3 संबंधों: दिल्ली प्रेस, बाल पत्रकारिता, हिन्दी पत्रिकाएँ।
दिल्ली प्रेस
दिल्ली प्रेस की शुरुआत स्वर्गीय विश्व्नाथजी ने की थी। दिल्ली प्रेस समूह से अंग्रेजी में एलाइव, वुमैनस इरा, चंपक नामक पत्रिकाएं छपती हैं। जबकि हिन्दी में सरस सलिल, सरिता, गृहशोभा, सुमन सौरभ, चंपक व मुक्ता नामक पत्रिकाएं छपती हैं। इन पत्रिकाओं के संपादक श्री परेशनाथ हैं। सरस सलिल, गृहशोभा, सरिता, मुक्ता और चंपक पाक्षिक पत्रिकाएं हैं जबकि सुमन सौरभ माह में एक बार प्रकाशित होती है। .
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बाल पत्रकारिता
बाल पत्रकारिता की सुदीर्घ परम्परा को एक आलेख में समेटना निश्चय ही अंजलि में समुद्र भर लेने के समान है। बाल साहित्य की अनेक पत्रिकाएँ विगत पचास वर्षों में प्रकाशित हुई हैं। इन प्रकात्रिओं का सही-सही विवरण दे पाना एक दुरूह कार्य है। बाल साहित्य की पत्रिकाओं में कुछ पत्रिकाएँ तो लम्बे समय से प्रकाशित हो रही हें, परन्तु अधिकतर पत्रिकाएँ काल-कविलत हो गईं। उनके पुराने अंक खोजना कठिन ही नहीं, असम्भव-सा कार्य है। फिर भी जिन पत्रिकाओं का विवरण उपलब्ध हो सका है, उन्हें इस आलेख में समाहित किया जा रहा है। .
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हिन्दी पत्रिकाएँ
हिन्दी पत्रिकाएँ सामाजिक व्यवस्था के लिए चतुर्थ स्तम्भ का कार्य करती हैं और अपनी बात को मनवाने के लिए एवं अपने पक्ष में साफ-सूथरा वातावरण तैयार करने में सदैव अमोघ अस्त्र का कार्य करती है। हिन्दी के विविध आन्दोलन और साहित्यिक प्रवृत्तियाँ एवं अन्य सामाजिक गतिविधियों को सक्रिय करने में हिन्दी पत्रिकाओं की अग्रणी भूमिका रही है।; प्रमुख हिन्दी पत्रिकाएँ- .