्म)
अनायास
अनायास का अर्थ अकस्मात है। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अनायास
अनार
अनार अनार (वानस्पतिक नाम-प्यूनिका ग्रेनेटम) एक फल हैं, यह लाल रंग का होता है। इसमें सैकड़ों लाल रंग के छोटे पर रसीले दाने होते हैं। अनार दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। सबसे पहले अनार के बारे में रोमन भाषियों ने पता लगाया था। रोम के निवासी अनार को ज्यादा बीज वाला सेब कहते थे। भारत में अनार को कई नामों में जाना जाता है। बांग्ला भाषा में अनार को बेदाना कहते हैं, हिन्दी में अनार, संस्कृत में दाडिम और तमिल में मादुलई कहा जाता है। अनार के पेड़ सुंदर व छोटे आकार के होते हैं। इस पेड़ पर फल आने से पहले लाल रंग का बडा फूल लगता है, जो हरी पत्तियों के साथ बहुत ही खूबसूरत दिखता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह फल लगभग ३०० साल पुराना है। यहूदी धर्म में अनार को जननक्षमता का सूचक माना जाता है, जबकि भारत में अनार अपने स्वास्थ्य सम्ब्न्धी गुण के कारण लोकप्रिय है। .
देखें हिन्दी और अनार
अनवरत
अनवरत का अर्थ बिना रोक-टोक या जिसे रोका न जा सके। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अनवरत
अनंत महादेवन
अनंत महादेवन एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं दूरदर्शन कलाकार हैं। .
देखें हिन्दी और अनंत महादेवन
अनुरोध (1977 फ़िल्म)
अनुरोध 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अनुरोध (1977 फ़िल्म)
अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला
अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध्व॰व॰, अंग्रेज़ी: International Phonetic Alphabet, इंटरनैशनल फ़ोनॅटिक ऐल्फ़ाबॅट) एक ऐसी लिपि है जिसमें विश्व की सारी भाषाओं की ध्वनियाँ लिखी जा सकती हैं। इसके हर अक्षर और उसकी ध्वनि का एक-से-एक का सम्बन्ध होता है। आरम्भ में इसके अधिकतर अक्षर रोमन लिपि से लिए गए थे, लेकिन जैसे-जैसे इसमें विश्व की बहुत सी भाषाओँ की ध्वनियाँ जोड़ी जाने लगी तो बहुत से यूनानी लिपि से प्रेरित अक्षर लिए गए और कई बिलकुल ही नए अक्षरों का इजाद किया गया। इसमें सन् २०१० तक १६० से अधिक ध्वनियों के लिए चिह्न दर्ज किए जा चुके थे, लेकिन किसी भी एक भाषा को दर्शाने के लिए इस वर्णमाला का एक भाग की ही ज़रुरत होती है। इस प्रणाली के ध्वन्यात्मक प्रतिलेखन (ट्रान्सक्रिप्शन) में सूक्ष्म प्रतिलेखन के चिन्हों के बीच में और स्थूल प्रतिलेखन / / के चिन्हों के अन्दर लिखे जाते हैं। इसकी नियामक अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक संघ है। उदाहरण के लिए.
देखें हिन्दी और अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला
अन्यथा
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अन्यथा
अनीता राज
अनीता राज हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें हिन्दी और अनीता राज
अपर्णा सेन
अपर्णा सेन (बांग्ला: অপর্ণা সেন ओपॉर्णा शेन) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .
देखें हिन्दी और अपर्णा सेन
अपहरण (2005 फ़िल्म)
अपहरण वर्ष 2005 में बनी अपराध-ड्रामा पर आधारित निर्देशक प्रकाश झा की हिन्दी भाषा की फिल्म है। फिल्म की मुख्य भुमिकाओं में अजय देवगन, नाना पाटेकर तथा बिपाशा बसु आदि ने अभिनय किया है। फिल्म का मुख्य विषय आदर्शवादी पिता और महत्वाकांक्षी पुत्र के मध्य उन विरोधाभासी टकराव पर केंद्रीत है जिनके पृष्ठभूमि पर बिहार जैसे उत्तरी भारत के प्रांतों में अपहरण का राजनीतिकरण के चलते अपराधिक गतिविधियों के लिए उद्योग का रूप ले रहा है। सामाजिक संवेदनशील मुद्दे पर बनी फिल्म 'अपहरण' भारतीय बाॅक्स-ऑफिस में औसत प्रदर्शन करती है। .
देखें हिन्दी और अपहरण (2005 फ़िल्म)
अप्रतिम
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अप्रतिम
अप्रिल फ़ूल
अप्रिल फ़ूल १९६४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अप्रिल फ़ूल
अबुल कलाम आज़ाद
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों में से एक था। .
देखें हिन्दी और अबुल कलाम आज़ाद
अभद्र
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अभद्र
अभिमान (1973 फ़िल्म)
अभिमान 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अभिमान (1973 फ़िल्म)
अभिलाषा
अभिलाषा १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अभिलाषा
अभ्यागत
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अभ्यागत
अभीष्ट
अभीष्ट का अर्थ है वांछित। जिस वस्तु की हमे जरूरत है अथवा हम जिस चीज की इच्छा या कामना रखते है उसे अभीष्ट कहते है। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अभीष्ट
अमर प्रेम (1972 फ़िल्म)
अमर प्रेम 1972 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अमर प्रेम (1972 फ़िल्म)
अमर अकबर एंथनी
अमर अकबर एंथनी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अमर अकबर एंथनी
अमानुष
श्रेणी:बांग्ला फ़िल्म.
देखें हिन्दी और अमानुष
अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.
देखें हिन्दी और अमिताभ बच्चन
अमज़द ख़ान
अमज़द ख़ान (जन्म: 12 नवंबर, 1940 निधन: 27 जुलाई, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .
देखें हिन्दी और अमज़द ख़ान
अमृतलाल नागर
हिन्दी साहित्यकार '''अमृतलाल नागर''' अमृतलाल नागर (17 अगस्त, 1916 - 23 फरवरी, 1990) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। आपको भारत सरकार द्वारा १९८१ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .
देखें हिन्दी और अमृतलाल नागर
अमृता राव
अमृता राव (जन्म 17 जून 1981 भारत) एक माडल तथा बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। "अमृता" संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसका तात्पर्य अमरत्व है। (वास्तव में यह अमृत शब्द का स्त्रीलिंग है।) .
देखें हिन्दी और अमृता राव
अमोल पालेकर
अमोल पालेकर अमोल पालेकर (जन्म: 24 नवंबर, 1944) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। अपने अभिनय से सभी का दिल बहलाने के बाद आजकल वे एक निर्देशक के रूप मे कही ज्यादा सक्रिय हैं। .
देखें हिन्दी और अमोल पालेकर
अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' (15 अप्रैल, 1865-16 मार्च, 1947) हिन्दी के एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। वे 2 बार हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति रह चुके हैं और सम्मेलन द्वारा विद्यावाचस्पति की उपाधि से सम्मानित किये जा चुके हैं। प्रिय प्रवास हरिऔध जी का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह हिंदी खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है और इसे मंगला प्रसाद पारितोषित पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। .
देखें हिन्दी और अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
अरबाज़ ख़ान
अरबाज़ ख़ान (जन्म: 4 अगस्त, 1967) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और अरबाज़ ख़ान
अररिया जिला
अररिया भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में स्थित एक शहर एवं जिला है। .
