लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सुनहरा उर्दू

सूची सुनहरा उर्दू

सन् १३०० ईसवी में सुनहरा उर्दू साम्राज्य (हरे रंग में) सुनहरा उर्दू या सुनहरा झुण्ड (मंगोल: Зүчийн улс, ज़ुची-इन उल्स; अंग्रेज़ी: Golden Horde) एक मंगोल ख़ानत थी जो १३वीं सदी में मंगोल साम्राज्य के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में शुरू हुई थी और जिसे इतिहासकार मंगोल साम्राज्य का हिस्सा मानते हैं। इसे किपचक ख़ानत और जोची का उलुस भी कहा जाता था। यह ख़ानत १२४० के दशक में स्थापित हुई और सन् १५०२ तक चली। यह अपने बाद के काल में तुर्की प्रभाव में आकर एक तुर्की-मंगोल साम्राज्य बन चला था। इस साम्राज्य की नीव जोची ख़ान के पुत्र (और चंगेज़ ख़ान के पोते) बातु ख़ान ने रखी थी। अपने चरम पर इस ख़ानत में पूर्वी यूरोप का अधिकतर भाग और पूर्व में साइबेरिया में काफ़ी दूर तक का इलाक़ा शामिल था। दक्षिण में यह कृष्ण सागर के तट और कॉकस क्षेत्र तक विस्तृत थी। इसकी दक्षिण सीमाएँ इलख़ानी साम्राज्य नाम की एक अन्य मंगोल ख़ानत से लगती थीं।, David Morgan, John Wiley & Sons, 2007, ISBN 978-1-4051-3539-9,...

12 संबंधों: तातार लोग, तुर्की-मंगोल, तुलाबुग़ा, नोगाई ख़ान, बातु ख़ान, मरी ऍल, सबसे बड़े साम्राज्यों की सूची, सिबिर ख़ानत, ख़ाचीतरख़ान, आस्त्राख़ान, आस्त्राख़ान ख़ानत, क्राइमियाई ख़ानत

तातार लोग

दिनारा सफीना रूस के लिए टेनिस खेलती हैं और नस्ल से तातार हैं रुसलन चाग़ायेव उज़बेकिस्तान के लिए मुक्केबाज़ी करते हैं और एक तातार हैं तातार या ततार (तातार: ततरलार; रूसी: Татар; अंग्रेज़ी: Tatar) रूसी भाषा और तुर्की भाषाएँ बोलने वाली एक जाति है जो अधिकतर रूस में बसती है। दुनिया भर में इनकी आबादी ७० लाख अनुमानित की गई है, जिनमें से ५५ लाख रूस में रहते हैं। रूस के तातारस्तान प्रांत में २० लाख तातार रहते हैं। रूस के बाहर तातार समुदाय उज़बेकिस्तान, पोलैंड, काज़ाख़स्तान, युक्रेन, ताजिकिस्तान, किर्गिज़स्तान, तुर्कमेनिस्तान, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए जाते हैं।, Global Vision Publishing Ho, 2005, ISBN 978-81-8220-062-3,...

नई!!: सुनहरा उर्दू और तातार लोग · और देखें »

तुर्की-मंगोल

मुग़ल आक्रमणों से पूर्व का यूरेशिया, क़रीब १२०० ईसवी की स्थिति तुर्की-मंगोल (Turco-Mongol) मध्य एशिया के स्तेपी इलाक़े में रहने वाले विविध ख़ानाबदोश लोगों को दिया जाने वाला नाम था जो मंगोल साम्राज्य के अधीन थे। समय के साथ-साथ उनकी भाषा और पहचान में गहरी तुर्की छाप आ गई।, Reuven Amitai-Preiss, Cambridge University Press, 2005, ISBN 978-0-521-52290-8,...

नई!!: सुनहरा उर्दू और तुर्की-मंगोल · और देखें »

तुलाबुग़ा

तुलाबुग़ा द्वारा जारी की गई चांदी की दिरहम तुलाबुग़ा, तालुबुग़ा या तेलुबुग़ा (मंगोल: Тулабуга; अंग्रेजी: Tulabuga; देहांत: १२९०-१२९१ ई) सुनहरा उर्दू नामक मंगोल ख़ानत का सन् १२८७ ईसवी से लेकर १२९१ ईसवी तक ख़ान था। वह तरतू का पुत्र और सुनहरे उर्दू साम्राज्य के संस्थापक बातु ख़ान का पोता था। १२५७ में उसने मशहूर मंगोल सिपहसालार बुरूनदाई के नेतृत्व में लिथुआनिया पर हमले में भाग लिया। १२८४-८५ में उसने नोगाई ख़ान के साथ हंगरी पर दूसरे आक्रमण का और १२८७ में पोलैंड पर तीसरे आक्रमण का नेतृत्व किया। १२८७ में नोगाई ख़ान की मदद से वह सुनहरे उर्दू का ख़ान बना लेकिन ४ साल बाद नोगाई ख़ान के ही कारण उसे हटाकर तोख़्ता को ख़ान बनाया गया। तोख़्ता ने १२९० या १२९१ में उसे मरवा दिया।, James Chambers, Book Sales, 2003, ISBN 978-0-7858-1567-9 .

