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सोडियम सायनाइड

सूची सोडियम सायनाइड

सोडियम सायनाइड एक अकार्बनिक यौगिक है। श्रेणी:अकार्बनिक यौगिक.

2 संबंधों: सायनाइड, सायनाइड विधि

सायनाइड

जिस किसी रासायनिक यौगिक में एकसंयोजी CN समूह होता है उसे सायनाइड (cyanide) कहते हैं। इस समूह का नाम सायनो समूह (cyano group) है। इसमें एक कार्बन परमाणु एक नाइट्रोजन परमाणु से त्रि-बन्ध से जुड़ा है। उदाहरण: सोडियम सायनाइड, पोटैशियम सायनाइड, मेथिल सायनाइड, आदि। सोडियम सायनाइड, पोटैशियम सायनाइड आदि अकार्बनिक सायनाइड अत्यन्त विषाक्त (toxic) होते हैं। कार्बनिक सायनाइडों को प्रायः नाइट्राइल (nitriles) कहते हैं। .

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सायनाइड विधि

सायनाइड विधि (Cyanide process) निम्न श्रेणी के स्वर्ण अयस्कों से सोना निकालने की एक धातुकार्मिक तकनीक (metallurgical technique) है। इसका आविष्कार १८८७ ई. में हुआ था। इससे कम सोने वाले खनिजों से सोना निकालने में बड़ी सहायता मिली है। इससे पहले पारदन (amalgamation) विधि के खनिजों से केवल ६० प्रतिशत के लगभग सोना निकाला जा सकता था। पारदन विधि से सोना के अधिकांश सूक्ष्म कण निकल नहीं पाते थे। सायनाइड विधि के आविष्कारक मैक्‌आर्थर (J.S. Mac Arthur) और फॉरेस्ट (R.W. & W. Forrest) थे। आविष्कार के समय इस विधि का उपहास किया जाता था क्योंकि इसका अभिकर्मक सायनाइड घातक विष और तब सरलता से प्राप्य नहीं था। पर शीघ्र ही इस विधि का उपयोग १८८९ ई. में न्यूजीलैंड में, १८९० ई में दक्षिण अफ्रीका में हुआ और १९२५ ई. तक तो यह विधि सामान्य रूप से व्यवहार में आने लगी। इस विधि में सोने के चूर्णित खनिज को पोटैशियम सायनाइड या सोडियम सायनाइड के तनु विलयन से उपचारित करते हैं, जिससे सोना और चाँदी तो घुलकर खनिज से पृथक्‌ हो जाते हैं और स्वच्छ विलयन को जस्ते के छीलन (shavings) या चूर्ण के साथ उपचार से सोने और चाँदी जस्ते के छीलन या चूर्ण के तल पर काले अवर्पक (slime) के रूप में अवक्षिप्त हो जाते हैं। इनमें कुछ जस्ता भी घुला रहता है। काले अवर्पंक को पिघलाकर सोने और चाँदी को छड़ के रूप में प्राप्त करते हैं। यहाँ जो रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं वे जटिल हैं। यहाँ सोना पोटैशियम सायनाइड में घुलकर स्वर्ण और पोटैशियम का युग्म सायनाइड बनता है। इस क्रिया में वायु के ऑक्सीजन का भी हाथ रहता है, जैसा निम्नलिखित समीकरण से स्पष्ट हो जाता है। वायु के अभाव में अभिक्रिया रुक जाती है। 4 Au + 8 KCN + 2 H_2O + O_2 \rightarrow 4 K + 4 KOH.

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