देखें हिन्दी और अररिया जिला
अरशद वारसी
अरशद वारसी (जन्म: 19 अप्रैल, 1968) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और अरशद वारसी
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश ('अरुणांचल' नहीं) भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी मे "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' .
देखें हिन्दी और अरुणाचल प्रदेश
अलग अलग (1985 फ़िल्म)
अलग अलग 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें हिन्दी और अलग अलग (1985 फ़िल्म)
अलका सरावगी
अलका सरावगी (जन्म- 17 नवम्बर,1960, कोलकाता) हिन्दी कथाकार हैं। वे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) में जन्मी अलका ने हिन्दी साहित्य में एम.ए.
देखें हिन्दी और अलका सरावगी
अल्मोड़ा
अल्मोड़ा भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय भी है। अल्मोड़ा दिल्ली से ३६५ किलोमीटर और देहरादून से ४१५ किलोमीटर की दूरी पर, कुमाऊँ हिमालय श्रंखला की एक पहाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की कुल जनसंख्या ३५,५१३ है। अल्मोड़ा की स्थापना राजा बालो कल्याण चंद ने १५६८ में की थी। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। स्वतंत्रता की लड़ाई में तथा शिक्षा, कला एवं संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है। .
देखें हिन्दी और अल्मोड़ा
अशोक चक्रधर
डॉ॰ अशोक चक्रधर (जन्म ८ फ़रवरी सन् १९५१) हिंदी के विद्वान, कवि एवं लेखक है। हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध वे कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक है। टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में निरंतर कार्यरत अशोक चक्रधर जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद संप्रति केन्द्रीय हिंदी संस्थानतथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .
देखें हिन्दी और अशोक चक्रधर
असरानी
असरानी एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और असरानी
असगर वजाहत
असग़र वजाहत (जन्म - 5 जुलाई, 1946) हिन्दी के प्रोफ़ेसर तथा रचनाकार हैं। इन्होंने नाटक, कथा, उपन्यास, यात्रा-वृत्तांत तथा अनुवाद के क्षेत्र में रचा है। ये दिल्ली स्थित जामिला मिलिया इस्लामिया के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। .
देखें हिन्दी और असगर वजाहत
अस्मित पटेल
अस्मित पटेल हिन्दी फिल्म के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और अस्मित पटेल
असीमित
असीमित एक विशेषण है जो किसी चीज के अत्यधिक और सीमारहित होने की ओर इंगित करता है। .
देखें हिन्दी और असीमित
अहमदनगर
अहमदनगर महाराष्ट्र का एक शहर है। अहमदनगर महाराष्ट्र का सबसे बडा जिला है। .
देखें हिन्दी और अहमदनगर
अजर
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अजर
अजीत
अजीत (जन्म: 27 जनवरी, 1922 निधन: 22 अक्टूबर, 1998) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। वह अपने खलनायक किरदारों के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। .
देखें हिन्दी और अजीत
अवध
अवध अवध वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में कोशल कहलाता था। इसकी राजधानी अयोध्या थी। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रांरभ में फैजाबाद थी किंतु बाद को लखनऊ उठ आई थी। अवध पर नवाबों का आधिपत्य था जो प्राय: स्वतंत्र थे, क्योंकि अवध के नवाब शिया मुसलमान थे अत: अवध में इसलाम के इस संप्रदाय को विशेष संरक्षण मिला। लखनऊ उर्दू कविता का भी प्रसिद्ध केंद्र रहा। दिल्ली केंद्र के नष्ट होने पर बहुत से दिल्ली के भी प्रसिद्ध उर्दू कवि लखनऊ वापस चले आए थे। अवध की पारम्परिक राजधानी लखनऊ है। भौगोलिक रूप से अवध की आधुनिक परिभाषा - लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, भदोही, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, प्रतापगढ़, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, सीतापुर, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, खलीलाबाद, उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है। .
देखें हिन्दी और अवध
अवधी
अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश में "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, फैजाबाद, प्रतापगढ़), इलाहाबाद, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती तथा फतेहपुर में भी बोली जाती है। इसके अतिरिक्त इसकी एक शाखा बघेलखंड में बघेली नाम से प्रचलित है। 'अवध' शब्द की व्युत्पत्ति "अयोध्या" से है। इस नाम का एक सूबा के राज्यकाल में था। तुलसीदास ने अपने "मानस" में अयोध्या को 'अवधपुरी' कहा है। इसी क्षेत्र का पुराना नाम 'कोसल' भी था जिसकी महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है। भाषा शास्त्री डॉ॰ सर "जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन" के भाषा सर्वेक्षण के अनुसार अवधी बोलने वालों की कुल आबादी 1615458 थी जो सन् 1971 की जनगणना में 28399552 हो गई। मौजूदा समय में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 6 करोड़ से ज्यादा लोग अवधी बोलते हैं। उत्तर प्रदेश के 19 जिलों- सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद व अंबेडकर नगर में पूरी तरह से यह बोली जाती है। जबकि 6 जिलों- जौनपुर, मिर्जापुर, कानपुर, शाहजहांपुर, बस्ती और बांदा के कुछ क्षेत्रों में इसका प्रयोग होता है। बिहार के 2 जिलों के साथ पड़ोसी देश नेपाल के 8 जिलों में यह प्रचलित है। इसी प्रकार दुनिया के अन्य देशों- मॉरिशस, त्रिनिदाद एवं टुबैगो, फिजी, गयाना, सूरीनाम सहित आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व हॉलैंड में भी लाखों की संख्या में अवधी बोलने वाले लोग हैं। .
देखें हिन्दी और अवधी
अवरुद्ध
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और अवरुद्ध
अवसान
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। अवसान - वह बिन्दु या स्थान जहाँ किसी प्रकार के विकास, विस्तार, वृद्धि आदि का अंत, पूर्ति या समाप्ति होती है। सूर्य का डूबना, शीर्ष से नीचे की ओर यात्रा प्रारंभ करना, अवनति होना, .
देखें हिन्दी और अवसान
अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी
अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी एक संस्था है जो सब जगह हिन्दी फ़िल्म के विकास और प्रोत्साहन के लिये काम करती है। .
देखें हिन्दी और अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी
अंजना संधीर
अंजना संधीर (1960-) अमेरिका में प्रवासी हिन्दी लेखिका हैं। यह न्यू यार्क में रहती हैं। इन्होंने कविता के कई ग्रन्थ लिखे हैं। .
देखें हिन्दी और अंजना संधीर
अंगिका भाषा
अंगिका लगभग तीन करोड़लोगों की भाषा है जो बिहार के पूर्वी, उत्तरी व दक्षिणी भागों,झारखण्ड के उत्तर पूर्वी भागों और पं.
देखें हिन्दी और अंगिका भाषा
अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
देखें हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा
अंगूर (1982 फ़िल्म)
अंगूर अंगूर वर्ष 1982 में रिलीज़ हुई हिंदी कॉमेडी फिल्म है जिसका निर्देशन प्रसिद्ध फिल्मकार गुलज़ार ने किया है। ये फिल्म अंग्रेजी के महान नाटककार विलियम शेक्सपियर के नाटक- ‘कॉमेडी ऑफ़ एरर्स’ पर आधारित है। .