नई!!: सुनहरा उर्दू और तुलाबुग़ा · और देखें »

नोगाई ख़ान

नोगाई ख़ान (मंगोल: Ногай хан; अंग्रेजी: Nogai Khan;; देहांत: १२९९ ई) एक मंगोल सिपहसालार और सुनहरा उर्दू नामक मंगोल ख़ानत का असली शासक भी था। नोगाई का दादा बाउल ख़ान (उर्फ़ तेवल ख़ान) था जो जोची ख़ान का ७वाँ बेटा था। इस लिहाज़ से नोगाई मंगोल साम्राज्य के मशहूर संस्थापक चंगेज़ ख़ान का पड़-पड़-पोता था। .

नई!!: सुनहरा उर्दू और नोगाई ख़ान · और देखें »

बातु ख़ान

222px बातु ख़ान (मंगोल: Бат Хаан, बात ख़ान; अंग्रेजी: Batu Khan;; जन्म: १२०७ ई अनुमानित; देहांत: १२५५ ई) एक मंगोल शासक था और सुनहरा उर्दू नामक साम्राज्य का संस्थापक था जो मंगोल साम्राज्य के अधीन एक ख़ानत थी। बातु ख़ान जोची ख़ान का पुत्र और मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज़ ख़ान का पोता था। 'बातु' या 'बात' शब्द का अर्थ मंगोल भाषा में 'कड़ा' या 'दृढ़' होता है। उसके द्वारा शुरू किये गए साम्राज्य का रूस, पूर्वी यूरोप और कॉकस के बड़े भाग पर लम्बे अरसे तक राज रहा। चंगेज़ ख़ान के पुत्रों कि मृत्य के बाद बातु ख़ान ही उस साम्राज्य का सबसे आदरणीय राजकुंवर बना और उसे 'आग़ा' (अर्थ: बड़े भाईसाहब) के नाम से जाना जाता था।, David Morgan, John Wiley & Sons, 2007, ISBN 978-1-4051-3539-9,...

नई!!: सुनहरा उर्दू और बातु ख़ान · और देखें »

मरी ऍल

मरी ऍल गणराज्य का नक़्शा मरी ऍल गणतंत्र (रूसी: Респу́блика Мари́й Эл, अंग्रेज़ी: Mari El Republic) रूस का एक संघीय खंड है जो उस देश की शासन प्रणाली में गणतंत्र का दर्जा रखता है। यह रूस के पूर्वी यूरोपीय मैदान में वोल्गा नदी के किनारों पर स्थित है और इसकी राजधानी योश्कार-ओला शहर है। .

नई!!: सुनहरा उर्दू और मरी ऍल · और देखें »

सबसे बड़े साम्राज्यों की सूची

यह विश्व इतिहास के सबसे बड़े साम्राज्यों की सूची हैं, लेकिन इस सूची को पूरी तरह से माना नहीं जा सकता हैं क्योकि किस "साम्राज्य" को इस श्रेणी में रखा जाये बहुत ही कठिन हैं, और विद्यमानो की बीच विवाद का विषय रहा हैं। .

नई!!: सुनहरा उर्दू और सबसे बड़े साम्राज्यों की सूची · और देखें »

सिबिर ख़ानत

१५वीं और १६वीं शताब्दी में सिबिर ख़ानत का नक़्शा सिबिर ख़ानत (तातार: Себер ханлыгы, सेबेर ख़ानलीगी; अंग्रेज़ी: Khanate of Sibir) मध्य साइबेरिया में स्थित एक तुर्की-मंगोल ख़ानत (राज्य) थी। यह कभी मंगोल साम्राज्य, श्वेत उर्दू और सुनहरे उर्दू का भाग हुआ करती थी। बाद में इसपर चंगेज़ ख़ान के ज्येष्ठ पुत्र जोची ख़ान के पाँचवे बेटे शेयबान के वंशजों की दो शाखाओं - शेयबानीयों और ताइबुगीयों - में लड़ाईयाँ होती रही। यह ख़ानत १४९० से १५९८ तक अस्तित्व में थी। सिबिर ख़ानत में साइबेरियाई तातार, ख़ान्ती, मान्सी, नेनेत्स और सेलकूप लोगों की मिश्रित आबादी रहती थी। औपचारिक रूप से इस्लाम इसका राजधर्म था और यह इतिहास का सबसे उत्तरी मुस्लिम राज्य रहा है। सन् १५८२ में रूसी त्सार-राज्य के शासक ईवान भयानक की फ़ौजों ने येरमाक तिमोफ़ेयेविच​ के नेतृत्व में इस ख़ानत पर हमला किया। इसके बाद रूस इसपर नियंत्रण पाने की कोशिश करता रहा और अंत में इसपर १५९८ में पूरी तरह क़ब्ज़ा कर लिया।, David Westerlund, Ingvar Svanberg, pp.

