1 संबंध: हामून-ए-हेलमंद।
हामून-ए-हेलमंद
सन् १९७६ में अंतरिक्ष से ली गई तस्वीर जिसमें ऊपर-दाएँ में हामून-ए-पुज़क, बाएँ में हामून-ए-सबरी, नीचे-बाएँ में हामून-ए-हेलमंद नज़र आ रहे हैं सन् २००१ में ली गई तस्वीर में तीनों हामून सूखे पड़े हैं हामून-ए-हेलमंद (अंग्रेज़ी: Hamun-e Helmand), जिसे दरियाचेह-ए-हामून (फ़ारसी) भी कहते हैं, पूर्वी ईरान के सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत में अफ़ग़ानिस्तान की सरहद के नज़दीक मौसमी तौर पर बन जानी वाली एक कम गहराई की दलदली झील है। यह हेलमंद नदी के पानी से बनती है जो अफ़ग़ानिस्तान के हिन्दू कुश पर्वतों से शुरू होती है। ईरान के पठार पर ऐसी अधिक प्रवाह वाले मौसम में भर जाने वाली झीलों को हामून कहा जाता है। १९७६ में अफ़ग़ानिस्तान से नदियाँ पूरे प्रवाह पर चला करती थी, जिस से यह झील भी फैलकर लगभग ४,००० वर्ग किमी तक विस्तृत हो जाया करती थी। १९९९ से २००१ के काल में सूखा पड़ा और झील क़रीब-क़रीब ग़ायब ही हो गई। उसके बाद से कभी बन जाती है और कभी नहीं। जब अफ़ग़ानिस्तान में सूखा पड़ता है या वहाँ हेलमंद का पानी रोक देने से प्रवाह कम होता है जो यहाँ रेत के बड़े टीले बन जाते हैं और पूरा रेगिस्तान लौट आता है। इस झील के किनारे कुछ मछुआरे गाँव हैं और इसके सूख जाने पर वह भी कभी-कभी रेत से ढके जाते हैं।, John Whitney, U.S. Geological Survey, 2006, Accessed 2010-08-31 .
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