देखें हिन्दी और अंगूर (1982 फ़िल्म)
अंक
हिन्दू-अरबी अंक पद्धति; प्रथम सहस्राब्दी ईसापूर्व के अशोक के शिलालेखों पर इन अंकों का प्रयोग देखने को मिलता है। अंक ऐसे चिह्न हैं जो संख्याओं लिखने के काम आते हैं। दासमिक पद्धति में शून्य से लेकर नौ तक (० से ९ तक) कुल दस अंक प्रयोग किये जाते हैं। इसी प्रकार षोडसी पद्धति (hexadecimal system) में शून्य से लेकर ९ तक एवं A से लेकर F कुल १६ अंक प्रयुक्त होते हैं। द्विक पद्धति में केवल ० और् १ से ही सारी संख्याएं अभिव्यक्त की जातीं हैं। हिन्दी भाषा में अंकों एवं बड़ी संख्याओं का उच्चारण नीचे दिया गया है।.
देखें हिन्दी और अंक
अकबर
जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर (१५ अक्तूबर, १५४२-२७ अक्तूबर, १६०५) तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। अंतरण करने वाले के अनुसार बादशाह अकबर की जन्म तिथि हुमायुंनामा के अनुसार, रज्जब के चौथे दिन, ९४९ हिज़री, तदनुसार १४ अक्टूबर १५४२ को थी। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृपक्ष का संबंध चंगेज खां से था। अकबर के शासन के अंत तक १६०५ में मुगल साम्राज्य में उत्तरी और मध्य भारत के अधिकाश भाग सम्मिलित थे और उस समय के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था। बादशाहों में अकबर ही एक ऐसा बादशाह था, जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला। उसने हिन्दू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरियां कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की। उसका दरबार सबके लिए हर समय खुला रहता था। उसके दरबार में मुस्लिम सरदारों की अपेक्षा हिन्दू सरदार अधिक थे। अकबर ने हिन्दुओं पर लगने वाला जज़िया ही नहीं समाप्त किया, बल्कि ऐसे अनेक कार्य किए जिनके कारण हिन्दू और मुस्लिम दोनों उसके प्रशंसक बने। अकबर मात्र तेरह वर्ष की आयु में अपने पिता नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायुं की मृत्यु उपरांत दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा था। अपने शासन काल में उसने शक्तिशाली पश्तून वंशज शेरशाह सूरी के आक्रमण बिल्कुल बंद करवा दिये थे, साथ ही पानीपत के द्वितीय युद्ध में नवघोषित हिन्दू राजा हेमू को पराजित किया था। अपने साम्राज्य के गठन करने और उत्तरी और मध्य भारत के सभी क्षेत्रों को एकछत्र अधिकार में लाने में अकबर को दो दशक लग गये थे। उसका प्रभाव लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर था और इस क्षेत्र के एक बड़े भूभाग पर सम्राट के रूप में उसने शासन किया। सम्राट के रूप में अकबर ने शक्तिशाली और बहुल हिन्दू राजपूत राजाओं से राजनयिक संबंध बनाये और उनके यहाँ विवाह भी किये। अकबर के शासन का प्रभाव देश की कला एवं संस्कृति पर भी पड़ा। उसने चित्रकारी आदि ललित कलाओं में काफ़ी रुचि दिखाई और उसके प्रासाद की भित्तियाँ सुंदर चित्रों व नमूनों से भरी पड़ी थीं। मुगल चित्रकारी का विकास करने के साथ साथ ही उसने यूरोपीय शैली का भी स्वागत किया। उसे साहित्य में भी रुचि थी और उसने अनेक संस्कृत पाण्डुलिपियों व ग्रन्थों का फारसी में तथा फारसी ग्रन्थों का संस्कृत व हिन्दी में अनुवाद भी करवाया था। अनेक फारसी संस्कृति से जुड़े चित्रों को अपने दरबार की दीवारों पर भी बनवाया। अपने आरंभिक शासन काल में अकबर की हिन्दुओं के प्रति सहिष्णुता नहीं थी, किन्तु समय के साथ-साथ उसने अपने आप को बदला और हिन्दुओं सहित अन्य धर्मों में बहुत रुचि दिखायी। उसने हिन्दू राजपूत राजकुमारियों से वैवाहिक संबंध भी बनाये। अकबर के दरबार में अनेक हिन्दू दरबारी, सैन्य अधिकारी व सामंत थे। उसने धार्मिक चर्चाओं व वाद-विवाद कार्यक्रमों की अनोखी शृंखला आरंभ की थी, जिसमें मुस्लिम आलिम लोगों की जैन, सिख, हिन्दु, चार्वाक, नास्तिक, यहूदी, पुर्तगाली एवं कैथोलिक ईसाई धर्मशस्त्रियों से चर्चाएं हुआ करती थीं। उसके मन में इन धार्मिक नेताओं के प्रति आदर भाव था, जिसपर उसकी निजि धार्मिक भावनाओं का किंचित भी प्रभाव नहीं पड़ता था। उसने आगे चलकर एक नये धर्म दीन-ए-इलाही की भी स्थापना की, जिसमें विश्व के सभी प्रधान धर्मों की नीतियों व शिक्षाओं का समावेश था। दुर्भाग्यवश ये धर्म अकबर की मृत्यु के साथ ही समाप्त होता चला गया। इतने बड़े सम्राट की मृत्यु होने पर उसकी अंत्येष्टि बिना किसी संस्कार के जल्दी ही कर दी गयी। परम्परानुसार दुर्ग में दीवार तोड़कर एक मार्ग बनवाया गया तथा उसका शव चुपचाप सिकंदरा के मकबरे में दफना दिया गया। .
देखें हिन्दी और अकबर
अकबरपुर
अकबरपुर उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। वर्तमान समय यह अम्बेडकर नगर का जिला मुख्यालय है। पावन सरयू नदी इस जनपद का मुख्य आकर्षण है। यह भूमि प्रभु श्री राम की लीला स्थली होने के कारण तीर्थ भूमि है। यहां के भव्य प्राचीन मन्दिर यवनो के आक्रमण में ध्वस्त कर दिये गये। यह स्वतंत्रता सेनानी डॉ.
देखें हिन्दी और अकबरपुर
अक्षम
किसी काम को पूरा करने का सामर्थ न रखने वाले को अक्षम कहा जाता है। .
देखें हिन्दी और अक्षम
अक्षय खन्ना
अक्षय खन्ना एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। यह सत्तर – अस्सी के दशक के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना के पुत्र है और इनके बड़े भाई राहुल खन्ना एक प्रसिद्ध वी जे हैं। .