नई!!: सुनहरा उर्दू और सिबिर ख़ानत · और देखें »

ख़ाचीतरख़ान

आस्त्राख़ान ख़ानत के नक़्शे में में ख़ाचीतरख़ान (Xacitarxan) नामांकित है ख़ाचीतरख़ान (तातार: Хаҗитархан, अंग्रेज़ी: Xacitarxan) या हाजी तरख़ान (Haji Tarkhan) दक्षिण-पूर्वी यूरोप में वोल्गा नदी के किनारे बसा एक मध्यकालीन शहर था जो आधुनिक आस्त्राख़ान शहर से १२ किमी उत्तर में स्थित था। इस नगर का ज़िक्र ऐतिहासिक वर्णनों में सबसे पहले सन् १३३३ ईस्वी में मिलता है और १३वीं और १४वीं शताब्दियों में यह सुनहरे उर्दू ख़ानत का एक अहम व्यापारिक और राजनैतिक केंद्र था। १३९५ में तैमूर में इसे जलाकर नष्ट कर दिया लेकिन इसका पुनर्निर्माण हुआ और १४५९ में यह आस्त्राख़ान ख़ानत की राजधानी बना। १५४७ में इसपर क्राइमियाई ख़ानत के साहिब गिरेय (Sahib Giray) नामक ख़ान का क़ब्ज़ा हो गया। १५५६ में इसे रूस के त्सार इवान भयानक (Ivan the Terrible) ने हमला करके जला डाला। अब इस से कुछ दूर पर आधुनिक रूस का आस्त्राख़ान शहर है।Entry for 'Хаҗитархан', Tatar Encyclopedia (in Russian), Mansur Khasanov (editor), Institute of Tatar Encyclopedia, Academy of Sciences of the Republic of Tatarstan, 2002.

नई!!: सुनहरा उर्दू और ख़ाचीतरख़ान · और देखें »

आस्त्राख़ान

आस्त्राख़ान के मध्यकालीन भारतीय व्यापारियों के केंद्र का रूसी भाषा में स्मारक (Индийское торговое подворье, इन्दिस्कोए तोरगोवोए पोदवोरए) आस्त्राख़ान (रूसी: Астрахань, अंग्रेज़ी: Astrakhan) रूस के यूरोपीय हिस्से के दक्षिणी भाग में वोल्गा नदी के किनारे स्थित एक शहर है जो रूस के आस्त्राख़ान ओब्लास्त (प्रांत) का प्रशासनिक केंद्र भी है। यह वोल्गा नदी के कैस्पियन सागर में विलय हो जाने वाले स्थान के काफ़ी पास है। .

नई!!: सुनहरा उर्दू और आस्त्राख़ान · और देखें »

आस्त्राख़ान ख़ानत

आस्त्राख़ान ख़ानत का नक़्शा आस्त्राख़ान ख़ानत (तातार: Хаҗитархан Ханлыгы, ख़ाचीतरख़ान ख़ानलीगी; अंग्रेज़ी: Astrakhan Khanate) वोल्गा नदी के कैस्पियन सागर के साथ बने नदीमुख (डेल्टा) इलाक़े में स्थित १५वीं और १६वीं सदी ईसवी में एक तातार लोगों की ख़ानत (राज्य) थी। यह वही क्षेत्र है जहाँ आधुनिक युग में रूस का आस्त्राख़ान शहर स्थित है। यह ख़ानत सुनहरे उर्दू ख़ानत के पतन के बाद उभरी और इसके ख़ान (शासक) तोक़ा तैमूर (Toqa Temur) के वंशज थे। तोक़ा तैमूर स्वयं प्रसिद्ध मंगोल नेता जोची ख़ान का तेरहवाँ पुत्र और चंगेज़ ख़ान का पोता था। .

नई!!: सुनहरा उर्दू और आस्त्राख़ान ख़ानत · और देखें »

क्राइमियाई ख़ानत

सन् १६०० ईसवी में क्राइमियाई ख़ानत (नारंगी रंग में) क्राइमियाई ख़ानत (क्राइमियाई तातारी:, क़िरीम ख़ानलिग़ी; अंग्रेज़ी: Crimean Khanate) एक ख़ानत थी जिसपर सन् १४४१ से १७८३ ईसवी तक क्राइमियाई तातार लोगों का राज रहा था। इसके ख़ान शासक तोक़ा तैमूर के वंशज थे जो स्वयं जोची ख़ान का तेहरावाँ पुत्र और मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज़ ख़ान का पोता था। सुनहरा उर्दू नामक ख़ानत के अंत होने पर जितनी भी तातार ख़ानतें उभरीं उनमें से क्राइमियाई ख़ानत ही सबसे दीर्घायु थी।, Charles J. Halperin, Indiana University Press, 1985, ISBN 9780253204455,...

नई!!: सुनहरा उर्दू और क्राइमियाई ख़ानत · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

सुनहरा झुण्ड, सुनहरा झुंड, सुनहरा उर्दु, सुनहरे उर्दू, सुनहरे उर्दू ख़ानत

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »