सामग्री की तालिका
15 संबंधों: चारीकार, चग़चरान, दायकुंदी प्रान्त, नीली, अफ़्ग़ानिस्तान, बामयान प्रान्त, मैदान शहर, शबरग़ान, हज़ाराजात, हज़ारगी भाषा, हजारा लोगों का उत्पीड़न, जुलाई २०१६ काबुल हमला, ग़ज़नी प्रान्त, ओरूज़्गान प्रान्त, अइमाक़ लोग, उत्तरी मित्रपक्ष।
चारीकार
चारीकार में जानवरों की एक डाक्टर चारीकार (दरी फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Charikar) उत्तर-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के परवान प्रान्त की राजधानी है। यह कोहदामन (अर्थ:पहाड़ का दामन) नामक वादी का मुख्य शहर है और ग़ोरबंद नदी के किनारे स्थित है।, Ludwig W.
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चग़चरान
चग़चरान का एक पुल चग़चरान (दरी फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Chaghcharan), जिसे इतिहास में चख़चेरान और आहंगारान के नाम से भी जाना जाता था, मध्य अफ़ग़ानिस्तान के ग़ोर प्रान्त की राजधानी है। हरीरूद (हरी नदी) के दक्षिणी किनारे पर बसा यह शहर २,२८० मीटर की ऊँचाई पर है।, Ludwig W.
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दायकुंदी प्रान्त
अफ़्ग़ानिस्तान का दायकुंदी प्रांत (लाल रंग में) दायकुंदी या दाय कुंदी (फ़ारसी:, अंग्रेजी: Daykundi) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के मध्य भाग में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १८,०८८ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००६ में लगभग ४ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी नीली शहर है। बामयान प्रान्त की तरह, इस प्रान्त में भी अधिकतर आबादी हज़ारा समुदाय की है, जो मंगोल नस्ल के वंशज हैं और शिया इस्लाम के अनुयायी हैं। .
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नीली, अफ़्ग़ानिस्तान
दायकुंदी प्रान्त की राजधानी नीली का एक नज़ारा नीली (हज़ारगी:, अंग्रेज़ी: Nili) मध्य अफ़ग़ानिस्तान के दायकुंदी प्रान्त की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यहाँ के ज़्यादातर लोग हज़ारा समुदाय के हैं। २,०२२ मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस शहर में बहुत ज़बरदस्त सर्दियाँ पड़ती हैं और सड़कें ख़राब होने से उस मौसम में यातायात बहुत कठिन होता है। दिसम्बर २००८ में अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने अज़रा जाफ़री को नीली का महापौर नियुक्त किया जिस से यह अफ़ग़ानिस्तान का पहला महिला महापौर वाला नगर बन गया।, Sayed Askar Mousavi, Curzon Press, 1998, ISBN 978-0-7007-0630-3 .
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बामयान प्रान्त
अफ़्ग़ानिस्तान का बामयान प्रांत (लाल रंग में) बामयान या बामियान (फ़ारसी:, अंग्रेजी: Bamyan) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के मध्य भाग में स्थित है। बामयान में अधिकतर आबादी हज़ारा समुदाय की है, जो मंगोल नस्ल के वंशज हैं और शिया इस्लाम के अनुयायी हैं। बामियान प्रान्त का क्षेत्रफल १४,१७५ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००६ में लगभग ३.९ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी बामयान शहर है। .
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मैदान शहर
मैदान शहर (दरी फ़ारसी), जिसे पश्तो लहजे में मैदान शार (पश्तो:, अंग्रेज़ी: Maidan Shar) कहते हैं, दक्षिण-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के मैदान वरदक प्रान्त की राजधानी है। .
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शबरग़ान
शबरग़ान में चुनावों में मतदान देते कुछ नागरिक शबरग़ान (फ़ारसी:, अंग्रेजी: Sheberghan) उत्तरी अफ़्ग़ानिस्तान के जोज़जान प्रान्त की राजधानी है। यह शहर सफ़ीद नदी के किनारे मज़ार-ए-शरीफ़ से लगभग १३० किलोमीटर दूर स्थित है। सन् २००६ में इसकी जनसँख्या १,४८,३२९ अनुमानित की गई थी। .
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हज़ाराजात
हज़ाराजात (फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Hazarajat, हज़ारगी), जिसे हज़ारिस्तान भी कहा जाता है, हज़ारा लोगों की मध्य अफ़ग़ानिस्तान में स्थित मातृभूमि है। यह हिन्दू कुश पर्वतों के पश्चिमी भाग में कोह-ए-बाबा श्रृंखला में विस्तृत है। उत्तर में बामयान द्रोणी, दक्षिण में हेलमंद नदी, पश्चिम में फिरूज़कुह पहाड़ और पूर्व में उनई दर्रा इसकी सरहदें मानी जाती हैं। पश्तून क़बीलों द्वारा हमलों के कारण इसकी सरहदें समय-समय पर बदलती रहीं हैं।, Arash Khazeni, Encyclopedia Iranica, Accessed September 15, 2011 बामयान और दायकुंदी प्रांत लगभग पूरे-के-पूरे हज़ाराजात में आते हैं, जबकि बग़लान, हेलमंद, ग़ज़नी, ग़ोर, ओरूज़्गान, परवान, समंगान, सर-ए-पोल और मैदान वरदक प्रान्तों के बड़े हिस्से भी इसका भाग माने जाते हैं।, Indiana University, 1997 .