देखें हिन्दी और अक्षय खन्ना
अक्षय कुमार
अक्षय कुमार (ਅਕਸ਼ੈ ਕੁਮਾਰ, जन्म: राजीव हरी ओम भाटिया, ९ सितम्बर, १९६७) एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता हैं। वे 100 से अधिक हिन्दी फिल्मों में काम कर चुके हैं। 90 के दशक में, हिट एक्शन फिल्मों जैसे खिलाड़ी (१९९२), मोहरा (१९९४) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (१९९५) में अभिनय करने के कारण, कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः वे "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते थे। फिर भी, वह रोमांटिक फिल्मों जैसे ये दिल्लगी (१९९४) और धड़कन (२०००) में अपने अभिनय के लिए सम्मानित किए गए और साथ ही साथ ड्रामेटिक फिल्मों जैसे एक रिश्ता (२००१) में अपनी अभिनय क्षमता को दिखाया। 2002 में उन्हें अपना पहला फ़िल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ खलनायक फ़िल्म अजनबी (2001) में अभिनय के लिए दिया गया। अपनी एक सी छवि को बदलने के इच्छुक अक्षय कुमार ने ज्यादातर कोमेडी फिल्में की। फ़िल्म हेरा फेरी (2002), मुझसे शादी करोगी (2004), गरम मसाला (2005) और जान-ए-मन (२००६) में हास्य अभिनय के लिए फ़िल्म समीक्षकों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। 2007 में वे सफलता की ऊचाईयों को छूने लगे, जब उनके द्वारा अभिनीत चार लगातार कामर्सियल फिल्में हिट हुई। इस तरह से, उन्होंने अपने आपको हिन्दी फ़िल्म उद्योग में एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया। वे मार्शल आर्ट्स (सामरिक कला) की शिक्षा बेंगकोक में प्राप्त करके आए और वहां एक रसोइया की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहाँ वे मार्सल आर्ट्स की शिक्षा देने लगे। उनका एक विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था, उसने उन्हें मॉडलिंग करने कहा। उस विद्यार्थी ने उन्हें एक छोटी कंपनी में एक मॉडलिंग असयांमेंट दिया। उन्हें कैमरे के सामने पोज देने के लिए, दो घंटे के 5,000 रुपये मिलते था। पहले की तनख्वाह 4000 रुपये प्रति महीने की तुलना में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण था कि वे क्यों मॉडल बने। मॉडलिंग करने के दो महीने बाद, कुमार को प्रमोद चक्रवर्ती ने अंततः अपनी फ़िल्म दीदार में अभिनय करने का मौका दिया। .
देखें हिन्दी और अक्षय कुमार
अकेली मत जाइयो (1963 फ़िल्म)
अकेली मत जइयो १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और अकेली मत जाइयो (1963 फ़िल्म)
अकोला
अकोला महाराष्ट्र राज्य के विदर्भ क्षेत्र का एक शहर है। अकोला शहर, उत्तर-मध्य महाराष्ट्र राज्य, पश्चिमी भारत, मुरना नदी के किनारे स्थित है। अकोला ज़िले के कातेपुर्णा अभयारण्य में दुर्लभ चौसिंगा हिरन पाए जाते हैं। अकोला जिल्ला कपास के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है, इसीलिए इसे "कॉटन सिटी" कहा जाता है। .
देखें हिन्दी और अकोला
उच्चारण
1. नासिका (नाक); 2. ओष्ठ (ओठ); 3. दन्त; 4. तालु; 5. जिस प्रकार से कोई शब्द बोला जाता है; या कोई भाषा बोली जाती है; या कोई व्यक्ति किसी शब्द को बोलता है; उसे उसका उच्चारण (pronunciation)" कहते हैं। भाषाविज्ञान में उच्चारण के शास्त्रीय अध्ययन को ध्वनिविज्ञान की संज्ञा दी जाती है। भाषा के उच्चारण की ओर तभी ध्यान जाता है जब उसमें कोई असाधारणता होती है, जैसे.
देखें हिन्दी और उच्चारण
उत्तर प्रदेश
आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .
देखें हिन्दी और उत्तर प्रदेश
उत्तर गोवा जिला
उत्तर गोवा और इसके तालुकाओं (तहसीलों) को बैंगनी वर्णों से दर्शाया गया है उत्तर गोवा जिला, भारतीय राज्य गोवा के दो जिलों में से एक है। जिले का क्षेत्रफल 1736 किमी² है और यह उत्तर और पूर्व में क्रमश: महाराष्ट्र के जिलों सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर से, दक्षिण में दक्षिण गोवा जिला और पश्चिम में अरब सागर से घिरा है। .
देखें हिन्दी और उत्तर गोवा जिला
उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .
देखें हिन्दी और उत्तराखण्ड
उत्तरी आयरलैंड
उत्तरी आयरलैंड (अंग्रेज़ी: Northern Ireland उच्चारणः नॉर्द़र्न् आयर्लैंड; आयरिश: Tuaisceart Éireann) संयुक्त राजशाही का एक संघटक देश है। .
देखें हिन्दी और उत्तरी आयरलैंड
उत्पल
उत्पल का अर्थ खिलता हुआ कमल होता है। उत्पल माने पद्म। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और उत्पल
उत्पल दत्त
उत्पल दत्त (जन्म: 29 मार्च, 1929 निधन: 19 अगस्त, 1993) एक हिन्दी एवं बांगला फिल्म के प्रसिद्ध अभिनेता थे। .
देखें हिन्दी और उत्पल दत्त
उत्कंठा
यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। .
देखें हिन्दी और उत्कंठा
उदधि
उदधि मूलतः समुद्र की पर्यायवाची है। उदधि शब्द का प्रयोग 'अधिक मात्रा' की स्तिथि में भी करते हैं । जल की अधिक मात्रा के लिए उदधि का प्रयोग करते हैं तब यह (उदधि) समुद्र की पर्यायवाची होता है और जब बदल की अधिकता के लिए करते हैं तब व्योम-समूह की पर्यायवाची होता है । उदधि का प्रयोग ऐसी कल्पित अधिकता के लिए कर सकते हैं जहाँ क्षितिज तक सभी दिशाओं में केवल वह (जल) ही हो। इसी प्रकार वाक्य प्रयोग में रूपों की अधिकता के लिए 'रूप उदधि' का प्रयोग होता है। यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। .
देखें हिन्दी और उदधि
उदय चोपड़ा
उदय चोपड़ा (जन्म: 5 जनवरी, 1973) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें हिन्दी और उदय चोपड़ा
उदयशंकर भट्ट
उदयशंकर भट्ट हिंदी के विद्वान सुप्रसिद्ध लेखक व कवि थे। उनका जन्म 1900 में हुआ। .
देखें हिन्दी और उदयशंकर भट्ट
उदित नारायण
उदित नारायण हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध नेपाली गायक हैं। उदित नारायण का जन्म 27 नवम्बर को नेपाल के सप्तरी जिले में हुआ। उन्होंने अपना पहला हिन्दी गाना मुकेश जी के साथ गाया। उन्हें तीन देशीय पुरस्कार तथा पांच फिल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उदित नारायण नेपाल में और भारत में भी एक प्रख्यात गायक के रूप में जाने जाते हैं। नेपाली फ़िल्म में उन्होंने बहुत हिट गाने गाए हैं और उनका गीत अधिकतर लोगों को पसंद है। उनके स्वर में जादू है। वे किशोर अवस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो कि आज इस मुकाम पर है। संपूर्ण बॉलीवुड में उन्हें आज भी एक बेहतर गायक माना जाता है। नेपाल में अभी के समय में भी उनके स्वर से तुलना किसी भी गायक से नहीं की जा सकती है। उदित जी का मातृभाषा मैथिली हैं और वो नेपाल के मिथिलांचल इलाके से आते हैं। जैसे कि नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत के बिहार राज्य में है। .
देखें हिन्दी और उदित नारायण
उना जिला
ऊना भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। ऊना जिला में पाँच तहसीले हैं-हरोली, घनारी, उना, अम्ब, बंगाणा हैं। .
देखें हिन्दी और उना जिला
उन्नाव जिला
उन्नाव भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसका मुख्यालय उन्नाव क़स्बा है। यह ज़िला लखनऊ मंडल का हिस्सा है। .
देखें हिन्दी और उन्नाव जिला
उपेन्द्रनाथ अश्क
उपेन्द्र नाथ अश्क (१९१०- १९ जनवरी १९९६) उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे। ये अपनी पुस्तक स्वयं ही प्रकाशित करते थे। .
देखें हिन्दी और उपेन्द्रनाथ अश्क
उमराव जान
उमराव जान 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह फ़िल्म मिर्ज़ा हादी रुस्वा (1857 से 1931) के उपन्यास उमराव जान ‘अदा’ पर आधारित है। इस बात को लेकर आज भी विवाद है कि उमराव जान कोई वास्तविक चरित्र था या फिर मिर्ज़ा हादी रुस्वा की कल्पना.
देखें हिन्दी और उमराव जान
उर्दू भाषा
उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .
देखें हिन्दी और उर्दू भाषा
उर्मिला मातोंडकर
उर्मिला मातोंडकर (जन्म: 4 फरवरी, 1974) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। उर्मिला ने अपने फिल्मी जीवन कि शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप मे १९८० की फिल्म 'कलयुग' से किया और एक सम्पूर्ण अभिनेत्री के रूप मे वो पहली बार १९९१ की फिल्म 'नर्सिम्हा' मे आई। १९९५ में रंगीला, १९९७ में जुदाई और १९९८ में सत्या में उर्मिला के अभिनय को बहुत सराहा गया, इन तीनों फिल्मों को फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिये नामित किया गया। .
देखें हिन्दी और उर्मिला मातोंडकर
उर्मिला शिरीष
उर्मिला शिरीष एक हिन्दी लेखक है। डॉ॰ उर्मिला शिरीष की विभिन्न कहानियां उर्दू, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती तथा उडि़या में अनुवादित हुई हैं। .
देखें हिन्दी और उर्मिला शिरीष
उषा प्रियंवदा
उषा प्रियंवदा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से पद्मभूषण डॉ॰ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार प्राप्त करते हुए। उषा प्रियंवदा (जन्म २४ दिसम्बर १९३०) प्रवासी हिंदी साहित्यकार हैं। कानपुर में जन्मी उषा प्रियंवदा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए.
देखें हिन्दी और उषा प्रियंवदा
उसने कहा था
उसने कहा था हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। .
देखें हिन्दी और उसने कहा था
उसकी कहानी
उसकी कहानी १९६६ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें हिन्दी और उसकी कहानी
ऋषि कपूर
ऋषि कपूर (जन्म: 4 सितंबर, 1952) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। ऋषि कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक है। वह एक बाल कलाकार के रूप मे काम कर चुके है। उन्हें बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है। उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म में शानदार भूमिका के लिए 1971 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया। .
देखें हिन्दी और ऋषि कपूर
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था। यह भारत का २६वां राज्य है। भारत में दो क्षेत्र ऐसे हैं जिनका नाम विशेष कारणों से बदल गया - एक तो 'मगध' जो बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण "बिहार" बन गया और दूसरा 'दक्षिण कौशल' जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण "छत्तीसगढ़" बन गया। किन्तु ये दोनों ही क्षेत्र अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। "छत्तीसगढ़" तो वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। .
देखें हिन्दी और छत्तीसगढ़
छपरा
छपरा भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में सारण जिला का महत्वपूर्ण शहर एवं मुख्यालय शहर है। यह सारण प्रमंडल का मुख्यालय भी है। गोरखपुर-गुवाहाटी रेलमार्ग पर छपरा एक महत्वपूर्ण जंक्शन है जहाँ से गोपालगंज एवं बलिया के लिए रेल लाईनें जाती है। स्थिति: 25 डिग्री 50 मिनट उत्तर अक्षांश तथा 84 डिग्री 45 मिनट पूर्वी देशान्तर। यह घाघरा नदी के उत्तरीतट पर बसा है। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ के दाहिआवाँ महल्ले में दधीचि ऋषि का आश्रम था। इसके पाँच मील पश्चिम रिविलगंज है, जहाँ गौतम ऋषि का आश्रम बतलाया जाता है और वहाँ कार्तिक पूर्णिमा को एक बड़ा मेला लगता है। .
देखें हिन्दी और छपरा
१० अक्टूबर
10 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 283वॉ (लीप वर्ष मे 284 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 82 दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और १० अक्टूबर
११ सितंबर
11 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 254वॉ (लीप वर्ष में 255 वॉ) दिन है। साल में अभी और 111 दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और ११ सितंबर
१२ दिसम्बर
12 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 346वॉ (लीप वर्ष मे 347 वॉ) दिन है। साल में अभी और 19 दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और १२ दिसम्बर
१४ अगस्त
14 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 226वॉ (लीप वर्ष में 227 वॉ) दिन है। साल में अभी और 139 दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और १४ अगस्त
१९ नवम्बर
१९ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२३वॉ (लीप वर्ष मे ३२४ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४२ दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और १९ नवम्बर
१९०७
1907 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९०७
१९४७
1947 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९४७
१९५४
१९५४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९५४
१९५५
1955 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९५५
१९६८
1968 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९६८
१९६९
१९६९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९६९
१९७४
1974 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९७४
१९७६
१९७६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९७६
१९७७
1977 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९७७
१९७८
१९७८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९७८
१९७९
1979 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९७९
१९८०
अभिनेत्री नेहा धुपिया १९८० ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९८०
१९८४
१९८४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९८४
१९९५
1995 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और १९९५
२० सितम्बर
२० सिंतम्बर। 20 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 263वॉ (लीप वर्ष मे 264 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 102 दिन बाकी है पहला कान फिल्म समारोह। .
देखें हिन्दी और २० सितम्बर
२००४
2004 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
देखें हिन्दी और २००४
२०१०
वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .
देखें हिन्दी और २०१०
२०११
वर्ष २०११ शनिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। .
देखें हिन्दी और २०११
२४ जनवरी
२४ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २४वाँ दिन है। साल में अभी और ३४१ दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में ३४२)। .
देखें हिन्दी और २४ जनवरी
२६ नवम्बर
२६ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३०वाँ (लीप वर्ष मे ३३१वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और ३५ दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और २६ नवम्बर
२६ मार्च
26 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 85वॉ (लीप वर्ष मे 86 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 280 दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और २६ मार्च
२७ दिसम्बर
२७ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६१वॉ (लीप वर्ष मे ३६२वॉ) दिन है। साल में अभी और ४ दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और २७ दिसम्बर
२७ जनवरी
२७ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७वाँ दिन है। वर्ष में अभी और ३३८ दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में ३३९)। इस दिन को संयुक्त राष्ट्रसंघ तथा ब्रिटेन के द्वारा यहूदियों को मारने तथा यातना देने के दिन की स्मृति में मनाया जाता है। .
देखें हिन्दी और २७ जनवरी
३१ जुलाई
३१ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २१२वॉ (लीप वर्ष में २१३ वॉ) दिन है। साल में अभी और १५३ दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और ३१ जुलाई
४ जनवरी
४ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 4थॉ दिन है। साल में अभी और 361 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 362)। .
देखें हिन्दी और ४ जनवरी
७ जनवरी
7 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 7वाँ दिन है। साल में अभी और 358 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 359)। .
