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स्त्री उपेक्षिता

सूची स्त्री उपेक्षिता

स्त्री उपेक्षिता प्रभा खेतान द्वारा मशहूर फ्रेंच लेखिका सिमोन द बउआर द्वारा लिखित द सेकेंड सेक्स का हिंदी रूपांतरण है। .

3 संबंधों: द सेकेंड सेक्स, प्रसिद्ध पुस्तकें, सिमोन द बोउआर

द सेकेंड सेक्स

द सेकेंड सेक्स (The Second Sex) सिमोन द बउआर द्वारा फ्रेंच में लिखी गई पुस्तक है जिसने स्त्री संबंधी धारणाओं और विमर्शों को गहरे तौर पर प्रभावित किया है। स्त्री अधिकारवादी विचारधारा वाली सिमोन की यह पुस्तक नारी अस्तित्ववाद को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करती है। यह स्थापित करती है कि स्त्री जन्म नहीं लेती है बल्कि जीवन में बढ़ने के साथ बनाई जाती है। उनकी यह व्याख्या हीगेल के सोच को ध्यान में रखकर “दूसरा” (the Other) की संकल्पना प्रदान करती है। उनकी इस संकल्पना के अनुसार, नारी को उसके जीवन में उसकी पसंद-नापसंद के अनुसार रहना और काम करने का हक़ होना चाहिए और वो पुरुष से समाज में आगे बढ़ सकती है। ऐसा करके वो स्थिरता से आगे बढ़कर श्रेष्ठता की ओर अपना जीवन आगे बढ़ा सकतीं हैं। ऐसा करने से नारी को उनके जीवन में कर्त्तव्य के चक्रव्यूह से निकल कर स्वतंत्र जीवन की ओर कदम बढ़ाने का हौसला मिलता हैं। दूसरा लिंग एक ईएसआई पुस्तक है, जो यूरोप के सामाजिक, राजनैतिक, व धार्मिक नियमो को चुनौती देती हैं, जिसने नारी अस्तित्व एवं नारी प्रगति में हमेशा से बाधा डाली है और नारी जाती को पुरुषो से नीचे स्थान दिया हैं। अपनी इस पुस्तक में में बेऔवौर पुरुषों के ढकोसलों से नारी जाती को लाद कर उनके जीवन में आयी बढायो पर सोच न करने की नीति के विषय में अपने विचार प्रदान किये हैं। .

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प्रसिद्ध पुस्तकें

कोई विवरण नहीं।

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सिमोन द बोउआर

सिमोन द बुआ (फ़्रांसीसी: Simone de Beauvoir) (जन्म: ९ जनवरी १९०८ - मृत्यु: १४ अप्रैल १९८६) एक फ़्रांसीसी लेखिका और दार्शनिक हैं। स्त्री उपेक्षिता (फ़्रांसीसी: Le Deuxième Sexe, जून १९४९) जैसी महत्वपूर्ण पुस्तक लिखने वाली सिमोन का जन्म पैरिस में हुआ था। लड़कियों के लिए बने कैथलिक विद्यालय में उनकी आरंभिक शिक्षा हुई। उनका कहना था की स्त्री पैदा नहीं होती, उसे बनाया जाता है। सिमोन का मानना था कि स्त्रियोचित गुण दरअसल समाज व परिवार द्वारा लड़की में भरे जाते हैं, क्योंकि वह भी वैसे ही जन्म लेती है जैसे कि पुरुष और उसमें भी वे सभी क्षमताएं, इच्छाएं, गुण होते हैं जो कि किसी लड़के में। सिमोन का बचपन सुखपूर्वक बीता, लेकिन बाद के वर्षो में अभावग्रस्त जीवन भी उन्होंने जिया। १५ वर्ष की आयु में सिमोन ने निर्णय ले लिया था कि वह एक लेखिका बनेंगी। दर्शनशास्त्र, राजनीति और सामाजिक मुद्दे उनके पसंदीदा विषय थे। दर्शन की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने पैरिस विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहां उनकी भेंट बुद्धिजीवी ज्यां पॉल सा‌र्त्र से हुई। बाद में यह बौद्धिक संबंध आजीवन चला। द सेकंड सेक्स का हिंदी अनुवाद स्त्री उपेक्षिता भी बहुत लोकप्रिय हुआ। १९७० में फ्रांस के स्त्री मुक्ति आंदोलन में सिमोन ने भागीदारी की। स्त्री-अधिकारों सहित तमाम सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर सिमोन की भागीदारी समय-समय पर होती रही। १९७३ का समय उनके लिए परेशानियों भरा था। सा‌र्त्र दृष्टिहीन हो गए थे। १९८० में सा‌र्त्र का देहांत हो गया। १९८५-८६ में सिमोन का स्वास्थ्य भी बहुत गिर गया था। निमोनिया या फिर पल्मोनरी एडोमा में खराबी के चलते उनका देहांत हो गया। सा‌र्त्र की कब्र के बगल में ही उन्हें भी दफनाया गया। .

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