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2 संबंधों: मौडिहा, बिहार, मौलाना सूफी मूफ्ती अज़ानगाछी साहेब।
मौडिहा, बिहार
मौडिहा भारत के बिहार राज्य के बक्सर जिला में एक गांव है। यह बिहिया रेलवे स्टेशन से 25 किमी दूर और आरा रेलवे स्टेशन से 42 किमी दूर है। यह आरा-मोहनिया रोड (NH 30) पर स्थित है। .
देखें हक्कानी अंजुमन और मौडिहा, बिहार
मौलाना सूफी मूफ्ती अज़ानगाछी साहेब
हज़रत मौलाना सूफी मूफ्ती अज़ानगाछी साहेब (र०) (उर्दू: مولانا صوفی مفتی اذانگاچھی, अंग्रेजी: Maulana Sufi Mufti Azangachhi Shaheb (1828 या 1829 - 19 दिसंबर 1932)), एक महान भारतीय सूफी संत थे। ये पश्चिम बंगाल के बागमारी में एक इस्लामी सुफी गैर सरकारी संगठन, हक्कानी अंजुमन के स्थापकके रूप में काफी परिचीत हैं। ये इस्लाम धर्म के दुसरे खलीफा हजरत उमर (रह०) के 36 वें बाद की पीढ़ी से संबंधित हैं। सूफ़ीम एक तरीका है, जो एक व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में मदद करता है और प्रत्येक व्यक्ति के माध्यम से, कुल प्रणाली में अनुशासन लाने में मदद करता है। हज़रत मौलाना अज़ानगाछी (रए•) ऐसे सूफी थे, जिन्होंने 1920 के दशक और 1930 के शुरुआती दिनों में ब्रिटिश बंगाल (अब बांग्लादेश और भारत के पूर्वी भाग) में सुफ़िज्म का प्रसार किया। उन्होंने एक तारिका विकसित किया, जिसका नाम तारिका ई जामिया | .