देखें हिन्दी और ७ जनवरी
८ अक्तूबर
8 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 281वॉ (लीप वर्ष मे 282 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 84 दिन बाकी है।.
देखें हिन्दी और ८ अक्तूबर
९ सितम्बर
9 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 252वॉ (लीप वर्ष मे 253 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 113 दिन बाकी है। .
देखें हिन्दी और ९ सितम्बर
Hindi, Hindi Language, हिन्दी भाषा, हिन्दी, हिन्दी भाषा, हिंदी, हिंदी भाषा, आर्यभाषा (हिन्दी) के रूप में भी जाना जाता है।
, तुमसे अच्छा कौन है, त्रिशंकु, तेरे घर के सामने (1963 फ़िल्म), तेरी तलाश में, तेलमालिश बूटपॉलिश, तेलुगू भाषा, तेजेंद्र शर्मा, तोषी अमृता, तीव्र, द बर्निंग ट्रेन, दमन और दीव, दया, दलीप ताहिल, दिल चाहता है, दिल एक मन्दिर (1963 फ़िल्म), दिल दिया दर्द लिया, दिल ने पुकारा, दिल ने फिर याद किया, दिल भी तेरा हम भी तेरे, दिल ही तो है (1963 फ़िल्म), दिल अपना और प्रीत पराई, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल्ली, दिल्ली मेट्रो रेल, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिलीप कुमार अभिनीत फिल्मे, दिव्या भारती, दिव्या माथुर, दक्षिण एशिया, दक्षिण गोवा जिला, दक्षिण अमेरिका, दुर्गा खोटे, दुल्हन एक रात की, दुविधा, द्रुत, दूरदर्शन (बहुविकल्पी), देश (2002 फ़िल्म), देहरादून जिला, देवदास (२००२ फ़िल्म), देवनागरी, देवर (फ़िल्म), देवरिया जिला, देविका रानी, देवघर, देवकीनन्दन खत्री, देवेन वर्मा, दो दिल, दो दूनी चार, दो वक्त की रोटी (1988 फ़िल्म), दीपावली, दीपक शर्मा, दीप्ति भटनागर, दीप्ती नवल, दीवाना (1967 फ़िल्म), धनबाद, धर्मेन्द्र, ध्यान, धीरज, नचिकेता, नम, नमस्ते जी, नमक हलाल, नरेश भारतीय, नरेश मेहता, नरोत्तमदास, नादिरा, नाना पाटेकर, नामुमकिन (1988 फ़िल्म), नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर), नासिरा शर्मा, नागार्जुन, नाइट इन लंदन, निदा फ़ाज़ली, निरन्तर, निर्मल वर्मा, निरूपा रॉय, निशान, निखिल कौशिक, नई उमर की नई फ़सल, नौनिहाल, नौकर (1979 फ़िल्म), नूर महल, नूरजहां (गायिका), नेहा धूपिया, नोएडा, नोक, नील कमल (1968 फ़िल्म), नीला आकाश, पटना, पट्टी, उत्तर प्रदेश, पति पत्नी और तवायफ़ (1990 फ़िल्म), पत्थर के ख़्वाब, पद्यानुवाद, परिणीता (2005 फ़िल्म), परवीन बॉबी, परेश रावल, पश्चिम बंगाल, पहेली, पानीपत जिला, पारसमणि (1963 फ़िल्म), पालकी (फ़िल्म), पाखंडी (1984 फ़िल्म), पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र', पंचलाइट, पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, पंजाबी भाषा, पुणे, पुरुषोत्तम दास टंडन, प्यार ही प्यार, प्यार का सागर, प्रतिभा डावर, प्रतिकार (फ़िल्म), प्रभा खेतान, प्रभाकर श्रोत्रिय, प्राण शर्मा, प्राइवेट सेक्रेटरी, प्राकृत, प्रिया गिल, प्रियंवद, प्रियंका चोपड़ा, प्रेम चोपड़ा, प्रेम पत्र, प्रेमचंद, प्रोफेसर की पड़ोसन (1993 फ़िल्म), प्रीत ना जाने रीत, प्रीति झंगियानी, पृथ्वीराज रासो, पैसा, पूनम की रात, पूर्णिमा वर्मन, पूर्वांचल, पूर्वी चंपारण, पूजा बेदी, पूजा भट्ट, पेरियार, पोरबन्दर, फणीश्वर नाथ "रेणु", फतेहपुर जिला, फ़रार (1975 फ़िल्म), फ़ारसी भाषा, फ़िरोज़ ख़ान, फ़िरोज़ाबाद, फ़िरोज़ाबाद ज़िला, फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार, फ़िजी, फ़ूल बने अंगारे(1963 फ़िल्म), फिर वही दिल लाया हूँ (1963 फ़िल्म), बड़े मियाँ छोटे मियाँ, बद और बदनाम (1984 फ़िल्म), बदतमीज़, बनारसीदास चतुर्वेदी, बन्दिनी (1963 फ़िल्म), बप्पी लाहिड़ी, बम्बई का चोर, बम्बइया हिन्दी, बरसात की रात, बर्मा रोड (1962 फ़िल्म), बलराज साहनी, बहारें फिर भी आएंगी, बहारों की मंज़िल, बहूरानी (1963 फ़िल्म), बात बन जाये (1986 फ़िल्म), बाबू गुलाबराय, बारबाडोस, बाराबंकी जिला, बारामूला ज़िला, बाली, बाज़ी (1968 फ़िल्म), बाज़ी(1963 फ़िल्म), बाङ्ला भाषा, बिन बादल बरसात (1963 फ़िल्म), बिन्दिया गोस्वामी, बिपाशा बसु, बिहार, बिहारी (साहित्यकार), बिहारी भाषाएँ, बज्जिका, बंटी और बबली, बंकिम, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, बुल्गारिया, ब्रज, ब्लफ़मास्टर(1963 फ़िल्म), ब्लैक, बेटी बेटे, बेईमान (1972 फ़िल्म), बेग़ाना, बोकारो, बीना राय, बीस साल बाद (1988 फ़िल्म), बीवी और मकान, भरोसा (1963 फ़िल्म), भानुप्रिया, भारत, भारत रत्न, भारत के भाषाई परिवार, भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के लोग, भारत की भाषाएँ, भारत की संस्कृति, भारतेन्दु हरिश्चंद्र, भारतेन्दु विमल, भारतीय महाकाव्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भाल, भाषा, भाषा-परिवार, भाषाविज्ञान, भाव प्रकाश, भाग्यश्री, भिवानी, भिवानी जिला, भवानी प्रसाद मिश्र, भगत सिंह, भगवती चरण वर्मा, भगवान दादा (1986 फ़िल्म), भूत बंगला, भूषण (हिन्दी कवि), भोजपुरी भाषा, भीमराव आम्बेडकर, भीष्म साहनी, मणिरत्नम्, मति, मथुरा ज़िला, मदुरई, मधु