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6 संबंधों: भारत के वैदेशिक सम्बन्ध, भारत-जापान सम्बन्ध, मारुति सुज़ुकी सिलैरियो, मारुति सुजुकी, मोटर वाहन उद्योग, सुज़ुकी हायाबुसा।
भारत के वैदेशिक सम्बन्ध
किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति आज उन अनेक तथ्यों को समेटे हुए है जो कभी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से उपजे थे। शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है। भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक व्यवस्था वाला देश भी है और इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ रूसी राष्ट्रपति, 34वाँ जी-8 शिखर सम्मेलन प्राचीन काल में भी भारत के समस्त विश्व से व्यापारिक, सांस्कृतिक व धार्मिक सम्बन्ध रहे हैं। समय के साथ साथ भारत के कई भागों में कई अलग अलग राजा रहे, भारत का स्वरूप भी बदलता रहा किंतु वैश्विक तौर पर भारत के सम्बन्ध सदा बने रहे। सामरिक सम्बन्धों की बात की जाए तो भारत की विशेषता यही है कि वह कभी भी आक्रामक नहीं रहा। 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। वैश्विक मंचों पर भारत सदा सक्रिय रहा है। 1990 के बाद आर्थिक तौर पर भी भारत ने विश्व को प्रभावित किया है। सामरिक तौर पर भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है और विश्व शान्ति में यथासंभव योगदान करता रहा है। पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के संबंध कुछ तनावपूर्ण अवश्य हैं किन्तु रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध है। भारत की विदेश नीति के निर्माण की अवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता हैः- .
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भारत-जापान सम्बन्ध
१९१५ में रास बिहारी बोस (दाहिने से दूसरे स्थान पर) के सम्मान में रात्रिभोज, जिसमें उनके परम मित्र तोयामा मित्सुरु और सुयोशि इनुकाइ उपस्थित हैं। भारत और जापान के सम्बन्ध हमेशा से काफ़ी मजबूत और स्थिर रहे हैं। जापान की संस्कृति पर भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी जापान की शाही सेना ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज को सहायता प्रदान की थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों के बीच मधुर सम्बन्ध रहे हैं। जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो अबे के आर्क ऑफ फ्रीडम सिद्धांत के अनुसार यह जापान के हित में है कि वह भारत के साथ मधुर सम्बन्ध रखे ख़ासतौर से उसके चीन के साथ तनाव पूर्ण रिश्तों के परिप्रेक्ष्य में देखा जाय तो। भारत की ओर से भी चीन के साथ रिश्तों और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में जापान को काफ़ी महत्व दिया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार की पूर्व की ओर देखो नीति ने भारत को जापान के साथ मधुर और पहले से बेहतर सम्बन्ध बनाने की ओर प्रेरित किया है। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर किसी द्विपक्षीय विदेश यात्रा के लिए सर्वप्रथम जापान को चुना जापान की कई कम्पनियाँ जैसे कि सोनी, टोयोटा और होंडा ने अपनी उत्पादन इकाइयाँ भारत में स्थापित की हैं और भारत की आर्थिक विकास में योगदान दिया है। इस क्रम में सबसे अभूतपूर्व योगदान है वहाँ की मोटर वाहन निर्माता कंपनी सुज़ुकी का जो भारत की कंपनी मारुति सुजुकी के साथ मिलकार उत्पादन करती है और भारत की सबसे बड़ी मोटर कार निर्माता कंपनी है। होंडा कुछ ही दिनों पहले तक हीरो होंडा (अब हीरो मोटोकॉर्प व होंडा मोटर्स) के रूप में हीरो कंपनी के पार्टनर के रूप में कार्य करती रही है जो तब दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल विक्रेता कंपनी थी। जापान ने भारत में अवसंरचना विकास के कई प्रोजेक्ट का वित्तीयन किया है और इनमें तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण रूप से उल्लेखनीय है दिल्ली मेट्रो रेल का निर्माण। .
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मारुति सुज़ुकी सिलैरियो
मारुति सुज़ुकी सिलैरियो (अंग्रेजी: Maruti Suzuki Celerio) सुज़ुकी कम्पनी द्वारा भारत में बनायी गयी पूर्णत: ऑटोमेटिक सिटी कार है। पहले यह कार भारत में सुज़ुकी के मानेसर (हरियाणा) स्थित प्लाण्ट में मारुति सुज़ुकी ए-स्टार के नाम से दिसम्बर 2008 में लॉन्च की गयी थी। अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में यही कार मारुति सुज़ुकी सिलैरियो के नाम से जानी जाती है। ग्रेटर नोएडा में होने वाले ऑटो एक्सपो 2014 में लॉन्च होने वाली इस हैचबैक कार की एक्स शोरूम कीमत 3.0 से 5.5 लाख रुपये के बीच होने की सम्भावना व्यक्त की गयी थी। भारतीय ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनायी गयी इस कार का औसत माइलेज एक लिटर पेट्रोल में 23.1 किलोमीटर का बताया जाता है। इज़ी ड्राइव नामक पूर्णत: भारतीय ऑटो गीयर शिफ्ट सिस्टम से युक्त इस कार में बार-बार गीयर बदलने का कोई झंझट नहीं रहेगा। शहरी यातायात के लिये इस छोटी कार का प्रयोग काफी सुगम होगा। मारुति सिलैरियो ग्रेटर नोएडा के ऑटो एक्सपो में 6 फरबरी 2014 को लॉन्च की गयी। इस कार की शुरुआती कीमत 3.90 लाख रुपये होगी। .
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मारुति सुजुकी
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड सामान्यत: मारुति और इसके पूर्व में मारुति उद्योग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह संगठन भारत में मोटर निर्माता है। यह जापानी मोटरगाडी एवं मोटरसाईकिल निर्माता सुजुकी की एक सहायक कंपनी है। नवंबर २०१२ तक, भारतीय यात्री कार बाज़ार में इस कंपनी की हिस्सेदारी ३७% की थी। मारुति सुजुकी प्रवेश स्तर से कारों की पुरी शृंखलाओं के निर्माता एवं विक्रेता रह चुके हैं। प्रवेश स्तर ऑल्टो से हैचबैक रिट्ज़, ए स्टार, स्विफ्ट, वैगन आर, ज़ेन और सेडान वर्ग में डिज़ायर, किज़ाषी (Kizashi) तथा 'सी' वर्ग में ईको, ओम्नी एवं अन्य आवश्यकताओं वाले कार जैसे सुजुकी अरटीगा और स्पोर्टस यूटिलिटी वाहन ग्रांड विटारा के लिये मारुति सुजुकी देश भर में प्रसिध्द है। कंपनी का मुख्यालय नेलसन मंडेला रोड, नई दिल्ली में स्थित है। फरवरी २०१२ के अंत तक कंपनी अपनी एक करोड़ करें बेच चुकी है।http://archive.indianexpress.com/news/maruti-suzuki-sales-cross-1-cr-mark/909976/ .
देखें सुज़ुकी और मारुति सुजुकी
मोटर वाहन उद्योग
कार की असेम्बली लाइन विश्व में मोटर वाहनों का उत्पादन जो १९०० में ९५०० था वह २०१५ में १० करोड़ हो गया। मोटर वाहन उद्योग मोटर वाहनों की डिज़ाइन, विकास, विनिर्माण, विपणन और विक्रय करता है। 2008 के दौरान, विश्व भर में 70 मिलियन से भी ज़्यादा मोटर वाहनों का निर्माण किया गया, जिनमें कार और वाणिज्यिक वाहन भी शामिल हैं। 2007 में, कुल 79.9 मिलियन नए वाहन दुनिया भर में बेचे गए: यूरोप में 22.9 मिलियन, एशिया-पैसेफ़िक क्षेत्र में 21.4 मिलियन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 1.94 मिलियन, लातिन अमेरिका, में 4.4 मिलियन, मध्य पूर्व में 2.4 मिलियन और अफ़्रीका में 1.4 मिलियन.
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सुज़ुकी हायाबुसा
सुज़ुकी हायाबुसा जिसे जीएसएक्स १३००आर के नाम से भी जाना जाता है, एक स्पोर्ट बाइक है जो कि कभी दुनिया कि सबसे तेज़ (लगभग ३०३-३१२ किमी प्रति घंटा) उत्पादन मोटरसाइकिल थी। यह १९९९ से बनाई जा रही है। जेंटलमेन एग्रिमेंट के बाद से इसकी गति कम्प्युटर द्वारा २९९ किमी/घंटा तक सीमित कर दी गयी जो कि अनुबन्ध टूटने के बाद भी सीमित ही है। .