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हज़ारगी भाषा
हज़ारगी में हज़ारगी भाषा का नाम, जो 'आज़रगी' लिखा जाता है हज़ारगी अफ़ग़ानिस्तान में हज़ारा लोगों द्वारा बोली जाने वाली फ़ारसी भाषा का एक रूप है। यह सब से ज़्यादा मध्य अफ़ग़ानिस्तान के हज़ाराजात नामक क्षेत्र में बोली जाती है। हज़ारा लोग इस भाषा को आम तौर पर आज़रगी बोलते हैं। हज़ारगी बोलने वालों की संख्या १८ से २२ लाख अनुमानित की गई है।, Franz Schurmann, pp.
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हजारा लोगों का उत्पीड़न
हजारा लोगों के उत्पीड़न से आशय हजारा लोगों के विरुद्ध भाँतिभांति के भेदभाव से है। हजारा लोग मुख्यतः अफगानिस्तान के हज़ाराजात के निवासी हैं किन्तु एक बड़ी संख्या पाकिस्तान के क्वेटा में तथा इरान के मसाद में भी रहती है। हजारा लोगों का उत्पीदन का इतिहास बहुत पुराना है और यह १६वीं शताब्दी में बाबर से आरम्भ होता है जो काबुलिस्तान का निवासी था। .
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जुलाई २०१६ काबुल हमला
२३ जुलाई २०१६ को अफ़्गानिस्तान की राजधानी काबुल में दो बम धमाके हुए जिसमें तकरीबन ८० लोग मारे गए। यह हमले देहमजांग चौक पर हुए जहां हज़ारा समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे थे। हमले में कुल ८० लोगों के मरने के अलावा २६० लोग घायल भी हुए हैं। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने अपने ऊपर ली है। .
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ग़ज़नी प्रान्त
अफ़्ग़ानिस्तान का ग़ज़नी प्रान्त (लाल रंग में) ग़ज़नी (पश्तो:, अंग्रेजी: Ghazni) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल २२,९१५ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००२ में लगभग ९.३ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी ग़ज़नी शहर है। ग़ज़नी प्रान्त काबुल से कंदहार जाने वाले राजमार्ग पर आता है और इतिहास में उन दोनों के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है। इस प्रान्त में लगभग आधे लोग पश्तून हैं लेकिन यहाँ हज़ारा लोगों और ताजिक लोगों के भी बड़े समुदाय रहते हैं। .
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ओरूज़्गान प्रान्त
अफ़्ग़ानिस्तान का ओरूज़्गान प्रांत (लाल रंग में) ओरूज़्गान में गेंहू के खेत ओरूज़्गान या उरोज़्गान (पश्तो:, अंग्रेजी: Oruzgan) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के मध्य भाग में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल २२,६९६ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००६ में लगभग ३.१ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी तरीनकोट शहर है। इस प्रान्त में बसने वाले अधिकतर लोग पश्तून हैं और सांस्कृतिक रूप से यह प्रान्त कंदहार के क्षेत्र से मिलता-जुलता है। .
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अइमाक़ लोग
अइमाक़ (Aimaq) हेरात नगर से उत्तर में पश्चिम-मध्य अफ़्ग़ानिस्तान में और ईरान के ख़ोरासान प्रांत में विस्तृत कुछ ईरानी भाषाएँ बोलने वाले ख़ानाबदोश क़बीलों का सामूहिक नाम है। यह फ़ारसी की कई अइमाक़ उपभाषाएँ बोलते हैं, हालांकि इनके तइमानी और मालेकी उपसमुदायों ने पश्तो भाषा और पश्तून संस्कृति अपना ली है। अफ़्ग़ानिस्तान के ग़ोर प्रान्त में अइमाक़ बहुसंख्यक समुदाय समझे जाते हैं। इसके अलावा यह बड़ी संख्या में हेरात और बादग़ीस प्रान्तों में और कम संख्या में फ़राह, फ़ारयाब, जोज़जान और सर-ए-पोल प्रान्तों में भी रहते हैं।, Willem Vogel, pp.
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उत्तरी मित्रपक्ष
अफ़ग़ान उत्तरी मित्रपक्ष (Afghan Northern Allaince), जिसे औपचारिक रूप से अफ़ग़ानिस्तान की मुक्ति के लिए संयुक्त इस्लामी मोर्चा (United Islamic Front for the Salvation of Afghanistan,, जबहा-ए-मुत्तहिद-ए-इस्लामी-ए-मिल्ली बरा-ए-निजात-ए-अफ़ग़ानिस्तान), अफ़ग़ानिस्तान में एक सैनिक मोर्चा था जो १९९६ में काबुल पर तालिबान कट्टरपंथी गुट का क़ब्ज़ा हो जाने के बाद उस का बलपूर्वक विरोध करने के लिए बना था। इसे तालिबान-विरोधी विस्थापित अफ़ग़ान राष्ट्रीय सरकार के राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी और भूतपूर्व रक्षामंत्री अहमद शाह मसूद ने स्थापित किया था। शुरू में इसमें अधिकतर ताजिक समुदाय के लोग थे लेकिन सन् २००० तक अन्य जातीय गुट भी इससे जुड़ चुके थे। इसके नेताओं में उज़बेक समुदाय के अब्दुल रशीद दोस्तुम, पश्तून समुदाय के अब्दुल क़ादिर और हज़ारा समुदाय के मुहम्मद मोहक़िक़ और सय्यद हुसैन अनवरी शामिल थे। उत्तरी मित्रपक्ष को तालिबान के ख़िलाफ़ लड़ने में ईरान, रूस, भारत व ताजिकिस्तान से मदद मिली, जबकि तालिबान को पाकिस्तान और अल-क़ायदा सहायता दी।, Joel Ostrow, pp.
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हज़ारा लोगों, हज़ारा समुदाय के रूप में भी जाना जाता है।