कांकरिया, मधुबनी, मधुशाला, मध्य प्रदेश, मन्नू भंडारी, मनीषा कोइराला, ममता (1966 फ़िल्म), मराठी भाषा, मलिक मोहम्मद जायसी, महमूद, महराजगंज जिला, महात्मा गांधी, महादेवी वर्मा, महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, महावीर, महावीर प्रसाद द्विवेदी, महिमा चौधरी, महुआ माझी, माण्डू, माधुरी दीक्षित, मानसून, माला सिन्हा, मास, माखनलाल चतुर्वेदी, मिज़ोरम, मुन्ना भाई एम बी बी एस, मुमताज़ (अभिनेत्री), मुम्बई, मुल्य, मुजफ्फरपुर जिला, मुज़फ़्फ़र नगर जिला, मुज़फ़्फ़रनगर, मुखपृष्ठ/आवश्यक लेख सूची, मुग़ल साम्राज्य, मुग़ल-ए-आज़म, मुकद्दर (1978 फ़िल्म), मुकद्दर का फैसला (1987 फ़िल्म), म्यूचुअल फंड, मौसम (1975 फ़िल्म), मैथिली भाषा, मैथिली साहित्य, मैथिलीशरण गुप्त, मैला आँचल, मैं मेरी पत्नी और वो (2005 फ़िल्म), मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (1984 फ़िल्म), मेरे महबूब (1963 फ़िल्म), मेरी सूरत तेरी आँखें (1963 फ़िल्म), मेला (1948 फ़िल्म), मेघालय, मॉरिशस, मोहन राणा, मोहन राकेश, मोहब्बत ज़िंदग़ी है, मोहब्बत के दुश्मन (1988 फ़िल्म), मोहरा, मीठा जहर (1985 फ़िल्म), मीणा, यत्न, यह देश (१९८४ फ़िल्म), यादगार (1984 फ़िल्म), यक़ीन, युवा (2004 फ़िल्म), ये रास्ते हैं प्यार के (1963 फ़िल्म), रति अग्निहोत्री, रमेश पटेल, रसखान, राम तेरे कितने नाम (1985 फ़िल्म), राम और श्याम (1967 फ़िल्म), रामचन्द्र शुक्ल, रामधारी सिंह 'दिनकर', रायपुर, रायगढ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राहग़ीर, राहुल देव बर्मन, राहुल बोस, राहुल सांकृत्यायन, राहुल खन्ना, राही (1987 फ़िल्म), राजस्थान, राजस्थान विश्वविद्यालय, राज़ (1967 फ़िल्म), राजा और रंक (1968 फ़िल्म), राजेन्द्र प्रसाद, राजेन्द्रनाथ (हास्य अभिनेता), राखी गुलज़ार, रागदरबारी, रांगेय राघव, राकेश रोशन, रिमी सेन, रिश्ते नाते, रघुवीर सहाय, रवीना टंडन, रंग दे बसंती, रंग बिरंगी (1983 फ़िल्म), रंगोली(१९६२ चलचित्र), रुपया, रुस्तम-ए-सोहराब, रेखा, रोमानी भाषा, रोष, रीडिफ.कॉम, रीति काल, लता मंगेशकर, लमही, लातविया, लाल किताब, लालच, लालबहादुर शास्त्री, लाला लाजपत राय, लाखों की बात (1984 फ़िल्म), लागा चुनरी में दाग (2007 फ़िल्म), लव एंड गॉड (1986 फ़िल्म), लखनऊ, लगे रहो मुन्ना भाई, लक्ष्मण रेखा (1991 फ़िल्म), लक्ष्मी (अभिनेत्री), लक्ष्मीमल्ल सिंघवी, लक्ज़मबर्ग, लैला (1984 फ़िल्म), लोहित जिला, लोग क्या कहेंगे (1982 फ़िल्म), लीडर (1964 फ़िल्म), शत्रुघन सिन्हा, शबाना आज़मी, शम्मी कपूर, शशि कपूर, शहीद, शागिर्द, शाइनी आहूजा, शिथिल, शिल्पा शेट्टी, शिवमंगल सिंह 'सुमन', शिवसागर रामगुलाम, शिवहर, शिवानी, शिकारी (1963 फ़िल्म), श्रीमान फ़ंटूस, श्रीराम लागू, श्रीरामचरितमानस, श्रीलाल शुक्ल, श्रीहरिगीता, शैल अग्रवाल, शैलेन्द्र, शैलेश मटियानी, शेर दिल, शेखर सुमन, शोर (1972 फ़िल्म), सचिन देव बर्मन, सच्चाई (1969 फ़िल्म), सत्यार्थ प्रकाश, सत्यकाम (1969 फ़िल्म), सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सती सावित्री(फ़िल्म), सतीश कौशिक, सदाशिव अमरापुरकर, सन ऑफ़ इंडिया, सन्धि, सन्नाटा, सन्यासी (1975 फ़िल्म), सपनों का सौदागर (1968 फ़िल्म), सप्ताह के दिन, समर, समस्तीपुर, समाप्त, समाजवाद, समवेत, समक्ष, सम्मुख, समीप, सरकार (2005 फ़िल्म), सर्वदा, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, सहित, सहेली(फ़िल्म), साथिया (2002 फ़िल्म), साथी (1968 फ़िल्म), साधन, साबरकांठा जिला, साबूदाना, साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962 फ़िल्म), सावित्री बाई खानोलकर, सांझ, साकार, सिद्धहस्त, सिन्धी भाषा, सियारामशरण गुप्त, सिलसिला (1981 फ़िल्म), सिलवास, सिवनी ज़िला, सिख, सिंप्यूटर, सिक्किम, सवेरा, संत ज्ञानेश्वर(फ़िल्म), संताप, संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राज्य, संलग्न, संस्कृत भाषा, संजीव, संघर्ष (1968 फ़िल्म), संगीत सम्राट तानसेन, सुचित्रा सेन, सुनील शेट्टी, सुभद्रा कुमारी चौहान, सुमित सैगल, सुमित्रानन्दन पन्त, सुरेश वाडकर, सुशीला, सुष्मिता सेन, सुजीत कुमार, स्पाइडर-मैन (फ़िल्म), स्पंद, स्मिता पाटिल, स्वरूप, स्वेदज, सौतन की बेटी, सैफ़ अली ख़ान, सूर्य ग्रहण, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', से॰रा॰ यात्री, सोनिया गांधी, सोनू निगम, सोहन राही, सीता राम गोयल, सीतामढी, हम तुम, हम दिल दे चुके सनम, हम सब उस्ताद हैं, हम किसी से कम नहीं, हमराही (1963 फ़िल्म), हमसाया, हयात, हरिद्वार जिला, हरियाणा, हरियाली और रास्ता, हरिशंकर परसाई, हरिश्चन्द्र तारामती (1963 फ़िल्म), हरिवंश राय बच्चन, हरे काँच की चूड़ियाँ, हलाल की कमाई (1988 फ़िल्म), हसीना मान जाएगी, हाथों की लकीरें (1986 फ़िल्म), हाजीपुर, हावड़ा, हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार, हिन्द-ईरानी भाषाएँ, हिन्द-आर्य भाषाएँ, हिन्द-आर्यन भाषायें, हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी भाषा, हिन्दी, हिन्दी नाटक, हिन्दी बाल साहित्य, हिन्दी व्याकरण, हिन्दी की साहित्यिक पत्रिकायें, हिन्दी की गिनती, हिमाचल प्रदेश, हिसार, हिंदी साहित्य, हज़ार चौरासी की माँ (1998 फ़िल्म), हजारी प्रसाद द्विवेदी, हवालात (1987 फ़िल्म), हंस पत्रिका, हकीकत (1964 फ़िल्म), हैदराबाद, हेरा फेरी (२००० फ़िल्म), हॉग्वार्ट्स, जब से तुम्हें देखा है, जब जब फूल खिले, जम्मू, जयन्त विष्णु नार्लीकर, जयललिता, जयशंकर प्रसाद, जया बच्चन, जयाप्रदा, ज़बरदस्त (1985 फ़िल्म), ज़ी टीवी, ज़ीनत अमान, जानवर (1965 फिल्म), जानी दुश्मन (1979 फ़िल्म), जापानी भाषा, जाल (फ़िल्म), जालिम, जितेन्द्र, जिमी शेरगिल, जिस देश में गंगा बहती है, जगदीप, जुआरी, ज्ञान चतुर्वेदी, ज्ञानपीठ पुरस्कार, ज्ञानेश्वर, ज्योतिका, जूही चावला, जॉनी लीवर, जी चाहता है, जीमेल, ईद उल-फ़ित्र, ईमानदार (1987 फ़िल्म), ईशा कोपिकर, घर हो तो ऐसा (1990 फ़िल्म), घर की इज्जत (1994 फ़िल्म), घाट, वन्दे मातरम्, वहीदा रहमान, वापस, वारिस, विद्या बालन, विधाता (1982 फ़िल्म), विनती, विनोद मेहरा, विनोद खन्ना, विनीत, वियोग, विराट, विरोध, विश्व हिन्दी सम्मेलन, विश्वास, विशेष, विष्णु प्रभाकर, विस्तृत, विह्वल, विवर, विविध भारती, विवेक मुशरान, विवेक ओबेरॉय, विंग्स ऑफ़ फ़ायर: एन ऑटोबायोग्राफी, व्याख्यान, व्यक्त, वैशाली जिला, वो कौन थी (1964 फ़िल्म), वीरप्पन, ख़ामोशी, खोसला का घोसला, गया, गहरा दाग़ (1963 फ़िल्म), ग़बन (फ़िल्म), ग़ज़ल, ग़ुलाम (1998 फ़िल्म), गिरीश कर्नाड, गंगा की लहरें (१९६५ फिल्म), गुमराह (1963 फ़िल्म), गुमला जिला, गुरु (२००७ फ़िल्म), गुरु ग्रन्थ साहिब, गुजराती लिपि, गौतम सचदेव, गौतमी, गौरी (1968 फ़िल्म), गोदान (फ़िल्म), गोधूलि, गोपालदास नीरज, गोरखपुर, गोविन्द बल्लभ पन्त, गोविन्द शर्मा, गोविन्दा, ओमकारा, ओशिआनिया, आचार्य चतुरसेन शास्त्री, आचार्य रामलोचन सरन, आँधी (1975 फ़िल्म), आठवीं अनुसूची, आधी रात के बाद, आन्ध्र प्रदेश, आमुख, आयशा कपूर, आरज़ू (1965 फ़िल्म), आर्यभटीय, आलोचना, आशा भोंसले, आशीर्वाद (1968 फ़िल्म), आस का पंछी, आसरा, आज और कल (1963 फ़िल्म), आवरण, आवारा लड़की, आख़िरी खत, आखिर क्यों? (1985 फ़िल्म), आगरा, आओ प्यार करें, आओ प्यार करें (1994 फ़िल्म), आइट्राँस, आइसलैण्ड, आक्रमण (1975 फ़िल्म), इटावा जिला, इन्तक़ाम, इन्दौर, इरफ़ान ख़ान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इज़्ज़त (1968 फ़िल्म), इंदिरा रायसम गोस्वामी, इंसानियत के दुश्मन (1987 फ़िल्म), कटाक्ष, कण कण में भगवान, कत्ल (1986 फ़िल्म), कनक, कन्हैयालाल नन्दन, कपाट, कफन, कबीर, कभी खुशी कभी ग़म, कभी कभी (1976 फ़िल्म), कमल हासन, कम्प्यूटर और हिन्दी, करण जौहर, कर्नाटक, कर्मदाता (1986 फ़िल्म), कलयुग और रामायण (1987 फ़िल्म), कश्मीर की कली, कश्मीरी भाषा, कश्मीरी साहित्य, कहानी, क़यामत से क़यामत तक, काँच की दीवार (1986 फ़िल्म), कामिनी कौशल, कायस्थ, कालिदास, कितने पाकिस्तान, किनारे किनारे (1963 फ़िल्म), किस्मत (1968 फ़िल्म), कवि, कंटक, कुमार सानु, क्षत, क्षोभ, कृष्ण चंदर, कृष्णा सोबती, कैलाश बुधवार, केशव, कोरियाई भाषा, कोलकाता, कोई मेरे दिल से पूछे (2002 फ़िल्म), अ, अचानक, अटल बिहारी वाजपेयी, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, अतिरेक, अधीर, अनपढ़ (1962 फ़िल्म), अनायास, अनार, अनवरत, अनंत महादेवन, अनुरोध (1977 फ़िल्म), अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला, अन्यथा, अनीता राज, अपर्णा सेन, अपहरण (2005 फ़िल्म), अप्रतिम, अप्रिल फ़ूल, अबुल कलाम आज़ाद, अभद्र, अभिमान (1973 फ़िल्म), अभिलाषा, अभ्यागत, अभीष्ट, अमर प्रेम (1972 फ़िल्म), अमर अकबर एंथनी, अमानुष, अमिताभ बच्चन, अमज़द ख़ान, अमृतलाल नागर, अमृता राव, अमोल पालेकर, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', अरबाज़ ख़ान, अररिया जिला, अरशद वारसी, अरुणाचल प्रदेश, अलग अलग (1985 फ़िल्म), अलका सरावगी, अल्मोड़ा, अशोक चक्रधर, असरानी, असगर वजाहत, अस्मित पटेल, असीमित, अहमदनगर, अजर, अजीत, अवध, अवधी, अवरुद्ध, अवसान, अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी, अंजना संधीर, अंगिका भाषा, अंग्रेज़ी भाषा, अंगूर (1982 फ़िल्म), अंक, अकबर, अकबरपुर, अक्षम, अक्षय खन्ना, अक्षय कुमार, अकेली मत जाइयो (1963 फ़िल्म), अकोला, उच्चारण, उत्तर प्रदेश, उत्तर गोवा जिला, उत्तराखण्ड, उत्तरी आयरलैंड, उत्पल, उत्पल दत्त, उत्कंठा, उदधि, उदय चोपड़ा, उदयशंकर भट्ट, उदित नारायण, उना जिला, उन्नाव जिला, उपेन्द्रनाथ अश्क, उमराव जान, उर्दू भाषा, उर्मिला मातोंडकर, उर्मिला शिरीष, उषा प्रियंवदा, उसने कहा था, उसकी कहानी, ऋषि कपूर, छत्तीसगढ़, छपरा, १० अक्टूबर, ११ सितंबर, १२ दिसम्बर, १४ अगस्त, १९ नवम्बर, १९०७, १९४७, १९५४, १९५५, १९६८, १९६९, १९७४, १९७६, १९७७, १९७८, १९७९, १९८०, १९८४, १९९५, २० सितम्बर, २००४, २०१०, २०११, २४ जनवरी, २६ नवम्बर, २६ मार्च, २७ दिसम्बर, २७ जनवरी, ३१ जुलाई, ४ जनवरी, ७ जनवरी, ८ अक्तूबर, ९ सितम्बर।